• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica सोलवां सावन

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
सही कहा आपने
इस तरह के अलग-अलग प्रसंग हम पाठकों को आपसे जोड़े रखती है...
आखिर variety is the spice of life...
अलग-अलग सिचुएशन , अलग -अलग स्थान और उनके बीच उचित वाद-प्रतिवाद... कहानी की रोचकता को बनाये रखती है...
Thanks so much, next part soon
 

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
***** *****इक्यावनवीं फुहार - पड़ेली झीर झीर बुंदिया


rain-G-N-2.gif


बाहर मौसम एकदम बदल गया था, स्लेटी अँधेरा हल्का-हल्का छा सा गया था, हल्के-हल्के हिलते पेड़ों की छाया सी बस दिखती थी। शाम कब की ढलनी शुरू हो चुकी थी और एक बार फिर श्याम स्लेटी बादलों ने आसमान को ढक लिया था। हल्की-हल्की बूँदें पड़ रही थीं, जिनकी थोड़ी सी बौछार खिड़की से अंदर भी आ रही थी।


मैं खिड़की के पास जाकर अपना चेहरा खिड़की से एकदम सटाकर, सुनील के बगल में खड़ी हो गई।

मुझे अपने चेहरे पर बारिश की फुहार बहुत अच्छी लगती थी, और साथ में बारिश का संगीत, जमीन पर पड़ती बूँदों की आवाजें, आम के पत्तों से गिरती टप-टप पानी की बूंदें, हवा की सरसराहट, सबका एक अलग आर्केस्ट्रा सा बज रहा था।

rain-124.jpg


मैं बारिश की बूँदों की छुवन, बूँदों की पायल के घुंघरू की आवाज में इतना खो गई थी की मुझे पता ही नहीं चला कब सुनील बगल से हटा और मेरे पीछे, उसकी शरारते शुरू हो गईं। पहले तो पीछे से मेरे गले पर, फिर खुले कंधों पर, पीठ पर, कमर पर और फिर जो उसकी मंजिल थी, दोनों नितम्बों पर सुनील के होंठों ने दस्तक दी।

एक तो बारिश की बूँदों ने मेरे तन मन को गीला कर दिया था और मीठी-मीठी गीली-गीली हवा भी देह में आग लगा रही थी, ऊपर से सुनील की ये हरकतें… गलती उसकी भी तो नहीं थी, नए माल के चक्कर में मैंने उसका झंडा खड़ा करके छोड़ दिया था।

sixteen-hot-rain-26.jpg


फिर बारिश के इस मौसम का असर उस पे तो होना ही था, सुनील एक बार फिर खड़ा हो गया था और पीछे से ही उसने मुझे अपने बाहु-पाश में दबोच लिया था। मेरे खुले उभार जिस पर अभी बारिश की बूँदों के तीर चल रहे थे, वैसे ही पत्थर की तरह कड़े हो गए थे। मेरे निपल्स, कंचों की तरह कठोर हो गए थे और ऊपर से सुनील की उंगलियों ने उन्हें रोल करना पिंच करना शुरू कर दिया। उनका तो डायरेक्ट कनेक्शन मेरी प्रेम गली से था, और वो भी पनियाने लगी।

nips-pull-20912748.gif


सुनील का मोटा खूंटा खड़ा होकर मेरे गोल-गोल नितम्बों की दरारों के बीच घुसकर अपना इरादा बताने लगा। मैं कब तक उसकी गुस्ताखियां बर्दास्त करती, मैंने बिना पीछे मुड़े, अपने हाथ से उसे गपुच लिया, वो खूब कड़ा एकदम तैयार।

बस मैं हल्के-हल्के दबा दबा रही थी, एक तो बारिश अब तेज हो गई थी और दूसरे मेरी कोमल उंगलियों और गोल-गोल नितम्बों के उसके लण्ड पे रगड़-रगड़ के बारिश में आग लगा दी थी। बस…

Sensual-Erotic-Pictures-Pack-242-Nudity-Included-4.jpg


सुनील ने मुझे अपनी गोद में उठाया और पुआल पर ले जा के पटक दिया।

चुन्नू ने अब अपनी आँखें खोल दी थीं और टुकुर-टुकुर हमें देख रहा था।



मुझे सुनील की चाल मालूम थी लेकिन जब तक वो मुझे निहुरा कर कुतिया बनाता, उसके पहले मैं मछली की तरह फिसल के निकल गई और फिर मेरे होंठ सीधे मेरी फेवरिट बांसुरी पे, सिर्फ एक छेद वाली बांसुरी पे। और मेरी जीभ की नोक वहीं पे सुरसुरी करने लगी।

