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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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पड़ोसन भाभी की वासना को अपनी वासना से मिलाया




दोस्तो, मेरा नाम अंकित है.
मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव चोमू का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र 24 साल है और मेरी हाईट 6 फीट है.

आज मैं आपको एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ.
यह घटना मेरे साथ ही घटी थी.
इसमें आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने अपने पड़ोसी की हॉट वाइफ को पटाया और जी भर कर हॉट देसी भाबी की चुदाई का मजा लिया.

मैं जिम जाता हूँ, तो मैंने अपनी बॉडी इतनी सालिड बना रखी है कि मेरे डोले शोले देखते ही कोई भी लड़की फिदा हो जाए.

मेरे घर में एक किरायेदार श्रीमान श्रीमती काफी टाइम से मेरे घर ही रह रहे थे.
उस घर में जो भाभी रहती थीं, वे मुझे बहुत पसंद थीं.

जब से वे लोग हमारे घर में रहने आए थे, तभी से मेरी उन पर नजर थी.

आगे बढ़ने से पहले इधर मैं आपको भाभी के बारे में बता देता हूँ.
उनका नाम शालिनी था. उनकी उम्र 28 साल के आस पास की थी. उनके पति उनको शालू कहकर बुलाते थे.

भाभी का फिगर 34-28-36 का था और उनके दूध बहुत मस्त थे.
मुझे न जाने क्यों मन करता था कि इनके आम पकड़ कर चूस लूँ.

पर मैं क्या करता, उनके पति हमेशा उनके साथ ही चिपके रहते थे.
वे भाभी को बहुत कम ही बाहर जाने देते थे.

उनके पति घर से ही शेयरमार्केट का काम करते थे, तो वे भी सारे दिन घर पर ही रहते थे.

वैसे तो मैं बहुत ही शर्मिला किस्म का लड़का था, पर लंड तो सभी का खड़ा होता है न … तो बस भाभी मन में समा गई थीं.

मैं भाभी से बहुत कम बात कर पाता था, इसकी दो वजहें थीं.
एक तो मेरा शर्मीला होना और दूसरा उनका घर से कम बाहर निकलना.
कुछ समय बाद भाभी की मेरी मम्मी से दोस्ती हो गई और वे मेरे घर आने लगीं.

अब कभी कभी भाभी मुझसे भी बात करने लगी थीं.
लेकिन भाभी कभी भी ऐसा महसूस नहीं होने देती थीं कि वे मुझे पसंद करती हैं या मुझसे आकर्षित हैं.

मैं भी बस उनके दूध देख कर ही गर्मा जाता था और लगभग हर बार जब भी मैं उनको देखता तो उनके नाम की मुठ मारा करता था.
भाभी कभी भी यह नहीं जताती थीं कि उनको मैं अच्छा लगता हूँ.

एक दिन उनसे बात करते करते मुझे पता चला कि उनके पति बहुत ज्यादा दारू पीते हैं और बस यह बताते बताते भाभी कुछ ज्यादा ही उदास सी हो गईं.

उस वक्त भाभी मेरी मम्मी से ही बात कर रही थीं.
मम्मी ने मुझे जाने का कहा और वे भाभी को दिलासा देने लगीं.

ऐसे ही दिन बीतते गए और मैं अपनी आगे की पढ़ाई करने बाहर चला गया.
बात उन दिनों की है, जब मेरी छुट्टियां हो गई थीं और मैं अपने घर वापस आया हुआ था.

मैं अपने घर आते ही भाभी की एक झलक पाने को बेचैन हो गया था, पर उस दिन मैं भाभी का दीदार नहीं कर सका.

अगले दिन भाभी एकदम तैयार होकर कहीं जा रही थीं.

आपको बता दूँ कि राजस्थान में औरतें तैयार होकर बहुत सोना पहनती हैं.
उस दिन भाभी तैयार होकर मेरे घर आईं. मैं उस दिन घर पर अकेला ही था.

वे रसोई में गईं और कुछ रखने लगीं. तभी मैं पहुंच गया.
मुझे देखते ही उनको एकदम से हैरानी हुई कि मैं घर में था.

आज भाभी कुछ अलग ही मूड में लग रही थीं.
उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि मैं कैसी लग रही हूँ?

मेरी नजर तो उनके बड़े बड़े रसीले आमों पर थी.
मेरे मुँह से तपाक से निकल गया- अरे भाभी … आप तो आज बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही हो.

मेरा इतना कहते ही वे शरमा कर चली गईं.

चार दिन बाद भैया कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर जाने वाले थे.
उस दौरान भाभी घर पर अकेली रहने वाली थीं.

मेरे लिए ये सही मौका था.

ऊपर से उस दिन बारिश भी होनी शुरू हो गई.
शाम को मम्मी ने मुझे कुछ खाने का सामान देकर भाभी को देने को बोला.

मैं खाना का सामान लेकर उनके कमरे की तरफ जा ही रहा था कि अचानक से मुझे कुछ ख्याल आया.
मैंने उनके कमरे के दरवाजे की सांस थोड़ा झांक कर उनको देखा.

भाभी की साड़ी पैरों से ऊपर को सरकी हुई थी और पेट भी एकदम क्लियर दिख रहा था.
इतना देखते ही मेरा तो लंड तन कर कड़क हो गया.

फिर मैंने आवाज दी और अन्दर चला गया.
भाभी ने खुद को सही किया और मुझे बैठने को कहा.

उस दिन भाभी ने पहली बार मुझसे खुल कर बातें की.
उन्होंने मुझे रात को उनके साथ रुकने को कहा क्योंकि रात को बारिश हो रही थी और बिजली भी कड़क रही थी.

जैसे ही रात को मैं उनके कमरे में पहुंचा, तो देखा वे एक मूवी देख रही थीं.
मैंने भाभी से हैलो कहा.

उन्होंने मुझे अपने पास बिठाया और मुझसे बातें करनी शुरू कर दीं.

आज पहली बार उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने कहा- नहीं भाभी, अभी तक तो नहीं है.

इस पर उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मैं अभी तक कुंवारा हूँ.

उनकी बात सुनकर मैंने भी हिम्मत करके भाभी से पूछ लिया.
मैं- भाभी, क्या आपके पति आपको पूरा संतुष्ट करते हैं?

बस मेरा इतना पूछना था कि उनको रोना आ गया.
वे मुँह में साड़ी का पल्लू ठूंस कर चुप हो गईं और उनकी आंखें डबडबा सी गईं.

मैंने उन्हें दिलासा देते हुए कहा- आप प्लीज उदास मत हो भाभी!
मैं कहना तो चाहता था कि मैं हूँ न भाभी … मैं आपकी चूत को ठंडी कर दूंगा. पर कह न सका.

कुछ देर बाद उन्होंने बताया कि उनके पति शराब पीते हैं और उनको मारते हैं. वे प्यार भी नहीं करते हैं.
हम दोनों को यही सब बातें करते करते बहुत रात हो गई.

भाभी ने कहा- चलो अंकित, आज कोई दूसरी मूवी देखते हैं. तुमको कौन सी मूवी देखनी है, वही मैं भी देख लूँगी.
मैंने उनसे कुछ मूवीज को लेकर बात की, फिर मैंने एक इंग्लिश वाली मूवी शुरू कर दी.

थोड़ी देर मूवी चलने के बाद उसमें एक किसिंग सीन आया.
मैं और भाभी एक दूसरे को देखने लगे.
ये देख कर भाभी मुस्कुरा दीं.

फिर उन्होंने कहा- मैं कुछ खाने को ले आती हूँ.
वे उठ कर गईं और चॉकलेट ले आईं.

अब तक मेरा भी लंड तन चुका था. बाहर बारिश का मौसम मेरी वासना को भड़का रहा था.

भाभी के मस्त गोल गोल रसीले दूध मेरे ख्यालों में लौड़े को और ज्यादा तनतना रहे थे.
भाभी चॉकलेट लेकर आईं और मुझे देते हुए खाने को कहा.

आज मेरे सिर पर सेक्स का भूत सवार था.
मैंने कहा- भाभी आज आप ही खिला दो ना!

उन्होंने एक बार भी मना नहीं किया.

वे हंसने लगीं और बोलीं- जैसे मैं खिलाऊंगी, वैसे खाना पड़ेगा!
मैंने कहा- हां ठीक है.

फिर जैसे ही वे मुझे चॉकलेट खिलाने को पास आईं, मैंने उनको किस कर दिया.
बस अब और क्या बचा था. उनको तो इसी संकेत का इंतजार था.

वे मुझे चॉकलेट खिलाना भूल गईं और मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझे गहरा चुंबन करने लगीं.
भाभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर किस करने लगीं.

मैंने जीभ चूस कर उनके होंठों को काट कर अलग होते हुए कहा- भाभी चॉकलेट लगा कर करते हैं.
वे बोलीं- मैं तो पहले ही वैसे करने वाली थी, लेकिन तुमने सारा खेल खुद ही शुरू कर दिया.

हम दोनों हंसने लगे.

अब मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और हम दोनों दो प्यासे प्रेमियों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे.

कुछ देर के बाद मेरा मन भाभी के दूध देखने का हुआ. मैंने अपने हाथों से पहली बार उनके मुलायम मुलायम दूध सहलाए और दबाने लगा.
वे वासना से अपने मम्मों को मेरी तरफ तान कर मूक भाषा में चूसने का इशारा करने लगीं.

मैंने बिल्कुल भी देरी किए बिना जल्दी से उनका ब्लाउज खोल दिया और उनके बूब्स चूसने लगा.
अब भाभी का चेहरा देखने लायक था. उनको अपने दूध चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.

वे अपने हाथ से अपने दूध का निप्पल मेरे मुँह में दे रही थीं और आह आह करके मजा ले रही थीं.
मैं भी उनकी चूची को खींचता हुआ उनकी आखों में वासना से झांक रहा था.

वे भी मदहोशी में मुझे प्यासी नजरों से देख रही थीं.
कुछ देर बाद भाभी बोलीं- अंकित तुम चूसते बहुत अच्छा हो .. और जोर से चूसो ना!

मैं और जोर जोर से भाभी के दोनों थन खींचते हुए चूसने लगा. एक को चूसता तो दूसरे को दबा दबा कर मसलने लगा.

भाभी मीठे दर्द से कराह रही थीं- आह आह आह आह … आह तो सच में न जाने आज कितने बेरहम आदमी से पाला पड़ गया है.
मैंने कहा- भाभी आपका देवर हूँ … आपको पूरा मजा दूंगा.

वे भी मेरे सर को सहलाती हुई अपने मम्मों पर दबा रही थीं और कहे जा रही थीं- आह अंकित मेरी जान … चूस लो मेरे अमृत कलशों को … आह इनका रस चूस कर पी जाओ.

मैं भी लगा रहा और उनके दोनों दूध एकदम लाल कर दिए.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मैंने भाभी से कहा- जल्दी से मेरा लंड चूस लो.
भाभी ने मेरी पैंट खोली और मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.

आह क्या मस्त लंड चूसा था यार … भाभी ने सचमुच में मुझे जन्नत की सैर करवा दी थी.

वे लंड चूसने में मानो पीएचडी थीं. वे बड़ी मस्ती से मेरे लौड़े के सुपारे को जीभ से चाट कर उसे अपने होंठों से दबातीं और जीभ की नोक से लंड को लिकलिक करने लगतीं.

आह … इतना जन्नती अहसास हो रहा था कि मैं क्या ही कहूँ.
मैंने देखा तो वे किसी रांड की तरह अपनी दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ कर मेरे लौड़े को अपने एक हाथ से खींचती हुई चूस रही थीं और दूसरे हाथ से मेरे टट्टे सहला कर मसल दे रही थीं.

मैंने भी अपने दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखा हुआ था और उनकी तरफ लंड किये हुए मस्ती से चुसवा रहा था.

इस लंड चुसाई के खेल के समय हम दोनों की नजरें एक दूसरे को कामुकता से देख रही थीं.
तभी मैंने अपने दोनों हाथ कमर से हटाए और उनके दोनों दूध पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.
वे अपनी आखों को सिकोड़ कर आह का भाव बनाती हुई मेरे लंड की मां चोद रही थीं.

थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें अपनी जीभ निकाल कर चूत चाटने का इशारा किया तो वे हंस दीं और झट से चित लेट गईं.
मैं उनके ऊपर उलट कर लेट गया और हम दोनों ने 69 वाली पोजीशन बना ली.

अब मैं भाभी की चूत में अपनी जीभ डाल कर चूस चाट रहा था और वे मेरा लंड चूस रही थीं.
मैं उनकी मदभरी आवाज को साफ साफ सुन पा रहा था.

भाभी अपनी गांड उठाती हुई ‘आह आह आह …’ कर रही थीं.
उनको अपनी चूत चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था, शायद भैया उनकी चूत नहीं चाटते थे.

कुछ देर बाद मैंने भाभी को चुदाई की पोजीशन में सीधा कर दिया और उनकी चूत पर चॉकलेट लगा कर चूसना शुरू कर दिया.
इससे उनको और भी मजा आ रहा था क्योंकि वे मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थीं.

थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा- अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.

मेरे से भी रहा नहीं गया और मैंने जल्दी से अपना लंड उनकी चूत में पेल दिया.
जैसे ही मेरा लंड चूत के अन्दर गया, उनके मुँह से आह आह आह की आवाज निकलने लगी.

मैं उनकी आवाज को सुनकर अनसुना करता हुआ बस झटके पर झटके देता जा रहा था.
भाभी आह आह आह कर रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने और जोर जोर से झटके देने शुरू कर दिए.
अब भाभी के मुँह से मम्मी मम्मी निकल रहा था.

‘नहीं यार अंकित … स्लो स्लो करो प्लीज आह मम्मी मैं मर जाऊंगी … आह आह आह …’

अब मैं झड़ने वाला ही था.
मैंने उनकी तरफ देखा ही था कि उन्होंने झट से कहा- मेरे अन्दर ही आ जाओ. आह आज मुझे अपनी रंडी बना लो.

ऐसा कहकर मैंने भाभी के अन्दर ही अपना पानी छोड़ दिया.
उस रात हमने तीन राउंड सेक्स किया और एक दूसरे को बहुत मजा दिया.

मैं आज तक वह हॉट देसी भाबी की चुदाई की रात नहीं भूला हूँ.
अब तो उनको एक बच्चा भी हो गया है और भाभी मेरा घर भी छोड़ चुकी हैं.

वे एक ऐसी फैमिली से थीं जो कि उस इलाके की बहुत इज्जतदार फैमिली थी.
इसलिए यह मेरा फर्ज बनता है कि मैं भाभी की इज्जत को बनाए रखूँ.

मैं आज भी उनके फिगर को याद करता हूँ. जब भी भाभी का चेहरा सामने आता है, तो उनकी बड़ी बड़ी चूचियां … वह गुलाबी चूत … अहा सोच कर ही मजा आ जाता है.
 

junglecouple1984

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मेरी बहन मुझसे चुद कर प्रेग्नेंट हुई





दोस्तो, मेरा नाम अजय है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.

आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी में बता रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी बहन को एक प्लानिंग के तहत चोद कर प्रेग्नेंट किया.

मेरे परिवार में मेरी मॉम डैड के अलावा मेरी एक प्यारी सी छोटी बहन उम्र 22 साल की है.
उसका नाम प्रिया है. वह मुझसे एक साल छोटी है.

यह स्टोरी मेरी और प्रिया के बीच हुई कामुक घटना पर आधारित है.
बहन के साथ हुए सेक्स ने मेरी लाइफ बदल दी थी.

यह घटना उस समय की है, जब मेरी बहन की शादी हो चुकी थी.
मेरी बहन की शादी एक साल पहले हुई थी. शादी के बाद वह बहुत खुश थी मगर उसकी यह खुशी थोड़े दिनों तक ही रही.

मेरी बहन अपने पति से लड़ कर हमारे घर आ गई थी.
उन दोनों के बीच लड़ाई इतनी ज्यादा हो गई थी कि बहन ने ससुराल जाने से मना कर दिया था.

बाद में मुझे मालूम हुआ था कि जीजा जी उसे संतुष्ट नहीं कर पाते थे.

अभी मेरी बहन को हमारे घर में रहते हुए दो महीने हो गए हैं और वह काफ़ी दुखी रहती है.

प्रिया का फिगर काफी भरा हुआ है.
उसके बूब्स 34 इंच के हैं कमर 28 की और गांड 36 इंच की है.

मेरी बहन एकदम पेप्सी की 350 एमएल की बोतल सी लगती है.

मैं दिल की बात बता रहा हूँ कि मैं काफी पहले से ही अपनी मॉम और बहन को चोदना चाहता था.
मैंने कई बार अपनी बहन को नहाते और कपड़े बदलते देखा है; उसके नाम की अनेकों बार मुठ भी मारी है.

मैं अपनी बहन को चोदना चाहता हूँ लेकिन मुझे मॉम का डर रहता है कि कहीं वे गुस्सा ना हो जाएं.
प्रिया को मैं पिछले कई दिनों से रोज कामुक नजरों से देख रहा हूँ.

हमारा घर छोटा है.
एक ही कमरा होने से हम सब उसी में सोते हैं.
उसी में एक बाथरूम बना है.

मैं देर से सोकर उठता हूँ तो मेरी बहन और मॉम जल्दी ही बाथरूम में नहा कर बाहर आ जाती हैं.

मॉम एक पेटीकोट को अपने मम्मों पर चढ़ा कर गीली ही बाथरूम से बाहर आ जाती हैं और मैंने कई बार उनके गीले पेटीकोट से चूचों के आकार को देखा है.

उन्हीं की तरह मेरी बहन भी एक पतली सी तौलिया बांध कर अपनी चूचियों और गांड को दिखाती हुई बाथरूम से बाहर आ जाती है.

जब मेरी बहन नहा कर आती है तो मैं उसे रज़ाई से देखता हूँ.
उसकी चूचियां और चूत किसी अप्सरा की तरह लगती हैं.

जब वह मेरी तरफ पीठ किये हुई होती है तब मैं उसके थिरकते चूतड़ों के बीच का छेद देख कर रोज अपने लंड की मुठ मार लेता हूँ.
शायद उसने मेरी कामुक नजरों को ताड़ लिया था, तब भी वह कुछ नहीं कहती थी.

फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने एक योजना बनाई कि कैसे भी करके बहन को चोदना ही है.

मैं एक दिन अपनी बहन का मोबाइल देख रहा था.
मैंने उसमें देखा कि उसने अपनी बिकिनी वाले फोटो लिए हुए थे.
साथ ही उसने पॉर्न भी काफी सर्च किया था.

यह देख कर मुझे समझ आ गया कि बहन को भी लंड चाहिए है और उसे चुदवाना है.

