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Incest हाय रे ज़ालिम.....

Rakesh1999

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देवा और पप्पू बात करते है।
 
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Rakesh1999

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रुक्मिणी तो मदहोशी से आँखें बँद करके सिसकरियाँ लेते हुए अपनी चुचियाँ मसलने लगी और कमर उठा के देवा के हाथ पे चूत दबाते हुए बड़बड़ायी, “मुझे... कुँवारी बोलता है...... मुझे चुदाई का कोई मौका नहीं मिला नहीं तो मैं.... कुँवारी...जैसी रहती क्या ?”

फिर हँसने लगी और और हँसते हुए ही आगे बोली, “शायद तेरे जैसा तगड़ा लौड़ा नहीं मिला... इसलिए यह टाईट है... (हिच्च...) और शायद इसी वजह से मैंने खुद को और साथ में अपनी बेटी के साथ भी तुझसे चुदवाया ना?”

देवा ने एक हाथ से अपना लंड रुक्मिणी की चूत पे रखा और फिर दूसरे हाथ से रुक्मिणी के दोनों हाथ पकड़ के ऊपर कर के बोला, “रूकू तू हमेशा खुश रहेगी मेरी रंडी बनके... बहनचोद... तेरी जैसी मस्त और बिंदास औरत को पैर की जूती बना के ही चोदना चाहिए। साली... इतने साल से तेरी गरम चूत को जिस तगड़े लंड की तालाश थी वो अब खतम हो गयी... मेरी रंडी बनके तू ने वो तालाश खुद खतम की है। आज के बाद तुझे कभी भी प्यासी नहीं रहना पड़ेगा मेरी छिनाल... तू चाहेगी तो एक साथ तुझे और तेरी बेटी की गाँड मारूँगा”

रुक्मिणी अपनी चूत ऊपर उठा के देवा के लंड से भिड़ाती हुई बोली, “डाल दे अपना लौड़ा मेरी चूत में और चोद के मेरी चूत की गरमी निकाल दे... अब तेरे जैसे मस्त लौड़े से मेरी चूत चुदेगी तो मेरी प्यास ज़रूर मिटेगी... देवा अब आज के बाद मैं और मेरी बेटी रानी तेरी रंडियाँ बन गयी हैं... तू जब.. जितना भी चाहे हमें चोद।”
देवा ने अपना लंड रुक्मिणी की चूत पे रख के रुक्मिणी की चूत का मुँह खोला और फिर अपना लंड अंदर घुसेड़ने लगा। उसका लंड ज़रा मुश्किल से अंदर घुस रहा था। जैसे-जैसे देवा ने ज़ोर लगाया, उसका लंड रुक्मिणी की चूत में घुसने लगा। रुक्मिणी की चूत एक दम गीली हो गयी थी, इसलिए फिर १-२ धक्कों में देवा का पूरा लंड रुक्मिणी की चूत में घुस गया। लंड पूरा घुसने के बाद देवा रुक्मिणी के हाथ छोड़ के उसके निप्पल चूसते हुए रुक्मिणी को दनादन चोदने लगा।

रुक्मिणी भी नीचे से कमर उठा-उठाके चुदवाने लगी और देवा से बोली, “हाँ डाल साले... और अंदर पेल लंड... चोद मुझे... जी भर के मेरी चूत चोद... ऊफ्फ्फ्फ्फफ क्या मस्त लंड है तेरा भोंसड़ी के... बेरहमी से चोद मेरी चूत।”
 

Rakesh1999

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देवा भी ताव में आ के रुक्मिणी की चूत चोदते और उसकी चुचियाँ मसलते हुए बोला, “ले साली... ले... आज तुझे रंडी की परिभाषा पता चल जायेगी। बहनचोद साली... गरम माल है तू और तेरी बेटी... कसम से… ऐसी मस्त चूत नहीं चोदी। हरामी तू अगर शादी के पहले मिलती तो तुझे अपनी पालतू कुतिया बनाता लेकिन अब तुझे मेरी राँड बनना होगा।”

देवा अब मस्ती में ज़ोर-ज़ोर से रुक्मिणी को चोदने लगा। वो धक्कों पे धक्के मारते हुए पूरा लंड अंदर घुसाते हुए चोद रहा था।

