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Incest हाय रे ज़ालिम.....

Rakesh1999

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देवा और पप्पू बात करते है।
 
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Rakesh1999

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अपडेट 149




देवा के घर सभी मेहमान आ चुके थे इसलिए उसका घर इतने ज्यादा मेहमानों से भर चूका था की अब देवा को घर में किसी को भी चोदने का मौका नहीं मिल सकता था।

काम इतना ज्यादा था की बाहर जाके चुदाई करना भी मुश्किल हो चूका था। शालू का घर भी मेहमानों से भर चूका था।


आज शादी का दिन था।देवा ने भाग दौड़ करके शादी की सारी तैयारियां कर ली थी।

देवा;ने अपनी शादी में किसी किस्म की कसर नहीं छोड़ा था सब काम वक़्त से पहले उसने पूरे कर दिये थे।
और वो दिन भी आ गया था जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार था।
बारात शालू के घर आ चुकी थी और शादी लगने में १ घण्टा बाकी था।
नीलम को शालू और देवकी सजा रही थी की तभी पप्पू वहां आ जाता है।
पप्पू;अरे वाह।
मेरी प्यारी बहन आज तो अप्सरा जैसी लग रही है
ये सुनकर नीलम के चेहरे पर हलकी सी शर्म की लाली बिखर जाती है।
हर लड़की की ज़िन्दगी में उसकी शादी सबसे बड़ा दिन होता है।
एक तरफ जहाँ घर से जुदा होने का गम था नीलम को। वही दूसरी तरफ नई ज़िन्दगी शुरु करने की ख़ुशी भी थी।
शालू ; रश्मि तू यहाँ बैठ। मै ज़रा बाहर देख कर आती हूँ मेहमान ठीक से हैं की नही।
और पप्पू तू भी जल्दी से बाहर आ जा बेटा।

शादी बहुत अच्छे से बीत जाती है। जिसमे रश्मि ने देवा को साली के नाते परेशान भी किया। शादी अच्छे से बीत जाती है और सुबह नीलम विदा होकर देवा के घर चली आती है।

रात भर के चहल पहल के बाद सभी मेहमान धीरे धीरे विदा लेने लगते है। खेती का समय था। शाम तक सभी मेहमान चले जाते है।रत्ना ममता को रोकना चाहती थी लेकिन हरी के पिता की तबियत बहुत ख़राब थी इसलिए ममता को मजबूरन जाना पड़ा।रत्ना ने ममता को जल्दी बुलाने को कहकर रोते हुए विदा किया।
 

Rakesh1999

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शाम को.....

इधर रत्ना अपने बेटे के सुहागरात की तैयारियां करने लगती है। तभी नीलम रत्ना के पास आ जाती है और कहती है । मैं चाहती हूँ की सुहागरात में आप भी मेरे साथ रहो और ये सुहाग का जोड़ा आप भी पहन लो। आपके बेटे की भी यही इच्छा है।

रत्ना: मैं क्या करूँगी भला। तुम्हारी पहली रात है बेटी तुम ही संभालो मेरे बेटे को और उसके मूसल को भी........

नीलम शरमाकर अपना चेहरा रत्ना के सीने में छुपा लेती है। दोनों औरतें बेड रूम में चली जाती हैं। रत्ना पूरे रूम में स्प्रे मारती है। बेड पे गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा देती है, और नीलम का हल्का-हल्का मेकअप करती है। उसके बाद वो खुद भी लाल साड़ी पहन लेती है, बिना ब्रा-पैंटी के और लहंगे ब्लाउज के अलावा सिर्फ़ एक लाल साड़ी अपने जिस्म पे लपेटने में उसे आज एक नया खुशगवार एहसास हो रहा था। उसके जिस्म से बार-बार साड़ी निकल जा रही थी। वो अपने काँपते हाथों से साड़ी पहन ही लेती है।

वो खुद से ज्यादा नीलम को तैयार कर रही थी। वो जानती थी कि ये रात नीलम की जिंदगी की ना भूलने वाली रात बन जाएगी, जिसे वो पूरी तरह खूबसूरत बनाने वाले थे।

