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★☆★ Xforum | Ultimate Story Contest 2023 ~ Reviews Thread ★☆★

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Trinity

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rathodka8inch

Beyond your imagination...
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Quotes kyu nikal diye hain stories se. Ab review dete hain to pata nahi chalta.
 
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Story- " Ek hi Khwahish "
Writer- Valentine rider.


कहानी बहुत खुबसूरत थी और प्रेरणादायक भी थी। हमारे जिंदगी मे लाख मुसीबत रहे हैं लेकिन इरादें और हौसले मजबूत रहे तो हमे जिंदगी को खुबसूरत बनाने से कोई रोक नही सकता।
कजरी और सुधा की कहानी सिर्फ परिकल्पना नही है। हजारों गणिकाओं की कहानी है।
एक रीयल कहानी इस स्टोरी से मिलता जुलता पेश कर रहा हूं -
करीब सौ साल पहले की बात है। पंजाब के एक छोटे गांव मे एक लड़की ने जन्म लिया। दस वर्ष की उम्र मे ही उसके माता पिता की मृत्यु हो गई। उस लड़की के चाचा चाची ने सम्पति के लालच मे उसे दिल्ली के एक कोठे पर बेच दिया। उसे हर रोज मर्दों के समक्ष परोसा जाने लगा। उसकी जीवन सिसकियों की भेंट चढ़ गई। कुछेक साल बाद लड़की ने हिम्मत किया और उस कोठे से फरार हो गई। संयोग से उसकी मुलाकात वहीं लखनऊ के एक नबाब से होती है। नबाब उसे अपने साथ लखनऊ लाता है और अपना रखैल बना लेता है। नबाब पहले से ही विवाहित और बाल बच्चेदार था। चार साल बाद नबाब की मौत हो जाती है और उसके बाद नबाब की फैमिली उसे धक्के मारकर घर से बाहर निकाल देती है।
इसके बाद वो एक रईसजादे की हैवानियत की शिकार होती है। जी भर के शोषण करने के बाद उसे लखनऊ के एक कोठे पर छोड़ देता है। उस कोठे पर धंधा करते हुए अभी कुछ दिन ही हुए थे कि वहां के दरबान जो एक सरदार ही थे , के साथ उसकी शादी हो जाती है लेकिन कोठे के मालकिन के इस शर्त के साथ कि वो धंधा करना बंद नही करेगी।
उस सरदार से उसे एक पुत्री होती है। उसकी लड़की का बचपन उसी कोठे पर कटता है। लेकिन जब वो चौदह साल की हुई तो उसे भी जिस्मफरोसी के धंधे मे उतार दिया जाता है।
लेकिन यह लड़की काफी महत्त्वाकांक्षी थी। वो एक दिन वहां से भाग कर सीधे दिल्ली चली जाती है और एक मिल्स मे काम करने लगती है। कुछ दिन बाद उस मिल्स के सुपरवाइजर से पहले प्यार और फिर शादी हो जाती है और एक साल बाद एक लड़की की मां बनती है।
कुछेक साल बाद वो अपने हसबैंड और बच्ची के साथ बॉम्बे चली जाती है। उन दिनों फिल्म मे लड़की के लिए काम मिलना ज्यादा मुश्किल नही होता था। वो काम के लिए फिल्म स्टुडियो एवं निर्देशक के घर जाकर चक्कर काटना शुरू करती है लेकिन उसे कोई भी काम नही मिलता।
वो अपनी आठ साल की लड़की को इस फिल्ड मे उतारने का निश्चय करती है। और संयोग से उसकी बच्ची को काम मिल जाता है। उस बच्ची की पहली फिल्म राजश्री प्रोडक्शन की ' सूरज ' थी। इसके बाद वो कई फिल्म मे काम करती है लेकिन इस दौरान इस बच्ची के पिता इन्हे छोड़कर कहीं गायब हो जाते है और आज तक उनके बारे मे कोई खबर नही है कि वो जिंदा भी है या मर गए।

