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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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मम्मी की गांड में मेरा लौड़ा



मेरा नाम ठोकसिंह छबीला है।
मैं जोधपुर, राजस्थान का रावणा राजपूत हूँ।
छबीला मेरा उपनाम है।

यह स्टोरी मेरी मम्मी के बारे में है।

संयोग से मेरी मम्मी का नाम छबीली है, वह 39 वर्ष की है, हालांकि दिखने में वो 35 की लगती है।
जबकि मैं 18 का हूँ।

मेरी मम्मी का बदन मांसल, भरा-भरा, तीखा और माफ़ करना, कुछ सेक्सी है।
पुत्र होते हुए भी मुझे कहना पड़ता है कि उसके स्तन अर्थात मम्में बहुत प्यारे-प्यारे और दूधिया हैं, और बड़े भी।

मम्मी का शारीरिक हुलिया बताना मेरा परम कर्तव्य है, सो बता रहा हूं।

मेरी मम्मी के शरीर के गठन में उसकी जांघें केले के पत्ते जैसी चिकनी, चौड़ी और लोचदार हैं। लेकिन सबसे मस्त हैं उसके नितम्ब।

ममम्मी कलाकार है, कलाधर्मी कहिये।
वह जलेबीबाई चस्का थिएटर में नर्तकी है, और अश्लील नृत्य में माहिर है।
मेरी दो बहनें भी उसके संग नाचती हैं।

इसमें मधुर बात यह है कि इस थिएटर में अपनी मम्मी व बहनों के साथ मैं भी शामिल होता हूँ.
लेकिन मैं नाचने का काम नहीं करता … सिर्फ सेक्सी चुहलबाजी का काम होता है मेरा यहाँ।
और इसी काम से हमारी आमदनी होती है।

सच कहूं तो बहुत अच्छी आमदनी होती है।
भगवान की दया है।
तो ऐसे वातावरण में मैं अपनी मम्मी-बहनों से काफी खुल जाता हूँ और ये गलत भी नहीं है।

अलबत्ता घर में हम साफ़-सुथरे रहते हैं लेकिन थिएटर का असर मेरे मन में धँसा रहता है तो कभी-कभी सेक्स विचार आ ही जाते हैं।

यह सही है कि जलेबीबाई थिएटर में मम्मी व मेरी दो बहनों का काम नाचना ही है लेकिन इसके बीच-बीच अश्लील दृश्य व अश्लील बातचीत का तड़का जरूर लगता है।

अब सच ये है कि उस वक्त मेरा कर्तव्य अपनी मम्मी व दो बहनों के साथ खुलकर खेलने का होता ही होता है, ख़ासकर मम्मी के साथ।

सच दोस्तो! बहुत बार मुझे ऐसे अश्लील दृश्यों में मम्मी के ऊपर चढ़ जाना पड़ता है या गुत्थम-गुत्था हो स्टेज पर लोट-पोट होना होता है।
ऐसे दृश्यों की रिहर्सल जाहिर है घर पर ही होती है।

ऐसी पहली रिहर्सल जब हुई तो मैं बहुत झिझक रहा था।
तब मम्मी ने ही मुझे समझाकर दुलार के साथ उसके ऊपर चढ़ने का काम सिखाया था।

पहली बार जब मैं मम्मी के बदन पर चढ़ा तो मुझे अजीब लगा लेकिन फिर अभ्यास हो गया।

यानी मम्मी के ऊपर चढ़ने का काम फतह हो गया, और जब स्टेज पर यही काम मैंने कर दिखाया तो देखने वालों को मज़ा आया।

लेकिन सिर्फ मम्मी के ऊपर चढ़ना पर्याप्त नहीं था।
उससे ज्यादा कठिन काम था अश्लील और गंदे शब्द बोलना। इस तरह के थिएटरों में गन्दा बोल बहुत चलता है।

लोगों की रूचि विकृत है लेकिन हमको ये करना पड़ता है।

मेरी झिझक दूर करने के लिए मेरी प्यारी मम्मी ने ही मुझे ‘भोसड़ी’, ‘लौड़ा, लंड, चूत-फुद्दी’ बोलना व बकना सिखाया।
मेरी दो बहनें तो बहुत आसानी व प्यार से ये शब्द बोल लेती थीं।

अश्लील बातचीत को कॉमेडी कहा जाता है इस लाइन में!
मैं ये बता दूँ कि बिल्कुल पहली बार जब मैं जलेबीबाई चस्का थिएटर के रंगमंच पर उतरा तब क्या हुआ था?

उस वक्त मेरी माँम लहंगा उठाकर अपनी टाँगें चौड़ी करके नाच रही थी, और दर्शकों को अश्लील इशारे भी कर रही थी।
उस पर जो गीत के बोल थे:
“तेरे लहंगे में गर्म मसाला, इसमें आगे से किसने डाला … तेरी टांगों के बीच, तेरी जांघों के बीच, छोरी ‘बेलन’ किसने डाला?”

एक और सुनिए:
“आठ इंच का केला तेरी चूत बीच पेला, तब लंडन का खेला तेरी गांड ने था झेला, अलबेला मेरी लैला, चुद्दी-फुद्दी कस लैला लोला-लोली वाला छैला घप्प घुस लंड ठेला।”

इस तरह के बोल व अश्लील नाच के वक्त मुझे अपनी मम्मी के लहंगे में छिपी उसकी ‘चूत’ की तरफ एक लम्बे डंडे से भद्दे इशारे करने होते थे।
इस इशारे का मतलब कुछ ये समझ में आता जैसे मैं अपनी माँ की चूत में वह डंडा पेल रहा हूँ।

बस ठीक इसके बाद मुझे अपनी मम्मी के पीछे लग, यानि उसकी गांड से सट कर एक धक्का देना था, और फिर आगे से मम्मी के ऊपर सबके सामने चढ़ जाना था।
फिर लोट-पोट का खेल होता।

कभी मम्मी मेरे पर तो कभी मैं उसके ऊपर। इस तरह के नाच व अश्लील दृश्यों के कारण हमारा थिएटर लोकप्रिय होने लगा, लेकिन अब लोग और ज्यादा अश्लील, खुले दृश्य चाहते थे।
अब थिएटर में नृत्य कम और गंदे दृश्य बढ़ने लगे।

ऐसे ही एक दृश्य में मुझे अपनी मम्मी के आगे से चिपट उसके मम्में एकदम नंगे करके दिखाने थे।
यह काम काफी अश्लील तो था लेकिन यह मुझे अपनी मम्मी के कहने पर करना पड़ा।
अच्छा ये था कि उस रात मम्मी ने ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।

मैंने अपनी मम्मी की भारी भारी छातियों पर मुंह मारा और ब्लाउज के बटन खोल मम्मी की मस्त उभारदार छातियों को एकदम नंगा करके सबको दिखा दिया।
यहाँ तक कि मैंने अपनी मम्मी की चूचियों को भी खींच कर सबको दिखाया। इसे ही कहते हैं रंगमंच की कला।

यह दृश्य मैंने बहुत कलाकौशल के साथ किया।
मम्मी के नंगधड़ंग मम्मों में मुंह मारते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी गांड पर टिका दिया व दूसरा हाथ मम्मी की जांघों के बीच छुपी उसकी चूत पर, आह्ह।

उस वक्त मैं सिर्फ एक निक्कर और पतला टीशर्ट पहने हुए था और ये करते वक्त मैंने अपनी टाँगें मम्मी की टांगों के बीच फंसा दी थी।
क्या ही अच्छा दृश्य था।
मगर लोग चाहते थे कि मैं अपनी मम्मी को पूरी तरह से नंगी करूं।

अगली रात का दृश्य ज्यादा अश्लील हो गया था।
इसमें मुझे अश्लील बोलते हुए अपनी ही मम्मी को सब देखने वालों की आँखों के सामने, अपनी जन्मदात्री मम्मी को भरपूर-भरपेट अर्थात एकदम नंगी करना था।

अब करना था तो करना था, लेकिन ये दृश्य करने से पहले मेरा हृदय जोर से धड़कने लगा।
वह तो मम्मी ने ही मुझे हिम्मत दी और घर पर तीन बार रिहर्सल किया तो काम बन गया।

ऐसे खुले कामुक दृश्यों के कारण थिएटर की शोहरत ऊंची होने लगी।

एक दिन एक सेठ हमारे पास आये और उसने मेरी मम्मी से बहुत देर तक एकांत में बात की।

मम्मी ने मुझे बताया- अब हमें कला धर्म के दूसरे मुकाम पर पहुंचना है। यह धर्म है नग्न फिल्मों में अपनी कला दिखाने का। इससे हमें गाड़ी, बंगला, बैंक बैलेंस व अच्छी शोहरत मिलने वाली है।

तब मम्मी बोली- स्टेज पर तो तुम मुझे दो-तीन बार मुझे मादरजात नंगी कर ही चुके हो। खुल कर अश्लील बोलना भी तुम्हें आ गया है। तुम्हारा संकोच भी ख़त्म हो गया है। तो अब एक अच्छे बेटे की तरह सच्चे सपूत बन अपनी मम्मी को नग्न कलाकौशल के परम धाम पहुँचाओ।

यह सुन कर व मम्मी का इरादा भांप कर मैंने हामी भर दी।
मैं समझ गया कि इसका मतलब क्या है।

तो फिर मैंने अपनी मम्मी को अच्छी तरह से देखा।
वाह, क्या मस्त माल थी … मोटे सुडौल मम्में, तीखी चूची, कोमल पेट, सुन्दर नाभि, पतली कमर, तनी हुई जांघों का खुमार, चिकनी तिकोनी चूत, और मस्त मटकती गांड।

फिर मम्मी ने भी मुझे ताका और बुदबुदाई- वाह, क्या कमसिन लौंडा है, हाय … इसका लंड मेरी भोसड़ी में जाएगा तो कितना मज़ा आएगा … आह्ह भगवान जी!

दूसरे ही दिन हमें सेठ के पोर्न स्टूडियो जाना था।
हमारी कला के बारे में सेठ के ख्याल अच्छे थे।
हम दोनों मम्मी-बेटे समझते थे कि नंगी फिल्म क्या होती है।

अब तो हम दोनों के शरीर में सेक्स का करंट भी चढ़ चुका था।
उफ़ … क्या बात थी कि बेटा अपनी मम्मी को चोदने और मम्मी अपने ही बेटे से चुदने को लालायित थी।

जब हम वहां पहुंचे तो हमें प्रोड्यूसर सेठ ने बताया कि इस काम को फिल्माने के लिए जो स्टाफ है वो सब जवान लड़कियों का है।
डायरेक्टर का नाम बेलारानी भोसले था, कैमरा चलाने वाली का नाम मधु था।

स्टूडियो में स्टाफ की 20 लड़कियों की भीड़ थी।
इन सब के सामने मुझे अपनी मम्मी को चोदना था।

कथा लेखिका कंचना कुमारी ने मुझे बताया कि इस फिल्म में एक बेटा अपनी मम्मी को अपनी दो बहनों के सामने चोदत़ा है।

जिन दो लड़कियों को फिल्म में मेरी बहनों का रोल करना था वो स्कूल गर्ल थी।
दोनों स्कर्ट व टॉप में थीं।
हम दोनों ने फिल्म की पटकथा पढ़ ली थी व संवाद समझ लिए थे।

फिर सेठ ने कहा कि वह हमें एक बार यह काम करके बताएगा, उसी तरह से हम दोनों को चुदाई का काम करना है। तब जो प्रोड्यूसर सेठ था झुम्मन लाल चुम्मन लाल शाह वह तपाक से नंगा हो गया।

सेठ का बदन बहुत भारी था, पेट आगे की ओर आया हुआ, पुट्ठे व पिंडलियाँ मजबूत।
उसका लंड 7 इंच का था व अंडकोष बड़े-बड़े थे।
झांटें ट्रिम थीं।

सेठ ने मुझसे कहा- अपनी मम्मी को नंगी कर, मैं उसे चोद कर दिखाऊंगा।
फिर बोला- चल रहण दे छोरे, मैं ही उसे नंगी करता हूँ. साली, क्या मस्त माल है।

सेठ मेरी मम्मी के पास पहुंचा और वह पीछे से मेरी मम्मी की गांड से सट गया।
उसका एक हाथ मम्मी की जीन्स की जिप पर और दूसरा हाथ मम्मों पर गया।

उसने मम्मी के गालों पर अपनी जीभ रगड़ी और बोला- आ जा मेरी जान, आज तुझे अपने लंड, अपने लौड़े की सैर कराता हूँ।
यह कह कर वो मेरी मम्मी को मेरे सामने ही नंगी करने लगा और अब मम्मी नंगधड़ंग थी।

उसने भी नखरे के साथ सेठ से कहा- हाय मेरे राजा, क्या मोटा … झोटे जैसा लंड है तेरा!
यह कह कर मम्मी ने सेठ का लौड़ा पकड़ लिया।

सेठ ने मेरी मम्मी की गांड में उंगली डाल दी और मम्मी ने सेठ की मोटी गांड को सहलाना शुरू कर दिया।

अब जो दो स्कूल गर्ल थीं उन दोनों ने मेरे कपड़े उतारे और मेरे लंड को सहलाने लगीं।
फिर दोनों लड़कियों ने मेरा लंड बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया जिससे वो पूरा बड़ा हो गया।

सेठ ने मुझे बुलाया और कहा- चल, अपनी मम्मी को चोद!
मम्मी ने भी मुझे बुलाया और कहा- आ जा बेटा, तू यही चाहता था न! तू अपनी मम्मी को चोदना चाहता है न, मेरा राजा बेटा!

मैं बोला- हाँ मम्मी, मैं तेरी भोसड़ी में अपना लंड घुसा घुसाकर तुझे मज़ा दूंगा, मेरी रानी!
मम्मी फुसफुसाई- हाय मेरा राजा बेटा, देखूं तो तेरा लौड़ा।

तब मैंने निहायत बेशर्मी से अपनी मम्मी को अपना नंगा लौड़ा दिखा ही दिया।

मम्मी उसे चूसने लगी और मैं मम्मी के मम्मों को मुंह में भर जुगाली करने लगा।
अब मेरा लौड़ा 7 इंच का हो गया था।
फिर मैं बोला- मम्मी, मैं तेरी भोसड़ी देखूंगा।

मम्मी बोली- देख न बेटा, अच्छी तरह से देख!
तब मम्मी ने अपनी चूत चौड़ी की और भीतर का हिस्सा दिखाया।
वो बोली- यही वो जगह है जहां से तुम पैदा होकर निकले हो।

मैं बोला- हाँ मम्मी, अब इसी में मैं अपना लंड पेल-पेलकर तुझे गर्भवती करूंगा, फिर मेरे सीमन (वीर्य) से बच्चा पैदा होगा।

मम्मी की भोसड़ी को मैंने अच्छी तरह से देखा, वो भीतर से गर्म और लाल थी।
क्या मस्त लसलसी चूत थी!

हरेक बेटे को अपनी मम्मी की नंगी चूत देखनी चाहिए।

मम्मी की चूत में मैंने उंगली की, पहले एक, फिर दो, फिर तीन।

तीनों उंगली आगे पीछे करते हुए मैं अपनी मॉम के गुप्तांग में घिस्से लगा रहा था।
उसे खूब चौड़ा किया और क्लिट तक अंगूठा घुसा उसे खूब छेड़ा।

उसी वक्त मेरी दोनों फ़िल्मी बहनें भी आ गई और बोलीं- भैया, अब मम्मी की फुद्दी में अपना डंडा फंसाओ, रगड़ो और मम्मी को तड़पा कर चोद दो।

मैंने मम्मी की गांड के नीचे तकिया रखा और चूत के मांस में अपना फूलकर मोटा हो चुका लंड घुसेड़ दिया।
मम्मी ने अपनी जांघें भरपूर चौड़ी कर रखी थीं और यह दृश्य निहायत अश्लील था।

मगर मादरचोद होने का मज़ा ही कुछ और है और मैं सौभाग्य से अपनी दो बहनों की आँखों के सामने अपनी जन्मदात्री मम्मी को चोद रहा था।
साथ-साथ मम्मी की गांड में उंगली भी कर रहा था।

मम्मी चिल्ला रही थी- आह … आह … हाय उफ़्फ …
मगर मैं कमर को कसकर पकड़े हुए मम्मी की भोसड़ी में शटिंग कर रहा था।

कुछ भी हो, लगातार पौना घंटा मैंने मम्मी की भोसड़ी रगड़ी।

फिर मेरे वीर्य का फव्वारा छूट गया जिसमें से मैंने कुछ मम्मी के मुंह पर उड़ेल दिया।
कसम से कह सकता हूँ कि इस रतिक्रिया में मेरे से ज्यादा मम्मी को मज़ा आया।

अब मेरी मम्मी का कर्तव्य था कि वो मेरे लंड को मुंह में भर उसे मजे से चूसे।
मेरे लौड़े का सुपारा भभका हुआ था और उसका डंडा मोटा और लंबा हो गया था।

मैंने मम्मी के मुंह को झंझोड़ा, उसके गालों पर झापड़ मारा, फिर अपने अंडकोष मम्मी के अधरों पर टिका दिए।

मम्मी के होंठों को मुंह में दो उंगली डाल जबरदस्ती करते हुए खोला और मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया।

मेरा लंड मम्मी को हलक तक चुभ रहा था।
वो बार-बार खांस रही थी।

मेरा लौड़ा जड़ समेत मम्मी के मुंह में घुस चुका था।

कम से कम आधे घंटे मम्मी की मुख चुदाई की उसके लायक बेटे, उसके सुपुत्र ने।

लकिन अभी एक मुख्य काम बाक़ी था।
सेठ ने शुरू में ही कह दिया था कि इस फिल्म में मुख्यतः तुम्हें अपनी मम्मी की गांड मारनी है, और बाद में बहनों की भी।
लेकिन दो घंटे तक तो सिर्फ और सिर्फ मम्मी की गांड मारने का सीन चलेगा।

अब सच ये है कि मैं मम्मी की गांड पर पहले से ही फ़िदा था; हमेशा सोचता कब और कैसे मम्मी की गांड को टटोलूं, उसके गोलकों को चौड़ा करके मम्मी की गांड का छेद देखूं।

पुरुष को चूत के बजाय गांड मारने में ही सच्चा मजा आता है।
बलिष्ठ और सच्चे मर्द ही गांड मार सकते हैं।