मैंने यह देख कर प्ले स्टोर से ऐनीडेस्क नामक एप को उसके फोन में इंस्टाल कर दिया और उसके फोन को अपने मोबाइल से कनेक्ट कर लिया.

अब जब भी वह रात को मोबाइल देखती, मुझे खबर हो जाती.
मैं उसका स्क्रीन अपने फोन में चालू कर लेता.

उस दिन बहन रात को 12 बजे पॉर्न देखने लगी ओर मज़े लेने लगी.

तभी मैंने अपने एक नए नंबर से उसके व्हाट्सैप पर हाय का मैसेज भेज दिया.
उसने हाय देखा तो वह हैरान हो गई कि यह किसने मैसेज किया.

तभी मैंने उसे फिर से मैसेज किया और पूछा- कैसी है?
उसका रिप्लाइ आया- आप कौन?
मैंने कहा- तेरा दीवाना.

तो उसने पूछा- कौन हो?
मैंने कहा- पॉर्न देख रही हो न!
वह चौंक गई और बोली- नहीं.

मैंने कहा- पोर्नसाइट ओपन है और तुम सनी लियोनी पॉर्न स्टार के सेक्स वीडियो देख रही हो.
उसने तुरंत कहा- तुम कौन हो? जल्दी बताओ वरना मैं तुम्हें ब्लॉक कर रही हूँ.

मैंने तुरंत उसकी बिकिनी वाली फोटो उसको भेज दी और कहा- करो ब्लॉक, मैं तुम्हारे सारे राज खोल दूंगा.
वह डर गई और बोली- कौन हो … मेरी फोटो तुम्हारे पास कैसे आई … प्लीज़ डिलीट करो! मैं शादीशुदा हूँ.

मैंने कहा- तेरा मोबाइल हॅक हो गया है और तेरे फोन का सारा डाटा मेरा पास है रंडी … ले देख!
यह कह कर मैंने उसके सभी फोटो उसके मोबाइल में भेज दिए जो मैंने उसके मोबाइल से कॉपी कर लिए थे.

वह एकदम से डर गई और बोली- तुम क्या चाहते हो?
मैंने कहा- तुझे मेरा एक काम करना होगा.

वह घबराकर बोली- प्लीज़ फ़ोटो डिलीट कर दो, वरना मैं शिकायत करूंगी.

मैंने कहा- मेरी बात मान जाओ, वर्ना पछताओगी. अभी तू एक काम कर, खड़ी होकर बाथरूम में जा और अपनी चूत के फोटो और वीडियो मुझे सैंड कर!
वह बोली- नहीं.

मैंने कहा- अगर दस मिनट में नहीं तेरी चूत की वीडियो नहीं आई, तो सारे फोटो वायरल कर दूँगा.

वह बोली- प्लीज ऐसा मत करना!
उसने थोड़ी देर तक मुझसे चिरौरी की फिर बोली- ओके मैं करती हूँ, फिर तो डिलीट कर दोगे ना!

मैंने बोला- हां.
मैं बिस्तर पर सोता हूँ और उसी कमरे में मेरी मॉम व बहन जमीन पर गद्दा बिछा कर सोती हैं.

मैंने देखा कि बहन उठी और बाथरूम में जाने लगी.

मैं रज़ाई में था.
मुझे पता चल गया कि आज वह अपनी चूत का वीडियो बनाने गई है.

दस मिनट बाद वह मुझे अपनी चूत के फोटो व वीडियो सैंड करने लगी.
वह बोली- देख ली. बस अब डिलीट करो फोटो!

मैंने कहा- रंडी साली … ये कैसी वीडियो भेजी है … अपनी चूत में उंगली कर और पानी निकलता हुआ वीडियो भेज.
उसने अपनी चूत में उंगली की और पानी निकलता हुआ वीडियो सैंड किया.

अब वह बोली- बस अब डिलीट करो.

मैं सीधा उठा.
मेरा लंड खड़ा था और चड्डी में तंबू बना था.

मुझे पता था कि वह बाथरूम में थी.
मैं उठ कर सीधा बाथरूम की तरफ गया और दरवाजा खटखटा दिया.
वह डर गई.

मैंने कहा- क्या कर रही हो, जल्दी बाहर आओ मुझे जोर से सुसू लगी है.
वह बाहर आई तो मैंने अपने खड़े लंड को दिखा दिया.
उसने मेरे लौड़े को देख भी लिया.

मैं बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा.
फिर वापस आ गया और उसको मैसेज किया कि रंडी, तेरी चूत तो बड़ी जोरदार है … ज्यादा चुदी नहीं लगती है.

वह बोली- फ़ोटो डिलीट करो.
मैंने कहा- कर दूंगा, चिंता मत कर!

मैं सो गया.
अगली सुबह जब मैं उठा तो उसे देखा.

वह काफ़ी डरी हुई लग रही थी.
मैंने मैसेज किया- हैलो मेरी रंडी, कैसी हो?

वह बोली- क्या काम है … प्लीज़ पहले फ़ोटो डिलीट करो.
मैंने कहा- तू डरती क्यों है. तेरी नंगी फ़ोटो सिर्फ मैं ही देखूँगा. अभी बता कि तू नहा ली या नहीं?

वह बोली- अभी नहीं, बस जा रही हूँ.
मैंने कहा- नहा कर मैसेज कर मुझे, मैं फ़ोटो का सब देख लूँगा.

वह नहा कर आई और उसने मैसेज किया.
तब मैं रज़ाई में था.

वह बोली- कर दिए डिलीट?
मैंने कहा- मैं वीडियो कॉल कर रहा हूँ. मुझे अपने बूब्स और चूत लाइव दिखा.

वह बोली- ऐसा कभी नहीं होगा.
मैंने कहा- सौ परसेंट होगा. तू कहे तो वायरल करूं?

वह- नहीं, प्लीज.
मैंने रज़ाई में से वीडियो कॉल किया और अपना कैमरा अंगूठा से बंद कर लिया.

तब मैंने उससे कहा- फोन उठा.
उसने उठाया.
वह नंगी हो गई और उसने मुझे अपनी चूत व चूचे दिखाए.

बहन के दूध और चूत देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने उसको मैसेज किया कि अपनी चूत को खोल कर उसमें उंगली कर!
वह ऐसा करने लगी.

तब मैंने सोचा कि यही सही मौका है उसको इस हालत में देख लेता हूँ.
मैंने तुरंत रज़ाई हटाई और उठ कर उसे देखने लगा.

वह डर गई.
मैंने पूछा- क्या कर रही हो?

वह और डर गई और कहने लगी- कुछ नहीं.
मैंने कहा- क्या कुछ नहीं, भाई सो रहा है और तू नंगी होकर चूत में उंगली कर रही है?

वह डर गई और उसने सॉरी बोला.
मैं मुठ मारने चला गया.

रात हुई.
आज मॉम को मैंने लस्सी पिलाई और उसमें नींद की गोली दे दी.
मॉम सो गई.

अब मैंने बहन को मैसेज किया और कहा- रंडी क्या कर रही हो?
वह बोली- परेशान मत करो.

मैंने कहा- आज लास्ट टाइम नंगी होकर दिखा दे. फिर कभी मैसेज नहीं करूंगा.

तभी मैंने कॉल किया तो उसने कहा- अंधेरा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, डिम लाइट जला दे.

वह उठी तो मैं समझ गया.

मैंने कॉल किया.
वह चूत दिखाने लगी.

मैंने मैसेज किया- उंगली कर फास्ट फास्ट … बूब्स भी दिखा … पूरी नंगी हो जा.

उसने टी-शर्ट और चड्डी निकाल दी. उसने अन्दर ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी.

मेरा लंड खड़ा हो गया और तंबू बन गया था. मेरा 7 इंच का मोटा रॉड जैसा लंड अकड़ गया था.

मैंने सोच लिया कि आज लोहा गर्म है. मौका भी अच्छा है, बहन चोद देता हूँ.
मैं उठा और उसके सामने खड़ा हो गया.

वह डर गई और अपने बदन पर चादर डालने लगी.
मैं उसके पास बैठ गया और बोला- रंडी, चूत में बहुत खुजली है. नंगी होकर भाई को दिखा रही है. बाजू में मॉम भी लेटी है और तू अपनी चूत में उंगली कर रही है साली … तुझे बहन कहते हुए भी शर्म आ रही है!

वह रोने लगी और बोली- नहीं भाई सॉरी.
मैं बोला- कल भी यही कर रही थी और आज भी!

मैं खड़ा हुआ और मैंने अपना लंड चड्डी से बाहर निकाल कर उसको दिखाने लगा.
फिर उसकी चादर हटा कर बोला- रंडी ये ले लंड … चुदवा ले इससे!

वह रोने लगी.
मैं बोला- अब रो क्यों रही है!

मैंने लंड सीधा उसके मुँह में पेल दिया.
वह चुप थी.

मैंने उससे कहा- साली रंडी, चल मेरे बिस्तर पर लेट जा … आज तेरी गर्मी शांत कर देता हूँ.
मैंने बहन को बेड पर लेटा दिया.
मैं उसके बूब्स चूसने लगा और उसके होंठ चूमने लगा.

वह गर्म हो रही थी और कामुक आवाज़ निकालने लगी थी- आह हा आहह ऊहह . … चोद दे मुझे … अब और नहीं रहा जाता भाई.
मैं बोला- रंडी साली … आज तो ऐसे चोदूंगा कि तेरी चूत फाड़ डालूँगा!

मैंने तुरंत चुदाई की पोजीशन बनाई और अपना लंड उसकी चूत में रगड़ने लगा.
वह सिसकारियां भरने लगी- ओह हह … आहहा ऊहह उई डाल दे मादरचोद … अपना लंड पेल दे.

मैंने एक झटका मारा और लंड का टोपा बहन की चूत के अन्दर घुस गया.
वह मोटे लंड से एकदम से चिल्ला पड़ी- ऑह मरर गई … निकाल साले.

मैं लंड पेले पड़ा रहा.
बहन रोने लगी और बोली- तेरा बहुत बड़ा है.

मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे चूमता रहा.

थोड़ी देर बाद बहन शांत हो गई और उसकी कमर जुंबिश लेने लगी.
तब मैंने एक और जोर का झटका दे मारा.
इस बार मेरा पूरा 7 इंच का लंड चूत के अन्दर चला गया.

वह चीख पड़ी- आह मअर गई … ओह निकाल साले … निकाल बाहर.
बहन छटपटाने लगी.

मैं रुक गया और एक दो मिनट बाद वापस उसे चोदने लगा, झटके देने लगा.
वह ऑश ऑश करने लगी.

मुझे अपनी बहन की प्यासी चूत चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ ही देर की चुदाई में उसका दो बार पानी निकल गया था.

में काफी देर तक उसे चोदता रहा.
अब मेरा पानी निकलने वाला था.

‘ऑश रंडी ओह … जल्दी बता पानी किधर लेगी?’
बहन ने कहा- पूरा माल मेरी बच्चेदानी में डाल दे.

मैं बहन की चूत में रस छोड़ने लगा.
वह भी झड़ गई और निढाल हो गई.

कुछ देर बाद मैंने उसको एक बार और चोदा.

रात को वह बाथरूम जाने के लिए उठी तो उससे उठा नहीं जा रहा था.
किसी तरह से अपने कपड़े पहन कर वह सो गई.

मैंने एक बजे से उसे वापस चोदना शुरू किया और सुबह 5 बजे तक चोदा.
हम दोनों थक गए थे तो सो गए.

मैं जब सुबह उठा, तब देखा कि वह मॉम से बात कर रही थी.
मैं डर गया.

मैंने देखा कि बिस्तर की चादर भी वीर्य और खून से थोड़ी खराब हो गई थी.

मैं डर गया और अपने मन में बोला कि आज गया.
मैंने बहन को आवाज़ दी- प्रिया!

मॉम बोली- क्या है?
मैंने कहा- कुछ नहीं.

मॉम गुस्से में लग रही थी.
प्रिया थोड़ी देर बाद आई.

मैंने उससे कहा- क्या हुआ? मॉम से क्या बात बोल रही थी?
उसने बताया कि मैंने मॉम को बताया कि चूत में दर्द हो रहा है.

मैंने उससे कहा- चादर देख … इसमें तेरा और मेरा माल लगा है … और खून भी है. मॉम को पता चल जाएगा.
तभी मॉम आ गईं और बोलीं- क्या बात है?

मैंने कहा- कुछ नहीं.
वे बोलीं- कुछ नहीं तो उठ जा. बिस्तर ठीक करना है.

मैं डर के मारे उठ गया और नहाने चला गया.
मॉम ने चादर देख लिया और वे उसे निकाल कर बाथरूम के बाहर धोने रख आईं.

मैं जब बाहर आया, तो मॉम बोलीं- बहुत बिगड़ गया है साला … रोज चादर बिगाड़ देता है. आज तो हद हो गई, खून भी लगा है … करता क्या है ऐसा?
बहन से चला भी नहीं जा रहा था.

वह सो गई थी.
मैं बाहर गया और डर के मार सीधा रात को वापस आया.

मैंने बहन को देखा, वह मोबाइल देख रही थी.

मॉम सो रही थीं.
मैंने बहन को मैसेज किया- दर्द कैसा है मेरी रंडी प्रिया?

उसने बोला- साले, नीचे चूत में बहुत दर्द कर रहा है.
मैंने कहा- एक काम कर, बिस्तर पर आ जा. मैं क्रीम लगा देता हूँ!

वह बोली- नहीं, मुझे दे दे. मैं लग़ा लूँगी.

मैं बोला- साली रंडी ऊपर आ जा, वरना मैं नीचे आता हूँ.
आज मैं मॉम को नींद की गोली देना भूल गया.

वह ऊपर आई.
मैंने उससे कहा- नंगी हो जा जल्दी से!
वह बोली- तू ही कर दे.

मैं उसकी टी-शर्ट निकालने लगा.
वह बोली- क्या कर रहा है?
मैंने कहा- मालूम नहीं है क्या? तुझे चोदना है.

वह बोली- मेरी हालत खराब है, प्लीज़ आज रहने दो. आज मम्मी भी बिना दवा के लेटी हैं, आवाज होगी तो वे जाग जाएंगी.
मैंने कहा- साली रंडी बातें न चोद … चड्डी निकाल जल्दी वरना गांड फाड़ दूंगा.

वह हंसने लगी.
उसने चड्डी निकाल दी और मैं अपनी बहन के रसीले बूब्स चूसने लगा. उसे किस करने लगा.

वह मादक आवाज़ निकाल रही थी.
मैंने लंड निकाल कर उसकी चूत पर रखा तो महसूस कि उसको बुखार चढ़ा था.

मैंने एक बार सोचा कि नहीं करूं.
पर उसने गांड उठा दी तो मैंने झटका दे मारा.

उसने कराह निकाली- ओह मॉम मर गई … प्लीज बाहर निकाल दे हरामजादे … लंड निकाल … मैं मर जाऊंगी.

मैं अपनी ही धुन में लगा रहा और बहन को धकापेल चोदने लगा.
वह आवाज़ निकालने लगी- ओह मॉम ओह ओहोह मर गई प्लीज़ नहीं … ऑश.

चुदाई की ठप ठप की आवाजें आने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने सारा माल उसी की चूत में डाल दिया.

वह मदहोश सी हो गई थी.

तभी मॉम को खाँसी उठी.

मैंने तुरंत एक चादर बहन को उढ़ा दी.
मॉम ने देखा कि बहन ऊपर सोई है.

तो वे उससे बोलीं- ऊपर क्यों गई है?
वह बोली- ऐसे ही.

मॉम को संदेह हुआ और वे बोलीं- आवाज़ कैसी आई थी. मुझे ऐसा लगा कि यह गंदा लड़का रोज की तरह गंदी मूवी देख रहा था.
यह कहती हुई मॉम उठ कर बहन के पास आईं और उन्होंने लाइट जला दी.

वे चादर हटाने लगीं, तो बहन मुझसे चिपक गई.

मॉम ने देखा कि बहन पूरी नंगी है और मैं भी नंगा हूँ. मेरे लंड से पानी टपक रहा था.
वे हम दोनों को मारने लगीं.

फिर गुस्से में बोलीं- हराम के जनो … ये क्या कर रहे हो तुम दोनों?
मॉम ने मुझे खूब सुनाया और बहन को अपने पास लेकर सो गईं.

वे मुझसे बोलीं- सुबह तेरी खैर नहीं … कल सुबह बात करूंगी.
सुबह मॉम ने मुझे बहुत उल्टा सीधा कहा और बोलीं- अबकी दुबारा से ऐसा नहीं होना चाहिए हमारी इज्जत का क्या होगा?

मैंने सर झुका कर कहा- अब कभी भी नहीं होगा.
मैंने कसम खा ली और बहन को नहीं चोदा.

एक दिन मैंने देखा कि मॉम और बहन आपस में बात कर रही थीं.
मैंने बहन से इशारे से पूछा- क्या हुआ?

वह मॉम के सामने ही जोर से बोली- मेरे पीरियड्स नहीं आए.
मॉम बोलीं- अब बता कि इसका क्या होगा?

फिर मॉम मार्केट से प्रेग्नेन्सी किट लाईं और चैक किया तो समझ आ गया कि बहन के पेट में बच्चा है.
मेरी बहन मेरा से प्रेग्नेंट थी.

मॉम बोलीं- अब डॉक्टर के पास चल!
वे दोनों डॉक्टर के पास गईं.

डॉक्टर ने कहा- सब सामान्य है.
वे दोनों घर आ गईं.

मैंने देखा कि मॉम और बहन काफी खुश थीं.
मुझे बहन ने बताया कि मेरे पेट में तेरा बच्चा है और मैं अपने पति के पास रहने जा रही हूँ.

मैंने आश्चर्य से कहा- क्यों जीजा जी से दोस्ती हो गई है क्या?
बहन कुछ नहीं बोली.

तभी मैंने देखा कि उसके मोबाइल पर जीजा जी कॉल आ रहा था.
अगले दिन जीजा जी आए और बहन को ले गए.

अब घर में मैं और मॉम थे.
मम्मी ने बताया कि तेरे कारण यह सब हुआ.

मैं समझ नहीं पा रहा था कि मॉम यह सब बिना गुस्सा किये ऐसा क्यों कह रही हैं?
फिर मैंने बहन को फोन लगाया तो उसने भी कुछ नहीं कहा.

मुझे अब अपनी बहन को चोदने की बहुत इच्छा होती थी.
पर मैं उसके घर नहीं जा सकता था.

बहन मुझसे मैसेज पर बात करती, पर वह यह कुछ न बताती कि क्या हुआ … जीजा जी से उसने अपने गर्भवती होने की बात कैसे कही.