नीलम: “मम्मी, मैं कैसी लग रही हूँ?” नीलम खुद को आईने के सामने देखते हुए बोली।

रत्ना“एकदम आसमान की परी जैसे…” अब चलो यहाँ बेड पे बैठ जाओ ऐसे, और वो नीलम को बेड पे बिठा देती है, और उसके सर पे घूँघट डाल देती है। फिर खुद भी उसके बगल में घूँघट डालकर बैठ जाती है।

रत्ना जोर से आवाज़ लगाते हुए-“सुनिये, आप आ जाइए…”

देवा जो उस रूम से अटैच्ड रूम में एक नया सूट पहने खुद को आईने में देख रहा था, रत्ना की आवाज़ से खुश हो जाता है। जाने कितने दिनों से उसके दिल में एक ख्वाइश थी कि वो अपनी मम्मी और नीलम को दुल्हन के रूप में एक बेड पे लाल साड़ी पहने घूँघट डाले देखे। आज वो पल आ गया था। वो धड़कते दिल के साथ रूम में दाखिल होता है।


देवा रूम में पहुँचकर दरवाजा बंद कर देता है। आज उसका दिल उसके बस में नहीं था। ऐसा नज़ारा उसकी आँखों ने पहली बार देखा था। एक बेड पे उसकी अपनी सगी माँ और पत्नी उसका बेसबरी से इंतजार कर रही थीं। देवा जाकर बेड पर बैठ जाता है। दोनों औरतें उसका पैर छूकर आशिर्बाद लेती है।


नीलम का दिल जोरों से धड़क रहा था। वो नहीं जानती थी कि देवा उसके साथ क्या-क्या करने वाला है? वो तो बस अपने दिल की धड़कनों को संभालने की कोशिश में लगी थी।
अचानक देवा उसका घूँघट उठा देता है, और उसका चेहरा ऊपर उठाते हुए-“मेरी तरफ देख नीलम…”
 

Rakesh1999

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नीलम अपनी पलकें ऊपर उठाती है। सामने देवा का दमकता चेहरा उसे साफ नज़र आ रहा था। देवा के चेहरे पे खुशी, जोश और मोहब्बत के कई असर नज़र आ रहे थे।
देवा नीलम के नाज़ुक होंठों को चूमकर दूर हो जाता है। अभी उसे एक और काम करना था। रत्ना उसकी पहली बीवी, वो नीलम की तरह ही उसका बेसबरी से इंतजार कर रही थी। यूँ तो रत्ना कई बार देवा से चुद चुकी थी, पर न जाने आज क्यूँ वो खुद को एक नई नवेली दुल्हन की तरह महसूस कर रही थी।

देवा रत्ना का भी घूँघट उठा देता है।

दोनों औरतें देवा के चेहरे को देखे जा रही थीं। पूरे माहौल में सिर्फ़ खामोशी पसरी हुई थी। देवा की आवाज़ दोनों को इस दुनियाँ में वापस ले आती है।

देवा अपना सूट उतारने लगता है। जब वो अपना शूट उतार देता है। तो वो सामने बैठी दोनों दुल्हनों को जो उसे ही देखकर दिल में मुस्कुरा रही थीं, अपने सीने से चिपका लेता है।

नीलम तो जैसे इसी पल के इंतजार में थी। वो देवा से किसी छोटे बच्चे की तरह चिपकी हुई थी। देवा की चौड़ी छाती और उसपे घने बाल उसकी नाज़ुक चुचियों से रगड़ने लगते हैं।

रत्ना देवा के कान में धीरे से कहती है-“आपको दोनों दुल्हनें बहुत-बहुत मुबारक हों जानू…”

देवा से अब रुकना मुश्किल था। वो रत्ना के नरम गुलाबी होंठों को चूमने लगता है, और एक हाथ से नीलम की साड़ी जो सिर्फ़ दो पिन से अटकी हुई थी, खोल देता है।

रत्ना के जिस्म से साड़ी अपने आप ही खुलती चली जाती है। वो और देवा एक दूसरे को खा जाने वाले अंदाज में चूमे जा रहे थे। आज रत्ना की चूत में चुदने से पहले ही धीरे-धीरे पानी आ चुका था। देवा दोंनो दुल्हनों की मदद से उनके कपडे और गहने निकाल देता है।