मैंने मम्मी की गांड पर थाप लगाईं और उसे सचेत किया।

मैं मम्मी के कानों में फुसफुसाया- मम्मी, अब मैं तेरी गांड मारूँगा!
मम्मी बोली- ना बेटा, यह गलत है।

मैंने हँसते हुए कहा- नहीं मम्मी, आजकल अच्छे बेटे अपनी मम्मी-बहनों की गांड जरूर से जरूर मारते हैं, तू एक बार मरवा कर तो देख, गांड मरवाने में कितना मज़ा आता है। हाँ, शुरू में थोड़ा दर्द होगा, मगर बाद में तुम उछल पड़ोगी।

कह कर मैंने अपनी प्यारी मम्मी की गांड सहलाई, थपथपाई और उसकी गांड के गोलकों को मथने लगा।
दोनों बहनों से कहा कि वे मम्मी के गोलकों को कस कर पकड़ें।
साथ ही मम्मी की गांड का मुहाना विपरीत दिशा में चौड़ा करें ताकि मैं अपनी प्यारी मम्मी की गांड का छेद अच्छे से से देख सकूं।

मम्मी के साथ यह काम मैं बल लगा कर करने लगा।

मैंने मम्मी की गांड के छेद में थूका, फिर पेशाब किया, फिर क्रीम लगाई और फिर उंगली करके अंदर तक पहुंचाई।

अब गांड लौड़ा घुसाने लायक हो गई थी।
फिर मैंने एक बार ही में जोर का धक्का दिया तो 3 इंच घुस गया मेरा लौड़ा।

इस समय मम्मी के मुंह से चीख निकली लेकिन मैंने उसका मुंह दबोच दिया।
मित्रो, गांड मारने का मज़ा ही कुछ और होता है।

गांड मारने के साथ मैं अपनी मॉम की चूत में उंगली भी कर रहा था। मम्मी हाय-तोबा मचा रही थी लेकिन मैंने साली को छोड़ा नहीं।

एक रंडी की तरह उसकी गांड मारने का कार्यक्रम मैंने किया।
सेठ मेरे इस Xxx पोर्न एक्ट सेक्स से खुश था।

उसने अपनी मोटी-ताज़ी सेठानी से बोला कि वो मेरी गांड के पीछे नंगी हो चिपक जाए और मेरी गांड को धक्का दे, इससे मेरा लौड़ा मम्मी की गांड में जड़ तक जम जाएगा।

यहाँ बताने लायक बात ये है कि मेरे बाद सेठ ने भी अपना लौड़ा मेरी मम्मी की गांड में ठोका।

सेठ के फारिग होने के बाद मैंने दोबारा से मम्मी की गांड मारना शुरू किया।
अब तो मम्मी को भी मज़ा आने लगा।

वह इस कुत्सित आनंद के कारण सुखपूर्वक आह … आह … आह्ह करती चली जा रही थी।
मैं जोर जोर से शिकारी कुत्ते की तरह उसकी गांड मारे चला जा रहा था।

मम्मी चुदास के आनंद के वशीभूत होकर चीखी- आह्ह मेरे बेटे … शाबाश … आह्ह और चोद … मार अपनी मम्मी की गांड … आह् … हाय … क्या मजा दे रहा है मेरा लाल … तूने मेरे दूध की लाज रख ली।

दोस्तो, मैं मम्मी की गांड में ही खाली हो गया
 

junglecouple1984

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मामी की चूत और कुंवारी गांड मिली




यह बात 2010 की है.
उससे पहले मैंने कभी किसी लड़की या औरत के साथ चुदाई नहीं की थी और न ही कभी मुठ मारी थी.

उस वक्त तक मुझे सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं था.

यह Xxx मामी फक कहानी उन दिनों की है, जब मेरे मामा की नई नई शादी हुई थी.

उस समय मेरी 19 साल थी और मामी की उम्र 22 साल की थी.
वे दिखने में बेहद ही खूबसूरत थीं.
उनका रंग एकदम दूध सा गोरा था और शरीर भरा हुआ था.

शादी के दो महीने बाद मामा काम के सिलसिले में शहर चले गए थे.
इसलिए उस समय घर में नाना, नानी और मामी ही थीं.

एक दिन मैं अपने चाचा की शादी का कार्ड देने मामा के घर गया हुआ था और शाम होने की वजह से मैं वहीं रुक गया.

मामा की शादी के बाद मैं पहली बार मामी से मिला था.

कुछ ही घंटों में मामी से मेरी अच्छी जान पहचान हो गई.
हम दोनों रात होने से पहले एक दूसरे से काफी हंसी मजाक करते रहे.

मेरे मामा का घर बहुत बड़ा था लेकिन सिर्फ आगे का हिस्सा ही पूरी तरह बना हुआ था.
जबकि पीछे के हिस्सा चारों तरफ से 7 फुट की बाउंड्री बना कर यूं ही छोड़ दिया गया था.

रात को खाना खाने के बाद, नाना और नानी घर के बाहर सोने चले गए.

गर्मियों में गांव के लोग ज्यादातर घर से बाहर ही सोते हैं.

काफी गर्मी होने के कारण मामी ने घर के पीछे बाउंड्री वाले ओपन ग्राउंड में ही मेरा और अपना बिस्तर अलग अलग चारपाई पर लगा दिया.

बिस्तर लगाने के बाद मैं मामी के साथ छेड़खानी करने लगा.
मामी ने भी मजाक मजाक में मुझे बिस्तर पर पटक कर मेरे ऊपर चढ़ गईं.

पहली बार किसी औरत कर स्पर्श पाकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे बहुत मजा आने लगा.
कुछ देर तक हम दोनों पटका पटकी करते रहे.

फिर जब मामी को अहसास हुआ कि मेरा लंड खड़ा हो गया है तो वे मेरे गाल पर किस करके हंसती हुई मुझे छोड़ कर अपने बिस्तर पर चली गईं.

उनके जाने के बाद मैं अपने हाथ से ही अपने लंड को दबा कर शान्त करने लगा.

शायद मामी की भी चूत में आग लग चुकी थी.
लेकिन मेरी तरफ से कोई प्रक्रिया न पाकर मामी खुद ही बोलीं- अक्की … तुम्हारे अन्दर दम नहीं है, अगर दम होता तो तुम मेरे बिस्तर पर आकर अपना किस वापिस लेकर चले जाते.

इतना सुनते ही मैं झट से मामी के बिस्तर पर जाकर उनके बगल में सीधा होकर लेट गया.
लेकिन उन्हें छूने की हिम्मत अब भी नहीं हो रही थी.

उस वक्त मामी आसमानी रंग की साड़ी पहनी हुई थीं और उनके जिस्म की खुशबू मुझे रह रह कर और कामुक कर रही थी.

मामी- बस इतनी ही हिम्मत है?
मैं- पहले आप मेरा किस वापिस कर दीजिए, फिर आपको अपनी हिम्मत दिखाता हूं.

मामी समझ चुकी थीं कि मैं डर रहा हूं.
फिर मामी ने धीरे से अपना पेटीकोट ऊपर करके मेरा हाथ अपनी नंगी चूत पर रख दिया और बोलीं- बस किस ही चाहिए?

मैं पहली बार किसी चूत को छू रहा था.

वाह … क्या चूत थी मामी की … एकदम मख़मली और बहुत ही बड़ी शायद कामसूत्र में कही हुई ‘हथिनी योनि’ जैसी!
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.

बिना कुछ बोले मैं मामी के अन्दर चल रही कामभावना को समझ चुका था.

आज मेरे लंड को पहली चूत मिलने वाली थी इसलिए मैं कुछ नहीं बोला, बस धीरे धीरे उनकी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगा.

मामी को सांसें तेज होने लगीं.
वे मेरे हाथ पर अपना हाथ रख कर अपनी चूत सहलवाती हुई सिसकारियां लेने लगीं- आह्ह्ह … उम्मम्म … उह्ह!

दो मिनट तक चूत सहलाने के बाद मुझे अहसास हुआ कि उनकी चूत से चिपचिपा पानी जैसा कुछ निकाल रहा है.
वह पदार्थ बिलकुल गर्म घी की तरह था.

अब मेरा लंड उनकी चूत मे जाने के लिए बेचैन हो गया था.

मैं झट से मामी के ऊपर चढ़ कर चुदाई की पोजीशन में आ गया और अपना लंड उनकी चूत पर सैट करने लगा.
मामी भी मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ती हुई बोलीं- मुझे पता है कि तुम पहली बार कर रहे हो और तुम्हें कुछ पता नहीं है, लेकिन मैं जैसा बोल रही हूं बस वैसा करो और वह भी बिना कुछ सवाल किए, तभी हम दोनों अच्छे से मजा ले पाएंगे!

मैंने उनकी तरफ देखते हुए ‘हां’ में अपना सर हिला दिया.
मामी ने धीरे से मेरे कान में कहा- पहले नीचे सरक कर मेरी चूत चाटो.

मैं- छी: … मामी यह मुझे नहीं हो पाएगा.
मामी गुस्से में बोली- ठीक है. तब तुम अपनी जगह जाकर सो जाओ, कुछ करने की जरूरत नहीं है.

मैं पहली बार चूत चोदने के लिए काफी उत्सुक था इसलिए मैं उन्हें गुस्से में देख कर रिक्वेस्ट करते हुए बोला- प्लीज़ मामी. मैंने आज से पहले ऐसा कुछ नहीं किया है और मुझे आता भी नहीं है.
मामी मेरे सर का पकड़ कर मुझे किस करती हुई आगे को हुईं और उन्होंने अपनी पूरी जीभ मेरे मुँह के अन्दर डाल दी.

मैंने भी मामी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनके होंठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.

मामी जी भी मेरा साथ देने लग गई थीं.
धीरे धीरे मेरा हाथ मामी जी के स्तनों पर जा पहुंचा, मैं ब्लाउज के ऊपर से ही स्तनों को सहलाने लगा.

मामी भी मेरी पीठ को अपने हाथों से सहला रही थीं.
मैंने मामी जी की होंठ चुसाई के बाद उनकी गर्दन पर चूमना चालू कर दिया.

मामी जी गर्म हो गई थीं, वे मेरा पूरा साथ दे रहीं थीं.
उफ्फ … उनके होंठों का स्वाद मुझे पागल कर रहा था.

हम दोनों एक दूसरे की जीभ और होंठों को बेतहाशा चूसने लगे थे.
कभी कभी तो ऐसा लगता कि मामी मुझे पूरा खा जाना चाहती हैं.

कुछ देर बाद मामी मुझे अलग करती हुई बोलीं- कैसा लगा?
मैं- अहह मामी … मजा मजा आ गया.

फिर मामी मेरे सर पकड़ कर नीचे करती हुई बोलीं- जैसे कुत्ते पानी पीते हैं, बस वैसे अपनी जीभ से मेरी चूत चाटो. उसके बाद तुम्हें और भी मजा आएगा.

मैं समझ गया था कि बिना चूत चाटे वे अपनी चूत नहीं चोदने देंगी.
इसलिए बिना झिझके मैं उनकी दोनों टांगों के बीच आ गया.

चांदनी रात में मामी की नंगी जवानी क्या मस्त लग रही थी.
मामी जी की चूत रात में एकदम चमाचमा उठी थी.
उनकी चिकनी चूत कामरस से भीगी हुई थी.

इस तरह चूत के दीदार करने के साथ मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में घुसा दी.
मामी जी एकदम से तिलमिला उठीं.

फिर मैं धीरे धीरे उनकी चूत को जीभ से सहलाने लगा.
मैं उनकी चूत की दोनों पंखुड़ियों के बीच की दरार में अपनी जीभ नीचे से ऊपर करके चूत चाटने लगा.

मामी की सांसें तेज होने लगीं- आआह … उईई … ओह्ह … अई!
वे मादक सिसकारियां भरने लगीं.

अचानक से वे मुझे अपने ऊपर खींच कर मेरी चड्डी को निकल कर फेंकती हुई बोलीं- आह्ह्ह … मजा आ गया … अब तुम जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे चोद दो.

मेरा लंड कब से इस पल का इंतजार कर रहा था.
मैं जल्दी से अपने हाथ में लंड को पकड़ कर उनकी चूत पर इधर उधर फिराने लगा.
लेकिन मुझे उनकी चूत का छेद नहीं मिल रहा था.

मामी थोड़ी मुस्कुराती हुई मेरे हाथ से लंड अपनी हाथ में लेती हुई बोलीं- मेरे राजा … तुम तो एक छेद भी नहीं ढूंढ पा रहे हो … मेरी चुदाई कैसे करोगे?

फिर वे हंसती हुई अपनी चूत की छेद पर मेरे लंड सैट करती हुई बोलीं- अब धीरे धीरे अन्दर धकेलो.
उनकी बात सुन कर मुझे बहुत बुरा लगा और उन पर गुस्सा आने लगा.

मैंने गुस्से में अपनी पूरी ताकत के साथ एक ही झटके में अपना पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया.
उस वक्त मेरा लंड सिर्फ पांच इंच का ही था.

मामी की चुदाई शायद काफी दिनों से हुई नहीं थी और मेरे एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर जाने से वह तिलमिला उठीं- अह्ह्ह … बहनचोद … उह्ह्ह … मर गई मादरचोद रुक जा भोसड़ी के!
वे मुझे गन्दी गन्दी गालियां देने लगीं.

मैं उनके दर्द के परवाह किए बगैर ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
मामी को मैं इतनी तेजी से चोदने लगा कि पट … पट … अह्ह हम्म्म उह्ह … आउच … की आवाजें गूंजने लगीं.

उनकी जोर जोर से चीख निकलने लगी- आह आआआ … हा … उम्म्ह … अहह मर गई प्लीज़ … आराम से करो, बहुत दर्द हो रहा है.
लेकिन मैंने अपना काम जारी रखा.

कुछ धक्के मारने के बाद अब उनका दर्द भी कम हो गया था, वे भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई करवाने लगीं.
उनको भी मजा आने लगा और वे अब जोर जोर से सिसकारियां भर रही थीं- ऊफ्फ … ऊऊ श्श्श्श श्श्श्ह्स … म्म्म्ह म्म्म्म्म … चोदो और चोदो मुझे अक्की … मेरी चूत की प्यास बुझा दो … फाड़ डालो मेरी चूत!

करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा.

मैंने एक आह्ह्ह … के साथ अपना पहला गाढ़ा वीर्य उनकी चूत में छोड़ दिया और उनके बगल में लेट गया.

मामी उठ कर बैठती हुई बोलीं- मुझे पता था कि तुम जल्दी झड़ जाओगे.
मैं शर्म के वजह से कुछ नहीं बोला.

मामी अपनी साड़ी को निकालती हुई मुझे देखने लगीं और साड़ी के साथ ही उन्होंने अपने ब्लाउज को भी निकल दिया.
अब वह सिर्फ पेटीकोट और ब्रा में थीं.

फिर उन्होंने अपने पेटीकोट को ऊपर करके अपनी एक टांग मेरे मुरझाए हुए लंड पर रख दी और अपने हाथ से पकड़ कर मेरे लंड को सहलाती हुई अपना आधा शरीर मेरे ऊपर रख कर लेट गईं.

मैंने भी अपना एक हाथ उनकी गांड पर रख दिया और एक हाथ से उनकी चूचियों को दबाने लगा.
एक बार फिर उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- उम्म्ह … अहह … हय … याह … आआ आह्हह!

नीचे उनके पैर मेरे पैरों पर रेंग रहे थे.

मैं फिर से ऊपर आकर उनके निर्वस्त्र स्तनों पर जीभ फेरने लगा.
मामी के मुँह से तो बस मादक सिसकारियां निकली जा रही थीं- अह्ह्ह ह्ह्ह्ह … मम्म … और जोर से!

कुछ देर बाद मेरा लंड एक बार और खड़ा हो गया.
अब मामी जी ने कहा- अब तुम नीचे लेट जाओ, मैं तुम्हारे लंड पर बैठ कर अपनी चूत चुदवाऊंगी.

मैं बिस्तर पर सीधा होकर लेट गया.

पहले तो वे मेरे लौड़े को अपने होंठों पर रख कर मुँह के अन्दर लेने लगीं और उसे कुल्फी की तरफ चूसने लगीं.

पहली बार मेरा लंड किसी युवती के मुँह में था, जिससे मेरे मुँह से मादक आवाजें निकलने लगी थीं- आह … हहहह … इस्स … चूस साली रण्डी बड़ा मजा आ रहा है!

मैं भी उत्तेजना से उनके मुँह में अपना लंड घपाघप पेले जा रहा था.
उनके मुँह में इस तरह से लंड पेलने से गों … गों … की आवाज आ रही थी जिससे मैं और उत्तेजित होकर उन्हें और जोर से पेल रहा था.

उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.
करीब पांच मिनट बाद उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला.

मेरा लंड उनकी लार से भीग चुका था.

उसके बाद जल्दी से मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट करके वे धीरे धीरे बैठने लगीं.
मामी के मुँह से ‘आआह … उऊऊ उफ फफ्फ़ … सईई … ’ की आवाजें निकल रही थीं.

मेरा लंड अब पूरी तरह से उनकी चूत में घुस गया था.
मामी जी जोर जोर से सिसकारियां भर रही थीं.

अब मैंने नीचे से ही धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए.
मामी को मज़ा आने लगा.

वे मुझसे कहने लगीं- उम्म्ह … अहह … हय … याह … ओर जोर से … जोर जोर से चोदो मुझे अक्की!
मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, मामी भी अपनी कमर को अपने चूतड़ों को उछाल उछाल कर चुद रही थीं.

मामी पूरे जोश में बोल रही थीं- आह आह्ह उई … उम्म्ह … अहह … हय … याह … उफ ओ आह्ह … अक्की और तेज पेलो … अह्ह्ह!
इस तरह करीब पांच मिनट के बाद चुदाई करते हुए अचानक उनकी सांसें भी जोर जोर से चलने लगीं.

इसी बीच मामी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और चिल्लाईं- आआह हुउऊ सस्सीईई …
बस यही सब करते करते उन्होंने अपना गर्म गर्म पानी छोड़ दिया और बगल में लेट गईं.

हम दोनों पसीने से भीग चुके थे लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा था.

