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Bahut bahut shukriya bhai aapke is khubsurat review ke liye,,,,,"पुलिस वाली है चौधरी साहब।" अजय सिंह ने कहा__"खुद कमाती है। इस लिए कहीं न कहीं अपने रहने के लिए कोई किराये से कमरा ले लिया होगा।"
"ये तो तुम संभावना ब्यक्त कर रहे हो ठाकुर।" चौधरी ने कहा___"जबकि तुम्हें खुद पता लगाना चाहिए था कि अगर वो लौटकर हवेली नहीं आती है तो रहती कहाॅ है? कैसे बाप हो तुम ठाकुर?"
अजय सिंह कुछ बोल न सका। उसे एहसास था कि चौधरी सच कह रहा था कि उसे खुद अपनी बेटी के बारे में पता करना चाहिए था। भले ही वो पुलिस वाली थी मगर ये भी सच था कि वो एक लड़की भी थी। वो भले ही अपनी सुरक्षा बखूबी कर ले मगर वो तो उसका बाप था न? उसे तो अपनी बेटी की चिन्ता होनी चाहिए थी। अजय सिंह सोचो में गुम तो था मगर उसके ज़हन में ये भी था कि रितू के साथ उसकी छोटी बहन नैना भी है। शायद यही वजह थी कि उसने अब तक पता करने की कोशिश नहीं की थी कि वो दोनों कहाॅ रहती हैं? अकेले रितू बस होती तो उसे चिंता यकीनन होती मगर उसके साथ में नैना जैसी पढ़ी लिखी व समझदार उसकी बहन भी थी। इस लिए वो बेफिक्र था अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए।
Aapke update ka hi chhota sa paricched hai ye...
Sochane wali baat hai ki...
Jo baap apni hi beti par buri najar rakhata hai usse rondane ka sochata hai yaha tak ki usse jaan se bhi marne se picche na hatne wala uske liye phikarmand ho raha hai...
Ye chhodo appki lekhan-shaili to kaphi acchi hai...
Kahi pe koi chiz bhul gaye to wo dusre update mai dikhayi deti hai...
But ek baat aap kisi chiz ka discription bahot deto ho...
Aadat se majbur hu bhai is liye samjhane ke chakkar me detail zyada ho jati hai. Kuch logo ko shikayat ho jati hai ki fala jagah par samajh nahi aaya is liye agar ise thoda detail me likhte to achha hota. Yahi sab soch kar detailing ho jati hai. Khair shukriya aapke review ke liye,,,,,,