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Erotica हरामी साहूकार

Ashokafun30

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अगले दिन नंदू का जन्मदिन था...वैसे तो आज तक नंदू ने कभी अपना जन्मदिन नही मनाया था, पर इस बार वो अपने प्यारे भाई के बर्थडे को एक यादगार दिन बना देना चाहती थी...ताकि नंदू भी उसके बर्थडे पर जी जान से उसे खुश करने में कोई कसर ना छोड़े...
लेकिन कल के धमाल से पहले उन्हे एक और धमाल करना था आज...
और वो था लाला पर जोरदार हमला..

ये प्लान पिंकी का था, उसे पता था की उसके और निशि के अलावा नाज़िया भी लाला से चुदवा चुकी है...
और आज पिंकी का प्लान लाला का स्टेमीना चेक करने का था...इसलिए स्कूल जाते ही उसने नाज़िया को एक कोने में लेजाकर अपना प्लान समझाया जिसे सुनकर उसकी आँखो में भी चमक आ गयी...शायद स्कूल के बाद मिलने वाले मज़े को महसूस करके उसके दिल की घंटिया अभी से बजने लगी थी..

आज लाला के रामलाल की घंटी बजने वाली थी इन तीन तिकडियों के हाथों ...अब देखना ये था की चूत - लंड के खेल में ये तीनो जीतेंगी या वो दोनो...यानी लाला और उसका रामलाल.

************
अब आगे
************

इधर स्कूल में वो तीनो अपनी प्लानिंग बना रही थी और उधर लाला आज सुबह से ही अपने घर में बैठा अपने रामलाल को तेल पीला रहा था...
वही ख़ास किस्म का तेल जो उसके लंड को हर तरह की जंग के लिए तैयार रखता था.

वो तेल में नहलाकर उसे अपने पालतू की तरह प्यार और दुलार दे रहा था..

''ले बेटा.....जी भरकर पी ले....यही तेल निकालना है तूने इस गाँव की छोरियों का...साली आजकल तो छप्पर फाड़कर गिर रही है तुझपर...तेरे भी मज़े है और मेरे भी...''

अपने लंड को मसलते-2 वो उसे रगड़ने ही लग गया...
साले ठरकी लोगो की यही प्राब्लम होती है, लंड खड़ा हुआ नही की उसे झाड़ने के बारे में सोचने लगते है...



पर फिर अचानक लाला को ध्यान आया की इतनी सारी चुतों के होते हुए वो भला अपने हाथो को ये तकलीफ़ क्यो दे...
इसलिए उसने मूठ मारने का ख्याल वही त्याग दिया..

ये शायद उसके लिए भी अच्छा था,
क्योंकि उसे पता नही था की उसके उपर आज किस तरह का हमला होने वाला है.

कुछ देर बाद लाला नहा धोकर अपनी दुकान पर आकर बैठ गया.

उसकी चंचल नज़रें हर बार की तरह गली से निकल रही छरहरे जिस्म की लड़कियाँ और भरे जिस्म वाली औरतों पर थी....
अपने एक्सपीरियेन्स का लाभ उठा कर वो आती हुई जवान छोरियों की छाती देखा करता था
और जाती हुई औरतों की गांड.

क्योंकि लड़कियां अपनी नयी - नयी उभरी छातियों को और भी उभार कर चलती थी और औरतें अपनी चुदी हुई रसीली गांड को मटकाकर..



लाला ने हाथ अंदर डालकर अपने अजगर यानी रामलाल को धोती से बाहर निकल लिया और काउंटर के नीचे छुपाकर उसे रगड़ने लगा

''सस्स्स्स्स्स्सस्स....अहह.... रामलाल..... देख ले बेटा....ये जो लोंडिया अपना सीना ताने मेरे सामने से निकल रही है ना, कुछ महीनो बाद इनकी बुर का उद्घाटन भी तू ही करेगा...अभी तो जी भरकर देख ले बस....''

और साथ ही साथ लाला को ये उम्मीद भी थी की आज कोई तो उसकी दुकान पर आ जाए जिसे वो जी भरकर पेल सके...
क्योंकि अपने लंड को तेल पिलाने के बाद उसे अक्सर चूत की कमी महसूस हुआ करती थी..

और लाला की उम्मीद जल्द ही पूरी होती दिख गयी क्योंकि उसे दूर से पिंकी आती दिख गयी.

लाला : "अहह....रामलाल....देख आ गयी नयी नवेली चुड़क्कड़ नंबर वन....इस गाँव की सबसे हसीन लोंडिया , तेरे सपनो की रानी पिंकी...''

लाला उसे देखकर खुश हो ही रहा था की उसके पीछे से निशि निकलकर उसके साथ चलने लगी...
लाला की खुशी एकदम डबल हो गयी और उसके हाथ लंड पर और तेज़ी से चलने लगे

लाला : "बेटा रामलाल....आज लगता है तेरी किस्मत में डबल मज़ा लिखा है....एक की चूत मारूँगा और एक की गांड .....''

और तभी उसे उनके पीछे से निकलकर नाज़िया को आगे आते देखा.

और इस बार खुश होने के बजाए लाला के चेहरे पर चिंता के बादल आ गये..

क्योंकि अपनी उम्र और अपने लंड की केपेसीटी वो भी जानता था...
आज तक उसने कई बार डबल मज़ा लिया था पर एक साथ 3 को पेलने के बारे में तो उसे सपने भी नही आए थे.

उसकी चिंता इतनी गहरी थी की उसका कड़क घीए जैसा लंड, मुरझाए हुए खीरे की तरह लटक कर नीचे झूलने लगा...
 

Ashokafun30

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तब तक काम पीपासा में लिपटी वो तीनो हुस्न की देवियाँ उसकी दुकान तक पहुँच गयी

पिंकी : "लाला...आज हमे देखकर खुश नही हुए....''