मैंने गुस्से में मामी के बालों को पकड़ते हुए गाल पर खींच कर तमाचा मार दिया और गाली देने लगा- साली रण्डी, जब पहली बार मैं झड़ गया था, तब बहुत नाटक कर रही थी. अब तेरी चूत का पानी निकल गया तो आराम करने लगी. इतनी ही गर्मी थी तुम में, गांड फट गई तेरी!

उनकी आंखों में आँसू आ गए.
मामी दर्द से अह्ह्ह … करके हुए बोली- मादरचोद … तू तो बहुत जल्दी चोदूं बन गया!

मैं फिर एक तमाचा मरते हुए बोला- हां साली … तूने आज मेरी नुन्नू को लौड़ा बना दिया. मेरे कुंवारे लंड का पहला मजा ले लिया!
इस बार मामी ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर सोचती हुई बोलीं- मेरी एक चीज कुंवारी बची है, जो मैं तुम्हें दे सकती हूं. जिससे तेरा लंड शांत हो जाएगा.

मैं- क्या?
मामी चारपाई से उठती हुई बोलीं- चल मेरे साथ कमरे में, वहीं बताऊंगी.
मैं बिना कुछ बोले नंगा ही उनके साथ चल दिया.

मामी के कमरे के अन्दर अंधेरा था, कुछ भी साफ नहीं दिखाई दे रहा था.
मैंने मामी से लाइट चालू करने के लिए कहा, तो उन्होंने मना कर दिया.

वे बोलीं- लाइट चालू होगी तो मम्मी पापा को पता चल जाएगा कि हम दोनों जागे हुए हैं.
इस पर मैं बोला- हां ठीक है, लेकिन जल्दी बताओ कि आपके पास ऐसा क्या है, जो आपकी अब तक कुंवारी है? प्लीज जल्दी बताओ मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

मामी ने मेरा हाथ पकड़ा और उसे अपनी मखमली गांड पर रखती हुई बोलीं- ये रही मेरी कुंवारी मख़मली गांड, जो आज तक किसी ने नहीं मारी. आज तुम इसे खोल कर मार लो.

मैं उनकी गांड को दबाते हुए बोला- वाउ … मामी हो तो आपकी जैसी!

मामी ने बगल की अलमारी से वैसलीन निकाल कर मेरे लंड पर लगाना शुरू किया.
वे लंड की मसाज करती हुई बोलीं- कुंवारे लंड के लिए कुंवारी गांड तो बनती है!

फिर मामी जल्दी से बेड पर चढ़ कर घोड़ी बनती हुई बोलीं- आओ जल्दी से और मेरी गांड में अपना लंड पेल कर इसकी सील तोड़ दो. तुम्हारे मामा जी ने तो आज तक इसको छुआ तक नहीं है … इसलिए प्लीज थोड़ा रहम दिखाना और आराम से उद्घाटन करना.
मैं ‘ठीक है!’ बोल कर मामी की गांड मारने पीछे की तरफ आ गया.

मैंने मामी जी की कमर को जोर से पकड़ लिया और लंड का सुपारा गांड के छेद पर लगा दिया.

कोरी करारी गांड पर लंड का गर्म गर्म स्पर्श होते ही मामी के बदन में एक सिहरन सी दौड़ गई.
मैंने धीरे से अन्दर की ओर दबाव बनाया और सुपारे को मामी की गांड के पहले छल्ले में फंसा दिया.

लंड पर वैसलीन लगने की वजह से एक ही बार मेरे लंड का सुपारा मामी जी की गांड में चला गया.
जैसे ही सुपारे का हमला हुआ तो उस वजह वे ज़ोर से चीख पड़ीं- आईईई मैं मर गई … प्लीज … आराम से आह्ह … उई आह आहिस्ते आहिस्ते डालो … प्लीज़ दर्द हो रहा है. मैं पहली बार गांड मरवा रही हूं.

मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया उसके बाद मैंने अपने लंड को एक बार थोड़ा सा बाहर खींचा और फिर से एक धक्का लगा दिया.

इस बार लगभग मेरा आधा लंड मामी की गांड की गहराई में उतर गया था.
मामी के मुँह से फिर से चीख निकल गई- इईईई … श्श्शशश … अआह … उम्म्ह!

उन्होंने कसकर बेडशीट पकड़ ली और अपनी आंखें बंद कर लीं.
मैंने देखा कि मामी की आँखों में से पानी निकल आया था.
मैं थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा.

जैसे ही मामी थोड़ी नॉर्मल हुईं, मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए.
अब उनको भी मज़ा आ रहा था.
वे मादक कराह लेती हुई सिसकारने लगी थीं- हाईई रे … हाई … इसमें तो चूत से भी ज़्यादा मज़ा आता है … और कसकर पेलो मेरे राजा … हाईईई रे सच में बहुत मजा आ रहा है … सीई हाईई … और रगड़ कर चोदो … आह सीईई ईई और कसकर … हाय माँ … आआह … मजा आ गया रे!

यह सुनकर मैं अब उनको बस धकापेल चोदने लगा और ताबड़तोड़ गांड को तबला समझ कर बजाता ही जा रहा था.
वे ‘उफ्फ्फ … स्स्स्सस … ’ करती जा रही थीं.

अब मेरी गोटियां भी मामी के मुलायम नितंबों से टकरा रही थीं.
मैं थूक टपकाता जा रहा था और मस्ती से अपने लंड को मामी की गांड में अन्दर बाहर कर रहा था.

उनकी मक्खन जैसी कोमल मुलायम गांड में मेरा लंड बड़े प्यार से चल रहा था.
साथ ही मैं अपने हाथ की उंगलियों से उनकी चूत के दाने को भी मसल रहा था.

इससे कुछ ही देर में मामी जी बहुत ही उत्तेजित हो गई थीं- अहह हहाआ इईई … श्शशश … आआह … मज़ा आ गया … ऊफ्फफ … फाड़ दे अपने लौड़े से मेरी गांड … अया … अब तो मैं तेरी बीवी हो गई हूँ … आअह सुहागरात को तेरे मामा जी ने मेरी कुंवारी चूत चोदी थी और आज तुम उईई … अहह हहाआ … मेरी कुंवारी गांड मार रहे हो … आह … चोद मेरे राजा चोद मुझे … जी भर के चोद आआअ … उम्म उफ्फ़ हाय मजा आ गया!

इसी के साथ मेरे धक्के और भी तेज होते जा रहे थे, मैं मामी जी को पूरे जोश के साथ चोद रहा था.
Xxx मामी फक करते हुए मेरा लंड पच पच की आवाज के साथ अन्दर बाहर हो रहा था.

मैं- मामी जी मेरी जान, आपने तो मुझे जन्नत की सैर ही करवा दी आह … मेरी जान … मैं तो … मैं … तो … ग … गयाआ … आआह … मेरा पानी निकलने वाला है, कहां निकालूँ?
मामी बोलीं- मेरी गांड में ही अपना पानी निकाल दो!

फिर मैंने ‘ये आअहह … ऊहह … लो’ कहा और उनकी गांड में ही अपना वीर्य छोड़ दिया.
मैं सारा वीर्य उनकी गांड में आखिरी बूँद तक डालकर ऐसे ही कुछ देर तक उनके ऊपर लेटा रहा.

फिर जब मैंने अपना आधा सिकुड़ा हुआ लंड उनकी गांड से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि उनकी गांड मेरे वीर्य से लबालब भरी हुई थी और लंड की रगड़ से लाल हो गई थी.
उनकी गांड से थोड़ा थोड़ा करके वीर्य उनकी चूत की तरफ बहने लगा था.

थोड़ी देर बाद मामी ने उठ कर अपनी चूत और गांड को बेडशीट से अच्छे से पौंछ कर साफ किया.

उसके बाद हम दोनों फिर बाहर चारपाई पर आ गए और सुबह तक चुदाई करते रहे.

उस दिन सुबह में मामी ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं.
यह देख कर मैं मुस्कुरा रहा था.

 

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बीवी की अदला बदली कर चुदाई का मजा





दोस्तो, मेरा नाम राजा है.
मैं एम पी का रहने वाला हूं.

मेरी पत्नी का नाम प्रिया है.
वह दिखने मैं थोड़ी दुबली है लेकिन ज्यादा नहीं!
वह बहुत सुंदर दिखती है.

दोस्तो, मैं आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए सीधे कहानी पर आता हूं.
मैं बहुत दिनों से सेक्स कहानी पढ़ता आ रहा हूं, जिसमें मुझे बीवी की अदला बदली की कहानी बहुत पसंद आई.

तो मैंने भी सोचा क्यों ना मैं भी बीवी बदल कर किसी के साथ चुदाई करूं.

बस अब मैं इस बात को लेकर संजीदा हो गया और सही जोड़े की तलाश करने लगा.

अब यह कुछ इस तरह की बात है कि किसी से सीधे सीधे पूछा भी नहीं जा सकता था कि क्यों भाई आप अपनी बीवी को मेरे साथ चुदवा सकते हो!

मतलब यदि किसी से यह कहा जाए कि क्यों भाई आप मेरी बीवी को चोद सकते हो … तो शायद ही कोई ऐसा मर्द होगा जो इस ऑफर को ठुकरा देगा, पर किसी से उसकी बीवी चोदने की बात पर तो बखेड़ा खड़ा होने का अंदेशा था.

बस इसी उधेड़बुन में समय निकलता गया और मुझे कोई भी ऐसा बंदा नहीं मिला.

फिर एक दिन मैं और मेरी पत्नी इंदौर जा रहे थे, तभी मुझे एक दोस्त मिल गया.
हालांकि वह था तो अजनबी … पर रास्ते में ही मेरी उससे दोस्ती हो गई थी.

उसका नाम रोहण था और वह इंदौर का ही रहने वाला था.
उसके साथ उसकी पत्नी भी थी.
उसका नाम राखी था.

रोहण मुझसे बोला- क्यों ना हम दोनों एक ही स्लीपर में हो जाएं और ये दोनों लेडीज एक स्लीपर में हो जाएं.
मैंने कह दिया- हां चलो ठीक है.

हम दोनों एक ही स्लीपर में चले गए.

हम दोनों स्लीपर में पहुंचे और थोड़ी देर बातें करने के बाद मेरा दोस्त सो गया.

मैंने सोचा क्यों ना मैं सेक्स कहानी पढ़ूँ.
मैं मोबाईल में Xforum फ्री सेक्स कहानी पढ़ने लगा.

अभी मैं सेक्स कहानी पढ़ ही रहा था कि मुझे अहसास हुआ कि मेरा साथी रोहण जाग रहा है.

मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने पूछा- क्या पढ़ रहे हो?
मैं जल्दी से साईट बंद करने वाला था, तो रोहण ने कहा- जरा दिखाओ तो यार, मुझे भी पढ़ना है!

मैं सेक्स कहानी पढ़ रहा था तो मैंने उसके साथ कहानी पढ़ना शुरू कर दी.
अब हम दोनों कहानी का मजा लेने लगे.

कहानी पढ़ते-पढ़ते वाइफ चेंज Xxx कहानी पढ़ने लगे थे.
तो उसने कहा- क्यों ना भाई ऐसा हमारे साथ हो!

तो मैंने कहा- हां यार मैं तो कब से तैयार हूं, पर कोई मिलता ही नहीं!
उसने धीमी आवाज में कहा- क्यों ना मैं अपनी वाइफ राखी को मना कर देखूं और तुम अपनी वाइफ को!

मैंने कहा- अगर ऐसा हो गया तो मजा आ जाएगा भाई!
हम दोनों उसके बाद इसी मुद्दे पर चर्च करते रहे और एक दूसरे की बीवी के बारे में बातें करते रहे.
कुछ देर बाद हम दोनों सो गए.

अब सुबह हो गई, हम लोग इंदौर पहुंच गए.
उधर पहुंचकर हम दोनों ने एक दूसरे के फोन नंबर ले लिए.

दो दिन बाद मेरे दोस्त का कॉल आया.
उसने कहा- क्यों भाई अपनी बीवी से बात की तुमने?
मैंने कहा- अभी नहीं की.

तो उसने कहा- मैंने अपनी बीवी से बात की थी और वह मान गई है. अब तू भी अपनी बीवी से बात कर ले. अगर वह भी मान जाए तो हम लोग कल ही सेक्स के लिए आ जाएंगे.
मैंने ओके कहा.

बाद में मैंने अपनी बीवी से इस बारे में बात की तो उसने साफ मना कर दिया कि वह ऐसा नहीं करेगी.

फरात को जब मैं उसकी चुदाई कर रहा था तो उसने मुझसे कहा- तुम दिन में क्या बोल रहे थे? मैं तुम्हें ऐसा सेक्स नहीं करने दूंगी!

मैंने उसे चोदते हुए कहा- बेबी बहुत मजा आता है ऐसा करने में … लाइफ में इंजॉय करना चाहिए … खुल कर जियो यार … तुम एक बार करके देखोगी तो तुम्हें बहुत मजा आएगा.
फिर मैंने उसे बीवी अदला-बदली की चुदाई वाली वीडियो भी दिखाई और कहानी भी पढ़ाई.

अब उसके मन में कुछ विचार आया.
वह मुझसे बोली- मैं किसी और के साथ सेक्स करूंगी तो तुम्हें बुरा नहीं लगेगा?
मैंने कहा- मुझे बुरा नहीं लगेगा, मैं भी तो उसकी बीवी के साथ सेक्स करूंगा!

उसने कहा- लेकिन हम एक ही कमरे में करेंगे, अकेले में मुझे किसी और के साथ सेक्स करने में डर लगेगा!
मैंने कहा- हां, हम चारों एक ही कमरे में सेक्स करेंगे!

अब वह मान गई.

बस फिर क्या था … मैंने झट से अपने दोस्त को फोन लगाया और उससे कहा कि कल रात को आ जाना!
रात को करीब 7:30 बजे वे दोनों लोग जब हमारे घर आए तो मैंने दरवाजा खोला और वे अन्दर आ गए.

अन्दर आते ही उसकी बीवी राखी मेरे पास बैठ गई.
हम सबने हंसी मजाक किया और एक दूसरे से सहज हो गए.

फिर हम सबने साथ में खाना खाया और सभी लोग आपस में बातें करने लगे.

रात को करीब 10:30 बजे मैंने कहा- क्या हम लोग बातें ही करते रहेंगे या जिस काम के लिए हम लोग आए हैं, वह काम भी करेंगे?

यह सुनकर मेरी बीवी शर्मा गई और उसकी बीवी भी शर्मा गई.
दोस्त ने कहा- भाई तू ही पहले शुरू कर!

मैंने उसकी बीवी का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उसके गाल का किस ले लिया.
उसने भी मेरी बीवी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और किस करने लगा.

अब माहौल बनने लगा.

धीरे धीरे हम चारों उन्मादित होते गए और जल्द ही हम दोनों मर्दों ने दोनों औरतों के कपड़े उतार दिए.
वे दोनों बिल्कुल नंगी हो गईं.

कुछ देर बाद हमने अपने भी कपड़े खोल दिए.

मैंने देखा कि मेरे दोस्त का लंड काफी तगड़ा था.
उसका लंड मेरे लंड से थोड़ा सा ज्यादा मोटा जरूर था लेकिन लंबा नहीं था.

बस फिर क्या था … हम दोनों ने अपनी बीवियों की चूत चाटनी शुरू कर दी.
मैंने उसकी बीवी की चूत को चाटी, तो वह बहुत गीली हो चुकी थी.

उधर रोहण भी मेरी बीवी की चूत को चाट रहा था.

हम दोनों मस्ती में थे.
और क्या बताऊं यार … बहुत मजा आ रहा था.

हम दोनों की बीवियों की चूत चाटे जाने से उनके मुँह से कसमसाहट भरी आह आह की आवाज निकल रही थी.

फिर हम दोनों ने उनको खड़ा किया और मैंने रोहण की बीवी राखी से कहा- चलो लंड चूसो.
वह झट से मेरा लंड चूसने लगी.

उधर रोहण ने मेरी बीवी स्वाति से अपना लंड चुसवाना शुरू कर दिया.
उन दोनों महिलाओं ने हमारे लंड चूसना शुरू कर दिए.

मेरे लौड़े के टट्टे सहलाती हुई राखी मुझे बड़ा मजा दे रही थी.

राखी को देख कर मेरी बीवी स्वाति ने भी रोहण के टट्टों के साथ खेलना शुरू कर दिया था.

थोड़ी देर तक पूरी मस्ती से लंड चुसवाने के बाद में हम दोनों ने उन्हें डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से लंड पेल कर उनकी चुदाई चालू कर दी.

मैं राखी के दूध दबाते हुए जबरदस्त पेल रहा था उसकी मादक आवाजें मुझे जबरदस्त जोश दिला रही थीं.

ठीक उसी तरह स्वाति भी रोहण को अपनी चूत का मजा दे रही थी.
रोहण भी मेरी बीवी स्वाति के दूध मसलता हुआ उसे धकपेल चोद रहा था.

इसी तरह से चुदाई करते करते हमें बहुत देर हो गई.

फिर मैंने उसकी बीवी की टांग उठा कर कंधे पर रखीं और अपना लंड चूत में एकदम से धकेल दिया.
उसकी बीवी की चीख निकल गई.

उधर रोहण ने भी ऐसा ही किया.
उसने भी मेरी बीवी की टांग उठा कर लंड पेला तो मेरी बीवी मुझसे कहने लगी- आज तुमने मुझे इस कसाई से चूत मरवाने के लिए छोड़ दिया … आह रोहण धीरे चोद आह!

मैंने स्वाति से कहा- कुछ नहीं होगा साली …. तुम दोनों रंडियों मजे से छुवा रही हो और फालतू की बकचोदी कर रही हो … चलो राखी, अब तुम मेरे लंड की सवारी करो!
वह मेरे लौड़े पर आ गई और मुझे अपने दूध पिलाती हुई मस्ती से मेरे लंड पर कूदने लगी.

स्वाति भी रोहण के लंड पर डिस्को करने लगी.
वे दोनों मस्ती में चुदने लगीं.

एक लंबी चुदाई के बाद हम दोनों मर्द झड़ गए और थोड़ी देर आराम करने लगे.
रात को बारह बज गए थे, तब फिर से चुदाई होने लगी.

इस तरह से सुबह होते हम चारों ने चार बार चुदाई का मजा लिए और वे लोग सुबह सुबह ही अपने घर चले गए.

