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Fantasy सुप्रीम

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Raj_sharma

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Sabhi update shandar the Raj_sharma bhai lekin ye supreme kaise dub gya aur Aslam kya krega
Aslam ab kya gnd khujayega bhai :D Uske pas ab kuch bacha nahi karne ko, jahaaj dooba nahi duboya gaya hai, aisa mujhe lagta hai:roll: Ab aisa kaise? Jaan ne ke liye sath bane rahiye, Thanks for your valuable review bhai :thanx:
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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# 50 .

“सॉरी सर हमारा कैमरा कुछ दिखा नहीं पा रहा है? हमने कैमरे के लेंस पर लगे वाइपर को भी चलाने की कोशिश की, पर वह भी काम नहीं कर रहा। शायद उसके लेंस पर कोई गाढ़ा पदार्थ सा जम गया है?“ कंट्रोलर की घबराई हुई आवाज सुनाई दी।

“डैम इट!“ सुयश ने अपने सीधे हाथ का मुक्का बना कर हवा में चलाया।

“अब तो नीचे उतरकर ही देखना पड़ेगा कि प्रोपेलर में क्या फंसा है? सुयश ने चीखकर कहा- “असलम 2 गोता खोरों को ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर तुरंत बुलाओ और हां प्रोपेलर को थोड़ी देर के लिए बंद कर दो, वरना जब गोता खोर प्रोपेलर के पास जाकर उसमें फंसी हुई चीज को हटायेंगे, तो वह तुरंत चालू हो जाएगा। जिससे हमारे गोता खोर प्रोपेलर में फंस कर कट भी सकते हैं।“

“यस सर, मैं अभी 2 लोगों को बुलाता हूं।“ इतना कहकर असलम तेजी से एक दिशा में चल दिया।

अब हवाओं में और तेजी आ चुकी थी और शिप लहरों पर उछल सा रहा था। हल्की-हल्की बूंदे भी गिरना शुरू हो गईं थीं। काले भयानक बादल पूरे शिप के ऊपर छा गये थे।

बादल बहुत जोर से गरजकर पूरे आसमान को कंपाए दे रहे थे। तभी आसमान से एक बिजली कड़क कर पानी में जा गिरी। पानी बिजली गिरने से सैकड़ों फुट ऊपर आसमान में उछला।

यह तो शुक्र था कि बिजली शिप से थोड़ी दूरी पर गिरी थी, जिसकी वजह से डेक पर थोड़ा पानी तो आया लेकिन शिप को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। समुद्र की इन विकराल लहरों को देखकर सभी के दिल दहल गये।

इतने भयानक तूफान में बचने की आखिरी उम्मीद वह रहस्यमय द्वीप ही दिख रहा था। लेकिन फिलहाल शिप के रुक जाने से, वह थोड़ी सी दूरी भी इस समय बहुत ज्यादा महसूस हो रही थी।

तब तक असलम 2 गोता खोरों के साथ डेक पर पहुंच गया। लेकिन ऐसे खतरनाक मौसम में किसी ने भी असलम की कमर पर बंधे उस काले लेदर बैक पर ध्यान नहीं दिया, जो जाते समय तो उसके पास नहीं था, पर आते समय उसकी कमर से बंधा हुआ था।

दोनो गोता खोरों को तुरंत पानी में उतार दिया गया। समुद्र में छलांग लगाते ही दोनो गोता खोर प्रोपेलर की ओर चल दिए। सुयश ने पानी में लाइफ बोट उतरवानी शुरु करवा दी, जो कि मोटे-मोटे रस्सों के द्वारा नीचे जा रही थी।

धीरे-धीरे समय बीत रहा था। बरसात अब बहुत तेज हो रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे आज आसमान फट जाएगा। अब डेक पर भी काफी पानी भर गया था। जिसे सैंक्शन पंप के द्वारा निकाला जा रहा था।

“क्या बात है? काफी देर हो गई, पर दोनों गोता खोर अभी तक लौटकर नहीं आए।“ ब्रैंडन ने विचलित होते हुए कहा।

सभी की निगाह पानी में उस जगह के आसपास थी, जहां से दोनों गोता खोर समुद्र के अंदर गए थे। तभी उन्हें उसी स्थान पर सफेद रंग का कुछ पानी के अंदर से आता हुआ दिखाई दिया।

“असलम सर्च लाइट की रोशनी नीचे मारो। लगता है वहां पर कुछ है?“ सुयश उधर देखते हुए चीखा।