पिंकी भी मन ही मन हंस रही थी लाला का चेहरा देखकर,क्योंकि वो भी जानती थी की लाला का उन्हे देखकर क्या हाल हो रहा होगा..

लाला सकपकाते हुए बोला : "अर्रे नही तो...मैं ...मैं भला क्यो खुश नही होऊँगा....तुम्हे देखकर...''



उसने बोलते-2 तीनो के चेहरे की तरफ देखा और हर किसी की आँखो में चुदने की बेकरारी वो सॉफ देख पा रहा था..

निशि बोली : "अगर खुश हो तो हमे भी खुश कर दो ना लाला....चलो अंदर...''

लाला : "अंदर ??....तु ...तुम तीनो के साथ...??''

इस बार नाज़िया बोली : "क्यों ...डर लग रहा है क्या लाला....संभालना मुश्किल होगा क्या हमें एक साथ...''

इतना कहकर तीनो कच्ची कलियाँ खिलखिलाकर हंस दी और एक दूसरे के हाथ पर हाथ मारकर ये भी साबित किया की वो एक साथ ही चुदेगी आज तो...

लाला तो जैसे धर्मसंकट में पड़ चुका था...
हालाँकि तीन चूतें एक साथ मिलने के नाम से ही उसके अंदर अजीब सा रोमांच जागने लगा था पर वो ये भी जानता था की अब वो अपनी जवानी के दिनों वाला बांका जवान नही रहा है, उन दिनों में अगर ये ऑफर मिला होता तो 3 क्या 30 को भी अपने कमरे में ले जाता और सबको पेल डालता..

पर आज भी लाला में इतना गरूर तो जिंदा था ही की वो मज़ाक का पात्र नही बनना चाहता था,
इसलिए अपनी आवाज़ में थोड़ा रोब लाते हुए वो बोला : "देखो छोरियों , लाला ने कभी डरना सीखा ना हे ...वो तो मने तुम तीनों की चिंता हो रई थी वरना म्हारको क्या, एक साथ तीनों आ जाओ...''

इतना कहकर लाला बड़े रोब से उठकर अंदर की तरफ चल दिया...
वो तीनों भी खिलखिलाकर हँसती हुई एक के पीछे एक अंदर आ गयी..
लाला ने दूकान का शटर डाउन कर दिया.

आज लाला उन्हे उपर अपने बेडरूम में ले गया,
भले ही उसका बेड ख़स्ता हालत में था पर वहां चोदने का मज़ा अलग ही था...
एक लंबा सा सोफा भी था जिसपर लिटाकर अलग से चुदाई की जा सकती थी...

बैडरूम में पहुँचते ही तीनो लाला से ऐसे लिपट गयी जैसे बेल किसी पेड़ की शाखा पर लिपटती है...
लाला को हर तरफ से नर्म मुलायम मुम्मो ने घर लिया, उनके गर्म हाथ लाला के जिस्म पर ऐसे फिसलने लगे जैसे साँप..
और तीनो के हाथ रह-रहकर लाला की धोती के उपर से ही अंदर क़ैद रामलाल से टकरा रहे थे...
और रामलाल भी उस हमले को पहचानकर अपने बंकर में खड़ा हो चुका था, उनपर जवाबी हमला करने के लिए...
पर उससे पहले उसका बंकर से बाहर निकलना ज़रूरी था, जो लाला के हाथ में था..

लाला की तो बुरी हालत थी, एक साथ तीन कमसिन चुतों ने उसपर हमला जो कर दिया था...
पर इसका भी इलाज था लाला के पास...

उसने तीनों को एक तरफ किया और खुद एक कोने में रखे सोफे पर बाहुबली की तरह जाकर बैठ गया और बोला : "अर्रे...एक ही बार में सब मज़ा ले लोगी क्या...पहले मुझे अपने हुस्न का जलवा तो दिखाओ...तभी तो असली मज़ा मिलेगा...''

लाला उन्हे बातों मे उलझा कर कोई और प्लान बना लेना चाहता था...
और वो तीनो उसकी बातों में आ भी गयी...

तीनो ने स्कूल ड्रेस पहनी हुई थी....
सफेद रंग की सलवार और उपर नीले रंग का सूट...

तीनो ने मुस्कुराते हुए एक दूसरे की तरफ देखा और फिर धीरे-2 अपनी कमर मटकाते हुए अपनी-2 सलवार निकाल डाली....और फिर उपर की कमीज़ भी...

नाज़िया को छोड़कर उन दोनो ने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ था...
इसलिए उपर के कपड़े उतारते ही पिंकी और निशि के नंगे जिस्म सामने आ गये....
लाला कभी निशि की चिकनी चूत देखता तो कभी पिंकी की भरी हुई छातियाँ, और इसी बीच नाज़िया भी अपनी ब्रा पेंटी उतारकर नंगी हो गयी और घूमकर अपनी गांड मटकाकर लाला को रिझाने लगी, क्योंकि उन तीनों में उसी की गांड पर सबसे ज़्यादा चर्बी थी, और जिस लोंडिया का जो अंग सबसे नशीला होता है वो उसका इस्तेमाल करना कभी नही भूलती..
चाहे वो उसकी छाती हो या रसीले होंठ ।
 

Ashokafun30

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उन तीनो के नंगे पन को देखकर लाला ने भी रामलाल के उपर से धोती का परदा उतार फेंका..

अब आलम ये था की लाला अपने लंड को लहराता हुआ उनके सामने बैठा था और वो तीनों आँखे फाड़े उस मोटे खूँटे जैसे लंड की चमक रही स्किन को देख रही थी....
आज लाला ने जो स्पेशल ट्रीटमेंट दिया था रामलाल को उसकी वजह से वो दूर से किसी हीरे की तरह चमक रहा था और वो तीनों उस हीरे को जल्द से जल्द निगल लेना चाहती थी...



पर लाला ने उन्हे अपने पास आने से रोक दिया और बोला : "यहाँ वही आएगा जो मुझे अच्छे से खुश करेगा...पहले अपने हुस्न के कुछ जलवे तो दिखाओ...''

