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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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भतीजे ने मिटाई चूत की प्यास- 1



मैं श्वेता सिंह, मेरी उम्र 38 साल है। मैं ग्वालियर की रहने वाली हूं। मैं एक पढ़ी लिखी और मॉडर्न सोच रखने वाली महिला हूं.

मैंने बायोलॉजी में मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई की है और मैं कोचिंग सेंटर में बायोलॉजी पढ़ाती हूं।

मेरी काया का आकार 34B-28-36 और हाइट 5’4″ है।
अपना फिगर मेंटेन रखने के लिए 28 साल की उम्र से मैं हर रोज जिम जाती हूं.

मेरे परिवार में कुल 8 लोग हैं, मेरे पति, उनके बड़े भैया-भाभी उनके दो बच्चे, और छोटा भाई उनकी बीवी.
सब लोग एक साथ रहते हैं.

हम खानदानी अमीर लोग हैं।
गांव में हमारी 150 एकड़ जमीन, ट्रांसपोर्ट कंपनी, प्रॉपर्टी डीलिंग ऐसे अलग अलग कारोबार हैं.

मेरी जेठानी रेखा और देवरानी नीता दोनों सगी बहनें है.

यह हॉट चाची सेक्सी कहानी मेरी और मेरे भतीजे आदित्य की है.

आदित्य की उम्र 23 साल है. वह 6’2″ का हट्टे कट्टे बदन वाला, पढ़ाई में बहुत होनहार और हमेशा अव्वल नंबर से पास होने वाला एक सुशील लड़का है.
अभी वह दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजिनियरिंग के फाइनल ईयर में है.

आदित्य और मैं हमेशा से एक दूसरे के करीब रहे हैं, हमारा रिश्ता बिल्कुल दोस्तों जैसा है, एक दूसरे से ढेर सारी बातें करना, हँसी मजाक करना हमारे बीच सामान्य है.

ग्यारहवीं कक्षा में वह पढ़ने के लिए कोटा चला गया था.

हुआ यूं कि मेरी जेठानी के भाई की शादी 30 मार्च 2020 को जयपुर में होनी थी.
वे दोनों बहनें (रेखा और नीता) जेठजी और सोनू (मेरी भतीजी) को साथ लेकर 1 मार्च को ही अपने मायके जाने वाली थी.

उस समय आदित्य JEE की कोचिंग के लिए कोटा में था. JEE एग्जाम का यह उसका तीसरा अटेम्प्ट था.

उसे खाने पीने के लिए कोई परेशानी ना हो इसलिए उसकी मां उसके साथ रहती थी.

अब उसकी देखभाल के लिए उसके मां ने मुझे कोटा जाने के लिए कहा.
मैंने हां कह दी.

वहां पर मुझे तकरीबन 20-25 दिन रहना था.
इस हिसाब से मैंने अपने कपड़े पैक किए.

अब अगले दिन 2 मार्च को सुबह पीले रंग की साड़ी और लाल ब्लाउज, एक हाथ में लाल चूड़ियां दूसरे में घड़ी, कानों में झुमके, गले में चैन, पैरों मैं एक हाई हील की सैंडल पहन, बाल खुले छोड़ मैं जाने के लिए तैयार थी।

तकरीबन 7 बजे अपनी कार से मैं ग्वालियर से निकली.
सफर लंबा था, मैं 6-7 घंटे में कोटा पहुंच गई.

क्योंकि मैं कोटा में पहली बार आई थी तो मुझे वहां के बारे में कुछ जानकारी नहीं थी.

फ्लैट का पता पूछने के लिए मैंने आदित्य को फोन किया तो उसने मुझे मोबाइल पे अपनी लाइव लोकेशन भेज दी.

मोबाइल में लोकेशन देखते हुए मैं बिल्डिंग में पहुंच गई.
वह नीचे गेट पर मेरी राह देख रहा था.

बीच बीच में हमारी फोन पर बात होती रहती थी लेकिन हम दोनों एक दूसरे को करीब तीन साल बाद मिल रहे थे.
जैसी ही मैं कार से बाहर आई, हम एक दूसरे को देखते ही रह गए.

आदित्य पूरी तरह से बदल गया था, चेहरे पर दाढ़ी, सिक्स पैक एब्स की वजह से वह बहुत ज्यादा हैंडसम लग रहा था।
उसने पढ़ाई के साथ साथ अपने शरीर का भी पूरी तरह ध्यान रखा था.

ना जाने क्यों, मुझे उसके लिए कुछ अलग की आकर्षण हो रहा था और मैं उसे लगातार देखे जा रही थी.

वह बोला- हाय चाची, कैसी हो?
“हेलो बेटा, मैं तो एकदम बढ़िया हूं. तुम अपना बताओ?”
“मैं भी ठीक हूं चाची!”

“तुम तो पूरी तरह बदल गए. लगता है तुम्हें कोटा का पानी कुछ ज्यादा ही सूट कर गया!”
“हाँ चाची, कोटा मुझे पसंद आ गया है.”

वह बोला- यह सब जाने दीजिए, आपका सफर कैसा रहा, ये बताइए?
“सफर तो बहुत अच्छा था.”
“और हाँ आपको बिल्डिंग ढूंढने में कोई तकलीफ तो नहीं हुई ना?”
“शहर में नई होने की वजह से थोड़ा समय लगा.”

“और बताइए घर में सब कैसे हैं?”
“अरे, अब क्या सारी बातें यहीं करेगा, मुझे घर नहीं लेकर जाएगा?”
“माफ़ करना चाची, बहुत दिन से आपको मिला नहीं … और घर भी नहीं आया. तो बातों बातों के चक्कर में भूल गया कि हम पार्किंग में हैं.”
“चल कोई बात नहीं!”

आदित्य ने गाड़ी में रखा सारा सामान बाहर निकालकर गाड़ी लॉक की.

अब हम लिफ्ट से उसके फ्लैट की तरफ जा रहे थे जो छठी मंजिल पर था.

फ्लैट के अंदर आकर मैंने उसे गले लगाया और प्यार से उसके गाल पर किस किया और फ्लैट देखने लगी.
वह एक फुल्ली फर्निश 2 BHK फ्लैट था.

वहां पर घर में लगने वाली हर एक चीज जैसे टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, ओवन, सोफा सेट, डाइनिंग टेबल सब कुछ था।

15-20 मिनट बातें करने के बाद उसने मेरा सारा सामान दूसरे कमरे में रखा और मुझे फ्रेश होने के लिए कहा.

मैं कमरे में जाकर अपना सामान लगाने लगी.

नहाकर मैं फ्रेश हुई और मेहंदी रंग का कुर्ता, सफेद पजामा पहन, हल्का सा मेकअप करके बाहर आई.

उस समय आदित्य अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था.
मैं हम दोनों के लिए कॉफी लेकर आदित्य के कमरे में गई.

दरवाजा बंद था, मैंने नॉक किया.
तब उसने दरवाजा खोला, मुझे अच्छे से देखा और अंदर आने को कहा.

मैं अंदर गई तो उसने मुझे बेड पर बैठने के लिए कहा और खुद भी मेरे पास बैठ गया, बोला- मुझे कह रही हो कि मैं बदल गया हूं. सच कहूं तो बदल तो आप गई हो!
“अच्छा बेटा, ऐसा क्या देख लिया जो मैं तुम्हें बदली बदली सी लग रही हूं?”
“पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई हो आप!”
मैंने उसे ‘थैंक यू’ कहा.

वह बोला- चाची शायद अगले दो तीन दिन में किचन का सारा जरूरी सामान खत्म हो जाएगा तो हमें आज ही मार्केट जाना होगा.
“ठीक है, हम 6 बजे चले जायेंगे.”
उसने “हां” कहा.

मैंने किचन में जरूरी चीजों की लिस्ट बनाई.

फिर मैं लाल रंग का कट कुर्ता, काला जीन्स पहनकर तैयार हुई और आदित्य को आवाज लगाई.

वह अपने कमरे से बाहर आया, मुझे ऊपर से नीचे तक ध्यान से देखते हुए बोला- चाची, आप तो बहुत क्यूट लग रही हो!
शायद उसे क्यूट की जगह सेक्सी कहना था लेकिन डर के मारे नहीं कह पाया.

मैं उसके तरफ देख कर मुस्कुराई.
वह बोला- शाम के समय ट्रैफिक ज्यादा रहता है तो बाइक से जाना ही हमारे लिए ठीक होगा.
मैंने हां कर दी.

कोचिंग आने जाने के लिए हमने उसे एक स्पोर्ट्स बाइक दिलाई थी.

मैं लड़कों की तरह दोनों तरफ पैर कर अपने दोनों हाथ उसके कंधे पर रख कर बैठ गई.

ब्रेक लगने पर मेरे मम्मे उसकी पीठ को टच कर रहे थे, मुझे थोड़ा अजीब लगने लगा.
लेकिन शायद वह इस बात का मज़ा ले रहा था.

20 मिनट में हम मार्केट पहुंच गए, सामान लिया और घर आ गए.

अभी 8 बज रहे थे.
हमने खाना खाया और मैं थोड़ी देर टीवी देखने लगी.

मैंने एक बात नोटिस कि ना तो हॉल में ए सी है ना दूसरे कमरे में … तो मैं सोऊंगी कहाँ? मुझे तो बिना ए सी के बिल्कुल नींद नहीं आती.

तभी आदित्य बोला- चाची, यहां सिर्फ एक ही कमरे में ए सी है. तो आप वहां सो जाओ, मैं हॉल में सो जाऊंगा.

“अरे नहीं बेटा, तुम इतनी गर्मी में यहां बिना ए सी के कैसे सो पाओगे. और एक दो दिन की बात होती तो ठीक था. लेकिन हमें और 25 दिन साथ रहना है, इसलिए हम दोनों तुम्हारे की रूम में सोना होगा.”
“ठीक है चाची!”

10 बज रहे थे और मुझे नींद आ रही थी.

मुझे शुरु से सोते समय शॉर्ट्स और टी शर्ट पहन कर सोने आदत है.

मैंने गुलाबी रंग का शॉर्ट्स और काली टीशर्ट पहन ली और सोने के लिए आदित्य के रूम में चली गई.

वह मुझे देखकर दंग रह गया और घूरने लगा.

मैंने पूछा- ऐसे क्या देख रहे थे, पहली बार थोड़ी ना तुम मुझे इन कपड़ों में देख रहे हो?
आदित्य- चाची, बहुत दिनों बाद आपको इस रूप में देखकर अपने आप मेरी नज़र तुम्हारे ऊपर चली गई.
मैं बोली- कोई बात नहीं!

उसने बताया कि वह 12 बजे तक पढ़ाई करता है और सुबह 6 बजे उठता है.
तभी उसने कहा- आप ऊपर बेड पे सो जाइए, मैं अपनी पढ़ाई खत्म कर नीचे सो जाऊंगा.
“अरे शरमा मत, भूल गया बचपन में तू मेरे साथ ही सोता था, हम दोनों ही बेड पर सोएंगे.”

दिन भर सफर करने की वजह से मुझे नींद आ रही थी.

वह अपने टेबल पर बैठ पढ़ाई कर रहा था, मैं उसकी तरफ पीठ कर सो गई.
लेकिन मुझे ऐसा लगा कि वह मेरी तरफ़ देख रहा है.

यह पक्का करने के लिए मैंने करवट ली.
अब मेरा मुंह उसकी तरफ था. मैंने बंद आंखों से उसकी तरफ देखा तो मेरा शक यकीन में बदल गया.
वह लगातार मुझे देखे जा रहा था.

मैंने उसे कुछ कहना ठीक नहीं समझा और मैं सो गई.

मैं समझ रही थी कि आदित्य भी मेरे कामुक शरीर को तरफ आकर्षित हो रहा था.

रात को जब थोड़ी देर के लिए आंख खुली तो हम दोनों एक दूसरे के पास थे और आदित्य का हाथ मेरे पेट के ऊपर था.
लेकिन वह गहरी नींद में था.
मेरे मन में अभी तक उसके लिए किसी भी प्रकार की भावना नहीं थी.

अगले दिन सुबह 6 बजे मेरी नींद खुली.
तब आदित्य जिम जाने के लिए तैयार हो रहा था.

मैं ग्वालियर में हर रोज जिम जाती हूं, यह बात आदित्य को भी पता है.
तो उसने मुझे पूछा- चाची, क्या आप अगले 25 दिन जिम से छुट्टी लेने वाली हैं?
“ना बाबा!”
“तो चलिए फिर मेरे साथ, मैं भी जिम जा रहा हूं.”

“ऐसे कैसे चलिए, जिम की फॉर्मेलिटी कौन पूरी करेगा?”
“मैं हूं ना, आप आने वाली हैं, यह पता चलते ही मैंने आपका रजिस्ट्रेशन अपनी जिम में करवा दिया. चलिए अब जल्दी से रेडी हो जाइए.”
“थैंक यू आदित्य, तुम्हें कितनी फिक्र है मेरी!” यह कहकर मैंने उसे कस के गले लगा लिया और गाल पर चूम लिया.

“इसमें थैंक यू वाली क्या बात है, जैसा आप मेरा ख्याल रखती हैं, वैसे ही मैं भी आपका ख्याल रखूंगा.”
मैंने उसे प्यार से देखा और अपने कपड़े चेंज करने के लिए चली गई.

काले रंग का ट्रैक सूट, ऊपर एक जैकेट और सफेद रंग के स्पोर्ट्स शूज पहन कर मैं जाने के लिए तैयार हो गई.

आदित्य मुझे उन कपड़ों में देखता ही रह गया.
देखे भी क्यों ना … मेरी पैंट थी ही इतनी टाइट कि अच्छे अच्छों की नजर मेरे ऊपर टिक जाए.

फिर हम बाइक से जिम पहुंच गए.

क्योंकि अब मैं वर्क आउट करने वाली थी तो अंदर जाते ही मैंने अपना जैकेट उतार दिया.
अब मैं सिर्फ एक स्लीवलेस टॉप जो मेरे छाती के थोड़े ही नीचे था और अपने स्किन टाइट पैंट में थी.

काले कपड़ों में मेरी गोरी त्वचा कुछ ज्यादा ही निखर रही थी.
जिम के सभी लड़के मुझे ही देख रहे थे.
और आदित्य भी!

मेरे लिए तो ये कपड़े सामान्य थे लेकिन आदित्य मुझे पहली बार इस रूप में देख रहा था.
इस वजह से उसका बुरा हाल हो गया.

उसने मुझे अच्छी तरह से देखा और बोला- अरे वाह चाची, आपने पैंतीस की उम्र में भी अपने आप को बढ़िया मेनटेन रखा है!
मैंने उसे थैंक यू कहा और अपना वर्क आउट चालू किया.

आदित्य वर्क आउट तो कर रहा था लेकिन उसका ध्यान पूरी तरह से मेरे ऊपर था.

8:30 बजे घर आकर मैंने घर के काम किए और आदित्य पढ़ाई करने के लिए अपने कमरे में चला गया.

11 बजे मैंने उसे खाने के लिए बुलाया.

हमने खाना खाया और फिर वह पढ़ने के लिए चला गया.

अब अगले 3-4 दिन हमारी दिनचर्या यही थी.

इन दिनों उसकी हरकतों से मैं समझ गई कि वह भी मुझे पसंद करने लगा है.

मैं पिछले 6 दिन से चुदी नहीं थी तो मेरी चूत की आग बढ़ने लगी.
मैंने सोचा वैसे भी यहां कोई भी हमें नहीं पहचानता तो मजा लेने में कोई परेशानी नहीं होगी.

मैं अपनी ओर से कोई हरकत नहीं करना चाहती थी.
पर उसे उकसाने के लिए मैं जानबूझ कर घर मैं और भी ज्यादा भड़कीले कपड़े पहनने लगी.
 

junglecouple1984

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भतीजे ने मिटाई चूत की प्यास- 2



आपने कहानी के पहले भाग

में पढ़ा कि मुझे अपने जेठ के युवा बेटे के साथ रहने का अवसर मिला तो मैं उसके बदन की ओर आकर्षित हो गयी. वह भी मुझे कामुक दृष्टि से देखता था.

मैं अपनी ओर से कोई हरकत नहीं करना चाहती थी.
पर उसे उकसाने के लिए मैं जानबूझ कर घर मैं और भी ज्यादा भड़कीले कपड़े पहनने लगी.

अब आगे

एक दिन जिम से वापस आकर मैं नीले रंग की साड़ी और मैचिंग स्लीवलैस ब्लाउस पहने किचन में काम कर रही थी।
गर्मी की वजह से मैंने अपने बाल ऊपर बांध रखे थे और काम करते समय जैसे हर भारतीय नारी करती है, वैसे साड़ी का पल्लू अपनी कमर पर लपेट लिया था.

मेरी पीठ पर सिर्फ एक इंच की ब्लाउस की पट्टी थी, पीछे से मेरी नंगी पीठ और पतली कमर कामुक लग रही होगी.

आदित्य किचन में आया, शायद उसे मेरा ये रूप भा गया था.
वह मेरे पीछे खड़ा होकर मुझे देखते हुए पानी पी रहा था.

उसने अचानक पीछे से जैसे कोई छोटा बच्चा प्यार से अपनी मां को पकड़ता है वैसे मुझे पकड़ लिया और कहा- खाने में क्या बना रही हो मेरी प्यारी चाची?
लेकिन उसके मन की भावना छोटे बच्चे की नहीं बल्कि एक वासना से भरे मर्द की थी.
यह मैं तब समझ गई जब उसका लंड मेरी गांड में चुभने लगा.

मैं- तुम्हें आज कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है अपनी चाची पर?
आदित्य- इतनी प्यारी और सुंदर चाची हो तो प्यार क्यों ना आए!
यह कहकर उसने मुझे गाल पर चूम लिया.

“हटो, मुझे काम करने दो!” यह कहकर मैंने उसे अपने से अलग कर दिया.
वह मेरे पास खड़ा होकर मुझसे बातें करने लगा.

मैंने पूछा- आदित्य, तुमने अपनी चाची को तुम्हारी गर्लफ्रेंड के बारे में कुछ नहीं बताया. ऐसा क्यों?
“गर्लफ्रेंड होती तो बताता ना चाची!”

“चलो भी … अब मुझसे क्या छुपाना?”
“सच्ची चाची, मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है.”

“मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा कि तुम जैसे लड़के की कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. तुम्हें तो कोई भी लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहेगी.”
“हां चाची, अभी भी मेरे लिए लड़कियों की लाइन लगी पड़ी है लेकिन मैं ही किसी को भाव नहीं देता!”

“ऐसा क्यों?”
“एक बात तो जब तक मेरा JEE क्लियर हो नहीं जाता, मैं इन फालतू के चक्कर में नहीं पड़ना चाहता. और दूसरी बात कि जैसी लड़की मुझे चाहिए, वह अब तक मुझे नहीं मिली.”

“अच्छी बात है, तुम अपनी पढ़ाई के बारे में इतना सोचते हो, लेकिन तुम्हें कैसी लड़की पसंद है जो आज तक तुम्हें मिली नहीं?”
“सच कहूं चाची … तो मुझे बिल्कुल आपके जैसी गर्लफ्रेंड मिल जाए तो मैं उसी से शादी कर लूं!”

“अच्छा बेटा, क्या मैं तुम्हें इतनी पसंद हूं?”
“हां चाची, आप तो बचपन से मेरी क्रश हो.”

“चुप हो जा नालायक … कुछ भी बोल रहा है, अपनी चाची को कोई ऐसा थोड़ी ना कहता है.”
“चाची आप हो ही इतनी खूबसूरत कि कोई भी आपके प्यार में पड़ जाए. सच में चाचा बहुत खुशनसीब हैं जिन्हें आप जैसी बीवी मिली.”

मैं उसके मुंह से अपनी इतनी तारीफ सुन शर्मा गई और उसे देखने लगी.

“क्या सच में मैं तुम्हें इतनी पसंद हूं?”
“हां चाची!”

मैं गर्म हो चुकी थी लेकिन अब भी अपनी ओर से कोई हरकत नहीं करना चाहती थी.

हमने खाना खाया और पूरा दिन सामान्य बीता.

उसी रात 10 बजे जब मैं उसके कमरे में सोने के लिए गई तब तक वह सो गया था.
मैं भी सो गई.

रात में तकरीबन 12 बजे मुझे अपने सीने पर कुछ हलचल महसूस हुई.

आदित्य अपना हाथ धीरे धीरे मेरे सीने पर घुमा रहा था.
मैं सोने का नाटक कर बंद आंखों से उसे महसूस करने लगी. मैं उसे आज रोकना नहीं चाहती थी.

अब उसे यकीन हो गया कि मैं सो रही हूं तो उसकी हिम्मत बढ़ गई.
उसने अपना हाथ मेरे टी शर्ट के अंदर डाल दिया और मेरे पेट को सहलाने लगा.

मैं गर्म हो रही थी.
इस वजह से मेरी साँसें तेज हो गई और उसे पता चल गया कि मैं सोने का नाटक कर रही हूं.

मैं उसका विरोध नहीं कर रही थी तो उसे हरी झंडी मिल गई.
वह बोला- मैं जानता हूं चाची, आप सोने का नाटक कर रही हो. तो क्यों ना आंखें खोलकर आप भी मजा कीजिए.

अब वह थोड़ा नीचे सरका और मेरे ओंठ पर अपने होंठ रखकर मुझे चूमने लगा.

मैं उसे अपनी चुदास नहीं दिखाना चाहती थी, मैं बोली- रुक जाओ आदित्य, तुम जो कर रहे हो, वह गलत है.
और उसे धक्का देकर अपने से अलग कर दिया और झूठा विरोध करने लगी.

लेकिन उसके सर पर तो मानो भूत सवार हो गया हो, उसने मुझे अपने पास खींचा और फिर से चूमने लगा.

मेरा झूठा विरोध वासना की आग के सामने धीरे धीरे फीका पड़ने लगा.

उसने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया.

मैं सोते समय शॉर्ट्स और टीशर्ट के अंदर कुछ भी नहीं पहनती.

उसने अपने दोनों हाथ मेरे टीशर्ट के अंदर डाल दिए और मेरी नंगी पीठ पर अपने हाथ लगा दिए.

मैंने अपने बाल एक क्लिप की मदद से ऊपर बांध रखे थे.
उसने क्लिप निकाल कर मेरे बालों को खोल दिया.

वह मुझे चूमते हुए टी शर्ट के ऊपर से मेरे चूचे दबाने लगा और एक हाथ मेरे शॉर्ट्स के अंदर डाल कर मेरी चूत का नाप लेने लगा.

हम पिछले 30 मिनट से एक दूसरे के होठों का रसपान कर रहे थे.

वह अब नीचे आ गया मेरा टी शर्ट ऊपर कर मेरे पेट को चूमने लगा.
मैं एकदम तड़प रही थी और कामुक सिसकारियां ले रही थी.