फिर एक दिन रोहण का कॉल मुझे आया.
उसने मुझसे कहा- मेरा एक और दोस्त है, वह भी हमारे साथ मिलकर सेक्स करना चाहता है.
मैंने कहा- हां चलो ठीक है, उसको भी बुला लो. तीनों मिलकर मजा करेंगे.

अगले ही दिन रोहण और राखी, अपने दोस्त शफीक और उसकी बीवी जैनब को लेकर हमारे घर आ गए.
मैंने उस आदमी को देखा, वह काफी हट्टा-कट्टा था.

शरीर में उसकी बीवी भी काफी भरी हुई थी और बहुत मस्त माल लग रही थी.
शफीक कहने लगा- मेरी बीवी जैनब को दोनों ही एक साथ चोदो और मैं तुम दोनों की बीवियों को अकेला ही चोद दूंगा.

शफीक मेरी बीवी को चोदने के लिए ज्यादा उतावला हो रहा था.

वह बोल रहा था- पहले मैं तुम्हारी बीवियों को अपनी बहन समझ कर चोद दूंगा.
मैंने कहा- तुम्हें जो करना है, कर लो लेकिन आराम से करना.

अब हम तीनों जोड़े सेक्स के लिए तैयार हो गए.
हम सबने अपने अपने कपड़े उतारे और एक दूसरे का लंड देखने लगे.

उस साले शफीक का लंड बहुत मोटा और बड़ा था.

उसके पाइप जैसे लंड को देखकर मेरी मेरी बीवी डर गई और कहने लगी- इससे मैं नहीं चुद पाऊंगी.
वह कहने लगा- मान जाओ बहन … थोड़ा दर्द होगा. उसके बाद में मजा ही मजा है.

जब उसने स्वाति को बहन कहा तो वह मान गई.
शफीक ने पहले मेरी बीवी स्वाति से कहा- बहन, तू मेरा लंड चूस ले!

मेरी बीवी उसका लंड चूसने लगी और उसे मोटे लंड से बहुत मजा आने लगा.
शफीक मेरी बीवी के गले तक लंड उतार रहा था तो स्वाति सही से सांस नहीं ले पा रही थी.

फिर शफीक मेरी बीवी की चूत में उंगली डालकर चाटने लगा तो उसकी चूत काफी चिकनी हो गई थी.
अब वह अपनी खुरदुरी जीभ को मेरी बीवी की चूत की दीवारों से रगड़ रगड़ कर उसे मजा देने लगा था.

मेरी बीवी बहुत कामुक हो गई थी और वह सिसियाती हुई आएं बाएं बकने लगी थी- आह साले शफीक मेरे भाई, साले भोसड़ी के क्या मस्त चूस रहा है आह साले और चूस ले अपनी बहन की चूत को आह बहुत मजा आ रहा है.

स्वाति के मुँह से इस तरह की गालियां सुनकर मैं बहुत उत्तेजित हो गया था.

शफीक भी कहने लगा- आह साली स्वाति … तेरे जैसी अनेक लड़कियों को अपनी बहन बना कर चोद चुका हूँ. तू फिक्र मत कर … आज से तेरी चूत मेरे लौड़े की गुलाम हो जाएगी.

फिर शफीक ने मेरी बीवी की दोनों टांगें हवा में ऊपर उठाकर अपने लंड को उसकी रस रिसाती चूत पर रखा और सुपारे से चूत की फाँकों को रगड़ने लगा.

स्वाति की मदमस्त आहें और कराहें कमरे के माहौल को निरंतर गर्म कर रही थीं.

थोड़ी देर बाद शफीक ने अपना मोटा लंड मेरी बीवी की चूत में घुसेड़ना चालू कर दिया.
मेरी बीवी की चूत शफीक के मोटे लौड़े से चिरने लगी और वह चिल्लाने लगी- आह मादरचोद रुक जा … मेरी चूत फट जाएगी!

लेकिन शफीक अब मानने वाला नहीं था.
उसने अपना आधा लंड मेरी बीवी की चूत में ठांस दिया.

मेरी बीवी की तो जैसे सांसें ही रुक गई थीं, उसका कंठ रुँध गया था.

बस फिर क्या था … शफीक ने एक झटके से पूरा लंड अन्दर डाल दिया और वह थोड़ी देर के लिए रुक गया.

मेरी बीवी की हालत खराब होने लगी थी.
मैंने शफ़ीक से कुछ कहने के लिए उसके कंधे पर हाथ रखा.

तो वह बोला- चिंता मत करो … मैंने बहुतेरी चूतें इसी तरह से फाड़ी हैं.

कुछ देर बाद मेरी बीवी की कराहें पुनः निकलने लगी और वह मेरी तरफ कातर भाव से देखने लगी.

उधर शफीक ने अपने लौड़े को हिलाना शुरू कर दिया और वह अपने लंड को थोड़ा थोड़ा अन्दर बाहर करने लगा.

मेरी बीवी की चूत से खून निकलने लगा था.

शफीक लगातार चुदाई करता गया.

कुछ मिनट की चुदाई के बाद मेरी बीवी स्वाति को उसके लंड से चुदने में मजा आने लगा तो शफीक ने उसके दूध दबाए और अपने लंड उसकी चूत से निकाल कर स्वाति को अलग कर दिया.

फिर उसने रोहण की बीवी राखी को अपने नीचे लिया और उसकी चुदाई करना शुरू कर दी.

शफीक ने मेरी बीवी स्वाति की तरह रोहण की बीवी राखी की चूत भी फाड़ डाली.
साले ने उसकी बीवी की चूत को भी भोसड़ा बना दिया था.

मगर हम दोनों की बीवियाँ उसके मोंटे लंड की फैन बन गई थीं.

बस फिर क्या था उसने दोनों की बीवियों को पलंग के किनारे चूत फैला कर लेटा दिया और बारी बारी से वह दोनों की चूत में लंड पेलने लगा.
इधर हम दोनों ने उसकी बीवी जैनब की चुदाई एक साथ उसके दोनों छेदों में लंड पेल कर की.
उस देसी रंडी की डबल चुदाई हुई.

वह भी पक्की रांड की तरह हम दोनों के लंड से चुदने के मजे ले रही थी.
उसकी चुदाई में भी हमें बहुत मजा आया.

साली की बहुत बड़ी बड़ी चूचियां थीं तो हम दोनों शफीक की बीवी जैनब की एक एक चूची से खेल रहे थे.

करीब चार घंटा तक चुदाई का खेल चला जिसमें शफीक ने हम दोनों की बीवियों को अपनी बहन बना कर जबरदस्त पेला और उनकी चूत को भोसड़े में तबदील कर दिया.
 

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दीदी के नंगे जिस्म ने दीवाना कर दिया




यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी दीदी की है.

पहले मैं आपको अपनी दीदी के बारे में बताता हूँ.
वह 22 साल की है और बहुत खूबसूरत है.
उसका फिगर 32-28-34 का है और वह बहुत कांटा माल है.

पहले मैं अपनी बहन को वासना की नज़र से नहीं देखता था लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि उसके लिए मेरा नज़रिया बदल गया.

यह इरोटिक हॉट सिस्टर न्यूड देखने बात कुछ दिन पहले की है.
मम्मी पापा उस दिन 3 दिन के लिए बाहर गए थे तो घर पर सिर्फ़ मैं और दीदी ही रह गए थे.

उस दिन दीदी अपना काम करके नहाने जाने लगी और मैं टीवी देख रहा था.
वह मुझे बोलती हुई गयी कि दूध वाला आएगा तो तू उससे दूध ले लेना.
मैंने कहा- ठीक है.

वह नहाने चली गयी और मैं टीवी देखने लगा.

तभी कुछ देर बाद डोर बेल बजी.
दीदी ने बाथरूम से आवाज देते हुए बोला- दूधवाला आया होगा, ले लो.

मैं हां बोल कर गेट खोलने चला गया.
सामने दूध वाला ही था तो उसके हाथ से दूध का डिब्बा ले लिया और किचन में खाली करके उसे वापस दे दिया.
अब मैं वापस सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा.

कुछ देर बाद दीदी नहा कर बाहर आ गई और आते ही किचन में घुस गयी.
उधर उसने दूध के बर्तन को गैस पर चढ़ाया और अपने रूम में चली गयी.

फिर हम दोनों ने दोपहर का खाना साथ में खाया और सब कुछ साफ करके दीदी हॉल वाले बेड पर लेट गयी.
उसने मुझसे कहा- मैं सो रही हूँ, मुझे 5 बजे उठा देना.
मैंने ओके बोला.

कुछ देर बाद मैं टीवी देख कर बोर हो गया और वैसे भी मुझे दिन में नींद नहीं आती तो दीदी के बगल में लेट कर फोन चलाने लगा.

अचानक दीदी करवट लेती हुई सीधी होकर सोने लगी और उसका टॉप जो लाल रंग का था, वह साइड से थोड़ा ऊपर हो गया.
उस वजह से मुझे दीदी की गोरी कमर दिखने लगी.

मैंने सोचा कि मैं इसे ठीक कर देता हूँ.
मैं ठीक करने के लिए दीदी के पास को गया तो जो दिखा, उसको देख कर मेरा लंड टाइट हो गया.

मैंने देखा कि दीदी की कमर पर साइड में एक काला तिल है जो उसकी कमर पर बहुत प्यारा लग रहा था.
मैं उसकी कमर का वह सेक्सी तिल देख के दीवाना सा हो गया और मेरा मन किया कि अभी एक किस कर लूँ अपनी बहन की पतली कमर पर.

फिर मैंने दीदी को थोड़ा हिला कर देखा.
तो उसका कोई जवाब नहीं आया.
मैं समझ गया कि दीदी गहरी नींद में है.

फिर मैंने धीरे से अपने एक हाथ को उसकी कमर पर रख दिया और सहलाने लगा.
सच में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

मेरा दीदी को छूने से उसकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नहीं आने से मेरी हिम्मत और बढ़ गई थी.

अब मैंने दीदी के उस काले तिल पर एक किस कर दिया.
मैं उसके तिल के ऊपर अपनी जीभ चला रहा था.
मुझे ऐसा करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर मैंने सोचा कि क्यों ना अब दीदी के मम्मों के दीदार किए जाएं.
मैं भी तो देखूँ कि मेरी बड़ी बहन के दूध कैसे हैं.

मैंने उसके टॉप को कुछ और ऊपर कर दिया. उससे मुझे दीदी की काली ब्रा दिखने लगी.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को हल्का हल्का सा दबाने लगा.

वाउ … क्या चूचे थे … बिल्कुल मुलायम दूध थे मेरी बहन के!
थोड़ी देर ऐसे ही दूध दबाने के बाद दीदी थोड़ी हिली, तो मेरी हालत खराब हो गयी.

मैंने सोचा कि अब और कुछ करना ठीक नहीं होगा.
मैं उसका टॉप ठीक करके शांत होकर लेट गया.

फिर शाम के 5 बज गए तो मैंने दीदी को उठा दिया.
वह उठ कर बाथरूम की तरफ चली गयी.

मैं दीदी की गांड देख रहा था और मेरा मन अब मेरी बड़ी बहन को नंगी देखने का करने लगा था.

फिर हम दोनों ने रात का खाना साथ ही खाया और सोने की तैयारी करने लगे.

दीदी ने कहा- आज मम्मी पापा नहीं हैं इसलिए तू मेरे पास ही सो जा!
मैंने कहा- ओके.

मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे.
मैंने सोचा कि आज रात में भी अपनी बहन के मज़े लूँगा.

कुछ ही देर में हम दोनों दीदी के रूम में जाकर सो गए.

फिर रात के 1:40 पर मेरी नींद खुली और मैंने बगल में सोई दीदी को देखा.
तो वह गहरी नींद में लग रही थी.

मैंने फिर से दीदी का टॉप ऊपर किया और तिल देखने लगा.

उसका टॉप कुछ और ऊपर किया तो वह नज़ारा देख कर मैं पागल हो गया.
दीदी के बड़े बड़े चूचे मेरे सामने थे और चूचुक भूरे रंग के थे.

उसने टॉप के अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
शायद मेरी बहन रात में ब्रा पहन कर नहीं सोती थी.

फिर मैंने बहन की चूचियों को मसला और उन्हें देख कर मुठ भी मारी.
कुछ देर बाद लंड ढीला हो गया तो मैंने दीदी के कपड़े ठीक किए और सो गया.

सुबह उठा तो देखा दीदी जाग चुकी थी और किचन में थी.
मैं उठ कर गया और दीदी को गुडमॉर्निंग बोलते हुए पूछा- क्या बना रही हो दीदी?

उसने बोला- आलू के पराँठे … तुम जाओ और जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ … फिर साथ बैठ कर खाते हैं.
मैंने ‘ठीक है’ बोला और बाथरूम में घुस गया.

बाथरूम में नहाते वक़्त मैं ये सोच रहा था कि अब दीदी को पूरी नंगी कैसे देखूँ?
फिर मेरे दिमाग में एक खतरनाक आइडिया आया.

मैंने बाथरूम के दरवाजे में एक छोटा सा छेद कर दिया जिसमें से मैं दीदी को नंगी नहाते हुए देख सकता था.
फिर मैं फ्रेश होकर बाहर आ गया.

अब हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद दीदी घर के कामों में लग गयी.
मैं इंतज़ार कर रहा था कि कब दीदी नहाने जाए और कब मैं अपनी प्यारी दीदी को नंगी देखूँ!

कुछ देर बाद दीदी नहाने जाने लगी और उसने मुझसे कहा- मैं नहाने जा रही हूँ, दूध वाला आएगा तो ध्यान रखना.
मैंने कहा- ठीक है.

दीदी के बाथरूम में जाते ही मैं बाथरूम के दरवाजे के पास आ गया और छेद से अन्दर का नज़ारा देखने लगा.
मैंने देखा कि दीदी ने अपना टॉप और पजामा उतार दिया था और वह अब सिर्फ़ काले रंग की पैंटी में थी.

मेरा लंड फिर से टाइट हो गया.
दीदी बैठ कर अपने कपड़े धोने लगी और उस वक्त उसके बूब्स मचल उछल रहे थे.

कपड़े धोते हुए क्या नज़ारा दिख रहा था … आह दोस्तो मैं अपनी हालत आपको बता नहीं सकता.
मेरी दीदी की कमर पर बना काला तिल भी बहुत सेक्सी लग रहा था.

फिर वह उठी और नहाने लगी.

मैं यह सब देख कर बहुत गर्म हो गया था और दरवाजे पर ही अपने कड़क लंड को सहलाते हुए मुठ मारने लगा था.
तभी मैंने बाथरूम में देखा तो दीदी ने अपनी चड्डी भी उतार दी थी.

अब मेरी बहन मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी हुई थी … क्या मस्त माल लग रही थी.
मेरा मन तो कर रहा था कि अभी अन्दर जाकर उसकी गांड को जोर से दबा दूँ!

फिर दीदी दरवाजे की तरफ मुँह करके नहाने लगी जिससे मुझे उसकी चिकनी चुत के भी दीदार हो गए.

आह क्या चूत थी मेरी बहन की … एकदम संगमरमर की तरह सफेद!
और उस पर हल्के हल्के रेशमी बाल ऐसे लग रहे थे, मानो किसी मुगलिया बेगम के गेसू.

फिर वह साबुन लगा कर अच्छे से नहा रही थी.
कभी वह अपनी चुत पर साबुन लगाने लगती तो कभी मम्मों पर.

उसका पूरा जिस्म पानी से चमक रहा था और उसकी पतली कमर पर काला तिल बहुत सेक्सी लग रहा था.

फिर कुछ देर बाद दीदी का नहाना समाप्त हो गया और अब वह तौलिया से अपना नंगा बदन पौंछने लगी.

मैंने उसे देखना बंद कर दिया और सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा.
लेकिन मेरे दिमाग में दीदी का नंगा जिस्म ही आ रहा था.

अब तो मैं रोज ही अपनी दीदी के नहाने जाने का इंतज़ार करता और उनको नंगी नहाते देखता.
मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आने लगा था.

एक दिन रोज की तरह मैं छेद से बाथरूम में देख रहा था कि तभी दीदी की नज़र दरवाजे पर जा पड़ी और वह ध्यान से छेद में देखने लगी.
उसकी नजर दरवाजे की तरफ दिखी तो मैंने सोचा कि उन्होंने कहीं मुझे देख तो नहीं लिया.
वह दरवाजे के छेद को देख कर कहीं समझ न जाए कि मैंने ही वह कारस्तानी की थी.

मैं जल्दी से जाकर बेड पर बैठ गया.

कुछ देर बाद दीदी आई और फिर से हम दोनों ने साथ में दोपहर का खाना खाया.
उसके बाद हम दोनों ही आराम करने लगे थे.

तभी दीदी ने कहा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- हां!
तो दीदी ने कहा- आज बाथरूम के दरवाजे पर तू था ना!

यह सुनकर मेरी तो हालत खराब हो गई और मैं हकलाते हुए बोला- क..क्या… कौन मैं नहीं … आप क्या बोल रही हो?
तभी दीदी ने कड़क आवाज में बोला- सच बता, तू था या नहीं?

मैंने धीमे से हां बोल दिया.
मेरे हां बोलते ही दीदी ने मुझे थप्पड़ लगा दिया और बोली- तुझे शर्म नहीं आती ऐसा करते हुए … सग़ी बहन हूँ मैं तेरी!

मैं रोते हुए बोला- माफ़ कर दो दीदी, अब नहीं होगा … प्लीज़ आप मम्मी को मत बताना.
मैंने बहुत माफी मांगी.

फिर दीदी ने कहा- ऐसा क्यों किया तूने?
तो मैंने बता दिया कि आप मुझे अच्छी लगती हो … और जब से मैंने आपकी कमर का तिल देखा है, मैं उसका दीवाना हो गया हूँ. मुझे वह तिल बहुत अच्छा लगता है.

दीदी कुछ देर कुछ नहीं बोली. फिर उसने कहा- और क्या देखा?
मैंने कहा- आपके बूब्स और पूरा शरीर!

दीदी ने कहा- इतनी अच्छी लगी मैं?
मैंने कहा- हां दीदी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.

मैंने वापस से उससे माफी मांगी और कहा कि यह बात आप मम्मी को मत बताना.
वह बोली- नहीं बताऊंगी.

