"उउउन्न्नहहह..........." राहुल अचानक चिंहूक उठता है | वो अपना चेहरा उठाकर अपनी मम्मी के चेहरे को देखता है | सलोनी का चेहरा उत्तेजना और माँदकता से चमक रहा था | दोनो माँ बेटा एक दूसरे की आँखो में देखते हैं | सलोनी अपना एक हाथ उसकी गांड से हटाकर अपने मुँह के पास लाती है और फिर अपनी एक उंगली वो अपने मुँह में डालती है | उसकी नज़रें राहुल के चेहरे पर ज़मी हुई थीं | सलोनी अपने मुँह से उंगली बाहर निकालती है तो वो उसके मुखरस से चमक रही थी | राहुल अपनी माँ को जिज्ञासा से देख रहा था | सलोनी का हाथ फिर से राहुल की गांड पर जाता है वो अपनी उंगली राहुल की गांड पर दबाती है | अब जाकर राहुल समझा था उसकी माँ ने अपनी उंगली थूक से गीली क्यों की थी | सलोनी उंगली दबाना चालू रखती है | राहुल की गांड बेहद्द कसी हुई थी मगर सलोनी की उंगली के लगातार दवाब के बाद वो धीरे धीरे थोड़ा थोड़ा सा खुल रही थी, जितना गांड खुल रही थी उतना ही उंगल दबा बनाती जाती और आख़िरकार सलोनी की मुखरस से गीली उंगली का ऊपरी सिर उसके बेटे की गांड में हल्का सा घुस जाता है |
"मम्म्मममी...........मम्म्ममय्यययी" राहुल पीड़ा और सनसनी से कराह उठता है | वो अपनी माँ के चेहरे को हाथों में थाम अपना चेहरा उसके चेहरे पर झुकाता है और दोनो माँ-बेटे के होंठ आपस में मिल जाते हैं | सलोनी तुरंत अपने बेटे के मुख में अपनी जिव्हा धकेल उसके मुख को चूमने चूसने लगती है | उसकी उंगली लगतार दवाब बनाते अपने बेटे की गांड में घुसती चली जा रही थी | राहुल उत्तेजना से भडकता हुआ अपनी मम्मी की जिव्हा अपने होंठो के बीच दबा लेता है और उसे ज़ोरों से चूसने लगता है | दोनो एक दूसरे के मुँह में सिसक रहे थे |
राहुल को अपनी गांड के छेद में हल्की हल्की चुभन महसूस हो रही थी | मगर वो चुभन उसकी उत्तेजना को बढ़ाती जा रही थी | वो अपनी माँ के होंठो पर होंठ दबाए उसकी जिव्हा चूस रहा था, उसके मुखरस को पी रहा था | आख़िरकार दोनो के मुँह अलग होते हैं और दोनो खांसने लगते हैं | दोनो की साँसे बुरी तरह से उखड़ी हुई थी | दोनो गहरी गहरी साँस लेते खुद को संभाल रहे थे |
"आहह...........राहुल.....बेटा देखो मेरी चूत में कुछ हिल डुल रहा है....हाएएए............यह तो झटके मारने लगा है बेटा..........हाए कितना लंबा मोटा है.........देखो तो बेटा तुम्हारी मम्मी की चूत में क्या घुस आया है......." सलोनी गहरी गहरी साँस लेती बहुत ही कामुक अंदाज़ में कुछ इस तरह बोलती है कि उन लफ़्ज़ों की अश्लीलता और भी बढ़ जाती है | राहुल का लंड और भी ज़ोर से झटके मारने लगता है |
"हे भगवान.........राहुल बेटा ..........आआअहह.........देखो ना तुम्हारी मम्मी की चूत को...............हाए तुम्हे अपनी मम्मी की ज़रा भी फ़िक्र नही है......... उउउफफफफफफ्फ़ इतना लंबा मोटा मेरी चूत में क्या घुस..........."
सलोनी अपनी बात पूरी नही कर पाई थी कि राहुल ने बीच में ही उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए और उसका मुँह बंद कर दिया | वो और भी ज़ोर शोर से अपनी माँ के होंठो को चूसने लगता है, उत्तेजना में उन्हे काटने लगता है | राहुल का पूरा ध्यान अपनी माँ की उंगली पर था जो उसकी गांड में घुसती चली जा रही थी | उसे खुद माँलूम नही चला था कब उसका लंड पूरा अकड़ गया था और कब उसने झटके मा