तंग करने का लाइसेंस खाली सुनील के पास थोड़े ही था, मेरी जीभ भी कामिनी भाभी के स्कूल की पढ़ी थी, वो सोच रहा था की मैं चूसूँगी, पर मैंने नीचे से चाटना शुरू कर दिया, नीचे से ऊपर, ऊपर से नीचे और सुपाड़े के छेद में सुरसुरी करने का काम मेरे लम्बे नाखूनों ने सम्हाल लिया।

Joru-K-bj-lick.jpg


बिचारा सुनील, कभी सिसकता, कभी चूतड़ पटकता, तो मुझे दया आ गई और गप्प से मोटे सुपाड़े को मैंने मुँह में भर लिया और लगी चुभलाने, चूसने। सुनील ने मेरे सर पर अपने दोनों हाथों से जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में आधे से ज्यादा लण्ड मेरे मुँह में घुस गया। जितना उसे लण्ड चुसवाने में मजा आता था, उससे ज्यादा मुझे लण्ड चूसने में आता था, खासतौर से जब सुनील जैसा मोटा हो।

BJ-teen-tumblr-mql76qd-CYJ1swmvzko1-400.gif


उधर कच्चा केला भी थोड़ा-थोड़ा जगने लगा था। मैंने बाएं हाथ से उसे हल्के-हल्के सहलाना शुरू कर दिया, दायां तो सुनील का मुठिया रहा था। एक साथ दोनों हाथों में लण्ड… यही होता है दो-दो यारों का एक साथ मजा।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
बांसुरी वादिका





bj-lick-55.jpg






उधर कच्चा केला भी थोड़ा-थोड़ा जगने लगा था। मैंने बाएं हाथ से उसे हल्के-हल्के सहलाना शुरू कर दिया, दायां तो सुनील का मुठिया रहा था। एक साथ दोनों हाथों में लण्ड… यही होता है दो-दो यारों का एक साथ मजा।


सच में सुनील का लण्ड चूसने का मजा ही अलग था। एक तो मोटा बहुत था, पूरा मुँह एकदम फटा पड़ता था, दूसरे वो चुपचाप चुसवाता नहीं था बल्की हचक-हचक कर मुँह में लण्ड पेलता भी था। उसे इस बात का बिलकुल भी ख्याल नहीं आता था की जिसके मुँह में वो अपना 9” इंच का खूंटा पेल रहा है उस बिचारी की क्या हालत हो रही होगी?

BJ-ruff-deep-tumblr-obzhhr-TEb-R1txwtk5o1-500.gif


और मैं भी, जब तक सुपाड़ा गले तक न पहुँच जाये, गले में न रगड़े, लौंडिया गों-गों न करे, हाथ पैर न पटके तो क्या चूसने का मजा और क्या चुसवाने का। कुछ ही देर में हालत वही हो गई। मैं गों-गों कर रही थी, सुनील गले के अंदर तक ठोंक रहा था। उसके लिए मुँह और चूत में कोई फरक नहीं था।

मेरी आँखें उबली पड़ रही थीं, गाल फट रहा था। लेकिन साथ ही साथ मेरे चूसने चाटने में कोई कमी नहीं थी, मेरे रसीले गुलाबी होंठ उसके मोटे कड़े लण्ड को सपड़0सपड़ चाट रहे थे, नीचे से मेरी जीभ उसे चाट रही थी। सुपाड़े की गले पर हर ठोकर के साथ मेरे आँख में आंसू छलछला जा रहे थे पर फिर भी चूसने में मेरा मुँह किसी वैक्यूम क्लीनर को मात कर रहा था।

BJ-deep-tumblr-osy7ti-Z5nt1u3rus6o2-500.jpg


आज सुनील कुछ ज्यादा बौराया था। गलती उसकी भी नहीं उसके प्यारे खूंटे को आज मैंने एक बार भी नहीं झाड़ा था, बस खड़ा करके छोड़ दे रही थी, उस कच्चे केले के चक्कर में। और एक बार फिर मैंने वही गलती कर दी। मुँह बहुत थक गया था तो मैंने उसके औजार को बाहर निकाल लिया। मैं एक बार फिर पार्टनर बदलने की सोच रही थी, कच्चा केला मुँह में और सुनील का मुट्ठी में।

लेकिन सुनील अब नहीं छोड़ने वाला था। ताकत भी तो बहुत थी उसके अंदर, बस मुझे उठा के पुआल पर पेट के बल पटक दिया। जब तक मैं सम्हलूं समझूं, उसने निहुरा के मुझे कुतिया बना दिया था, मोटा गुस्सैल सुपाड़ा गाण्ड के छेद से सटा हुआ था।