देवा अपनी नई नवेली दुल्हनों को बेड पे लेटा देता है, जिनके जिस्म पे अब कोई चीज़ नहीं थी। नीलम का जिस्म किसी गुलाब के फूल की तरह महक रहा था। उसके जिस्म की खुशबू देवा को पागल बनाने लगी थी, और वो नीलम के चेहरे पे झुकता चला जाता है।
 

Rakesh1999

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देवा सबसे पहले नीलम की पेशानी, फिर गाल, फिर नाक, फिर होंठ, फिर गर्दन, फिर हल्के गुलाबी निपल को मुँह से चूमे चाटे चला जा रहा था। उसकी इस हरकत से जहाँ नीलम के जिस्म में कंपकंपी मची हुई थी, वहीं रत्ना अपनी चूत को रगड़े बिना नहीं रह पा रही थी।

रत्ना देवा के पायजामे का नाड़ा खोल देती है। और देवा का तना हुआ लण्ड उसके मुँह के सामने आ जाता है। वो बिना डरे उसके लण्ड को अपने गले तक उातरती चली जाती है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प उंन्ह… गलप्प्प-गलप्प्प…”

हैरत की बात तो ये थी कि इस सबके दौरान कोई भी किसी से बातें नहीं कर रहा था। वो सिर्फ़ पूरे जोश के रंग में रंगना चाहते थे। उन्हें किसी चीज़ की कोई फिकर नहीं थी।

देवा नीलम के पेट तक पहुँच चुका था, वो उसकी छोटी सी नाभी में अपनी जीभ डाले उसे कमर उठाने पे मजबूर कर रहा था।

नीलम जानती थी कि देवा आगे क्या करने वाला है? और वो इसके लिये तैयार भी थी। जैसे ही देवा के लबों ने नीलम की कुँवारी चूत को पहली बार छुआ, नीलम के रोम-रोम में बिजली की लहर दौड़ गई। वो अपने दोनों हाथों से देवा के सिर को अपनी चूत पे दबाने लगती है।

देवा पहली बार नीलम के साथ ये सब कर रहा था और उसे इस सब में बहुत मज़ा आ रहा था। एक तरफ रत्ना देवा के लण्ड को अपने मुँह में से निकालने को तैयार नहीं थी।

वहीं दूसरी तरफ देवा नीलम की चूत को अपनी जीभ से चाटे जा रहा था। इस सब बातों से दूर कि बेचारी नीलम जिसकी चूत को वो खुद भी कभी कभार ही छूती थी, क्योंकी उसकी चूत बहुत सेंसटिव है। जब भी नीलम नहाते वक्त अपनी चूत को छूती तो दो मिनट में ही उसका पानी निकलने लगता था। और यहाँ तो देवा किसी भूखे कुत्ते की तरह नीलम की चूत को चाटे जा रहा था-“गलप्प्प गलप्प्प-गलप्प्प…”

पूरे रूम में नीलम की सिसकारियों की आवाज़ गूँज रही थी।

देवा का लण्ड एक झटका मारता है, और उसका गाढ़ा पानी रत्ना के मुँह को भरने लगता है।
 

Rakesh1999

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दूसरी तरफ नीलम अपने पहले प्यार को अपनी चूत का पानी पिलाने के करीब थी-“उंन्ह… आह्म्मह… सुनिए ना उंह्म्मह… मम्मी मरी उंन्ह…” वो जोर के झटके के साथ उछली और अपनी कमर दो-तीन बार बेड पे पटक के निढाल हो जाती है। उसकी चूत के पानी ने देवा के पूरे चेहरे को भिगो दिया था।

देवा लेट जाता है, और नीलम उसके ऊपर चढ़ जाती है। आज उसने ठान लिया था कि चाहे चुदते-चुदते उसे मौत क्यूँ ना आ जाये वो देवा को आज रात भर नहीं सोने देगी।
रत्ना अपने चेहरे से देवा के पानी को साफ करने वाली थी कि नीलम रत्ना के चेहरे को अपनी जीभ से चाटने लगती है।

