"बाहर, जहाँ ... कोई भी देख सकता है मम्मी" राहुल इधर उधर देख कर बोलता है |
"तो क्या हुआ" सलोनी एक ड्रॉयर को खोलती है | उसमें से एक मैगज़ीन निकाल कर राहुल की और फेंकती है | "इससे ढँक लेना"
राहुल को यह स्कीम पसंद आती है | वो मैगज़ीन पेंट के उभार के उपर रखकर अपनी ज़िपर खोलता है और अपना लंड बाहर निकालता है | लंड के बाहर निकलते ही राहुल "ओह" करके चैन की साँस लेता है | उसके चेहरे से फ़ौरन राहत झलकती है | सलोनी उसे देखकर मुस्करा उठती है |
"ज़रा दिखा तो मुझे."
"अभी जहाँ ... नही-नही मम्मी" राहुल घबराता सा बोल उठता है |
"क्यों, अभी कौनसा इसे कोई देख लेगा? ज़रा मेरी और से थोड़ी सी मैगज़ीन उठा दे, मैं देख लूँगी" सलोनी राहुल को ज़ोर देते हुए कहती है |
"ठीक है मैं दिखाता हूँ, लेकिन पहले आपको वायदा करना होगा आप इसे टच नही करोगे और ना ही कोई ऐसी वैसी हरकत करोगे, आपने पहले ही मेरी हालत बहुत खराब कर दी है" राहुल अपनी मम्मी के आगे शर्त रखता है |
"ओह ......... तू तो लड़कियों की तरह नखरे दिखा रहा है ... उउन्न्नह मैं नही दिखायुंगी, सिर्फ देखना छूना नही ........ धीरे धीरे करो ना ... दर्द होता है ....... राहुल तू भी बस किसी नयी लड़की की तरह है ... अगर मैं कुछ करती हूँ तो तुझे प्राब्लम है अगर नही करती हूँ तो तुझे प्राब्लम है, मुझे तो यही समझ में नही आता तू चाहता क्या है"
सलोनी राहुल को तीखी नज़रों से घूरती है, राहुल अपनी मम्मी को आहत भाव से देखता है |
"चल ठीक है बाबा मैं कोई ऐसी वैसी हरकत नही करूँगी ...... अब दिखा भी दे" सलोनी थोड़ा मुस्करा कर कहती है |
राहुल एक बार आस पास नज़र डालता है खास करके अपनी मम्मी की तरफ़ | फिर वो अपनी तरफ़ से मैगज़ीन दबाकर सलोनी की तरफ़ वाला हिस्सा उपर उठाता है | सलोनी की नज़र राहुल के लंड पर पड़ती है, वो कुछ लम्हे लंड को बड़े ध्यान से देखती है | लंड इस कदर अकड़ा हुआ था कि वो झटका भी नही खा रहा था, एकदम पत्थर की तरह सख्त था | उसके उपर नसें उभर आई थी, सूपाड़ा इतना गहरा सुर्ख लाल दिख रहा था जैसे खून में डुबोया हो | एक तो लंड की लंबाई चौड़ाई पहले से ही ज़्यादा थी और उपर से वो इस कदर सख्त हो चुका था कि वो विकराल लंड देखने में ही बहुत भयानक दिख रहा था | यही लंड जब उसकी चूत में घुसेगा तो क्या धमाल मचाएगा ..... यह सोचते ही एक बार फिर से सलोनी की चूत गीली हो जाती है |