"उउउफफफफ्फ़ मम्म्ममी .................." राहुल का जिस्म कांप रहा था | लंड ने झटके मारने शुरू कर दिए थे | राहुल टेबल के सिरों को कस कर पकड़ लेता है | वो बहुत गहरी गहरी साँसे ले रहा था | अपनी पूरी मनोशक्ति का इस्तेमाल कर वो खुद को झड़ने से रोकने का प्रयत्न कर रहा था | जितनी वो कोशिश कर रहा था उतनी ही सलोनी भी कोशिश कर रही थी | राहुल ने होंठ भींच लिए, अपनी आँखे बंद करली, मुट्ठियाँ भींच ली, वो गिनती करने लगा कि अब कितने सेकेंड तक वो खुद को रोक सकता है ....... एक ..... दो...... तीन .... चार ...... पाँच ....... अचानक उसका लंड एक ज़ोर का झटका ख़ाता है क्योंकि सलोनी ने अपने पाँव की गिरफ़्त से उसे आज़ाद कर दिया था | राहुल अपनी आँखे खोल देता है | टेबल के पास वेटर खड़ा था | सलोनी पर्स से पैसे निकाल उसे देती है और वेटर आइसक्रीम रख कर वहाँ से निकल जाता है | राहुल को अब भी लग रहा था जैसे उसका लंड वीर्य छोड़ देगा | मगर सलोनी आराम से बिना कोई हरकत किए आइस्क्रीम खाने लगती है | थोड़ा सा संभल कर राहुल भी आइस्क्रीम ख़ाता है | आइस्क्रीम की ठंडक उसके पेट में तो शीतलता प्रदान कर देती है मगर उसके लंड का सूपाड़ा जल रहा था |
"इसे पेंट में डाल और चल ... घर चलते हैं ... जल्दी कर" सलोनी की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी | उसके निप्पल अकड़े हुए थे वो खुद उस समय चूदने को बेकरार हो उठी थी |
"अंदर कैसे डालूं, यह पेंट में नही घुसेगा अब" अब राहुल को नयी चिंता सता रही थी |
"पेंट को खोल कर इसके उपर बाँध ले ... जल्दी कर" सलोनी टेबल से अपना पर्स उठाती है और कार पार्किंग के लिए निकलती है |
मरता क्या ना करता, राहुल पेंट को खोलता है और उसे लंड के उपर बाँध लेता है | वो अपने लंड को तो छुपाने में सफल हो गया था मगर पेंट टाइट होने की वजह से और उपर से उसका लंड बुरी तरह फूला होने के कारण उसके लंड में दर्द महसूस हो रहा था और उपर से चलने के समय उसका लंड उसके पेट से घिसने लगा | राहुल अभी भी बहुत उत्तेजित था उसे लगने लगा कि कार तक पहुंचने से पहले ही उसका वीर्य निकल जाएगा | वो बहुत संभल कर कदम रख रहा था मगर फिर भी लंड का पेट पर घर्सन तो हो ही रहा था | राहुल हर कदम पर भगवान से प्रार्थना कर रहा था | उसके लिए तो गाड़ी तक पहुँचना भी भयानक यातना हो गयी थी | मगर अब किसी द्वारा देखे जाने का भय नही था क्योंकि पार्किंग में अंधेरा था मगर फिर भी उसे अपनी मम्मी के बोल याद थे | पार्किंग में उस समय कोई भी नही था | सलोनी आगे चलती गाड़ी के पास खड़ी हो जाती है | राहुल हल्का हल्का लंगड़ा रहा था | राहुल जैसे ही गाड़ी के पास जाकर ड़ोर खोलने के लिए हाथ आगे बढ़ाता है तो सलोनी उसका हाथ पकड़ लेती है | वो राहुल को अपनी तरफ़ घूमाती है और नीचे बैठ जाती है |
है |