नीलम: “मम्मी, मुझे भी अपने पति का पानी चखने दो ना…”

रत्ना और नीलम देवा के पास बैठे एक दूसरे को जीभ से चाटने लगते हैं। देवा ये सब देख रहा था जिससे उसके लण्ड में जान आने लगी थी।

देवा नीलम के बाल पकड़कर उसका चेहरा अपने लण्ड पे झुका देता है-“अह्म्मह… चूस मेरी जान… अपने मरद का लौड़ा आह्ह्हह… आज ये तुझे जन्नत की सैर कराएगा आह्ह्ह्हह… आह्ह्ह्हह…”

नीलम:“हाँ… जानू आहह… गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” वो अपने सर को ऊपर-नीचे जोर-जोर से करने लगती है, और 5 मिनट में ही देवा के लण्ड को खड़ा कर देती है।

देवा अब किसी भी किस्म की देर नहीं करना चाहता था। वो नीलम को बेड पे लेटा देता है, और उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख देता है, जिससे नीलम की चूत ऊपर की तरफ आ जाती है।

नीलम“ मम्मी जी, मैं कैसे ले पाऊँगी इतना बड़ा?”

रत्ना नीलम की चुचियों को अपने मुँह में लेती हुए-“कुछ नहीं बेटी, वो तुझे प्यार से करेगा। बस तू थोड़ा बर्दाश्त कर ले…” और रत्ना नीलम के होंठों को खोलकर अपनी जीभ उसके मुँह में डाल देती है, और इशारे से देवा को अपना लण्ड नीलम की कुँवारी चूत में डालने के लिये कहती है।

देवा नीलम के पैरों को और खोल देता है, और अपने भीगे हुए लौड़े को नीलम की कुँवारी चूत पे रगड़ने लगता है।
 

Rakesh1999

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नीलम:“उंघह उंह्म्मह… उह्ह उसके मुँह से सिसकारियाँ ही निकल सकती थीं। वो आने वाले लम्हे का इंतजार भी कर रही थी और उसे डर भी था कि कहीं देवा…”

रत्ना:“अह्म्मह… आह्हम्म्म्म…”
तभी देवा नीलम की चूत में जोर से धक्का मारता है।
देवा का लंड कुँवारी नीलम की चूत को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा नीलम की चूत में फँस जाता है।

नीलम“उंन्ह… घूँन् घूँन मम्मी जी…” वो इतने जोर से चीखी कि देवा को अपने हाथों से उसके मुँह को बंद करना पड़ा। देवा का आधे से ज्यादा लण्ड नीलम की चूत में था और उसकी चूत का परदा फट चुका था।नीलम की चूत से खून निकल चूका था। नीलम की आँखों से लगातार आँसू निकल रहे थे। उसका पूरा जिस्म कांप रहा था, उसकी चूत जैसे किसी अंगारों पे रख दी गई थी।

देवा एक और झटका देता है, और अपना पूरा का पूरा लण्ड नीलम की चूत में उतार देता है। देवा जानता था देर से दुर्घटना भली-“अह्म्मह… बस मेरी जान हो गया ना… अब रोना बंद कर दो…” वो अपने होंठों से नीलम के निप्पल को चूसने लगता है, और धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाता चला जाता है।

रत्ना ये सब बैठी देख रही थी।

नीलम का दर्द कम होता जा रहा था और उसे देवा का लण्ड अपनी चूत में अच्छा लगने लगा था-“उंन्ह… जानू, आखिर आपने मुझे औरत बना ही दीया उंन्ह… उंन्ह… मम्मी देखो ना उंन्ह…”

देवा:“हाँ मेरी जान… देख मैंने तुझे चोद ही दिया अह्म्मह… ओऊऊ…” वो दोनों अपनी अलग दुनियाँ में पहुँच चुके थे, वहाँ उन्हें किसी की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही थी। देवा अपने लण्ड को किसी पिस्टन की तरह नीलम की चूत में पेले जा रहा था।