एक दिन मैंने मॉम से हिम्मत करके सब पूछा कि बहन की प्रेग्नेंसी का क्या हुआ.
मॉम बोलीं- अब उस बात को छोड़ … और देखना भी मत उसके सामने! वह अपनी जिंदगी सही से जी रही है.

बाद में जब मेरी बहन ने एक लड़के को जन्म दिया और बहन ने वापस मायके में आकर मुझे सब बताया.
तब मैं भौचक्का रह गया कि मॉम और मेरी बहन की मिली भगत से ही मेरे लौड़े से बहन ने चुदवा कर अपनी कोख हरी की थी.

हुआ यूं था कि मेरी बहन को मेरी हरकतों को देख कर सब मालूम था कि मैं उसे चोदना चाहता हूँ.
इस बात को लेकर उसने मॉम से बात की और उन दोनों ने मिल कर मुझे कुछ इस तरह से सैट किया कि मुझे मालूम ही नहीं चला कि मैं बहन को डरा धमका कर चोदने वाला हूँ.

मेरी बहन ने मुझसे खुद को चुदवा लिया और पेट से हो गई.
उसने मुझे बाद में बताया था कि जीजा जी नामर्द हैं और किसी गैर से बच्चा लेने में उसे खतरा था. इसलिए उसने मॉम के साथ मिल कर मेरे साथ बहन भाई खेल खेल कर संभोग किया और मुझसे बच्चा लेकर अपनी ससुराल चली गई.

अब मैं अपनी बहन को जब चाहे चोद लेता हूँ.
 

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मौसी की प्यासी चूत चुदाई का मजा





दोस्तो, मेरा नाम अभय है. मैं महाराष्ट्र के छोटे से गांव से हूं.

यह कहानी मेरी और मेरी मौसी की चुदाई की कहानी है.
मेरी दसवीं तक की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और उसके आगे की पढ़ाई के लिए मेरे गांव में स्कूल था ही नहीं. तो मेरी मम्मी ने मुझे अपनी मौसी के घर भेज दिया.

मौसी का घर हमारे गांव से 150 किमी दूर था.
यह एक छोटा सा शहर था. मुझे वहीं रहने भेज दिया गया.

मौसी का नाम कमला है.

मैं उनके बारे में कुछ बता दूं.
मौसी दिखने में गेहुंए रंग की हैं. उनका फिगर बाद ही जानलेवा है.
उनके 36 इंच के बूब्स और 32 इंच की कमर व 38 इंच की गांड है.

जैसे ही मैं मौसी के घर पहुंचा, मौसी ने मुझे गले से लगा लिया.
मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरा पहला मुकाबला मौसी के मम्मों से होगा.

उनकी चूचियां मेरे सीने में धंस गई थीं.
उनके मम्मों से सीना लगते ही मेरे लौड़े में करंट सा दौड़ गया, बॉडी में झनझनाहट होने लगी.

मैंने भी शर्म छोड़ कर उनको कसके पकड़ लिया.

मेरी इस हरकत का जवाब और भी मस्त मिला.
मौसी ने मेरे माथे पर चूम लिया.

लंड में हलचल मच गई और लौड़े ने मौसी के दरवाजे की कुंडी खटखटा दी.
मेरे लंड की धमक पाकर शायद मौसी को भी कुछ लगा और उन्होंने मुझे अपने सीने से अलग कर दिया.

उन्होंने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और मेरे हाल-चाल पूछने लगीं.

उसके बाद मौसी ने मेरा बैग उठाया और अपने एक हाथ से मुझे पकड़ घर में अन्दर बने एक कमरे में ले गईं.
कुछ देर बाद मौसी ने मेरे लिए चाय बनाई और मुझे चाय नाश्ता कराया.

मैंने मौसा जी के बारे में पूछा.
तो वे थोड़ी गुस्से वाली सूरत बना कर वितृष्णा से बोलीं- काम पर गया है फैक्ट्री में!
उनकी इस विषाद भरी भाषा ने मुझे काफी कुछ बता दिया था.

फिर मौसी ने मुझे मेरे रूम में सामान सैट करने के लिए कहा और मेरे लिए नहाने का पानी गर्म कर दिया.
उन्होंने मुझसे नहाने का बोलते हुए कहा- जल्दी से नहा ले … फिर खाना लगा देती हूँ.

मैं बाथरूम में चला गया और नहाने लगा.

नहाते समय भी मौसी की चूचियों के बारे में ही सोच रहा था.
उनकी बड़ी बड़ी चूचियों का अहसास याद आते ही लंड खड़ा हो गया.

आज पहली बार मेरे मन में मौसी के लिए ऐसा ख्याल आया था.


उसी कल्पना के चलते आज अपनी 42 साल की उम्र की मौसी को अपने शरीर से स्पर्श करके मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था.

मौसी की याद करते हुए ही मैंने लंड हिलाया और रस टपका कर नहाने लगा.
नहाने के बाद में याद आया कि मैं अपनी अंडरवियर और तौलिया निकाल कर रखी ही नहीं.

मैंने मौसी को आवाज लगाकर अंडरवियर और तौलिया देने को कहा.
कुछ ही देर में मौसी तौलिया और अंडरवियर लेकर आ गईं.

मैंने बाथरूम का दरवाजा खुला ही रखा.
मौसी सीधी अन्दर आईं और मुझे देख कर कुछ देर तक घूरती रहीं.

उनकी आंखें मेरे पूरे जिस्म पर घूम रही थीं.
मौसी की नजरें मेरे आधे खड़े लिंग पर टिक गई थीं.

मैंने ‘मौसी’ बोलकर उनका ध्यान हटाया तो वे बोलने लगीं- लाओ, मैं पौंछ देती हूं.

उन्होंने तौलिया से मेरे शरीर को पौंछना शुरू किया और मुझे अंडरवियर देती हुई बोलीं- काफी बड़े हो गए हो अभय!

मुझे ऐसा लगा कि उन्होंने कहा है कि तेरा काफी बड़ा हो गया है अभय!

शायद वे मेरे लौड़े को देख कर ही बोली थीं.
लंड भी उनकी नजरों को देख कर कुछ कुछ ऐंठने लगा था.

अब लौड़े में भेजा तो होता नहीं है; वह तो चूत देख कर हिनहिनाने लगता है.
लंड का यूं मुँह उठाना देख कर मौसी की आंखों में भी चमक आ गई थी.

जब तक मैंने कच्छा नहीं पहन लिया, तब तक वे मेरे लंड को देखती ही रहीं.

गजब बेशर्म निकलीं मौसी जी … लंड को तो उन्होंने कच्चा खा जाने वाली नजर से देखा था और शायद कुछ मन भी बना लिया था.

नहाने के बाद मैं बाहर निकलने को हुआ तो मौसी ने भी बाहर निकलते हुए कहा- जल्दी से खाना खाने आ जाओ.

फिर खाना खाकर मैं सो गया.

शाम को मौसा जी आए.
उनसे बात हुई और उनके साथ ही शाम का खाना खाकर आराम करने लगा।

मौसी मौसा अपने रूम में चले गए थे और मैं अपने कमरे की बजाये बाहर हॉल में सोफ़े पर लेट कर टीवी देखने लगा था.

मुझे मुठ मारने की आदत थी तो मौसा मौसी के कमरे में जाने के बाद मुझे उनकी दोपहर वाली नजर याद आई और सुबह उनकी चूचियों की नर्म टक्कर भी याद आई.

मैंने मौसी के कमरे की तरफ नजर मारी और अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा.
कुछ ही देर में सफेद माल निकल गया और मैंने उसे अपने रूमाल से पौंछ कर साफ किया और कमरे में जाकर सो गया.

दूसरे दिन मेरा दाखिला हो गया. मेरा जूनियर कॉलेज में जाना शुरू हुआ.
कुछ दिन यूं ही कटे.

एक बार रात को मुझे कुछ सुनाई दिया.
रात में माहौल शांत होने से छोटी सी आवाज भी साफ सुनाई दे रही थी.

मौसी की चूड़ियों की आवाज़ आई और बिस्तर के हिलने की भी आवाज आई.

मुझसे रहा न गया और मैंने मौसी के दरवाजे के चाभी वाले होल से झांका, तो नजारा देखा.
मौसा नंगे पड़े थे और मौसी अपने ब्लाउज के बटन लगा रही थीं.

वे कुछ बड़बड़ करती हुई बोल रही थीं.
मौसी जी के चेहरे से साफ लग रहा था कि मौसी चुदाई से संतुष्ट नहीं हुई थीं.

वे गाली दे रही थीं.
मैंने कान लगा कर सुनने की कोशिश की तो वे कह रही थीं- किस हिजड़े से पाला पड़ गया है मेरा … साले को लंड के नाम पर नुन्नू मिली है. मेरे तो करम ही फूट गए.
मौसा जी कुछ नहीं बोल रहे थे.

मौसी जी कपड़े पहन कर लेट गईं और सो गईं.

अब मैं रोज नजर रखने लगा.

उस दिन के ठीक 4 दिन बाद मौसा जी मौसी को चोदने की तैयारी कर रहे थे.

मुझे सब कुछ साफ दिख रहा था.
मौसा ने मौसी के ब्लाउज को खोला और बूब्स को चूसना शुरू कर दिया.

उसके बाद उन्होंने मौसी की साड़ी ऊपर की और अपनी लुंगी खोल कर मौसी के ऊपर चढ़ गए.
मौसी ने अपने पैर फैला कर रखे थे.

उसके आगे जो मैंने देखा तो समझ गया कि मौसा जी सच में नपुंसक ही हैं.
उस दिन मैं पूरी तरह से समझ गया था कि मौसी का दर्द क्या है. उनको एक मजबूत लंड की जरूरत है.

मौसा मौसी के ऊपर चढ़े और सिर्फ 4-6 झटके देकर वे मौसी के ऊपर से उतर गए.
इससे मौसी गुस्सा होकर अपनी साड़ी ब्लाउज पहनने लगीं.

वे गाली बक रही थीं- जब मादरचोद से कुछ होता ही नहीं है तो बहन के लंड को आग लगा कर छोड़ देने की क्या जरूरत है. अगली बार हरकत की ना साले … तो सड़क पर नंगी जाकर खड़ी हो जाऊंगी और किसी भी राहगीर से चुदवा लूँगी.

मौसा जी कुछ नहीं बोले.

इसके बाद मेरे दिमाग में मौसी को चोदने का ख्याल घर कर गया.
मौसी को सोच कर मैं मुठ मारने लगा.

मैं धीरे धीरे मौसी से बात करके उनके करीब जाने की कोशिश करने लगा.
उनकी तरफ से भी मेरे लिए हरी झंडी थी.

हम दोनों कुछ ही दिनों में एक दूसरे से खुल कर बात करने लगे.

फिर वह दिन भी आ गया.
उस दिन मैंने जानबूझ कर कॉलेज से छुट्टी मार ली और दोपहर का इंतजार करने लगा ताकि मौसी से बात कर सकूँ.

खाना खाकर मैं मौसी के बेडरूम में गया.
मौसी लेटी थीं.

वे मुझे देख उठीं और उन्होंने मुझे अपने करीब बुलाया.
मौसी का पल्लू थोड़ा गिरा हुआ था, जिससे उनका क्लीवेज दिख रहा था.

कुछ देर इधर उधर की बात करते हुए मैंने मौसी से पूछा- आपका कोई बॉयफ्रेंड है?

तो मौसी हंसने लगीं और बोलीं- धत्त बदमाश, मैं शादीशुदा हूँ.
मैंने पूछा- अच्छा अगर आप कुंवारी होतीं और बॉयफ्रेंड बनाना पसंद करतीं, तो कैसा लड़का पसंद करतीं?
मौसी हंस कर बोलीं- बिल्कुल तुम्हारे जैसा!

मैंने कहा- मौसी क्यों मजाक कर रही हो!
मौसी बोलीं- क्यों, क्या खराबी हैं तुम में? अच्छी खासी बॉडी है तुम्हारी, स्मार्ट दिखते हो … कौन लड़की ना बोलेगी तुमको!

मैं हंस दिया.
मौसी ने पूछा- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है ना?

मैं बोला- नहीं मौसी.
मौसी ने पूछा- तुमको कैसी लड़की पसंद है?

मैं बोला- बिल्कुल आपके जैसी!
मौसी बोलीं- धत्त पगला, मुझ बुढ़िया का मजाक उड़ा रहा है!

मैंने कहा- मौसी सच में आप मुझे बहुत पसंद हैं. आपको देख मुझे कुछ हो जाता है. आपका बदन बहुत ही कामुक लगता है!
मेरे मुँह से यह बात सुन कर मौसी की आंखों में कामुकता आ गई थी.

वे मेरे करीब को आईं और बोलीं- सच सच बता … क्या अच्छा लगता है मेरे बदन में?
मैं बोलने लगा- मौसी आपके बूब्स इतने हॉट लगते हैं कि जी करता कि बस इनको खा जाऊं … आपके होंठों को चूस कर आपके बदन को चाटने का मन करता है.

मौसी वासना भरे स्वर में बोलीं- अभय तू मुझे इतना पसंद करता है … मुझे पता ही नहीं था कि तू मुझे ऐसे प्यार करेगा!
तभी मौसी ने मुझे गले लगा लिया.

मैंने हां कहते हुए कहा कि मौसी आप एक इशारा तो करो … आपको जन्नत का नजारा दिखा दूंगा.

मौसी की आवाज उस समय और सेक्सी हो गई- आह अभय … वह सब करो, जो तुमने मेरे लिए सोचा है. मेरी तरफ से हां है.

यह सुनते ही मैंने मौसी को लेटा दिया और उनके होंठों से होंठ मिला कर किस करने लगा.
उनके चूचों को मसलने और काटने लगा.

मौसी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
आज उनकी दबी हुई काम वासना जागृत हो गई थी.
न जाने कब से मौसी की चूत में सही से किसी मर्द के लंड ने खेला ही न था.

मैं मौसी के गले पर किस करने लगा.
मौसी के मुँह से मादक सिसकारियां मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं.
मैंने देर न करते हुए मौसी का ब्लाउज खोल दिया.

मौसी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. ब्लाउज खोलते ही उनके 36 इंच के दूध आजाद हो गए.
मौसी के अंगूरी निप्पल एकदम कड़क हो गए थे.

मैंने दोनों मम्मों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और दबाते हुए भँभोड़ने लगा.
वे अपने दूध को चूसने का इशारा करने लगीं.

मैंने आंटी कामना को समझते हुए उनका एक निप्पल होंठों में भर लिया और खींचते हुए चूसने लगा.
मौसी मेरे बाल सहलाती हुई मेरे साथ चूचे चुसवाने का आनन्द ले रही थीं.

मैंने बारी बारी से मौसी के दोनों मम्मों को चूसा और उन्हें लाल कर दिया.

उनके बाद मैंने उनकी नाभि को चाटना शुरू किया.
मौसी उत्तेजना के मारे पागल होने लगी थीं.

मैंने उनकी साड़ी खोल दी और उनके पेटीकोट को हटा दिया.
अब वे सिर्फ एक पैंटी में मेरे सामने थीं. मैं भी नंगा हो गया.

मौसी मेरे खड़े लंड को देख कर मुस्कुरा रही थीं.
मैं उनको पैरों से किस करते हुए ऊपर उनकी जांघों तक आया और जांघों को चाटने लगा.

उसके बाद मैंने उनकी पैंटी उतार दी और उनकी चूत को सूंघने लगा, मौसी की चूत में जीभ डाल कर चाटने लगा.
इससे मौसी बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी थीं.
उनका जिस्म बहुत सिहर रहा था, मुँह से मादक सिसकारियां निकल कर उनके कामातुर बदन की गवाही दे रही थीं.

चूत का गीलापन मेरे लंड को ललकार रहा था.
मौसी बोलीं- अभय और मत तड़पा … जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे.

मैंने मौसी से कहा- मौसी, चूत में जाने से पहले आप अच्छे से अपने इस हथियार का दीदार तो करो!
मौसी बोलीं- हां अभय दिखाओ!

मौसी बैठ गईं और मैं उनके सामने खड़ा हो गया.
तब मौसी ने मेरे खड़े लंड को हाथ में लिया और बोलीं- अभय, तुम्हारा लंड बहुत लंबा और मोटा है. तुम्हारे मौसा का लंड इसके सामने कुछ है ही नहीं!

ऐसा बोल कर मौसी मेरे मर्दाना लंड को चूमने लगीं.
मैंने मौसी का सर पकड़ा और उनके बाल खोलते हुए उनके सर को लंड पर दबाने लगा.

मौसी लंड को चूसने लगीं. वे लंड के साथ मस्ती कर रही थीं.
मैंने मौसी को रोका और उन्हें प्यार से लेटा दिया.

मौसी ने अपनी टांगें खोल दीं और मुझे अपने चढ़ने का इशारा किया.
मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया.

मौसी ने खुद अपने हाथ से लंड को पकड़ कर उसके सुपारे को चूत के मुहाने पर रखा और बोलीं- चोद अभय … चोद दे मुझे … आह प्यास बुझा दे मेरी!
ऐसा कह कर मौसी ने मुझे अपने ऊपर खींचा.

मैंने एक ही झटके में अपने लंड को मौसी की चूत में घुसा दिया.
मौसी के मुँह से आह की सीत्कार निकली- आह अभय … मर गई मैं … आह स्लो!

मैं उनकी बात को अनसुना करते हुए जोर जोर से झटके देने लगा.

मौसी मादक सिसकारियां लेती हुई मेरा नाम पुकार रही थीं- ओह अभय … चोद मुझे अभय … आह फाड़ दे मेरी चूत आह मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दे.

मैं भी बिना रूके मौसी को धकापेल चोद रहा था.
कुछ देर बाद मैं, मौसी के पैर अपने कंधों पर लेकर उन्हें चोदने लगा.

कुछ 15 मिनट बाद मौसी झड़ गईं लेकिन मेरा लंड अभी नहीं झड़ा था.

मैंने उनको घोड़ी बनाने को कहा, वे तुरंत पलट कर घोड़ी बन गईं.

मैंने सुपारा उनकी गांड के छेद पर रखा और झटका दे दिया.
मौसी की चीख निकल गई- अह्ह्ह अभय … मर गई … अह्ह्ह्ह धीरे ह्ह्ह्ह.

मैंने उनकी गांड मारी और उनको सीधा लेटा कर उनकी चूत चोदने लगा.
मौसी बोलीं- बेटा, माल अन्दर मत निकालना.

जब रस निकलने वाला था तो मैंने मौसी के पेट के ऊपर टपका दिया.
मौसी के पसीने से भीगे चेहरे पर संतोष दिख रहा था.