उसने मेरी टी शर्ट उतार दी, मेरे नंगे चूचे वह थोडी देर देखता ही रहा फिर उनपर टूट पड़ा, उन्हें अपने मुंह में लेकर चूसने लगा, जीभ से चाटने लगा और प्यार से उन्हें हल्के हल्के काटने लगा.

करीब 20 मिनट वह मेरे चूचों के साथ खेलता रहा.
मैं इस दौरान एक बार झड़ चुकी थी.

अभी रात का एक बज रहा था.

वह अब मेरी दोनों टांगों के बीच बैठकर शॉर्ट्स के ऊपर से मेरी चूत की खुशबू लेकर उसे चूमने लगा.
उसने मेरे शॉर्ट्स मेरे शरीर से अलग किए.

फिर उसने उठकर बत्ती जला दी.
तेज रोशनी में मेरा नंगा शरीर चमकने लगा.

वह मुझे देखता ही रह गया और बोला- कसम से चाची, जिंदगी में आज तक कभी इतनी खूबसूरत औरत नहीं देखी, चाचा बहुत लकी हैं कि उन्हें आपके जैसी बीवी मिली.
मैंने शर्म के मारे अपने आंखें बंद कर रखी थी.

वह पागलों की तरह मेरे शरीर को चूम रहा था.
मैं तड़प उठी … मैं चाहती थी कि उसका लंड जल्द से जल्द मेरी चूत के अंदर हो!

लेकिन वह मुझे और तड़पाना चाहता था इसलिए वह मेरी जांघों पर किस करने लगा.
उसकी इन हरकतों की वजह से मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गई थी और अपना सर इधर उधर पटकने लगी.

उसने अपना मुंह मेरी चूत पर रखा और उसे चूम लिया.

तब उसने मेरी टांगें घुटनों से मोड़ कर फैला दी और चूत चाटने लगा.
उत्तेजना की वजह से मैं कामुक सिसकारियां भरने लगी और अपने हाथों से उसके बाल पकड़ कर उसका सिर चूत की तरफ दबाने लगी.

15 मिनट तक वह मेरी चूत चाटने में लगा रहा और तब मैं उसके मुंह में झड़ गई.

मैं बोली- बस अब और रहा नहीं जाता! आदित्य, जल्दी से अपना हथियार मेरे अंदर डाल दो और मेरी प्यास बुझा दो!

उसने अपने कपड़े उतार दिए.
उसका बड़ा लंड मेरे सामने था, मेरा मन कर रहा था कि इसे मुंह में लेकर खेलती रहूं लेकिन इस वक्त मुंह से ज्यादा चूत की प्यास मिटाना जरूरी था.

उसने और थोड़ी देर मुझे चूमा फिर सीधा लिटा कर मेरी कमर के नीचे दो तकिए लगा दिए जिससे मेरी चूत उभर गई.

बहुत दिनों के बाद इतने बड़े लंड से चुदने जा रही थी तो दर्द होना निश्चित था.
पर जितना ज्यादा दर्द … उतना ज्यादा मजा, यह मुझे मालूम था!

“आदित्य थोड़ा धीरे डालना, मुझे इतने बड़े हथियार लेने की आदत नहीं है, तुम्हारे चाचा का तो इससे बहुत छोटा है.”
“आप चिंता मत कीजिए चाची, आपको किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो, यह मेरी जिम्मेदारी है.”

इतना कहकर उसने अपना लंड मेरी चूत पर टिका दिया और एक जोरदार धक्का दिया जिससे उसके लंड का सुपारा अन्दर चला गया.
मुझे थोड़ा दर्द हुआ, उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए, पूरा लंड बाहर निकाला और फिर एक जोरदार धक्के से आधा लंड अंदर डाल दिया.

जवान चाची Xxx दर्द के मारे मेरी चीख उठी पर मेरी आवाज निकल कर उसके मुंह में ही दब गई.
थोड़ी देर के लिए वह वैसे ही बिना हिले रहा.

तब उसने धीरे धीरे मेरी चुदाई करना चालू किया, लंड ने अपने लिए जगह बना ली और आसानी से अंदर बाहर करने लगा.

उसने धक्कों की गति बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा.
मेरी दर्द भरी चीखें अब आनंद में बदल गई.

मैं बेशर्मों की तरह उसे गालियां दे रही थी- हां … चोद साले … अच्छे से चोद अपनी चाची को!
“हां साली रण्डी … कितने दिनों से इस पल का इंतजार कर रहा था मैं … अब नहीं छोडूंगा तुझे … देख आने वाले दिनों में तेरा क्या हाल करता हूं!”

उसके मुंह से अपने लिए गालियां सुनकर मुझे अच्छा लगने लगा.

वह लगातार मुझे चोद रहा था लेकिन उसका लंड अब तक खड़ा था.

अब मैंने उसे सीधा लेटने के लिए कहा और चुदाई की कमान मैंने संभाली.

मैंने उसके ऊपर चढ़ कर लंड अपने चूत पर सेट किया. मेरी चूत चीरता हुआ वह लंड ज्यादा अंदर तक चला गया.
मैं उछल उछल कर चुदाई का मज़ा ले रही थी.

कुछ देर चोदने के उसका माल आने वाला था तो वह बोला- चाची, मैं आने वाला हूं, कहाँ लोगी इसे?
“अंदर ही डाल दे मेरे राजा, मैं तो न जाने कितनी बार झड़ चुकी हूं!”

दस बारह तेज धक्कों के साथ उसने माल मेरे जिस्म के अंदर डाल दिया.

अलग अलग पोजीशन में हमारी पहली चुदाई सुबह पांच बजे तक चली.
उसने मुझे पूरी रात में तीन बार चोदा.

मैं उसका स्टैमिना देख दंग रह गई.
आज तक किसी ने मुझे इतनी देर तक नहीं चोदा था.
उस कमरे का कोई कोना नहीं बचा जहाँ आदित्य ने मेरी चुदाई ना की हो.

रात भर चुदाई कर हम थक गए और नंगे ही एक दूसरे से लिपटकर सो गए.

अगले सात दिन हम कोटा में किसी कपल की तरह रहे, खूब घूमे, शॉपिंग की और चुदाई की तो बात ही मत करो.
वह दिन में कम से कम तीन बार मुझे चोदता था.

कोरोना के बढ़ते प्रादुर्भाव के चलते 15 मार्च 2020 को भारत सरकार द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थानों को 15 दिन की छुट्टी दी गई.
इस वजह से कोचिंग भी बंद हो गई.

मैंने आदित्य को पूछा- अब क्या करना है, चलो हम भी जयपुर चले जाते हैं!
“नहीं, हम अपने प्लान के मुताबिक 25 को ही जयपुर जायेंगे.”
“ऐसा क्यों, अब तो तुम्हें छुट्टियां है घर पर सबने पूछा तो क्या जवाब दोगे?”
“वह सब मैंने पहले ही सोच रखा है. मैं बता दूंगा कि 21 और 24 को मेरी ऑनलाइन एग्जाम है तो मैं नहीं आ पाऊंगा.”

“वाह बेटा, तुम तो बहुत दूर की सोचते हो. लेकिन हम 10 दिन यहीं कोटा में रहेंगे क्या?”
“नहीं चाची, हम आज ही ग्वालियर के लिए निकल जायेंगे और वहां मजे करेंगे.”
“जैसा तू ठीक समझे!”

फिर हम 15 मार्च को सुबह 9 बजे कोटा से ग्वालियर के लिए निकले.
सफर में हम दोनों ने गाड़ी चलाई ताकि किसी एक को ज्यादा परेशानी ना हो.

शाम 6 बजे तक हम ग्वालियर पहुंच चुके थे.
अब आप सोच रहे होगे सफर तो 7 घंटे का था तो हमें 4 बजे ही पहुंच जाना चाहिए था.
तो दोस्तो, हम जानबूझकर कच्चे रास्ते से आए और बीच में खाली इलाका देख कार में ही चुदाई का एक राउंड पूरा किया.

ग्वालियर आकर पता चला कि मेरे पति किसी डील के चलते मुंबई गए हैं. उन्हें वहां पर 8-10 दिन का काम है तो वे वहीं से अपना काम खत्म करके शादी के लिए आने वाले हैं.

अब घर पर भी अगले 10 दिन के लिए हम दोनों ही रहने वाले थे.

यह बात है 18 मार्च की!
शादी की शॉपिंग करने के लिए हम मार्केट जाने वाले थे.
शाम सात बजे मैंने उसे कहा कि वह फ्रेश हो जाए, तब तक मैं रेडी होकर आती हूं.

लगभग 20 मिनट बाद मैं रेडी होकर अपने रूम से बाहर आई तो वह हाल में बैठा था.

जैसे ही मैंने उसे चलने के लिए बोला, वह मेरी तरफ देखता ही रह गया.

मैंने एक स्किन टाइट सफ़ेद कैप्री जो घुटनों से करीब 6 इंच नीचे थी … और गुलाबी कसी सिल्की शर्ट पहनी थी.
अपने रेशमी बाल मैंने खुले छोड़ रखे थे और गोरे मुखड़े पर … गुलाबी फ्रेम का फैशनेबल गोगल्ज़ थे जो मेरे चेहरे को हीरोइन की तरह चमका रहे थे.
मैंने हाई हील की सफ़ेद सैंडल पहनी थी.

वह करीब 5 मिनट तक मुझे इस रूप में देख घूरता रहा.
मैंने भी उसे कुछ नहीं कहा.

लेकिन थोड़ी देर बाद मैंने खांसने का नाटक किया और उसे कहा- सब कुछ देख लिया हो तो चलें?
“हम मार्केट जा रहे है इसलिए आप बच गई चाची, नहीं तो…”
“हां चल चल … ज्यादा बातें मत कर!”
“हा चलिए … लेकिन वापस आने के बाद मैं आपका क्या हाल करूंगा, देख लेना!”
“जो करना है कर ले … मैं थोड़ी तुझे रोक रही हूं!”

हम हंसने लगे और बाहर आए.

हमारा घर शहर से थोड़ा दूर है ट्रैफिक की वजह से मार्केट पहुंचने मैं कम से कम 40 मिनट लगते हैं.
अब हम दोनों शहर के सबसे महंगी कपड़ों की दुकान में थे.

मैं लेडीज सेक्शन में आदित्य को साथ लेकर गई.
वहां पर मैंने शादी के लिए एक बढ़िया सा डिजाइनर लहंगा लिया उसके साथ मैचिंग सैंडल्स, बैंगल्स, इयरिंग्स, एक पर्स और ब्रा पैंटी का सेट लिया.

उसके बाद मैं ट्रायल रूम में गई और आदित्य को ट्रायल रूम के बाहर खड़ा किया ताकि वह बता सके कि मैं कैसी दिख रही हूं.

अंदर जाकर लहंगे के ब्लाउज की डोरिया बांधने के लिए आदित्य को आवाज देकर अंदर आने को कहा.
वह अंदर आते ही आंखे फाड़ कर सिर से लेकर पैर तक मेरी तरफ देखने लगा और उसने ट्रायल रूम को अंदर से लॉक कर दिया.

मैंने उसे एक प्यार से गाल पर थप्पड़ मारते हुए कहा- देख फिर लेना, मैं कही भागी थोड़ी जा रही हूं, पहले ये डोरियां बांध दे!
उसने डोरियां बांधते हुए मेरी पीठ को चूमा और बोला- सच चाची, आज आप एकदम माल लग रही हो. यह पहन कर अगर आप शादी में गई तो सबकी नजरें सिर्फ आप के ऊपर होंगी. और मेरा बस चले तो मैं अभी आपको यहीं चोद दूं!
मैं- चुप कर बेशरम!

अब वह मेरे पास आया अपने दोनों हाथ मेरे गाल पे रखे और मुझे चूमने लगा.
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.

हमने 10 मिनट तक एक दूसरे को चूमा. फिर मैंने उसे धक्का देकर अपने से अलग किया और बाहर जाने के लिए कहा.
वह चला गया.

अब मैं जो कपड़े पहन कर आई थी वही पहने और बाहर आ गई.

फिर थोड़ी देर आदित्य के लिए शॉपिंग करने के बाद हम मॉल के बाहर आए.
हमने एक अच्छे से होटल में खाना खाया.

घर पहुंचते पहुंचते रात के 10 बज चुके थे.

घर के अंदर आते ही उसने दरवाजा बंद किया और सारे शॉपिंग बैग्स हॉल में फेंक दिए और बोला- चाची आप इन कपड़ों में बहुत सुंदर दिख रही हो. और ऊपर से ट्रायल रूम में पहने हुए लहंगे में देखकर आपको बहुत जोर से चोदने का मन कर रहा था. पर मैंने खुद को रोके रखा लेकिन अब मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा.

“तो शुरू हो जा, तुझे मना किसने किया. मेरा यह शरीर पूरी तरह से तेरा है. तुझे जो करना है वह तू कर सकता है.”

आदित्य हॉल में मुझे रात दो बजे तक चोदता रहा.
उसने मेरी गांड भी मारी.
हम हॉल में नंगे ही सो गए.
 

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मामी ने मुझे पहली चूत चुदाई का मजा दिया-1


मेरा नाम राहुल देव सिन्हा है, मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और पेशे से इंजीनियर हूँ.

यह बात 2006 की है, जब मैं 19 साल का था और मेरी बड़ी बहन की शादी का वक़्त था. मैं उन दिनों अपने इंजीनियरिंग के तीसरे साल में था. दिखने मैं अच्छा खासा में आज भी हूँ और तब तो मुझ पर नई नई जवानी का सरूर चढ़ा हुआ था. शादी बहुत ही शानदार रही और दो रात जागने के बाद आख़िर कार मेरी आँखों ने मेरा साथ छोड़ना शुरू कर दिया था. परन्तु शादी का आखिरी दिन था तो जाहिर सी बात है कि घर में मेहमानों की भरमार थी.

जनवरी का महीना था तो सर्दी भी जम कर थी. गर्मी होती तो कहीं भी सो जाता लेकिन सर्दी में तो ओढ़ने के लिए कुछ चाहिए ही था.

अब चूँकि मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ तो दोस्तों बता दूँ हमारे यहाँ आज भी बिजली की किल्लत होती हैं और उन दिनों सुबह 4 बजे से 10 बजे तक बिजली गायब रहती थी.

जब मुझे कहीं सोने की जगह नहीं मिली तो मैं अपने रूम की तरफ ही गया इस उम्मीद में कि मेरा रूम है तो मेरे लिए तो जगह होगी ही. कमरे में अँधेरा था तो मैंने मोबाइल की लाइट को जला कर देखा तो वहां सभी मेरे ननिहाल से आये लोग सोये हुए थे.
मैं जगह ढूँढ ही रहा था कि एक आवाज सुनाई दी- राहुल क्या हुआ, जगह नहीं मिली?

आवाज पहचानने में कौन सी दिक्कत होती क्योंकि वो मेरी मंझली मामी की आवाज थी. वो आवाज है ही इतनी मीठी कि पूछो मत. मैंने देखा कि मेरे बेड और दीवार के बीच जो जगह खाली है, वहां पर मेरी मामी एक गद्दा बिछाकर ऑलमोस्ट आधी लेटी हुई थीं, साथ में मेरी मम्मी का कजिन भाई यानि कि मेरा कजिन मामा भी उन्हीं की ही तरह लेटा हुआ था.
वो हंस कर बोलीं- तू भी आजा यहीं पे.. थोड़ी देर में तो सुबह हो ही जाएगी.

मामी मुझसे उम्र में 10 या 12 साल तो बड़ी होंगी ही, लेकिन दोस्तो, वो आज भी इतनी जवान लगती हैं.. तो सोचो 9 साल पहले तो बला की खूबसूरत रही होंगी.

मैं उन्हीं के बगल में जाकर बैठ गया. मामी मेरे और मामा के बीच में बैठी थीं. हमारी कमर बेड से लगी हुई थी और पैर दीवार से. हम लोग शादी के बारे में बातें करने लगे. मैंने अपनी मामी के बारे में सुना हुआ था कि उन्होंने शादी से पहले बहुत मजे लिए हैं और शायद अभी भी उसी राह पर हैं. लेकिन मैं सुनी सुनाई बातों पर यकीन नहीं करता.

थोड़ी देर इधर उधर की बात करने के बाद मामी बोलीं- हमें भी तो उसकी फोटो दिखा दे.
मैंने पूछा- किसकी मामी?
तो वो हँसते हुए बोलीं- अपनी गर्ल फ्रेंड की.
मैं जोर से हँसा और बोला- कोई है ही नहीं मामी, तो कहाँ से दिखा दूँ.
मामी ने आश्चर्य चकित होते हुए पूछा- ऐसे कैसे? तूने क्या अभी तक किसी से मजे भी नहीं लिए क्या?
मैं शुभ काम में देर नहीं करता दोस्तो, इसलिए उनकी बात को पकड़ कर सीधा बोला- कहाँ मामी, साली कोई भाव ही नहीं देती.

मुझ पर नींद हावी हो रही थी लेकिन मामी से बात करने में बड़ा मजा आ रहा था. मैं शायद आधा सोया हुआ ही था कि तभी मुझे लगा कि किसी ने मेरा हाथ उठा कर मामी के पेट पर रख दिया.
मुझे समझते देर नहीं लगी कि ये कोई और नहीं मेरा मामा है, जो मामी के बगल में लेटा हुआ सोने का दिखावा कर रहा था. वो मेरे हाथों को मामी के पेट पर दबाने लगा.

मामी की तरफ से कोई विरोध न पाकर मेरी खुद की हिम्मत बढ़ गई और वैसे भी मामी की बातें सुन कर लंड पहले से ही ये सब करने को मजबूर कर रहा था. मेरी हिम्मत और बढ़ी और मैंने खुद से अपना हाथ उठा कर अपना हाथ उनकी चुचियों पे रख दिया.

मामी ने मेरे कान में बोला- इनका मजा लेना है तो अपनी बड़ी मामी के पास जा.
मैं बता देना चाहता हूँ कि मेरी दोनों मामियां आपस में सगी बहनें हैं.

मैं नींद में था तो उस वक़्त उस बात का मतलब नहीं समझा और मैंने अपने हाथों को मामी के शर्ट में डालने की कोशिश शुरू कर दी. मैंने सूट के गले से अपने हाथों को अन्दर डालने की कोशिश की तो मामी ने मेरा हाथ जोर से दबा लिया. मैं नींद में था तो इतनी भी हिम्मत नहीं कर पा रहा था कि एक महिला के हाथों को भी झटक सकूँ.
मुझे ठंडा पड़ता देख मेरे मामा के हाथ ने फिर से मेरे हाथों को पकड़ा और वापस लाकर मामी के पेट पर रख दिया. लेकिन इस बार शर्ट ऊपर हो चुका था और मेरा हाथ मेरी मामी के चिकने पेट पर था. जैसे एक बिजली दौड़ी हो मेरे अन्दर… और एक झटके में मेरी सारी नींद फुर्र हो गई

अब मेरे हाथ मेरे काबू में थे और मुझे पता था कि अब आगे क्या होने वाला है. इसलिए अब कोई शर्म लिहाज न करते हुए मेरे हाथ मामी के शर्ट में ऊपर की तरफ बढ़ने लगे.

दोस्तो, मेरी मामी को 6 महीने की बेटी थी तो उनकी चूचियां इस वक़्त अपने चरम पे थीं. पहली बार पूर्णतया: विकसित चुचियों का आभास पाकर मेरा लंड तो अपना होश खो चुका था.
मुझे ये मानने में भी कोई संकोच नहीं होगा कि चूँकि ये मेरा पहला अनुभव था तो मुझे चुदाई का ‘चु’ भी नहीं पता था. क्योंकि ब्लू फिल्म जितनी आसानी से आज के वक़्त में उपलब्ध हैं, तब नहीं हुआ करती थीं क्योंकि तब न तो स्मार्ट फ़ोन थे और ना ही हाई स्पीड इन्टरनेट.

तो दोस्तो, बिना अनुभव के मैं मामी के ऊपर एक हड़काए कुत्ते की तरह अपने लंड को रगड़ने लगा. मामी समझ गईं कि मैं सच में नौसिखिया हूँ.
उन्होंने मुझे रोका और कहा- तू कुछ मत कर… मैं करती हूँ.
मामी मेरा लंड अपने हाथों में ले चुकी थीं और उसे बड़े प्यार से सहला रही थीं.

हाँ, ये अनुभव जाना पहचाना था क्योंकि मुठ मारने का तो मैं शायद रोगी ही था. लेकिन उनके मुलायम हाथों से पकड़े जाने पर लंड कुछ अलग ही व्यव्हार करने लगा था. ऐसा लग रहा था मेरा लंड मेरा नहीं हैं उनका हो, क्योंकि वो मेरे काबू में तो नहीं था.

मेरे हाथ मामी की चुचियों पर जमे थे, लेकिन एक मिनट अगर मेरे हाथ मामी की चुचियों पर हैं.. और उनके मेरे लंड पर तो उनका शर्ट अपने आप कैसे ऊपर हो रहा था. तो इसका श्रेय फिर से उस इंसान को जाएगा जो शायद स्वर्ग में अपनी जगह पक्की कर रहा था. एक नए लंड को जवान बनाने में यानि कि मेरा मामा ये सब कर रहा था.

मैं समझ चुका था कि मामी और मामा का मस्त वाला चक्कर चलता है. लेकिन दोस्तो, मुझे इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किससे चुद रहा है. ये तो प्यार है, जहाँ से मिले… ले लो.
मुझे पता था कि बिजली आने की कोई गुंजाईश नहीं है… तो मैंने मामी को यही बोला कि लाइट नहीं आने वाली, आप अपना शर्ट उतार दो.
अब इस वक्त कोई भी फॉर्मेलिटी नहीं बची थी तो एक ही बार कहने पर उनका शर्ट उतर चुका था. अँधेरे में मैं देख तो नहीं पाया लेकिन इतना पता था कि अगर उनकी नंगी चुचियां किसी अप्सरा की चूची से कम नहीं रही होंगी.. क्योंकि वो हैं ही इतनी खूबसूरत.

मेरे हाथों ने अब अपना निशाना बदला और पहुँच गए सलवार के नाड़े तक.. और बिना किसी विलम्ब के उसकी गाँठ को खोल दिया. मामी ने न तो ब्रा पहनी थी और न ही पेंटी.. तो सलवार उतारते ही मामी पूरी नंगी हो चुकी थीं.

अब बारी थी मेरे नंगे होने की और मुझे ये भी पता था कि मेरे साथ साथ कोई और भी नंगा होने लगा है क्योंकि अब तक आँखें अँधेरे में थोड़ा थोड़ा देख पा रही थीं. अब शायद मुझमें और मामा में एक जंग छिड़ी हुई थी कि कौन मामी को अच्छे से निचोड़ेगा. लेकिन मामा ने हर बार बड़प्पन दिखाते हुए मुझे आगे आने का मौका दिया.