वहीं नीलम अपनी कमर उठा-उठाकर उसका साथ दे रही थी-“अह्म्मह… उंन्ह…” दोनों प्रेमी एक ऐसे रिश्ते में बँध चुके थे जिसे अब दुनियाँ की कोई भी ताकत जुदा नहीं कर सकती थी।

देवा“अह्म्मह… नीलम, मेरा पानी ले ले आह्ह्हह… उंन्ह… और देवा अपना पानी नीलम की चूत में उतारने लगता है।

नीलम अपनी चूत में गर्म-गर्म पानी के एहसास से सिहर उठती है, और उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… जानू मुझे भी लो ना उंन्ह… उंन्ह…”
दोनों प्रेमी एक दूसरे से चिपके अपनी सांसें संभालने लगते हैं।
 

Rakesh1999

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वहीं रत्ना अपनी बारी का इंतजार करने लगती है।

देवा बेड पे लेटा हुआ था और रत्ना उसके लण्ड को एक गीले कपड़े से साफ करने लगती है। क्योंकी उसपे नीलम की चूत का खून लगा हुआ था।

नीलम उठकर बाथरूम में चली जाती है, अपनी चूत को साफ करने।

रत्ना की आँखें लाल हो चुकी थीं, वो तो बस एक जबरदस्त चुदाई चाहती थी। वो देवा के सिर के पास जाकर बैठ जाती है, और उसका सिर अपनी नंगी जाँघों पे रख लेती है। फिर उसके बालों में हाथ फेरने लगती है।

रत्ना की चूत की भीनी-भीनी खुश्बू देवा के दिमाग़ में कुछ करती है, और वो अपना सिर मोड़कर उसे रत्ना की जाँघ के अंदर घुसा देता है। फिर अपनी जीभ बाहर निकालकर रत्ना की चूत चाटने लगता है।

रत्ना:“अह्म्मह… देवा… उह्म्मह… ऊऊऊह्म्मह…”

देवा:“माँ क्या कर रही हो? अह्म्मह… मैं उह्म्मह…”

रत्ना पहली बार अपनी चूत में इतना खिचाव महसूस कर रही थी। उसकी चूत आग उगलने को तैयार थी-“अह्म्मह… चोदो मुझे, मैं चुदना चाहती हूँ अह्म्मह… प्लीज़्ज़ज्ज्ज चोदो मुझे अह्म्मह…”

देवा रत्ना को डोगी स्टाइल में कर देता है, और पीछे अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डालने लगता है।

रत्ना:“उंह्म्मह… वहाँ नहीं अह्म्मह… चूत में उंन्ह… अह्म्मह…”

देवा का लण्ड तब तक रत्ना की गाण्ड में जा चुका था और वो अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था, तभी बाथरूम से नीलम बाहर आती है। उसके सामने उसकी सास रत्ना अपनी गाण्ड आगे पीछे करते हुए अपने बेटे का मूसल लण्ड अपनी गाण्ड के छोटे से सुराख में ले रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी। ये सब देखकर नीलम की चूत में भी चीटियाँ रेंगने लगती हैं, और वो रत्ना के पास आकर बैठ जाती है।

देवा:“देख क्या रही है? मेरी जान, अपनी चूत रत्ना के मुँह के पास ले जा। वो चाटेगी तेरी चूत को आह्ह्हह… बहुत मज़ा आ रहा है।इसकी गाण्ड बहुत टाइट है…”
 

Rakesh1999

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रत्ना तो जैसे दूसरी दुनियाँ में थी। देवा की जबरदस्त चुदाई से उसकी हल्की-हल्की सांस निकल रही थी। वो अपना मुँह नीलम की चूत के पास ले जाती है, और उसकी अभी-अभी चुदी चूत को चाटने लगती है-गलप्प्प-गलप्प्प अह्म्मह… आराम से अह्म्मह… गलप्प्प…”

नीलम अपने दोनों पैर खोलकर देवा की आँखों में देखते हुए अपनी चूत रत्ना को चुसवा रही थी। वो इतनी उत्तेजित हो चुकी थी कि अभी रत्ना की गाण्ड से लण्ड निकालकर खुद की चूत में लेना चाहती थी।