फिर मौसी ने मुझे गले लगाया और बोलीं- अभय तूने मेरी बरसों की प्यास बुझा दी.
उसके बाद हम दोनों ने एक बार और चुदाई की.

अब मैं मौसी को हर दूसरे दिन चोद लेता हूं.
शायद मौसी ने मौसा जी को भी बता दिया था कि अभय से उनकी चुदाई होने लगी है.

अब मुझे मौसा जी की झांट परवाह नहीं होती है.
मैं जब भी मन करता मौसी को रात में अपने कमरे में आने की कह देता हूँ और मौसी जी हँसती हुई मेरे लौड़े से चुदवाने आ जाती हैं.
 

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भैया का मोटा लंड चूसकर गांड मरवाई



दोस्तो, मेरा नाम रवि है.
मैं दिल्ली से हूँ.

मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच की है और मैं पतला व गोरा हूँ.

मुझे अपने गे होने का पता जब ही चल गया था जब मैं किशोर उम्र का था.

मेरी बॉटम गे गांड कहानी मेरी बुआ के लड़के के साथ की है.
वह 20 साल का है.
उसकी हाइट 5 फुट 10 इंच है और लंड 7 इंच का है.

जो पाठक मेरी तरह से गे होंगे तो वे समझ सकते हैं कि एक समलैंगिक होने पर क्या क्या देखना और करना अच्छा लगता है.
मुझे लंड देखने का बहुत शौक है.

मैं राह चलते उन आदमियों के लंड देखने की कोशिश जरूर करता था जो सड़क के किनारे अपने लंड को निकाल कर मूतने लगते थे.
उस वक्त अक्सर मैं उनके बिल्कुल बाजू में खड़ा होकर अपनी नुन्नू निकाल कर मूतने की कोशिश करने लगता था.

एक दिन की बात है.
उस दिन मेरी छुट्टी थी और मेरे परिवार वाले कहीं बाहर जाने वाले थे.
घर पर मेरे साथ मेरे भैया रहने वाले थे.

जब मेरा परिवार बाहर चला गया तो मैं और मेरे भैया घर में बिल्कुल अकेले थे.

मेरा कुछ गलत करने का इरादा तो नहीं था लेकिन अन्दर ही अन्दर एक चुल्ल थी कि किसी तरह से भईया का लंड देखा जाए और मौका मिल जाएगा तो मैं उनका लंड चूस भी लूँगा और उनसे गांड मरवा भी लूँगा.

मैंने भैया को देखा तो सब ठीक था.
वे अपने लॅपटॉप पर कुछ कर रहे थे.
शायद पॉर्न देख रहे थे.

मैं भी मोबाइल में एक गे स्टोरी पढ़ कर अपने अन्दर हवस की एक नई लहर पैदा कर रहा था.

मैंने देखा कि भैया के शॉर्ट्स के अन्दर एक उभार बन गया है और वह उभार कुछ अजीब सा था.

उनके उभार से मुझे पता चला कि भैया ने अंडरवियर नहीं पहना है.
यह देखने के बाद मेरे दिमाग़ में कुछ ज्यादा ही खलबली होने लगी.

मैंने सोचा कि जब भैया भी मूड में दिख रहे हैं तो आज तो पक्के में इनका लंड लेकर रहूँगा.

अभी तक मैंने उनका लंड नहीं देखा था लेकिन उन्हें भी अपनी तरफ़ खींचने के लिए मुझे कुछ करना होगा.

मैं उनके सामने अपनी गांड दिखा दिखाता हुआ झुक रहा था.
एक बार तो उनके बाजू से पेन लेने के बहाने से मैंने उनके लंड को हल्का सा टच भी कर लिया था.

अब वे भी बहुत गर्म से हो रहे थे और मैंने देख लिया था कि वे पॉर्न ही देख रहे थे.

फिर मैं उनके सामने एक और बार झुका और इस बार मैंने अपनी पैंट थोड़ी नीचे करके झुका था ताकि उन्हें मेरी गोरी गांड दिख जाए.

यही हुआ … उन्होंने मेरी गोरी मखमली गांड को देख लिया.

उनसे अब रहा नहीं गया और उन्होंने मेरी गांड पर हल्का सा एक थप्पड़ मारते हुए कहा- ठीक से रख पेन को.

मैंने आनंदित भाव से कहा- जी भैया ठीक है … आप भी अपने पेन (लंड) को ठीक से रखो न!

वह शायद समझ गए कि मैं किस पेन की बात कर रहा हूँ.
उन्होंने एक कंटीली सी मुस्कान बिखेर दी.

अब वे मेरी गांड पर हाथ फेरने लगे.
जैसे ही उन्होंने मेरी गांड पर हाथ फेरा तो मुझे मजा आने लगा और मैं जानबूझ कर अपनी गांड उनकी तरफ किये खड़ा रहा.

वे मुझसे कहने लगे- अब तो तू बड़ा हो गया है.
मैंने कहा- हां भैया, आप चाहें तो चैक कर सकते हैं.
वे हंसने लगे और बोले- हां कभी चैक करके देख भी लूँगा.

मैं कुछ नहीं बोला.

अभी हमारे बीच इतना ज्यादा खुलापन नहीं हुआ था कि मैं भैया से अपने आपको चैक करने के लिए उनसे कुछ खुल कर कह सकता था.

कुछ ही देर बाद वह वॉशरूम की तरफ चले गए.
वे मेरी गांड को थपथपा कर गए थे तो मुझे उनका यह करना एक इशारा सा लगा.

हालांकि अभी यह तय नहीं था कि उन्होंने मुझे अपने साथ आने का कहा था.

वैसे भी हम दोनों घर में अकेले ही थे.
उन्हें यदि कुछ करना होता तो वे कमरे में भी मेरे साथ कुछ कर सकते थे.

खैर … मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया.
मुझे अब उनके लंड को देखने की चाहत बढ़ गई थी.

मैं उनकी नजर बचा कर गया था जिससे उन्हें पता नहीं चल सका था कि मैं उनके पीछे पीछे आया हूँ.

वे वॉशरूम में गए और बिना दरवाजे की तरफ ध्यान दिए अपना लंड निकाल कर मूतने लगे.
उन्होंने दरवाजा उड़का दिया था तो वे समझ रहे थे कि उन्हें कोई नहीं देख रहा है.

मैं दरवाजे की झिरी से उनके बड़े से लंड से मूत की धार निकलते देख रहा था.
उनका लंड देख कर मेरी गांड में चुनचुनी होने लगी थी.

तभी उनके लंड से मूत की धार निकलना बंद हो गई.
मैं समझ गया कि अब वे बाहर निकलने वाले हैं.

मैंने एकदम से गेट के बाहर घुटने के बाल होकर कुछ ढूँढने की एक्टिंग करने लगा था.

हालांकि उनको अभी भी नहीं पता चल सका था कि मैं गेट के बाहर हूँ.
भैया ने मूतने के बाद जैसे ही गेट खोला और बाहर निकलने के लिए पीछे को घूमे.

उन्हें लगा था कि बाहर कोई नहीं होगा.
इसलिए भैया ने अपना लंड पैंट से बाहर ही निकाल रखा था.

ऐसा उन्होंने क्यों किया था यह तो नहीं समझ सका था.
लेकिन शायद उनका लंड पॉर्न देखने के कारण अकड़ा हुआ था तो वे उसे खुली हवा में ही रखना चाह रहे थे.

जैसे ही गेट खुलने की आवाज़ आई, मैंने सिर ऊपर किया और वह मुझसे टकरा गए.

मुझे उनके कड़क लंड से एक ज़ोर का चांटा पड़ा.
उनके लंड की फटकार पड़ने से उसमें से मूत की कुछ बूंदें मेरे ऊपर भी आ गिरीं,

उनके लंड का चांटा इतना सेक्सी था कि क्या ही कहूँ. मजा आ गया.

उनका लंड एकदम तनतनाया हुआ था और अपनी औकात में आकर सवा सात इंच के करीब का हो गया था.
उस वक्त सीन कुछ यूं था कि भैया का लंड मेरी नाक और होंठों के बीच में था.

मैंने तुरंत अपना मुँह खोला और उसे अपने मुँह में ले लिया.
यह सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ कि भैया को कुछ समझ में ही नहीं आया.

वे अपने लंड के मेरे मुँह में जाने से एकदम से चिल्ला पड़े- ये क्या कर रहा है अहह … आह!
मैंने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया और लंड के सुपारे को चूसने लगा.

काफी बड़ा सुपारा था, मेरे मुँह में मुश्किल से गया था.
दूसरी तरफ उनकी काम वासना से युक्त सिसकारियां निकलने लगीं.

आप खुद ही सोचिए कि आप गे ब्लू फिल्म देख कर उठे हों और आपका लंड मेरे जैसे किसी चिकने लौंडे के मुँह में चला जाए तो आपको कैसा लगेगा.

यही हाल भैया का था, उन्हें अपने लंड को चुसवाने में बहुत अच्छा लग रहा था.

वे मेरा सर सहलाने लगे और मैं मज़े से उनका लंड चूसता रहा. उनके आंड भी मेरे हाथ से प्यार पाने लगे.
अब वह मेरे मुँह को मस्ती से चोदने लगे थे.

कुछ ही देर में उनको दुबारा से पेशाब आ रही थी.
उन्होंने कहा- मुझे पेशाब आ रही है; लंड मुँह से बाहर निकाल!

मैंने इशारे से कहा- मेरे मुँह के अन्दर ही कर दो.
उन्होंने मेरे मुँह में लंड को अन्दर बाहर करते हुए ही मेरे मुँह के अन्दर ही मूत छोड़ना शुरू कर दिया.

मैं सारा मूत्र मज़े से पी गया.

उनका लंड मूत के प्रेशर से हल्का हो गया और वे बहुत वाइल्ड हो गए थे.

भैया अभी तक अपने लंड का बस 5 इंच तक का हिसा मेरे मुँह में डाल रहे थे.
पर अब वे पूरा 7 इंच लंड अन्दर डालना चाहते थे.

मैंने अपना हलक खोल दिया और उनके लंड को अन्दर आने की रास्ता दे दिया तो भैया ने अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
मैं चिल्ला भी नहीं पाया और उनका पूरा लंड मेरे गले तक घुस गया था.

मेरी सांसें रुक गई थीं.

एक दो पल बाद उन्होंने मेरे मुँह से अपना लंड बाहर निकाला और मुझको कुतिया बनने के लिए कहा.

मैं कुतिया बन गया.
भैया ने मेरा पैंट नीचे खींचा और बहुत सारा थूक मेरी गांड पर लगा दिया.

मैं उनके हाथ के स्पर्श से मस्त होने लगा.
तब तक उन्होंने अपने लंड पर भी थूक चुपड़ लिया.

अब उन्होंने बड़े प्यार से अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रखा और अन्दर पेलने की कोशिश करने लगे.

भैया के मोटे लंड के लिए मेरी गांड एकदम कोरी थी.
अभी तक मैंने सिर्फ मोमबत्ती से ही अपनी गांड ढीली की थी.

भैया लंड पेलने लगे.
काफी कोशिशों के बाद उन्होंने अपना सुपारा मेरी गांड के अन्दर डाल दिया.

मेरी गांड में लंड का सुपारा घुसा तो मेरी चीख निकल गई.
वे थोड़ी देर रुक गए लेकिन शायद उन पर हवस भारी थी.

उन्होंने एक तौलिया लिया और मेरे गले से लगाते हुए कुछ इस तरह से पकड़ लिया जैसे घोड़ी को लगाम से पकड़ते हैं.
उसके बाद उन्होंने एक बहुत ज़ोर का झटका मारा, जिससे आधा लंड अन्दर चला गया.

दर्द के मारे मेरी चीख निकल गई.
लेकिन इस बार वे नहीं रुके और लगातार चोदते रहे.

वे उस तौलिया से मुझे अपनी तरफ खींचते तो उनका लंड मेरी गे गांड में और अन्दर चला जाता.
इस तरह से मुझे घोड़ी बनाकर भैया ने बहुत देर तक चोदा.

मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो वे मेरी सवारी कर रहे हैं.

करीब 20 मिनट तक सवारी करने के बाद भैया वे मेरे ही अन्दर मेरी गांड में झड़ गए.
फिर अपना लंड निकाल कर वहीं लेट गए.

इतनी देर चुदवाने बाद भी मुझे चैन नहीं मिला था.
मुझे अभी और चुदवाना था.

शायद वे थकान के मारे सो गए थे.

मैंने उनका लंड फिर से हिला कर और चूस कर खड़ा किया.
जैसे ही लंड खड़ा हुआ, मैं उसके ऊपर अपनी गांड टिका कर बैठ गया और खुद ही ऊपर नीचे करके झूला झूलने लगा.

मैं खुद ही अपनी गांड मरवाने लगा.

भैया की कुछ मिनट बाद आंख खुली और वह सीन देख कर बहुत खुश हुए कि मैं उनके लंड की सवारी कर रहा हूँ.

उन्होंने हंस कर बोला- ये हुई ना बॉटम गे जैसी बात मेरी रंडी!
उन्होंने मुझे पूरा दिन खूब चोदा.

अगले दिन मेरे से हिला भी नहीं जा रहा था.

अब जब भी मैं उनके घर जाता हूँ तो उनसे जरूर चुदवाता हूँ.
वे मुझे अपने दोस्तों से भी चुदवाते हैं.

अब उनका लंड और बड़ा हो गया है.
वे सिर्फ़ मुझे ही अपना लंड चूसने देते हैं क्योंकि और कोई इसे सही से नहीं ले सकता है.
 

junglecouple1984

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रज़ाई में नंगी मॉम की चुदाई




मेरा नाम अनीश है. मैं 19 साल का हूँ.
मेरी हाइट 5 फुट 8 उंच है. मैं दिखने में काफी अच्छा हूँ, एकदम गोरा-चिट्टा.

मैं अपनी सच्ची घटना आपको बताने जा रहा हूँ जो मेरे और मेरी सौतेली माँ के बीच घटित हुई.
आशा करता हूँ कि मेरी पोर्न मॅाम स्टेप सन सेक्स कहानी आपको वासना से भर देगी.

अब मैं अपनी स्टेप मॉम के बारे में बता देता हूँ.
मेरी मॉम बहुत ही सुंदर हैं. वे 40 साल की होंगी लेकिन उतनी उम्र की वे लगती ही नहीं हैं.

उनकी हाइट साढ़े पाँच फिट है. वे मोटी नहीं हैं लेकिन उनकी गांड बहुत फैली हुई है.

वह 31 दिसंबर का दिन था.
सब लोग न्यू ईयर की तैयारी कर रहे थे.

मेरे परिवार में मेरी दो बहनें हैं जिनमें से एक की शादी हो गयी और दूसरी कॉलेज में पढ़ती है.

मेरे डैडी, मैं और मेरी मॉम घर पर ही रहते हैं.
उस दिन मॉम घर का काम कर रही थीं.

डैडी दोस्त के साथ पार्टी के लिए गए थे.
वे जाते समय बोल कर गए थे कि अगले दिन आएंगे.

मेरी दीदी भी पार्टी के लिए अपनी सहेलियों के साथ गयी हुई थीं.
वे भी अगले दिन आने की कह गई थीं.

हमारे घर में काफी बिंदास माहौल है.
मॉम डैड दोनों की ड्रिंक और स्मोकिंग करने की आदत है.

हम सब एक बड़े कारपोरेट घराने से जुड़े हुए हैं तो उधर यह सब सामान्य सी बात है.

तो उस रात मैं और मेरी मॉम घर पर अकेले थे.

मॉम अपने लिए व्हिस्की का पैग बना कर चुस्की लेने लगीं और घर का काम करने लगीं.

आज हमारे घर का कोई स्टाफ भी नहीं आया था तो मॉम खुद ही डिनर रेडी कर रही थीं.

मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने चला गया.
उधर मैंने भी स्मोकिंग की और दो बियर पीकर कुछ देर तक गपशप करता रहा.

मैं देर शाम को मैं घर लौटा.

जब मैं घर आया और मैंने गेट खटखटाया तो मॉम ने गेट खोला.
मैंने मॉम को देखा और बोला- मॉम, आज तो आप बहुत सुंदर लग रही हो!

मॉम ने वाइट सूट सलवार पहना था.

फिर मैंने मॉम की तारीफ की तो मॉम हंसने लगीं.

मैंने मॉम से कहा- मॉम कॉफी बनाओ ना!
मॉम हल्के नशे में बोलीं- ओके.

थोड़ी देर बाद किचन से आह की आवाज़ आई.
मुझे लगा कि पता नहीं क्या हुआ!

मैंने जाकर देखा तो मॉम के हाथ में प्लेट थी और नीचे कप गिरा हुआ था.

मॉम के सूट पर कॉफी गिर गई थी.
मैंने पूछा- अरे यह कैसे गिर गई मॉम!

तो मॉम ने कहा- कप ज्यादा भर गया था और लेकर आने में यह हिल गया.
वे शायद ड्रिंक ज्यादा कर लेने की वजह से अपना संतुलन खो बैठी थीं.

मैं उन्हें संभालने लगा कि कहीं मॉम को गर्म कॉफी से कुछ हो न गया हो.

मॉम ने कहा- ये एकदम नया सूट है, तेरे डैडी ने प्यार से दिया था. अब देखेंगे तो बहुत गुस्सा करेंगे.
मैंने कहा- मॉम आप इसे पानी में डाल दो ताकि दाग जम न जाएं.

मॉम ने कहा- अरे बेटा, अभी और कोई कपड़े हैं ही नहीं. आज ही मैंने सारे कपड़े धुलने डाल दिए थे और सारे के सारे सर्दी के कारण गीले पड़े हुए हैं. कुछ ढंग का बचा ही नहीं है पहनने को!

मैंने कहा- तो दाग जम जाएगा, फिर निकलेगा नहीं!

मॉम ने बाथरूम में जाकर सलवार सूट खोल कर पानी में डाल दिया और मेरा नाम लेते हुए आवाज़ लगाई- बेटा टॉवल लेकर तो आना, मैं लाना ही भूल गई.

मैं बाथरूम में गया तो मॉम को देख कर हैरान हो गया.
मॉम बस ब्रा पैंटी में थीं.
उनके बड़े बड़े एकदम सफेद बूब्स ब्रा में से निकलने को बेताब दिख रहे थे और उनकी बड़ी फैली सी गोरी गांड पैंटी में समा ही नहीं रही थी.

मेरे मन में फालतू बातें आने लगीं.

अब मेरे से रहा नहीं गया.
यह सब देख कर मैंने मॉम को तौलिया पकड़ा दी और हॉल में आ गया.

कुछ देर बाद खाना खाकर मैं अपने कमरे में चला गया और रज़ाई में घुस कर पॉर्न वीडियो देख कर मुठ मारने लगा.