रुक्मिणी भी नीचे से उसके धक्कों के जवाब में अपनी कमर उठाके चुदवाती हुई बोली, “देवा हाँ ऐसे ही मेरी चुचियाँ दबाते हुए और निप्पल चूसते हुए मुझे चोद... चोद और चोद तेरी यह राँड बड़ी भूखी है... चूत फाड़ दे अपनी रंडी रूकू कि... मेरे कुत्ते राजा... तू कहेगा तो मैं तेरे बच्चे पैदा करने को भी तैयार हूँ।”

देवा बारी-बारी से उसकी चुचियों को मसलते और चूसते हुए बोला, “तू अब मेरी रखैल बनके रहेगी... ले साली हरामज़ादी चूत... चुदवा ऐसे ही... साली बेटीचोद औरत... तुझे तो दिन रात चोदना चाहिए... यह ले और ले छिनाल... चुदवा ले मेरे मूसल लौड़े से साली रंडी...।”

देवा का लंड रुक्मिणी की क्लिट पे रगड़ते हुए चूत में बहुत गहरायी तक जाके टक्कर मार रहा था। देवा के धक्कों का जवाब रुक्मिणी नीचे से अपने धक्कों से दे रही थी और देवा के धक्कों से रुक्मिणी का पूरा बदन उछल रहा था। देवा ने थोड़ा पीछे होके धक्का मारा तो रुक्मिणी के सीने की हलचल देखके खुश हुआ। देवा के धक्कों से रुक्मिणी की चूचियाँ थर-थरा जाती थीं। जिस ताल से वो रुक्मिणी को चोद रहा था उसी लय से रुक्मिणी के मम्मे उछल रहे थे।

रुक्मिणी देवा का चेहरा नीचे करके उसे किस करते हुए बोली, “हाँ देवा मैं तेरी रंडी रखैल हूँ और ऐसी माँ हूँ जिसने अपनी जवान बेटी के साथ तुझसे चुदवाया है... पर मैं क्या करती... एक तो मैं गरम औरत हूँ और मेरी बेटी भी कम नहीं है... वो छिनाल तो इतने दिनों से अपने खुद के बाप से चुदवा रही है... मैं तो कभी-कभार ही चुदवा पाती हूँ। अब बस तू मुझे ऐसे ही चोदता रह... और कभी अपनी इस रखैल को प्यासी मत रखना।”
 

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देवा ने जोश में रुक्मिणी के मम्मे मसलते हुए एक अँगुली रुक्मिणी की गाँड में डाल के रुक्मिणी को चोदते हुए बोला, “नहीं मेरी जान... आज के बाद तू कभी प्यासी नहीं रहेगी... अब तुझे जब भी मेरा लंड चाहिए मुझे बुला लेना और मैं तुझे चोद के तेरी प्यास बुझाऊँगा।”

फिर १५ मिनट तक उनकी चुदाई बड़ी ज़ोरों से चली। देवा ने रुक्मिणी का पूरा बदन चोद-चोद के तोड़ के रख दिया था। जब उसे एहसास हुआ कि वो झड़नेवाला है तो वो अपना लंड रुक्मिणी की चूत के अंदर ही अंदर ऐसे घुमाने लगा जैसे कि पेंच कस रहा हो।

फिर एक बार कसके धक्का मारते हुए बोला, “हरामी रंडी... साली अब मैं झड़ने वाला हूँ तेरी गरम चूत में... यह ले साली बहनचोद रंडी... तेरी गाँड मारूँ छिनाल... यह ले... और ले..अपनी बच्चेदानी में. और ले... मेरी रंडी रुक्मिणी।”

रुक्मिणी भी देवा को कसके पकड़के अपनी कमर उठाके चुदवती हुई बोली, “देवा साले कमीने... रुक्मिणी की चूत आज से तेरी अमानत है डियर... उउउउउफ्फ्फ्फ अब मैं भी झड़नेवाली हूँ देवा... मुझे कसके पकड़ और चोद मुझे। ऊउउम्म्म्म... आआआआआआहहहह... देवा बड़ा मज़ा आ रहा है तेरी राँड को तुझसे चुदवाके। जी भरके मुझे चोद..आज ही गाभिन कर दे मुझे मैं तेरा बच्चा जनुँगी.।”


