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Sexul to sach me nahi haiकामदेव भाई ,
टल्ली होने का टाइम शाम सात बजे के बाद होता है जब कि मेरा यह पोस्ट दिन मे ही हुआ था ।
वैसे भी दो घूंट पीने के बाद कुछ ज्यादा ही होश मे आ जाता हूं मै ।
" निगाहें " फिल्म के जिस गीत की बात कर रहा हूं वह मेरे सोच के हिसाब से शैफाली पर सही बैठता है । आखिर वह अपने घर ही तो आई है । झाड़ और जंगल उसे अपने आगोश मे लेते हैं और उसकी आंखे ठीक हो जाती है ।
( इस गीत को सुनिएगा )
नयनतारा , नो डाऊट हंसी-मजाक मे कहा था , क्योंकि
हर वक्त सीरियस नही हुआ जाता । वैसे यह अभिनेत्री न सिर्फ खुबसूरत है बल्कि इनकी एक्टिंग भी अद्भुत है ।
फिल्मों का रसिया रहा हूं मै ।
पंडित जी की यह कहानी , वास्तव मे उन दिनों की याद दिला रही है जब मै अपने दादा जी , पिता जी और चाचा जी के गोद मे लेटकर सुना करता था ।
पंडित जी की इस कहानी मे कोई सेक्सुअल पहलू नही है और जब कोई सेक्सुअल पहलू नही है तो समीक्षा मे सेक्सुअल रिव्यू कैसे आ सकता !![]()
Uska reason bhi hai, ki iss kahani me bohot se aisi cheeje aani hai jisme bhagwan, devta kailash, aadi cheejon ka jikra hona hai, ab aisi story me agar main adult contents daal du to ye anyaay hoga, aur story bhi ban ho jayegi
. Waise bhi apun ko sexul likhna pasand nahi hai
Meri teeno story me kahi bhi sexul scene kaha hai ?
Aur ye to meri sabse badi story hogi,
sayad iske baad 1-2 saal ke liye sanyaas lelu story likhne se
युगाका का चकित होना लाजमी है मित्र, उसे इस बात का आश्चर्य है, कि इंसानी सभ्यता की एक कन्या, एराकान सभ्यता कैसे समझ रही है, ओर यहाॅ की हर चीज उसके लिए आम कैसे है।?
Jo kabse Suyash aur uski paltan pe nazar rakhe hue tha!