अचानक से मेरी रज़ाई को किसी ने खींचा.
मैं डर गया.

मैंने देखा तो मॉम थीं.

मुझे पता नहीं चला था क्योंकि मैंने कानों में इयरफोन्स लगाए हुए थे.

मॉम ने मुझे मुठ मारते हुए पकड़ लिया.
मुझे बुरा लगने लगा और मैं डर भी रहा था.

मॉम मेरी तरफ गुस्से से देख रही थीं.
मैं सकपका गया था.

मॉम ने नशे में झूमते हुए कहा- मेरे रूम की चादर सूखी नहीं है और मैंने कपड़े भी नहीं पहने हैं तो खुजली सी होने लगी है.

मेरी मॉम अभी भी ब्रा पैंटी में थीं, बस उन्होंने तौलिया लपेटी हुई थी.

मॉम बोलीं- जरा उधर को सरक … मैं तेरे साथ सो रही हूँ.
मैं सरक गया और मॉम मेरे बगल में लेट गईं.

मुझे एक अनजाना सा डर लग रहा था.
और अब साली नींद भी नहीं आ रही थी.

करीब आधे घण्टे के बाद मॉम सो गईं.

मैं अपने लंड की मुठ भी पूरी नहीं कर पाया था तो मेरा लंड अभी तक कड़क था और दर्द भी दे रहा था.

रज़ाई के अन्दर फोन चालू करके मैं वीडियो देख कर हथियार हिलाने लगा.

मेरे फोन की लाइट से मुझे मॉम की पीठ नज़र आई.
एकदम गोरी व सॉफ्ट.

मॉम बस पैंटी ब्रा में थीं.
उनकी तौलिया हट गई थी.

मैंने फोन थोड़ा नीचे को किया तो मॉम की पैंटी नेट वाली थी.
गांड थोड़ी उठी हुई थी तो उनकी गांड का छेद दिख रहा था.

थोड़ी थोड़ी भूरे रंग की गांड बड़ी प्यारी लग रही थी.

अब मेरा दिमाग़ घूमने लगा और मॉम के लिए गंदे गंदे विचार आने लगे.

फिर मैंने मॉम हल्के से आवाज़ लगाई.
उनको कोई फर्क नहीं हुआ तो मैंने उन्हें हिलाया भी.
पर मॉम नहीं उठीं.

फिर मैंने धीरे धीरे मॉम की पैंटी को नीचे कर दिया और अपना 7 इंच लंबा 3 इंच मोटा लंड मॉम की गांड में सटा दिया.

कुछ देर बाद मैं सुपारा मॉम की गांड के छेद पर रगड़ने लगा.
बड़ा मजा आने लगा था.

अब मैंने अपना लंड थोड़ा और नीचे एडजस्ट करके मॉम की चूत पर लंड रगड़ने लगा.

उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
शायद मॉम ने शेव करी होगी.

अब मुझे अपने लंड पर थोड़ा गीला गीला सा लगा.

मुझे महसूस हुआ कि मॉम की चूत का पानी आ रहा है.

यह एक गजब का अहसास था.
शायद मॉम जाग रही थीं या यह चूत का स्वाभाविक रूप होता है कि लंड का स्पर्श पाते ही वह गीली होने लगती है.
यह मेरे लिए सर्वथा नई बात थी.

मैंने कुछ देर सोचा और वासना ने लंड रगड़ने के लिए मुझे मजबूर कर दिया.
मैंने लंड रगड़ता हुआ बढ़ गया और चूत के छेद पर लंड रख कर धीरे धीरे अन्दर करने लगा.

मॉम की चूत चिकनी हुई पड़ी थी और चुदी हुई चूत थी तो मेरा लंड आसानी से करीबन एक इंच अन्दर चला गया.

अब मॉम थोड़ी हिलीं और गांड मेरे लंड की तरफ करके आगे पीछे करने लगीं.
मुझे लंड पर थोड़ी रगड़ महसूस हुई.

जब मैंने फोन की लाइट से नीचे देखा तो हैरान हो गया.

मेरा आधा से ज्यादा लंड मॉम की चूत में घुसा हुआ था.
मैं डर गया कि मॉम कहीं उठ तो नहीं गयी हैं.

मैं कुछ देर तक वैसा ही पड़ा रहा.
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मॉम सो गयी हैं, तो मैं फिर से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

क्या बताऊं इतना अच्छा लग रहा था … इतना मज़ा आ रहा था कि बस कुछ पूछो ही मत!
एकदम चिप चिप नर्म गर्म छेद में मेरे लंड की मालिश सी हो रही थी.

सच बोलूँ दोस्तो, तो चुदाई में बहुत ज्यादा मज़ा आता है. मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतना मज़ा आता होगा.

मेरा जोश धीरे धीरे बढ़ता गया.
अब मैं अपना लंड पूरा का पूरा अन्दर बाहर करने लगा.

काफी देर तक लगातार झटके देने के बाद मेरे लंड को मॉम ने अपने हाथ से पकड़ लिया.

मैं बहुत ज्यादा डर गया, मेरी हार्ट बीट बढ़ गयी … दिल एकदम से धक धक हो रहा था.
मैंने जल्दी से लंड बाहर निकाला और पैंट ऊपर करके चुपचाप सोने का नाटक करने लगा.

मॉम उठ कर बैठ गईं, उन्होंने मेरी टी-शर्ट पकड़ कर उठाया.
मैं उठ कर बैठ गया और डर के मारे रोने लगा.

मॉम ने कहा- कमीने, तू इतना गिरा हुआ है कि तूने अपनी मॉम के साथ ऐसा किया … क्या मैंने तुझे यही सब सिखाया था … क्या यही पढ़ाई करता है शर्म कर कैसा बेटा है तू? मर जा जाकर कहीं, आज के बाद मॉम मत बोलना मुझे!
मैं रोने लगा और बोला- मॉम प्लीज़ ग़लती हो गयी. आगे से कभी नहीं होगी. मॉम सॉरी.

मैंने मॉम को बहुत देर तक मनाया.
फिर मॉम शांत हो गईं और बोलीं- बेटा तू ये सब करता है? जब मैं तेरे रूम में आई, तब भी तू मुठ मार रहा था.

मॉम के मुँह से मुठ मार रहा था सुन कर मैं थोड़ा चौंक गया कि मॉम ऐसा कैसे बोल रही हैं.
फिर मैंने डरते हुए कहा- मॉम मैं वह कर रहा था. आप बीच में आ गईं. मैं पूरा नहीं कर पाया और मेरा वह दर्द करने लगा था. फिर जब आप सो गईं तो मैं फिर से करने लगा. फिर जब आपको देखा तो गंदे विचार आने लगे. बस फिर यह सब हो गया!

तो मॉम ने कहा- तो क्या तू अपनी मॉम को ही चोदेगा. तुझे पता भी है तूने कितना बड़ा पाप किया है. ये सब करके क्या मिलेगा तुझे?
मैंने मॉम को सॉरी बोला.

लेकिन उनके मुँह से चोदा आदि शब्द सुनकर मुझे लगा कि मॉम भी कुछ मूड में हैं.

मैंने मॉम को जरा सा चैक किया और पूछा- मॉम आप यह मुठ मारना, चोदेगा जैसे शब्द क्यों बोल रही हैं?
वे कहने लगीं- साले अब ज्ञान भी चोद रहा है … मेरी चूत की चुदाई तो तूने की ही है न … तो क्या कहूँ कि तूने मेरी मालिश की?

मैं चुप रहा और मॉम की तरफ देखने लगा.
अब तक शायद मॉम भी जोश में आ गयी थीं.
मुझे भी लगने लगा था कि कुछ तो होने वाला है.

तभी मॉम ने नशीली आंखों से मेरी तरफ देखते हुए कहा- साले तुझे बहुत जोश चढ़ गया है न … चल आज मैं तेरी सारी गर्मी उतार देती हूँ.
यह कह कर मॉम ने मेरी पैंट नीचे खिसका दी और लंड को ज़ोर से पकड़ लिया.

मैं जब तक कुछ समझ पाता, तब तक उन्होंने लंड को कसके पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगीं.

मेरा लंड खड़ा हो गया.

अब मॉम पूरे जोश में आ गयी थीं. मॉम मेरे पैरों के बीच में आ गईं और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
क्या बताऊं दोस्तो, इतना मजा आ रहा था कि बस समझो लंड की तो लॉटरी निकल आई थी.

करीब 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद मॉम ने मेरे पैर पकड़ कर नीचे खींचा और अपनी पैंटी ब्रा निकाल कर लंड के ऊपर बैठ गईं.
उन्होंने पूरा लंड एक बार में ही अपनी चूत में ले लिया और ऊपर से रज़ाई ओढ़ ली.

वे पूरे जोश में ऊपर नीचे होने लगीं.
थोड़ी देर में पूरे रूम में फॅक फॅक की आवाज़ गूंजने लगी.

मेरी पोर्न मॉम चिल्ला रही थीं- अयाह अयाह … चोद मादरचोद … और ज़ोर से पेल फाड़ दे अपनी मॉम की चूत … तेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है. तेरे बाप का भी इतना बड़ा नहीं है अयाह अयाह आज पहली बार इतना बड़ा लंड ले रही हूँ … पूरा का पूरा आह मजा आ गया.
वे इसी तरह से कुछ कुछ बोलती जा रही थीं और मुझे चोद रही थीं.

मुझे तो बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया.
मेरा लंड सिकुड़ कर छोटा हो गया.

मॉम लंड से उतर आईं.
वे भी झड़ गयी थीं.

हालांकि मॉम अभी भी शांत नहीं हुई थीं.

मॉम लंड से उठ कर किचन में नंगी ही गईं और उधर से दारू की बोतल से घूंट भर्ती हुई आ गईं.

अब वे मेरे मुँह पर आकर बैठ गईं और बोलीं- अपनी मॉम की चूत का स्वाद चख मादरचोद!

जब मैंने मॉम की चूत देखी, तो मॉम की चूत लाइट पिंक कलर की थी.
एकदम गीली और छोटा सा छेद दिख रहा था जैसे किसी छोटी ब.च्ची की चूत हो!

लेकिन मॉम इस छोटे से छेद में इतना बड़ा लंड कैसे ले लेती हैं.
मैंने मॉम से पूछा, तो मॉम बोलीं- तेरे डैडी मुझे ज्यादा देर तक चोद नहीं पाते. मैं उंगली करके काम चलाती हूँ. इसलिए ये अभी तक फटी नहीं है. तू फाड़ दे इसे … आअहह चाट साले.

मैं काम पर लग गया और चूत को चाट चाट कर साफ़ कर दी.

मॉम की चूत का स्वाद थोड़ा ज्यादा खट्टा और नमकीन सा स्वाद लगा.

मैंने मॉम के हाथ से शराब की बोतल लेकर एक बड़ा सा घूंट भर लिया और मुँह का स्वाद ठीक करने के लिए बिस्तर के बाजू वाली दराज से सिगरेट निकाल कर मुँह में लगा ली.

मॉम ने सिगरेट देखी तो उन्होंने लाइटर से उसे सुलगा दिया.
मैंने कश लेकर मॉम को सिगरेट थमा दी.

अब मॉम भी सिगरेट का धुआँ उड़ाने लगीं.

सिगरेट पीते हुए मॉम उठीं और उन्होंने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
वे लंड चूसने लगीं. वे बार बार लंड पर धुआँ छोड़ रही थीं.

ऐसा मैंने एक ब्लू फिल्म में देखा था तो मैं उत्तेजित होने लगा और मॉम के मम्मों को दबा कर मजा लेने लगा.

थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
फिर से मॉम चूत को लंड में सैट करके बैठ गईं और अन्दर बाहर करने लगीं.

इस बार मैं उठ गया और बोला- अब मुझे आपकी गांड चाहिए.
उन्होंने हंस कर कहा- साले सुधरेगा नहीं तू … मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई.

मैंने कहा- तो लाओ न … मैं उद्घाटन कर देता हूँ.
फिर मॉम बोलीं- चल ठीक है, पहली बार इसलिए दे रही हूँ … इसके बाद कभी नहीं मांगना!

मैंने कहा- ओके मॉम.
फिर मॉम ने शराब का बड़ा सा घूंट पिया और मेरे लंड पर थोड़ा थूक लगा कर उसे सहलाने लगीं.
इसके बाद उन्होंने थोड़ा थूक अपनी गांड पर भी लगाया.

जब लंड चिकना हो गया तो वे गांड के छेद को लंड पर सैट करती हुई बैठने लगीं.
वे ‘आह आह’ करके लंड को गांड के अन्दर करने लगीं.

लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
मैंने कहा- रूको.

मैं उठ कर क्रीम ले आया और गांड लंड पर लगा कर सैट कर दिया.
अब मैंने मॉम से कहा- अब बैठो धीरे धीरे!

मॉम गांड के छेद पर लंड सटा कर कोशिश करने लगीं.
मैंने मॉम से कहा- जब मैं बोलूँ, तो अन्दर कर देना.

मॉम ने पूछा- क्यों?
मैंने कहा- ऐसे ही.

उन्हें क्या पता था कि उनके साथ क्या होने वाला है.

मैंने दोनों हाथ से मॉम की जांघों को पकड़ा और ज़ोर से उन्हें नीचे दबा दिया.
लंड गांड में घुस गया.

मॉम एकदम से चिल्ला पड़ीं. मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
मॉम की आँख से पानी आ गया.
उनका नशा फट गया.

उन्होंने कराहते हुए रुकने को बोला- रुक जा हरामी … थोड़ा दर्द हो रहा है.

कुछ देर बाद मॉम खुद से धीरे धीरे अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगीं.

मैं भी अब पूरे जोश में गांड चोदने लगा.

थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया.

हम दोनों ठंडी में भी पसीने पसीने हो गए.

रात के 12 बज चुके थे.

पोर्न मॉम मेरे बगल में लेट गईं और बोलीं- हैप्पी न्यू ईयर बेटा, कैसा लगा न्यू ईयर का गिफ्ट!
मैंने कहा- बहुत मस्त था मॉम … जन्नत दिखा दी आपने तो!

मॉम ने कहा- अब तो रोज जन्नत देखेगा.
हम दोनों हंसने लगे.

फिर नंगे ही सो गए.

सुबह उठे.
एक जनवरी का दिन था.
न्यू ईयर में मॉम कॉफी लेकर आईं.

मॉम खुश लग रही थीं.

फिर पोर्न मॉम ने कहा- आज तो पार्टी करेंगे.
मैंने भी कहा- हां मॉम क्यों नहीं, दिन की अलग पार्टी, रात की अलग.

मॉम हंसने लगी और बोलीं- चल फ्रेश हो जा!

फिर मैं कॉफी पीकर नहाने चला गया.

उस दिन हम दोनों ने दिन भर पार्टी की और रात भर चुदाई का मजा लूटा.

अब जब भी हम दोनों अकेले होते हैं, तो चुदाई करते हैं.
मेरी मॉम ने मुझे हर तरह से खुश रखा है.
 

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मम्मी की सहेली के साथ चुदाई का मजा



दोस्तो, मैं रोहित उम्र 21 साल का हूँ और फिलहाल मैं पढ़ रहा हूँ.

मैं आज आपको अपनी सच्ची सेक्स कहानी सुना रहा हूँ.
यह हॉट मौसी सेक्सी कहानी मेरी मम्मी की सहेली के साथ हुई थी.

मम्मी की सखी का नाम नीतू है, मैं उन्हें मौसी कहता था.

वे देखने में बहुत हॉट एंड सेक्सी माल हैं.
उनके दो बच्चे भी हैं.

मौसी के पति कहीं बाहर जॉब करते थे. मौसी और उनके दोनों बच्चे घर पर रहते थे.

नीतू मौसी मेरी मम्मी के पास लगभग रोजाना ही आती थीं.
जिस वक्त वे हमारे घर आती थीं, तब मैं भी घर पर ही रहता था.

एक दिन मेरी मम्मी और पापा दोनों किसी रिश्तेदारी में शहर से बाहर गए थे.
उसी वजह से मेरी मम्मी ने घर की जिम्मेदारी नीतू मौसी को दी और उनसे मेरा ख्याल रखने को बोला.

जब मम्मी पापा घर से बाहर गए थे, उस वक्त मैं स्कूल में था.
स्कूल से जब मैं घर आया तो मौसी मुझे घर में मिलीं.

उन्होंने मुझसे कहा- तुम फ्रेश हो जाओ, मैं तुम्हारे लिए खाना लाती हूँ.

मैंने उनसे अपनी मम्मी के बारे में पूछा तो जानकारी मिली कि किसी अचानक आए कारण से मम्मी पापा को बाहर जाना पड़ा है.

तब मैंने अपने कमरे में जाकर अपने कपड़े निकाले और कुर्सी पर बैठ गया.

अब मैं अपने लंड को रगड़ने लगा था.
आज बहुत दिन बाद मुझे अकेले में रहने का मौका मिला था.

अपना लंड रगड़ते हुए मेरे सामने कुछ कामुक दृश्य याद आने लगे और मेरी आंखें बंद हो गई थीं.
मैं जल्दबाजी में अपने कमरे के दरवाजे बंद करना भूल गया था.

तभी मुझे लगा कि मुझे कोई देख रहा है.
मैंने दरवाजे पर देखा, तो मौसी मुझे देख रही थीं.

मैंने जैसे ही उनको देखा, मैं अपने रूम के बाथरूम में भाग गया.
तब मैंने बाथरूम के दरवाजे की झिरी से झांक कर देखा तो मौसी चली गई थीं.

कुछ समय तक मैंने इंतजार किया.
उसके बाद मैं कपड़े पहन कर हॉल में आ गया.

मौसी उधर मेरा इंतजार कर रही थीं.
मैं बिना कुछ बोले शर्मिंदगी से सर झुकाए आया और चुपचाप बैठ कर खाना खाने लगा.

कुछ देर बाद मौसी मुझे एक स्माइल देकर अपने घर चली गईं.

फिर रात को मौसी ने मुझे फोन किया और उन्होंने मुझे अपने घर खाना खाने के लिए बुलाया.

मैं जब गया तो मौसी के बच्चे सो गए थे और मौसी एक हॉट सी नाइटी पहन कर अपने किचन में खाना बना रही थीं.

मुझे आया देख कर मौसी ने मुझे बैठने के लिए कहा और मुझे खाना परोस दिया.
खाना खाने के बाद मैं मौसी के घर से जाने लगा.

तब मौसी ने कहा- आज तुम यहीं सो जाओ.
मैं भी मान गया.

फिर मैं मौसी के कमरे में बने बाथरूम में फ्रेश होने गया.

उधर मैंने देखा कि मौसी की पैंटी और ब्रा टंगे थे.
मौसी की ब्रा पैंटी देख कर मेरा लंड कड़ा हो गया और मैं लंड को रगड़ने लगा.