असलम ने तुरंत हाथ में पकड़ी पॉवरफुल सर्चलाइट को उस दिशा में मोड़ दिया, जिधर सुयश ने इशारा किया था।

“यह तो वही दोनो गोता खोरो की लाश लग रही है जो अभी कुछ देर पहले ही पानी में नीचे गए थे।“ जैक ने लाश देखकर चिंहुक कर कहा।

"इसका मतलब उस जगह पर पानी के नीचे कुछ खतरा है?“ सुयश ने कहा।

"लेकिन पानी के नीचे गए बिना शिप भी तो आगे नहीं बढ़ सकता।“ तौफीक ने कहा- “इसलिए किसी ना किसी को तो पानी के नीचे जाना ही पड़ेगा ?“

“अगर पानी के नीचे जाना इतना ही जरूरी है, तो पानी के नीचे मैं जाऊंगा।“ सुयश ने गुस्से के मारे गुर्रा कर कहा- “मैं भी तो देखूं कि पानी के नीचे ऐसा क्या है? जो पानी में उतरने वालों को मार रहा है।“

“कैप्टेन आप?“ असलम ने कुछ कहना चाहा।

“इस बार मैं कुछ नहीं सुनना चाहता, मुझे नीचे जाना है तो जाना है।“ ब्रैंडन तुरंत मेरे लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क लाओ।“ सुयश ने गुस्से से असलम की बात काटते हुए कहा।

ब्रैंडन समझ गया कि अब कुछ कहना बेकार है। उसने तुरंत वॉकी-टॉकी सेट से संपर्क स्थापित करके 4 ऑक्सीजन मास्क मंगा लिए।

“कैप्टेन मेरे ख्याल से हमें एक मोटर बोट भी उतार लेनी चाहिए। जिससे कि खतरे का सिग्नल मिलते ही हम तुरंत मोटर बोट में आ सकें।“ ब्रैंडन ने कहा।

“तुम ठीक कह रहे हो ब्रैंडन।“ सुयश ने ब्रैंडन की बात से सहमति जताई- “मोटर बोट को पानी में उतार लेना ही ठीक है।...... हां, लेकिन जो कुछ भी करना है, जल्दी करो।“

आनन-फानन कुछ लोगों की मदद से एक मोटर बोट लहरों पर उतार ली गई। इतनी तेज बरसात में भी सुयश, असलम, ब्रैंडन और ड्रेजलर, चारो लोग रस्सी के सहारे उतरकर मोटर बोट पर आ गए।

“कैप्टन आप एक बार फिर से सोच लीजिए।“ ब्रैंडन ने सुयश को समझाते हुए कहा- “क्या आपका पानी के अंदर जाना जरूरी है?“

“हाँ !“ सुयश ने सहमति से सिर हिलाया।

सुयश ने एक बार सिर उठाकर डेक पर खड़े तौफीक, जेनिथ, ऐलेक्स, क्रिस्टी, अलबर्ट, जैक और जॉनी पर नजर मारी और स्विम सूट पहनने लगा। लेकिन इससे पहले कि वह पूरी तरह से स्विम सूट पहन पाता कि तभी शिप को एक जोरदार झटका लगा।

झटका इतना तेज था कि ऊपर डेक पर खड़े लोग पानी में गिरते-गिरते बचे। पानी की तेज लहरें उछलकर मोटर बोट से टकराईं, जिसके कारण मोटर बोट शिप से दो-तीन मीटर पीछे खिसक गई।

अभी कोई कुछ समझ भी नहीं पाया था कि तभी शिप को एक तेज झटका और लगा, यह झटका पहले वाले झटके से भी तेज था।

“यह क्या हो रहा है? सुयश ने जोर से चीखते हुए कहा।

तभी शिप को एक बहुत तेज झटका लगा और इससे पहले कि कोई इन झटकों का राज जान पाता, शिप एका-एक समुद्र में ऐसे धंसने लगा, जैसे दलदल में फंसा कोई आदमी दलदल में धंसता है।

“सुयश वॉकी-टॉकी सेट पर चीख पड़ा- “कंट्रोलर क्या बात है यह ‘सुप्रीम’ पानी में क्यों धंस रहा है?“