तीन चार साल तक काम करने के बाद अचानक मां अपनी बच्ची को लेकर पंजाब चली जाती है। वो नही चाहती थी कि उसकी लड़की का फिल्मी कैरियर बाल कलाकार करते हुए डेजी ईरानी की तरह खत्म हो जाए।
पांच साल बाद वो अपनी लड़की को लेकर वापस बॉम्बे आती है। उसकी एक हाॅट फोटो शूट करवा कर फिल्म मैग्जीन मे छपवाती है। इस बार फिर से किस्मत मेहरबान होता है और उसे रणधीर कपूर के साथ एक फिल्म मे हिरोइन का रोल मिल जाता है।
इसके बाद से ही इस लड़की का गोल्डन पीरियड प्रारम्भ हो जाता है।
यादों की बारात , हवस , खेल खेल मे , रफूचक्कर , दीवार , शराफत छोड़ दी मैने , कभी कभी , अदालत , धर्मवीर , कस्मेवादे , अमर अकबर एन्थोनी , परवरिश , द ग्रेट गेमब्लर , जानी दुश्मन , काला पत्थर वगैरह फिल्मों से सफलता के झंडे गाड़ दिए।
( आप शायद समझ गए होंगे कि मै किस अभिनेत्री की बात कह रहा हूं)
सफलता के मुकाम पर रहने के बावजूद भी सिर्फ बाइस साल की उम्र मे इन्होने एक प्रतिष्ठित फिल्मी घराने के एक बेहद ही लोकप्रिय फिल्म अभिनेता के साथ शादी कर लिया। इनका पुत्र भी एक फेमस अभिनेता है और इनकी बहू भी एक लोकप्रिय हिरोइन है।
फिलहाल वो अपनी जिंदगी फिल्मी अंदाज मे काफी जिंदादिली के साथ जी रही है।

कहने का तात्पर्य है कि परिस्थितियाँ कितनी ही विपरीत और कठिन क्यों न हो , अपने हौसले का दामन कभी नही छोड़ना चाहिए। जीवन है तो संघर्ष भी होगा ही।

कजरी की हिम्मत और हौसले की दाद दी जानी चाहिए जिसने विपरीत परिस्थतियों मे भी हार नही मानी और अपनी बेटी को एक नेक इंसान बनाया। खुशी की सफलता कजरी के संघर्ष और त्याग के नींव पर ही खड़ी हुई ।

सुधा का किरदार भी बहुत बढ़िया लगा। खुद दुखियारी होकर भी कजरी और खुशी के दुख दूर करने मे प्रयत्नशील रही।

बहुत खुबसूरत कहानी थी और मुझे बहुत ही पसंद आया।
 
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Story- " Animal "
Writer- Thakur.



यह कहानी राज के कुछ ऐसे सेक्सुअल एक्सपीरियंस से जुड़ा हुआ लगा मुझे जो बिल्कुल ही पाशविक था। या यह भी कह सकते है बी.डी.एस.एम. टाइप सेक्स था।
प्रारम्भिक दौर मे उसे इस तरह के सेक्सुअल सम्बन्ध मे काफी आनंद आया था। आखिर मे यह उसका पहला सेक्सुअल एक्सपीरियंस जो था और वह भी एक विवाहित महिला के साथ।
लेकिन कुछ दिनो मे ही उसे यह काफी डरावना लगने लगा। उस महिला की मृत्यु के बाद भी वो उन बुरी यादों को अपने दिल से न निकाल सका था।

उस महिला की मृत्यु के बाद उसक जीवन मे आकंक्षा आई। दोनो हसबैंड वाइफ मे प्रेम था। सेक्स भी संतोषजनक था। लेकिन शादी के तीन साल बीत जाने के बाद भी आकंक्षा को लगता था कि कहीं न कहीं तो गड़बड़ है। कुछ तो है जिसकी वजह से उसका हसबैंड स्वभाविक नही दिख रहा है।
और उसकी सोच सही भी थी। राज के दिलो-दिमाग पर पाशविक सेक्स ने कब्जा कर लिया था।
इसका सबूत एक बार सेक्स के दौरान राज के विचित्र सेक्सुअल एक्टिविटी को देखकर समझा जा सकता है।

खैर, दोनो हसबैंड वाइफ ने फार्म हाउस पर इस मसले को शोर्ट आउट कर लिया। और साथ मे अपने फैमिली व्यापार को भी।
यह देखकर अच्छा लगा कि इस उम्र मे भी राज के माता पिता का सेक्सुअल लाइफ काफी एक्टिव है। और यह देखकर भी अच्छा लगा कि उन्होने इस बार एक छोटी सी नन्ही परी को गोद लेकर घर और परिवार के अधूरेपन को समाप्त कर दिया है।

बहुत खुबसूरत कहानी थी ठाकुर साहब। सेक्सुअल सीन्स को इरोटिका के अंदाज मे लिखा है और बहुत ही बेहतरीन लिखा है।
आप की इस स्टोरी को मैने काफी एन्जॉय किया।
 
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Story- " The Internet "
Writer- Darkk Soul.