मैंने दीदी को थैंक्यू बोला और दीदी ने मुझे एक मुस्कान दी.
अब हम दोनों थोड़े सामान्य हो गए.

मैंने दीदी से कहा- दीदी, आप बुरा ना मानो तो एक बात बोलूँ?
उसने कहा- हां बोल!

मैंने कहा- मुझे आपको नंगी देखना है.
दीदी हँसती हुई बोली- अभी तो देखा था तूने नहाते टाइम!

मैंने कहा- हां, लेकिन मुझे फिर से देखना है प्लीज़!
दीदी ने कहा- ठीक है मगर तू ये बात किसी को नहीं बताएगा कि तूने मुझे ऐसे देखा है?
मैंने कहा- नहीं बताऊंगा.

फिर दीदी ने अपनी टी-शर्ट उतार दी और मेरा लंड मेरे लोवर के अन्दर ही खड़ा हो गया.
दीदी मेरे लौड़े को लोअर के ऊपर से ही देख रही थी.

फिर मैंने दीदी की कमर का तिल देखा और उससे पूछा- क्या मैं इसे छू सकता हूँ?
तो वह बोली- हां.

मैंने दीदी की कमर सहलाते हुए दीदी से बोला कि ये बहुत प्यारा लग रहा है मुझे!
दीदी हंस कर बोली- पागल!

मैंने दीदी से कहा- आप रुक क्यों गईं … और सब भी उतारो ना!
तो दीदी ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और पूरी नंगी होकर मुझे अपना बदन दिखाया.

वह पूछने लगी- कैसी लग रही हूँ?
मैंने कहा- बहुत सेक्सी लग रही हो दीदी.

वह बोली- अब मैं कपड़े पहन सकती हूँ?
मैंने आंखों से नहीं का इशारा किया.

वह हंसने लगी और इरोटिक हॉट सिस्टर न्यूड ही बिस्तर पर लेट गई.
कुछ देर बाद वह अपने कपड़े लेकर बाथरूम में यह कहती हुई चली गई कि अब छेद में से मत झांकना.

मैंने कहा- ओके दीदी.

अब हम दोनों जब भी अकेले होते हैं, तब दीदी मेरे सामने नंगी हो जाती है. वह अब मुझे भी नंगा कर देती है.
मेरे लंड को सहलाती है. मैं भी उसके बूब्स दबाता हूँ और चूत सहलाता हूँ.

 

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गांव में दीदी की चूत और गांड मारी




दोस्तो, नमस्कार. मेरा नाम राज (बदला हुआ नाम) है.
मैं विदिशा का रहने वाला युवा हूँ.
मेरे लंड की साइज़ 6 इंच है और यह काफी मोटा भी है.
मैं एक इंजीनियरिंग का छात्र हूँ.

यह भाभी हॉट विलेज पोर्न स्टोरी उस दिन की है जब करोना काल शुरू होने में बस कुछ ही दिन रह गए थे.
मतलब यह घटना मार्च 2020 की है.

उस वक्त गांव में कम ही लोग थे.
गांव के ज्यादातर लोग पैसा कमाने के लिए बाहर के राज्यों में चले गए थे.

हमारे घर से 3 घर छोड़ कर एक सेक्सी दीदी रहती हैं. वे दूर के रिश्ते में मेरी बहन लगती हैं. उनकी शादी हमारे गाँव में हुई थी.

उनका फिगर साइज़ 34-30-36 का है.
उनकी बॉडी एकदम फिट तो नहीं है लेकिन वे चुदाई के लिए मस्त माल हैं.
खासतौर से बताऊं तो दीदी की चूचियां बड़ी मस्त हैं.

उनकी शादी को 15 साल हो गए थे.
वे पढ़ी लिखी हैं और उनके हज़्बेंड एक किसान हैं.

उनकी एक बेटी 13 साल की और एक बेटा 8 साल का है.

दो बच्चों के हो जाने के बाद भी दीदी का बदन अब भी बड़ा कातिलाना है.
हमारे और उनके परिवारों में काफी आना-जाना होता रहता है.
कुछ भी लेना देना होता रहता है.

उनके घर में कुछ मिठाई या पकवान आदि बनते हैं तो उनका बेटा या बेटी उसे लाकर हमारे घर पर दे जाते हैं.
उसी तरह से हमारे घर से उनके घर में यह सब देने मैं जाता था.

मैं दीदी के घर जब भी उनको कुछ देने जाता था, तो ज्यादातर बार मैं सुबह 9 या 10 बजे देने जाता था क्योंकि उस वक्त घर में सिर्फ़ दीदी ही होती थीं.

दीदी का भी वह वक्त नहाने जाने का होता था … या वे बाथरूम में नहा रही होती थीं.
मैं काफ़ी बार उसी समय पर गया हूँ जब दीदी बाथरूम में नहा रही होती थीं.

उस वक्त मैं जब भी उन्हें आवाज लगाता कि दीदी आप कहां हो!
तो वे बोलती- मैं नहा रही हूँ.

कभी कभी तो दीदी तौलिया, ब्रा पैंटी लाना ही भूल जाती थीं और वे मुझसे कह देतीं कि राज मेरे कपड़े ला दे.
जोकि उनके बेडरूम में रखे रहते थे.

उनकी पैडेड ब्रा देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
मैं उनकी ब्रा को मसल कर कल्पना करने लगता कि शायद मैं दीदी की चूचियों को सहला रहा हूँ.

बड़ी बड़ी चूचियां होने के बाद भी दीदी स्पंज वाली ब्रा क्यों पहनती थीं, इसका अंदाजा मुझे अब तक नहीं हुआ था.
क्योंकि मैंने जिधर भी इसके बारे में पढ़ा था, तो यही जानने को मिला था कि जिनकी चूचियां छोटी होती हैं, सिर्फ वे महिलाएं ही स्पंज वाली ब्रा का इस्तेमाल करती हैं.

खैर … वह कुछ भी पहने मुझे उससे क्या लेना देना.

दीदी को कपड़े देने के बहाने से न जाने कितनी बार तो मैंने बाथरूम के दरवाजे में बने एक छोटे से होल से उनकी नंगी चूचियां, चूत और नंगी गांड को देखा था.

वे जब नंगी नहा रही होती थीं, तब मैं उन्हें देख देख कर वहीं अपना लंड हिला लेता और मुठ मार कर अपने घर चला आता था.

ऐसे ही एक दिन मेरे मामा हमारे लिए रसगुल्ले लेकर आए थे, तो मां ने मुझे उसमें से कुछ मिठाई दीदी के घर देकर आने को कहा.

मैं भी खुशी खुशी वह मिठाई लेकर दीदी के घर लेकर आ गया.
उस दिन भी दीदी के घर घर में कोई नहीं था.
यह मुझे पता था.

फिर दीदी के घर के बाहर खड़े होकर मैंने 2-3 बार नॉक किया और बेल भी बजाई.
पर घर से कोई आवाज़ नहीं आई ना ही दीदी दरवाज़ा खोलने आईं.

मुझे लगा कि शायद दीदी नहा रही होंगी इसी लिए वे नहीं आ पा रही होंगी.

अब मैंने एक बार फिर से दरवाजे पर खटखटाया.
इस बार भी कोई उत्तर नहीं मिला.

अब मैंने दरवाजा को अन्दर को दबाया तो वह खुलता चला गया.
मैंने सोचा कि शायद दीदी ने दरवाजा बंद नहीं किया था.

अब मैं घर में अन्दर आ गया.
पर दीदी वहां कहीं पर भी नहीं दिख रही थीं.

आखिर में मैं उनके बेडरूम की तरफ गया तो देखा दीदी की पिंक कलर की ब्रा पैंटी बेड पर पड़ी है और साथ में उनका तौलिया भी रखा है.
उनके बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी.

पानी की आवाज़ सुनकर मैं बाथरूम के पास गया और की-होल से देखा तो हैरान रह गया.
दीदी पूरी नंगी बाथरूम में अपनी चूत में कुछ डाल कर आह आह कर रही थीं और एक हाथ से अपनी एक चूची को दबा रही थीं.

जब मैंने अपनी आंखों से दीदी की तड़पती चूत को देखा तो मेरा लंड उछाल मारने लगा.
उसी जोश जोश में मैं मुठ मारना शुरू कर दी.

मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि कब मैंने दीदी की पिंक ब्रा में ही अपना माल निकाल दिया.

जब मैं झड़ गया तो होश आया और देखा कि दीदी की ब्रा में मेरे लंड का दही टपक गया है.
तो मैं घबरा गया और दीदी की ब्रा को बेड पर फेंक कर कमरे से बाहर आ गया.

तभी मुझे बाथरूम दरवाजा खुलने की आवाज आई.
मैं वहां लगे हुए एक गहरे रंग के पर्दे के पीछे जा कर छिप गया और देखने लगा कि दीदी क्या कर रही हैं.

सॉरी दोस्तो, मैंने आपको अपनी दीदी के बारे में तो बताया था पर उनका नाम नहीं बता पाया था.
मेरी हॉट एंड सेक्सी दीदी का नाम सपना था और उनकी उम्र 33 साल थी.

जब मैंने पर्दे के पीछे से चुपके से देखा कि बाथरूम से दीदी निकल रही हैं, तो मैं उन्हें देखकर शॉक हो गया.
सपना दीदी नंगी ही सन्नी लियोनी के जैसी ही लग रही थीं और उनके दोनों दूध हवा में उछल रहे थे.

वे बेड की तरफ आ गईं और तौलिया से अपने सर को पौंछ कर उसे बेड पर रख दिया.
फिर वे पैंटी उठा कर पहनने लगीं.

पैंटी पहनते समय उनकी चूत एक बार खुल कर बंद हुई तो मुझे लगा कि जैसे चूत ने मुझे आंख मारी हो.

उसके बाद जब दीदी ने ब्रा को उठाया और उसके एक कप को हाथ से पकड़ा, तो उनके हाथ में मेरा दही चिपचिपाने लगा.
वीर्य का अहसास पाकर उन्होंने ब्रा को ध्यान से देखी तो उन्हें समझ में आ गया कि उनकी ब्रा में किसी ने अभी अभी अपना लंड हिला कर माल डाला है.

तभी दीदी ने आवाज़ लगाई.
दीदी- राज, मैं जानती हूँ कि तुम यहां हो. छुपने की ज़रूरत नहीं है, बाहर आ जाओ … जल्दी से आ जाओ, नहीं तो आज मैंने तुम्हारे पापा से बोल दूँगी.

मैं डर के मारे परदे से बाहर आ गया- आपको कैसे पता लगा कि मैं यहां हूँ?
दीदी- तूने मेरी ब्रा में मुठ मारकर अपना माल जो गिरा दिया है!

मैं- पर दीदी मैंने ही आपकी ब्रा में मुठ मारी है, यह आपको कैसे पता चला?
दीदी- मैंने तुझे बहुत बार नोटिस किया है. जब तू मेरे बूब्स और गांड पर नज़र डाल कर अपना लंड सहलाता था! और आज तो मैंने तुमको मेरे घर में अन्दर आकर मेरे ही बाथरूम से मुझे नहाते हुआ भी देखा था … फिर तुमने जब मुठ मारना शुरू किया था, तब भी मैं देख रही थी कि तुम मेरी ब्रा को अपने लौड़े पर लपेट कर लंड हिला रहे हो. बाद में तुमने ही मेरी ब्रा में अपना माल डाला और चले गए.

मैं उनके मुँह से यह सब सुन कर सन्न रह गया था.
मेरे चेहरे पर काटो तो खून नहीं था.

दीदी- और एक दिन तो तुमने हद ही कर दी. उस दिन तुमने मेरे कमरे के बाथरूम में जाकर मेरे नाम की ही मुठ मारी थी.
मैं धीमे से बोला- पर दीदी, आपको कैसे पता चलता था कि मैं आपके नाम की मुठ मार रहा हूँ?

दीदी- साले बुद्धू … उस दिन तू बाथरूम में तो चला गया था, लेकिन दरवाजा बंद करना भूल गया था. तभी मैंने तुझे देखा और बड़बड़ाते हुए सुना भी कि तू मेरा नाम लेकर कैसे अपना लोहे की रॉड जैसे लंबे लंड हिला रहा था!
मैं- मतलब आपने मेरे पेनिस को देखा भी था और … और मेरे पेनिस को क्या बोला आपने दीदी?
दीदी हंस कर बोलीं- हां देखा था.

मैं- दीदी, वह बोलो ना कि आपने अभी अभी मेरे लंड को क्या कहा था कि कैसा लगता है!
दीदी- ओके बाबा बोलती हूँ. मैंने कहा था कि लोहे की रॉड जैसा लंड हिला रहा था. अब ओके?

मैं- दीदी मेरा लंड कैसा है?
दीदी- अच्छा है.

मैं- आपके पति से बड़ा है क्या?
दीदी- हां, उसका छोटा है, तेरा बड़ा है. अभी खुद ही देख लो कि मुझे देखकर तुम्हारा लंड कैसे लोहे की रॉड जैसे खड़ा है.

मैं- सॉरी दीदी, मैं क्या करूं … आप मेरे सामने ऐसी नंगी खड़ी हैं तो अभी भी मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है!
दीदी मेरे करीब आ गईं.
वे अभी भी पैंटी में ही थीं.

मैं- दीदी, क्या मैं आपके इन दोनों बूब्स को टच कर सकता हूँ?
दीदी- राज तुम पागल हो क्या? मुझे दीदी भी बोलते हो और मेरे बूब्स भी पकड़ना चाहते हो?

मैं- दीदी, प्लीज सिर्फ़ एक बार ही टच करूँगा.
दीदी- नहीं, तुम मेरे भाई जैसे हो.

मैं- प्लीज दीदी सिर्फ़ एक बार टच करूँगा!
दीदी- राज सिर्फ़ एक बार टच करोगे और आगे कुछ नहीं करोगे?
मैं- ओके दीदी, थैंक्यू.

मैं उनके दोनों दूध अपने दोनों हाथों में भर कर मसलने लगा और एक को अपने मुँह में भर लिया.

दीदी- एयेए … अऔच यह क्या कर रहा है राज! तुमने सिर्फ़ टच करोगे बोला था और मेरे बूब को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे.
मैं- सॉरी दीदी, आपके बूब्स इतने सॉफ्ट सॉफ्ट हैं कि मुझे दूध पीने का मन हो गया इसलिए मैंने एक को मुँह में ले लिया!

दीदी- पर राज अब मेरे बूब्स से तो दूध नहीं निकलता है!
मैं- फिर भी चूसने में अच्छा लगता है दीदी!

दीदी- नहीं राज प्लीज छोड़ दो मेरे बूब्स को, मुझे शर्म आती है!
मैं- दीदी मुझे बूब्स चूसने दो ना!

दीदी- नहीं राज, तुम मेरे भाई जैसे हो … मुझे ऐसे नंगी देख लिया इसी से मुजे बहुत शर्म आ रही है … और तुम तो मेरे बूब्स भी चूसने लगे हो! प्लीज छोड़ दो और मुझे जाने दो.

मैं दीदी की कमर को जोर से पकड़ते हुए बोला- दीदी यदि मैं आपको कुछ दूँगा, तो आप मुझे यह सब करने दोगी ना!
दीदी- मुझे क्या चाहिए? तुम यहां से जाओ और ये तुम अपना यह रॉड मुझसे दूर करो … यह मेरी गांड में घुस रहा है.

मैं- दीदी यदि मैं आपको सेक्स का सुख दे दूँ यानि मेरा लंड आपकी तड़प मिटा दे तो!
दीदी- राज तुम यह क्या बोल रहे हो?

मैं- दीदी मैंने आपको देखा है. आप अपनी चूत में कुछ डाल रही थीं! मैंने वह सब रिकॉर्ड भी किया है, यह देखो आपकी वीडियो!
दीदी- राज मेरा यह वीडियो डिलीट कर दो, तुम जो बोलोगे मैं करूँगी. तुम्हें जितने भी पैसे चाहिए, मैं दूँगी!
मैं- दीदी मुझे पैसे नहीं चाहिए, आप मेरे साथ सिर्फ़ एक बार सेक्स कर लीजिए जिससे आपकी तड़फ मिट जाए. यदि मैं आपको संतुष्ट नहीं कर सका, तो मैं आपको कभी भी परेशान नहीं करूँगा.

दीदी- पर राज तुम मेरे भाई जैसे हो … आह और मेरी पैंटी क्यों निकाल रहे हो!
मैं- दीदी, बस अब आप चुप रहो और बेड पर चलो.

दीदी- तुम पहले मेरा वीडियो डिलीट कर दो और बेड के पास आओ, मैं खुद तुम्हारी अंडरवियर अपने हाथों से निकाल दूँगी.
मैं खुश हो गया- मतलब आप मेरे साथ सेक्स करोगे दीदी?

दीदी- इतने बड़े रॉड से चुदूँगी नहीं तो क्या अपनी चूत में हर टाइम गाजर ही लेती रहूँ? राज मुझे भी तुम्हारा लंड पहले से ही पसंद है. जब तुम मेरे नाम लेकर अपना लंड हिला रहे थे, मैंने तभी सोच लिया था कि तुमसे चुदना है.
मैं- तो आपने पहले मुझे क्यों नहीं बोला?

दीदी- तो आज कैसे अपने आप दरवाज़ा ओपन था … और ब्रा पैंटी के साथ तौलिया भी बेड पर था?
मैं- मतलब ये सब आपका प्लान था मुझे सिड्यूस करने के लिए?
दीदी- यस, अब तुम देर मत करो … जल्दी से यहां आओ और मुझे तुम्हारा अंडरवियर निकालने दो.

विलेज पोर्न स्टोरी बनने लगी थी. अब हम दोनों किस करने लगे.
दोनों नंगे ही बेड पर आ गए और कुछ मिनट के लंबे किस के बाद दीदी मुझे देखने लगीं.

दीदी- राज बहुत हुआ … अब तुम अपना लंड मेरी चूत में देकर मुझे चोद दो, मेरे अन्दर बहुत गर्मी भरी है!
मैं- ओके दीदी, लेकिन पहले मैं आपकी चूत चूसूंगा … फिर चूत और गांड दोनों मारूँगा!
दीदी- ओके राज, पर जल्दी करो.

मैंने दीदी की दोनों टांगें फैला दीं और उनकी चूत पर अपना मुँह लगा कर चूसने लगा.
कुछ ही देर के बाद दीदी झड़ गईं.

फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसा और उसके बाद दीदी बेड पर कुतिया बन कर झुक गईं.

मैंने उनकी चूत में अपना 6 इंच का लंड पेल दिया.
धकापेल चूत चुदाई के बाद मैंने उन्हें चित लिटाया और उनकी चूत को चूस कर फिर से मिसनरी में चोदना चालू किया.

मैंने दीदी के दोनों चूचे बारी बारी से चूसते हुए उन्हें जबरदस्त चोदा.
फिर वे झड़ गईं और उनके साथ ही मैं भी दीदी की चूत में ही झड़ गया.

थोड़ी देर के आराम के बाद पुनः चुदाई शुरू हो गई.
एक के बाद एक करते हुए 3 राउंड चुदाई के बाद हम दोनों बेहद थक गए और बेड पर गिर कर नंगे ही सो गए.

कुछ देर बाद दीदी उठकर फिर से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

मेरा भी मूड बन गया; मैं भी 69 में आकर उनकी चूत को मुँह में लेकर चूसने लगा.
ऐसे ही हम दोनों ने आधा घंटा तक 69 पोजीशन में सेक्स का मजा लिया.

आखिर में मैंने दीदी से उनकी गांड मारने की बात बोली.
पर दीदी ने मना कर दिया, उन्होंने कहा- उधर नहीं राज … मुझे बहुत दर्द होगा!
मैंने कहा- मैं धीरे धीरे चोदूंगा, आपको कुछ नहीं होगा, बल्कि बहुत मज़ा आएगा.

ऐसे बोलकर मैंने दीदी की चूत में अपना थूक लगाया और लंड पेल दिया.
दीदी बहुत तड़फीं मगर उन्होंने मुझे अपनी कुंवारी गांड की सील तोड़ने का भरपूर मौका दिया.

मैंने भी दो घंटे में 3 बार दीदी की गांड मार कर उन्हें छोड़ दिया और थक कर हम दोनों सो गए.

अब दीदी मेरी रांड बन गई हैं.
महीने में बीस दिन तो उनकी चूत या गांड को बजाता ही हूँ.
 

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बेटे ने अम्मी को बड़े लंड से चुदती देखा




दोस्तो, यह मेरी अम्मी की कहानी है.
मेरी अम्मी का नाम ज़ानिया है, उनकी उम्र 44 साल है. वे बहुत हॉट हैं. मेरे घर में मैं और मेरी अम्मी ही रहती हैं.

मेरे अब्बू की मौत बहुत पहले उस वक्त हो गई थी, जब अम्मी की उम्र 33 साल थी.
तब मैं बहुत छोटा था.

मुझे अपने अम्मी से बहुत प्यार था, पर उनको गैर मर्द के साथ सोते देख कर मुझे अपनी अम्मी से वह प्यार नहीं रहा था क्योंकि मुझे वे एक बदचलन औरत लगने लगी थीं.

हालांकि अब जब मैं जवान हो गया था तो मुझे उनकी मजबूरी समझ में आने लगी थी.

कहीं न कहीं मैं भी इस बात को समझने लगा हूँ कि हर इंसान को जिस्मानी भूख लगती है और अपने जीवन साथी के न रहने के कारण किसी न किसी दूसरे से जिस्मानी संबंध हो जाना एक स्वाभाविक सी बात है.

खैर … अभी यह मेरी मॅाम लाइव सेक्स शो कहानी आपके सामने रख रहा हूँ, आनन्द लीजिए.

यह बात उस वक्त की जब मैं भरपूर जवान हो गया था और मुझे किसी भी औरत को मर्द के नजरिए से देखने का मतलब समझ में आने लगा था.
मगर शायद मेरी अम्मी अभी भी मुझे छोटा ही समझती थीं.

एक दिन यूं ही मेरी अम्मी किसी फ़ंक्शन में जाने के लिए तैयार हो रही थीं.
उस वक्त मेरी नजर अपनी अम्मी पर चली गई और अचानक से मुझे अपनी अम्मी बहुत हॉट और सेक्सी लगने लगी थीं.

यह पहली बार था जब मैंने उनको एक सेक्सी औरत के रूप में देखा था.

फिर मेरी नजरें अम्मी के साथ साथ उन्हें देखने वालों पर भी जाने लगी थीं.
मैंने पाया था कि मेरी अम्मी को देख कर मेरे मोहल्ले के मर्दों के लंड खड़े हो जाते थे.

अम्मी की गांड काफी पीछे की ओर को निकली हुई है और उनके स्तन भी बड़े बड़े हैं.
जिस वजह से उनको देख कर लोगों की गंदी नजर उन पर जमी रहती थी.

पर मैंने ध्यान किया था कि मुहल्ले में निकलते वक्त मेरी अम्मी का रवैया बहुत शराफत भरा था.
उनको किसी से कोई मतलब नहीं रहता था.

एक बार मैं और अम्मी खाला के यहां गए थे.
मेरी खाला अम्मी से बड़ी हैं.

पर दोनों ने कभी एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाया था.
वे दोनों अपनी सारी बातें एक दूसरे को बता देती थीं.

हम दोनों खाला के यहां पहुंचे तो शाम हो गई थी.
हमको उनके यहां कुछ दिन रुकना था.

कुछ देर बाद हम सभी ने खाना खाया और मैं सोने लगा.
वे गर्मियों के दिन थे तो हम सब छत पर सोए हुए थे.

मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो भी मैं बस यूं ही अपनी आंखें बंद करके लेटा हुआ था.

शायद उन दोनों को यह समझ में आया होगा कि मैं सो गया हूँ.
वे दोनों आपस में बातें कर रही थीं.

खाला ने अम्मी से धीमे से पूछा- तुमने कब से सेक्स नहीं किया है?
इस बात पर मेरे कान खड़े हो गए और मैं ध्यान लगा कर उन दोनों की बातें सुनने लगा.

खाला की बात पर अम्मी ने उन्हें बताया- मैंने तो अपने उनके साथ ही किया था, उसके बाद से अब तक किसी के साथ नहीं किया है!
खाला आश्चर्य भरी आवाज में बोलीं- क्या सच में तुमने इतने साल से चुदाई नहीं की!

अम्मी की कोई आवाज नहीं आई.
खाला फिर से बोलीं- मैंने तो सोचा था कि तुम किसी से चुदवा लेती होगी! तुम्हारा मन नहीं करता चुदने का?

अम्मी मेरी तरफ देख कर धीमे स्वर में बोलीं- करता तो है.
उनकी धीमी आवाज और मेरी तरफ देखने के कारण मैं सोने की एक्टिंग करने लगा था और उन दोनों की सारी बातें सुन रहा था.

खाला ने कहा- पता नहीं तू कैसे रह लेती है!
इस पर अम्मी उदास स्वर में बोलीं- मैंने तो तब से किसी का लंड भी नहीं देखा, बस अपनी उंगली से ही काम चला लेती हूँ.

खाला बोलीं- चलो मैं तुम्हारे लिए अच्छा सा लंड देख देती हूँ.
अम्मी ने बिना कुछ सोचे हां कर दी.

खाला बोलीं- कल रात मैं तुम्हारी चुदाई करवाऊंगी. तुम चिंता मत करो.
इसी तरह की उन दोनों में कुछ देर तक बात हुई और सब लोग सो गए.

सुबह अम्मी ने नहाया. उनके बाद मैंने भी नहाया.

मैंने बाथरूम में देखा कि पानी के पाइप में कुछ बाल डाले गए थे जो बहने से रह गए थे.
मुझे समझ में आ गया कि अम्मी ने आज अपनी चूत की झांटों की सफाई कर ली है और इसका मतलब यह है कि आज अम्मी की पक्के में चुदाई होगी.

दोपहर में खाला ने एक आदमी को बुलाया, जिसकी ऊंचाई 6 फीट थी और वह अच्छा खास हट्टा कट्टा मर्द था.

खाला ने उसे इशारा करके अम्मी की तरफ देखने को कहा.
वह आदमी मेरी अम्मी को देख कर मुस्कुराया और चला गया.

मुझे समझ में आ गया था कि आज रात खाला मेरी अम्मी की चुदाई इसी आदमी से करवाने वाली हैं.
अब रात हो गई और हम सब छत पर आ गए.
मैं सोने की एक्टिंग करने लगा.

खाला ने करीब 10 बजे रात को उस आदमी को फोन करके बुलाया और उसे दरवाजा खोल कर बिना आवाज किए छत पर आने को कह दिया.
उसके बाद खाला अम्मी को अलग बिस्तर पर लिटा कर मेरे पास आ गईं और मेरे बगल में सो गईं.

कुछ देर बाद वह आदमी आया और अम्मी के पास बैठ गया.
उसने अम्मी को किस किया और उनके स्तनों पर हाथ फेरने लगा.

करीब दस मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.

फिर उसने मेरी अम्मी के कपड़े उतार दिए और अम्मी की चूत पर हाथ रख कर चूत को रगड़ने लगा.
उससे मेरी अम्मी कामुक होने लगीं और वे उसके हाथ को अपनी चूत पर जोर से रगड़वाने लगीं.

कुछ देर बाद उस आदमी ने मेरी अम्मी की चूत में अपनी एक उंगली एकदम से अन्दर तक पेल दी.
एकदम से हुए इस प्रहार से मेरी अम्मी की चीख निकल गई- उहह उहह!

वह बोला- ज़ानिया, तुम्हारी चूत तो कुंवारी लड़की की तरह टाइट हो गई है! आज मैं तुम्हारी चूत की एक बार फिर से सील तोड़ दूंगा.
वह अम्मी की चूत को चाटने लगा.

फिर उसने अपना लंड निकाल लिया और अम्मी के हाथ में दे दिया.
उसका लंड इतना बड़ा था कि अम्मी के एक हाथ में ही नहीं आ रहा था.

अम्मी बोलीं- मैंने आज पहली बार इतना बड़ा लंड देखा है, मुझे तो डर लग रहा है कि कहीं इस लंड से मेरी चूत ना फट जाए!
वह बोला- कुछ नहीं होगा जानू … तुम बस इसको अपने मुँह में लेकर चिकना कर दो.

मेरी अम्मी ने उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और वे उसे चूसने लगीं.

वह मस्त होने लगा और मेरी अम्मी की चोटी पकड़ कर उनके मुँह को ही चूत समझ कर चोदने लगा.

मेरी अम्मी के मुँह से गों गों की आवाज निकल रही थी.
वह एक हाथ से अम्मी के बाल पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से मेरी अम्मी की एक चूची को अपनी हथेली में भर कर मसल रहा था.

करीब 5 मिनट के बाद उसने लंड को मेरी अम्मी के मुँह से निकाला और उनको चित लेटने के लिए कह दिया.

अम्मी सीधी लेट गईं.
उसने अपने लौड़े का सुपारा अम्मी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा.
अम्मी उससे कह रही थीं- प्लीज धीरे से डालना.

उसने एक झटका दिया तो उसका लंड चूत में नहीं गया … क्योंकि उसका लंड लंबा व काफी मोटा था.
जबकि मेरी अम्मी की चूत काफी दिनों से नहीं चुदने के कारण एकदम टाइट हो गई थी.

उसने वापस से अपने लंड पर तेल लगाया और कुछ तेल अम्मी की चूत में भी लगा दिया.
फिर से एक बार पोजीशन सैट की और धक्का दे मारा.

इस बार निशाना एकदम सटीक लगा था और उसके लंड का सुपारा अम्मी की चूत में घुसता चला गया.

लंड क्या घुसा, मेरी अम्मी की चीख निकल गई- आह मर गई, निकालो इसे … आह मेरी चूत फट गई.

उसने तत्काल मेरी अम्मी के होंठों पर अपने अपने होंठ रख दिए और चुम्बन करने लगा.
इससे मेरी अम्मी अब कुछ बोल नहीं पा रही थीं.

उसी बीच उस आदमी ने अपना पूरा लंड अम्मी की चूत में जड़ तक उतार दिया और झटके मारने लगा.
मेरी अम्मी के आंसू निकल आए.

कोई बीस पच्चीस झटके देने के बाद उसने अपना लंड अम्मी की चूत से बाहर निकाला, तो लंड खून से पूरा लाल हो या था.
अम्मी की चूत से खून निकल रहा था.

उसने एक कपड़े से चूत और लंड को साफ किया और बोला- आज दूसरी बार तेरी सील टूटी है.

अब वह और ज्यादा मदमस्त हो गया था.
उसने अपना लंड फिर से अम्मी की चूत में पेल दिया और धकापेल करने लगा.

कोई 5 मिनट बाद अम्मी को भी मोटे लौड़े से चुदने में मजा आने लगा और अब वे भी अपनी गांड उठा उठा कर लंड को अन्दर तक लेने लगी.

मेरी अम्मी अब कामुक हो उठी थीं और उनकी चुदास जाग गई थी.
वे कामुक भाव से उससे बोलीं- आह चोदो मुझे … और तेज तेज चोदो मेरी इस प्यासी चूत को … आह आज इसको फाड़ दो मेरे राजा … और जोर से चोदो … मैं इतने बड़े लंड से आज पहली बार चुदी हूँ.

वह भी पक्का खाँटी मर्द था, लंबी रेस का घोड़ा निकला.
उसने मेरी अम्मी को करीब 25 मिनट तक चोदा.
उसकी इस ताबड़तोड़ चुदाई में मेरी अम्मी दो बार झड़ चुकी थीं.

बाद में उस आदमी ने अपना सारा माल अम्मी की चूत मुझे ही डाल दिया.
वह काफी थक गया था तो अम्मी के बगल में ही लेट गया.

वह अम्मी के दूध दबाते हुए बोला- इतनी टाइट चूत मैंने पहली बार चोदी है.
मेरी अम्मी बोलीं- अब तो ये तुम्हारी ही है, जब चाहे चोद लेना इसको!

वह फ़िर से अम्मी को किस करने लगा.
अम्मी भी उसे चुंबन करने लगी.

वह अम्मी के स्तनों को चूसने लगा और बोला- अभी मेरा मन नहीं भरा है. एक बार फिर से तुम्हारी चुदाई करूंगा.
मेरी अम्मी ने भी हामी भर दी.

उस आदमी ने वापस अपना लंड अम्मी के मुँह में दे दिया और अम्मी उसे हाथ से सहला रही थीं क्योंकि उसका लंड अभी कड़ा नहीं हुआ था.

कुछ मिनट तक मुँह से सहलाने के बाद उसका लंड पूरा तरह से टाइट हो गया.
वह फिर से मेरी अम्मी के मुँह को चोदने लगा.

जबकि अम्मी के मुँह में उसका मोटा लंड आ ही नहीं आ रहा था. वह जबरदस्ती मुँह को चोद रहा था.
फिर उसने लंड को मुँह से निकाला और अम्मी से औंधा लेटने को बोला.

मैं समझ गया कि अब यह आदमी मेरी अम्मी की गांड भी फाड़ने वाला है.

उसने अपने लौड़े को अम्मी की गांड के छेद में लगाया तो अम्मी सकपका उठीं.
वे बोलीं- मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई, तुम मेरी चूत ही मार लो पर गांड नहीं.

वह बोला- नहीं, आज तो मैं तुझे पूरा मजा दूंगा. तेरी गांड की सील भी तोड़ दूंगा और तुझे दोनों तरफ से लंड लेने की आजादी मिल जाएगी.

यह कह कर उसने मेरी अम्मी को उल्टा लिटा दिया, थोड़ा सा तेल लगा कर अपने लंड का सुपारा अम्मी की गांड पर रख दिया और एक ही झटके में पूरा लंड अम्मी की गांड में उतार दिया.
इसी वजह से अम्मी की चूत से पेशाब तक निकल गई.

वह बोला- हट साली … तूने तो गांड में लंड लेते ही मूत दिया … अभी तो तेरी गांड फाड़ दूंगा.

अब वह जोर जोर से झटके देने लगा.
अम्मी को दर्द हो रहा था.
आज पहली बार कोई उनकी गांड चोद रहा था.

वह अम्मी की गांड चोदे जा रहा था और कुछ समय बाद मेरी अम्मी को भी मजा आने लगा.
वे भी अपनी गांड उठा कर चुदवाने लगीं.

तभी वह आदमी बोला- मैं झड़ने वाला हूं. तू मेरा माल अपने मुँह में ले ले.
यह कह कर उसने अम्मी की गांड में से अपना लंड निकाला और उसे एक कपड़े से पौंछ कर उसकी मुठ मारने लगा.

उधर मेरी अम्मी ने भी बिना हील हुज्जत के अपना मुँह खोल दिया था.
कुछ ही पल बाद उस मर्द आदमी के लंड से वीर्य निकल कर मेरी अम्मी के मुँह में गिरने लगा.

अम्मी ने उसका सारा माल पी लिया और बिस्तर पर लेट गईं.
वह आदमी भी अम्मी के साथ लेट गया.

वे दोनों कुछ समय तक नंगे लेटे रहे और चूमाचाटी करते रहे.
फिर वह आदमी उठ कर अपने कपड़े पहन कर चला गया.

अपनी मॅाम लाइव सेक्स शो देख कर मेरा भी पानी निकल गया था तो मैं भी सो गया.
सुबह जब मेरी अम्मी जागीं, तो वे सही से चल नहीं पा रही थीं.

मैंने अम्मी से पूछा- आपको क्या हो गया है?
तो अम्मी ने मुझसे कहा- मेरी नस चढ़ गई है इसलिए दर्द हो रहा है.

अम्मी और खाला दोनों मुस्कुरा रही थीं कि वे चूत और गांड फटने से नहीं चल पा रही हैं!
फिर दो दिन बाद हम दोनों अपने घर आ गए.

 

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सेक्सी मामी को चूत चुदवाने को राजी किया



मेरा नाम रवि है और मैं पुणे से हूँ.
मेरी उम्र अभी 19 साल की है. नई नई जवानी चढ़ी थी तो मुझे चुदाई की बड़ी चुल्ल थी.

मैं, मेरी मॉम और मेरा छोटा भाई हमारे कॉलेज की छुट्टियों में मामा के गांव गए थे.
यह हॉट सेक्स विद सेक्सी मामी की कहानी उसी वक्त की है.