“कुछ कह नहीं सकता सर, शिप के सभी यंत्र बिल्कुल ठीक काम कर रहे हैं .......शिप कहीं अंदर से टूटा-फूटा भी नहीं है......ना ही इसके अंदर कहीं से पानी भरा है?.....कुछ समझ में नहीं आ रहा है सर?...... ...लगता है इस शिप को अब डूबने से कोई नहीं बचा सकता.......... आप अपनी जान बचाइये सर।“
उधर से कंट्रोलर की मरी-मरी आवाज सुनाई दी और उसके बाद संपर्क कट गया।

शिप का धंसना लगातार जारी रहा। अब उसके पानी में धंसने की स्पीड बहुत तेज हो गई थी। सुयश यह देख शिप से लगी रस्सी पकड़ने की कोशिश करने लगा।

“कैप्टेन....कैप्टेन रुक जाइये....... अब शिप पर दोबारा जाना बेकार है ..........इसके डूबने की स्पीड बहुत तेज है...........कुछ ही मिनटों में यह समुद्र में समा जाएगा.....हमें यहां से दूर हटना होगा।“ ब्रैंडन, सुयश को पकड़ते हुए चीखा।

“छोड़ दो......छोड़ दो....मुझे शिप पर जाना है..... मैं उसका कैप्टेन हूं ...... मुझे सबको बचाने के बाद ही अपने बारे में सोचना होगा।“ सुयश पागलों के समान ब्रैंडन की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगा।

अगर ब्रैंडन इतना ताकतवर ना होता तो सुयश कब का उसकी पकड़ से छूट गया होता। वह पूरी ताकत से सुयश को पकड़े हुए था।



जारी रहेगा________✍️

Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Jo soch nahi tha, wo sabkuch ho raha he supreme ke sath...........

Aslam ke us kaale bag ka kya chakkar he..........

Keep rocking Bro
 

Raj_sharma

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Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Jo soch nahi tha, wo sabkuch ho raha he supreme ke sath..........
Aslam ke us kaale bag ka kya chakkar he..........

Keep rocking Bro
Black bag 🎒 me kya hai? Or wo bag lekar kyu aaya hai? Ye bhi samay aane pe pata chal jayega, :declare: Jo socha wahi ho jaye to kahani me maja kaha se aayega bhaiya? Is liye sath bane rahiye aur maja lijiye captain suyash aur shefaali ke is rahasya bhare safar ka:shhhh:Thanks for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Breaking news, Raj ko kabeer yad aagaye, kaal kare so aak kar, to bhai log apun free hain, to update abhi:declare:
 

Raj_sharma

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# 51 .

सुयश को इस तरह भागते देख ड्रेजलर से रहा ना गया। उसने मोटर बोट में रखी एक छोटी सी लोहे की रॉड उठा कर, सुयश के सिर पर मार दी-
“माफ करना कैप्टन, आपको बचाने के लिए यह सब करना बहुत जरूरी था।“

सुयश के सिर पर लगी चोट तगड़ी थी। वह तुरंत बेहोश होकर ब्रैंडन के हाथों में झूल गया। ब्रैंडन ने सुयश को असलम के हवाले कर दिया और डूबते हुए शिप के डेक पर खड़े लोगों से चिल्ला-चिल्ला कर पानी में कूदने के लिए कहने लगा।

मूसलाधार बरसात की बूंदे सभी के चेहरे पर तेज चोट कर रहीं थीं। अब तूफान भी अपने चरम पर था। ऐसा लग रहा था जैसे बादल भी शिप की बर्बादी पर जी भर कर रोना चाहते हैं।

तौफीक ने शिप को धंसते देख जेनिथ को पानी में कूदने का इशारा किया, पर जेनिथ इस अंधकार भरे समुद्र को देख कर ही डर रही थी। उसकी पानी में कूदने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी। जेनिथ को इस तरह डरते देख तौफीक ने उसका हाथ कसकर अपने हाथ में थामा और एक झटके से पानी में छलांग लगा दी।

एक पल के लिए जेनिथ के मुंह से एक तेज चीख निकल गई, मगर बादलों की गड़गड़ाहट व लहरों के शोर के आगे वह चीख दबकर रह गई। ‘छपाक‘ की आवाज के साथ दोनों पानी में जा गिरे।

समुद्र का पानी बर्फ की तरह ठंडा था। एक पल में ही उन्हें अपना शरीर गलता हुआ प्रतीत हुआ। तेज झटका लगने के बाद भी तौफीक ने जेनिथ का हाथ नहीं छोड़ा। पानी के बाहर सिर निकलते ही वह दोनो तेजी से मोटर बोट की ओर तैरने लगे।