अब दोनों ने एक दूसरे को कसके पकड़ लिया और देवा भी जितना हो सके उतने ज़ोर से रुक्मिणी को चोदने लगा। दोनों बहुत सिसकारियाँ भरते हुए चुदाई का मज़ा ले रहे थे। पूरे कमरे में आहहहहहहह... उहहहह... ओफ्फ्फ्फ्फ... उम्म्म्म्म.... और चोद साले... ले मेरी छिनाल... मेरी रंडी.... की आवाज़ें और भारी-भारी साँसों की आवाज़ सुनायी दे रही थी।

देवा आखिरी बार अपना लंड रुक्मिणी की चूत की सबसे गहरे भाग में धकेल के झड़ते हुए बोला, “आआआआह मेरी चुदक्कड़ रानी... रुक्मिणी... मेरी रंडी... मेरी जान... पूरा पानी तेरी चूत में भर रहा है... मैं इस लंड के पानी से तेरी चूत की आग शाँत कर रहा हूँ मेरी छिनाल...।”
जब देवा के पानी का एहसास रुक्मिणी को हुआ तो उसकी चूत भी पिघल गयी और वो अपनी कमर उठा के देवा के लंड को ज्यादा से ज्यादा अंदर लेती हुई बोली, “हाँ चोद देवा और ज़ोर से चोद... दे तेरा पूरा पानी मेरी प्यासी चूत को... आआहहहहह देवा..... मैं झड़ गयीईईईई राजा... आआआहहहहह कितना सकून मिल रहा है मेरे यार... दे अपना पूरा पानी... मेरी चूत को मेरे चोदू।”
 

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अपडेट 148A





रुक्मिणी और देवा पूरी तरह झड़के शाँत हो गये पर देवा अब भी रुक्मिणी के जिस्म पे लेटा हुआ था और देवा ने पूरा लंड रुक्मिणी की चूत में घुसाया हुआ था। जब देवा भी ढीला पड़ा तो रुक्मिणी की चूत से उन दोनों के चुदाई-रस का मिश्रण हल्के-हल्के बाहर आने लगा।

दिल की धड़कन शाँत होने के बाद देवा रुक्मिणी की चूत से लंड निकाल के उसकी बगल में लेट गया। देवा रुक्मिणी को चोद चुका था और दोनों बेहाल पड़े थे। १५- २० मिनट के बाद रुक्मिणी देवा की बाहों में आयी और बालों से भरा देवा का सीना हल्के हाथों से सहलाने लगी। देवा भी करवट लेके रुक्मिणी की चूचियाँ मसलने लगा।

फिर रुक्मिणी का हाथ अपने लंड पे रखते हुआ देवा बोला, “मेरी जानेमन... अब भी मेरा दिल भरा नहीं है... मेरा लंड फिर से तुझे चोदना चाहता है... ज़रा मुँह में मेरा लंड लेके उसे गरम कर... ताकि फिर तुझे चोदूँ।”

रुक्मिणी उठके देवा का पूरा लंड अच्छी तरह चाट के बोली, “मेरी चूत के राजा.. तूने मुझे इतना तगड़ा चोदा कि मज़ा आ गया पर अब मेरी गाँड भी चुदाई के लिए तड़प रही है। लेकिन थोड़ा सा रुक जा फिर फ़्रैश होके मुझे चोद... वैसे भी मुझे और भी चुदवाना है। मेरी बेटी भी तो देखे कि उसकी माँ कैसे चुदासी बन के चुदवाती है।”

देवा रुक्मिणी के निप्पल हल्के से खींचते हुए बोला, “बड़ी हरामी चूत है तू... साली... तो तुझे मुझसे अभी चुदवाना है... लेकिन अपनी बेटी के सामने चुदवाना चाहती है तू... बहनचोद तेरी जैसी बेशरम औरत नहीं देखी मैंने... ठीक है चल देखते हैं तेरी मादरचोद बेटी का क्या हाल है।”

रुक्मिणी के चुदाई के नशा अभी कम नहीं हुआ था। देवा अपनी बहों में नंगी रुक्मिणी को लेके हॉल में आया। उसने देखा कि रानी अपनी चूत में ऊँगली कर रही है।शायद वो भी अपनी माँ की चुदाई देख देख के गरम हो गई थी। दोनों बेशरम माँ बेटी एक दूसरे को देख के मुस्कुराईं। माँ और बेटी आपस में खुल चुकी थीं इसलिए दोनों में से किसी को भी शरम नहीं थी। रुक्मिणी रानी के सामने जा के उसे किस करने लगी।

देवा तब रानी की गाँड पे अपना लंड ज़ोर ज़ोर से रगड़के बोला, “साली रंडी की छिनाल बेटी... आज तू सही मायने में रंडी बनेगी। साली हिम्मत तुझे बराबर चोदता हैं तो फिर हमसे क्या झिझक...? तेरी माँ की चूत साली रंडी... आज के बाद तू मेरी रंडी बनके रहेगी और तेरी छिनाल माँ भी... समझी?”
 