आख़िरकार वो हुआ जो मैं बहुत देर से करने की सोच रहा था यानि कि मामी की चुचियों को चूसने का मौका.

मैं उन्हें पागलों की तरह चूसने लगा और थोड़ी ही देर में दूध मेरे मुँह में आने लगा. पहली बार के दूध का स्वाद बड़ा अजीब लगा लेकिन इस वक़्त हवस हम सभी पर हावी थी, तो मैं जोश जोश में उनकी चुचियों को निचोड़ने लगा. मामी को भी मजा आ ही रहा होगा क्योंकि उनकी साँसें पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं.

उनका हाथ मेरे लंड को तेज़ी से रगड़ रहा था. मुझे एक डर ये भी था कि कहीं मैं झड़ न जाऊं लेकिन मेरे लंड ने मेरी और अपनी दोनों की ही लाज रख ली थी.

कुछ हलचल हुई और मैंने महसूस किया कि मेरा लंड अब मामी के मुँह में जा चुका था. वो मेरा लंड मजे से चूसने लगीं और मेरे हाथ उनकी चूचियां दबाने लगी. कुछ मिनट तक लंड चूसने के बाद मामी अब पागल हो चुकी थीं. उन्होंने बोला ‘चूत चाट मेरी..’
उनकी आवाज बहुत तेज़ थी, मुझे लगा शायद किसी ने सुन ना लिया हो.

तभी मामा की आवाज आई कि इसकी चूत चाट जल्दी से.. वरना ये चिल्लाने लगेगी.
मेरी गांड फटने लगी क्योंकि अगर कोई जग जाता तो मेरी तो बैंड बज जाती. मैंने बिना किसी देरी के उनकी चूत पर अपने होंठ रख दिए. लेकिन मामी जोर से सिसकारी भरने लगीं. मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं कोई जाग न जाए परन्तु उसका भी इलाज मामा को आता था.

मैं समझ गया कि मामा अपना लंड मामी के मुँह में दे चुके हैं क्योंकि उनकी आवाजें थोड़ी कम हो गई थीं. मामी की चूत का स्वाद मुझे पसंद नहीं आ रहा था क्योंकि वो बहुत तेज़ गंध छोड़ रही थी. असल में चूत चुसाई का वो मेरा पहला अनुभव था इसीलिए अजीब लग रहा था. अब तो वो महक मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं.

अब मामी ने मुझे सीधा बैठाया और आकर मेरे लंड पे अपनी चूत को सैट करने लगीं. एक हल्का सा धक्का और मेरा लंड सीधा अन्दर. वैसे तो मेरा लंड अच्छा ख़ासा लम्बा मोटा है लेकिन इतनी आसानी से अन्दर चले जाने का कारण मुझे समझ आने लगा कि किस्से कहानियां सच होती हैं. उनकी चूत ऊपर से ही छोटी है, अन्दर से भोसड़ा बन चुकी है.

दोस्तो, पहली बार चूत का साथ पाकर मेरा लंड और फनफना चुका था, अचानक से मुझमें कहाँ से इतना जोश आ गया कि मैंने मामी को कमर से पकड़ कर तेजी से अपने लंड पर सवारी कराना शुरू कर दिया.
कुछ पल बाद मैं झड़ने वाला था और मामा को पता था कि जितना जोश में मैं हूँ उस हिसाब से मैं जल्द झड़ जाऊँगा. उन्होंने मेरे हाथों को जोर से दबाया और धीरे से बोला कि बेटा बड़ी जल्दी है तुझे, अभी तो बहुत कुछ बाकी है.

मामी अपने चरम पर थीं और शायद वो भी झड़ने वाली थीं लेकिन मामा ने दोनों को रोक दिया.
मामा ने बोला- अब बेटा, तू थोड़ा आराम कर.
मामा ने मामी को अपनी ओर खींचते हुए अपना लंड सीधा कहीं डाल दिया. मामी की चीख़ सी निकल गई. मैं सोचने लगा कि मामा का लंड क्या इतना बड़ा है जो मामी की चीख़ निकल आई.. चूत में जाते ही.

मुझे कुछ शक हुआ तो मैंने नीचे हाथ लगा देखा कि चूत तो खाली पड़ी थी यानि की लंड मामी की गांड में था. मैंने बस सुना था कि कुछ लोग गांड भी मरवाते हैं, लेकिन ख्याल आते ही कि मामी गांड भी मरवाती हैं.. मैं और पागल होने लगा.
मेरा मन अब मामी का सैंडविच बनाने का करने लगा और मैं आगे से लंड डालने की कोशिश करने लगा.
मामी बोलीं- यहाँ जगह कम है.. नहीं हो पाएगा.. तू हमारे घर आना फिर सब कुछ कर लेना.. जो भी मन में हो.

बात में दम था क्योंकि मैं नानी के घर काफी दिनों से नहीं गया था और अगर मैं कुछ दिनों बाद जाने का प्लान बनाता भी तो किसी को कोई आपत्ति भी नहीं होती.

जब तक मामा मामी की गांड मार रहे थे मैं उनकी चुचियों के मजे ले रहा था. मैंने मामी को बोला- मामी, अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा मुझसे.. अब और देर तक नहीं रुका जाएगा.
मामी जानती थीं कि पहली बार में ये होता ही है इसलिए उन्होंने मामा को कुछ कहा, तो मामा ने अपनी स्पीड दोगुनी कर दी.

मैं लंड के अन्दर बाहर होने की आवाज सुन पा रहा था. फिर दो मिनट में सब शांत हुआ और मामा रुक गए. मामा अपना लंड रस मामी की गांड में निकाल चुके थे. साथ ही वो अपना काम कर चुके थे. अब मामी इतनी गर्म हो रही थीं कि उन्होंने मेरे लंड को तुरंत अपने मुँह में ले लिया.

मैं समझ नहीं पा रहा था कि हर बार जब भी वो मेरे लंड के साथ खेलतीं तो वो साला लंड और बड़ा हो जा रहा था. मुठ मारते हुए तो कभी इतना बड़ा नहीं हुआ था. दो मिनट तक लंड की चुसाई करने के बाद मामी अब मेरे लंड पर फिर से बैठ गईं. लेकिन इस बार मैं कुछ करने की हालत में नहीं था क्योंकि मामी में मेरे कन्धे अपने हाथों से दबाए हुए थे और पूरा शरीर हिलाने की जगह वो अपनी गांड को तेज़ी से उचका रही थीं.

मैं पागल हुआ जा रहा था, मैं मामी को बोला- मामी, मेरा निकलने वाला है.
मामी ने मुझे गाली देते हुए बोला- मादरचोद, अगर मेरे झड़ने से पहले तेरा निकला.. तो भूल जाना कि आगे कभी मुझे चोद पाएगा.
मैंने कहीं सुना था कि दिमाग को इधर उधर लगा लेने से टाइम थोड़ा बढ़ जाता है. मैं बचपन से ही योग करता आ रहा हूँ तो ध्यान लगाना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं थी. उस दिन मुझे समझ आया कि आखिर योग के फायदे क्या होते हैं.

मामी ने अपनी स्पीड को दोगुना कर दिया. अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो पाया और मेरे लंड से रस की धार फूट पड़ी.
लेकिन किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान, उसी वक़्त मामी का भी काम तमाम हो गया. वो अपने दोनों छेदों को अलग अलग रस से भरवाकर शायद कुछ ज्यादा ही खुश हो रही थीं.
मैंने उम्मीद नहीं की थी कि मेरी जिंदगी का पहला सेक्स अनुभव इतना शानदार होगा.

अब झड़ते ही वापस नींद हावी होने लगी. मैंने अपने कपड़े पहने और दो मिनट में ही नींद के आगोश में चला गया.

अगली सुबह मुझे अपने गालों पर एक मीठी सी किस का एहसास हुआ, मैं मुस्कुराया और फिर सो गया.

जब आँख खुली तो तूफ़ान जा चुका था मामी और बाकी सभी रिश्तेदार विदा हो चुके थे. लेकिन एक दूसरा तूफ़ान मेरे दिमाग में चलने लगा कि अब मामी के घर कैसे जाना है.
 

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मामी ने मुझे पहली चूत चुदाई का मजा दिया-2


तो मेरी कहानी आगे उसी जगह से बढ़ती है जहां पर मैंने छोड़ी थी.

तो हुआ यह था कि मेरी बड़ी बहन की शादी थी.
शादी संपन्न होने के बाद जब मैं अगली सुबह सो कर उठा तो देखा कि तूफान जा चुका था, यानि मेरी मामी जा चुकी थी।

सब लोग विदा हो चुके थे.

मैं उठना चाहता था, देखना चाहता था कि कहीं वह बाहर मेरा इंतजार तो नहीं कर रही.
लेकिन थकान मुझ पर इस कदर हावी थी कि मैंने नींद को चुनना ज्यादा अच्छा विकल्प समझा।

लेकिन मेरी मामी मेरे दिलो दिमाग दोनों में बस चुकी थी, सारा दिन मेरे दिमाग़ में उन्हीं के ख्याल रहते थे।

शादी के बाद मैं वापस कॉलेज चला गया.

धीरे-धीरे दिन बीतते चले गए लेकिन वे यादें मेरे दिमाग से हट ही नहीं पा रही थी।

उन दिनों मोबाइल वगैरह इतने आम बात नहीं हुआ करते थे कि सभी के पास हो.
तो जाहिर है कि मेरी मामी के पास भी उस अपना मोबाइल नहीं था जिस पर मैं उनसे बात कर सकूं।

लेकिन अब मैं भूखा शेर हो चुका था और मुझे अब किसी भी प्रकार अपनी मामी को दोबारा चोदना था, उसके लिए फिर चाहे कुछ करना पड़े।

किस्मत ने भी मेरा पूरा साथ दिया और इसके लिए मुझे ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ी क्योंकि मुझे एक कंपनी में नौकरी के एग्जाम के बारे का पता चला और सारा का सारा प्लान मैंने उसी समय अपने दिमाग में बना लिया कि मुझे क्या करना है.

मैंने तुरंत उस नौकरी के लिए आवेदन कर दिया और एग्जाम सेंटर में दिल्ली को ही विकल्प में रखा क्योंकि इससे बेहतर मामी के घर जाने का तरीका क्या हो सकता था कि मेरा एग्जाम दिल्ली में है और मुझे लखनऊ से दिल्ली एग्जाम देने आना है तो मुझे एक दिन पहले तो आना ही होगा।

आखिर वह घड़ी आ ही गई, मैं दिल्ली पहुंच गया और सीधा पहुँचा अपनी नानी के घर।

दोस्तो, मैं बताना चाहूंगा कि मेरे तीन मामा हैं, बड़े मामा घर से दूर अलग रहते हैं, सबसे छोटे मामा नानी के साथ पुराने घर में रहते हैं और उसी घर के सामने एक नया घर है जिसमें मेरी बीच वाले मामा मेरी मनचाही, मनपसंद मामी के साथ रहते हैं.

इस दौरान मेरे छोटे मामा की भी शादी हो चुकी थी और अब मेरे मेरे पास तीन मामियां हैं, दो सगी बहनें हैं और यह तीसरी एक अलग परिवार से आती है.
तो उनके बारे में आगे बात करूंगा.

अभी असल मुद्दे पर आकर बात करते हैं।

मैंने मामी को देखा, मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.
मैं उन्हें दौड़कर बस गले लगा लेना चाहता था लेकिन मैंने मामी की चेहरे पर देखा उनके चेहरे पर मुस्कान तो थी लेकिन वह मुझे देख कर खुश हुई या नहीं हुई इस बारे में मैं अनजान था।
उनको देखकर लग रहा था जैसे उन्हें मेरे आने की कोई खुशी ही नहीं हुई है.

लेकिन मेरी खुशी तो सातवें आसमान पर थी. मेरे दिमाग में बस वही सब चीज दोबारा चल रही थी और मैं जल्दी से जल्दी बस मौका तलाश लेना चाहता था कि कब मैं और मामी एक साथ अकेले में समय पायें।

लेकिन यह थोड़ा मुश्किल था क्योंकि मेरे मामा हमेशा घर पर ही रहते थे और मामी के एक बेटा भी था, वह घर पर ही होता था.
तो उस समय अकेले समय निकालना मुश्किल हो रहा था।

लेकिन किस्मत मुझ पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान थी, रात को खाने के बाद जब हम सब सोने के लिए लेटे तो मैं मामा के साथ अंदर रूम में था और मामी बाहर चारपाई पर अकेली लेटी हुई थी, उनका बेटा दूसरे कमरे में सोया हुआ था।

रात को मामा बोले कि उन्हें गर्मी लग रही है, वे छत पर सोने जा रहे हैं.
और वे एक बिछौना लेकर छत पर सोने चले गए।

मेरी तो जैसे लॉटरी ही लगने वाली थी.
लेकिन मुझे अभी भी इस बात को लेकर संशय था कि क्या मामी को वह सब बातें याद हैं क्योंकि सुबह जो उनके चेहरे पर भाव थे, उन्हें देखकर मुझे नहीं लगा था कि आज रात मेरे साथ वह सब फिर से होने वाला है।

लेकिन मैंने अपनी किस्मत पर भरोसा करना ज्यादा अच्छा समझा.

अब काफी रात हो चुकी थी लेकिन मेरी आंखों में बिल्कुल भी नींद नहीं थी क्योंकि पिछली बार मैं नींद के चलते ही बहुत कुछ होते होते बचा था।

मुझे लगा जैसे मामी सो गई हैं क्योंकि उनकी तरफ से कोई आवाज नहीं आ रही थी.

अचानक से सन्नाटे में उनकी मीठी मधुर आवाज गूंजी और उन्होंने मुझसे बोला- अंदर ज्यादा अच्छा लग रहा है? बाहर आ जा मेरे साथ चारपाई पर, बातें करेंगे।

मेरी तो जैसे मन की मांगी बात पूरी हो गई, मैं बिना एक पल की देर से उठा तो सीधा चारपाई पर उनके साथ जाकर लेट गया।

हम दोनों के बीच बहुत सामान्य बातें हो रही थी.
ऐसा लग नहीं रहा था कि हम दोनों के बीच कभी शारीरिक संबंध भी बने थे.
हम लोग बिल्कुल इसी तरीके से बातें कर रहे थे जैसे कि हम दोनों बस रिश्तेदार हैं.

और लाजमी भी था … इस घटना को बीते 6 महीने से ऊपर हो गए थे और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वापस से वे सब चीजें आखिर शुरू कहां से की जायें।

लेकिन बातें तो शुरू करनी थी और वे शुरू हुई जब मैंने मामी के बारे में बोलना शुरू किया- आप बहुत कमजोर लग रही हैं. आपका कोई ख्याल नहीं रखता क्या?
तब मामी बोली- तू आया तो है मेरा ख्याल रखने … लेकिन बहुत दिनों बाद आया. मैं तो पता नहीं कब से तेरा इंतजार कर रही थी।

यह सुनते ही एक अलग ही उर्जा का संचार शरीर में होने लगा.
सुबह के जो संशय मेरे दिलो-दिमाग में थे, सब एक झटके में दूर हो गए और बस अब मेरे अंदर का जानवर जागने को बेताब था।

मैंने बिना किसी पल की देरी किये मामी के होठों पर एक चुंबन दे दिया.
मामी सिकुड़ने लगी, मैं उनसे बोला- अरे आप तो मेरी टीचर हैं, आपने तो मुझे यह सब करना सिखाया है तो आप क्यों शर्मा रही है?

तब मामी बोली- जब पिछली बार हमने किया था, तब सच में मैं तेरी टीचर थी. लेकिन आज तू मेरा स्टूडेंट बनकर नहीं आया है. मुझे पता है कि तूने इतने दिनों में ना जाने कितनी बार अपने ख्यालों में कितनी बार मुझे चोदा होगा. और मुझे तो यह भी लगता है कि तूने मेरी यादों में ना जाने कितनी लड़कियों को भी चोद डाला होगा।

“हा हा हा … आप भी मजाक करती हो मामी! भला मुझसे कोई लड़की चुदना चाहेगी? यह तो आप ही हो जिसने इस नाचीज पर इतना कर्म फरमाया है।”

रात के लिए इतनी बातें पर्याप्त थी, अब वक्त था सिर्फ कार्य करने का!
और हम दोनों ही यह अच्छे से जानते थे कि बातों से फायदा नहीं होने वाला!

अब मैंने मामी को तेजी से चुम्बन करना शुरू किया।

हमारे होंठ एक दूसरे के होठों में फंस चुके थे.
मेरे लिए तो यह केवल दूसरी बार था तो आप समझ सकते हो कि मैं उस समय किस तरह बर्ताव कर रहा होऊँगा.
मैं बस मामी के होठों को खा जाना चाहता था।

जितनी तेजी से मैं कर सकता था, मैं उतनी तेजी से मामी को किस किये जा रहा था।
उन्हें दर्द हो रहा था लेकिन उन्होंने बोला नहीं क्योंकि वे भी मेरे साथ पूरा मजे ले रही थी।

मैंने बीच में उनसे पूछा- मामी, मामा आपको अच्छे से नहीं चोदते क्या जो आप मेरे लिए इंतजार कर रही थी?
मामी ने एक जोरदार झापड़ मेरे गाल पर रसीद किया और बोला- बहनचोद, रात को औरत से किसी और की नामर्दी की बातें नहीं करते, अपनी मर्दानगी दिखाते हैं. तू ज्यादा राजकुमार मत बन … जिस काम के लिए आया है, वह काम कर!

एक बार को तो मैं डर गया लेकिन मुझे पता है और मैंने Xforum कीकई कहानियों में भी पढ़ा हैं कि जब औरत के ऊपर सेक्स सवार होता है तो वह इसी तरह से बातें करती है।
लेकिन मामी के मुंह से गाली सुनकर मुझे मजा भी बहुत आया।

मेरे हाथ मामी के शरीर से खेलने लगे. मेरे दोनों हाथ मामी की गोल-गोल चूचियों को दबा रहे थे और मामी सिसकारियां ले रही थी।

मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैं हर काम में बड़ी जल्दबाजी कर रहा था.
क्योंकि था तो मैं आखिर 19 साल का एक नवयुवक ही।

मामी ने नाइटी पहनी हुई थी जिसमें ऊपर तीन बटन थे, मैं उन बटन को खोलने की कोशिश कर रहा था पर मुझसे खुल नहीं पा रहे थे।

मामी को डर लगा कि मैं ये बटन तोड़ दूंगा इसलिए उन्होंने बोला- सब्र कर!
और एक झटके में वे उठ कर बैठ गयी।

मुझे लगा था कि अगर कुछ होगा भी तो बड़े शांति से होगा.
मामी को डर होगा कि मामा कहीं हमें देख ना लें!

लेकिन मामी शांति के मूड में बिल्कुल नहीं लग रही थी।
वे चारपाई से उठी और उन्होंने सबसे पहले जाकर लाइट जलाई और मुझसे बोली- बाहर नहीं अंदर चलते हैं।

हम लोग अंदर कमरे में आ गए, मामी ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।

मैं सोच सोच कर ही पागल हुए जा रहा था कि पिछली बार तो अंधेरे में सब कुछ हुआ था, आज तो रोशनी में मजा ही आ जाएगा। आज मामी के खूबसूरत जिस्म को देखने का मौका मिलेगा।

मामी कुछ ज्यादा ही उत्साहित थी, किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं करना चाह रही थी.
इसलिए उन्होंने एक झटके में अपनी नाइटी उतार कर एक तरफ रख दी।

अब मामी सिर्फ ब्रा और पेंटी पहन कर मेरे सामने खड़ी हुई थी।
क्या फिगर था उनका … ऐसा लग रहा था कि भगवान ने बड़ी फुर्सत से उन्हें तराशा हो, कोई नहीं कह सकता था कि वह एक 8 साल के बच्चे की मां थी।
मैंने तो सुना था कि बच्चा हो जाने के बाद औरतों का शरीर बेडौल हो जाता है लेकिन काश कोई मेरी मामी को उस समय देख पाता, किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।

काले रंग की ब्रा और काले रंग की पेंटी के नीचे उनका दूध जैसा सफेद शरीर रात की रोशनी में और चमक रहा था।

मामी को इस तरह बस दो कपड़ों में देख कर मेरा लण्ड पूरा उत्साहित हो चुका था।

उन्होंने मेरी चड्डी पर नज़र डाली और हंसती हुई बोली- लगता है कई सारी हैं तेरे पास! अरे उतार दे इसे … नहीं तो तेरा हथियार इसे फाड़ कर बाहर आ जाएगा।

मैं अब मामी के आगे एक दम नंगा खड़ा था और मामी को देखे जा रहा था।

मामी बड़ी समझदार थी और वे समझ रही थी कि मैं थोड़ा झिझक रहा हूँ.

तब उन्होंने पूरा मामला अपने हाथ में लेने का मन बनाया।
उन्होंने खुद से अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार कर रख दी।

क्या चूत थी यार … एक रोयां तक नहीं था चूत पर!
मामी बोली- तुझे सुबह देखकर आज अच्छे से शेव की है।

मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि जितना मैं तड़प रहा था, मेरी मामी तो मुझसे भी ज्यादा तड़प रही हैं।

मामी ने कहा- मुझे पता है कि तूने कभी किसी और को नहीं चोदा. इसलिए मैं तुझे सिखाऊंगी और जैसा मैं बोलूं … बस वैसे ही करते जाना।
उन्होंने मुझे बेड पर बैठने को बोला और अपनी एक चूची लाकर मेरे सामने कर दी और बोली- इसे जम के चूस!

क्या रसभरी चूचियां थी यार … मैं एक के बदले दोनों चूचियों पर एक साथ टूट पड़ा।
मैं उन्हें ऐसे खा रहा था जैसे कोई बहुत स्वादिष्ट फल हो।

मामी अब सिसकारियां लेने लगी और उनका बदन कसमसाने लगा।

जिस तरह से मामी मुझे अपनी बाहों में लपेट रही थी, मुझे उनकी कसमसाहट का पूरा पता चल रहा था।

फिर मैंने अचानक से अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया.
वे अचानक से जैसे कूद ही पड़ी।
उनकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी.