देवा अपने लौड़े को बाहर निकालकर रत्ना के संभालने से पहले ही फिर से उसकी गाँड में पेल देता है-“आह्ह्हह… बहुत अच्छा लग रहा है। रत्ना तेरी चूत में मेरा लण्ड आह्ह्हह…” वो भी नीलम की आँखों में देखते हुए रत्ना को चोद रहा था। ये एहसास उसके लिये एकदम नया और सुखद था कि अपनी मम्मी को अपनी बीबी के सामने चोदे।

देवा के सांसें बढ़ चुकी थीं, क्योंकी रत्ना झड़ चुकी थी और वो भी अपना पानी निकालने के करीब था। वो जोर-जोर से रत्ना को चोदे जा रहा था और एक चीख के साथ वो अपना पानी रत्ना की गाँड में निकाल देता है। वो जानता था कि अभी उसे सारी रात इन दोनों को चोदना है। वो निढाल सा बेड पे लेट जाता है।

वहाँ तीनों अपना पानी निकलने से थोड़े ठंडे पड़ चुके थे। वो दोनों देवा के पास आकर उसे चिपक के लेट जाती हैं। नीलम देवा के ऊपर लेट जाती है। और रत्ना देवा के साइड में। रात के 12 बज रहे थे, देवा की आँख लग जाती है।

पर रत्ना और नीलम जाग रही थीं। रत्ना नीलम की आँखों में देख रही थी और अपनी चूत रगड़ रही थी। नीलम देवा के ऊपर से उतरकर रत्ना की पास आ जाती है।
रत्ना नीलम को अपने से चिपका लेती है-“आज तू भी औरत बन गई मेरी बच्ची…”

नीलम:“हाँ मम्मी, और मुझे ये खुशी उस इंसान ने दी है, जिसे मैं बहुत चाहती हूँ…”

रत्ना:“हाँ मेरी बच्ची, आज से हम दोनों देवा का बहुत खयाल रखेंगे…” नीलम रत्ना से इतनी चिपकी हुई थी कि उसकी जाँघ और चुचियाँ रत्ना से रगड़ खा रही थी-“हाँ… बेटा, पर तुझे टैबलेट खाने होंगे कुछ दिन।
ताकि कुछ दिन तुमलोग जवानी के पुरे मज़े ले सको।

नीलम: “मम्मी, और आप?”
 

Rakesh1999

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रत्ना मुस्कुराते हुए-“वो मुझे देवा ज्यादा मेरी गाँड में गिराता है अपना माल या मेरे मुँह में बेटी…”

नीलम:“मम्मी, मुझे अभी प्रेग्गनेंट नहीं होना है …” और मुझे भी वही करना होगा जो आप करती हो।वो ये बोलते-बोलते रत्ना के ऊपर चढ़ जाती है।

दोनों सास बहु एक दूसरे से चिपक चुके थे, और अब वो एक दूसरे की आँखों में देखते हुए अपनी चूत को रागड़ने लगती है। नीलम अपने होंठ रत्ना के होंठों पे रखकर उसके निचले होंठ को चूसने लगती है।

रत्ना भी मचल जाती है-“उंन्ह… बेटी आह्ह्हह… आह्ह्हह…” दोनों बस एक दूसरे को खा जाने वाले अंदाज में रगड़ने, चाटने और चूसने लगे थे। वो ये भूल गये थे कि देवा उन्हें देख रहा है, और उसका लण्ड भी तना हुआ है।

जब ये दोनों औरतें अपनी चूत की आग एक दूसरे की चूत से रगड़कर बुझाने में लगी हुइ थीं, तभी देवा पीछे से आकर अपना लण्ड नीलम की चूत में पेल देता है।

नीलम: “आह्ह्हह… मम्मी…” एक तेज धारदार चाकू अचानक से उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस चुका था उसे ऐसा ही महसूस होता है। क्योंकी उसकी चूत अभी इतनी खुली नहीं थी इसलिये ये दर्द उसे बर्दाश्त करना था। वो सिसक उठती है। पर देवा अपना लण्ड उसकी चूत में जड़ तक पेलने लगता है।