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देवा रानी की चुचियाँ मसलते हुए ललचाती नज़रों से रुक्मिणी को देखते हुए बोला, “क्या साली अब तक तू तैयार नहीं हुई मैं दूसरे राऊँड की तैयारी करने आया था। आ बहनचोद रुक्मिणी अब तू अपनी बेटी के सामने चुदवाना चाहती है ना”

इसके पहले कि देवा कुछ जवाब देता,रुक्मिणी रानी के मम्मे मसल रहे देवा के हाथ को हल्के से मारते हुए हँसते हुए बोली, “साले कमीने... तूने अभी इस रानी की माँ को इतनी देर चोद-चोद कर रंडी बना दिया... अब फिर मेरी बेटी को भी मसल रहा है... हरामी जितनी कमीनी मुझे बोलता है... उतना ही कमीने तुम हो।”

देवा रुक्मिणी की बात सुनके रानी को छोड़ा और रुक्मिणी को धक्का देके सोफ़े पे गिराते हुए खुद सोफ़े पे चढ़ गया और अपना लंड उसके मुँह में डालते हुए बोला, “छिनाल साली... कुतिया... साली एक तो तुझे मैंने अपनी रंडी बनाया और मुझको ही कमीना बोलती है? कुत्तिया... साली रंडी... तू अपनी औकात मत भूल... तू और तेरी बेटी मेरी रंडियाँ हो। तुझे चोदने के लिए ही मैं आया हूँ और अब तेरी बेटी की चूत और गाँड भी मारूँगा और अब तेरी गाँड मारने जा रहा हूँ। अब तू आयी है तो तुझे भी चोदके अपनी रंडी बनाऊँगा और तेरी बेटी को चोदके उसे अपनी छिनाल बनाऊंगा।”

देवा नंगी रानी को अपनी गोद में बिठा के उसके बदन से खेलते हुए रुक्मिणी से बोला, “हरामज़ादी राँड... तेरी बेटी भी एकदम जवान और हसीन है... वैसे तुम माँ बेटी नहीं बल्कि एक दूसरे की बहन लगती हो... देख तेरी मादरचोद बेटी कैसे अपनी गाँड मेरे लंड पे रगड़ रही है। रानी... तेरी माँ की चूत... मादरचोद चूत... तेरी माँ को मैं कुत्तिया बनाके उसकी गाँड मारूँगा... तू सोफ़े पे बैठके अपनी माँ की चुचियाँ मसलेगी और तेरी छिनाल माँ तेरी चूत चाटते हुए अपनी गाँड मरवायेगी और तू... हरामी मादरचोद रंडी..बीच बीच में मेरा लंड भी चूसेगी... समझी?”

रानी यह सुनके खुश हुई कि उसकी माँ उसकी चूत चाटने वाली है और वो तुरँत हाँ बोली।

देवा रानी को खड़ी करके बोला, “मेरी रंडी... अब चल तू आ मेरे साथ।”
देवा रानी को पकड़ रुक्मिणी के पास ले गया और उसे सोफ़े पे बिठा के उसकी टाँगें खोल दीं। फिर रुक्मिणी को कुत्तिया जैसी झुका के उसका सिर रानी की चूत पे दबाते हुए देवा बोला, “सुन साली रंडी... तू अपनी माँ की चुचियों से खेल... तेरी यह रंडी माँ तेरी चूत चाटेगी और पीछे से मैं तेरी माँ की गाँड मारुंगा। मैं सोफ़े के पास खड़ा रहूँगा और बीच बीच में तू मेरा लंड भी चूसेगी... समझी...? चल मादरचोद अपनी माँ की चूचियाँ मसलना शुरू कर।”
 

