कहानी :
शैली
लेखक :
Darkk Soul
सबसे पहले शुरू करता हूँ लेखनी से - साफ़ सुन्दर भाषा का प्रयोग, और देवनागरी में लेखन! इसके कारण कहानी पढ़ने में बहुत आनंद आया।
सुपर-नेचुरल थीम (जादू / टोना / टोटका) की कहानियाँ कम ही पढ़ता हूँ, क्योंकि उनमे सर पैर नहीं होता। लेकिन इस कहानी में वो दिक्कत नहीं आई, क्योंकि कहानी के मध्य में वो सब शुरू हुआ - तब तक कहानी में इतनी रूचि आ गई थी कि रोका नहीं गया
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शैली की हालत देख कर ऐसा ज़रूर लगा कि वो चाहती नहीं थी अपने में ऐसा परिवर्तन - क्योंकि सुधीर के लिए उसके अंदर भावनाएँ अभी भी शेष थीं। इसलिए उन दोनों के लिए दुःख हुआ। अंत में सुधीर की अवस्था वही हुई, जो इस परिस्थिति में किसी भी पति की होती! और अच्छा किया कि इस कहानी का आदि - अंत लिखने और अनावश्यक आख्यान देने से आप बचे! कहानी की रोचकता उससे और भी बढ़ गई!
बहुत ही सुन्दर कहानी! मेरे ख्याल से ये शीर्ष कहानियों में शुमार होनी चाहिए!