यह स्टोरी पढ़कर ऐसा महसूस हुआ जैसे गर्मी के भरी दोपहरी मे ट्रैवेलिंग के दौरान खुब जोर से प्यास लगी हो और तत्काल एक चिल्ड कोल्ड ड्रिंक से तत्कालीन वो प्यास बूझ गई हो।

एक त्वरित गति की सेक्स स्टोरी थी यह। इन्टरनेट फिक्स करने आए हुए एक बंदे के साथ महज पैंतालीस मिनट मे ही रिया इतनी अधिक आकर्षित हुई कि वो उसके साथ सेक्स करने के लिए पहल तक कर दी और अंततः सेक्स भी कर ली।
वैसे यह है तो फैंटेसी ही क्यूंकि इस तरह आनन फानन सेक्स कोई पारिवारिक लड़की नही करती। पहले नैन लड़ाएगी फिर मोबाइल पर रोमांटिक बातें करेगी फिर लड़के को शॉपिंग और मूवी के बहाने अनाप-शनाप रूपए खर्च करवाएगी और तब जाकर अपने शरीर का कोई कोना उस लड़के को छुने देगी।
बहुत तेज तर्रार होती है लड़कियां। आसानी से हासिल नही होती। लड़कों को पतंग की तरह कभी ढ़ील देती है तो कभी अपनी ओर खींच लेती है। :D

खैर यह सब हंसी-मजाक की बात है। कहानी अच्छी थी और काफी इरोटिक भी।
एक बार मुझे लगा था शायद नौकरी ज्वाइन करने के बाद आफिस मे कोई इन्टरनेट का फंडा होगा और वहीं पर शायद इन्टरनेट के बहाने किसी लड़के के साथ सेक्सुअल एनकाउंटर होगा।

यह कहानी भी मुझे बहुत पसंद आया।
 
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Story- " Aarushi "
Writer- Ankitarani.


मै जानता हूं कि अंकिता जी के मन मे पशु - पक्षी के लिए विशेष ही प्रेम है। और उनकी इसी भावना ने इस कहानी को लिखने के लिए प्रेरित किया।
बेहद ही खूबसूरत कहानी थी यह। बिल्कुल वही अंदाज और वही लिखने का स्टाइल....टिपीकल वन एंड ओनली अंकिता रानी की स्टाइल ।
आरूषि स्टोरी की नायिका है। बचपन मे एक बार वो एक मुर्गे को हलाल करते हुए देखती है और उसी वक्त से वो उन तमाम लोगों से नफरत करने लगती है जो इन जानवरों की निर्दयापूर्वक हत्या कर देते है।

बहुत खुबसूरती से आरूषि के किरदार को प्रस्तुत किया आपने। पुरी कहानी मे उसका आक्रोश स्पष्ट जाहिर हो रहा था। कहानी के अंतिम लम्हों मे उसका इमोशनल अवतार ने तो हमे भावुक ही कर दिया था।

जानवरों की असीमित शक्ति एवं फूर्ती ने कहानी मे हाॅरर के साथ साथ सस्पेंस भी पैदा कर दिया था। हम समझ ही नही पा रहे थे कि यह जानवर इतने अधिक ताकतवर कैसे हो गए ! आखिर यह क्या गोरखधंधा था !
आरूषि के डैड जगदीश जी के आने के बाद ही यह गुत्थी सुलझ पाया था।
इंस्पेक्टर अर्जुन के किरदार के साथ भी आपने अच्छा न्याय किया। सारी स्टोरी उसी के इर्द-गिर्द चल रही थी। कहानी के क्लाइमेक्स मे आरूषि को अपनी पत्नि का दर्जा देकर तो उसने हमारा दिल ही जीत लिया।