और इधर मेरे लंड ही हालत भी पूरी टाईट थी।
मैं अब एक पल भी नहीं गवांना चाहता था और पता नहीं मुझे कहाँ से अचानक इतनी तेज़ी और ताक़त आ गयी कि मैंने मामी को उठा कर बेड पर पटक दिया और एक झटके में अपना लंड मामी की चूत के मुहाने पर रख दिया।
मामी मुझे मना कर रही थी- अभी नहीं, अभी रुक, जैसा मैं कहती हूँ वैसा कर!
लेकिन अब मैं कहाँ उन्हें सुनने वाला था, मैंने पूरे जोश मैं आकर एक ही झटके मैं अपना लंड मामी की चूत में पूरा पेल दिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा।

पर जल्द ही मुझे अपनी गलती का अहसास हो गया क्यूंकि मामी की चूत अन्दर से किसी भट्टी की तरह तप रही थी।
मैं ज्यादा देर तक खुद को संभाल नहीं पाया और एक एक झटके के साथ अपना सारा माल मामी की चूत में गिरा दिया।

मामी ने मुझे एक ज़ोरदार झटका दिया और मैं बेड थे नीचे जा गिरा.
मैंने उनकी तरफ देखा तो उनका चेहरा गुस्से में लाल हो चुका था।
वे मुझे मार देने वाली नजरों से घूर रही थी।

मैंने उन्हें सॉरी बोला- मामी, मैं इतनी जल्दी नहीं करना चाहता था लेकिन मुझे संभला ही नहीं गया।
लेकिन मामी गुस्से में जैसे कुछ सुनना ही नहीं चाहती थी।

पर उस रात कुछ ऐसा हुआ जो मेरे साथ पहले कभी नहीं हुआ था.
और इस बात पर मेरी और मामी दोनों की एक साथ नज़र गयी कि एक बार झड़ जाने के बाद भी मेरा लंड अभी भी एकदम सख्त होकर सलामी दे रहा है।

तब क्या था … मामी का गुस्सा जैसे कहीं उड़नछू हो गया और उन्होंने लंड से पकड़ कर ही मुझे अपनी ओर खींच लिया।
वे प्यार से बोली- देख तूने अपनी मनमानी कर ली, अब मेरी बारी है. और अगर तूने इस बार कोई चुतियापा किया तो भूल जाना कि तेरी कोई मामी भी है।
अब मैं और बेइज्जत होने के मूड में था भी नहीं … इसलिए इस बार मैं मामी के कहे अनुसार चलने लगा।

मामी ने मेरे लंड को अभी भी अपने हाथ में पकड़ा हुआ था और अब उन्होंने उसे चूमना शुरू कर दिया था.

और थोड़ी देर में वो हुआ जिसकी कल्पना मात्र से ही मेरा पानी छूट जाया करता था।
मेरा लंड अब मामी के मुख में था और वे उसे किसी अनुभवी औरत की तरह से हर एक कोण से चूसे जा रही थी।

इस बार मेरा लंड मेरी इज्ज़त बचाने में लगा हुआ था और 10 मिनट तक मामी के चूसने के बाद भी उसने अपना पानी नहीं गिराया।

मुझे अपने लंड और खुद पर दोनों पर फख्र हो रहा था.
उस समय और साथ ही मामी की आँखों में भी मुझे इस बार इज्ज़त बढ़ी हुई दिखाई दे रही थी।
वे बेहद खुश लग रही थी और मैं भी!

अब मैं और मामी अगल बगल लेट गए और मामी के होंठ इस बार मेरे होठों के साथ मग्न होने लगे।

मैं एक बार पहले ही झड़ चुका था इसलिए मेरी उत्तेजना मेरे वश में थी और मैं एक एक लम्हे को जी लेना चाहता था।

मेरे हाथ अपने आप से किसी प्रोफेशनल की तरह काम करने लगे, वो कभी मामी की चूचियों को दबाते तो कभी उनकी गांड को!

हम दोनों किस करते करते एकदम गुत्थम गुत्था हो रहे थे।
कभी मैं मामी के ऊपर होता तो कभी मामी मेरे ऊपर।

इस बार मामी ने अपने हथियार डाले- अब तूने मुझे गर्म किया हैं, अब निकाल अपना हथियार और पेल दे मेरी चूत में!

मामी के मुंह से चूत सुनकर मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और मैंने मामी के दोनों पैरों को हवा में उठाकर अपने लंड को बिना किसी देरी के मामी की चूत में पेल दिया।

तभी मामी मेरे कान में बोली- कोई जल्दबाजी मत मचाना, अपना पूरा वक़्त ले!

उनके ये शब्द मुझपर बड़ा असर कर रहे थे।

मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये.
मामी मेरी हालत समझ रही थी इसलिए वे मुझे उकसा नहीं रही थी बल्कि मेरा मनोबल बढ़ा रही थी- तू कर सकता है मेरे बेटे … इस लंड में बहुत दम है. तू कर सकता हैं अपनी मामी को शांत! आज बुझा दे अपनी मामी की चूत की प्यास! लेकिन कोई जल्दी नहीं हैं आराम आराम से बुझा।

मामी के ये शब्द किसी वियाग्रा से कम नहीं थे मेरे लिए!
मैं पूरी शिद्दत से मामी को चोदने में लगा हुआ था।

मामी को अब मेरी काबिलियत पर शक नहीं रहा था इसलिए उन्होंने पोजीशन बदलने की सोची।

उन्होंने मुझे बेड पर लेटने को बोला.
जैसे ही मैं लेटा, वे बिना एक पल की देरी किये मेरे ऊपर चढ़ बैठी।

मेरा लंड फच्च की आवाज के साथ उनकी चूत में अन्दर तक घुस गया.
मामी के चेहरे पर एक ख़ुशी की लहर तैरने लगी।

मैं महसूस कर पा रहा था कि यह मामी की मनपसंद पोजीशन है और जिस तरह से वे मुझसे चुदवा रही थी उस हिसाब से तो उन्हें बहुत पहले इस अवस्था में आ जाना चाहिए था.
क्यूंकि यहाँ से वे सबकुछ अपने कण्ट्रोल में ले सकती थी।

उसके बाद दोस्तो, मैं मामी का खिलौना बन चुका था.
क्यूंकि न तो वो मुझे अब देख रही थी और ना ही उन्हें मेरे झड़ जाने की कोई चिंता थी।

वे बस पागलों की तरह ऊपर नीचे हो रही थी.

कभी कभी थकान के कारण मेरे लंड पर बैठकर बस अपनी गांड को ऊपर नीचे किये जा रही थी।

अब मेरे बर्दाश्त से बाहर होने लगा, मेरा लंड अब और नहीं सह सकता था.
मैंने मामी को बोला- मेरा बस होने वाला है।

मामी भी शायद अपने अंतिम चरण पर थी और वे भी समझ रही थी कि मैं और नहीं रुक पाऊंगा.
तो उन्होंने अचानक से अपनी स्पीड को दोगुणा कर दिया।

मैं परमसुख के चरम पर था और मेरा लंड भी शायद इस परम सुख के पूरे मजे लेना चाहता था.

इसलिए उसने अभी तक हिम्मत बाँधी हुई थी।

फिर एक पॉवर ब्रेक की तरह मामी रुकी और अपने दोनों हाथों से मेरे कंधों को जोर से पकड़ लिया।

मुझे एहसास हो गया कि मामी झड़ चुकी हैं।
मैं ना जाने कैसे अभी तक टिका हुआ था.

मामी ने मेरी तरफ एक कातिल मुस्कान के साथ देखा और हंस कर बोली- तेरा अभी भी नहीं हुआ?

तभी मामी ने कहा- ला मैं दूसरे तरीके से कराती हूँ.
यह बोल कर मामी ने मेरा लंड अपने मुख में ले लिया।

मेरा लंड पहले ही चरम पर था और मामी की जीभ का गर्म अहसास सहन नहीं कर सका और कुछ ही सेकेंड में मामी का मुख मेरे वीर्य से लबालब था।

मेरे लिए ये सच में आश्चर्य ही था कि मामी ने एक एक बूँद तक निगल ली।
पूरा वीर्य पी लेने के बाद वे मुझे देखकर जोर से हँसी और बोली- मुझे तो लगा था कि तू आज झड़ने ही नहीं वाला … लेकिन क्या हुआ? जीभ लगते ही मामला शांत! चल कोई नहीं, लेकिन तूने आज तृप्त कर डाला मुझे!

मन तो मेरा बिल्कुल नहीं था … लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मामा मुझे ऐसी हालत में देख लें!
इसलिए मैंने अपने कपड़े पहने और बाहर जाकर चारपाई पर सो गया.

मुझे नहीं पता कि मामी ने रात भर कपड़े पहने या नहीं … लेकिन सुबह जब मेरी आँख खुली तो मामी नहा धोकर एकदम तैयार होकर बैठी थी और मुझे ऐसे अनदेखा कर रही थी जैसे कल रात कुछ हुआ ही नहीं।
 

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माँ बेटी ने एक साथ चुदाई का मजा लिया



मैं शमीमा बेगम हूँ दोस्तो, मेरी उम्र 42 साल की है.
मैं एक मस्त, सेक्सी और हॉट औरत हूँ। मैं बेहद खूबसूरत हूँ और अपनी खूबसूरती का पूरा फायदा उठाती हूँ।

कहते हैं कि खूबसूरत औरत को देख कर मर्दों के लण्ड खड़े हो जाते हैं. मैं बस उन्ही खड़े लौड़ों का मज़ा लेती हूँ।

हमारे कुनबे में कोई ऐसा लौड़ा नहीं है जिसे मैंने पकड़ा न हो, जिसे मैंने अपनी चूत में पेला न हो!
सारे नाते रिश्तेदारों के लण्ड भी मैं पेलवा चुकी हूँ और आज भी पेलवाती हूँ।

मैं तो आने जाने वालों के भी लण्ड पकड़ लेती हूँ।
सब मुझे ख़ुशी ख़ुशी अपना लण्ड पकड़ा भी देते हैं।
मैं मादरचोद अव्वल दर्जे की चुदक्कड़ औरत हूँ।

मेरी एक बेटी है तमन्ना!

अब वह 21 साल की हो गई है और मुझसे कहीं ज्यादा खूबसूरत है।
गोरी चिट्टी बड़े बालों वाली और मस्त मस्त चूचियों वाली हो गयी है वह!

उसके मम्मे अभी से ही मेरे मम्मों का मुकाबला करते हैं।
उसकी खुली खुली बाहें बड़ी सेक्सी लगतीं हैं और उसकी पतली कमर के साथ साथ उसके कूल्हे एकदम मस्त ठुमका लगाने वाले हो गए हैं।

मेरी जवान बेटी की मोटी मोटी जांघें बड़ी मस्त हैं और उसकी चूत पर काली काली झांटें उसकी जवानी का सबूत देती हैं।

ऐसे में मैं चाहती थी कि वह भी अपनी जवानी का मज़ा लूटना शुरू कर दे।

मुझे यह नहीं मालूम था कि वह लण्ड पकड़ने लगी है या नहीं!
गालियां देने लगी है या नहीं?
पोर्न देखने लगी है या नहीं।

मैं चाहती थी कि वह खूब गन्दी गन्दी बातें करे, लंड बुर चूत भोसड़ा की बातें करे और सेक्स की कहानियां पढ़े ताकि पूरी तरह बोल्ड हो जाए, बेशर्म हो जाए और तब फटाफट लंड पकड़ना शुरू कर दे।

एक दिन उसका एक बॉयफ्रेंड आ गया।
वह घर पर नहीं थी।

मैं उससे बातें करने लगी।
मैंने पूछा- बेटा फज़ल, तुम मेरी बेटी के दोस्त हो तो उसे कब से जानते हो?
वह बोला- यही कोई दो साल से मैं उसका दोस्त हूँ आंटी।

मैंने पूछा- अच्छा अब मैं जो जो पूछ रही हूँ, उसका सही सही जबाब देना। शर्माने की जरुरत नहीं है और न डरने की। सच सच बताओ तुमने कभी उसके मम्मे दबाये हैं? कभी तूने उसको अपना लंड पकड़ाया है?
वह बोला- नहीं ऐसा तो कभी नहीं हुआ आंटी।

मैंने पूछा- अच्छा तुम्हारा मन तो करता होगा उसके बड़े बड़े मम्मे दबाने का? उसको लंड पकड़ाने का?
वह बोला- हां मन तो करता है आंटी … पर कभी किया नहीं!

मैंने कहा- अच्छा मुट्ठ तो कई बार मारा होगा उसका नाम ले ले कर?
वह बोला- हां वह तो मारा है क्योंकि वह है ही बड़ी खूबसूरत। मन तो बहुत कुछ करता है पर हिम्मत नहीं होती।

मैंने कहा- अच्छा अब तुम दो दिन के अंदर उसे अपना लंड पकड़ाने की कोशिश करना, फिर मुझे बताना।
फिर वह चला गया।

मेरे दिमाग में एक खुराफात सूझी कि मैं अपनी चुदाई का एक वीडियो बनाऊं और तमन्ना को भेज दूँ।
ताकि उसकी शर्म भी खत्म हो जाए और वह बोल्ड भी हो जाए।

अगले दिन जब तमन्ना कॉलेज चली गयी तब मैंने अपनी एक दोस्त के 25 साल के बेटे अंजुम को अपने घर बुलाया।
मैं उससे दो बार चुदवा चुकी थी। मुझे उसका लंड बहुत पसंद है।

मैंने सब तैयारी कर ली थी।

जब वह आया तो मैं उसे अपने बेड पर लिटा दिया।
उससे पहले मैंने अपने मोबाइल को टेबल पर सेट कर दिया था ताकि मेरी चुदाई की पूरी वीडियो बन जाये।

मैंने उसे बड़े प्यार से नंगा किया और उसका लंड हिला हिला कर मस्ती करने लगी।
मैं भी अपने कपड़े उतार कर नंगी हो चुकी थी।

वह मेरे नंगे जिस्म से खेलने लगा।
उसने मेरी चूत खूब मस्ती से चाटी और मैंने भी उसका लंड खूब मस्ती से चाटा।
फिर उसने मुझे खूब जम कर चोदा और मैंने भी खूब मस्ती से चुदवाया।

मैंने कहा- अंजुम, तूने कभी किसी की बेटी चोदी है?
वह बोला- हां आंटी, कई बेटियां चोदा है मैंने! मैं तो तेरी बेटी तमन्ना को भी चोदना चाहता हूँ।

मैंने कहा- यार, पता नहीं कि वह बुर चोदी लंड पकड़ती है या नहीं, लंड पेलवाती है या नहीं। उसके साथ की बेटियां तो अपनी माँ की चूत में लंड पेलती हैं। तमन्ना भोसड़ी वाली कुछ नहीं करती. मैं बड़ी परेशान हूँ कि वह जवानी का मज़ा लेती क्यों नहीं, लंड पकड़ कर मज़ा क्यों नहीं करती!

मैं आगे बोली- मैं चाहती हूँ कि वह लंड मेरी चूत में पेले और मैं लंड उसकी चूत में पेलूं। माँ बेटी दोनों एक साथ नंगी नंगी जवानी का मज़ा लूटें। पर वह बुरचोदी तैयार हो तब न? पता नहीं उसकी चूत में आग है या नहीं! मैंने कभी उसके मुंह से कोई गाली नहीं सुनी. इतनी शर्माती क्यों है भोसड़ी वाली? मैं तो चाहती हूँ कि तुम मेरे आगे उसकी चूत में लंड पेलो। मेरे आगे चोदो मेरी बिटिया की बुर! फाड़ डालो उसकी बुर! उसको पूरी तरह बेशर्म बना दो।
यह सब वीडियो में आ गया।

मेरी पूरी चुदाई और आखिर में मेरा मस्ती से झड़ते हुए लंड का वीर्य पीना और लंड का सुपारा चाटना सब वीडियो में आ गया।
अंजुम मुझे चोद कर चला गया।

मैंने वीडियो व्हाट्सप पर अपनी बेटी तमन्ना को भेज दिया, उसके दोस्त फज़ल को भी भेज दिया।

तमन्ना कॉलेज से आयी तो कोई रिएक्शन नहीं हुआ।
शाम हो गयी वह कुछ नहीं बोली।

रात भी गुज़र गयी वह कुछ नहीं बोली वीडियो के बारे में!

तब सवेरे मैंने चुपके से उसका मोबाईल उठाकर देखा तो मालूम हुआ कि तमन्ना ने वीडियो अभी तक खोल कर देखा ही नहीं।
वह कॉलेज चली गयी।

अगले दिन तमन्ना जब कॉलेज से लौट कर आयी तो बोली- अम्मी जान, तुमने अपनी चुदाई का वीडियो मेरी कॉलेज की सहेलियों को क्यों भेज दिया?
मैंने कहा- मैंने तो वीडियो सिर्फ तुमको और फज़ल को भेजा था, किसी और को नहीं। फज़ल ने सबको भेजा होगा।

वह बोली- मेरी सभी सहेलियों को मालूम हो गया कि तमन्ना की अम्मी बड़ी सेक्सी और हॉट हैं. वह गैर मर्दों से चुदवाती है और लंड बड़े प्यार से चूसती है। सब की सब भोसड़ी वाली कह रही थी कि तमन्ना, तेरी माँ बड़ी खूबसूरत है, सेक्सी है और बड़ी हॉट है. वह तो अभी भी मस्त जवान है। एक लड़की बोली मैंने तो वीडियो देख कर कल रात को अपने चचेरे भाई जान से चुदवा लिया। दूसरी बोली यार मैंने तो वीडियो देख कर खुद रात में अपने खालू का लंड अपनी माँ चूत में पेल दिया। तीसरी बोली कि यह वीडियो मेरे छोटे भाई को मिल गया तो वह तेरी माँ की चुदाई देख कर मुट्ठ मारने लगा। चौथी बोली यार इस वीडियो को देख देख कर कल रात भर मेरी भाभी जान ने मेरी बुर में कई बार भाई का लंड पेला।

मैंने कहा- मैं तो खुश हूँ कि मेरे वीडियो से लोगों का मनोरंजन हो रहा है। लोग चुदाई सीख रहे हैं। तू भी थोड़ा सीख ले बुरचोदी तमन्ना।
वह बोली- तुमने वीडियो में कहा ही कि मेरी चूत में आग नहीं है। मुझे गालियां देना नहीं आता? अरे अम्मी जान, मेरी चूत में आग ही आग है बहनचोद। जितने लंड तेरी चूत खाती है उससे ज्यादा लंड मेरी चूत खाती है। जहाँ तक गालियों का सवाल है, मैं एक नहीं सैकड़ों गालियां बिना रुके दे सकती हूँ। किसी की भी माँ बहन खुले आम चोद सकती हूँ। मैं जितनी ऊपर से सीधी साधी लगती हूँ उतनी ही अंदर से अव्वल दर्जे की रंडी हूँ. लंड तो मैं रोज़ कॉलेज से चूस कर आती हूँ।

मैं बोली- मुझे क्या मालूम ये सब! जब तक मैं तेरी चूत को लंड खाते हुए देख न लूं तब तक कैसे यकीन कर लूँ?
वह बोली- जब तक तू मेरी चूत को लंड खाते हुए देखेगी नहीं, तब तक तुझे कैसे मालूम होगा कि मेरी चूत कितने लंड खाती है? हवा में बात करने से कोई फायदा नहीं है.

इतने में किसी ने डोर बेल बजाई।
मैंने दरवाजा खोला तो सामने नादिर खड़ा था।

तो मैंने कहा- अरे नादिर, तू कब आया? तू तो विदेश गया था।
वह बोला- हां भाभी जान, विदेश गया था. पर कल आ गया। मेरा कुछ काम इस शहर में है तो मैं यहाँ आ गया हूँ।

ख़ैर हमने उसका स्वागत किया और बड़े अदब से बैठाया।

उसने मेरी बेटी तमन्ना को देखा तो बोला- अरे वाह, तमन्ना तो सयानी हो गई है। मस्त जवान हो गई है। माशा अल्लाह बड़ी खूबसूरत है तेरी बेटी भाभीजान।
मैंने कहा- अच्छा तो नज़र क्यों लगा रहे हो यार? वह वाकई खूबसूरत है।

नादिर जिस तरह से मेरी बेटी तमन्ना को देख रहा था, उससे मैं समझ गई कि इसकी नीयत ख़राब हो चुकी है।
फिर मैंने सोचा कि चलो यह अच्छा ही है। इसी के लंड से मैं तमन्ना को सिखा दूँगी कि कैसे पेला जाता है माँ की चूत में लंड! मैंने भी अभी तक इसका लंड देखा नहीं है और तमन्ना का इसके लंड को देखने का सवाल ही नहीं उठता। यानि हम दोनों के लिए इसका लंड एक नया लंड होगा तो बड़ा मज़ा आएगा।

मैं अंदर अंदर ऐसा सोचकर गनगना उठी।

उधर तमन्ना के दिमाग में भी कुछ न कुछ चल रहा था।

रात को हम तीनों लोग बिस्तर पर आ गए।
हमारा एक बहुत बड़ा बेड है जिसमें चार लोग बड़े आराम से सो सकते हैं।

जब हम तीनों लेट गये तो मैंने आहिस्ते से नादिर के पाजामे का नाड़ा खोला और उसमें हाथ घुसेड़ दिया।
उधर तमन्ना भी नादिर से चुहलबाजी करने लगी।

इसमें कोई शक नहीं कि नादिर एक स्मार्ट और हैंडसम 30 साल का लड़का था।
तमन्ना के साथ हंसी मजाक मजाक करते उसने उसकी चूचियां दबा दीं।
तमन्ना कुछ नहीं बोली बल्कि हंसती रही।

इधर वह मेरे भी दूध दबा दबा कर मज़ा लेने लगा।
मैं पाजामे के अंदर ही अंदर उसका लंड सहलाने लगी।

फिर एकदम से मैंने पजामा खींच कर निकाल दिया।
उसका लंड टन्न से हमारे आगे खड़ा हो गया।

उसे देखते ही तमन्ना बोली- यह तो बिलकुल आदिल का लंड लग रहा है अम्मी जान!
मैंने पूछा- आदिल कौन है?
वह बोली- आदिल मेरे क्लास में पढता है। उसका लण्ड कई बार मैं मुंह में ले चुकी हूँ। पर उससे चुदवाने का मौक़ा कभी नहीं मिला।

तमन्ना ने लंड पकड़ लिया।

फिर मैंने अपने कपड़े उतारे तमन्ना के भी कपड़े उतारे और नादिर तो बहनचोद नंगा था ही!
मैंने भी उसका लंड बेटी के साथ पकड़ा और उसे चूमा।

फिर हम दोनों माँ बेटी नंगी नंगी आदिल का लंड मस्ती से चाटने लगीं।
तमन्ना जिस तरह से लंड चाट रही थी, उससे मालूम हो रहा था कि वह वाकई बड़ी घुटी हुई है, कई लंड चाट चुकी है।

मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई.

मैंने कहा- तमन्ना, तू बहनचोद बड़ी बेशर्म है। नंगी नंगी अपनी माँ के सामने लंड चाट रही है?
वह बोली- अच्छा, तुझे भोसड़ी वाली शमीमा अपनी बेटी के सामने नंगी नंगी लंड चाटते हुए शर्म नहीं आती?

तमन्ना फिर लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।

नादिर एक हाथ से मेरी चूत सहलाने लगा और दूसरे हाथ से तमन्ना की बुर।
हम दोनों की चूत एकदम गीली हो चुकी थी।

उसने मौक़ा देखा तो लंड पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसे मेरी चूत में टिका दिया।
फिर उसने दूसरे हाथ से नादिर के चूतड़ दबा दिया।
लंड साला घुस गया पूरा मेरी चूत में!