तभी मैंने मौसी की ब्रा पैंटी को उठाया और अपने लंड पर लपेट कर लंड की मुठ मारने लगा.

मेरे लौड़े से वीर्य निकला तो मौसी की ब्रा पैंटी पूरी गीली हो गईं.
मैं वह सब देख कर जरा परेशान हो गया कि अब क्या होगा.

पर कुछ नहीं किया जा सकता था तो मैंने सोचा कि अब जो होगा सो देखा जाएगा.
मैं बाथरूम से बाहर निकल आया.

मेरे बाहर आने के बाद मौसी बाथरूम में चली गईं.
मैं अपने बिस्तर पर सोने चला गया.

उस समय रात का एक बजे का समय हो रहा था.
मेरी आंख खुली तो मैंने अपने कमरे की खिड़की की तरफ देखा.

मौसी मुझे ही देख रही थीं.
उस टाइम मेरा लंड खड़ा था.

मैंने मौसी को स्माइल दी और लंड सहला दिया.
मौसी भी मुस्कुरा दीं और लपक कर कमरे में आ गईं.

उन्होंने बिना कुछ कहे मेरा बॉक्सर उतार दिया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर सुपारे को चूसने चाटने लगीं.
मैं उनकी इस हरकत से एकदम से अचकचा गया और उनके मुँह से लंड निकालने की कोशिश करने लगा.

मगर मौसी ने मेरा लौड़ा बहुत कसके पकड़ा हुआ था और वे उसे तेजी से रगड़ती हुई अन्दर बाहर कर रही थीं.
मैं उनके मुँह से लंड निकालने की नाकाम कोशिश की, तो वे मुझे देखने लगीं.

उनकी आंखों में वासना का नशा छाया हुआ था.
मैंने कहा- मौसी, यह आप क्या कर रही हैं?

वे बोलीं- वही कर रही हूँ, जो तुम बाथरूम में मेरी ब्रा पैंटी के साथ कर चुके हो.
यह कह कर वे फिर से लंड को चूसने लगीं.

उनकी तेज गति से हो रही लंड चुसाई से मुझे अपने लौड़े में दर्द होने लगा था.
लेकिन मज़ा भी आ रहा था.

मैंने अपना हाथ बढ़ाया और मौसी के एक दूध को पकड़ कर मसकने लगा.

कुछ देर बाद मौसी उठीं और उन्होंने अपने सारे कपड़े निकालना शुरू कर दिए.
मेरा लंड उनकी कामुक जवानी की दुकान की शटर उठते हुए देख रहा था और फनफना रहा था.

मौसी की नजरें मेरे कड़क लंड पर ऐसे जमी हुई थीं मानो वे मेरे लंड को धमकी दे रही हों कि रुक साले तेरी सारी अकड़ अभी निकालती हूँ.

अपने सारे कपड़े निकालने के बाद उन्होंने मेरे कपड़ों को खींचना शुरू कर दिया.
मैंने उनका साथ देते हुए अपने सारे कपड़े उतर जाने दिए.

अब मौसी मेरे मुँह के ऊपर आकर बैठ गईं.
उनकी चूत एकदम गीली थी.

मैं उनकी गीली चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा था और दोनों हाथों से मौसी की चूचियों का भर्ता बनाने लगा था.
तभी अचानक से मौसी मेरे मुँह से उठीं और पलट कर वापस मेरे मुँह पर चूत टिका कर बैठ गईं.

अब वे मेरे लंड को चूसने लगी थीं.

मैंने उनकी चूत के साथ गांड का छेद भी चाटा, तो वे अपनी गांड मेरे मुँह पर घिसने लगीं.

कुछ मिनट तक यह सब मजा लेने के बाद मैंने उनको बेड से नीचे आने का कहा और बैठा दिया.

उनके दोनों हाथों को पकड़ कर उनके मुँह में लंड पेलने लगा, मौसी के मुँह की चुदाई करने लगा.

कुछ ही देर में मौसी के मुँह से फच फच की मधुर ध्वनि आने लगी थी.
मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था.

अब मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और उनकी दोनों टांगों को फैला कर चूत को चुम्मी करने लगा.

वे मुझसे बोलीं- अब अन्दर डाल दो.

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया और उनके होंठों पर अपने होंठ जमाते हुए एक ही बार में अपना आधा लंड पेल दिया.
लंड एकदम से घुसता चला गया था तो मौसी की कराह निकल गई- आह मार दिया साले ने … धीरे धीरे पेलो न!

मैंने उनकी एक नहीं सुनी और अपना पूरा हथियार मौसी की चूत में पेलने के बाद ही रुका.
अब तक वे भी लंड को खा गई थीं और दर्द में ‘आह उह … फक मी रोहित’ बोलने लगी थीं.

मगर एक बात अजीब सी हुई, उनकी चूत से खून आने लगा था.
खून देख कर मैंने अपने लंड को वहीं का वहीं रोक दिया.

मैंने देखा कि मौसी रो रही हैं.
तो मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ?

मौसी ने कहा- मेरे पति का सामान बहुत छोटा सा है और मैंने दो साल से सेक्स भी नहीं किया है. इसी लिए मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है.
मैं समझ गया कि मौसी का क्या मतलब है.
और मैं धीरे-धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.

मौसी कुछ ही देर में सामान्य हो गईं और चुदाई का मजा लेने लगीं.

मैंने बीस मिनट तक उनकी चूत को चोदा.
मौसी की बेडशीट पर काफी खून लग गया था.

जब मैं मौसी की चूत चोद रहा था, तो वे ‘अया अयाह’ करके मुझे पकड़ ले रही थीं.

कुछ देर के बाद मैंने मौसी से कहा- मौसी, मैं अब आने वाला हूँ!
तो मौसी ने कहा- हां रोहित, मेरी चूत की प्यास बुझा दो अपना सारा रस मेरे अन्दर ही छोड़ दो.

उनके कहे अनुसार मैंने अपने लंड का रस मौसी की चूत में ही टपका दिया.

मैं जब झड़ने लगा तो मुझे बहुत तेज थकान हुई.
ऐसा लगा मानो मौसी ने मुझे पूरा निचोड़ लिया हो.

मैं उनके ऊपर ही गिर गया और लंबी लंबी सांसें लेने लगा.

मौसी की चूत तृप्त हो गई थी तो वे मुझे अपने मम्मों से चिपकाए हुए लेटी थीं और मेरी पीठ पर प्यार से हाथ फेर रही थीं.

मैं मौसी के साथ उसी अवस्था में सो गया और कब सुबह हुई, कुछ मालूम ही नहीं पड़ा.

जब मैं उठा तो मौसी के बच्चे स्कूल चले गए थे.

मेरी नजरें मौसी को ढूंढ रही थीं, वे मुझे कहीं दिखाई ही नहीं दे रही थीं.

मैंने उठ कर देखा और बाथरूम में देखा तो दरवाजा खुला हुआ था और मौसी अन्दर नंगी खड़ी होकर शॉवर का मजा ले रही थीं.
उनकी गांड दरवाजे की तरफ थी.

मैंने अपना बॉक्सर निकाला और अन्दर जाकर मौसी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया.

मौसी ने मुझे देखा तो मेरे सीने से लग गईं और बोलीं- अभी नहीं!
मैंने उनके दूध मसलटे हुए कहा- अभी क्यों नहीं?

वे कहने लगीं- प्लीज मान जाओ न … अभी नहीं रोहित.
मैंने उनकी कुछ नहीं सुनी और उनके दोनों मम्मों को पकड़ कर मसलने लगा.

उनके निप्पल भी कड़क हो गए.
मैं उनके एक निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा था और बीच बीच में होंठों से पकड़ कर खींच दे रहा था जिससे मौसी की मादक आह उन्ह निकल रही थी.

आखिरकार मौसी से भी न रहा गया और उन्होंने भी मेरे लौड़े को हाथ से पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया.

अब वे मेरे कान के पास आकर सिसकारियां भर रही थीं- ऊह ऊह रोहित फक मी हार्ड रोहित … रगड़ दे मुझे आह!

मैंने उनको वहीं बाथरूम के फर्श पर बैठने का कहा.
वे बैठ गईं और मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में लेने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने उनको उठाया और उधर वाशबेसिन के प्लेटफॉर्म पर मौसी को टिकाया और उनकी एक टांग को अपने कंधे पर रख लिया.
अब मैंने उनकी चूत में लंड पेला और उनकी चुदाई करने लगा.

मौसी- अयाह अया …ऊवू ऊ बेबी … क्या कर रहे हो … आह दर्द हो रहा है स्लो करो यार!
वे मुझे किस भी कर रही थीं और खुद अपनी गांड मटका कर लंड अन्दर बाहर करवा रही थीं.

मैंने उनसे कहा- मौसी, आपकी गांड मारने का मन कर रहा है!
मौसी बोलीं- नहीं रोहित … उधर नहीं. मैंने सुना है कि उधर बहुत दर्द होता है … और तुम्हारा तो इतना मोटा और बड़ा है … नहीं नहीं मैं उधर नहीं लूँगी.

मौसी मना कर रही थीं.

मैं उनकी चूत से लंड खींच कर बाथरूम से बाहर निकल आया.

मौसी मेरे पीछे पीछे आईं और मुझे मनाने लगीं.
जब मैं नहीं माना तो वे अपने रूम में चली गईं.

फिर मुझे मौसी ने अपने रूम में बुलाया.
मैंने जैसे ही गेट खोला तो देखा कि मौसी डॉगी बनी हुई हैं और गांड हिला रही हैं.

वे मुझे देख कर कुतिया की अपने हाथ पैरों पर चल कर मेरे पास आईं.

मौसी बोलीं- रोहित प्लीज मेरी गांड मार दो.

मैं मौसी की गांड पर चाँटे मारने लगा.
मैंने मौसी की गांड को लाल कर दिया.

फिर मैं उनकी गांड के छेद पर तेल लगाने लगा, थोड़ा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.
उनकी गांड बहुत टाइट थी.

काफी देर तक कोशिश करने के बाद मैंने उनकी गांड में अपना लंड डाल पाया.

लंड लेते ही वे बहुत तेज चिल्ला दीं- आह मर गई मैं तो रोहित … बाहर निकाल … आह तेरा बहुत मोटा है यार!
मैं कुछ नहीं बोला और थोड़ा रुक कर फिर से गांड मारने लगा.

करीब दस मिनट बाद ही जब मौसी की गांड फट गई तब मैंने उन्हें सीधा किया और फव्वारे के नीचे चित लिटा कर उनकी चूत का भोसड़ा बनाना शुरू कर दिया.

वे भी मस्ती से चुदाई का मजा ले रही थीं.
कुछ देर बाद हम दोनों फारिग हो गए और नहा कर बाहर आ गए.

अब मैं जब चाहे सेक्सी मौसी की चुदाई कर लेता हूँ.
आजकल हॉट मौसी गांड मरवाना ज्यादा पसंद कर रही हैं.
 

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भाभी और उसकी बहन को चोदा



दोस्तो,
हमारे घर में हम 6 लोग हैं मां उम्र 44 साल, पापा उम्र 45 साल, भाई उम्र 23 साल, बहन उम्र 25 साल, भाभी उम्र 23 साल और मैं वीरू, मेरी उम्र 19 साल. मेरा लंड बड़ा है.

मेरी भाभी गवर्मेंट जॉब करती हैं.
उनकी जॉब पास के शहर में है और वे उधर फ्लैट किराए से लेकर रहती हैं.

अभी 8 महीना पहले उनको एक बेबी हुआ है.
अब उनको वापस जॉब पर जाना है पर बेबी को संभालने वाला भी चाहिए था.

मैं अभी कॉलेज में फर्स्ट ईयर में हूँ, तो भाई ने मुझसे कहा- तुम कुछ दिन भाभी के साथ चले जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.

हमारे साथ भाभी की बहन भी जाने वाली थी.
हम रात को 8 बजे पहुंच गए.

बाहर से खाना मँगवा कर खा लिया.

उधर एक ही बेड था.
तब दिसंबर का महीना था तो ठंड बहुत थी.

मैंने कहा- मैं नीचे लेट जाता हूं.
भाभी ने कहा- ऊपर ही लेट जा.

बेड पर भाभी और उसकी बहन खुशबू दोनों लेटी थीं.

भाभी की बहन खुशबू बड़ी मस्त आइटम थी.
उसकी उम्र 22 साल, बूब्स 32 इंच के उठी हुई गांड एकदम टनाटन माल है.

मैं उसके पास जाकर सो गया.

रात को करीब 12 बजे मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ तो मैंने देखा कि खुशबू की गांड की दरार में मेरा लंड लगा था और वह दबाव डाल रही थी.

मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.
फिर मैंने धीरे से अपना हाथ आगे किया और उसके एक दूध को दबा दिया.
उसने कुछ नहीं कहा.

मैं समझ गया कि इंजन गर्म है.
मैंने झट से उसका लोवर नीचे कर दिया और उसकी टी-शर्ट को भी ऊपर करते हुए निकाल कर अलग कर दिया.

खुशबू धीमे से बोली- मेरे ही खोलेगा या अपने भी खोलेगा?
मैं- तुम ही खोल दो.

फिर उसने मेरी पैंट खोली, फिर शर्ट भी उतार दी.
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, उसके दूध हवा में फुदकने लगे.

अब मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को मसला, तो उसकी चूत पानी छोड़ चुकी थी.
उसने मेरी चड्डी उतार दी.

मेरा लंड देख कर वह हैरान हो गई- बाप रे इतना बड़ा … यह तो मेरे ब्वॉयफ्रेंड के औजार से भी ज्यादा बड़ा है!
मैं- अच्छा तेरा बॉयफ्रेंड भी है? इसका मतलब तुम निपट चुकी हो?

खुशबू- हां, मैं पहले भी सेक्स कर चुकी हूं.
हम दोनों धीमी आवाज में बात कर रहे थे.

खुशबू- अब सो जाओ. वर्ना दीदी को पता चल जाएगा.
मैं- नहीं यार, अब नंगे होने के बाद तो मुझसे यह रात नहीं कटेगी!

खुशबू- रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा है … पर दीदी?
मैं- धीरे धीरे से करते हैं.
खुशबू- ठीक है … आ जाओ.

अब वह मेरी तरफ गांड करके लेट गई और मैंने उसकी पैंटी निकाल कर उसकी चूत पर लंड टिका दिया.
उसने लंड को हाथ से पकड़ा और चूत में रगड़ कर छेद पर लगा दिया.

छेद की गर्मी पाकर लंड भी भभक उठा.
मैंने अपनी कमर को जुंबिश दी और लंड अन्दर पेलने के लिए दाब दे दी.

मेरे लंड का टोपा उसकी गुलाबी चूत में चला गया.
वह आह करके मुझसे रुकने का इशारा करने लगी.

मैंने उसकी कमर पकड़ी हुई थी तो उसने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिया.
अपने दोनों हाथ मैंने आगे कर दिए और उसके दोनों दूध मींजे तो उसे मजा आया और उसका दर्द कुछ कम हो गया.

उसने फिर से कमर हिला कर इशारा किया.

मैंने उसकी चूची को ही पकड़ कर वापस एक कड़क झटका दे दिया तो इस बार मेरा लंड पूरा का पूरा अन्दर घुसता चला गया.

वह मुँह दबा कर अपनी आवाज को रोकने की कोशिश करने लगी.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया और अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा.

कुछ ही देर में उसकी चुदासी चूत में से पानी टपकने लगा.
इससे मुझे लंड पेलने में आसानी होने लगी.

मैं 15 मिनट तक उसकी चूत रगड़ता रहा.
वह उस बीच वापस उत्तेजित हो गई थी और मेरे लौड़े का साथ देने लगी थी.

अब मैं चरम पर आ गया था.

मैंने उससे कहा- मेरा होने वाला है!
तो उसने कहा- अन्दर मत डालना.

मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला और उसकी गांड पर वीर्य निकाल दिया.

भाभी बाजू में सोई हुई थीं तो हम दोनों ज्यादा कुछ कर नहीं पा रहे थे.

हम दोनों ने धीरे धीरे अपने कपड़ों को पहना और सो गए.

मैं सुबह जब उठा तो मैंने देखा कि भाभी जॉब पर जा चुकी थीं.
उनका बेबी सोया हुआ था.

खुशबू किचन में काम कर रही थी.

मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसको किस करने लगा.
वह भी उत्तेजित हो गई.

मैंने उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर बाद वह जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी- आह आह धीरे रगड़ न मेरी जान … आह.

मैंने उससे कहा- चलो बाथरूम में चलते हैं उधर ही सेक्स करेंगे. इधर मेड आ सकती है.
उसने कहा- ओके, तुम चलो, मैं बेबी को संभाल कर आती हूं.

मैं बाथरूम में चला गया और अपने सारे कपड़े उतार दिए.
कुछ पल बाद खुशबू अन्दर आ गई.

खुशबू- तुम्हारा मन भरा नहीं क्या?
मैं- जान, तुम हो ही ऐसी माल कि तुमसे मन भरता ही नहीं!
खुशबू- अच्छा जी.

मैंने लंड सहलाया और कहा- हां जी.
वह मेरे लौड़े को देखने लगी.

मैंने उसको नंगी कर दिया और देखा कि उसकी चूत एकदम गुलाबी थी.
ऐसा लग रहा था कि जैसे एक दो दिन पहले ही उसने झांटों की सफाई की हो.

मैंने बाथरूम की बाल्टी को औंधा रख दिया और उसकी एक टांग बाल्टी पर रख दी.
फिर मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और चोदने लगा.

वह जोर जोर से आवाज करने लगी- आह ईई … आ आई मां मर गई … वीरू और जोर से करो … फाड़ दो मेरी बुर … आह रात को बड़ा मजा दिया था बस दीदी की वजह से आवाज ही नहीं निकाल पा रही थी. आह मस्त लंड है तुम्हारा … और तेज चोदो!

मैं भी लगा रहा और कुछ देर बाद उसने अपनी बुर से पानी छोड़ दिया.
धकापेल चुदाई चल रही थी.

कुछ ही देर में मेरा काम भी तमाम होने वाला था.
मैंने आठ दस करारे झटके मारे और उसकी चूत में ही सारा माल निकाल दिया.

तभी वह गुस्से से बोली- तुमने अन्दर क्यों निकाला? कुछ हो जाएगा तो कौन जिम्मेदार होगा?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा … मैं अभी गोली ला देता हूँ.
उसने कहा- ठीक है.

अब मैंने कहा- तुझसे एक बात पूछूं?
उसने कहा- हां बोलो!
मैं- भाभी का भी कोई ब्वॉयफ्रेंड था क्या?
खुशबू- हां!