उन तीनो को ये भी समझ नहीं आया की ये सब करके लाला उन्हे उलझा कर रखना चाहता है,
क्योंकि लाला जानता था की उन तीनों के मुँह में जाते ही उसने एक ही झटके में झड़ जाना है...
और वो ये काम इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था...
वो उनके हुस्न का अच्छे से मज़ा लेकर ये काम करना चाहता था..

लाला की बात सुनते ही तीनों अपनी-2 छातियाँ निकालकर लाला को ललचाने लगी...
अपने निप्पल उमेठ कर उसकी लालिमा से लाला को रिझाने लगी...

निशि ने अपनी उभरी हुई चूत में उंगली डालकर अंदर का गीलापन लाला को दिखाया...
और फिर उस उंगली को चूसकर अपनी हालत का इज़हार किया जैसे कह रही हो की लाला तेरे लंड को भी ऐसे ही चूसूंगी..

पिंकी ने अपनी गोरी छातियों को उपर की तरफ उभार कर एक साथ चिपका दिया और मुँह खोलकर ऐसे गोल कर लिया जैसे लंड को बीच में फंसाकर लंड चूस रही हो..
लाला को उसका ये संदेश भी सॉफ-2 मिल रहा था की वो उसके साथ ठीक ऐसा ही करने वाली है.

नाज़िया के पास तो उसकी गांड ही थी जिसका लाला शुरू से ही दीवाना था,
इसलिए वो उछलकर बेड पर चढ़ गयी और अपनी गांड के उभार पीछे करके लाला को दिखाने लगी...
अपनी एक उंगली को मुँह में डालकर गीला किया और उसे सीसियाते हुए उसने अपनी गांड के अंदर डाल दिया जैसे कह रही हो की लाला आज तू इस निगोडी गांड को ही मारना...

नाज़िया की देखा देखी वो दोनो भी बेड पर चड़कर अपनी गांड लाला की तरफ करके अपनी उंगली से पीछे के छेड़ को कुरेदने लगी...
यानी तीनो ही अपनी गांड मरवाने के लिए तैयार थी...



लाला की हालत तो ऐसी हो रही थी जैसे अभी उसके लंड का पानी निकल जाएगा और वो निकलता भी तो इतनी ज़ोर से निकलता की दूर बैठी तीनो हुस्न की परियाँ भीग जाती...

पर लाला ने अपने आप को झड़ने से रोका हुआ था..

अपने जिस्म की नुमाइश के बाद तीनों के चेहरे पर रिज़ल्ट जानने की उत्सुकतता थी..

लाला ने इशारा करके पिंकी को अपनी तरफ बुलाया ताकि वो जो दिखा रही थी, उसे साबित कर सके..

बाकी दोनो के चेहरे मायूस हो गये..
पर लाला ने उन्हे होसला दिया

वो बोला : "अर्रे...तुम अपने काम में लगे रहो....अगली बार जिसका प्रदर्शन अच्छा हुआ, उसे बुलाऊंगा ...पिंकी तुम क्यों रुक गयी...तुम तो यहाँ आओ मेरी रानी...'

पिंकी उछलती हुई लाला के सामने आकर बैठ गयी,
अपने मुम्मो में उसने लाला के लंड को फँसाया और उसे टिट फक्क करते हुए लाला के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी..

लाला ने सीसियाते हुए उसके सिर को पकड़ा और बुरी तरह से उसके मुँह में लंड पेलकर उसका मुख चोदन करने लगा...



लाला के लंड जैसी ही कड़क चुचिया थी पिंकी की....
लाला तो उसके स्पर्श मात्र से ही झड़ने को हो गया...
उसने तुरंत अपना लंड उसके मुँह से खींचकर बाहर निकाला और बदले में उसे अपनी गोटियां चूसने को दे डाली...

पिंकी पर तो आज ऐसी खुमारी चढ़ी हुई थी की वो कुछ भी चूसने और चबाने को तैयार थी....
लाला के टट्टों को उसने बर्फ के गोले की तरह चूसना शुरू कर दिया, जैसे उसमें से मिठास निकल कर सीधी उसके मुँह में जा रही हो.

वो तो उसे तब तक चूसने वाली थी जब तक वो बर्फ पिघलकर लंड के रास्ते होती हुई उसके चेहरे पर ना आ गिरे,




पर लाला ने उसे एक बार फिर से रोक दिया..

लाला ने नाज़िया की तरफ इशारा करके कहा की अब तुम आओ..

पिंकी उठकर लाला के पीछे चली गयी और अपनी बाहें उनके गले में डालकर अपनी चुचियों से उनकी पीठ की मसाज करने लगी..

नाज़िया लाला के पास आई और आते ही अपनी गांड निकाल कर लाला के सामने खड़ी हो गयी...



लाला के खुरदुरे हाथ उसकी कसी हुई गांड पर आए और उसने उन्हे ऐसे दबाया जैसे प्लास्टिक का कोई खिलोना हो, जिसे दबाने से चू चू की आवाज़ें आती है...
चू की तो नही पर लाला के हाथ लगने से उसमें उहह आह की आवाज़ें ज़रूर आने लगी...

और फिर लाला ने वो किया जिसकी शायद नाज़िया को भी उम्मीद नही थी...
लाला ने मलाईदार गांड में अपना मुँह घुसा दिया और अपनी जीभ से उसकी नदी की तरह उफान रही चूत को कुरेदने लगे और अंदर से रिस रिसकर निकल रही मलाई को चाटने लगा...



लाला ने ये इसलिए भी किया ताकि थोड़ी देर तक उसके लंड को आराम मिल जाए...
पर वो तो तब मिलता ना जब उसकी किस्मत में आराम लिखा होता...
क्योंकि अपनी बारी की परवाह किए बिना ही निशि उठकर लाला के करीब आ चुकी थी और उसने बिना किसी चेतावनी के लाला के लंड को मुँह में लिया और उसे वैसे ही चूसना शुरू कर दिया जैसे कुछ देर पहले उसकी सहेली पिंकी चूस रही थी...