यह देख क्रिस्टी, ऐलेक्स, जैक,जॉनी व अलबर्ट ने भी पानी में छलांग लगा दी। सबकी कोशिश यही थी कि वह शिप से ज्यादा से ज्यादा दूरी पर गिरें क्यों कि शिप के पास गिरने पर वह शिप के साथ पानी में भी खिंच कर जा सकते थे।

तब तक जेनिथ व तौफीक मोटर बोट तक पहुंच गये। पानी की लहरें तेजी से उछलने के कारण समुद्र में तैरना बहुत मुश्किल हो रहा था । जैक, जॉनी, ऐलेक्स व क्रिस्टी भी बोट तक पहुंचने वाले थे, लेकिन अलबर्ट की सांसें उसका जवाब दे रही थीं।

अत्याधिक ठंडा पानी होने की वजह से अलबर्ट को अपना शरीर जमता हुआ महसूस होने लगा। अब सबकी निगाहें अलबर्ट पर थीं।

“कम ऑन प्रोफेसर.....जल्दी करिये ......शिप आधा डूब चुका है।“ ब्रैंडन अलबर्ट को देखते हुए चिल्लाया।

पर अलबर्ट की सांसें अब उसका साथ छोड़ रही थीं। उसके हाथ पैर शिथिल पड़ते जा रहे थे। यह देख ब्रैंडन ने तुरंत पानी में छलांग लगा दी।

वह तेजी से अलबर्ट की और तैरने लगा। कुछ ही देर में ब्रैंडन अलबर्ट के पास पहुंच गया। लेकिन तब तक अलबर्ट अर्धमूर्छित सा हो गया था।

“प्रोफेसर, हिम्मत रखिये........आप मुझे कस कर पकड़ लीजिए।“ ब्रैंडन ने बादलों की गरज के बीच चीखते हुए कहा।

अलबर्ट को सहारा मिलते ही थोड़ा राहत सी महसूस हुई। उसने अब ब्रैंडन को कसकर पकड़ लिया। कुछ ही देर में ब्रैंडन अलबर्ट सहित मोटर बोट पर था।

उधर शिप का डूबना लगातार जारी था। अब तक शिप की डेक पर सैकड़ों यात्री आ गये थे। शायद डेक का दरवाजा किसी ने खोल दिया था। बहुत से यात्री लाइफ बोट को उतारने में लग गये। किसी की भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर सुप्रीम डूब कैसे रहा है?

उधर ब्रैंडन ने ड्रेजलर को मोटर बोट दूर ले जाने के लिए कह दिया। क्यों कि शिप के डूबते ही उसके रिक्त स्थान को भरने के लिए चारो ओर का पानी खिंच कर शिप के साथ अंदर चला जाता और आसपास की हर वस्तु भी उसमें समा जाती।

उनकी मोटर बोट अब लगातार शिप से दूर जा रही थी। चारो तरफ चीख-पुकार का माहौल था। शिप अब बहुत तेजी से पानी के अंदर समा रहा था। कुछ लोग डर के मारे शिप से वैसे ही पानी में कूद रहे थे।

अब तक चार पांच लाइफ बोट उतार ली गई थी, लेकिन उतरी हुई लाइफ बोट पर शिप के ऊपर से आदमी कूद रहे थे। उन्हें यह भी समझ नहीं आ रहा था कि ओवरलोड हो जाने के कारण, बोट पलट भी सकती है।

हर इंसान को बस अपनी जान की फिक्र थी। कुछ लोग लाइफ बोट उतरते ही उसे दूर लेकर भाग रहे थे। जिंदगी और मौत के बीच एक तगड़ा संघर्ष हो रहा था।

तभी आसमान से एक कड़कती हुई बिजली सुप्रीम के एक किनारे पर जाकर गिरी। शायद ईश्वर को भी उनका रोना देखा ना गया। शिप का वह भाग जिस पर बिजली गिरी थी, पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। सैकड़ों उस जगह पर खड़े आदमी बिजली से बुरी तरह झुलस गए।

शिप के उस भाग में आग भी लग गयी। लेकिन मूसलाधार बारिश उसे तेजी से बुझा भी रही थी। तभी शिप का एक मस्तूल चरमराते हुए एक लाइफ बोट पर जा गिरा। बच कर निकल जाने की आशा से भाग रहे कई यात्री उस बोट सहित जल समाधि ले लिए।