आरूषि के विचार का मै तहेदिल के साथ स्वागत करता हूं। जानवर की भाषा हम इंसान नही समझ सकते। एक तरह से जानवर हमारे लिए बेजुबान ही है। इंसान की तरह जानवर को भी दर्द होता है। वो भी अपनी फैमिली को पहचानते है। उनके आंखो से भी आँसू टपकता है।
और यह सब जानकर भी हम उन्हे कष्ट देते है। अपने भोजन को और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए उनकी हत्या करते है। अपने फेवरेट खाद्य पदार्थ के रूप मे इनका इस्तेमाल करते है।
काश , सारी पृथ्वी वेजिटेरियन हो जाती। कोई भी मांसाहार नही होता।
लेकिन हम अच्छी तरह जानते है यह सम्भव ही नही है। प्रकृति ने ऐसा नियम ही बनाया है कि बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है। मादा सांप अंडे देने के बाद स्वयं ही उन अंडो का भक्षण करना शुरू कर देती है।
एक जानवर अपने ही शरीर से जन्मे बच्चों के मौत का कारण बन जाती है। ऐसे मे मनुष्य से आप क्या अपेक्षा कर सकते है !
शाकाहार होना , या मांसाहार होना , व्यक्ति का अपना निजी फैसला होता है। दोनो के अपने अपने फायदे है , तो नुकसान भी।
मांस खाया जाना या नही खाया जाना परिवार के परम्परा का हिस्सा होता है। पुरी दुनिया मे नब्बे प्रतिशत से भी अधिक लोग मांसाहार है। भारत मे भी करीब सतर पर्सेंट लोग मांसाहार है।
बहुत मुश्किल है दुनियाभर से मांसाहार बनने की प्रवृत्ति को खत्म करना।
शायद यह प्रकृति की ही लीला है। लेकिन यह भी सत्य है कि मांसाहार कई लाइलाज रोगों की जननी भी है।

बहुत बहुत खुबसूरत कहानी थी अंकिता जी। आउटस्टैंडिंग।
और मुझे बहुत बहुत पसंद भी आया और बहुत प्रभावित भी किया।
 

Shetan

Well-Known Member
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अर्ध नारी" (Adultry + lesbion)

Meri najar me ye topic ek Revolution he. Muje bahot afsos he ki is kahani par meri najar ab padi.

Transhzendars, lesbian, by sexual topics ko jyada tar sexual feel ke najar se jyada koi nahi dekhta. Is par kahani likhna vakei himmat ka hi kam he. Maza aaya. Or meri najar me respect bhi kamai.

But kami bhi muje thodi si ye lagi biwi bhabhi ke bane un risto me kahi na kahi aap pati ki bhavnao ko thik se jata nahi pae. Kya use biwi ki bewafai nahi feel hui. Agar nahi hui. Use koi farak nahi pada to vo bhi sifr sex ke najariye se hi ye riste dekh raha tha.
Or kuchh jyada bolne ki aukad nahi he meri. Par ye topic vakei ek Revolution hi he. Meri najaro me
 
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Story- " Ye Ishq haaye...."
Writer- Love 1994.


" This is it " फेमस कोरियोग्राफर रेमो डिसूज़ा के शब्द इस स्टोरी के लिए परफेक्ट मैच खाते है।
यह था लव भाई का अंदाज । एक अद्भुत प्रेम कहानी।

कहानी का प्रारंभ ही बेहद शानदार तरीके से किया। प्रस्तावना मे नॉलेज की बातें थी तो कहानी का अंत सच्चे प्रेम को परिभाषित करने वाला था।

सच्चा प्यार एक आत्मिक समर्पण है जिसमे व्यक्ति दूसरे की रजा मे खुशी महसूस करता है। त्याग और समर्पण की भावना ही सच्चा प्रेम है।
आकाश का प्रेम ऐसा ही था। उसे जो शकून अक्षदा के चेहरे पर खुशी के भाव देखकर होता था , वो कहीं भी प्राप्त नही होता था। उसकी खुशी मे वो स्वयं खुशी महसूस करता था। अक्षदा के जीवन से सदैव के लिए दूर होने का फैसला उसका प्रेम धर्म ही था।

कहानी के मध्य मे , सरकारी नल के पास पानी लेने के लिए लम्बी कतार और फिर टाइम होने पर नल से पानी का न आना , लड़का और लड़की के बीच उस दौरान कुछ खट्टी मीठी तकरार होना , कहानी की खुबसूरती को और भी निखारने वाला प्रसंग था।
( वैसे मै यह भी जानता हूं कि सरकारी नल और लड़की के साथ छेड़छाड़ आपका पसंदीद विषय है। जरूर आप इन सब चीजों से गुजर चुके है ) :D

बहुत खुबसूरत कहानी लगा मुझे। इमोशंस और उसके विभिन्न प्रकार....गुस्सा , उदासी , डर और खुशी को एक कहानी के साथ सार्थक सिद्ध करना , सबकुछ आउटस्टैंडिंग था।
 

Shetan

Well-Known Member
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EK HI KHWAHISH

Pahele to janab aap kosalam he.


1) apne zone se hatke kuchh likhne ke lie.
2) aurat ki us vedana kwaise taklifo ke us manzar ko bayan karne ke lie

* duniya ki har aurat maa ban na chahti he. Ye kahani me darshane ke lie jatane ke lie.

* maa ban ne ki chah ek aurat ko andhi hi bana diya. Par ek aurat ne vo ehsas bhi dilaya ki vo narak dwar me maa ban na ek abhisrap hoga.