तमन्ना बोली- देखा शमीमा, पेल दिया न लंड अपनी अम्मी की चूत में? अब आ रहा है न मज़ा?
मैं बोली- हां, अब आ रहा है मज़ा!
उसने कहा- नहीं, अभी कुछ और बाकी है।

वह फिर नादिर की पीठ पर चढ़ गयी।
उसकी पीठ पर पेट के बल लेट गयी और नादिर के साथ वह भी चोदने लगी मेरी चूत!
ऐसा तो मैं पहली बार देख रही थी।

वह बोली- ले देख ले बुरचोदी शमीमा, मुझे मालूम है कि कैसे चोदा जाता है माँ का भोसड़ा!

यह सब देख कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
मुझे यकीन हो गया कि मेरी बेटी अब जवान हो गयी है और उसे चूत में लंड पेलना अच्छी तरह आता है।

कुछ देर बाद मैंने वही लंड तमन्ना की बुर में पेल दिया।
अभी तक वह अपनी माँ की चूत चुदवा रही थी अब मैं भी अपनी बिटिया की बुर चुदवाने लगी।

हम दोनों इसी तरह बार बार एक दूसरे की चूत में लंड पेल पेल चुदवातीं रहीं।
आखिर में दोनों माँ बेटी ने मिलकर झड़ता हुआ लंड चाटा।

रात भर हम दोनों की मस्त चुदाई होती रही और अब हमारे बीच एक दोस्ती का रिश्ता कायम हो गया।
दूसरे दिन तमन्ना अपने दोनों बॉय फ्रेंड्स फज़ल और आदिल को लेकर आ गयी बोली- अम्मीजान, इन लोगों से मिलो।

मैं तो फज़ल से मिल चुकी थी।
आदिल मेरे लिए एक नया लड़का था।

लड़के दोनों बड़े स्मार्ट थे, मस्त थे और गोरे चिट्टे थे।

तमन्ना खुले आम बोली- अम्मी जान, आज मैं इन दोनों के लंड अपनी माँ चूत में पेलूँगी क्योंकि मुझे अब लंड पेलना अच्छी तरह आ गया है।

इन दोनों के लंड जब खुले तो मैं उन्हें देखती ही रह गयी।
क्या गज़ब के लंड थे दोनों के!
8″+ लम्बे और खूब मोटे।

बेटी ने जब दोनों लंड एक एक करके मेरी चूत में पेले तो सच में मुझे ज़न्नत का मज़ा आया।
फिर मैंने भी बारी बारी से दोनों लंड उसकी चूत में पेला।
 

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आपा की कुंवारी बुर में भाई का लंड घुसा-1


दोस्तो, मेरा नाम आसिफ अंसारी है. मेरी उम्र 19 साल है और कद 5 फुट 6 इंच का है.

अब मैं अपनी फैमिली के बारे में बता देता हूँ.
मेरे घर में 4 लोग हैं. अम्मी अब्बू और मेरी आपा और मैं.

मेरी आपा का नाम सबीना अंसारी है और वो 20 साल की है. मेरे अब्बू काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं और अम्मी सरकारी टीचर हैं.

यह बड़ी बहन चुदाई कहानी हिंदी तब की है, जब अम्मी एक दिन किसी रिश्तेदार के घर शादी में गयी थीं. उन्हें एक हफ्ते तक वहीं रहना था.

मैं और आपा घर पर ही थे क्योंकि हमारा शादी में जाने का मन नहीं था.
ये बात आज से 3 महीने पहले की है.

वो 15 जून 2021 का दिन था.

मैं अपनी आपा को पहले से ही चोदना चाहता था.
उस दिन अम्मी चली गयी थीं, उन्हें वापस नहीं आना था इसलिए रात का खाना आपा ने बनाया.

हम दोनों ने खाना खाया और सोने के लिए कमरे में जाने लगे.

तभी आपा ने कहा- चलो मेरे कमरे में सो जाओ.
मेरी तो बल्ले बल्ले हो गई.

हम दोनों सोने लगे.
मुझे तो नींद नहीं आ रही थी और आपा सो गई थी.

मैंने आपा को धीरे से हिला कर देखा तो वो गहरी नींद में सो रही थी.
फिर मैंने अपना एक हाथ आपा के बूब्स पर रख दिया.

कुछ देर बाद बूब्स को हल्का हल्का दबाने लगा.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

फिर अपनी एक उंगली को आपा के होंठों पर रख कर उंगली को उनके मुँह में डाल दिया.
वो गहरी नींद में सो रही थीं, उन्होंने कुछ भी रिएक्ट नहीं किया.

फिर मैं एक हाथ आपा के लहंगे के ऊपर ले गया और कपड़ों के ऊपर से ही आपा की चूत को सहलाने लगा था.
ऐसा करने से मेरा लंबा खीरे सा मोटा लंड खड़ा हो गया.

तभी आपा ने करवट बदल ली और मैंने अपने दोनों हाथ हटा लिए.
मैंने सोचा कि आपा उठ गई हैं, पर आपा गहरी नींद में थी.

अब आपा ने अपनी गांड मेरी तरफ कर दी थी और वो सो गई थी.
मैंने अपने खड़े लंड को आपा की गांड में दबाने लगा.

काफी देर तक मैं ऐसा करता रहा.
जब मुझे लगा मेरे लंड से माल निकलने वाला है तो मैं तुरंत बाथरूम में जाकर मुठ मार कर ठंडा हो गया.
उस रात इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ.

सुबह 8 बजे मैं उठा, फ्रेश हुआ और नाश्ता किया.
फिर मैंने आपा से कहा- मैं बाहर जा रहा हूँ. दो घंटे आ जाऊंगा.

फिर 2 घंटे बाद मैं घर आ गया और आपा के साथ मैंने दोपहर का लंच किया.

लंच करते करते आपा ने मुझसे पूछा- तेरी कोई गर्लफ़्रेंड है?
मैं उसके इस सवाल से एकदम से चौंक गया कि आपा ये क्या पूछ रही हैं.

मैंने कहा- नहीं.
आपा ने कुछ नहीं कहा.

फिर मैंने भी आपा से पूछा- आपा आपका कोई बॉयफ्रेंड है?
तो आपा ने भी नहीं कहा.

फिर आपा ने कहा- चलो रूम में मूवी देखते हैं.
मैंने कहा- ओके.

मैंने एक हिंदी मूवी लगा दी.
थोड़ी देर बाद आपा बोली- कोई हॉलीवुड मूवी लगाओ, जिसमें रोमांस हो.

तो मैंने एक हॉलीवुड मूवी लगा दी. उस मूवी में सेक्स भी था.

उस दिन आपा ने एक ब्लैक कलर की शर्ट और एक वाइट कलर का स्कर्ट पहनी हुई थी.

कुछ देर बाद मूवी में सेक्स वाला सीन आ गया.
आपा देखने लगी और उसने धीरे से अपना एक दूध दबा दिया.

मैंने उसकी तरफ देखा.
तो वो बोली- आसिफ मूवी बंद कर दो, मुझे नींद आ रही है.
मैंने कहा- ओके.

मूवी बंद करके कुछ देर तक हम दोनों में कुछ बात हुई.

बात करते करते मैंने आपा से कहा- आपा आपसे एक बात बोलूं, आप गुस्सा तो नहीं होगी ना!
आपा ने कहा- बोलो क्या बात है?

मैं बहुत हिम्मत करके आपा से बोला- आपा आप बहुत खूबसूरत हो, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ आई लव यू!
आपा बोली- पागल हो क्या, मैं तुम्हारी बहन हूँ. अपनी बहन के बारे में ऐसा सोचते हो तुम?

मैं बोला- आपा प्लीज आप मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ न प्लीज़. मैं आपको बहुत खुश रखूंगा.
इस पर आपा वहां से चली गई.

फिर उस रात मैं अपने कमरे में सो गया.
सुबह जल्दी उठ कर बाहर सिगरेट पीने चला गया.

फिर दोपहर एक बजे घर आया तो आपा ने पूछा- कहां गया था?
मैं कुछ नहीं बोला, अपने कमरे में चला गया.

आपा भी मेरे कमरे में आ गयी और बोली- आसिफ तुम मेरे भाई हो, मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसे बन सकती हूं. बाहर वाले क्या सोचेंगे?

तो मैंने कहा- बाहर कैसे पता चलेगा, मैं तो किसी से नहीं बोलूंगा … क्या आप किसी से कहोगी?
तो आपा ने कहा- मैं पागल हूँ क्या, जो बोलूंगी.

मैंने बोला- तो बन जाओ न!
आपा बोली- नहीं आसिफ तुम मेरे भाई हो, मुझसे ये सब मत कहो.

फिर मैं गुस्सा होकर दूसरी तरफ मुँह करके बैठ गया.
कुछ देर बाद आपा बोली- आसिफ मेरी तरफ देखो.

मैं पलट गया तो आपा बोली- ठीक है, मैं तेरी गर्लफ्रेंड बनने के लिए तैयार हूं, पर कभी भी ये बात किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए कि मैं तेरी गर्लफ्रेंड हूँ.
मैंने कहा- कसम से आपा, किसी को पता नहीं चलेगा.

आपा बोली- ठीक है, आखिर तुम मेरे भाई हो. तुम मेरा हर काम करते हो तो मैं भी इतना कर ही सकती हूं कि अपने भाई का लंड चूस लूं.
उसने जब लंड चूसने की बात कही, तो मैं समझ गया कि ये भी अपने भाई से चुदने के लिए मचल रही है.

अब हम दोनों हंस दिए.

बस अब भाई बहन चुदाई शुरू होने को थी.

मैंने आपा से कहा- आपा आप अभी मेरी जान हो जाएं.
आपा बोली- रात होने तक का सब्र करो मेरे भाई जान, अब तो समझो मैं तुम्हारी जान हो ही गयी हूँ, जरा सब्र करो.

मैंने कहा- आपा सब्र नहीं होता.
आपा- सब्र करो मेरे भाई, सब्र का फल मीठा होता है.

मैं- ठीक है आपा जब आप इतना बोल रही हो कि सब्र का फल मीठा होता है, तो रात तक रुक जाता हूं.
आपा- वैसे आसिफ तुमने मुझमें ऐसा क्या देखा, जो तुम मुझे इतना प्यार करने लगे हो और मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने का सोचा?

मैं- आपा, आपकी मदमस्त फिगर मुझे आपका दीवाना बनाती है. आपके 34 इंच के बूब्स और 36 की इंच गांड को देख कर मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ.
आपा- पागल बूब्स मत बोल, चूची बोल … बूब्स में वो फीलिंग्स नहीं है, जो चूची कहने में है.

मैं- ओके. आपा आपकी चूचियां बड़ी मस्त माल हैं. आपा अब मैं भी एक बात पूछूं?
आपा- हां पूछो.

‘क्या आपने चुदाई का मजा ले लिया है?’
‘नहीं मैं अभी कुंवारी हूँ. मीरी चूत सीलपैक है.’

मैं- तो फिर क्या मैं आपको कंडोम लगा कर चोदूं या बिना कंडोम के?
आपा- बिना कंडोम के … क्योंकि मैंने नेट पर पढ़ा था कि बिना कंडोम के ज्यादा मजा आता है.

मैं- ओके मेरी आपा डार्लिंग.
आपा- चलो अब बाद में बात होगी शाम हो गई है, अभी मुझे खाना बनाना है फिर नहाना भी है. तब तक तुम अब साफ़ सफाई करके नहा लो, समझ गए मेरी जान.

मैंने कहा- हां आपा, आप भी साफ़ सफाई कर लेना.
हम दोनों समझ गए कि लंड चूत के पास उगा जंगल साफ़ करने की बात चल रही है.

फिर रात हो गयी.
हम दोनों खाना खाने बैठ गए थे.

उस वक्त आपा नहाकर एक वाइट कलर की शर्ट और पिंक कलर का शॉर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी.
आपा वैसे भी घर में ऐसे ही कपड़े पहनती थी मगर आज तो वो और भी ज्यादा हॉट लग रही थी.

हम दोनों डिनर करके एक साथ आपा के रूम में चले गए.
फिर आपा ने रूम का दरवाजा लॉक कर दिया. वैसे तो घर पर कोई था नहीं, पर फिर भी लॉक कर दिया.

आपा बेड पर बैठ गई थी.

आपा- आओ मेरी जान, अब मुहब्बत का खेल शुरू करते है।
मैं- हां आपा जान.

आपा- आपा मत बोलो, अब तो मैं तुम्हारी हो गयी हूँ. तुम सबीना बोलो, सबीना डार्लिंग बोलो. अब तो आपा सिर्फ दुनिया के लिए और सिर्फ नाम की हूँ. मैं सिर्फ तुम्हारी ही हूँ और किसी की नहीं. मैं निकाह भी तुमसे ही करूँगी. तुम मेरे खाविन्द हो.

फिर मैं आपा के पास आ गया. उसको लिप किस करने लगा और आपा भी पूरा साथ दे रही थी.

बहुत देर तक किस करने के बाद मैंने आपा की एक चूची के दाने को मसलना शुरू कर दिया.
फिर धीरे धीरे सबीना आपा की शर्ट के बटन खोल कर उसकी शर्ट को निकाल दिया.

सबीना आपा ने अन्दर काली ब्रा पहनी थी.
क्या गजब की रंडी लग रही थी. साली की बड़ी बड़ी चूचियां ब्रा में कैद थीं.

आपा बोली- आसिफ जान, मेरी चूचियों को इस ब्रा से आजाद कर दो और इन्हें खूब चूसो. आह आज पहली बार किसी लड़के ने मुझे इस तरह देखा है और वो भी मेरे सगे छोटे भाई ने … आआहह भाई चूसो अपनी बहन की चूची को … आआह आआह हह हहह.

मैं अपनी सगी बहन की एक चूची को चूसने लगा, फिर दूसरी को चूसा.
वो भी मस्ती से अपने भाई को अपने दूध चुसवाती रही.

कोई बीस मिनट तक बहन के दोनों दूध चूसने के बाद मैं सबीना के पेट को चूमने लगा. फिर उसकी नाभि को, फिर धीरे धीरे चूत के पास आ गया.

बहन की चूत को मैं उसकी लहंगे के ऊपर से ही सहला रहा था.
वो बोली- इसे भी हटा दो.

मैंने सबीना आपा का लहंगा निकाल दिया. उसने अन्दर लाल रंग की पैंटी पहनी थी.

मैंने जोश में उसे फाड़ दिया.
इस पर सबीना हंस कर बोली- मेरी पैंटी क्यों फाड़ दी जान?

मैंने कहा- अभी सिर्फ पैंटी फाड़ी है, कुछ देर बाद तुम्हारी चूत भी फाड़ूंगा.
इस पर सबीना बोली- अच्छा भाई, तेरा जो मन करे फाड़ लेना. अब तो मैं तुम्हारी ही हूँ.

फिर मैंने आपा की चूत को देखा, एकदम साफ चिकनी!
मैंने आपा से पूछा- सबीना डार्लिंग, ये कब किया?

आपा बोली- मेरी जान शाम को जब नहाने गयी थी, तब मैंने सोचा कि मैं अपने भाई को सब कुछ फ्रेश दूंगी. सब कुछ साफ. मैंने तुमसे भी झांटें साफ़ करने का कहा था, की या नहीं?
मैंने कहा- ओह आई लव यू सबीना डार्लिंग. मैंने भी लंड साफ़ कर लिया है.

आपा भी बोली- आई लव यू टू मेरे भाई.
मैं उसकी चूत में उंगली फेरने लगा.

आपा बोली- अब चूत को चाटोगे भी या ऐसे ही गर्म करते रहोगे?
मैंने बहन की चूत को चाटना शुरू कर दिया. आपा के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.

‘आ आहह हहह आ आहह आसिफ भाई चाटो और चाटो और तेज …’
कुछ मिनट चूत चाटने के बाद आपा झड़ गयी और ठंडी हो गयी.

फिर आपा बोली- आसिफ, अपना लंड अपनी सबीना आपा से नहीं चटवाओगे क्या? जो अब तेरी बीवी बन जाएगी.
मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और अपनी बहन के सामने नंगा हो गया.

अब हम दोनों भाई बहन पूरे नंगे हो गए थे.
आपा ने मेरे लंड को देख कर कहा- वाह मेरे भाई क्या मस्त लंड है तुम्हारा. मैं हमेशा सोचती थी कि मुझे बड़े लंड वाला शौहर ही मिले और वो सपना आज सच हो गया.

फिर मैंने आपा के मुँह में अपना लंड लगा दिया.
आपा ने काफी देर तक लंड चाटा.

मैं आपा के मुँह में ही झड़ गया और आपा सारा रस पी गयी.

हम दोनों निढाल होकर लेट गए.
मैं अपनी आपा से चिपक कर लेट गया.

कुछ देर बाद हम दोनों में फिर से चूमाचाटी शुरू हो गई. हम दोनों ही गर्म हो गए.

आपा बोली- आसिफ डार्लिंग मेरी जान, चलो 69 की पोजीशन में आ जाते हैं.

हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. कुछ मिनट तक फिर चुसाई का खेल चला.

अब आपा बोली- आसिफ डार्लिंग मेरी जान, मेरे शौहर, अब अपनी बहन को बीवी बना कर चोद दो. अपना लंड अपनी बहन की सीलपैक चूत में पेल डालो. अब नहीं रहा जा रहा है, जल्दी से मेरी बुर में लंड पेलो.

मैंने आपा को बेड पर सीधा लेटा दिया और आपा ने अपने दोनों पैर खोल दिए.

मैंने अपना लंड आपा की बुर पर रखा और लंड के सुपारे को आपा की बुर में रगड़ना शुरू किया.

आपा के मुँह से हल्की सी आहह हहह निकलना शुरू हो गयी.

फिर धीरे धीरे मैंने लंड पेलना शुरू किया.
मेरा आधा लंड आपा की बुर में चला गया.

आपा की हालत खराब होने लगी थी, उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मगर वो बड़ी ही दिलेर थी. मेरे खीरे जैसे लौड़े को अपनी छोटी सी सीलपैक चूत में लिए जा रही थी.

फिर मैंने एक जोरदार झटका मारा और आपा की चूत में मेरा पूरा लंड घुस गया.
आपा की चूत से खून निकलने लगा और आपा बहुत तेज चिल्ला दी- हाय भाई मर गई, निकालो भाई प्लीज़.

पर मैं नहीं रुका; मैंने और एक झटका दे मारा.
आपा फिर से चिल्लाई.

मैं डर गया कि क्या हुआ.
मेरी जान सूख गई.
मैं रुक गया.

तभी आपा कराहती हुई बोली- भाई मेरी फट गई … आह जान अपनी बहन के ऊपर रहम मत करो. पेलते रहो … मेरा दर्द कम हो जाएगा. तुम पूरी ताकत से अपनी बहन को चोदो आहह लंड अन्दर तक पेलो.
मैंने फिर से अपनी रफ्तार बढ़ा दी और धक्का पेल शुरू हो गया.

फिर धीरे धीरे आपा को भी मजा आने लगा और वो बड़बड़ाने लगी- आह हहह उम्मह हह आह हहह … भाई चोदो … चोदो और तेज चोदो … अपनी बहन को! फक मी … फक मी हार्ड भाई … और तेज चोदो अपनी बहन को फाड़ दो मेरी चूत फाड़ दो और बना लो अपनी रखैल रंडी फाड़ दो आहहल्ला कसम सही बोल रही हूँ भाई बहुत मजा आ रहा है.

काफी देर तक चुदने के बाद आपा झड़ गई मगर मैं अभी भी आपा को चोद रहा था.

बहन की चूत चोदते हुए मैं बोल रहा था- लो आपा लो अपने भाई का लंड.

मैं बहुत तेज धक्का मार रहा था. मेरा लंड आपा की बच्चेदानी को ठोकर मार रहा था.

आपा कामुक सिसकारियां लिए जा रही थी- आहह भाई … और तेज चोदो आहह बहुत मजा आ रहा है अपने भाई से चुदा कर … अम्मी कसम भाई.

मैंने बीस मिनट से ज्यादा आपा को चोदा और कहा- आह सबीना डार्लिंग, मैं झड़ने वाला हूँ, जल्दी बोल … लौड़े का रस कहां निकालूं?
आपा ने कहा- अब मैं तुम्हारी बहन बाद में हूँ … बीवी पहले हूँ. शौहर अपनी बीवी की चूत में ही झड़ते हैं. तुम मेरी चूत में अपना सारा रस निकाल दो.

मैंने कहा- ओके मेरी जान.
फिर मैंने 10-12 धक्के देते हुए आपा की चूत में अपनी सारी मनी गिरा दी.
और तभी आपा ने एक बार फिर से अपनी चूत से पानी छोड़ दिया.

हम दोनों निढाल होकर एक दूसरे से चिपक कर लेट गए और किस करने लगे.

कुछ देर बाद आपा बोली- आसिफ मेरी जान, मेरे शौहर … तुमसे अपनी चूत चुदवा कर मुझे सच में बहुत मजा आया. अम्मी कसम, आसिफ तुमने मुझे खुश कर दिया. तुमने बोला था कि तुम मुझे खुश रखोगे … और सही में तुमने मुझे खुश कर दिया. आसिफ डार्लिंग जब तक अम्मी नहीं आतीं, तब तक हम घर में नंगे ही रहेंगे.
मैंने ओके कहा.

फिर आपा ने बातों ही बातों में कब मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया, कुछ पता ही नहीं चला.
मैंने आपा से पूछा- फिर से चुदवाने का इरादा है क्या?

तो आपा बोली- हां और सिर्फ आज ही नहीं, पूरी जिंदगी भर तुमसे चुदूँगी, वो भी तुमसे निकाह करके तुम्हारी बीवी बन कर तुम्हारे लंड से चुदाई का मजा लूंगी.
मैंने आपा को एक बार फिर से चोदना चालू कर दिया और बहन चुदाई का मजा लिया.

उस रात मैंने आपा को कई बार चोदा, फिर हम दोनों थक कर नंगे ही सो गए.
 

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आपा की कुंवारी बुर में भाई का लंड घुसा-2


मैं आसिफ अंसारी हूँ.
मेरी पिछली कहानी

में अब तक आपने पढ़ा की मैंने अपनी आपा की चूत की सील तोड़ दी थी।

अब आगे

आपा को चोदने के बाद मैं सऊदी चला गया काम करने!
लेकिन हम दोनों वीडियो कॉल करके अपने आप को शांत कर लेते थे.
लेकिन खुदा को कुछ और ही मंजूर था।

फिर एक दिन मेरी डार्लिंग आपा का कॉल आया.
वे रो रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ? क्या चाहिए? मेरी याद आ रही है क्या? बोलो जान … अपने भाई का मोटा लंड याद आ रहा है क्या? बोलो … तुम सिर्फ रोये जा रही हो. क्या बात है बोलो?