मेरे मामा का नाम हरी है और उनकी वाइफ उसका नाम स्मृति है.
उनकी दो लड़कियां हैं. बड़ी लड़की का स्नेहा और छोटी का नाम ऋतुजा है.

हमारे मामा के घर में नानी, छोटे मामा और उनकी पत्नी सुरेखा हैं.
मामा की जनरल स्टोर की दुकान है.

मेरी बड़ी मामी स्मृति की उम्र 36 साल है और वे जबरदस्त हॉट माल हैं.
उनकी चूचियां बड़ी बड़ी हैं व गांड तो एक नंबर है जिसे देख कर हर किसी का उन्हें चोदने का मन करने लगता है.

एक दिन पड़ोस के गांव में हमारे दूर के रिश्तेदार के घर में शादी थी इसलिए परिवार के सब लोग वहां जा रहे थे.

नानी और दोनों मामा व छोटी मामी, बड़े मामा की बेटी स्नेहा आदि सब लोग शादी में गए थे.

इधर घर में मैं, मेरी मामी और उनकी छोटी बेटी ऋतुजा ही रह गए थे.
दरअसल ऋतुजा की तबीयत खराब होने की वजह से हम लोग नहीं गए थे.

दिन के बारह बजे का समय था.
उस वक्त मैं लेटा हुआ था.

मैंने देखा कि घर पर तो कोई नहीं दिख रहा है तो मैंने मामी से पूछा- शादी में आप क्यों नहीं गईं?
उन्होंने बताया- ऋतुजा की तबीयत खराब है. इसी लिए मैं शादी में नहीं गई.

मुझे यह पता चला तो मेरे दिमाग की बत्ती जल गई और मैं मन ही मन में खुश हो गया.

अब मैं उठ कर बाथरूम में नहाने गया.
उधर मैंने देखा कि बाथरूम में दो पैंटी और दो ब्रा पड़ी थीं.

मैंने दोनों पैंटी और ब्रा को उठाया और देखा तो ये मेरी दोनों मामियों की थीं.

मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने बाथरूम के छेद से बाहर देखा.
मामी बाहर खड़ी हुई अपना काम कर रही थीं.

मैंने बड़ी वाली मामी की ब्रा और पैंटी को सूंघकर देखा और ब्रा को लंड से लपेट कर मुठ मार दी.
लंड से वीर्य निकला तो मेरे मुँह से अचानक से तेज स्वर में आह निकल गई.

मेरी इस आवाज को मामी ने सुन लिया और आवाज लगा कर पूछा- क्या हुआ रवि?
मैंने लंड पर पकड़ ढीली करते हुए कहा- कुछ भी नहीं मामी, बस जरा पैर फिसल गया था.

मैं अब नहाने लगा और नहा धोकर बाहर निकल आया.
मैंने जिस ब्रा में अपना वीर्य गिराया था उसे मैंने साफ नहीं किया था तो वह ब्रा उसी हालत में वहीं रह गई थी.

फिर थोड़ी देर बाद मामी ने मुझे आवाज़ दी- रवि इधर आओ!

मैं गया तो मैंने देखा कि मामी के हाथ में वही ब्रा थी जिस पर मेरा वीर्य सना था.

मामी ने ब्रा दिखाते हुए कहा- ये क्या है रवि?
मैंने कहा- मुझे नहीं पता!

मामी ने कहा- ज्यादा भोले मत बनो रवि, तुम अब बच्चे नहीं हो. तुम्हें शर्म आनी चाहिए … इतनी गंदी हरकत करते हुए!
मैंने नज़रें झुका लीं और नीचे देखने लगा.

मामी ने कहा- मैं तुम्हारे मामा को बता दूँगी!
मैंने रिक्वेस्ट करते हुए कहा- नहीं मामी, प्लीज मत बताना!

वे मुझे घूर कर देखने लगीं.
फिर अचानक से मुस्कुरा दीं.
उनकी मुस्कान देख कर मेरा हौसला बढ़ गया.

मैंने कहा- मामी, मैं आपको पसंद करता हूँ और आपसे प्रेम करना चाहता हूँ. क्या आप मुझसे प्रेम करेंगी.

मामी ने कहा- यह तुम क्या बोल रहे हो … मैं तुम्हारी मां की उम्र की हूँ!
मैंने कहा- आप मेरी मां तो नहीं हैं न … सिर्फ़ एक बार क्या मैं आपके साथ लव कर सकता हूँ मामी?

मामी- तुम पागल हो गए हो?
मैं- हां, मैं आपके प्यार में पागल हो गया हूँ. मामी प्लीज़ मान जाओ प्लीज़ प्लीज़ … एक ही बार प्लीज़ प्लीज़!

मामी भी शायद यही चाहती थीं मगर वे ड्रामा कर रही थीं- ओके पर एक ही बार … प्रॉमिस!
मैं- ओके प्रॉमिस, पर मेरे पास अभी प्रोटेक्शन नहीं है मामी!

मामी- तुम मेरे कमरे में चलो, मैं कुछ करती हूँ.

तब मामी ने अपनी अलमारी में से एक कंडोम का पैकेट निकाला, पर उसमें सिर्फ़ दो ही कंडोम थे.

मैंने अपनी पैंट निकाल दी, अब मैं सिर्फ़ चड्डी में ही खड़ा था.

मेरा 8 इंच का लंड खड़ा हो गया था.
मामी ने मेरा खड़ा लंड देखा और कहा- कितनी लड़कियों की चुदाई की है अब तक?

मैंने कहा- फर्स्ट टाइम है!
तो वे मुस्कुरा दीं और बोलीं- ओहो … ओपनिंग सेरेमनी है!

मैंने आगे बढ़ कर उनकी ड्रेस निकाल दी.
मामी ने अन्दर काले रंग की ब्रा पहनी थी और नील रंग की पैंटी पहनी थी.

मैंने पहले उनकी ब्रा को ऊपर उठा दी तो उनके दोनों कबूतर बाहर आने को मचलने लगे.
यह देख कर मैंने मामी को अपनी बांहों में भरा और उनकी ब्रा का हुक खोल कर उसे बाहर निकाल दिया.

अब मैंने उनके बड़े बड़े बूब्स आज़ाद कर दिए थे.
वे खुद अपने दूध पकड़ कर सहला रही थीं.

मैंने आगे बढ़ कर मामी के एक दूध को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा, दूसरे को दबाने लगा.

मामी ने मस्ती करते हुए कहा- क्या तुम्हें अपनी मामी के दूध पीने में शर्म नहीं आ रही है?
मैं कहा- आ रही है, पर क्या करूं … लंड की तो प्यास बुझानी है!

वे हंसने लगीं और खुद अपने हाथ से मुझे दूध पिलाने लगीं.

कुछ 5 मिनट तक मैंने मामी के दोनों मम्मों को खूब चूसा.
उतने में ही मामी की चूत से पानी निकल गया.

मैंने अब उनकी पैंटी निकाली और चूत की हालत देखी.
वाह उनकी चूत क्या लग रही थी … उनकी चूत पर झांट का एक भी बाल नहीं था.

मैंने चूत पर हाथ फेरा और पूछा- किसके लिए चिकनी की थी!
वे हंस दीं और मेरे गाल को अपनी चिकोटी से भरती हुई बोलीं- अभी ज्यादा बातें न बनाओ, बस जल्दी से मेरा काम उठा दो.

फिर मैंने मामी को लिटाया और उनकी गांड व चूत दोनों को चाटना चालू कर दिया.
मुझसे ज्यादा देर तक नहीं रुका गया तो मैंने अपना लंड मामी की चूत पर रख दिया.

लंड पेलने से पहले मैंने उनसे इजाजत मांगते हुए कहा- क्या मैं अपने लंड को आपकी इस अंधेरी गुफा में डाल सकता हूँ!
मामी ने कहा- हां डाल दो, पर पहले उस पर कंडोम चढ़ा लो.

मैंने कहा- किधर रख दिए कंडोम?
उन्होंने अपने गद्दे के नीचे से कंडोम निकालने के लिए कहा.

मैंने गद्दे के नीचे से कंडोम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया.
अब मैंने वापस चूत पर लंड सैट किया और एक ही शॉट में अपने कड़क लंड को अन्दर पेल दिया.

उनकी हल्की सी आह निकली और उन्होंने लंड को गड़प कर लिया.

अब मामी भी कामुक होने लगीं और अपनी गांड उठाते हुए लंड को अन्दर तक पिलवाने लगीं.

वे मुझसे कहने लगीं- आह मजा आ गया … और ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे … आह और अन्दर तक पेलो.

मैं भी एकदम से पिल पड़ा.
और इसका नतीजा यह हुआ कि मैं 5 मिनट में ही अपने चरम पर आ गया और अपने आपको ज्यादा रोक ही नहीं सका.

मैंने कंडोम में ही रस झाड़ दिया और उनके ऊपर ही निढाल होकर गिर गया.
जल्द ही मेरा लंड मुरझा गया और मैं आगे कुछ न कर सका.

मामी ने मुझे अपने ऊपर ही सुला लिया.

बाद में हम दोनों आजू बाजू होकर चिपक कर सो गए.

फिर रात में करीब एक बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा कि मामी मेरे बाजू में नंगी लेटी हैं और उनकी गांड मेरे लंड की तरफ है.

रात में उनके साथ हुई चुदाई की याद मेरे दिमाग में एक ब्लू फिल्म के जैसे चलने लगी.
कुछ ही पल में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.

मैंने अपने लंड को मामी की गांड में डाल दिया तो मामी को ज़ोर से दर्द होने लगा.
वे आह करती हुई उठ गईं और बोलीं- बस करो अब!

मैंने कहा- बस ये लास्ट टाइम है, क्या आपको चुदाई में मज़ा नहीं आया!

मामी ने कुछ नहीं कहा और वे मेरे लंड को अपनी गांड में लिए हुई ही सही पोज में हो गईं और बोलीं- हां अब पेलो.

फिर हम दोनों इंटरनेट पर जिस तरह से गांड चुदाई की जाती है, उस स्टाइल से चुदाई करने लगे.

जल्द ही हम दोनों फुल मूड में आ गए थे.
मैं हॉट सेक्स विद सेक्सी मामी का मजा ले रहा था.

तभी मामी का फोन बजने लगा.

मामी ने देखा तो मामा की कॉल आ रही थी.
मामी ने मुझसे कहा- चुप रहना!
उन्होंने फोन पर बात की.

मामा ने कहा- मैं एक घंटे में घर आ जाऊंगा. तुम्हें इसलिए फोन किया है ताकि तुम दरवाजा खोल दो.
मामी ने ओके कहा और फोन रख दिया.

अब मैंने धकापेल मचाई और अपने लंड का पानी मामी की मुँह पर निकाल दिया.
फिर हम दोनों ने साथ में नहा लिया और मैं मामी के कमरे निकल गया.

तब से आज तक मैंने अपनी मामी को 5 बार चोदा है.


 

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मां की चुदाई बस में-1




मेरा नाम राज है। मेरे घर पर हम 3 लोग ही है, मैं, मेरे पापा, और मेरी हॉट सेक्सी मां। मेरी उम्र 23, पापा की 48 मां की 44 हैं। तो इस कहानी की हीरोइन का फिगर बता दूं।

वो दिखने में गोरी है, भरा हुआ शरीर है, दिखने में बिल्कुल वेलम्मा जैसा। जिसका हर कोई दीवाना है। पापा तो शादी होते ही चोदने लगे, और पहले ही साल में मुझे मेरी मां की चूत से निकाल दिया, और फिर मां का ऑपरेशन करवा दिया, जिससे उनको चोदने में कोई रुकावट ना आए बच्चे की।।

मैं बहुत पहले से ही मां की चुदाई पापा के साथ देख रहा हूं, वो पूरी नंगी करके चोदते थे और नंगी ही मां को सुलाते थे। लेकिन उन्हें पता नहीं था मैं भी रात में कभी-कभी जाग जाता था, और जगता तो ऐसे चमकती हुई मेरी मां नंगी सोई रहती थी। वो इतनी चुदाई से थक के बेसुध सोती थी। तो मैं भी उसकी चूत और गांड को छू कर देखता था। चूत पर छोटे-छोटे बाल होते थे जो चुभते थे, लेकिन पापा उसी चूत को चटकारे लेके चूसते थे, और गांड एक-दम चिकनी गोरी होती थी।

अरे माफ करना, मैंने तो अपनी मां का नाम बताया ही नहीं। उसका नाम ज्योति है, जो अंधेरे में भी नंगी होके उजाला कर देती है। उसका नाम जैसा है, वैसे ही उसका शरीर हैं। तो कहानी शुरू करते है। इस कहानी की हर एक बात सही है। हम ऐसी जगह रहते जरूर है जहां ऐसे रिश्ते को हम बस काल्पनिक ही मानते है। लेकिन इसी काल्पनिक दुनिया में कुछ सच्चाई भी छुपी होती है, तो ये वही छुपी हुई सच्चाई है।

ये बात 2023 की है जब हम तीनों को एक रिश्तेदार के घर पर जाना था‌। लेकिन पापा को जरूरी काम था, तो उन्हें मुश्किल हो रही थी। कोशिश करने के बाद भी उन्हें समय नहीं मिला, तो तय ये हुआ कि हम मां-बेटा ही जाएंगे।

मैं आपको बता दूं कई बार हम मां-बेटा घूमने भी जाते है, तो हम दोनों को हसबैंड-वाइफ लोग समझ लेते है। तो इस बात से समझ ही सकते है कि मेरी ज्योति ने खुद को किस तरफ मेंटेन किया हुआ है।

खैर जहां हमें जाना था वह पर जाने के लिए सिर्फ बस ही मिलती है। ट्रेन से वहां नहीं जय जा सकता या। ये कहे वहां ट्रेन जाती ही नहीं है। तो हम दोनों का फिक्स हुआ जाना।

दिसंबर का समय था। ठंड शुरू हो चुकी थी, और जहां पर जाना था वहां थोड़े पहाड़ होते है, तो रास्ते में ठंड बढ़ जाती हैं। ये हमें पता नहीं था तो मां और मैं तैयार हुए। मैं अपनी लोवर टी-शर्ट में था, और मां ने एक हॉट ब्ल्यू सारी पहनी अपनी गहरी नाभि के नीचे से। मैं बताना चाहता हूं कि मेरी मां पैंटी नहीं पहनती थी। तो वो सारी पेटीकोट के अंदर से नंगी थी, और अपनी चूत को साफ रखती थी।

हमारी बस स्लीपर वाली थी। हम दोनों की सीट एक साथ थी। शाम को हम दोनों को पापा ने बस में बिठा दिया। हमारी बस निकल गई हमारे शहर से, और हम दोनों ही इधर-उधर की बातें करने लगे। मेरी आदत थी मैं सोते हुए अपनी मां से चिपक कर ही सोता था हमेशा। लेकिन मुझे पता नहीं था इस सफर में उसकी चूत के अंदर घूमने भी मिलेगा, उसका पानी पीने मिलेगा।

थोड़ी रात होने लगी थी। बस को 11 बजे ही रुकना था, लेकिन 8 बजे तक हमने अपना खाना खाया, और अपनी सीट के पर्दे लगा लिए। सीट पर गेट नहीं था, सिर्फ पर्दे थे। हम दोनों लेट गए। मैं अपनी मां के पेट पर हाथ रखा हुआ उनसे बाते कर रहा था, और पेट को भी सहला रहा था। ऐसे में हर लड़का जानता है कि सोते हुए कैसे खड़ा हो जाता है, जब कोई आपके पास और सेक्सी हो तो फिर तो लंड को रोकना मुश्किल होता है।

मेरी आदत थी कि में सोते हुए अंडरवियर में सोता हूं, चाहे कहीं भी रहूं। तो मैं अंडरवियर में था, और शायद मां को मेरा लंड महसूस हो भी रहा था। लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। पर जो औरत रोज लंड की सवारी करती हो, उसकी चूत कैसे रोके खुद को। तो शायद उसकी चूत भी गीली हो रही थी। ठंड में भी उसे हल्का पसीना आ रहा था।

बस की लाइट बंद हो चुकी थी। बस अपनी तेजी में थी और मैं धीरे-धीरे अपनी मां के साथ चिपक रहा था। मां ने एक चादर निकाली और हम दोनों उसके अंदर आ गए। मुझे लगा शायद मां मुझे ठंड से बचाना चाहती थी इसलिए। लेकिन वजह कुछ और थी। चादर ओढ़ते ही मां ने अपनी साड़ी और पेटीकोट एक साथ ऊपर किए, और चूत पर उंगली से रगड़ रही थी।

मां अपनी चूत को रगड़ते हुए आह आह की सिसकियां ले रही थी, जिससे मेरी हल्की नींद टूटी और मैने ध्यान दिया तो मां थोड़ी हिल रही थी। बस के हिलने की गति और मां की गति अलग थी। मुझे भी एहसास हो गया था कि ये गरम हो गई थी। मैं थोड़ा सा अपना पैर अपनी मां के ऊपर रखा तो, उसकी चिकनी जांघ से मेरे अंदर करंट सा दौड़ गया।

आप लोगों ने भी पहली बार किसी की चिकनी जांघ को छुआ होगा तो आप लोग को भी इसका एहसास होगा कि कितना मजा आता है, और ठंड में भी पसीने निकल जाते हैं। दिल की धड़कन तेज होने लगती है, और फिर मेरे साथ तो मेरी रानी थी, जिसे मैं अपनी ख्वाबों की रानी मानता था। जिसे मैं कब से नंगी देखा करता था। तो मेरे पास आज मौका था,‌ जिसे मैं कुछ भी करके छोड़ना नहीं चाहता था।

तो मैं अपने खड़ा लंड को बाहर निकाल कर मां की गांड से रगड़ने लगा। मां जोश में थी। उसे भी लंड की जरूरत थी, तो उसने अपनी चूत में उंगली करनी बंद नहीं की।‌ उसे कुछ ध्यान ही नहीं था कि उसकी गांड पर मैं लंड रगड़ रहा था। फिर मैंने अपना हाथ आगे करके उसकी जांघों पर रख दिया, और रगड़ने लगा, और दबाने लगा। तो उसने पलट कर मेरा हाथ हटा दिया।

वो बोली: ये क्या कर रहा है बेटा?

मैं बोला: जिसकी तुम्हे जरूरत है, उसकी मुझे भी है।

वो बोली: तू मेरा बेटा है, तेरे साथ कैसे कर सकती हूं?