मैं- क्या कह रही हो यार … मतलब भाभी भी खाई पी हुई हैं?
वह- मतलब?
मैंने साफ साफ पूछा- मतलब यह कि क्या भाभी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया था क्या?
वह- हां किया था.

मैं- तुम्हें कैसे पता?
वह- दीदी ने मुझे बताया था. दीदी मुझे खुली हुई हैं.
मैं- क्या?
वह- हां.

मैं- एक बात बोलूं?
वह- हां बोलो.

मैं- मुझे भाभी को चोदना है.
वह- क्या … यह तुम क्या बोल रहे हो?

‘हां यार मुझे भाभी बहुत पसंद है …. तुम उन्हें मेरे लिए कहो न … प्लीज मना मत करना!’
वह- ओके कोशिश करूँगी.

‘कैसे कहोगी?’
वह- मैं तुम्हें दीदी के ब्वॉयफ्रेंड का पिक दे दूँगी … तुम वह उन्हें दिखा देना और दीदी को पटा लेना. मैं तो बस इतना ही कर सकती हूँ.
‘ठीक है.’

फिर कुछ हम दोनों ने खाना खाया और मैं मार्केट चला गया.
मैंने मेडिकल स्टोर से कुछ गर्भ निरोधक गोलियां और कंडोम का बड़ा वाला पैकेट ले लिया.

मैं घर पर आया, तब तक भाभी ऑफिस से आ गई थीं.

अब भाभी के लिए मेरा नजरिया बदल गया था.
वह मुझे एक चोदने लायक मस्त माल लगने लगी थीं.

मैं उन्हें वासना की नजर से देखने लगा था.

आप उनकी खूबसूरती को ऐसे समझ सकते हो कि उनका शरीर और चेहरा एकदम सोनाक्षी सिन्हा जैसा है.
उनके बड़े बड़े बूब्स मोटी गांड है.

भाभी घर पर सूट पहना करती थीं. सूट में वह कमाल की हसीना लगती थीं.

अब मैं उनके मम्मों को देखता रहता था, यह उन्होंने कई बार देख लिया था.

दो दिन बाद जब मैं उनके दूध देख रहा था, तब भाभी बोलीं- क्या देख रहे हो वीरू?
मैं- कुछ नहीं!

तब मेरा लंड खड़ा था और भाभी ने मेरे लंड का उभार देख लिया था.

वे बोलीं- ठीक है जा!
मैं वहां से बाहर चला गया.

वहां जाकर मैंने खुशबू को कॉल किया और पूछा- कहां है तू?
उसने कहा- मैं कमरे में हूँ.

मैंने कहा- मेरा मन चूत चोदने का हो रहा है. क्या तू अभी बाहर आ सकती है?

उसने मना कर दिया- अभी नहीं … अभी दीदी घर में हैं. फिर कभी चोद लेना और बाहर क्या खुले में चोदोगे?
मैं- नहीं यार, इधर एक कोपचा है, उधर लगा लूँगा. सच में खुशबू, अभी बहुत मन हो रहा है.

उसने कहा- ठीक है, पर यार बेबी को कौन संभालेगा?
मैंने कहा- ठीक है, रहने दे.

फिर मैं बाथरूम में चला गया और वहां भाभी को याद करके मुठ मार कर खुद को ठंडा कर लिया.
फिर रात खाना खाया और सोने चला गया.

अब एक बेड और आ गया था जिस पर मैं अकेले सोता था.

ऐसे ही 5 दिन बीत गए.

एक दिन मैं जल्दी उठ गया.
उसी समय मुझे भाभी की आवाज सुनाई दी- खुशबू, मैं तौलिया लाना भूल गई, जरा तौलिया दे दे!

खुशबू कमरे में थी.
उधर बेबी रो रहा था.
वह उसको चुप करा रही थी.

मैंने कहा- भाभी, खुशबू बेबी को चुप करवा रही है.
भाभी ने कहा- ठीक है, तौलिया तुम ले आओ.

जब मैं तौलिया देने गया तो भाभी ने थोड़ा सा गेट खोला.
मैंने देखा कि भाभी का एक निप्पल कड़क सा दिख रहा था.

मैं उनके निप्पल को देखने लगा.
भाभी ने मुझे देख लिया.

वे कहने लगीं- दे ना तौलिया … ठंड लग रही है.

मैंने तौलिया दे दिया.

उसी वक्त एकदम से मैंने झटका खाने का नाटक किया तो मेरे पैर से धक्का लगने से बाथरूम का दरवाजा खुलता चला गया और मैं फिसल कर भाभी के नंगे जिस्म से जा टकराया.

भाभी एकदम से हड़बड़ा गईं और मैंने हड़बड़ाहट में उनके एक दूध को पकड़ कर खुद को गिरने से बचाया.

उस पल कुछ ऐसा माहौल बन गया था कि भाभी ने मुझे संभाला और कहा- अरे अरे क्या हुआ वीरू … खुद को संभाल न!

मैंने तो खुद से ड्रामा किया था और उसी वजह से मुझे अपने सामने नंगी भाभी के दीदार हो गए.
उनका एक दूध जो मेरे हाथ में था, उसे मैंने मसल दिया था तो उनके निप्पल से दूध निकलने लगा था.

हम दोनों की गिरने की आवाज से भाभी की बहन खुशबू भी उधर ही आ गई.
उसने सीन देखा तो वह मजे लेने लगी.

उसके मुँह से निकल गया- अरे … तुम तो नहाते में ही दीदी को रगड़ने लगे हो.
यह बात सुनकर भाभी एकदम से चौंक गईं और अपनी बहन की तरफ देख कर कहने लगीं- यह क्या कह रही है तू? अभी यह गिर गया है और मैं इसे संभाल रही हूँ.

खुशबू बोली- अच्छा तो यह बात है दीदी … मुझे लगा कि इसने आपको आपके ब्वॉयफ्रेंड से सेक्स करने वाली बात आपको बता दी है और आप इससे सैट हो गई हो!

यह बात सुनकर मैं समझ गया कि अपना दांव चल दिया है.

उसी वक्त मैं भाभी की बांहों का सहारा लेते उठा और भाभी से कहने लगा- भाभी, यह खुशबू क्या कह रही है … क्या आप अपने ब्वॉयफ्रेंड से चुद चुकी हो? अब तो यह बात तो मैं अपने घर में सबसे कहूँगा!

भाभी ने खुशबू की तरफ आंख दबा दी और कहने लगीं- चल रहने दे भोसड़ी वाले … अब ले ले तू भी मेरी … मेरी बहन को तो चोद ही चुका है कमीने!

यह सुनकर वे दोनों बहनें हंसने लगीं और मेरा पोपट बन गया.

मैं भाभी से लिपट गया और उन्हें नंगी ही उठा कर कमरे में ले आया.

उस दिन मैंने भाभी को हचक कर पेला और साथ में खुशबू से अपने लंड को चुसवा कर बार बार भाभी की चूत को पेला.

उस दिन के बाद से हम तीनों एक साथ चुदाई का मजा लेने लगे.
 

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छोटी बहन की अनछुई बुर चोद कर मजा लिया



दोस्तो, मेरा नाम सोनू है.
आज मैं आपको एक सच्ची सेक्स कहानी सुना रहा हूं, जो मेरे साथ हुई थी.

आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने परिवार के बारे में बता देता हूं.

मैं अपने मम्मी के साथ रहता हूँ.
घर में मेरी मां के अलावा मेरे दो भाई और दो बहनें हैं.

मैं सबसे छोटा भाई हूं. मुझसे छोटी एक बहन है.

यह वर्जिन सिस्टर फक कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन नीतू की है.

पहले मेरी बहन नीतू के बारे में जान लीजिए.
उसकी उम्र 19 साल है और वह अभी पढ़ाई कर रही है.

उसका फिगर 30-28-34 का है.
उसका ये फिगर मुझे बाद में पता चला, जो मैं आपको आगे बताऊंगा.

उसकी मोटी सी गांड देख कर किसी भी लड़के का मन उसे चोदने का करने लगेगा.

मैं ज्यादातर घर से बाहर रहता हूं और घर पर कम ही जाता हूं.
पर मैं जब भी घर जाता हूं, अपनी बहन के साथ मस्ती करता रहता हूं.
मैं उसके दूध दबाने के मौके ढूंढता रहता हूं.

अब तक मैं अपनी छोटी बहन नीतू के चूचे दबा भी चुका हूं.
पर वह ये सब मस्ती समझकर इतना ध्यान नहीं देती थी.

अब मैंने ठान लिया था कि मैं उसे चोदकर ही रहूंगा.
इसलिए मैंने एक तरकीब अपनाई.

हमारा घर दो मंजिल का है. पहले माले पर 2 कमरे हैं. नीचे ग्राउन्ड फ्लोर पर मेरी मम्मी का कमरा है. उनके साथ मेरी एक बहन सोती है.

ऊपर वाले फ्लोर पर एक रूम में मेरे दोनों भाई और एक रूम में मैं और नीतू सोते हैं.

इस बार जब मैं घर पर गया था तो मैंने सोच लिया था कि इस बार तो कुछ करना ही है.
हम सब खाना खाकर अपने अपने कमरों में चले गए थे और सोने की तैयारी कर रहे थे.

मैं भी हमेशा की तरह नीतू के साथ में सो रहा था.

एक घंटा बाद मेरी नींद खुल गई और अब मुझे नींद नहीं आ रही थी.
वह मेरे बगल में चैन से सो रही थी.

मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके दूध पर रख दिया.
मैं देखने लगा कि वह मेरे हाथ का कुछ विरोध करती है या नहीं.

पर वह गहरी नींद में थी और उसने कुछ भी रिएक्ट नहीं किया.

इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.
अब मैं उसके और पास को होकर लेट गया.
मैं धीरे धीरे उसके चूचे को दबाने लगा.

शायद एक दो दफा मेरा हाथ कुछ ज्यादा जोर से दब गया था.

तभी अचानक से नीतू उठकर बैठ गई और पूछने लगी- भैया, ये क्या कर रहे हो?
शायद नीतू थोड़ी भोली थी तो उसे इन सब बातों का पता नहीं था … या वह बन रही थी.

इसलिए मैंने इसका फायदा उठाया और उससे कहा- मैं तुम्हें प्यार कर रहा हूं.
नीतू ने हंस कर कहा- ऐसे कैसे प्यार होता है?

उसकी हंसी देख कर मैंने नीतू को अपने पास खींचते हुए उसके गालों पर पप्पी की और उसके बालों में हाथ घुमाने लगा.

फिर मैंने प्यार से नीतू से ‘आई लव यू’ कहा.
वह मेरी आंखों में देखने लगी.

मैंने नीतू के माथे पर एक पप्पी की.
अब नीतू ने भी मुझे ‘आई लव यू टू’ कहा.

यह सुनकर मैंने नीतू को अपनी बांहों में समेट लिया और धीरे धीरे नीतू के बालों से होते हुए उसकी पीठ को सहलाने लगा.

नीतू ने उस वक्त पजामा टी–शर्ट पहना हुआ था.

कुछ देर सहलाने के बाद मैंने धीरे से अपना एक हाथ नीतू की टी-शर्ट के अन्दर डाल दिया और उसकी मुलायम पीठ को महसूस करने लगा.

मैं नीतू को बार बार उसके माथे पर किस करता रहा और बार बार कहता रहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना नहीं रह सकता.
नीतू भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और मेरे साथ बोल रही थी- मैं भी आपके साथ ही रहना चाहती हूं सोनू भैया!

मैंने उसकी टी-शर्ट के गले से झांक कर देखा तो पाया कि नीतू ने काले रंग की ब्रा पहनी थी.
मैं अपना एक हाथ अन्दर किए हुए था तो उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा.

शायद नीतू इतनी भी नासमझ नहीं थी.
वह मेरे साथ मजा लेने लगी और उसने अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी.
मैं उसका इशारा समझ गया और मैंने उसकी टी-शर्ट और 30 साइज की ब्रा निकाल कर साइड में फेंक दी.

अब मैं नीतू मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी थी और उसके गोल गोल मुलायम चूचे मेरे सामने थे.
मैं उसके रसीले चीकुओं पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा.

मैंने एक हाथ से एक चूचे को दबाना शुरू किया और दूसरे को मुँह में भरकर चूसने लगा.

नीतू की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.

मैं और जोर से उसके दूध दबाने और चूसने लगा.
कभी मैं दाएं वाले को चूसता तो कभी बाएं वाले को.

मैंने नीतू के दोनों चीकू चूस चूसकर और दबा दबाकर एकदम लाल कर दिए.
उसके चूचों के पास मेरे दांतों के निशान बन गए थे.

नीतू अभी भी आंखें बंद किए बस सिसकारियां ले रही थी.

मैं उसके चूचे दबाते हुए उसके चेहरे के पास आ गया और नीतू को लिप किस करने लगा.
नीतू भी मेरा साथ दे रही थी.

हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को नोंच से रहे थे.

इसी सबके बीच में मैंने अपनी भी टी-शर्ट निकाल फेंकी.
अब मैं और नीतू दोनों ऊपर से नंगे थे और एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे.

लगभग दस मिनट तक हम एक दूसरे को पागलों की तरह चूमते रहे.
अब मैं उसे चूमते हुए धीरे धीरे नीचे आने लगा.

नीतू के चूचों को चूमते मसलते, नीतू के पेट को चूमते हुए उसकी कमर पर आ गया.
मैंने नीतू के पजामा के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाया और उसके पजामे को खींच कर निकाल दिया.

अब नीतू मेरे सामने सिर्फ एक काले रंग की पैंटी में थी.
उसमें उसकी मोटी गांड कयामत ढा रही थी और नीतू की चूत भी मुझे अपनी ओर बुला रही थी.

मैंने उसकी 34 की साइज की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
तो नीतू बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी और 5 मिनट में ही उसकी बुर से पानी निकल गया.
शायद ऐसा नीतू के साथ पहली बार हुआ था.

मैं नीतू के बदन को ऊपर से लेकर नीचे तक चूमने लगा और वह बस लेटी हुई तड़प रही थी.
वह इस सबका मजा ले रही थी.

फिर कुछ पल बाद मैंने नीतू की पैंटी को भी खींच कर निकाल दिया और नीतू को उसकी पैंटी दिखाकर सूंघने लगा, उस पर लगे नीतू की चुत के रस को चाटने लगा.
नीतू भी हल्के से हंस दी.

अब मैंने नीतू की चिकनी चूत को देखा.
एकदम साफ़, बिना किसी झांट के बाल के उसकी गुलाबी चूत मुझे जन्नत के दरवाजे की तरह दिख रही थी.

मैंने भी बिना देर किए नीतू की चूत पर एक किस कर दिया.
नीतू इससे चिहुंक उठी और वह कसमसाने लगी.

मैंने मौके का फायदा उठाकर नीतू की चूत को चाटना शुरू कर दिया और साथ में उसमें उंगली भी डालने लगा.
नीतू जोर जोर से काम वासना भरी सिसकारियां लेने लगी और मेरे चेहरे को अपनी चूत में दबाने लगी.

अब वह बार बार बोल रही थी- आह और चाटो … आह ऊंह.

करीब दस मिनट के बाद नीतू का शरीर अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि यह झड़ने वाली है.

अब मैंने और तेज तेज चाटना शुरू कर दिया.

इस बीच नीतू ‘आह आह ऊंह’ करती हुई मेरे चेहरे पर झड़ गई और मैं नीतू का सारा काम रस पी गया.

नीतू शांत हो गई और एकदम शांत हो चुकी थी.
मैं नीतू के काम रस को अपनी जीभ से साफ करता हुआ चाट रहा था.

कुछ देर बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना पजामा अंडरवियर दोनों को एक साथ निकाल दिया.
मैंने अपना 6 इंच का फनफनाता हुआ लौड़ा नीतू के चेहरे के सामने कर दिया.

नीतू भी इसी का इंतजार कर रही थी, उसने लपकर मेरा लंड अपने हाथ में भर लिया और उसे अपने मुँह के अन्दर तक लेकर चूसने लगी.
वह किसी पॉर्न एक्ट्रेस से कम नहीं लग रही थी.

मेरी बहन कभी मेरे टट्टों को चूसती, तो कभी मेरे लौड़े को हिलाकर अपने मुँह में ले लेती और फिर से लंड चूसने लगती.
मैं तो जैसे सातवें आसमान में था और आंख बन्द करके बस इस सबका मजा ले रहा था.

मैंने नीतू के बाल पकड़कर अपना लौड़ा उसके गले तक उतार दिया और उसके मुख को चोदने लगा.
एक बार तो नीतू की सांस रुकने को हुई, पर मैं अपनी धुन में मस्त बस उसके मुँह को चोदने में लगा था.

करीब 5 मिनट की चुसाई के बाद मैं झड़ने को हुआ और मैंने अपना सारा माल़ अपनी बहन नीतू के मुँह में निकाल दिया.
मेरी बहन नीतू भी अपने भाई के लंड का रस खुशी खुशी पूरा पी गई.

नीतू का मुँह मेरे वीर्य से भर गया था, उसने मुझे अपना मुँह दिखाते हुए सारा माल खा लिया.

अब नीतू के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान दिख रही थी और उसकी आंखों में हवस नजर आ रही थी.

ऐसा लग रहा था मानो वह कह रही हो- आओ भाई अब बस मुझे चोद दो.

अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए.
मैं उसकी चूत चाट रहा था और नीतू मेरा लंड चूस रही थी.

नीतू ने चूस चूस कर मेरा लौड़ा खड़ा कर दिया.
अब वह लंड को खुद से अपने गले तक लेने लगी थी.

मैं भी नीतू की चूत को जोर जोर से चाट रहा था और उसमे साथ साथ उंगली भी कर रहा था.
नीतू एक बार झड़ चुकी थी, पर मैं फिर भी उसे चाटने में लगा हुआ था.

मैं झड़ने को हुआ और नीतू भी एक बार फिर से झड़ने वाली थी.

हम दोनों ने चूसने की स्पीड बढ़ा दी और दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए और एक दूसरे का काम रस पी गए.

अब हम दोनों थोड़े थक गए थे और एक दूसरे के पास नंगे लेटे रहे.

लगभग 15 मिनट के बाद मैंने नीतू को फिर से किस करना शुरू कर दिया.

नीतू भी फिर से कामुक होने लगी.

मैंने उसे मेरा लंड खड़ा करने के लिए कहा और वह बिना कुछ कहे उसे चूसकर खड़ा करने लगी.
लौड़ा फिर से तन कर सलामी देने लगा.

मैंने नीतू को बेड पर धक्का देकर चित लेटा दिया और अपना लौड़ा उसकी चूत पर सैट कर दिया.
वह सुपारे से चुत की खुजली मिटाने लगी.

