"हाए अब बोल साली कुतिया......मज़ा आ रहा है ना गान्ड मरवाने में....." देवा बोला।
"आ रहा है....हाए बहुत मज़ा आ रहा है....ऐसे ही ज़ोर लगा कर चोदता रह.......हाए मार अपनी सासू माँ की गान्ड"बोली सिसियाते हुए बोली।
"ले साली कुतिया .....ले....यह ले.........मेरा लौडा अपनी गान्ड में" देवा ने पूरी रफ़्तार पकड़ते हुए शालू के चुतड़ों पर तड़ तड़ चान्टे मारने शूरू कर दिए।
"हाई....उूुुउउफफफ्फ़...,मार ..,हरामी....मार अपनी सासू माँ की गान्ड....मार अपनी कुतिया की गान्ड.......,हाए मार मार कर फाड़ डाल इसे...,उफफ़गगगगगग...हे भगवान..........ले ले मेरी गान्ड.......ले ले मेरे लाल...पेल अपनी रंडी सास को " शालू मज़े में गांड मरवाते हुए बोली।
देवा के थप्पड़ों से शालू के चुतड लाल सुर्ख होने लगे। उधर फटक फटक देवा का लौडा भी उसकी गान्ड फाड़ने पर तुला हुआ था। शालू..... तो लगता था जैसे इसी चुदाई की भूखी थी, यह उसका देवा ने नया रूप देखा था।
उसका जिस्म गरम हो चूका था। उसे चुदाई में गालियाँ अच्छी लग रही थी, देवा की मार अच्छी लग रही थी, देवा का उससे जानवरों की तरह पेश आना अच्छा लगता था। बल्कि जितना देवा बेदरद हो जाता उतना ही उसका आनंद बढ़ जाता, इस बात को जान देवा ने उसके साथ कोई नर्मी नही बरती।
आधे घंटे तक देवा शालू की मस्त गाँड फाड़ता रहा।कभी लिटाकर कभी सुलाकर कभी कुतिया बनाकर कभी अपने ऊपर चढ़ाकर। हर संभव पोजीशन में देवा ने शालू की गाँड मारी और एक से एक गन्दी गाली देते हुए।फिर दोनों एक साथ झड़ के आराम करने लगे।कुछ देर बाद शालू लंगड़ाते हुए अपने घर की तरफ चल दी।