नीलम रत्ना की छाती से चिपकी हुई थी और देवा उसकी गाण्ड पकड़कर दनादन अपना लण्ड चूत में पेलते जा रहा था, वो तेज-तेज अपनी कमर रत्ना की चूत पे पटकने लगती है। रत्ना समझ जाती है कि नीलम झड़ने के नज़दीक है, और वो नीलम के होंठों को अपने मुँह में लेकर उसकी जीभ चूसने लगती है।

नीलम: “उम्म… उंघह… उंन्ह…” और उसकी चूत से ढेर सारा पानी रत्ना की चूत से होता हुआ बेडशीट भिगोने लगता है।

देवा अपना लण्ड निकालकर नीलम को साइड में कर देता है। क्योंकी वो अभी झड़ा नहीं था और उसे चूत चाहिए थी, जो उसका साथ दे। वो रत्ना के पैर हवा में उठाकर अपना लण्ड जल्दी से उसकी चूत में डाल देता है-“आह्ह्ह्हह… रत्ना तेरी ही चूत है वो मेरा साथ देती है… मेरी जान…”

रत्ना“: आह्ह्ह्ह्ह्ह… जानू आपकी ही चूत तो है… चोदो अपनी रत्ना को आह्ह्हह… मेरी चूत में पेल दो जानू उंन्ह… आह्ह्हह… मेरी जान ऊओह्हहह…”

करीब 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद देवा रत्ना के मुँह में झड़ जाता हैं। और देवा एक तरफ लेट जाता है।
 

Rakesh1999

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सुबह 5 बजे....

नीलम अभी तक बेसुध होकर देवा के ऊपर सो गई थी

रत्ना बेड पे बैठ जाती है। उसकी आँखें थोड़ा दर्द कर रही थीं, क्योंकी कल रात वो एक पल के लिये भी सो नहीं पाई थी। वो अपने पैंटी उठाकर पहनने लगती है। पर देवा उसका हाथ पकड़ लेता है तो रत्ना सवालिया नज़रों से देवा की तरफ देखने लगती है।

देवा:“जब तक हम यहाँ हैं… ना तू कपड़े पहनेगी और ना नीलम। पूरी रात तुम मेरे साथ इस रूम में पूरे नंगे रहने वाले हो, तो ये सब बैग में रखो और चलो मैं भी फ्रेश हो जाता हूँ…”

नीलम अपनी आधी खुले पलकों से देवा को देख रही थी। उसने भी देवा का फरमान सुन लिया था। वो तो बहुत खुश थी। उसके हाथों की मेंहदी बेड के चादर पे गिरी हुई थे और एक ख़ून का छोटा सा धब्बा भी दिखाई दे रहा था, वो नीलम के कुँवारीपन के टूटने की निशानी था।

रत्ना और देवा बाथरूम में नहाने घुस जाते हैं। शावर ओन करके वो दोनों एक दूसरे से चिपक के नहाने लगते हैं।

तभी नीलम भी वहाँ आ जाती है-“ह्म्मम्म्म्म… अपनी पहली बीवी के चक्कर में कहीं नई नवेली बीवी को मत भूल जाना मेरे जानू…” और वो भी उन दोनों के साथ नहाने लगती है।


देवा का लण्ड खड़ा होने लगता है। आख़िरकार साथ में दो नंगी औरतें नहा रही हों तो किसका लण्ड आवाज़ नहीं देगा।

रत्ना नीचे बैठकर देवा के लण्ड को साबुन लगाने लगती है। और उसे पानी से साफ कर देती है।

एक ही पल में देवा उसे कुछ कहने वाला था। उससे पहले ही रत्ना देवा के खड़े लण्ड को अपने गले तक ले चुकी थी-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”

नीलम देवा की छाती से चिपकी अपनी दोनों चुचियाँ उससे मसलवाते हुये होंठ चूस रही थी। माँ लण्ड चूसे और बहू चुचियाँ दबवाए तो मर्द बेचारा क्या कर पाए। यही हालत देवा की थी। उसके लण्ड का ज्वालामुखी आग उगलना चाहता था।
 
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