पीछे से पिंकी भी अपने नर्म मुम्मो से लाला के जिस्म की आग को भड़काने का काम कर रही थी...
अब आलम ये था की लाला तीनों तरफ से घिर चुका था, इसलिए लाला ने खुद को उनके हवाले कर देना ही सही समझा...

उसने अपने बदन को ढीला छोड़ दिया जो इस बात का संकेत था की उसने उनके सामने हार मान ली है.

पिंकी और निशि के तो चेहरे चमक उठे जब लाला ने ऐसा किया...
उन दोनो ने मिलकर लाला को खड़ा किया और सबसे पहले उसके सारे कपड़े निकाल फेंके...
अब लाला उन तीनो परियों के बीच किसी तगड़े राक्षस की तरहा खड़ा था जो उनका शिकार करने के लिए पूरा तैयार था...
लाला को ये तो पता था की एक को तो वो अच्छे से पेल डालेगा,
दूसरी को भी वो संतुष्ट कर ही देगा...
पर तीसरी के लिए उसे डाउट था...
इसलिए अभी तक वो घबरा रहा था.

पर अब जो होना था वो होकर रहेगा,
इसलिए वो आँखे बंद किए उनके हमले की प्रतीक्षा करने लगा...

वो तीनो उसके शरीर के चारों तरफ लिपट कर अपने मुम्मो से बॉडी मसाज देने लगी....
अपने गुलाबी होंठों से गीली-2 पप्पियाँ देने लगी...
और फिर एक-2 करके वो तीनो लाला के लंड के सामने बैठ गयी और उसे चूसने लगी...
कभी एक चूसती तो कभी दूसरी...
कभी बॉल्स चूसती तो कभी लंड.

ऐसा करते-2 वो तीनो लाला को घसीट कर बेड तक ले गयी...
और फिर उसे चित्त लिटा कर एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी...
जैसे तय करने की कोशिश कर रही हो की पहले कौन चूदेगा.

फिर आँखो ही आँखो का इशारा समझकर सबसे पहले निशि लाला पर चढ़ गयी....
उसने अपनी चूत को सीधा लेजाकर लाला के खड़े लंड पर रखा और उसकी आँखो में देखते-2 अपना दबाव बनाकर नीचे फिसलती चली गयी..

''आआआआआआआआआअहह उम्म्म्मममममममममममम. .... लालाआआआआआआलाआ....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ये लॅंड है ना जो तेरा.......कसम से.....इसी में पूरी दुनिया का नशा छिपा है....''



इस नशे के सामने वो शायद अपने भाई के लंड का नशा भी भूल चुकी थी..
जिसके मज़े वो पिछले 3-4 दिनों से ले रही थी...
सच ही कहते है, लंड और चूत जो सामने होती है वही अच्छी लगती है..

और इस वक़्त निशि को सामने का लंड यानी रामलाल ही अच्छा लग रहा था...
वैसे लगता भी क्यो नही, वो था ही इतना दमदार..

इसी बीच पिंकी उछल कर लाला के चेहरे पर बैठ गयी, और उसकी दाढ़ी मूँछ वाले चेहरे पर अपनी नंगी चूत को रगड़कर वहां का मज़ा लेने लगी....
थोड़ा आगे बढ़कर उसने अपनी प्यारी सहेली निशि के चेहरे को पकड़ा और उसके फफकते हुए होंठो को मुँह में लेकर एक जोरदार स्मूच में डूब गयी...

नाज़िया भला दूर बैठी कैसे रह सकती थी, वो भी लाला के करीब आई और निशि और लाला के मिलन वाली जगह पर मुँह लगा कर अंदर बाहर हो रहे लंड पर अपनी जीभ रगड़ने लगी...



लाला को एक ही बार में तीनों के स्पर्श का एहसास हो रहा था...
उसने हाथ उपर करके दोनो तरफ लटक रहे मुम्मो को एक-2 करके दबाना शुरू कर दिया, उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने आम के बगीचे में लेटा है और उपर कच्ची अंबिया लटक रही है जिन्हे नॉचकर वो उनके गूदे का मज़ा ले रहा है..

इसी बीच निशि को नाज़िया पर तरस आ गया, वो लाला के लंड से उतर के नीचे आ गयी और नाज़िया को उपर चड़ने को कहा...
वो खुशी-2 लाला के लंड पर सवार हुई और एक बार फिर से लाला का घोड़ा एक लंबी रेस दौड़ने लगा....
इस बार लाला ने करीब 5 मिनट तक बिना रुके अपने घोड़े को उसकी चूत में दौड़ाया और फिर वो मौका भी आया जब लाला के लंड से ढेर सारा देसी घी निकलकर नाज़िया की नन्ही चूत में जाने लगा...



और लगभग उसी वक़्त पिंकी की चूत ने भी अपने अंदर का पानी लाला के चेहरे पर छोड़ दिया...
लाला का पूरा चेहरा और दाड़ी मूँछे उसके रंगहीन चिपचिपे पानी में भीग गयी...

और लाला जब झड़ा तो उस पानी को पीता हुआ, एक गाड़ी डकार मारकर ज़ोर से चिल्लाता हुआ उसकी चूत में झड़ने लगा...

और जैसे ही लाला ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर खींचा, दोनो का मिला जुला रस निकलकर उसके पेट पर आ गिरा, जिसे वो तीनों प्यासी बिल्लियाँ मिलकर चाट गयी...
और फिर एक-2 करके उन्होने लाला के लंड का बचा हुआ पानी भी निकालकर पिया.



और फिर तीनों वही लाला के साथ पलंग पर लेटकर अगले हमले के बारे में सोचने लगी..