Rakesh1999

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रुक्मिणी बिल्कुल वैसा ही करने लगी जो देवा कह रहा था। अब कमरे में दृश्य ऐसा था कि देवा धीरे-धीरे करके अपना लंड रुक्मिणी की कसी हुई टाइट गाँड में अपना मोटा लंड घुसाते हुए उसे चोद रहा था और रुक्मिणी अपनी गाँड मरवाती हुई झुक के अपनी बेटी की चूत चाट रही थी।

रानी अपनी माँ से अपनी चूत चटवाती हुई रुक्मिणी की चुचियों से खेल रही थी।जब रुक्मिणी की गाँड में लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा। तो देवा अपना लंड रुक्मिणी की गाँड से निकाल के रानी के मुँह में पेलने लगा।

देवा रानी का मुँह चोदते-चोदते रानी की चुचियों से भी खेल रहा था। बड़ी बेरहमी से वो माँ बेटी की गाँड और मुँह चोद रहा था। रुक्मिणी बेशरम होके अपनी बेटी की चूत चाट रही थी और रानी भी मस्ती से उसकी चुचियाँ मसल रही थी।

देवा फिर से रुक्मिणी की कमर पकड़ के उसकी गाँड में ज़ोरदार धक्के मारते हुए बोला, “आहह...रुक्मिणी तेरी गाँड तेरी बेटी जैसी लाजवाब है... साली जब तुझे मैंने नंगी देखा था तबसे तेरी गाँड चोदने की तमन्ना हुई। उस दिन हिम्मत के सामने तेरी गाँड मारी तब बहुत मुझे सकून मिला... जबसे तेरी बेटी और तुझको चोदा तबसे लंड को चैन ही नहीं मिलता। बहनचोद क्या मस्त गरम रंडियाँ हो तुम माँ बेटी।”

रुक्मिणी रानी की चूत चाटती हुई देवा का पूरा लंड ले रही थी अपनी टाइट गाँड में। रानी भी अब जोश में अपनी माँ की चूचियाँ मसलती हुई बीच बीच में देवा का लंड चूस रही थी।

देवा 10-12 धक्के रुक्मिणी की गाँड में पेलने के बाद अपना लंड निकाल के रानी के मुँह में पेलने लगता।देवा आगे पीछे करते हुए पूरा लंड रानी के मुँह में डालके उसे चोदते हुए बोला, “साली कुतिया... रंडी की औलाद... तू भी अपनी माँ जैसी ही मस्त लंड चूसती है। रुक्मिणी भले तेरे मर्द ने और कोई अच्छा काम किया हो या नहीं पर साले ने तेरी जैसी गरम बीवी और रानी जैसी कमसीन चूत मेरे लिए यहाँ छोड़ के जाने का अच्छा काम किया है। क्या मस्त गरम बेटी पैदा की है तेरे पति ने... साली आगे जाके तेरी बेटी तेरा नाम रोशन करेगी। मेरा लंड चूस छिनाल और अपनी माँ को मुझ से गाँड मरवाते भी देख।”

देवा माँ बेटी के साथ बेरहमी से पेश आ रहा था। लेकिन यह बेरहमी उन माँ बेटी को अच्छी लग रही थी। सब गालियाँ और बेइज़्ज़ती उन्हें और चुदासी बना रही थी और वो दोनों माँ बेटी बेशरम हो के देवा से अपनी चूत और गाँड चुदवा रही थीं।
 

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देवा रुक्मिणी की गाँड मारने के साथ-साथ उसकी गीली टपकती चूत में अँगुली रगड़ रहा था और रुक्मिणी भी मस्ती से गाँड में देवा का लंड ले रही थी और टाँगें फ़ैला के उसकी अँगुली से अपनी चूत को भी चुदवा रही थी। रुक्मिणी दोनों हाथों से रानी की कमर पकड़के अपनी कमसिन जवान बेटी की चूत का पानी बड़ी प्यार से चाट रही थी। रानी की चूत के दाने को हल्के से चबाती हुई रुक्मिणी रानी को और गरम कर रही थी।

साँस लेने के लिए उसने मुँह रानी की चूत से हटाया और बोली, “हम माँ बेटी के यार... आज मेरी प्यारी बेटी और उसकी रंडी माँ को इतना चोदो कि रानी हिम्मत को भूल जाये । जब दिल करे तो घर आ के अपनी रखैल रंडी रुक्मिणी और रानी को चोदना। तुम हम दोनों को चोदते रहोगे तो यह भी इधर उधर नहीं जायेगी, किसी और से अपनी जवानी बर्बाद नहीं करेगी।”