* vaha peda hone vala bacha beti huaa to??? Vo abhisrap us kokh se peda hue bache par bhi lag sakta he.

* ek or aaina chor bhi nahi chahra ki uska beta chor bane. Thik vese hi ek apahij kahi kabhi nahi chahega ki uski aulad bhi apahij bane. Thik vese ek veshya apni putri ke lie vo kabhi nahi chahegi ki uski beti bhi vesa jivan jine ko majbur ho jae.

* samaj ki ek bahot badi kami. Lande ka beta langda na ho. Par veshya ki beti ko peda hote hi veshhya jarur manenge. Chahe vo kisi bhi fild me aage badhe. Use us maa ki biti jindgi ka tana dekar niche jarur girana he.

Or bhi bahot sara he bolne ko. Par chhota muh badi bat jesa ho jaega. Vese meri najar me to ye kahani bhi muje ek Revolution hi lagi.

Ek is se pahele bhi ek kahani or padhi. Usme bhi mene Revolution ward use kiya. Copy pest mat samazna.

Salam he. Kalam ki takat ko
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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कहानी- एक ही ख्वाहिश
रचनाकार- Itachi_Uchiha महोदय


बहुत ही बेहतरीन और उत्कृष्ट रचना साथ ही उत्कृष्ट लेखनी।। पढ़कर आंखों में आंसू आ गए।
ये कहानी केवल एक कजरी या सुधा की नहीं है बल्कि ऐसी अनेकों कजरी और सुधाओं की है जो जिस्मफरोसी के इस दलदल में फंसी हुई हैं और सबसे बड़ी बात कि इन्हें यहां पर पहुंचाने वाले भी वही हैं जिन्हें वो अपना कहती हैं अपना मानती हैं। इस कहानी से एक प्रेरणा भी मिलती है कि
मन के हारे हार है और मन के जीते जीत। अगर आप जीवन में आने वाली कठिनाइयों से डरकर भागते रहोगे तो ये कठिनाइयां कभी भी आपका पीछा नहीं छोड़ेंगी। जीवन मे आने वाली कठिनाइयों का हमेशा डटकर सामना करना चाहिए।

कजरी ने पहले ही ठान लिया था कि वो अपनी बेटी को जिस्मफरोसी के दलदल में नहीं जाने देगी तो उसने उसे पूरा किया। उसके लिए भले ही कजरी को संगीताबाई ने लाख यातनाएं दी, लेकिन उसने अपनी बेटी को इस नरक से बाहर निकाल ही लिया। सुधा का किरदार भी बहुत पसंद आया मुझे। उसने हर कदम पर कजरी का साथ दिया।

एक वैश्या की ज़िंदगी ऐसी ही होती है।
रात में वो दोगले समाज को बहुत हसीन और खूबसूरत लगती है तो वही दिन में दोगले समाज की गंदगी और कीचड़ लगती है। एक बात और सब मर्द एक जैसे नहीं होते क्योंकि आज ख़ुशी जिस मुकाम पर है उसमें उस प्रिंसिपल का बहुत बड़ा योगदान था जिसने खुशी की हर तरह से मदद की थी बिना किसी स्वार्थ के। कजरी ने जिस उद्देश्य के लिए खुशी को इतने कष्ट सहकर जन्म दिया था उस उद्देश्य की पूर्ति भी हुई जब खुशी ने उसकी चिता को मुखाग्नि दी।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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कहानी- द इन्टरनेट
रचनाकार- Darkk Soul महोदय


कहानी अच्छी है। ये कहानी त्वरित सेक्स के लिए उन्मुक्त एक ऐसी लड़की की है जिसका इन्टरनेट खराब हो जाता है तो इन्टरनेट ठीक करने के लिए जो मैकेनिक आता है उसके साथ सेक्स संबंध स्थापित कर लेती है।

ये कहानी रिया की है।
लड़कियां वैसे भी बहुत चालाक और मक्कार होती है इस मामले में। कैसे रिया ने एक घण्टे से कम समय मे ही मैकेनिक को अपने हुस्न के जाल में फंसाया और त्वरित गति से सेक्स कर अपनी क्षुधा को शांत किया।

जहां तक मुझे लगता है सभ्य घर की लड़कियां ऐसा कभी नहीं करती। मुफ्त में तो बिल्कुल भी नहीं जैसा रिया ने किया है। कहानी में आगे भी एक वैसी ही त्वरित सेक्स की उम्मीद रिया से जगी थी, लेकिन वो पूरी नहीं हो पाई।
 
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