और लाला सोच रहा था की अब क्या होगा उसके साथ....
 

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अगले दिन नंदू का जन्मदिन था...वैसे तो आज तक नंदू ने कभी अपना जन्मदिन नही मनाया था, पर इस बार वो अपने प्यारे भाई के बर्थडे को एक यादगार दिन बना देना चाहती थी...ताकि नंदू भी उसके बर्थडे पर जी जान से उसे खुश करने में कोई कसर ना छोड़े...
लेकिन कल के धमाल से पहले उन्हे एक और धमाल करना था आज...
और वो था लाला पर जोरदार हमला..

ये प्लान पिंकी का था, उसे पता था की उसके और निशि के अलावा नाज़िया भी लाला से चुदवा चुकी है...
और आज पिंकी का प्लान लाला का स्टेमीना चेक करने का था...इसलिए स्कूल जाते ही उसने नाज़िया को एक कोने में लेजाकर अपना प्लान समझाया जिसे सुनकर उसकी आँखो में भी चमक आ गयी...शायद स्कूल के बाद मिलने वाले मज़े को महसूस करके उसके दिल की घंटिया अभी से बजने लगी थी..

आज लाला के रामलाल की घंटी बजने वाली थी इन तीन तिकडियों के हाथों ...अब देखना ये था की चूत - लंड के खेल में ये तीनो जीतेंगी या वो दोनो...यानी लाला और उसका रामलाल.

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अब आगे
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इधर स्कूल में वो तीनो अपनी प्लानिंग बना रही थी और उधर लाला आज सुबह से ही अपने घर में बैठा अपने रामलाल को तेल पीला रहा था...
वही ख़ास किस्म का तेल जो उसके लंड को हर तरह की जंग के लिए तैयार रखता था.

वो तेल में नहलाकर उसे अपने पालतू की तरह प्यार और दुलार दे रहा था..

''ले बेटा.....जी भरकर पी ले....यही तेल निकालना है तूने इस गाँव की छोरियों का...साली आजकल तो छप्पर फाड़कर गिर रही है तुझपर...तेरे भी मज़े है और मेरे भी...''

अपने लंड को मसलते-2 वो उसे रगड़ने ही लग गया...
साले ठरकी लोगो की यही प्राब्लम होती है, लंड खड़ा हुआ नही की उसे झाड़ने के बारे में सोचने लगते है...



पर फिर अचानक लाला को ध्यान आया की इतनी सारी चुतों के होते हुए वो भला अपने हाथो को ये तकलीफ़ क्यो दे...
इसलिए उसने मूठ मारने का ख्याल वही त्याग दिया..

ये शायद उसके लिए भी अच्छा था,
क्योंकि उसे पता नही था की उसके उपर आज किस तरह का हमला होने वाला है.

कुछ देर बाद लाला नहा धोकर अपनी दुकान पर आकर बैठ गया.

उसकी चंचल नज़रें हर बार की तरह गली से निकल रही छरहरे जिस्म की लड़कियाँ और भरे जिस्म वाली औरतों पर थी....
अपने एक्सपीरियेन्स का लाभ उठा कर वो आती हुई जवान छोरियों की छाती देखा करता था
और जाती हुई औरतों की गांड.

क्योंकि लड़कियां अपनी नयी - नयी उभरी छातियों को और भी उभार कर चलती थी और औरतें अपनी चुदी हुई रसीली गांड को मटकाकर..



लाला ने हाथ अंदर डालकर अपने अजगर यानी रामलाल को धोती से बाहर निकल लिया और काउंटर के नीचे छुपाकर उसे रगड़ने लगा

''सस्स्स्स्स्स्सस्स....अहह.... रामलाल..... देख ले बेटा....ये जो लोंडिया अपना सीना ताने मेरे सामने से निकल रही है ना, कुछ महीनो बाद इनकी बुर का उद्घाटन भी तू ही करेगा...अभी तो जी भरकर देख ले बस....''

और साथ ही साथ लाला को ये उम्मीद भी थी की आज कोई तो उसकी दुकान पर आ जाए जिसे वो जी भरकर पेल सके...
क्योंकि अपने लंड को तेल पिलाने के बाद उसे अक्सर चूत की कमी महसूस हुआ करती थी..

और लाला की उम्मीद जल्द ही पूरी होती दिख गयी क्योंकि उसे दूर से पिंकी आती दिख गयी.

लाला : "अहह....रामलाल....देख आ गयी नयी नवेली चुड़क्कड़ नंबर वन....इस गाँव की सबसे हसीन लोंडिया , तेरे सपनो की रानी पिंकी...''

लाला उसे देखकर खुश हो ही रहा था की उसके पीछे से निशि निकलकर उसके साथ चलने लगी...
लाला की खुशी एकदम डबल हो गयी और उसके हाथ लंड पर और तेज़ी से चलने लगे

लाला : "बेटा रामलाल....आज लगता है तेरी किस्मत में डबल मज़ा लिखा है....एक की चूत मारूँगा और एक की गांड .....''

और तभी उसे उनके पीछे से निकलकर नाज़िया को आगे आते देखा.

और इस बार खुश होने के बजाए लाला के चेहरे पर चिंता के बादल आ गये..

क्योंकि अपनी उम्र और अपने लंड की केपेसीटी वो भी जानता था...
आज तक उसने कई बार डबल मज़ा लिया था पर एक साथ 3 को पेलने के बारे में तो उसे सपने भी नही आए थे.

उसकी चिंता इतनी गहरी थी की उसका कड़क घीए जैसा लंड, मुरझाए हुए खीरे की तरह लटक कर नीचे झूलने लगा...
Nice update
 

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तब तक काम पीपासा में लिपटी वो तीनो हुस्न की देवियाँ उसकी दुकान तक पहुँच गयी

पिंकी : "लाला...आज हमे देखकर खुश नही हुए....''