देवा का लंड पिस्टन की तरह रुक्मिणी की गाँड मार रहा था। अपनी माँ से चूत चटवाती रानी अब झड़ने के करीब थी। वो उत्तेजना से चिल्लाई, “माँ, मुझे बापू ने कई बार चोदा... चूत और गांड दोनों में चोदा मुझे... मगर जो मज़ा मुझे देवा ने दिया वो कभी पहले नहीं मिला... अब जब मेरी पूरी बात खुल चुकी है तो मुझे कोई डर नहीं... मेरी प्यारी माँ...रुक्मिणी।”

रानी की बात सुनके रुक्मिणी पूरी जीभ रानी की चूत में डालके उसकी चूत को चोदते हुए बोली, “हाँ मेरी छिनाल बेटी... मुझे पता है। उस दिन जब से देवा ने मुझे चोदा है तब से मेरी हालत भी एक चुदास कुत्तिया जैसी हो गयी है...। इसके लंड से चुदवा के मैंने तुझे भी इससे चुदवाने का फ़ैसला किया। अब तो हम माँ बेटी देवा की रंडियाँ बन गयी हैं तो हमें कोई तकलीफ़ नहीं होगी।”

देवा ने रुक्मिणी की बात सुनके खुश हो के उसे किस किया। अब देवा झड़ने वाला था। देवा का तो पूरा लंड रुक्मिणी की गाँड में घुसा हुआ था और गोटियाँ रुक्मिणी की चिकनी गाँड पे टकरा रही थीं। रुक्मिणी दो बार झड़ चुकी थी।

देवा ने झडने वाला था तभी उसने अपना लंड रुक्मिणी की गाँड से निकाल के रानी के मुँह में पेलने लगा।थोड़ी देर रानी के मुँह में पेलने के बाद देवा भी झड़ने वाला था तो वो रानी को एक थप्पड़ मारते हुए बोला, “मादरचोद साली... कमीनी छिनाल... ज़रा ज़ोर से मेरा लंड चूस... बहनचोद झड़ते वक्त लंड कैसे चूसना चाहिए... तुझे तेरी छिनाल माँ ने सिखाया नहीं क्या?”
 

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रानी अपनी माँ की चूचियों को छोड़के अब देवा का लंड पकड़ के पूरा लंड मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। देवा का लंड रानी के हलक से टकरा रहा था। इधर रुक्मिणी ने ज़ोर-ज़ोर से अपनी बेटी की चुचियाँ मसलते हुए उसकी चूत चाटनी शुरू की।


सबसे पहले रानी झड़ने लगी तो उसने देवा का लंड छोड़ा और अपनी माँ का मुँह चूत पे दबाते हुई पानी छोड़ने लगी। अपने बदन को अकड़ाते हुए रानी ने पूरा पानी अपनी माँ के मुँह में छोड़ दिया। रानी को रुक्मिणी के मुँह में झड़ते देख देवा से रहा नहीं गया ।

जब देवा ने देखा कि रानी पूरी तरह झड़ गयी है तो उसने अपना लंड फिर से रानी के मुँह में घुसाया और जल्दी-जल्दी उसका मुँह चोदते हुए रुक्मिणी की चूत में अँगुली करने लगा। अब देवा का लंड एक बेटी के मुँह में था और उसकी अँगुलियाँ उस लड़की की माँ की चूत में थीं। इतना समय चूत में अँगुली से चुद्वाने से रुक्मिणी भी झड़ने लगी और फिर उसने अपना मुँह अपनी बेटी की चूत पे रखा और उसे चाटने लगी। देखते-देखते देवा ने भी अपना पानी रानी के मुँह में छोड़ दिया और तीनों झड़ के थक के अलग-अलग हो गये।



कुछ देर आराम करने के बाद दोनों रंडियाँ देवा के लंड को चूसने लगी। दोनों देवा के पुरे लंड को अपनी जीभ से चाटते हुए पूरा मुँह भरकर चूस रही थी।

देवा: आह क्या मुँह है तुमदोनों का साली रंडियों।अब मुझे रानी की गाँड फाड़नी है।

रानी: फाड़ दो देवा मेरी गाँड। बहुत खुजली हो रही है मेरी गांड में।

देवा अब जगह बदल देता है रुक्मिणी को सोफे पर बिठा देता है और रानी को रुक्मिणी की चूत चाटने के लिए बोलता है।और रानी के पीछे आकर कुतिया बनी रानी की गाँड में अपना मोटा मूसल पेल देता है।

