“बस अब खुश है ना……..यही चाहता था ना तू……. जल्द से जल्द तेरा लौड़ा तेरी मम्मी की चूत में घुस जाए…………………उउउफफफफफफ्फ़……एक तो इतना लंबा मोटा है ……….. हाअयययययई मेरी चूत तो तू किसी काम की नही छोड़ेगा……………” सलोनी उखड़ी सांसो के बीच बोलती है | राहुल कुछ ज्वाब नही देता | ज्वाब देने की बजाए वो अपना चेहरा नीचे झुकाता है और सलोनी के एक निप्पल को मुँह में भर लेता है |
“उउउन्न्नन……आआहह…………धीरे धीरे चूस……………………आराम से…..उफफफफफ्फ़” सलोनी सिसक पड़ती है | कुछ देर राहुल एक निप्पल को चूस्ता रहता है और फिर जब होंठ हटाकर दूसरे मुम्मे की और मुँह ले जाता है तो सलोनी उसका चेहरा अपने हाथों में थाम उसे रोक लेती है | वो टेबल पर पड़ी प्लेट पास खींचती है और उसमें से एक सॅंडविच निकालकर राहुल के होंठो के करीब करती है मगर राहुल का उस समय सॅंडविच खाने का कोई मूड नही था वो इनकार में सर हिलाता है |
“मुझे माँलूम है तुझे अब मम्मी चोदनी है लेकिन जब तक खाएगा नही मैं तुझे नही दूँगी ... अगर मेरी लेनी है तो खाना खाना पड़ेगा.” राहुल की खीझ उसके चेहरे से सॉफ जाहिर हो रही थी कि उसे अपनी मम्मी की यह शर्त बिल्कुल भी पसंद नही थी | मगर वो जानता था उसे उसकी बात माननी ही पड़ेगी, इसके सिवा उसके पास कोई चारा नही था | वो अपना मुँह आगे करता है तो सलोनी उसके खुले मुँह में सॅंडविच डालती है |
“यह हुई ना बात... अगर मेरा कहना मानेगा तो सब कुछ मिलेगा, आगे से भी दूँगी और पीछे से भी... कहना नही मानेगा तो फिर कुछ नही मिलेगा….समझ गया ना” सलोनी अपनी कमर को गोलाई में हल्के हल्के हिलाते बोलती है | पीछे से देने वाली बात सुनकर राहुल का लंड और भी भड़क उठा था | वो अपनी मम्मी की गांड का तभी दीवाना हो गया था जब उसने बाथरूम में कपड़े देने के समय उसकी गांड के पहली बार दर्शन किए थे | राहुल जल्दी जल्दी खाने लगता है | वो फटाफट खाना खत्म कर अपनी मम्मी की चूत का आनंद लेना चाहता था | उसकी जल्दबाज़ी देख सलोनी के होंठो पर मुस्कराहट फैल गयी थी |
“अरे धीरे धीरे……क्या कर रहा है……उउउफफफ्फ़……..यह लड़का भी ना……तेरा लंड मेरी चूत में तो घुसा हुआ है…………अभी दो मिनिट का सब्र भी नही कर सकता” सलोनी उसे छेड़ती है | मगर राहुल जितना फास्ट हो सकता था ख़ाता रहा और सलोनी उसके लंड को चूत में लिए अपनी कमर घूमाती रही. जैसे ही आख़िरी बाईट ख़तम होती है राहुल अपनी मम्मी के एक मुम्मे को मुँह में भर लेता है और दूसरे को मसलने लगता है | अब तक सलोनी के लिए भी बर्दाशत करना मुश्किल हो चूका था | वो बेटे के कंधे थामे उपर को उठती है, लंड चूत से बाहर निकलने लगता है, अंत में केवल सुपाड़ा अंदर रह जाता है | सलोनी होंठ भींचती है और धम्म से लंड पर अपना वजन डाल देती है |