उसने बताया- अम्मी अब्बू एक शादी में गए थे। शादी में से घर आ रहे थे पर रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया और वे दोनों खत्म हो गए. तुम फौरन घर आ जाओ.
मैंने इतना ही सुना … मेरे तो होश उड़ गए.

मैं फौरन घर जाने की तैयारी करने लगा.
मैंने पहले से बहुत शौपिंग कर राखी थी अपनी आपा के लिए और घर वालों के लिए।

खैर जैसे तैसे टिकट तो मिल गया और मैं घर के लिए निकल गया.

फिर अगली सुबह घर पहुंचा तो घर पे सब लोग जमा हुए थे.
आपा ने मुझे देखा और आकर मेरे गले लग गई.

वे रो रही थी.
मैंने उन्हें चुप कराया.

फिर हम सब मिट्टी देने के लिए चल दिए.

मिट्टी दे कर आए और सब धीरे धीरे सब अपने अपने घर चले गए.
मेरे घर में मैं और मेरी आपा के अलावा कोई नहीं था.

हम दोनों रो रहे थे.

जैसे तैसे हम दोनों ने अपने आप को संभाला और फिर कुछ दिन बीत गए.

2 महीने बाद हम दोनों के चेहरे पर हंसी आई.

फिर एक दिन आपा बोली- आसिफ, तुमने अपना सऊदी वाला बैग अभी तक नहीं खोला?
मैं: क्या करूं आपा, टाइम ही नहीं मिला.

कुछ देर ऐसे बात करते करते आपा रोने लगी और मेरे सीने से लग कर रोने लगी.

मैंने पूछा- क्या हुआ आपा, क्यों रो रही हो, क्या बात है?
आपा- कुछ नहीं, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती.
मैं- मैं भी आपके बिना नहीं रह सकता.

फिर मैंने आपा को चुप कराया और उनको देखने लगा.

आपा बोली- क्या देख रहे हो? अपने बहन को नहीं देखा है क्या?
मैं बोला- मैं यह देख रहा हूं कि मेरी आपा वो आपा नहीं रही जैसे मैं छोड़ कर गया था।

आपा बोली- मतलब क्या है तुम्हारा?
मैं बोला- मतलब आप पहले से ज्यादा भर गई हो. आपकी चूची जो मैंने 34 से ३८ कर दी थी, अब 44″ से कम नहीं दिख रही … यह कैसे किया?
आपा बोली- ये सब मैंने तुम्हारे लिए ही किया है. मुझे पता है कि तुम्हें बड़ी चूची अच्छी लगती है.

फिर वे बोली- और अब मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकती. इस दुनिया में हमारा एक दूसरे के अलावा और कोई नहीं है.
मैं बोला- हां आपा, आप सही बोल रही हो. मैं आपसे कुछ पूछूं तो आप मानोगी?

आपा बोली- हां बोलो ना, क्या बात है बोलो?
मैं बोला- आपा, क्या आप मुझसे शादी करोगी? इस दुनिया में हम दोनों का कोई नहीं है.
आपा बोली- यही तो मैं भी कह रही हूं.

मैं- तो ठीक है, हम लोग अब यहां नहीं रहेंगे. यहाँ का सब कुछ बेच कर दूसरे शहर में रहेंगे जहां हमें कोई नहीं जानता हो, वहाँ चल कर हम दोनों शादी कर लेंगे.
आपा- अच्छा तो अब अपना सऊदी वाला बैग खोलो. मैं भी देखूं क्या लाए हो मेरे लिए?

मैं- नहीं आपा डार्लिंग, अब यह शादी के बाद ही खुलेगा.

फिर हम दोनों भाई बहन वहाँ का सबकुछ बेच कर गोवा आ गए.
यहां पर मैंने एक रूम ले लिया.

फिर 5 महीने बाद हमने शादी कर ली और हम दोनों सुहागरात मनाने बेड पर आ गए.

इन 5 महीने में हम दोनों ने एक बार भी लंड चूत का खेल नहीं खेला था।

आपा- आसिफ, मेरे भाई राजा, मेरी जान … आओ ना … अपनी सगी बड़ी बहन, अपनी आपा को चोदो ना! जब से तुम सऊदी गए थे तब से मैं तुम्हारे लौड़े के लिए तड़प रही हूं. अब तो मैं तुम्हारी बेगम बन गई हूं. अब मैं तुम्हारी पूरी तरह से रखैल बन गई हूं. अब कोई डर नहीं है, जितना जी कहे उतना मुझे चोदो. आओ ना भाई!

मैं- सब्र करो मेरी जान आपा, अब तो आप मेरी हो ही गई हो. मैं आपको … सॉरी आपको नहीं, तुम्हें … अब तुम मेरी सगी बहन बनी बीवी हो, रखैल हो. अब मैं तुम्हें तुम कह कर बुलाऊंगा और तुम भी मुझे तुम कहोगी।
आपा- ठीक है।

मैं- अब तो आपा, मैं तुम्हें तब तक चोदूंगा जब तक तुम अपनी चूत से हम दोनों का बच्चा नहीं निकाल देती!

आपा- अच्छा आसिफ, सऊदी से मेरे लिए क्या लाए हो?

मैं- आपा सब तुम्हारे लिए ही लाया हूं. सब हॉट चीजें हैं. जींस, टीशर्ट, शर्ट और स्कर्ट टॉप और बहुत सारा ब्रा पैंटी!
“वाव … ब्रा पैंटी … दिखाओ ना जान!” आपा बोली.
मैंने कहा- आज नहीं कल!

“और क्या लाए हो?” आपा बोली.
मैंने बताया- और कंडोम सऊदी का है.
आपा बोली- क्या जान, मुझे कंडोम नहीं पसंद हैं ना!
तो मैंने कहा- हां जानता हूं. लेकिन सिर्फ 6 पीस हैं, कभी कभी लगा के तुम्हें पेलूंगा, चोदूंगा.

आप बोली- ठीक है, लेकिन आज नहीं क्योंकि आज हमारी सुहागरात है और मैं पूरा मजा लेना चाहती हूं। बहुत दिन से तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही हूं. समझे मेरे भाई डार्लिंग!
“हाँ मेरी आपा डार्लिंग!”

आपा- तुम जानते हो जब तुमने मेरी यानि अपनी सगी बहन की चूत सील तोड़ी थी तभी मैंने तुम्हें बताया था कि मुझे बिना कंडोम के चुदना पसंद है. क्यों पसंद है आज मैं तुम्हें ये भी बता दूं. जब तुमने मुझे चोदा था तब तुमने अपनी मनी, वीर्य यानि अपना माल मेरी चूत में निकाला था. तभी मैंने सोच लिया था कि कभी कंडोम लगा कर नहीं चुदूंगी।

मैं बोला- अच्छा अब ये सब छोड़ो … अब हम दोनों सगे भाई बहन जो अब शादी करके मिया बीवी बन गए हैं, अब हम दोनों अपनी सुहागरात मनाते हैं.

फिर मैंने पूछा- लाइट बन्द कर दूं आपा?
“नहीं जलने दो, तभी मजा आयेगा!”

अब सगे भाई बहन और मिया बीवी की सुहागरात यानि Xxx सिस्टर नाईट सेक्स स्टोरी शुरू!
मैं आपा के पास गया.
आपा ने लाल रंग की लहंगा पहना हुआ था.
वे इस जोड़े में बहुत ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थी.

मैंने आपा का घूंघट हटाया.
क्या मस्त रसीले होंठ लग रहे थे उनके!

फिर मैंने आपा के सारे गहने उतारे और उनके माथे पर एक बोसा लिया.

धीरे धीरे हम दोनों के होंठ मिल गए.
लगभग 15 मिनट किस किया हमने!

फिर आपा बोली- अपने भाई बने शौहर का लन्ड देखूँ तो जरा!
मैंने कहा- हां आपा, यह आपका ही है.

फिर मैंने अपनी पैंट उतार दी और मेरा लन्ड बाहर आ गया.
आपा बोली- भाई, यह तो पहले से ज्यादा बड़ा हो गया है. बहुत मजा आयेगा.

फिर आपा ने मेरा लन्ड चूसना शुरू कर दिया और वे बहुत देर तक चूसती रही.

फिर मैंने आपा के सारे कपड़े उतार दिए.

क्या कयामत लग रही थी आपा … उनके बडे़ बड़े बूब्स और चिकनी चूत देख कर मेरा लन्ड और सख्त हो गया।

फिर मैंने आपा की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था और आपा को भी!

वे बोले जा रही थी- हां भाई … बहुत मजा आ रहा है. ऐसे ही चूसो मेरी चूत को … आह आह आह … प्लीज़ भाई … अब मत तड़पाओ. चोद दो अपनी बहन बनी बीवी को!

अब तक आपा दो बार झड़ चुकी थी.
मैं अपनी उंगली आपा की चूत में डाल कर चोद रहा था.

फिर मैं उठा और आपा को सीधा लिटा दिया और उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया, फिर अपने लन्ड पर थूक लगाया और आपा की चूत पर भी.
और फिर धीरे धीरे आपा की चूत में लन्ड घुसाने लगा.

आपा की चूत बहुत टाइट थी और आपा को दर्द भी होने लगा था.
वे बोल रही थी- आसिफ, बहुत दर्द हो रहा है!

मैंने कहा- बाहर निकाल लूं क्या?
तो आपा बोली- नहीं … तुम बस चोदो मुझे!

फिर मैंने एक जोर का झटका मारा और मेरा पूरा लन्ड आपा की चूत में समा गया, उनकी बच्चेदानी से टकरा गया.
आपा छटपटाती रही.

मैं रुक गया थोड़ी देर के लिए और उनके बूब्स को दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद जब आपा का दर्द कम हुआ तो आपा ने अपनी कमर हिला कर इशारा किया कि अब मुझे चोदो.

फिर मैंने धक्का लगाना शुरू कर दिया।
आपा बस बोली जा रही थी- आह अह आह आसिफ … बहुत मजा आ रहा है. चोदो … चोदो मुझे … अपनी बहन का बुर का भोसड़ा बना दो. अब तो मैं तुम्हारी बीवी हूं. चोदो चोदो भाई … और तेज चोदो. आह आह आह … अह क्या बात है. फक मी … फक मी हार्ड … भाई और तेज … और तेज चोदो मुझे … अह आह आह … भाई ल्ला कसम बहुत मजा आ रहा है भाई!

फिर मैंने आपा को अपने ऊपर आने के लिए बोला.
वे मेरे ऊपर आ गई, मेरे लन्ड पर बैठ कर चुदने लगी।

बहुत देर तक मैंने आपा को ऐसे ही चोदा.
फिर मैंने अपनी बीवी यानि अपनी बहन को बेड पर फिर से सीधा लिटा दिया और उनका दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए और उनकी चूत में अपना लन्ड डाल दिया.

आपा फिर चीखी- आह भाई, क्या कर रहे हो. आराम से … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूं. अब तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी बन गई हूं.

फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

इस बीच आपा दो बार झड़ चुकी थी.
मैं बहुत तेज धक्का मार रहा था.
अब मैं भी झड़ने वाला था.

मैंने आपा से बोला- आपा मेरी जान, मैं झड़ने वाला हूं।
तो आपा बोली- भाई मेरी जान, मेरी चूत को पिला दो तुम्हारा माल … तुम मेरे अंदर ही अपना सारा माल झाड़ दो!

फिर 40 50 धक्कों के बाद मैं आपा की चूत में ही झड़ गया.
झड़ने के बाद भी मैंने आपा को 2 मिनट तक चोदा.

फिर मैं निढाल होकर आपा के ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद मैं उतर कर उनकी बगल में लेट गया.

मैंने आपा से पूछा- आपा डार्लिंग, मजा आया?
तो आपा बोली- हां बहुत मजा आया. अपने भाई को शौहर बनाकर चुद कर बहुत मजा आया.

हम दोनों ऐसे ही बात करते रहे.

कुछ टाइम बाद आपा मेरे लन्ड को सहलाकर उसे खड़ा करने लगी।
तो मैंने पूछा- क्या बात है आपा? फिर चुदना है क्या?
तो आपा बोली- हां!

फिर से हम दोनों गर्म हो गए और फिर चालू हो गए.
उस रात मैंने अपने सगी बहन से शादी करके सुहागरात मनाई और उसे कई बार चोदा.

अच्छा अब विदा लेता हूं.
 

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शादी की सालगिरह पर बीवियों की अदला बदली


मेरा नाम रोहित है दोस्तो!
मैं 30 साल का एक हट्टा कट्टा नौजवान हूँ.
मेरा कद 5′ 10″ है, रंग एकदम गोरा है और बदन कसरती है।

मेरी शादी अभी 2 साल पहले ही हुई है। मेरी बीवी का नाम रश्मिका है।

रश्मिका 28 साल की बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट लड़की है।
उसके मम्मे बड़े बड़े हैं, उसकी बाहें बहुत ही सुन्दर और आकर्षक हैं।
वह हमेशा स्लीवलेस डीप नेक के कपड़े पहनती है जिससे उसके बड़े बड़े मम्मों के साइज का पता चलता है।
उसके चूतड़ थोड़ा उभरे हुए हैं और गांड बड़ी मस्त है।

मेरी बीवी पढ़ी लिखी है, बोल्ड है, और खुश मिज़ाज़ है।
उसे सेक्स बहुत ही ज्यादा पसंद है। उसे लण्ड पकड़ने, चाटने और चूसने का बड़ा शौक है.
उससे ज्यादा चुदवाने का शौक है.

वह रोज़ रात को नंगी होकर मेरे लण्ड से खेलती है और मैं भी उसके नंगे जिस्म से खेलता हूँ।

एक रात को जब मेरी बीवी मेरे लंड से खेल रही थी तो उसके मुंह से निकला- भगवान् ने अगर दो लण्ड बनाये होते तो कितना अच्छा होता! मैं तो एक लण्ड से खेलते खेलते बोर होने लगी हूँ।
मैंने कहा- हां यार, तुम सच कह रही हो। अगर तुम्हारे साथ एक और चूत होती तो अदल बदल कर चोदने में कितना मज़ा आता!

वह कुछ देर तक सोचती रही, फिर बोली- अगर तुमको एक और चूत चाहिए तो फिर वाइफ स्वैपिंग करना क्यों नहीं शुरू कर देते? तुमको दूसरी चूत मिल जाएगी और मुझे दूसरा लण्ड!

यहाँ से शरू होती है हमारी वाइफ चेंज सेक्स कहानी!

मैंने कहा- आईडिया तो तेरा बड़ा अच्छा है. पर वाइफ स्वैपिंग के लिए वाइफ का राज़ी होना बहुत जरूरी है। क्या तुम किसी और से चुदवाने के लिए राज़ी हो? साथ ही साथ मुझे किसी और की बीवी चोदने दोगी?
वह बोली- हां हां … क्यों नहीं चोदने दूँगी? बड़े शौक से चोदने दूंगी। जब तुम अपनी बीवी को किसी और से चुदवाने दोगे तो मैं भी तुम्हें किसी और की बीवी चोदने दूँगी।

मैंने कहा- ठीक है. तुम भी कोई ऐसा कपल ढूंढो जो हमारे साथ चोदा चोदी कर सके। मैं उसकी बीवी चोदूँ, वह मेरी बीवी चोदे!

बात पक्की हो गयी।

उस रात मुझे अपनी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आया।

उसके बाद हम दोनों काम पर लग गए।

अगले दिन हम शॉपिंग हॉल में घूम रहे थे।
मैं थोड़ा दूर था रश्मिका से … इतने में मैंने देखा कि सामने से एक बड़ी खूबसूरत सेक्सी औरत मेरी बीवी की तरफ मुस्कराती हुई आई और आते ही मेरी बीवी से बोली- अरे यार रश्मिका, तू यहाँ कैसे?
वह भी उसे देख कर दंग रह गयी और कहा- अरे यार प्रेमा, तू यहाँ क्या कर रही है?

वे दोनों थोड़ा दूर कोने में चली गई तो रश्मिका ने उसके कान में कहा- यहाँ क्या गांड मरा रही है तू अपनी?
प्रेमा बोली- तू क्या अपनी माँ चुदा रही है यहाँ?
दोनों हंसने लगी।

फिर प्रेमा बोली- मैं तो यही रहती हूँ अपने हसबैंड के साथ।
रश्मिका ने पूछा- तो फिर कहाँ है तेरा हसबैंड?
प्रेमा ने बताया- वो तो आया नहीं है, घर पर है।

मेरी बीवी ने फिर मुझे बुलाया और उसे मुझसे मिलवाया।
मैंने उसे बड़े प्यार से नमस्ते की।

यह सच है दोस्तो … कि प्रेमा मुझे एक नज़र में भा गयी।
वह बोली- अच्छा अब आप लोग मेरे घर चलो।

पहले तो हमने थोड़ा न नुकुर किया फिर हम दोनों उसके घर पहुँच गए।

रश्मिका ने बताया कि प्रेमा मेरी कॉलेज की दोस्त है।

हम दोनों उसके पति पवन से मिले परिचय हुआ और खूब ढेर सारी बातें हुईं।

मेरी बीवी ने अंदर जाकर प्रेमा से खुल कर वाइफ स्वैपिंग के लिए बात की.
उसने मौके का फायदा उठाया।
प्रेमा खुश होकर बोली- अरे यार, मेरा पति तो जाने कबसे वाइफ स्वैपिंग के लिए तैयार है। तुम किसी दिन प्रोग्राम बना लो, हम दोनों आयेंगे।

हमारा हौंसला बढ़ गया और अगले दिन हम दोनों शाम को अपने दोस्त आरव के घर पहुँच गए।
उसने हमारा स्वागत किया।
हम लोग एक दूसरे से अच्छी तरह मिले।

आरव की बीवी सपना बहुत ही सुन्दर सभ्य और हॉट बीवी है। मैं जब जब उसे देखता हूँ तो मेरे मन में कुछ कुछ होने लगता है।
अब आपसे क्या छिपाना दोस्तो, सच्चाई यह है कि मैं जब अपनी बीवी चोदता हूँ तो मन में सोचता हूँ कि मैं आरव की बीवी चोद रहा हूँ।

मैं आरव से बातें करने लगा और मेरी बीवी रश्मिका सपना भाभी से।
हम दोनों बाहर कमरे में थे और वो दोनों अंदर किचन में।

कुछ देर बाद जब दोनों बीवियां कमरे में वापस आईं तो मेरी बीवी ने इशारा किया कि काम हो गया।
मैंने मन में कहा कि सपना भाभी मान गयी है तो आरव भी मान ही जाएगा; अपनी बीवी से विपरीत वह नहीं जा सकता।

अब वह दिन दूर नहीं जब मैं आरव की बीवी चोदूंगा।

हम दोनों ने खूब जम कर नाश्ता किया और खूब मस्त मस्त बातें कीं।

रात को सपना भाभी का फोन मेरी बीवी के पास आ गया।
वह बोली- मेरा हसबैंड वाइफ स्वैपिंग के लिए तैयार हो गया है। अब आप तारीख़ बताइये कि हमें किस दिन आना है।

मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
रश्मिका भी ख़ुशी के मारे नाचने लगी।

अगले ही दिन मेरी शादी की सालगिरह थी।
मैंने दोनों कपल को रात भर के लिए डिनर और वाइफ स्वैपिंग की पार्टी के लिए आमंत्रित कर लिया।

अगले दिन की छुट्टी ले ली मैंने और सारा इंतज़ाम कर लिया।

शाम को 8 बजे दोनों कपल आ गए।
हमने उनका तहे दिल से स्वागत किया और उन्होंने हमको शादी की साल गिरह पर बधाई दी.

पवन प्रेमा और आरव सपना दोनों कपल भी एक एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हुए।
दोनों ही स्मार्ट और हैंडसम थे इसलिए ख़ुशी सबके चेहरे पर साफ़ झलक रही थी।

मेरी बीवी ने सपना और प्रेमा को अंदर बुलाकर सारी बात खुल कर बता दी और कहा- आज रात भर हम तीनों बीवियां एक ही बिस्तर पर एक दूसरे के पति से चुदवाएंगी।
सपना बोली- अरे यार, हम लोग एक बार एक कपल के साथ ऐसा कर चुके हैं। एक ही बेड पर मैंने उसके पति से चुदवाया और उसने मेरे पति से चुदवाया। इसलिए मुझे तो कोई शर्म नहीं।
प्रेमा बोली- तो मुझे भी शर्म नहीं है. मैं तो भकाभक चुदवाऊंगी तुम दोनों के पतियों से.

फिर तीनों बीवियां बाहर कमरे में आ गयीं।
हमने ड्रिंक्स शुरू कर दी।

पराई बीवियों के साथ शराब पीने का यह मेरा पहला मौक़ा था।
मैं तो इसका पूरा फायदा उठाने लगा।
मुझे मज़ा आने लगा।

फिर बातें होने लगीं तो धीरे धीरे और गहरी खुल कर बातें होने लगीं; सेक्स की बातें होने लगीं।
मैंने देखा कि शराब पीने में और बातें बीवियां सबसे आगे हैं।

तो मेरे मुंह से निकला- प्रेमा भाभी, कोई फड़कता हुआ नॉन वेज चुटकुला सुनाओ न प्लीज?
वह बोली- अच्छा तो सुनो!

एक बस में दो औरतें सीट के लिए लड़ रहीं थीं।
आखिरकार पहली बोली- ले राण्ड ये सीट तू अपने भोसड़ा में डाल ले!
दूसरी बोली- तू मादरचोद पूरी बस अपनी गांड में डाल ले!
इतने में कंडक्टर बोला- तो क्या मैं पैसेंजर्स को अपने लण्ड पर बैठा के ले जाऊंगा?

सबने खूब तालियां बजायी और एन्जॉय किया।

फिर सपना भाभी ने भी सुनाया- एक ने पूछा तुम्हारा नाम क्या है?
दूसरा बोला- लाला उमा नाथ दास.
पहले वाला बोला- इसे छोटा करके बताओ।
दूसरा बोला- LUND ( Lala Uma Nath Das )

सबने खूब तालियां बजाईं।

फिर मेरी बीवी का नंबर आया तो उसने कहा- एक बार एक लड़का और एक लड़की बात कर रहे थे।
लड़का बोला- यार तुम लड़कियां तो बहुत अच्छी हो। रात तो मजे से सोती तो हो?
लड़की बोली- सोते तो तुम भी हो मजे से?
लड़का बोला- कहाँ मजे से यार? हमको तो हर करवट पर अपना लण्ड सेट करना पड़ता है।

सबने खूब एन्जॉय किया और तब माहौल एकदम से गर्म हो गया।

उधर दो दो पैग व्हिस्की भी ख़त्म हो गई।
सब लोग नशे में आ गए।
नशे में थोड़ी बेशर्मी, थोड़ी सी शरारत और थोड़ी बदतमीजी करने का बहाना मिल जाता है।

अचानक मैंने प्रेमा भाभी का हाथ पकड़ लिया तो उसने मेरे गाल चूम लिए और बोली- यार रोहित, आज तुम बहुत हैंडसम लग रहे हो!
मैंने उसे अपने गले लगा लिया।

उधर सपना भाभी ने पवन के गले में अपनी बाहें डाल दीं।
वे दोनों एक दूसरे को चूमने लगे।

फिर मेरी बीवी कहाँ पीछे रहने वाली थी, उसने आरव को अपनी तरफ खींचा और उससे चिपक गयी।
आरव उसकी चूँचियाँ दबाने लगा तो मेरी बीवी उसका लण्ड टटोलने लगी।

पवन बड़े प्यार से बोला- रोहित, आज तेरी शादी की साल गिरह है। आज तुम मेरी बीवी के साथ अपनी सुहागरात मनाओ। मैं आरव की बीवी के साथ सुहागरात मनाऊंगा।
तब मैंने कहा- आरव मेरी बीवी रश्मिका के साथ सुहागरात मनाएगा।

सब लोग हंस पड़े।
अब यह तो ज़ाहिर हो गया कि बीवियों की अदला बदली में कौन किसकी बीवी चोदेगा और कौन किसके पति से चुदवायेगी.