पिंकी भी मन ही मन हंस रही थी लाला का चेहरा देखकर,क्योंकि वो भी जानती थी की लाला का उन्हे देखकर क्या हाल हो रहा होगा..

लाला सकपकाते हुए बोला : "अर्रे नही तो...मैं ...मैं भला क्यो खुश नही होऊँगा....तुम्हे देखकर...''



उसने बोलते-2 तीनो के चेहरे की तरफ देखा और हर किसी की आँखो में चुदने की बेकरारी वो सॉफ देख पा रहा था..

निशि बोली : "अगर खुश हो तो हमे भी खुश कर दो ना लाला....चलो अंदर...''

लाला : "अंदर ??....तु ...तुम तीनो के साथ...??''

इस बार नाज़िया बोली : "क्यों ...डर लग रहा है क्या लाला....संभालना मुश्किल होगा क्या हमें एक साथ...''

इतना कहकर तीनो कच्ची कलियाँ खिलखिलाकर हंस दी और एक दूसरे के हाथ पर हाथ मारकर ये भी साबित किया की वो एक साथ ही चुदेगी आज तो...

लाला तो जैसे धर्मसंकट में पड़ चुका था...
हालाँकि तीन चूतें एक साथ मिलने के नाम से ही उसके अंदर अजीब सा रोमांच जागने लगा था पर वो ये भी जानता था की अब वो अपनी जवानी के दिनों वाला बांका जवान नही रहा है, उन दिनों में अगर ये ऑफर मिला होता तो 3 क्या 30 को भी अपने कमरे में ले जाता और सबको पेल डालता..

पर आज भी लाला में इतना गरूर तो जिंदा था ही की वो मज़ाक का पात्र नही बनना चाहता था,
इसलिए अपनी आवाज़ में थोड़ा रोब लाते हुए वो बोला : "देखो छोरियों , लाला ने कभी डरना सीखा ना हे ...वो तो मने तुम तीनों की चिंता हो रई थी वरना म्हारको क्या, एक साथ तीनों आ जाओ...''

इतना कहकर लाला बड़े रोब से उठकर अंदर की तरफ चल दिया...
वो तीनों भी खिलखिलाकर हँसती हुई एक के पीछे एक अंदर आ गयी..
लाला ने दूकान का शटर डाउन कर दिया.

आज लाला उन्हे उपर अपने बेडरूम में ले गया,
भले ही उसका बेड ख़स्ता हालत में था पर वहां चोदने का मज़ा अलग ही था...
एक लंबा सा सोफा भी था जिसपर लिटाकर अलग से चुदाई की जा सकती थी...

बैडरूम में पहुँचते ही तीनो लाला से ऐसे लिपट गयी जैसे बेल किसी पेड़ की शाखा पर लिपटती है...
लाला को हर तरफ से नर्म मुलायम मुम्मो ने घर लिया, उनके गर्म हाथ लाला के जिस्म पर ऐसे फिसलने लगे जैसे साँप..
और तीनो के हाथ रह-रहकर लाला की धोती के उपर से ही अंदर क़ैद रामलाल से टकरा रहे थे...
और रामलाल भी उस हमले को पहचानकर अपने बंकर में खड़ा हो चुका था, उनपर जवाबी हमला करने के लिए...
पर उससे पहले उसका बंकर से बाहर निकलना ज़रूरी था, जो लाला के हाथ में था..

लाला की तो बुरी हालत थी, एक साथ तीन कमसिन चुतों ने उसपर हमला जो कर दिया था...
पर इसका भी इलाज था लाला के पास...

उसने तीनों को एक तरफ किया और खुद एक कोने में रखे सोफे पर बाहुबली की तरह जाकर बैठ गया और बोला : "अर्रे...एक ही बार में सब मज़ा ले लोगी क्या...पहले मुझे अपने हुस्न का जलवा तो दिखाओ...तभी तो असली मज़ा मिलेगा...''

लाला उन्हे बातों मे उलझा कर कोई और प्लान बना लेना चाहता था...
और वो तीनो उसकी बातों में आ भी गयी...

तीनो ने स्कूल ड्रेस पहनी हुई थी....
सफेद रंग की सलवार और उपर नीले रंग का सूट...

तीनो ने मुस्कुराते हुए एक दूसरे की तरफ देखा और फिर धीरे-2 अपनी कमर मटकाते हुए अपनी-2 सलवार निकाल डाली....और फिर उपर की कमीज़ भी...

नाज़िया को छोड़कर उन दोनो ने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ था...
इसलिए उपर के कपड़े उतारते ही पिंकी और निशि के नंगे जिस्म सामने आ गये....
लाला कभी निशि की चिकनी चूत देखता तो कभी पिंकी की भरी हुई छातियाँ, और इसी बीच नाज़िया भी अपनी ब्रा पेंटी उतारकर नंगी हो गयी और घूमकर अपनी गांड मटकाकर लाला को रिझाने लगी, क्योंकि उन तीनों में उसी की गांड पर सबसे ज़्यादा चर्बी थी, और जिस लोंडिया का जो अंग सबसे नशीला होता है वो उसका इस्तेमाल करना कभी नही भूलती..
चाहे वो उसकी छाती हो या रसीले होंठ ।
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उन तीनो के नंगे पन को देखकर लाला ने भी रामलाल के उपर से धोती का परदा उतार फेंका..

अब आलम ये था की लाला अपने लंड को लहराता हुआ उनके सामने बैठा था और वो तीनों आँखे फाड़े उस मोटे खूँटे जैसे लंड की चमक रही स्किन को देख रही थी....
आज लाला ने जो स्पेशल ट्रीटमेंट दिया था रामलाल को उसकी वजह से वो दूर से किसी हीरे की तरह चमक रहा था और वो तीनों उस हीरे को जल्द से जल्द निगल लेना चाहती थी...



पर लाला ने उन्हे अपने पास आने से रोक दिया और बोला : "यहाँ वही आएगा जो मुझे अच्छे से खुश करेगा...पहले अपने हुस्न के कुछ जलवे तो दिखाओ...''