अब एक बेटी अपनी गांड में लण्ड लिए हुए अपनी माँ की चूत चाट रही है।

देवा रानी की गाँड मारते हुये उसकी चूतड़ों पर थप्पड़ भी मारने लगता है क्योंकि देवा को लाल लाल गांड मारने में ज्यादा मज़ा आ रहा था।

बीच बीच में देवा अपना लंड रानी की गाँड से निकाल कर रुक्मिणी के मुँह में पेल देता है। जिसे रुक्मिणी चूसने लगती है।
 

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देवा: आह्ह्ह्ह मेरी रंडी। अपनी बेटी के गांड का स्वाद कैसा लग रहा है चाट के बता साली रंडी।देख तेरी बेटी को कुतिया बना के उसकी गाँड मार रहा हूँ।

देवा फिर से अपना लंड रानी की गाँड में पेल देता है। आधे घंटे तक देवा रानी की कभी चूत कभी गाँड मारता है। बीच बीच में रुक्मिणी की मुँह को भी चोदता है। फिर जब झड़नेवाला होता है तब दोनों को अपने आगे बिठाके दोनों के मुँह में अपना वीर्य भर देता है। जिसे दोनों रंडियाँ एक दूसरे के मुँह में देवा का वीर्य बदलती है कभी सारा वीर्य रानी अपने मुँह में लेकर उसे फिर से रुक्मिणी के मुँह में डाल देती है तो फिर रुक्मिणी सारा वीर्य फिर से रानी के मुँह में।

आखिर में दोनों आधा आधा वीर्य पी जाती है। देवा भी कुछ देर बाद अपने घर आ जाता है। घर पर रत्ना और ममता देवा का इंतज़ार कर रही थी। रात हो चुकी थी।
सभी खाना खाकर सो जाते है।
 

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देवा हिम्मत राव का इंतज़ार कर रहा है उस तीन मुहानी वाले रास्ते के पास जहाँ मुख्य सड़क के साइड में बहुत गहरी खाई है। देवा आधे घंटे से उस कच्चे वाले रास्ते पर अपने ट्रेक्टर में बैठा हुआ है। पूरा इलाका सुनसान है जहाँ कभी कभार कोई गाड़ी जाती है। देवा दूर से ही हिम्मत की गाड़ी को दूरबीन से देख लेता है जिसमे हिम्मत और विक्रांत आ रहे थे। देवा का ट्रैक्टर चालू है।


देवा का प्लान था की दूर से देवा जब हिम्मत और विक्रांत को गाड़ी में आता हुआ देख लेगा तो अपने ट्रैक्टर से तीन मुहानी के पास हिम्मत की गाड़ी को एक जोर का टक्कर मारना था ताकि हिम्मत की गाड़ी गहरी खाई में चली जाए। उस खाई में जाने का मतलब मौत था क्योंकि खाई में बड़े बड़े नुकीले पत्थर थे।

जैसे ही हिम्मत की कार वहाँ पहुँची। देवा ने सही टाइमिंग के साथ हिम्मत राव की कार को टक्कर मार दिया। चूँकि ट्रैक्टर साइड वाले रास्ते से एक दम से आ गया था। इसलिए हिम्मत राव कार को संभाल नहीं पाया और कार खाई में गिरती चली गई। देवा ने ब्रेक लगाया तो उसके माथे पर पूरा पसीना आ गया था ये सोचकर की टाइमिंग थोड़ी सी गड़बड़ होने का मतलब था । देवा की मौत.......

ये सोचकर ही देवा काँप उठा। देवा ने खाई की तरफ देखा तो कार में आग लग चुकी थी। देवा ने दूरबीन से देखा की कार पूरी तरह से टूट चुकी थी । देवा ने ट्रैक्टर अपने गाँव की तरफ मोड़ लिया।वह जल्द से ज़ल्द वहाँ से निकल जाना चाहता था। ताकि कोई देख न पाये।तभी कार में ब्लास्ट हुआ और कार के चीथड़े उड़ गए।



देवा आराम से अपने घर आ गया था उसे किसी ने नहीं देखा था।
 
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