मैं बोला: तो इस बस में कौन हमें जनता है कि हम कौन है? क्या रिश्ते में लगते है? और वैसे भी देखने वाले हम दोनों को तो मिया-बीवी समझते हैं।

वो बोली: नहीं बेटा।

मैं अपना हाथ उसकी जांघों से हटाया नहीं। उसकी जांघ को सहलाता रहा। मैं जनता था उसकी चूत का पानी निकला नहीं था, तो थोड़े समय में मान जाएगी।


 

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मां की चुदाई बस में-2




मां बोली: नहीं बेटा तू जहां से निकला है वहां कैसे कर सकता है?

मैंने अपना हाथ चूत पर रखा, और एक उंगली अंदर कर दी, और उसकी आह निकल गई।

वो बोली: नहीं बेटा, हाथ निकाल ले।

मैं बोला: पहले गर्मी तो निकाल दू मां आपकी।

मैं बस आपकी मदद करना चाहता हूं।

वो बोली: कैसी मदद?

मैं बोला: आपका पानी निकाल कर आपको आराम से सुलाना चाहता हूं।

और‌ मैं उंगली करता रहा। उसकी आंखे बंद होने लगी। मैंने भी मौका देख कर चादर के अंदर जाके अपनी मां की टांगों को उठा कर मुंह डाल दिया। मस्त मोटी-मोटी चिकनी जांघों के बीच अपना सिर डाल कर चूसने लगा चूत का रस।

आह, मैं बता नहीं सकता दोस्तों उस रस को पहली बार चूस रहा था मैं। मेरी मां जो कि पहले से गरम थी, वो भी समझ गई थी कि अब कुछ नहीं कर सकती। अब उसका बेटा बड़ा हो गया था, और अपने पापा की जिम्मेदारी उठाने के लायक हो गया था। तो उसने अपनी मोटी भरी जांघों को उठा कर, मेरे कंधे में रख कर, अपनी चूत में दबा लिया, और मेरे बालों को हाथों से सहलाते हुए सिसकी लेने लगी।

ये सब हम बहुत धीरे-धीरे कर रहे थे। जानते थे कि हम बस में थे, तो हम पूरे नंगे नहीं हो सकते थे। लेकिन चुदाई तो कुछ भी करके हम करेंगे ही बस में। 20 मिनट तक मैंने पूरी चूत को मुंह के अंदर डाल कर चूसा-चाटा। मेरी मां का पानी निकालने को था। तो उसने अपनी गांड उठा कर पूरा पानी मेरे मुंह में डाल दिया। मैं भी पूरी चूत चूस कर आखिरी बूंद तक निकाल कर निचोड़ दिया चूत को।

मैं ऊपर आया और मां को देखा तो मां बोली: छी! तू कैसे वहां का पानी पी गया?

मैं मां के होठों को चूमने आगे बढ़ा तो उसने मना कर दिया।

वो बोली: जब मुंह धोएगा तो ही किस मिलेगी।

मैं भी जबरदस्ती नहीं करना चाहता था, तो मैं बोला: मेरा चूसोगी?

तो मां बोली: मुझे ये नहीं पसंद।

तो मैं बोला: फिर सूखा लंड डालूंगा तो चीखना मत।

वो बोली: थोड़ी देर रुक जा बेटा। अब तो तेरे बस में हूं मैं। थोड़ा वापस कर अपनी मां को प्यार।

मैं फिर मां के दूध चूसने लगा। मां के चेहरे को देख कर लगा रहा। उसको मजा आ रहा था। दूध पीते-पीते चूत को भी रगड़ कर गरम कर रहा था।‌ 15 मिन में चूत वापस गीली होने लगी। मैं देर ना करते हुए ऊपर मिशनरी पोजीशन में साड़ी ऊपर करके ही लंड डालने लगा।

मां बोली: बेटा तेरा तो मोटा है, थोड़ा आराम-आराम से करना।

मैं बोला: बिल्कुल मेरी रानी।

तो वो बोली: हट बदमाश! रानी बोलेगा अपनी मां को?

मैं बोला: जो काम मैं कर रहा हूं, वो तो राजा अपनी रानी के साथ ही करता है।

तो वो बोली: जल्दी कर बेटा। लेकिन ध्यान रखना मेरी चूत को प्यार चाहिए। अगर बेरहमी से करेगा तो ये आखिरी बार होगा।

मैं भी मन में सोचा: ये तो शुरुआत है। मेरी मां, एक बार मेरा लेके देखो, फिर तो पापा के साथ सोना भूल जाओगी।

मैं अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर टोपे को छेद पर रगड़ा, और अंदर नहीं डाला, ऊपर ऐसे ही रगड़ रहा था। मैं चाहता था कि मेरी मां मेरा लंड पकड़े खुद, और हुआ भी यही।

मेरी मां खुद बोली: बेटा मत तड़पा अब।

और लंड पकड़ के छेद में डालने लगी, अपनी गांड को उठाने लगी। फिर मैं धीरे-धीरे घुसाने लगा। टोपा अंदर घुसते ही मां ऊपर सरकने लगी।

वो बोली: नहीं बेटा बहुत मोटा है।

मैं पकड़ा हुआ था और जाने नहीं दिया।

फिर मैं बोला: बस थोड़ा सा गया है।

और मैं अपनी चड्डी मां के मुंह में डाला, जिससे उसकी आवाज ना निकले। लेकिन मैं धीरे-धीरे और अंदर डालने लगा। तभी बस में ही तेज झटका लगा, और मेरा अंधा लंड चूत के अंदर चला गया। वो तो अच्छा हुआ मैं चड्डी मां के मुंह में डाल दिया था, नहीं तो सब को पता चल जाता हमारी सुहागरात बस में हो रही थी। मां मेरे को हटाने लगी, लेकिन मैं धीरे-धीरे करके पूरा अंदर डाल दिया और लेट गया।

झटके से मुझे भी मेरे लंड में दर्द हो रहा था, लेकिन मैं निकालना नहीं चाहता था। थोड़ी देर बाद मां खुद अपने मुंह से चड्डी हटा कर बोली-

मां: बेटा कितना मोटा है तेरा।

मैं पूछा: क्यों मां, पापा का नहीं है क्या?

वो बोली: तेरे पापा का इतना मोटा नहीं है। उनका लंबा है लेकिन तेरा मोटा ज्यादा है।

में बोला: मोटा लंड आपकी इसी चूत से निकला है जिसके अंदर है।

मां फिर अपनी गांड उठा कर हिलाने लगी। तो मैंने भी चुदाई शुरू कर दी। बस के झटके इस चुदाई में और मजा बढ़ा रहे थे, और 1 घंटे तक हमारी धीरे-धीरे चुदाई चलती रही, और मेरा पानी चूत के अंदर ही निकल गया।

मां भी 2 बार अपनी चूत की मलाई मेरे लंड को खिला चुकी थी। जैसे ही मैं हटा, तो मां बोली-

मां: अब चूत साफ कौन करेगा?

मैं बोला: अरे मेरी मां तेरा बेटा है ना तेरी सेवा के लिए। तू हाथ मुंह जिससे बोल कर दूंगा।

वो बोली: टिशू से साफ कर दे।

मैंने टिशू से साफ किया, और किस भी किया।

तब मैं बगल में लेट गया और दूध सहलाता रहा।

तो मां बोली: तूने और किसके साथ किया है?

मैं बोला: मां ये मेरा पहली बार था, और मैंने तो जबसे होश संभाला है, तब से तुमको ही चाहता था। तो वो मुझे अपने गले से लगा कर लिप किस करने लगी। मैं भी चूसने लगा पूरा, तो खुश होके बोली-

मां: बेटा क्या मैं तेरा पहला प्यार हूं?

मैं बोला: हां तू ही पहला है, और शायद अब तो मुझे सब कुछ मिल गया। तो अब आखिरी भी तुम ही हो।

हम दोनों ने टाइम देख तो 10:45 हो रहे थे। 11 बजे के पास बस रुकनी थी, तो मैं कपड़े पहन कर आगे चले गया, और मां अपनी साड़ी सही करने लगी।

 

junglecouple1984

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बुआ की चुदाई - 1





मेरा नाम राजू है। मेरे पापा के चाचा की लड़की थी उर्वशी, जो रिश्ते में मेरी बुआ लगती थी। जब मैं कॉलेज प्रथम वर्ष में रहा होगा, तब वो भी कॉलेज जाती थी। वो दिखने में काफी अच्छी थी। साफ रंग था उनका। बुआ और मैं साथ में काफी खेला करते थे। छुपम-छाई पकड़म-पाटी। और बुआ मुझे गुदगुदी भी किया करती थी। मुझे आज भी याद है बुआ मुझे गुदगुदी के बहाने लंड पर छू लिया करती थी। मेरी चड्डी में हात डाल कर गुदगुदी किया करती थी।

एक बार की बात है मेरा लंड नया-नया खड़ा होना शुरू किया होगा। तब मुझे पता भी नहीं था कि इससे सेक्स भी करते है और स्पर्म भी निकलता है। एक बार बुआ के साथ मस्ती करते-करते कुछ अजीब सा लगा, और मेरा लंड काफी कड़क होकर दुखने लगा। मैंने बाद में बाथरूम में जाकर देखा तो पता नहीं लंड पर सफेद-सफेद सा कुछ था एक बूंद। मैं डर गया मुझे लगा कि मुझे पस आ रहा था। मैं काफी परेशान हो गया।

थोड़ी देर तक मुझे परेशान देखने के बाद बुआ मुझसे पूछने लगी: क्या हुआ राजू? परेशान क्यूं है? कुछ हुआ क्या?

मैं: नहीं बुआ, कुछ नहीं हुआ।

बुआ: अरे बता ना, अपनी बुआ को नहीं बताएगा? में तो तेरी फ्रेंड हूं ना।

मैं: नहीं बुआ, कुछ नहीं हुआ।

बुआ (मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास बिठा लिया): चल अब बता मुझे क्या हुआ है?

मैं: बुआ शायद मुझे लग गई है, सूसू से पस जैसा कुछ निकला।

बुआ: अच्छा दिखा मुझे।

मैं: नहीं बुआ, उसके लिए तो चड्डी उतरनी पड़ेगी।

बुआ: तो क्या हुआ, मैं तेरी बुआ हूं। मुझसे क्या शर्म।

मैं: अच्छा ठीक है बुआ (ये कहते हुए मैंने अपनी चड्डी उतार दी).।

मेरा लंड तब बैठा हुआ था।

बुआ ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और बोली: दिखा क्या हुआ है?

बुआ के लंड हाथ में लेते ही मेरा लंड बड़ा होने लगा। मेरे लंड की लंबाई और मोटाई देख कर बुआ भी हैरान हो गई।

मैं: बुआ ये क्या हो रहा है?

बुआ: कुछ नहीं, तू डर मत, ये तो होता है। तुझे कुछ नहीं हुआ है। बड़े होते है ना, तो ये भी बड़ा हो जाता है।

मैं: पर बुआ वो पस? और ये इतना कड़क क्यूं हो रहा?

बुआ: वो पस नहीं स्पर्म है, और देख मैं तुझे एक चीज सिखाती हूं। उससे ये वापिस छोटा हो जायेगा।

ये कह कर बुआ मेरा लंड हिलाने लगी। मुझे एक-दम से अच्छा सा लगने लगा। फिर थोड़ी देर में मुझे लगा कि मुझे सुसु आ जायेगी।

मैं: बुआ रुको, मुझे सुसु जैसा हो रहा है।

पर बुआ रुकी नहीं। फिर एक-दम से मेरे लंड से कुछ सफेद-सफेद सा निकला, और मुझे बहुत अच्छा लगा।

बुआ: देख इसे स्पर्म बोलते है। जब बड़े हो जाते है, तब ये लंड से निकलता है।

और देखते ही देखते मेरा लंड छोटा हो गया।

मैं: बुआ ये तो वापिस छोटा हो रहा है।

बुआ: देखा, बोला था ना ऐसे होता है ये वापिस छोटा। ये बात तूने मुझसे तो कर ली, और किसी से मत करना। कोई भी तकलीफ हो तो सीधा मेरे पास आना।

फिर उसके बाद से जब भी मैं बुआ से मिलता, तो बुआ मेरा स्पर्म निकालती। कुछ टाइम बाद मेरा स्पर्म काफी सारा बनने लगा। एक दिन बुआ ने मेरा लंड हिलाया, तो खूब सारा स्पर्म निकला, और पूरा बुआ के ऊपर फेल गया।

मैं: सॉरी बुआ मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ।

बुआ: अरे ये तो होता है। लड़कियों को स्पर्म बहुत पसंद होता है। यह बोलते हुए बुआ ने अपने चेहरे पर से स्पर्म लिया, और उसे चाट गई।

मैं: छी बुआ, ये क्या कर रहे हो?

बुआ: लड़कियों को इसे चाटना बहुत पसंद होता है। वो तो इसे सीधा चाट जाती है।

ये कह कर बुआ ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया। मेरा नरम पड़ चुके लंड को बुआ अपनी जीभ से चूस रही थी। उनके मुंह में लेने से मुझे फिरसे कुछ अजीब सा लगा, और देखते ही देखते मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। उसके बाद बुआ ने लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसा, और गन्ने की तरह निचोड़ कर मेरा सारा स्पर्म पी गई।

इसके बाद से मैं हमेशा बुआ से मुंह में लेने के लिए जिद करने लगा। कई बार तो बुआ मना भी करती, तो भी मैं उनके मुंह में अपना लंड भर देता।

बुआ बोलती: तू तो बहुत बदतमीज़ होता जा रहा है।

पर अब मुझे लत लग चुकी थी। बुआ के मुंह में मुठ मारे बिना रहा नहीं जाता था।

फिर मैंने पोर्न देखना भी शुरू कर दिया, जिसके बाद मेरी हवस और बढ़ने लगी। उसके बाद मैंने बुआ के बोबे दबाने और गांड पर हाथ लगाना भी शुरू कर दिया। मैं कई बार पीछे से बुआ को कस कर पकड़ लेता, और अपने दोनों हाथों से बुआ के बोबे दबाता, और अपना कड़क लंड बुआ की गांड पर दबाता। बुआ भी कभी मजे लेती। एक दिन घर पर जब बुआ अकेली थी, तो मैंने जाकर उनकी गांड पर चट करके मारी।

बुआ: राजू ये क्या बदतमीज़ी है? अपनी बुआ को ऐसे मारते है क्या?

मैं (बुआ को पलटा कर उनकी गांड पर लंड से झटके मारते हुए): नहीं बुआ ऐसे मारते है।

बुआ ने पलट कर मुझे थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद मुझे बहुत गुस्सा आया। मैंने बुआ को जमीन पर बिठाते हुए कहा-

मैं: चुप चाप मेरा लंड निकालो और चूसो।

बुआ: आज नहीं। राजू ऐसा मत कर।

मैं: निकाल कर चूस, नहीं तो मैं सब को बता दूंगा कि आपने मेरा लंड चूसा था।

बुआ ने मेरा लंड बाहर निकाला और चूसने लगी। मैंने जानवरों की तरह बुआ के मुंह को चोदा। दीवार पर सटा कर जोरों से पेले जा रहा था। फिर काफी देर बाद मैं रुका और बोला-

मैं: कपड़े उतारो।

बुआ: ये ज्यादा हो रहा है।

मैं: ज्यादा तो मैं बताऊंगा क्या होता है। बहुत हवस चढ़ी थी ना लंड चूसने की। आज इसी लंड से रंडी की तरह चोदूंगा। उतार कपड़े।

बुआ ने अपने कपड़े उतारे, और मैं उनके बोबे चूसने लगा। फिर उनकी चूत में उंगली करने लगा। बुआ को काफी मजा भी आ रहा था, पर मुझे गुस्सा भी दिखा रही थी। फिर मैंने बुआ को बिस्तर पर पटका, और पीछे से अपना कड़क मोटा लंबा लंड उनकी चूत में घुसा दिया। बुआ की चीखें निकल गई। उसके बाद मैंने बुआ को कुतिया की तरह चोदा। बुआ बस आह उह कर रही थी।

बुआ ने चादर को कस कर पकड़ रखा था, और मैं उनके पीछे से झटके पर झटके दिए जा रहा था। फिर मैंने बुआ को पलटा कर, उनकी टांगे अपने कंधे पर रख कर, झटके मारने शुरू कर दिये। काफी देर तक धीरे-धीरे झटके देता गया। जैसे ही वापिस दम आया, तो मैंने बुआ की दोनो टांगे उनके कंधे की तरफ करी, और पूरा उपर चढ़ गया। फिर जोरों से पेलने लगा।

पूरा पलंग आवाज कर रहा था, और बुआ हर झटके के साथ चीखे जा रही थी। अब हम एक-दूसरे की आखों में देख कर चुदाई कर रहे थे। मुझे बुआ की आखों में चरमसुख आता दिख रहा था। मैं भी काफी करीब था। फिर कुछ ही देर में हम दोनों जोरों से सिसकियां लेने लगे, और आह आह की आवाज़ करने लगे।

बुआ: बस थोड़ा और बस थोड़ा और (चिला रही थी)।

और फिर एक-दम से आह आह और हम दोनों ने चरमसुख पा लिया था। मेरा सारा स्पर्म बुआ की चूत में ही झड़ गया। बुआ ने अपनी चूत में उंगली डाल कर मेरा स्पर्म बाहर निकाला, और चाट गई।

फिर मुझसे बोली: आज से मैं तेरी रंडी, जब चाहे तब चोद देना मुझे।

मैं: अगली बार हाथ उठाया तो गांड ही मार लूंगा। और ऐसे रोज मेरा लंड चूसना बिना नखरे करे। कभी भी ना-नुकुर करी, तो ऐसी गांड मरूंगा कि सीधे चल नहीं पाओगी।

बुआ: अब बिल्कुल मना नहीं करूंगी। और तेरा जब मन करे बुआ की गांड मारने का, तब मार लेना गांड भी। वैसे भी आज की चुदाई के बाद मैं ये लंड अपने अंदर लिए बिना रह नहीं पाऊंगी।

उसके बाद से बुआ और मैं एक-दम करीबी बन गए। घर परिवार में सब यही बोलते थे, बुआ भतीजे में तो बहुत प्यार है। बेचारे घर वालों को क्या पता कि हमारा प्यार रोज बरसता है।
 
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