Nevil singh
Well-Known Member
- 21,150
- 53,005
- 173
m
majedaar update."क्या ज़रूरत थी इतना भागने की, बोला था ना वहीं रुकने के लिए.... कितना पसीना पसीना हो गया है" सलोनी बेटे को डांटती है | दुकान वाला प्लास्टिक बैग में बैंगन डालता राहुल की और देखता है | राहुल का गुस्सा और भी भड़क उठता है | दुकानवाले की नज़र उपहास से भरी हुई थी, राहुल को लगता है जैसे वो दुकानवाला उसके उपर हंस रहा हो |
"यह लीजिए बहनजी आपके बैंगन.. जितना आपने कहा था बिल्कुल उतना ही डाला है मैने, अगर आपको और चाहिए तो बोलिए मैं और डाल देता हूँ.... अभी मेरे पास बहुत बाकी पड़ा है", दुकानवाला बिना सलोनी के चेहरे की और नज़र उठाए उसके मुम्मो को घूरता हुआ बोलता है | वो बिना किसी डर के उसके मुम्मो को घूर रहा था | उसकी इतनी हिम्मत देख सलोनी दंग रह गयी थी |
"ज़्यादा बकवास ना करो... पैसे काटो जल्दी से" सलोनी खीझ कर बोल उठती है | उसे राहुल को यह सब सुनाने पर दुख महसूस हो रहा था जिसकी मुट्ठियाँ भींच गयी थी और लगता था अगर वो कुछ देर वहीं खड़ा रहा तो दुकान वाले की खैर नही थी |
"अरे बहनजी पैसे तो मैने आपसे कहा था कि रहने देती.... अब आप जैसी बहन हो तो आदमी पैसा लेता अच्छा नही लगता.... खैर अब आप इतनी खुशी से दे रही हैं तो ले लेता हूँ" | दुकानवाला बहुत आराम आराम से पैसे पकड़ता है | फिर वो अपनी पॉकेट में इधर उधर कुछ ढूंढने लगता है |
"अब क्या बात है?" सलोनी गुस्से से तमतमा रही थी |
"अरे बहनजी मेरे पास छुट्टा नही है? अब पाँच रुपया काटना है और आपने इतना बड़ा नोट दे दिया है" वो पुन्य सलोनी के मुम्मो पर अपनी नज़र गढ़ा देता है |
"मेरे पास छुट्टा है तुम यह पाँच रुपये लो और वो नोट वापस करो" दुकान वाला बेशर्मी से हंसता हुआ सलोनी को पहले वाला नोट देता है और उससे छुट्टा ले लेता है | सलोनी छुट्टा लेकर राहुल को चलने के लिए कहती है जो उस दुकान वाले को जान से मार देना चाहता था |
"बहनजी आती जाती रहिएगा......आप ही की दुकान है....और हाँ देखना मेरे बैंगन का स्वाद आपको बहुत पसंद आएगा... मेरे बैंगन जितना लंबा मोटा बैंगन आपको इस बाज़ार से तो क्या और कहीं से नही मिलेगा" दुकानवाला पीछे से सलोनी की गांड को घूरता हुआ उसे बोलता है | सलोनी अभी मुश्किल से दो कदम चली थी जब उस दूकानवाले ने उसे पीछे से वो बात कही थी | सलोनी ठिठक पड़ती है | उसके कदम जहाँ के तहाँ रुक जाते हैं | राहुल भी रुक जाता है वो पीछे मूड कर दुकानवाले की और कदम बढ़ता है जो हंस रहा था | सलोनी राहुल का हाथ कस कर पकड़ लेती है और उसे रोक देती है | वो बैंगन का बैग राहुल को पकड़ा देती है और मुस्कराती हुई दुकानवाले की तरफ़ बढ़ती है | राहुल भी अपनी मम्मी के साथ आगे बढ़ता है |