अब शिप टूटकर बड़ी तेजी से पानी में समाने लगा। मौत का ऐसा भयानक तांडव शायद ही किसी ने देखा हो। बादल भी उनकी मौत पर जोर-जोर से चीख रहे थे।

तभी टूटे हुए शिप के कुछ भाग में लगी आग फैलते-फैलते शिप में बिखरे पड़े फ्यूल तक पहुंच गयी। धीरे-धीरे जल रही आग, फ्यूल का साथ पाते ही खुशी से झूम उठी।

अब आग की लपटें पूरे शिप को अपने आगोश में लेने के लिए मचल उठीं। एक तरफ प्रलयंकारी समुद्री तूफान, दूसरी तरफ प्रचंडकारी आग की लपटें, और ऊपर से विशालकाय मुंह फाड़े समुद्र, मानो सभी कुछ आज इन असहाय यात्रियों को निगल लेना चाहती हो।

वह सारे यात्री जो अपनी जिंदगी के लिए अंतिम जद्दोजहद कर रहे थे, अब अपनी अंतिम घड़ी में ‘टुकुर-टुकुर‘ उस मुस्कुराते रहस्यमय द्वीप को आशा भरी नजरों से निहार रहे थे।

कुछ ही क्षणों में भयानक आवाज करता हुआ ‘सुप्रीम’ पानी के अंदर समा गया। एक तरफ से सभी यात्रियों की आशा का अंत हो चुका था।

तभी एक भयानक धमाका समुद्र के अंदर हुआ। लग रहा था कि आग शिप के फ्यूल टैंक तक पहुंच गयी थी। धमाका इतना जोरदार था कि उस स्थान का पानी सैकड़ों फिट ऊपर हवा में उछल गया।

धमाके की वजह से दो और लाइफ बोट समुद्र में उलट गईं। कुछ जिंदा बचे वह यात्री, जो लाइफ जैकेट बांधे समुद्र में जिंदा रहने का प्रयास कर रहे थे, इस भयानक धमाके का शिकार हो गए।

लहरों की सतह पर इस समय लाशों का एक अंबार दिखाई दे रहा था। हर तरफ तैरती हुई जली-कटी लाशें एक भयानक मंजर नुमाया कर रहीं थीं।

ऐसा लग रहा था जैसे प्रलय हो चुकी हो और यह कोई लाशों का समुद्र हो। धीरे-धीरे बादलों के पास भी आंसू खत्म होने लगे और बरसात धीमी पड़ती गयी।

6 जनवरी 2002, रविवार, 20:10; अटलांटिक महासागर:-

जब सब कुछ सामान्य होने लगा तो ब्रैंडन ने ड्रेजलर को मोटर बोट उस दिशा में मोड़ने के लिए कहा, जहां अभी-अभी सुप्रीम डूबा था।

अब तो लोगों के कराहने की आवाज भी आनी बंद हो गई थी। लगभग 6-7 लाइफ बोट में सवार बामुश्किल 50 आदमी ही बच पाए थे।

तब तक लगातार चेहरे पर बूंदे गिरते रहने के कारण सुयश को भी होश आ गया था।

“क्या हुआ?.....सुप्रीम कहां है?... ... कहां है हमारा शिप?“ सुयश ने उठते ही अचकचाकर इधर-उधर देखा।

सुयश के शब्द सुन किसी के भी मुंह से बोल न निकला।

“मैं पूछता हूं...... ‘सुप्रीम’ कहां है? कोई बोलता क्यों नहीं ?

सभी को चुप देख सुयश का दिल किसी अंजानी आशंका से धड़क उठा।

“सॉरी कैप्टेन, हम सुप्रीम को नहीं बचा सके।“ असलम की आवाज में दुख के भाव थे- “वह इस खूनी त्रिकोण की कातिल लहरों के बीच खो गया।“

सुयश यह सुनकर एकदम शाक्ड हो गया। उसने दोनों हाथ से अपना चेहरा छिपाया और बिना कुछ बोले धीरे-धीरे मोटर बोट में बैठ गया।

मोटर बोट अब उस जगह पर पहुंच गयी जहां सुप्रीम डूबा था। हर तरफ यात्रियों की लाशें दिख रहीं थीं।




जारी
रहेगा________✍️
 

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