चुन्नू अब उठ के हम दोनों के बगल में बैठ गया था। मुँह बाये टुकुर-टुकुर देख रहा था। मैं तो सोचने समझने की हालत में ही नहीं थी।

ass-hole-tumblr-pio502-Dsg-T1qe750ho1-1280.jpg


दोनों अंगूठों से सुनील ने कस के मेरी गाण्ड चियार दी, सुपाड़ा सटा दिया।



कहीं दूर तेजी से बिजली कड़की, बादल जोर से गरजने लगे। बारिश तेज हो गई और बौछार अंदर तक आने लगी। हवा भी एकदम तूफानी हो गई। ढिबरी की लौ लग रहा था अब गई, तब गई, और गरजते बादलों, कड़कती बिजली की आवाज के बीच मेरी चीख दब कर रह गई।




सुनील ने मेरा मुँह भींचने की भी कोशिश नहीं की। बस दोनों हाथों से उसने कस के मेरे गोरे नितम्बों को दबोच के अपना मोटा लौड़ा ठेल दिया।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
पिछवाड़े पर हमला








rear-end-tumblr-cedb6853a08083b9116a0502123e8acf-a80fcfd3-500.jpg






कहीं दूर तेजी से बिजली कड़की, बादल जोर से गरजने लगे।

rain-lightning-bolt-cloud-sky-storm-animated-gif.gif


बारिश तेज हो गई और बौछार अंदर तक आने लगी। हवा भी एकदम तूफानी हो गई। ढिबरी की लौ लग रहा था अब गई, तब गई, और गरजते बादलों, कड़कती बिजली की आवाज के बीच मेरी चीख दब कर रह गई।

सुनील ने मेरा मुँह भींचने की भी कोशिश नहीं की। बस दोनों हाथों से उसने कस के मेरे गोरे नितम्बों को दबोच के अपना मोटा लौड़ा ठेल दिया।

anal-doggy-19720807.gif


गनीमत थी की मैंने अबकी घर से निकलने के पहले ही अच्छी तरह से कड़ुवा तेल अपने पिछवाड़े चुपड़ लिया था, फिर भी, दरेरता रगड़ता फाड़ता जिस तरह से सुनील का मोटा सुपाड़ा मेरी गाण्ड में घुसा, बस मेरी जान नहीं निकली। और मैं जानती थी सुनील के लण्ड का गुस्सा अभी कम नहीं हुआ, इतने देर से मैं उसे तड़पा रही थी। और फिर दूसरा धक्का, तीसरा धक्का, चौथा, और अबकी मेरी गाण्ड का छल्ला भी पार हो गया। मैं चीख रही थी, चिल्ला रही, चूतड़ पटक रही थी पर मैं अब तक सीख गई थी की एक बार सुपाड़ा अंदर घुस जाए बस, बिना गाण्ड मारे सुनील छोड़ने वाला नहीं।

कुछ ही देर में हचक-हचक के मेरी कसी किशोर गाण्ड मारी जा रही। साथ ही सुनील का एक हाथ मेरे उभारों पर पहुँच गया था, जिहे कभी वो दबाता, कभी रगड़ता, मसलता और उस बेरहम का दूसरा हाथ भी बीच-बीच में मेरी बुरिया को, और कभी क्लिट को,



anal-ruff-tumblr-mrbww3-GFuw1rdb5g0o1-500.gif


मेरी हालत खराब थी। दर्द से और उससे ज्यादा मजे से। अब मैं गपागप-गपागप लण्ड घोंट रही थी, मजे से। मजे ले लेकर गाण्ड मरवा रही थी। हर धक्के के जवाब में खुद धक्का मारती तो कभी गाण्ड सिकोड़ के लण्ड अंदर भींच लेती। दो तिहाई से ज्यादा लण्ड अंदर था, मैं कुतिया बनी, निहुरी, चुपचाप गाण्ड मरवा रही थी, कभी चीखती तो कभी सिसकती।



चुन्नु सरक कर हम दोनों के पास बैठ गया था, उसकी आँखें मेरी गाण्ड में सटासट घुसते सुनील के गाण्ड फाड़ू लण्ड पर लगी थीं। बस टुकुर देख रहा था, मुँह खोले। औजार उसका एक बार फिर से टनटनाने लगा था।



anal-close-up-15605572.jpg


सुनील ने चिढ़ाया- “क्यों बे, गाण्ड मारने का मन कर रहा है क्या? मस्त गाण्ड है साली की। मैंने ही सील खोली थी अभी बस दो तीन दिन पहले…”

मैंने ‘कच्चा केला’ एक झटके में पकड़ लिया, और पूरी ताकत लगाकर चमड़ा खींच दिया तो लाल भभूका सुपाड़ा निकल आया।



सुनील की धुन में धुन मिलाते मैंने छेड़ा-

“अरे ये साल्ला क्या गाण्ड मारेगा। इतना चिकना है, पहले अपनी गाण्ड तो बचा ले। सारे कालेज के लौंडेबाज बल्की पूरे शहर के इसकी सील तोड़ने के पीछे पड़े हैं…”