उसी समय मैंने एक धक्का दे मारा.
पर मेरा लौड़ा पहली बार में फिसल गया.

अब मैंने अपने लौड़े पर थोड़ा थूक लगाया, उसकी चूत में तीन उंगलियां डालकर अन्दर बाहर की और चूत को थोड़ी ढीली कर दिया.

मैंने पुनः अपने लौड़े को नीतू की चूत पर सैट किया और एक धक्का दे मारा.

इस बार मेरा आधा लंड नीतू की चूत के अन्दर घुस गया था.
नीतू की सील टूट चुकी थी; उसकी चूत से हल्का हल्का खून आने लगा था.

मेरी मासूम बहन की आंखों से आंसू बह रहे थे और वह मुझे अपने से दूर करने के लिए जोर लगा रही थी.

वह दर्द से रो रही थी और कह रही थी- भैया, मुझे नहीं करना, मुझे छोड़ दो … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं थोड़ा सा रुका और उसे किस करने लगा.

जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक जोरदार धक्का दे मारा और इस बार मेरा 6 इंच का लंड उसकी चूत में समा चुका था.

मैं थोड़ी देर रुका और फिर से नीतू को किस करने लगा.

अब मैं नीतू के दर्द को कम होने का इंतजार करने लगा.

थोड़ी देर में नीतू अपनी गांड को मेरे लंड की तरफ धकेलने लगी तो मैं समझ गया कि इसका दर्द कम हो गया है.
मैं भी अब नीतू की चूत में लंड को आगे पीछे चलाने लगा.

नीतू वासना भरी सिसकारियां ले रही थी- आह ऊंह ऊंह और जोर से चोदो सोनू आह!

उसकी इन आवाजों से मुझमें भी जोश बढ़ गया और मैंने नीतू के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर जोर जोर से उसे चोदने लगा.

नीतू की मदभरी सिसकारियां अब तेज हो गई थीं और वह चिल्लाने लगी थी- आह ओह … मर गई भाई … आह आह ऊंह!

मैं किसी जानवर की तरह नीतू को चोदे जा रहा था.
कुछ देर बाद मैं नीतू के ऊपर झुक गया और उसे किसी कुत्ते की तरह जोर जोर से चोदने लगा.

मेरा लंड उसके पेट तक जा रहा था.
नीतू पूरी तरह से हिल रही थी और साथ में ‘ चोद भाई … आह आह ऊंह ऊंह’ कर रही थी.

नीतू की सिसकारियां तेज़ होने लगीं.
उसका शरीर अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि नीतू झड़ने वाली है.

नीतू की चूत मेरे लंड पर कसने भी लगी थी.

मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और नीतू झड़ गई.

मेरा लंड नीतू के चूत के पानी से सन गया.
पर मैं अभी भी उसे चोदने में लगा था.

नीतू की चूत गीली होने से अब फच्छ फच की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी.

कुछ देर बाद मेरा भी पानी निकलने को हुआ.
मैंने नीतू को ऊपर उठा लिया और उसे खड़े खड़े चोदने लगा.

मैंने थोड़ी देर में उसके अन्दर ही अपना सारा रस निकाल दिया और उसे अपने साथ लेकर बेड पर लेट गया.

वर्जिन सिस्टर फक में हम दोनों बुरी तरह थक चुके थे.

नीतू की चूत से मेरा और नीतू का दोनों का काम रस बाहर निकल रहा था.

मेरी बहन की चूत फूल कर पकौड़ा हो चुकी थी और वह दर्द से कराह रही थी.
पर साथ ही साथ नीतू के चेहरे पर चुदाई की संतुष्टि भी थी.

हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.

फिर मैंने उसे एक दर्द की गोली लाकर दी.

नीतू से चला भी नहीं जा रहा था.
मैं उसे उठाकर बाथरूम में ले गया.
उधर उसकी चूत साफ की और वहां भी नीतू को एक बार चोदा.

फिर रूम में आकर उसे कपड़े पहना कर और खुद कपड़े पहनकर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और एक दूसरे से लिपटकर सो गए.

 

junglecouple1984

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छोटी बहन के साथ पहला सेक्स



मेरा नाम अभिषेक है और मेरी उम्र 24 साल की है.
मेरे घर में मेरी मॉम, डैड और मेरी एक छोटी बहन है. घर में हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे.

यह मेरी पहली सच्ची वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी है.

मेरी बहन का नाम पूजा है. उसकी उम्र 19 साल की है.
वह देखने में थोड़ी सांवली है, पर फिगर 30-28-32 का है.

पूजा बहुत ही सीधी लड़की है. वह अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से एकाग्र चित्त रहती है.
पढ़ने में होशियार होने के साथ ही वह मेरे साथ काफी धींगामुश्ती भी करती है.

धींगामुश्ती के दौरान हम दोनों एक दूसरे के अंगों को भी छू लेते थे, जिससे मुझे सनसनी होने लगती थी.

बचपन की बात खत्म हो गई थी, अब जवानी आ गई थी. इस उम्र में जब मेरा हाथ पूजा के मम्मों पर चला जाता था, तो मैं उसके दूध दबा देता था.
वह ‘आह उई’ करके मेरी तरफ गुस्से से देखती और अपने दूध को सहलाती हुई मुझसे उधर पकड़ने की मना करने लगती.

एक दिन यूं ही हम दोनों खाली समय में लूडो खेल रहे थे.
खेल के दौरान ही किसी बात पर हम दोनों में बहस होने लगी और मैंने उसके साथ छीना झपटी शुरू कर दी.
एकाएक मेरा एक हाथ उसके एक चूचे पर चला गया और मैंने उसका दूध दबा दिया.

जबाव में उसने भी मेरी टांगों के बीच हाथ डाला और मेरे लंड की एक गोटी को पकड़ कर मसल दिया.
मेरी तेज आह निकल गई.

वह हंसने लगी और बोली- अब समझ आया कि गोला गोली पकड़ने में कैसा दर्द होता है!

मैं उसकी तरफ पहले गुस्से से देख रहा था.
पर जब उसने गोला गोली कहा तो मेरी नजरों में उसके लिए एक हैरत भरी दृष्टि थी.
साथ ही काम वासना ने भी जन्म ले लिया था.

उसके बाद से हम दोनों के बीच ढका मुँदा सा पकड़म पकड़ी का खेल चलने लगा था.
अब जब भी मैं उसे पकड़ता, तो उसकी एक चूची को पकड़ कर हौले से दबा देता और वह मेरे लंड को मसल देती.

एक दिन मैंने उससे कहा- पूजा, तुझे सेक्स के बारे में कुछ पता है?
वह हंसने लगी और बोली- तुम तो उस बारे में सब जानते हो … फिर मुझसे क्यों पूछ रहे हो?

मैंने कहा- मैं सेक्स के बारे में सब कुछ जानता हूँ, यह तुझे कैसे मालूम है?

वह हंसने लगी और मेरे मोबाईल को उठा कर बोली- इसमें सारे जहां की जानकारी होती है भाई … मैं भी सेक्स कहानी पढ़ चुकी हूँ.

अब मामला एकदम साफ हो गया था.
मैंने उसकी तरफ कामुक नजरों से देखा तो वह बोली- मैंने भाई बहन वाली कहानी भी पढ़ी है लेकिन यह सब गलत है भाई … हम लोग ऐसा सही नहीं समझते हैं.

तब मैंने कहा- हम लोग क्या सही समझते हैं?
वह हंस दी.

मैंने फिर से उसकी एक चूची मसल दी, वह आह करके मुझसे दूर हो गई.

अब हम दोनों सेक्स की बात को समझने लगे थे पर अभी भी छूने मसलने तक ही सीमित था.
हम दोनों ही शायद आपस में चुदाई करने की बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे.

हमारे बीच सब कुछ खुल गया था. लंड चूत चुदाई आदि की भरमार वाली सेक्स कहानियां हमें हर तरह से उन्मुक्त कर चुकी थीं.
हम दोनों एक साथ बैठ कर सेक्स कहानी पढ़ने लगे थे और कहानी पढ़ते वक्त एक दूसरे के अंग सहलाने लगे थे.

मैं उसकी चूचियों को सहलाने लगा था और वह मेरे लंड को सहलाने लगी थी.
पर आज तक मैंने उसकी चूत पर हाथ नहीं डाला था और ना ही उसे चुम्बन किया था.

यह आज से कुछ ही दिन पहले की उस वक्त की बात है, जब मेरे माता पिता मेरी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने गए थे.

जब मेरे पेरेंट्स तीन दिनों के लिए घर से बाहर गए तो मेरी नीयत अपनी छोटी बहन पर बिगड़ गई.
मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा.

मेरे पेरेंट्स सुबह 9.00 बजे घर से निकल गए थे.
तब मेरी बहन स्कूल गई हुई थी.

मेरे पेरेंट्स के निकलते ही में घर लॉक करके में लंड सहलाने लगा.

कुछ ही देर में वासना चरम पर पहुंच गई और मैं झड़ कर संतुष्ट हो गया.
फिर मैं कुछ सोच कर बाजार गया और उधर से सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली कुछ दवाएं ले आया.

तकरीबन एक बजे मेरी बहन स्कूल से आई.
उसने खाना खाया और अपने कमरे में जाकर पढ़ाई करने लगी.

शाम होते ही मैं टीवी देख रहा था, तब बहन ने खाना बनाया और हम दोनों 8.30 बजे डिनर करके फ्री हो गए.

मैं घूमने के बहाने बाहर चला गया और एक कोल्ड ड्रिंक ले आया.
मेरी बहन अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी.

मैं किचन में गया और दो गिलास में कोल्ड ड्रिंक डाल लाया.

मैंने अपनी बहन के गिलास में एक गोली मिला दीं, जिसका असर छह घंटे तक रहता था.
यह एक ऐसी दवा थी जिससे बहन में सेक्स के प्रति जोश बढ़ने वाला था.

मैं उसके कमरे में गया और उसे कोल्ड ड्रिंक पीने को दी.
उसने कोल्ड ड्रिंक पी.

मैं वहीं बैठ कर मोबाइल में सेक्स कहानी पढ़ने लगा.
वह भी अपनी पढ़ाई छोड़ कर मेरे साथ सेक्स कहानी का मजा लेने लगी.

थोड़ी देर में मेरी बहन बोली- भैया, आज तुम मेरी प्यास बुझा ही दो, मैं अब सहन नहीं कर पा रही हूँ.
मैंने उसे देखा और कहा- तुम पक्की तरह से सोच लो … क्योंकि तुम अभी सीलपैक माल हो!

वह अपने होंठों पर अपनी जीभ फेरती हुई और वासना भरी आवाज में बोली- तुम आज अपने लंड से मेरी चूत फाड़ दो. मुझे अपनी रंडी बना लो.
मैंने कहा- ठीक है … चलो तुम नंगी हो जाओ. पहले हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को नंगा देखेंगे. उसके बाद जब हम दोनों गर्म हो जाएंगे तब चुदाई शुरू करेंगे.
उसने हामी भर दी.

एक पल बाद वह बोली- तुम ही मुझे नंगी करो.

मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर से उठाते हुए उसके जिस्म से अलग कर दी.

वह मेरे सामने एक सफेद रंग की ब्रा में थी.
उसके दोनों दूध बड़े ही मस्त लग रहे थे.

वह मेरी आंखों में देखती हुई बोली- आम नहीं चूसोगे?
मैंने कहा- आम चूसूँगा भी और इन्हें पिलपिला भी कर दूंगा.

यह कहते हुए मैंने अपनी बहन की ब्रा का हुक खोल दिया.

वह ऊपर से नंगी हो गई और मुझे अपने मम्मों को तान कर दिखाने लगी.

मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी और उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया.
वह आह आह करती हुई मुझसे अपने दूध चुसवाने लगी.

जब उसकी तरफ से सेक्सी रेस्पॉन्स मिलने लगा तो मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसकी ओर दिखाता हुआ अपने लंड को हिलाने लगा.

वह उठ कर अपने बेड पर चली गई और उसने अपना लोअर उतार कर अलग कर दिया.

अब मैंने अपनी बहन के सांवले बदन को निहारा.
वह एक काली पैंटी में गजब की माल लग रही थी.

आज मैं काफ़ी खुश था.

मैंने उसके पास जाकर उसे देखा तो वह बोली- भाई, आज तक आपने मुझे कभी चूमा नहीं है.

मैं नंगा था और उसके ऊपर चढ़ गया.
पहले मैंने अपनी बहन के दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में भरा और खूब दबाया.
उसी के साथ मैंने अपने होंठ अपने बहन के होंठों से लगा दिए.

वह आह आह करती हुई मेरे होंठों पर किसी भूखी कुतिया की तरह टूट पड़ी.

अगले 10 मिनट तक हम दोनों ने बेतहाशा चूमाचाटी की.

अब मैंने उसके बदन पर उस अकेली काली पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और नीचे खिसका दी.

आज मेरी सांवली बहन मुझे कोई हुस्न की परी लग रही थी.
पहली बार मैंने किसी लड़की को नंगी देखा था.

मैंने उसके होंठों पर फिर से अपने होंठ रख दिए और कुछ मिनट तक जीभ अन्दर डाल कर उसे किस किया.

वह सिर्फ़ मदहोश और चुदासी रांड की तरह मेरे लौड़े के नीचे दबी पड़ी थी.

मैंने नीचे खिसक कर उसकी चूत को देखा तो वह पानी से लथपथ पड़ी थी.
जीभ से मैंने उसकी चूत को ऊपर से नीचे तक चाट लिया.

वह एकदम से सिसक उठी और मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत को चटवाने की जद्दोजहद करने लगी.

फिर मैंने उठ कर उसकी चूत की पंखुड़ियों को फैला कर देखा तो मुझे एक मासूम सा मोती जैसा भूरे रंग का दाना दिखा.
मैं पागल ही हो गया था.

मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और उसे देर तक चाटा.
अपनी बहन की चूत का सारा रस मैंने चाट लिया और चूत के अन्दर जीभ डाल कर रस चूसने लगा.

वह कामातुर होकर मेरे मुँह पर अपनी चूत दबा रही थी.
कुछ देर बाद मैं चूत से हटा और उसके पूरे बदन को सहलाने लगा.

थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उसके बूब्स पर हमला किया.
मेरा एक हाथ उसके एक दूध पर था और दूसरा दूध मेरे मुँह में था.

मैंने काफ़ी देर तक उसके दोनों निप्पलों को अपने होंठों में भर कर चबाया और चुभलाया.
उसके दोनों बूब्स पिए.

वह लगातार चोदने के लिए कह रही थी.
मैंने भी चुदाई की तरफ अपना ध्यान स्थिर किया और चुदाई से पहले अपना लंड उसके मुँह में डाल कर काफ़ी देर तक अन्दर बाहर किया.

मेरा लंड काफी गीला और पूरा चिकना हो गया था.

अब बारी थी अपनी बहन की सील पैक चूत के उद्घाटन की.

मैंने उसके कमरे में ड्रेसिंग टेबल से नारियल का तेल लिया और उसकी चूत के अन्दर बोतल का मुँह लगा कर दबा दिया.
उसके अन्दर से काफ़ी सारा तेल उसकी चूत में चला गया.

तेल चूत को भर देने से बहकर बाहर आ रहा था.
मैंने बहते हुए तेल को उसकी चूत पर अच्छी तरह मला और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.

अब मैंने लंड चूत पर सैट किया और उसके होंठों पर अपने होंठ जमा कर आंख बंद करके जोरदार धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.

मेरी बहन जोर से हिली और उसे दर्द हुआ.
मैंने देखा कि वह बेहोश हो गई है लेकिन उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे.
उसकी चूत से खून बहने लगा था.

मैंने कुछ पल इंतजार किया और वापस एक धक्का दे दिया.
चिकनाहट जरूरत से ज्यादा थी तो मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर पूरा चला गया था.
उसकी आंखों से अभी भी आंसू आ रहे थे.

मैंने धक्के लगाना चालू रखे.
मैं धक्के देते हुए उसके मम्मों को भी मसल रहा था.

दस मिनट तक बहन की चूत चोदने के बाद मैंने अपनी बहन की चूत में ही पानी छोड़ दिया … और उसके ऊपर ही लेट गया.

कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर से उठा तो देखा, वह मुस्कुरा रही थी.

मैंने पूछा- कैसा लगा?
वह बोली- फट गई और दर्द हुआ … पर बाद में जब मजा आना शुरू हुआ तो तुम झड़ गए!

मैंने अपने लंड को मसला और कहा- पहले बार था तो ऐसा हुआ, अबकी बार फुल मजा आएगा.

सब कुछ साफ सफाई करके मैंने एक बार फिर से अपनी बहन की चूत चोदी और इस बार उसको भी चुदने में बेहद मजा आया.
इस बार भी उसकी चूत में ही झड़ गया था.

वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स के बाद अब हम दोनों थक गए थे, पर फिर भी साफ सफाई करना जरूरी था.
इसलिए मैं उठा और अपनी बहन को बांहों में लेकर बाथरूम में गया और उसको साफ करके सोफे पर लाकर लिटा दिया.

फिर बेडशीट को उठा कर मैंने बाथरूम में सर्फ में गलने डाल दिया.
उसके बाद मैंने भी नहाया ओर बेडशीट को धोकर सूखने के लिए बाहर डाल आया.

दूसरी बेडशीट अल्मारी में थी तो मैंने उसे बिछाया और बहन को कपड़े पहना कर उसे अपनी बांहों में लेकर सो गया.

अगले दिन मैं जल्दी उठा.
थोड़ी देर में मेरी बहन उठी.

वह बोली- भैया मेरी तबियत खराब हो गई है. मेरे पेट में दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं अभी दवा ले आता हूँ.

मैं मेडीकल स्टोर गया और वहां से दर्द कम करने वाली और मेरी बहन प्रेग्नेंट ना हो जाए, उसकी दवा ले आया.

प्रेग्नेन्सी वाली गोली मैंने दर्द की दवा के साथ देकर उसे सोने को कहा.
वह शाम को उठी तो सामान्य थी.

मैंने उसे मैगी बना कर खिलाई.
अब सब सामान्य हो गया था.

मैंने उसके दूध सहला कर कहा- आज का क्या प्रोग्राम है?

वह हंस दी और बोली- आज बहुत दर्द है … अब तो कभी भी ले लेना … मैं कहां भागी जा रही हूँ.

मैं भी हंस दिया और उसे अपनी बांहों में भर कर लेट गया.
हम दोनों चुंबन का मजा लेने लगे. वह मेरे लंड को हिलाने लगी.

कुछ देर बाद मैं झड़ गया और सो गया.
 
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