मैं पवन की बीवी प्रेमा से लिपट गया।
मुझे पराई बीवी का आलिंगन बड़ा सुख देने लगा।

पवन आरव की बीवी के आलिंगन से खुश हो रहा था और आरव मेरी बीवी को चिपका कर मज़ा करने लगा था।

बीवियां भी पराये मरद से चिपक चिपक कर बड़ा आनंद का अनुभव कर रही थी।

इतने में मैंने प्रेमा भाभी के कपड़े उतार दिए और उसने मेरे कपड़े।

हम दोनों एक दूसरे के आगे एकदम नंगे खड़े हो गए।
मैं प्रेमा भाभी की मस्त मस्त चूचियाँ दबाने लगा तो वह मेरा लण्ड पकड़ कर बड़े मजे से हिलाने लगी।

वह बोली- यार रोहित, बड़ा मोटा तगड़ा है तेरा भोसड़ी का लण्ड!
उसने झुक कर मेरे लण्ड की चुम्मी ली तो मैं गनगना उठा।
मुझे प्रेमा भाभी पर प्यार आ गया, मैं उसके नंगे जिस्म से खेलने लगा।

तब मैंने देखा कि आरव नंगा होकर मेरी बीवी के नंगे जिस्म से खेल रहा है और पवन आरव की बीवी को नंगी करके उसकी चूचियाँ दबा रहा है और चूत सहला रहा है।

आरव की बीवी सपना पवन का लण्ड मस्ती से चाटने लगी और उसके पेल्हड़ भी चूमने लगी।
मेरी बीवी आरव का लण्ड ऐसे चूस रही थी जैसे उसे पहली बार कोई लण्ड मिला है।

तीनों बीवियां पराये मरद का लण्ड पाकर बेहद खुश थीं और तीनों मरद भी पराई बीवी के मम्मे दबा दबा कर, उनकी चूत सहला सहला कर, उनके चूतड़ों पर थप्पड़ मार मार कर, उनके नंगे बदन पर हाथ फिरा फिरा कर मज़ा लूट रहे थे।

मेरी नंगी बीवी बड़े प्यार से आरव का लण्ड चूसने लगी, आरव की नंगी बीवी सपना पवन का लण्ड और पवन की बीवी प्रेमा नंगी नंगी मेरा लण्ड चूसने लगी।

अब आने लगा हम सबको पराई बीवी से लण्ड चुसवाने का मज़ा।
मैं मन ही मन बड़ा खुश हो रहा था।

हम तीनों कपल एक ही बेड पर एकदम नंग धड़ंग बीवियों की अदला बदली का मज़ा लेने लगे।

मेरी बीवी बोली- यार सपना, बड़ा मोटा लण्ड है तेरे पति का! मुझे इसका टोपा चाटने में बड़ा अच्छा लग रहा है।
सपना बोली- मुझे तो प्रेमा के पति का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है क्या मस्त लौड़ा है इसका मादरचोद … एकदम घोड़े का लण्ड लग रहा है।

प्रेमा ने भी अपने मन की बात कही- यार, मुझे तो रश्मिका के पति का लण्ड पसंद आ गया है। भोसड़ी का जितना मोटा है उतना ही कड़क भी है। ये तो आज मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।

बीवियों की इन मस्त मस्त बातों ने सबके लण्ड में एक नया जोश भर दिया।
उनके मुंह से गन्दी गन्दी बातें सुनकर लण्ड भी साले एकदम घोड़े के लण्ड की तरह खड़े हो कर हिनहिनाने लगे।
बीवियों को पराये मर्दों के लण्ड बहुत ज्यादा ही मज़ा देने लगे।

मेरी बीवी बोली- मन करता है कि मैं हर रोज़ पराये मरद का लण्ड अपने मुंह में लूँ, उसके लण्ड से खेलूं और फिर उसे अपनी चूत में पेलूं।

उत्तेजना सबकी इतनी बढ़ गयी कि अब किसी से रुका नहीं गया।
मैंने तो लण्ड गप्प से पवन की बीवी की चूत में पेल दिया।
लण्ड एक बार में पूरा घुस गया और मैं सटासट चोदने लगा उसकी चूत।

पवन ने भी जोश में आकर अपना लण्ड आरव की बीवी की चूत में पेल दिया।
वह मस्ती से आरव की बीवी चोदने लगा।

आरव ने अपना लम्बा लण्ड मेरी बीवी की चूत में ठोंक दिया और घपाघप चोदने उसकी चूत!
मेरी बीवी रश्मिका उससे बड़े प्यार से चुदवाने लगी।

हम तीनों इस तरह खुल्लम खुल्ला चोदने लगे एक दूसरे की बीवी की चूत।
बीवियां भी बड़ी बेशर्मी से एक दूसरे के पति से अपनी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं।

जितनी बेताबी हम लोगों को दूसरे की बीवी चोदने की थी, उससे कहीं ज्यादा बेताबी इन बीवियों को दूसरों के पतियों से चुदवाने की थी।

मुझे तो यकीन हो गया कि हर बीवी भोसड़ी वाली किसी न किसी पराये मरद से चुदवाती जरूर है।

मेरी बीवी को शायद बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था।
वह बोली- हाय मेरे राजा आरव, मुझे आज खूब अच्छी तरह चोदो, तुम्हारा लौड़ा बड़ा दमदार है। बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे। आज मैं सच में अपनी असली सुहागरात मना रही हूँ। हाय रे फाड़ डालो मेरी चूत, चीर डालो मेरी चूत. ऐसा मज़ा तो मुझे पहले कभी नहीं आया।

उधर प्रेमा भी ऐसा ही कुछ कहे जा रही थी- हाय मेरे रोहित राजा, बड़ा जबरदस्त है तेरा लौड़ा। अंदर दूर तक चोट कर रहा है तेरा लण्ड मेरी चूत में। इतना मज़ा तो मुझे अपनी सुहागरात में भी नहीं आया था। आज तो सबके सामने चुदाने का मज़ा ही कुछ और है। और चोदो मुझे, अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे, चीथड़े उड़ा दो मेरी चूत के!

फिर सपना भाभी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, वह भी बोली- हाय पवन, तेरा लौड़ा भोसड़ी का बड़ा खूंखार है, बिना रुके गचागच चोदे चला रहा है मेरी चूत! ऐसी चुदाई तो मेरी कभी नहीं हुई बहनचोद। बड़ा अच्छा लग रहा है यार, खूब हचक हचक कर चोदो मेरे प्यारे। मुझे आज अपने मरद के आगे पराये मरद से चुदवाने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा है। मुझे अपने पति को रोहित की बीवी चोदते हुए देख कर बड़ा अच्छा लग रहा है। कोई और भी है जो मेरे पति से चुदवाकर मज़ा लेती है।

उधर आरव बोला- यार रोहित, मुझे अपने बीवी के सामने तेरी बीवी चोदने में जो मज़ा आ रहा है उसे बयान नहीं किया जा सकता। बड़ा मस्त चुदवाती है तेरी बीवी यानि मेरी रश्मिका भाभी।

इस तरह हम सब एक दूसरे की बीवी चोदते हुए अपनी अपनी बीवी चुदवा भी रहे थे।

अपनी बीवी दूसरों से चुदवाना भी एक बड़ा मजेदार खेल है।
यह वाइफ चेंज सेक्स का खेल अमेरिका ऐसे देशों में खूब होता है।
लोग दूसरों की बीवियां कम चोदते हैं, अपनी बीवी दूसरों से ज्यादा चुदवाते हैं और एन्जॉय करते हैं।

इन सब मस्तानी बातों से लण्ड एक एक करके झड़ने लगे और चूत भी सबकी खलास होने लगी।

चुदाई की पहली पारी ख़त्म हुई तो सबने बड़े प्रेम से नंगे ही खाना खाया और आपस में खूब हंसी मजाक भी की।

दूसरी पारी में मैंने आरव की बीवी सपना की चूत में लौड़ा पेला और खूब मस्ती से चोदा।
आरव ने अपना लण्ड पवन की बीवी प्रेमा की चूत में घुसेड़ दिया और खूब तबीयत से चोदा।

पवन ने मेरी बीवी रश्मिका की चूत में लौड़ा ठोक दिया और खूब धकाधक चोदा।

इस तरह रात भर हम बीवियां अदल बदल कर चोदते रहे और हमारी बीवियां भी लण्ड अदल बदल कर चुदवातीं रहीं।

तो दोस्तो, यह थी हमारी शादी की सालगिरह पर बीवियों की अदला बदली की एक सच्ची कहानी।
 

junglecouple1984

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अस्पताल में ममेरे भाई की पत्नी की चुदाई


मैं औरंगाबाद, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ और एक अच्छे सुदृढ़ शरीर का मालिक हूँ।
मेरी हाइट 5’10” है और शाकाहारी होने के बावज़ूद मेरा शरीर गठिला और किसी भी भाभी के योनि प्रदेश में आग लगाने के लिए काफी है।

यह हॉस्पिटल सेक्स विद भाभी की घटना मेरे दूर के ममेरे भाई की पत्नी के साथ घटित हुई थी।
भाई भले ही दूर का रिश्ता रखता था पर हम उम्र होने के कारण और एक ही गाँव में रहने के कारण हम दोनों में अच्छी दोस्ती थी।
हमारी शादियां भी आगे पीछे ही हुई और हमने हनीमून भी साथ में ही मनाया।

इस भाई की पत्नी का नाम था रचना।
सांवली सलोनी सी सूरत, अच्छे नैन नक्श और उसके चेहरे की सबसे खूबसूरत बात थी उसके कामुक होंठ।

मुस्कान भी ऐसा ग़ज़ब थी कि मेरे मन के तार झनझना उठते।
मेरा लंड कसमसा जाता और शरीर का रोम रोम सिहर उठता।
उसको अपने बाहों में भर लेने की तमन्ना फनफना उठती।

मेरी पत्नी और उसमें बहुत अच्छी दोस्ती हो जाने के कारण मैं ऐसा कुछ कर नहीं सकता था और हमारा रिश्ता भी होने के कारण मैं ये बात अपने भाई को पता चलने से डरता भी था।

मैं अब काम के सिलसिले में शहर आ गया और धीरे धीरे काम में व्यस्त होता चला गया।

इधर पत्नी के साथ मेरा सेक्स जारी था और प्रकृति ने अपना काम करते हुए मेरा और उधर मेरे भाई का परिवार भी बढ़ा दिया था।

अचानक एक दिन एक दुखी कर देने वाली घटना हुई।
मेरा यह भाई विनीत (उसका बदला हुआ नाम) शराब के नशे में एक गाड़ी से टकरा गया।

बीते दिनों उसे बीवी पर बेवजह शक करने की और ठीक से सेक्स ना कर पाने के कारण चिढ़ में शराब की लत लग गई थी।
रचना ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की तब भी बात नहीं बनी।

मैं एक बार गाँव के एक कार्यक्रम में उसे मिला।
शाम में हम दोनों बाहर खाना खाने गए तब मैंने बात छेड़ी- विनीत, तू शराब क्यों पीने लगा है इतनी? क्या बात है? क्या तुझे रचना की भी फिक्र नहीं है?
विनीत शराब के नशे में था, मेरे मुँह से अपनी पत्नी का नाम सुन कर जैसे उस पर बिजली गिरी- हाँ हाँ बड़ी फिक्र हो रही है तुझे उसकी … मालूम है मुझे कैसे घूरता है तू उसको! पता नहीं क्या चल रहा है तुम दोनों के बीच!

यह सुन कर मुझे काटो तो खून नहीं।
हालांकि मैं रचना को देखता तो था पर नैन चोदन से उसके शरीर को छूने की बस ख्वाहिश रखता था।

कभी जब बीवी साथ ना हो तब उसके नाम की मुठ मारता था और कभी खुद की बीवी को चोदते वक़्त रचना की कल्पना कर लिया करता था।

पर इस इल्ज़ाम से मैं तिलमिला गया।
मैंने भी उसे गालियां दी कहा- हराम के जने, मुझ पर शक करता है, अपने भाई पर? अपनी शक्ल मत दिखाना मुझे दुबारा।
और मैं वहां से चल दिया।

पर दोस्तो, आप यह बात महसूस करते ही होंगे कि जो काम आपको अवांछित लगता है कोई उस बात का जिक्र आपसे कर दे तो आप का मन फिर उसी तरफ जाने लगता है। आप फिर से वही बात सोचने लग जाते हैं।

अब दिन रात रचना का ख्याल मेरे मन में आने लगा।
मैं कैसे उसको चोद रहा हू, वह कैसे मेरे नीचे दबी पड़ी है और कैसे कराह रही है.
बस यही बातें मेरे मन में आने लगी।

‘अब मेरे भाई को उसके लगाए गलत आरोप पर मज़ा चखा दूँ.’ यह बात मेरे मन में बस गई।

और मेरे इंतजार की घड़ी समाप्त हुई।
हमारा मिलन हुआ लेकिन बुरी परिस्थितियों में!

मेरा और विनीत का झगड़ा होने के 3-4 दिन के बाद ही रचना का फोन आया।
मुझसे कहासुनी होने के बाद विनीत ने ज्यादा शराब पी ली थी और दो दिन वहां के डॉक्टर के पास एडमिट करने पर भी कुछ खास फर्क नहीं पड़ा था।

रचना उसे मेरे शहर के एक बड़े दवाखाने में ले कर आयी थी और एडमिट कराने की कोशिश कर रही थी।

मैं सिहर उठा।
मेरा कितना भी झगड़ा हुआ हो, था तो वो मेरा भाई ही!
मैं तुरंत वहां पहुंचा।

बाकी सारी औपचारिकताएं करने के बाद विनीत को रूम में ले जाने के लिए ले गए।

मैंने कहा- डॉक्टर साहब, आप इन्हें स्पेशल कमरे में ही रखें। जो भी खर्चा है मैं दे दूँगा।
रचना मेरे पास देख रही थी।

फिर शाम हुई।
इस अस्पताल में नीचे ही कैन्टीन थी।
विनीत सो रहा था।

मैंने रचना से कहा- आओ कुछ खा लेते हैं। फिर मैं घर से रात का दूध वगैरा लेकर आता हूँ।

फिर हम कैन्टीन के तरफ गए।
रचना गुमसुम ही थी।
“क्या हुआ, इतना परेशान क्यों हो रही हो? सब ठीक हो जाएगा।”

कैन्टीन में मैंने साथ में बैठ कर पूरा हाल जाना।

विनीत के बड़बोलेपन से परिवार के बाकी सब सदस्य नाराज हो गए थे। उसकी शराब की आदत ने उसका परिवार बिखर ही गया था। बिजनेस में भी नुकसान उठाना पड़ रहा था। चाचाजी के लड़के ने भागीदारी के दुकान से पैसे देना बंद कर दिया था।

“मैं देखता हूँ सब ठीक हो जाएगा.” ये कह कर मैंने उसके हाथ पर हाथ रख दिया- रचना, अब इन बुरे दिनों को याद मत करो। उसके साथ बिताए अच्छे दिन के बारे में सोचो।

मुझे लगा कि वह अपना हाथ छुड़ा लेगी।
पर उसने हाथ वैसे ही रहने दिया।

वह मेरे कंधे पर सर रख के रोने लगी।
मैंने उसकी पीठ पर हाथ रखा।
उस वक़्त मेरे मन में कोई भी दुष्ट विचार नहीं था।

अचानक उसने उसका दूसरा हाथ मेरे जांघों पर रख दिया।
मेरा लंड तन गया। शायद उसे भी मेरी नजदीकी की जरूरत थी।

हम कुछ देर वहां वैसे ही बैठे रहे।

फिर हम उठे और मैंने उसको बाय किया।
रात में रोगी के पास किसी पुरुष का होना जरूरी था।

“मैं घर से कपड़े ले कर आता हूँ। साथ में और कुछ लाना है क्या ये बता देना।”
“नहीं सम्राट, मैं अकेली रुक जाती हूँ। सुबह जल्दी आ जाना।”

पर मैंने भाई की खराब हालत देख कर वैसा करना उचित नहीं समझा।

रात को पत्नी भी मेरे साथ आयी।
उसने रचना को घर चलने की जिद की पर रचना वहीं रुकना चाहती थी।

फिर थोड़ी देर बाद पत्नी चली गई।

मैंने कहा- रचना, इस कमरे में एक ही बेड है। मैं बाहर बरामदे में सो जाता हूँ।
कमरे के बाहर बरामदे में कुर्सियां और सोफ़े रखे हुए थे।

ग्यारह बजे मैं कमरे के बाहर रखे सोफ़े पर सोने की कोशिश करने लगा।
रचना को गुड नाइट कह कर और उसकी आँखों में झांककर मैंने उसे एक हल्की सी आंख मारी।

मुझे नींद नहीं आ रही थी।

तो मैं सोफ़े पर लेटे लेटे Xforum की साइट खोली और एक कहानी पढ़ने लगा।
यहां की कहानियां हमें दुनिया भुला देती है।

बरामदा एक कोने में होने की वज़ह से रूम अटेंडेंट दूसरे कोने में था।
दिसंबर की ठंड से बचने के लिए मैंने चादर ओढ़ ली और कहानी पढ़ने लगा।

तभी कमरे से रचना बाहर आयी।
मैंने पूछा- क्या हुआ, नींद नहीं आ रही है क्या?
उसने हाँ में सिर हिलाया।

“बैठ जाओ यहां थोड़ी देर।”
उसने कमरे में झांका; विनीत सो रहा था।

रचना मेरे पास बैठ गयी।

रात के बारह बज रहे थे। आजू बाजू के कमरे खाली होने की वज़ह से सिर्फ भेड़े हुए थे।
अंधेरा होने की वज़ह से कोई हलचल नजर नहीं आ रही थी।

वह बोली- थोड़ा नीचे खिसको, मैं थोड़ी देर बैठती हूँ।
मैं थोड़ा सरक गया।
रचना मेरे पास सट कर बैठ गयी।

उसके घुटने मेरे सिर के पास थे।
मैंने थोड़े हाथ ऊपर किए तो अनायास उसके छाती से मेरे हाथ टकराए।

मैंने हाथ वहीं रहने दिए।
उसके धड़कते दिल को मैं महसूस करने लगा।
मैंने उसके गोद में अपना सिर रख दिया।

वह थोड़ा झुकी।
उसकी छाती के उभार अब मेरे चेहरे को छू रहे थे।
मैंने उसके गर्दन को मेरी तरफ हाथ से खींचा और उसके लरजते होंठों पर अपने होंठ टिका दिए।

उसने अपनी जीभ बाहर निकाली और मेरे होंठों को ऐसे चूसने लगी जैसे कोई गोली चूस रहा हो।
मैंने भी उसके होंठ अपने मुँह में ले लिए और बेतहाशा रसपान करने लगा।

अपनी जीभ मैंने उसके मुँह में घुसा दी और उसने भी जीभ को चूसना शुरू किया।

अब हम दोनों गर्म होने लगे।
मैंने धीरे धीरे उसकी छाती पर हाथ घुमाना शुरू किया, उसके भरे भरे आम जैसे गोले मेरे जैसे मर्द के हाथों दबने लगे।

तब मैंने अपना मुँह उल्टा किया और उसकी चूत को सूंघने की कोशिश करने लगा।
कस्तूरी के जैसी मदमाती सुगंध ली मैंने उसकी चूत की!

उसकी चूत मेरे लंड से मिलने को बेताब हो रही थी।

मैंने उसकी सलवार नीचे खिसकाने की कोशिश की।
वह थोड़ा ऊपर उठी तो उसकी सलवार नीचे सरक गई।

मैंने उसके पैंटी में हाथ डाला और उसके चूत के दाने को रगड़ दिया।
उधर उसके भी हाथ मेरे लोअर में लंड को खोज रहे थे।

अब मैंने उसको लेटने के लिए कहा और मैं उठ कर बैठ गया।

ठंडी हवा बदन में सिहरन पैदा कर रही थी और इस लड़की की चुदाई का ख्याल शरीर में गर्मी ला रहा था।

वह अब सोफ़े पे लेट गई और मैं उसका सिर गोदी में ले कर बैठा।

मेरा लंड तो जैसे उसके कान में घुस रहा था।
उसने मेरे लोअर के अगले हिस्से को टटोला और सांप को बाहर निकाला।
उसके गर्म होंठों से उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया।
ऐसे सुड़क सुडक कर वो उसे चूसने लगी जैसे जन्मों की प्यासी हो।

मैं उसके चूसने का आनंद लेने लगा।
मेरी आंखें नशे में चूर हो रही थी और वह लपलपाती जीभ से मेरे लंड को खाए जा रही थी।
मैंने सोचा पता नहीं कबसे लंड का स्वाद नहीं चखा उसने।

अब मैं उसकी प्यासी चूत में अपने लंड को डालने के लिए बेताब हो रहा था।
मैंने बड़ी मुश्किल से अपने लंड से उसे दूर किया।

मैं उठ कर जायजा लेने लगा कि कहाँ पर रचना की चूत मारी जाए।
एक कमरा जो खाली नजर आ रहा था, उसका दरवाजा मैंने धकेला तो वह खुल गया।

देखा तो कमरा खाली था।
अमूमन रोगी के लिए कमरे तैयार रखे जाते है और लॉन्ड्री भी साफ़ होती है।

मैं कमरा का अंदर से देख कर जायजा लिया और रचना को बाहर से उठा के अंदर ले गया।
अब हमारी प्यास बुझाने की बारी थी।

अंदर जाते ही मैंने उसके सारे कपड़े निकाल डाले और उसपर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़ा।
बरसों की प्यास बुझानी थी जो उसकी ललक मेरे मन में थी।

उसे भी मेरी गरज तो थी ही … वह उठी और मेरी बाहों में अपने आप को सौम्प दिया।
रचना मेरे होंठों को चूमने लगी और अपने दूध के लोटों को मेरी छाती पर दबाने लगी।

मैंने भी उसके नितंबों को सहलाना शुरू किया।
उसकी पानीदार हुई चूत को मेरी उँगलियों से छेड़ना शुरू किया।

अब वह झुकी और फिर से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
उसे शायद मेरा लंड भा गया था।

पर और भी जरूरी था उसके चूत की आग को बुझाना!
मैंने उसके मुँह से अपने लंड को निकाला उसे घोड़ी बना के लपक के पेल दिया।

उसकी तो चीख निकल गई- मेरे दिल के सम्राट, कहाँ थे अब तक!