उन तीनो को ये भी समझ नहीं आया की ये सब करके लाला उन्हे उलझा कर रखना चाहता है,
क्योंकि लाला जानता था की उन तीनों के मुँह में जाते ही उसने एक ही झटके में झड़ जाना है...
और वो ये काम इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था...
वो उनके हुस्न का अच्छे से मज़ा लेकर ये काम करना चाहता था..

लाला की बात सुनते ही तीनों अपनी-2 छातियाँ निकालकर लाला को ललचाने लगी...
अपने निप्पल उमेठ कर उसकी लालिमा से लाला को रिझाने लगी...

निशि ने अपनी उभरी हुई चूत में उंगली डालकर अंदर का गीलापन लाला को दिखाया...
और फिर उस उंगली को चूसकर अपनी हालत का इज़हार किया जैसे कह रही हो की लाला तेरे लंड को भी ऐसे ही चूसूंगी..

पिंकी ने अपनी गोरी छातियों को उपर की तरफ उभार कर एक साथ चिपका दिया और मुँह खोलकर ऐसे गोल कर लिया जैसे लंड को बीच में फंसाकर लंड चूस रही हो..
लाला को उसका ये संदेश भी सॉफ-2 मिल रहा था की वो उसके साथ ठीक ऐसा ही करने वाली है.

नाज़िया के पास तो उसकी गांड ही थी जिसका लाला शुरू से ही दीवाना था,
इसलिए वो उछलकर बेड पर चढ़ गयी और अपनी गांड के उभार पीछे करके लाला को दिखाने लगी...
अपनी एक उंगली को मुँह में डालकर गीला किया और उसे सीसियाते हुए उसने अपनी गांड के अंदर डाल दिया जैसे कह रही हो की लाला आज तू इस निगोडी गांड को ही मारना...

नाज़िया की देखा देखी वो दोनो भी बेड पर चड़कर अपनी गांड लाला की तरफ करके अपनी उंगली से पीछे के छेड़ को कुरेदने लगी...
यानी तीनो ही अपनी गांड मरवाने के लिए तैयार थी...



लाला की हालत तो ऐसी हो रही थी जैसे अभी उसके लंड का पानी निकल जाएगा और वो निकलता भी तो इतनी ज़ोर से निकलता की दूर बैठी तीनो हुस्न की परियाँ भीग जाती...

पर लाला ने अपने आप को झड़ने से रोका हुआ था..

अपने जिस्म की नुमाइश के बाद तीनों के चेहरे पर रिज़ल्ट जानने की उत्सुकतता थी..

लाला ने इशारा करके पिंकी को अपनी तरफ बुलाया ताकि वो जो दिखा रही थी, उसे साबित कर सके..

बाकी दोनो के चेहरे मायूस हो गये..
पर लाला ने उन्हे होसला दिया

वो बोला : "अर्रे...तुम अपने काम में लगे रहो....अगली बार जिसका प्रदर्शन अच्छा हुआ, उसे बुलाऊंगा ...पिंकी तुम क्यों रुक गयी...तुम तो यहाँ आओ मेरी रानी...'

पिंकी उछलती हुई लाला के सामने आकर बैठ गयी,
अपने मुम्मो में उसने लाला के लंड को फँसाया और उसे टिट फक्क करते हुए लाला के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी..

लाला ने सीसियाते हुए उसके सिर को पकड़ा और बुरी तरह से उसके मुँह में लंड पेलकर उसका मुख चोदन करने लगा...



लाला के लंड जैसी ही कड़क चुचिया थी पिंकी की....
लाला तो उसके स्पर्श मात्र से ही झड़ने को हो गया...
उसने तुरंत अपना लंड उसके मुँह से खींचकर बाहर निकाला और बदले में उसे अपनी गोटियां चूसने को दे डाली...

पिंकी पर तो आज ऐसी खुमारी चढ़ी हुई थी की वो कुछ भी चूसने और चबाने को तैयार थी....
लाला के टट्टों को उसने बर्फ के गोले की तरह चूसना शुरू कर दिया, जैसे उसमें से मिठास निकल कर सीधी उसके मुँह में जा रही हो.

वो तो उसे तब तक चूसने वाली थी जब तक वो बर्फ पिघलकर लंड के रास्ते होती हुई उसके चेहरे पर ना आ गिरे,




पर लाला ने उसे एक बार फिर से रोक दिया..

लाला ने नाज़िया की तरफ इशारा करके कहा की अब तुम आओ..

पिंकी उठकर लाला के पीछे चली गयी और अपनी बाहें उनके गले में डालकर अपनी चुचियों से उनकी पीठ की मसाज करने लगी..

नाज़िया लाला के पास आई और आते ही अपनी गांड निकाल कर लाला के सामने खड़ी हो गयी...



लाला के खुरदुरे हाथ उसकी कसी हुई गांड पर आए और उसने उन्हे ऐसे दबाया जैसे प्लास्टिक का कोई खिलोना हो, जिसे दबाने से चू चू की आवाज़ें आती है...
चू की तो नही पर लाला के हाथ लगने से उसमें उहह आह की आवाज़ें ज़रूर आने लगी...

और फिर लाला ने वो किया जिसकी शायद नाज़िया को भी उम्मीद नही थी...
लाला ने मलाईदार गांड में अपना मुँह घुसा दिया और अपनी जीभ से उसकी नदी की तरह उफान रही चूत को कुरेदने लगे और अंदर से रिस रिसकर निकल रही मलाई को चाटने लगा...



लाला ने ये इसलिए भी किया ताकि थोड़ी देर तक उसके लंड को आराम मिल जाए...
पर वो तो तब मिलता ना जब उसकी किस्मत में आराम लिखा होता...
क्योंकि अपनी बारी की परवाह किए बिना ही निशि उठकर लाला के करीब आ चुकी थी और उसने बिना किसी चेतावनी के लाला के लंड को मुँह में लिया और उसे वैसे ही चूसना शुरू कर दिया जैसे कुछ देर पहले उसकी सहेली पिंकी चूस रही थी...