Girl-170ee80c81b53f7e7f49b55364fe03e2.jpg


बिचारा शर्म से लाल हो गया। बात लेकिन सोलहो आना सही थी और इसलिए इतनी जोर से वो झेंपा भी।

लेकिन मैं उसे और रगड़ रही थी-

“अरे शर्मा काहें रहे हो, ठीक से देख लो लण्ड कैसे लीला जाता है। कितना मजा आता है लण्ड गाण्ड में घोंटने में। सीख ले सीख ले, मेरे भैय्या के साले, गाण्ड मरवाने में बहुत काम आएगा। गाण्ड तो तेरी मारी ही जायेगी…”


सुनील ने चुन्नू को इशारा किया और बोला-

“अरे जो लौंडिया बहुत बोलती है उसको चुप कराने का बस एक ही तरीका है, ठेल दे उसके मुँह में…”

मुँह में तो मेरे भी पानी आ रहा था चुन्नू के तन्नाए कच्चे केले के लिये, और बस वो मेरे मुँह में, और मैं फिर एक साथ दो लड़कों के साथ मजा ले रही थी। जिसने दो लड़कों के साथ मजा लिया है वही इसे समझ सकता है, एक मोटा लण्ड गाण्ड फाड़ रहा था और दूसरा मैं कस-कस के चूस रही थी।



mmf4.jpg


सुनील ने धक्कों की रफ़्तार दूनी कर दी, अब उसे मेरे चीखने का भी डर जो नहीं था। हर बार वो सुपाड़े तक लण्ड निकाल के पूरी ताकत से गाण्ड में ऐसे ठेलता की लण्ड का बेस सीधे गाण्ड से टकराता। 5-6 मिनट ऐसे धुआंधार चोदने के बाद आधा लण्ड निकाल के अपने हाथ से पकड़ वो गाण्ड लण्ड में गोल-गोल घुमाने लगा।

20 मिनट तक धकापेल मेरी गाण्ड मराई चलती रही और चुन्नू का लण्ड मैं मुँह में लेकर कभी हल्के-हल्के तो कभी जोर से चूसती।


लेकिन सुनील ने फिर पोज बदल दिया और चुन्नू का औजार अब मेरे मुँह से बाहर निकल गया। लण्ड जब पूरे अंदर तक गाण्ड में घुसा था और मैं कुतिया की तरह झुकी थी, उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अब वो बैठा था। कुछ देर तक तो वो नीचे से धक्के मारता रहा लेकिन मुझे पता भी नहीं चला कब उसने धक्के मारना बंद कर दिया।


anal-sitting-2.gif


मैं खुद सुनील के लण्ड पर सरक-सरक कर, ऊपर-नीचे होकर गाण्ड मरवा रही थी।



सुनील सिर्फ मेरी दोनों चूचियों का मजा ले रहा था। ऊपर से चुन्नू से बोला- “देख इसे कहते हैं असली गाण्ड मरवाने वाली, कैसे खुद लण्ड पे उछल-उछलकर लील रही है…”

थोड़ी देर में एक बार मैं फिर कुतिया बनी हुई थी, और सुनील जोर-जोर से गाण्ड मारने लगा, झड़ने के करीब वो भी था और मैं भी। दोनों साथ ही झड़े, और अबकी मैं पुआल पे ऐसी गिरी की बहुत देर तक उसी हालत में पड़ी रही।


anal-cum-tumblr-phn2nmr7mg1xk4bu0o1-500.gif


बाहर बारिश तेज हो गई थी। रात भी घिर आई थी, झींगुर, मेंढक की आवाजें बूँदों की आवाजों के साथ आ रही थी।

rain-G-15.gif


काफी देर तक हम तीनों ऐसे ही पड़े रहे, तब सुनील ने बाहर निकाला।
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
मज़ा बनारस का,... मेरी नयी कहानी के कुछ अंश, ... आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं और आपके सुझावों का इन्तजार रहेगा,

जल्द ही शुरू होगी, मज़ा बनारस का

https://xforum.live/threads/मोहे-रंग-दे.1601/page-258
 

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
आज मैंने एक नयी कहानी की शुरुआत की है

छुटकी - होली दीदी की ससुराल में




आप सबकी सम्मति की प्रतीक्षा रहेगी


pitars-holi-celebrations-hyderabad2.jpg
 

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
Next part today
 
  • Like
Reactions: malikarman

Meena1995

Member
205
213
43
😘😘😘😘
 
  • Like
Reactions: komaalrani

komaalrani

Well-Known Member
22,347
58,299
259
Holi ki dher saari shubhkamanayen
 
Top