कुछ देर में ही वह बहक गई- अब मेरी जान ही ले लोगे क्या भोसड़ी के? आज मैं भी तो देखूँ तेरे लंड का दम … आह आ आ … आह … हाय हाय … मार ही डाला रे लंड वाले ने!

ऐसा कह कह कर वह मुझे उकसा रही थी और मैं भी घचाघच उसे पेल रहा था।

हॉस्पिटल सेक्स विद भाभी का यह दौर करीब 20 मिनट तक चला।
रचना की मुनिया ने पानी छोड़ दिया था और अब मेरे झटके उसे बर्दाश्त नहीं हो रहे थे।

मैं उसे अब भी पीना चाहता था पर उसकी आँखों का दर्द देख कर मैंने भी अपने शरीर को कड़क किया और उसकी चूत में पानी छोड़ दिया।

कुछ देर वैसे ही निढाल पड़े रहने के बाद मैं उठ कर बाहर सोफ़े पे चुपचाप जाकर लेट गया।

रचना भी अपने कपड़े ठीक कर के कमरे से बाहर निकली मेरे पास आ कर तृप्ति के भाव से मुझे चूमा और अंदर चली गयी.
लेकिन जाते जाते चुदाई का वायदा ले कर ही।
 

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बीवियों की अदला बदली-1



मेरा नाम सुनीता है दोस्तो.
मैं एक बेहद खूबसूरत, चंचल और शोख़ लड़की हूँ।
मेरा कद 5′ 4″ का है, रंग ब्राउन और चेहरा गोल है।
मेरी बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियाँ, बड़ी बड़ी कजरारी आँखें, गुंदाज बाहें, पतली कमर और उभरी हुई गांड किसी को भी पागल बनाने के लिए काफी हैं।

मैं पढ़ी लिखी हूँ, बोल्ड हूँ और इंग्लिश खूब बोलती हूँ। मैं जो भी करती हूँ अपने मन का करती हूँ और किसी भोसड़ी वाले से डरती नहीं हूँ। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती।

अपने कॉलेज के दिनों में मैं जितनी पढ़ाई में मशहूर थी, उतनी ही सेक्स की बातें करने में और गाली गलौज करने में भी मशहूर थी।
मैं खुले आम किसी की भी माँ बहन चोद देती थी।
मेरे मुंह से फर्राटेदार गालियां खूब निकलती थीं।

खास तौर से लंड की गालियां … लड़के मेरे मुंह से ‘लंड’ सुनने के लिए मेरे आगे पीछे घूमा करते थे।

वैसे तो मैं गालियां दोस्ती में आज भी देती हूँ मगर बड़े प्यार से!

मैं उसी जोश में कॉलेज के दिनों में ही 2 / 3 लड़कों के लण्ड बड़े प्यार से पकड़ती थी।
मुझे लण्ड पकड़ने की आदत हो गयी थी। मुझे लण्ड पकड़ना, लण्ड चूमना चाटना और चूसना अच्छा लगने लगा था।

मैं लण्ड पकड़ कर मुट्ठ मारने लगी थी और लण्ड का वीर्य पीने लगी थी।
हालांकि शुरू शुरू में मुझे वीर्य अच्छा नहीं लगा लेकिन फिर मैं एन्जॉय करने लगी।

मैं जब किसी स्मार्ट और हैंडसम लड़के को देखती तो मन करता कि मैं इसे नंगा करके इसका लण्ड पकड़ कर चूस लूँ।

मेरी शादी अभी दो साल पहले राज नाम के लड़के से हो गयी है।
मैं शादी के पहले चुदी हुई थी, दो बॉय फ्रैंड्स से चुदी हुई थी और कई बार चुदी थी उनसे!

मैंने 3 सम भी किया था।
दो दो लण्ड से मिलकर एक साथ खूब मस्ती से चुदवाया भी था।

मैं सेक्स की बहुत शौक़ीन थी।
लण्ड की दीवानी थी मैं!

आज तो और ज्यादा दीवानी हो गई हूँ।

मुझे नये नये लण्ड पकड़ने का और उनसे चुदवाने का चस्का लग गया।

अब तो शादी के बाद मुझे लण्ड और ज्यादा अच्छे लगने लगे हैं।
मैं लंबा, मोटा, सीधा, टेढ़ा, काला, गोरा हर तरह का लण्ड पसंद करती हूँ।

राज मुझे बहुत ही पसंद है, वह सांवले रंग का है और मुझे सांवला रंग बहुत पसंद है।
वह मेरा बहुत ख्याल रखता है और मुझे दिलो जान से प्यार भी करता है।
राज एक बड़ी कंपनी में काम करता है।

मैं मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हूँ पर शादी के बाद आजकल मैं अपने पति के साथ लंदन में रह रही हूँ।
हम दोनों पति पत्नी मिलकर अपनी ज़िन्दगी ख़ुशी ख़ुशी गुज़ार रहे हैं।
हमारी सेक्स लाइफ भी अच्छी तरह चलने लगी।

मैं अपने फुर्सत के समय में पोर्न देखने लगी और उसमें लण्ड के फोटो और वीडियो देखने लगी, सेक्स की कहानियां पढ़ने लगी.
धीरे धीरे मुझे लण्ड की याद आने लगी.
मुझे लगा कि अब एक ही लण्ड के सहारे पूरी ज़िन्दगी काटना मुश्किल है; कुछ बदलाव तो होना चाहिए.

एक रात हम दोनों नंगे नंगे लेटे थे और 69 की पोजीशन में थे।
मैं उसके लण्ड से खेल रही थी और वह मेरी चूत से, मेरे चूतड़ों और मेरी गांड से खेल रहा था।
मुझे उसके लण्ड पर बड़ा प्यार आ रहा था।

अचानक मेरे मुंह से निकला- यार तेरे लण्ड का एक और दोस्त होता तो कितना अच्छा होता!
वह बोला- यार खुल कर बताओ, लण्ड का दोस्त … माने?
मैंने कहा- यार, लण्ड का दोस्त तो लण्ड ही होगा न!

वह फिर बोला- अच्छा तो तुम एक और लण्ड चाहती हो सुनीता डार्लिंग?
मैंने भी आँख मटकाकर कर कहा- हां तुमने सही पहचाना मेरे राजा … मैं एक लण्ड और चाहती हूँ।

वह बोला- हां यार सुनीता, मेरा एक दोस्त है संजय। उसकी बीवी शबनम मुझे बहुत अच्छी लगती है। वह गोरी चिट्टी बड़ी खूबसूरत है और गज़ब की हॉट है।
मैंने मजाक करते हुए कहा- अच्छा तो तुम उसकी चूत लेना चाहते हो?
वह बोला- लेना तो चाहता हूँ पर मिलेगी कैसे उसकी चूत?

मैंने कहा- मैं बताती हूँ कैसे मिलेगी. तुम संजय से खुल कर बात करो, वाइफ स्वैपिंग की बात करो कि तुम उसकी बीवी चोदो वह तेरी बीवी चोदे। तुम दोनों एक ही कमरे में एक ही बेड पर एक दूसरे की बीवी चोदो। आजकल वाइफ स्वैपिंग बड़ा कॉमन है यार! मुझे एक नया लण्ड मिल जायेगा और तुम्हें एक नई चूत।

इस तरह मैंने उसे खूब प्रोत्साहित किया और उकसाया।
वह भी उत्तेजित हो गया और बोला- हां यार सुनीता, तुम सही कह रही हो.

और वह संजय से इस बारे में बात करने लगा।
इधर मैं भी उसकी बीवी शबनम से बात करने लगी।

मैं शबनम को जानती थी; मैं एक दिन उसके घर भी चली गयी।
वह मुझे देखकर खुश हो गयी।

फिर हम दोनों मस्ती से खुल कर बातें करने लगी।
मैंने कहा- यार देखो, मैं तो मादरचोद अपनी शादी के पहले खूब चुदी हुई थी तो मेरी तो आदत चुदने की पड़ी हुई है। मैं नये नये लण्ड से चुदना चाहती हूँ। अब जवानी में नहीं चुदूँगी तो कब चुदूँगी?
वह बोली- यार तू सच कह रही है। चुदी हुई तो मैं भी थी शादी के पहले! हमारे समाज में तो जब लड़की जवान हो जाती है तो कुनबे के लोग ही लण्ड पेल देते हैं उसकी चूत में! मेरी भी चूत में भी कई लंड पेले गए थे. वैसे मैं अपने बॉयफ्रेंड से भी चुदी हुई थी।

मैंने कहा- यार तुम इतनी खूबसूरत हो तो तुमको तो लोग चोदेंगें ही।
वह बोली- तभी तो मैं अपने भाई जान से भी चुद गयी।

मैंने हंस कर पूछा- अच्छा यह बता तुझको गोरा लण्ड पसंद है या काला लण्ड?
वह तपाक से बोली- काला लण्ड!

मैंने कहा- मेरे पति का लण्ड काला है यार!
वह बोली- ओ माय गॉड, तब तो बड़ा हैंडसम होगा तेरे पति का लण्ड?
मैंने कहा- हां है तो!
वह बोली- अब तो मैं उसे जरूर देखूंगी।

फिर मैंने वाइफ स्वैपिंग के बारे में बात की।
शबनम मान गई लेकिन थोड़ा झिझकते हुए।
मैंने साफ़ साफ़ कहा- यार, एक बात बताओ. अगर मैं तेरे पति के आगे नंगी हो जाऊं तो तुम मेरे पति के आगे नंगी हो जाओगी?
वह बोली- हां तो बिल्कुल हो जाऊँगी।

मैंने फिर पूछा- अच्छा अगर तेरा पति मेरे आगे नंगा हो जाए और मेरा पति तेरे आगे नंगा हो जाए तो?
वह बोली- तब तो और मज़ा आएगा एक दूसरे के पति को नंगा देखने में!

बस मैं ख़ुशी ख़ुशी अपने घर लौट आयी और अपने पति को सारी बात बता दी।
मेरा पति तो ख़ुशी के मारे उछल पड़ा।
फिर रात में उसने मुझे खूब धकाधक चोदा।

अगले दिन हम लोग शबनम के घर पर मिले।
उसने हमको बुलाया था।
शबनम लो टॉप और लो स्कर्ट में थीं।

वह बार बार राज के सामने झुक झुक काम भी करती और बात भी करती तो उसकी मस्त बड़ी बड़ी चूचियों की झलक राज को मिल जाती।
राज गद गद हो जाता।

उसकी गोरी गोरी जांघें दिख रहीं थीं। वह सच में बेहद सेक्सी और हॉट लग रही थी।
मेरा पति तो उसे देखता ही रह गया।

उसका गोरा जिस्म, खुली खुली बाहें, बड़े बड़े मम्मे, उभरे हुए चूतड़ और उसके बीच की गांड सब कुछ देख कर मेरा पति बहन चोद शबनम का दीवाना हो गया।

इधर मैंने भी जींस पहनी हुई थी … और ऊपर एक डीप नेक का टॉप।
मेरे भी बूब्स बाहर निकलने के लिए कसमसा रहे थे।
मेरी भी मस्तानी गांड संजय को लुभा रही थी।

मुझे तो लगा कि कहीं यह सबसे पहले लण्ड मेरी गांड में ही न पेल दे!
शबनम ने हमारा स्वागत किया और बड़े आदर सत्कार से बैठाया।

फिर हंस हंस कर बातें करने लगी।

तब तक ड्रिंक्स का सेट लग गया तो शबनम एक एक पैग व्हिस्की बनाकर सबको दे दी।

हम चारों लोग मस्ती से ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगे।
फिर साथ साथ बातें भी होने लगीं।

धीरे धीरे बातें सेक्स पर भी होने लगी, बातें खुल्लम खुल्ला होने लगीं।
हम सब लण्ड चूत चूत भोसड़ा बोलने लगे।

जब दो दो पैग शराब हो गयी तो नशा अपना काम करने लगा था।

मैंने फिर फुल स्वैपिंग की बात उठाई।
तो सब लोग तो रेडी हो गए लेकिन शबनम नहीं मानी।

उसने कहा- नहीं, अभी फुल नहीं प्लीज!
मैंने कहा- यार इसमें हर्ज़ ही क्या है? यहाँ तो हम चारों के अलावा कोई और नहीं है.

लेकिन वह चूतचोदी नहीं मानी जबकि उसका पति संजय बिलकुल तैयार था।
मेरा पति बिचारा तड़प रहा था उसके साथ सेक्स करने के लिए।

संजय भी मुझे अपनी गोद में बैठाकर मेरे जिस्म से खेलना चाहता था, मुझे चोदना चाहता था।

फिर हमने ज्यादा दबाव नहीं डाला और कहा- अच्छा, तू एक ही बेड पर हमारे साथ सॉफ्ट स्वैपिंग ही कर ले शबनम।
उसने फिर बड़े प्यार से हां कह दी।

उसके हां कहते ही हम सबने खूब मजे से तालियां बजाई।

फिर हम दोनों अंदर चली गईं.
बाहर राज और संजय बातें करने लगे।

राज बोला- यार संजय, आज मैं पहली बार तेरी बीवी यानि शबनम भाभी को नंगी देखूंगा। उसके बड़े बड़े मम्मे देखूंगा, उसकी मस्तानी चूत देखूंगा उसकी गांड देखूंगा। यार बड़ा मज़ा आएगा। मेरा तो लण्ड बहनचोद अभी से काबू बाहर हुआ जा रहा है।

संजय बोला- हां यार, मैं भी तेरी बीवी यानि सुनीता भाभी को आज पहली बार पूरी तरह नंगी देखूंगा। वह तो एकदम पटाका है यार! मैं जब उसके बड़े बड़े बूब्स देखूंगा, उसकी मस्त मस्त चूत देखूंगा, उसके चूतड़ और गांड देखूंगा तो बहुत मज़ा आएगा। बहुत दिनों की तमन्ना आज पूरी होगी. मेरा लण्ड साला आसमान अभी से ताकने लगा है।

राज बोला- यार सच बताऊँ संजय, मैं जब अपनी बीवी चोदता हूँ तो तेरी बीवी का नाम ले ले कर चोदता हूँ। मैंने तो कई बार तेरी बीवी का नाम ले ले कर मुट्ठ भी मारा है।

संजय बोला- यार, मेरे साथ भी ऐसा होता है। मैं चोदता हूँ अपनी बीवी की चूत मगर सोचता हूँ कि जैसे मैं सुनीता भाभी की चूत चोद रहा हूँ। तब मुझे चोदने में ज्यादा मज़ा आता है.

अब मैं बताती हूँ कि हम दोनों के बीच क्या बात हुई।

मैंने कहा- देख भोसड़ी की शबनम, आज मैं तुझे पूरी नंगी देखूंगी. बड़ा मज़ा आएगा। मुझे खूब अच्छी तरह से दिखाना अपना नंगा बदन।

शबनम बोली- हां हां दिखा दूँगी तुझे अपना नंगा बदन चूतचोदी सुनीता। मैं तो तुझे अपने पति का लण्ड भी दिखा दूँगी। थोड़ा सबर कर माँ की लौड़ी!
मैंने कहा- हाय दईया, तब तो मज़ा ही आ जायेगा। मैं भी तुझे अपने पति लण्ड दिखाऊंगी हरामजादी शबनम.
फिर हम दोनों हंसने लगीं।

सॉफ्ट स्वैपिंग:

मैंने आपको अभी अभी बताया है दोस्तो, कि सॉफ्ट स्वैपिंग का मतलब है- अपनी अपनी बीवी को एक दूसरे के सामने चोदना।

तब तक राज और संजय दोनों वायग्रा की डोज़ ले चुके थे.
एक बात तो सबके मन में उठ रही थी कि वैसे तो हम अपनी अपनी बीवी लगभग रोज़ ही चोदते हैं पर कोई देखने वाला नहीं होता। आज तो हमारी चुदाई दूसरा कपल देखेगा तो हमें खूब जम कर चोदना है अपनी अपनी बीवी।

मैं भी यही सोच रही थी कि मैं आज राज से खूब झमाझम चुदवाऊंगी ताकि संजय और शबनम हमारी चुदाई देख कर मस्त हो जायें.

शबनम के मन में भी यही चल रहा था।
वह अपने पति से खूब अच्छी तरह से चुदवाने के लिए कमर कस चुकी थी।

संजय के मन में था कि आज मैं अपनी बीवी खूब हचक हचक के चोदूंगा। राज को दिखा दिखा के चोदूंगा।

राज ने भी ठान लिया था कि आज मैं अपनी बीवी सुनीता की चूत खूब मस्ती से लूंगा।

फिर राज ने मुझे अपनी गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया और संजय ने अपनी बीवी शबनम को गोद में लेकर उसी बेड पर मेरे बगल में लिटा दिया।
वह अपनी बीवी के बदन से लिपट गया और मेरा पति राज मुझसे लिपट गया।

संजय शबनम की चुम्मियाँ लेने लगा उसके होंठ चूमने लगा, उसकी गर्दन और कंघे भी चूमने लगा.
फिर धीरे से उसने शबनम का टॉप खोल कर फेंक दिया तो उसकी बड़े बड़े मम्मे सबके सामने खुल गए।

उसके मम्म्मे देख कर मेरे पति के लण्ड में करंट लग गया।
इधर मेरे भी मम्मे तब तक राज ने खोल डाले थे तो उन्हें देख कर संजय के लण्ड में आग लग गयी।

फिर दोनों मर्द अपनी अपनी बीवी के मम्मे बड़े प्यार से चूमने चाटने लगा।
हम दोनों के चूचुक तन चुके थे।

इन दोनों मरद के ऊपर कपड़े भी उतर चुके थे।
दोनों मादरचोद नंग धड़ंग बड़े सेक्सी और हॉट लग रहे थे।

मैंने कहा- हाय चूत चोदी शबनम, तेरे तो मम्मे बहनचोद बहुत बड़े बड़े हैं और मस्त हैं यार!
वह बोली- तेरे भी तो मम्मे बड़े सेक्सी है मेरी हरामजादी सुनीता।

इतने में संजय ने अपनी बीवी की जींस उतार फेंकी तो उसकी मस्तानी चिकनी चूत पूरी तरह नंगी हो गयी।
इधर मेरा भी घाघरा उतर चुका था।
मेरी भी बिना झांट की चिकनी चूत शबनम की चूत का मुकाबला कर रही थी।

दोनों मर्द अपनी अपनी बीवी की चूत बड़े प्यार से सहलाने लगे और पूरे नंगे जिस्म पर हाथ फिराने लगे।

शबनम एकदम नंगी नंगी बहुत ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थी भोसड़ी वाली।
संजय अपनी बीवी का पूरा जिस्म चाटने में जुट गया.

और इधर मेरा पति राज भी आज कुछ ज्यादा अच्छी तरह मेरे बूब्स चाट रहा था, मेरे गाल चाट रहा था।
हम दोनों बीवियों को इसका भर पूर आनंद मिल रहा था।

तब मैंने अपने पति को पूरी तरह नंगा कर दिया और उसका लण्ड हिलाने लगी.

उधर शबनम ने भी संजय को नंगा किया और उसका लण्ड मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी।

मेरी नज़र उसके पति के लण्ड पर पड़ी तो मैं गनगना उठी।
उसका डार्क ब्राउन कलर का लण्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया।
मेरी लार टपकने लगी बहनचोद!
मेरी चूत बहन चोद गीली हो गई।

उसका लण्ड मेरी एक ही नज़र में मुझे पसंद आ गया।
मैं सोचने लगी कि अगर शबनम मान जाती तो आज संजय का लण्ड मेरे हाथ में होता.

शबनम भी बड़े गौर से मेरे पति राज का लण्ड देखने लगी।
राज के लण्ड का रंग काला और मैं जानती हूँ कि काला लण्ड गोरी औरतों को बहुत अच्छा लगता है।
शबनम तो चूत चोदी बहुत ही गोरी है। वह मेरे पति का काला लण्ड देख देख कर मज़ा लेने लगी।

हम दोनों कपल नंगे नंगे एक दूसरे कपल को नंगा देखने का मज़ा लेने लगे।
फिर मैं राज के साथ 69 की पोजीशन में हो गयी और शबनम संजय के साथ।

थोड़ी देर में राज ने मेरी दोनों टाँगें फैलाई और अपना काला लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया थोड़ा रगड़ कर गच्च से पेल दिया लण्ड अंदर!
वह मुझे बड़ी मस्ती से चोदने लगा।

इसी तरह संजय भी अपनी बीवी शबनम की चूत धकाधक चोदने लगा … पूरा लण्ड पेल पेल कर चोदने लगा।

हम दोनों की चूचियाँ उछलने लगी और मुंह से सिसकारियां निकलने लगी।

जब मज़ा आया तो हम भी अपनी अपनी कमर हिला हिला कर रंडी की तरह चुदवाने लगी।

सच बताऊँ दोस्तो, मुझे तो संजय और शबनम के आगे अपने पति से चुदवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था और उन दोनों को भी हमारे आगे चुदवाने में।
इस तरह की मस्ती बड़ी मुश्किल से मिलती है।

थोड़ी देर के बाद राज और संजय ने अपनी अपनी बीवी पीछे से डॉगी स्टाइल में चोदी।
इस तरह चुदवाने में मुझे खूब मज़ा आता है।

यह चुदाई बड़ी देर तक चलती रही।

फिर हमारी चूत भी खलास होने लगी और लण्ड भी।

मैंने राज का झड़ता वीर्य पिया और लण्ड का सुपारा चाटा।
शबनम ने भी संजय के लण्ड का वीर्य पिया और लण्ड का टोपा मस्ती से चाटा।

चुदाई के बाद शबनम ने नंगी नंगी ही मेरे नंगे पति को बड़े प्यार से गले लगा लिया उसके गाल चूमे और उसका लण्ड भी चूमा।

मैं भी नंगी थी।
तो मैं आगे बढ़ी और संजय को, जो एकदम नंगा था, हग किया, गले लगाया, उसे चूमा और फिर झुक कर उसके लण्ड की मस्ती से कई चुम्मियाँ लीं।

सच में हमारी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
हम सबकी इच्छा पूरी हो रही थी।

उसके बाद सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें करके मज़ा लिया।

एक घंटा के बाद फिर चुदाई हुई और बड़े धूम धाम से हुई।

हम लोगों ने अपने अपने पति से रात में दो बार चुदवाया और फिर उसी बेड पर नंगे नंगे ही सो गए।
 
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