पीछे से पिंकी भी अपने नर्म मुम्मो से लाला के जिस्म की आग को भड़काने का काम कर रही थी...
अब आलम ये था की लाला तीनों तरफ से घिर चुका था, इसलिए लाला ने खुद को उनके हवाले कर देना ही सही समझा...

उसने अपने बदन को ढीला छोड़ दिया जो इस बात का संकेत था की उसने उनके सामने हार मान ली है.

पिंकी और निशि के तो चेहरे चमक उठे जब लाला ने ऐसा किया...
उन दोनो ने मिलकर लाला को खड़ा किया और सबसे पहले उसके सारे कपड़े निकाल फेंके...
अब लाला उन तीनो परियों के बीच किसी तगड़े राक्षस की तरहा खड़ा था जो उनका शिकार करने के लिए पूरा तैयार था...
लाला को ये तो पता था की एक को तो वो अच्छे से पेल डालेगा,
दूसरी को भी वो संतुष्ट कर ही देगा...
पर तीसरी के लिए उसे डाउट था...
इसलिए अभी तक वो घबरा रहा था.

पर अब जो होना था वो होकर रहेगा,
इसलिए वो आँखे बंद किए उनके हमले की प्रतीक्षा करने लगा...

वो तीनो उसके शरीर के चारों तरफ लिपट कर अपने मुम्मो से बॉडी मसाज देने लगी....
अपने गुलाबी होंठों से गीली-2 पप्पियाँ देने लगी...
और फिर एक-2 करके वो तीनो लाला के लंड के सामने बैठ गयी और उसे चूसने लगी...
कभी एक चूसती तो कभी दूसरी...
कभी बॉल्स चूसती तो कभी लंड.

ऐसा करते-2 वो तीनो लाला को घसीट कर बेड तक ले गयी...
और फिर उसे चित्त लिटा कर एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगी...
जैसे तय करने की कोशिश कर रही हो की पहले कौन चूदेगा.

फिर आँखो ही आँखो का इशारा समझकर सबसे पहले निशि लाला पर चढ़ गयी....
उसने अपनी चूत को सीधा लेजाकर लाला के खड़े लंड पर रखा और उसकी आँखो में देखते-2 अपना दबाव बनाकर नीचे फिसलती चली गयी..

''आआआआआआआआआअहह उम्म्म्मममममममममममम. .... लालाआआआआआआलाआ....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स..... ये लॅंड है ना जो तेरा.......कसम से.....इसी में पूरी दुनिया का नशा छिपा है....''



इस नशे के सामने वो शायद अपने भाई के लंड का नशा भी भूल चुकी थी..
जिसके मज़े वो पिछले 3-4 दिनों से ले रही थी...
सच ही कहते है, लंड और चूत जो सामने होती है वही अच्छी लगती है..

और इस वक़्त निशि को सामने का लंड यानी रामलाल ही अच्छा लग रहा था...
वैसे लगता भी क्यो नही, वो था ही इतना दमदार..

इसी बीच पिंकी उछल कर लाला के चेहरे पर बैठ गयी, और उसकी दाढ़ी मूँछ वाले चेहरे पर अपनी नंगी चूत को रगड़कर वहां का मज़ा लेने लगी....
थोड़ा आगे बढ़कर उसने अपनी प्यारी सहेली निशि के चेहरे को पकड़ा और उसके फफकते हुए होंठो को मुँह में लेकर एक जोरदार स्मूच में डूब गयी...

नाज़िया भला दूर बैठी कैसे रह सकती थी, वो भी लाला के करीब आई और निशि और लाला के मिलन वाली जगह पर मुँह लगा कर अंदर बाहर हो रहे लंड पर अपनी जीभ रगड़ने लगी...



लाला को एक ही बार में तीनों के स्पर्श का एहसास हो रहा था...
उसने हाथ उपर करके दोनो तरफ लटक रहे मुम्मो को एक-2 करके दबाना शुरू कर दिया, उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने आम के बगीचे में लेटा है और उपर कच्ची अंबिया लटक रही है जिन्हे नॉचकर वो उनके गूदे का मज़ा ले रहा है..

इसी बीच निशि को नाज़िया पर तरस आ गया, वो लाला के लंड से उतर के नीचे आ गयी और नाज़िया को उपर चड़ने को कहा...
वो खुशी-2 लाला के लंड पर सवार हुई और एक बार फिर से लाला का घोड़ा एक लंबी रेस दौड़ने लगा....
इस बार लाला ने करीब 5 मिनट तक बिना रुके अपने घोड़े को उसकी चूत में दौड़ाया और फिर वो मौका भी आया जब लाला के लंड से ढेर सारा देसी घी निकलकर नाज़िया की नन्ही चूत में जाने लगा...



और लगभग उसी वक़्त पिंकी की चूत ने भी अपने अंदर का पानी लाला के चेहरे पर छोड़ दिया...
लाला का पूरा चेहरा और दाड़ी मूँछे उसके रंगहीन चिपचिपे पानी में भीग गयी...

और लाला जब झड़ा तो उस पानी को पीता हुआ, एक गाड़ी डकार मारकर ज़ोर से चिल्लाता हुआ उसकी चूत में झड़ने लगा...

और जैसे ही लाला ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर खींचा, दोनो का मिला जुला रस निकलकर उसके पेट पर आ गिरा, जिसे वो तीनों प्यासी बिल्लियाँ मिलकर चाट गयी...
और फिर एक-2 करके उन्होने लाला के लंड का बचा हुआ पानी भी निकालकर पिया.



और फिर तीनों वही लाला के साथ पलंग पर लेटकर अगले हमले के बारे में सोचने लगी..

और लाला सोच रहा था की अब क्या होगा उसके साथ....
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