• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


Results are only viewable after voting.

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
विधवा मम्मी की वासना भड़का दी


मेरा नाम राहुल है. मैं हिमाचल से हूं मगर मैं और मेरा परिवार फिलहाल पंजाब में रहते हैं.

यह मेरी पहली कहानी है। अगर लिखने में कुछ गलती हो जाए तो माफ करना।

मेरी उम्र 24 है। हम परिवार में तीन लोग हैं- मां, मैं और मेरी बड़ी बहन। मेरे पिता का देहांत दो साल पूर्व हो गया था. मैं और बहन नौकरी करते हैं और मां घर में ही रहती है.

मैं दीदी की चुदाई करता था पर मम्मी को शक हुआ तो उसने दीदी की शादी करवा दी।

आपको बता दूं कि मेरी मम्मी विधवा है और उसे हम भाई-बहन की चुदाई के बारे में शक हो गया था।
जल्दी ही मम्मी ने दीदी की शादी करवा दी।

अब मुझे चूत और गांड चुदाई के लिए तरसना पड़ रहा था।
जब कभी साल-छह महीने में दीदी घर आती थी तो तभी चूत मिल पाती थी।
उसमें भी मम्मी हम दोनों पर नजर रखती थी इसलिए मजा तो जैसे खत्म ही हो गया था।

ऐसे ही दिन गुजर रहे थे और मेरे अंदर सेक्स की जो आग दबी थी उसमें रोज इंतजार का पेट्रोल गिरता जा रहा था जिससे वो रोज ज्यादा भड़कती जा रही थी।

जब मुझसे रहा न गया तो मैंने सोचा कि मम्मी पर ही ट्राई किया जाए। मेरा डर्टी विचार था पर मैं वासना से अँधा हो गया था.

मैं अपनी मम्मी के फिगर के बारे में बताऊं तो उसका साइज 36-32-38 का है।
आप सोच सकते हैं कि मेरी मम्मी देखने में कैसी सेक्स माल लगती होगी।

वो अक्सर घर में सूट सलवार और कुर्ता-पजामी या पजामा पहनती है। जिसमें उसकी बाहर को निकली हुई गांड मुझमें बहुत हवस जगाती थी।

एक दिन ऐसा हुआ कि मम्मी किचन में खाना बना रही थी।

मैं बाहर मार्केट से जब वापस आया तो पानी पीने के लिए किचन में गया और जानबूझ कर मम्मी के पीछे खड़ा होकर पूछने लगा- मम्मी क्या बना रही हो तुम?
उस समय वो कुर्ता पजामा पहने खड़ी थी।

मैं थोड़ा आगे को खिसका तो मेरा लंड मम्मी की गान्ड से टच हो गया।

इससे एकदम से लन्ड तनाव में आ गया और मम्मी को भी महसूस हुआ।
वो एकदम से वह वहां से दूर होकर चली गई लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं बोला।

उस दिन के बाद से मेरा भी हौंसला बढ़ने लगा और मैं अक्सर उनकी बॉडी को टच करने का मौका देखता रहता।

ऐसे करते करते दो महीने निकल गए और मेरी हवस बढ़ती जा रही थी।

एक दिन मम्मी को बाहर थोड़ा काम था तो मैं मम्मी को बाइक पर ले गया।
आते समय बहुत तेजी से बारिश शुरू हो गई और मैं और मम्मी बारिश से भीग गए।

जब हम घर पहुंचे तो दोनों भीग चुके थे।
मम्मी ने उस समय लाल रंग का प्लाजो और ब्लू कुर्ता पहना हुआ था और गीला होने से उनके कपड़े एकदम उनके शरीर से चिपक गए थे।
इससे उनकी व्हाइट ब्रा पूरी साफ दिखाई दे रही थी।

मम्मी की गांड की शेप देखकर मेरा कंट्रोल छूट गया और मैंने मम्मी को पीछे से जाकर पकड़ लिया और उनकी गान्ड पर अपना लन्ड का दबाव बनाते हुए धक्के लगाने लगा जैसे मैं मम्मी की गांड चोद रहा हूं।

वो बोली- क्या कर रहे हो ये?
मुझ पर हवस सवार थी और मैं कुछ भी नहीं सोच पा रहा था।
मैं सीधे बोला- उस दिन जो किचन में जो अधूरा काम रह गया था, वो पूरा करना है। मैं बहुत प्यासा हूं। मैं रोक नहीं सकता अपने आपको।

ये कहते हुए मैंने मैंने सीधे एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया और आराम आराम से कुर्ते के ऊपर से दबाने लगा।
मम्मी पहले तो थोड़ी छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन बाद में वो गर्म होने लगी।

इसी मौके का फायदा उठाते हुए मैंने उनका कुर्ता ऊपर किया और प्लाजो के ऊपर से फुदी को मसलने लगा।
अब वो आह … अह … करके थोड़ी थोड़ी सिसकारियां लेने लगी।

यह देखकर मेरा जोश और ज्यादा बढ़ने लगा।
मैंने उनके प्लाजो का नाड़ा खोल दिया। प्लाजो मैंने नीचे किया और निकलवा दिया।

अब वो ऊपर से कुर्ते में रह गई थी और नीचे से केवल पैंटी में।
फिर मैंने कुर्ता हटाकर पैंटी भी नीचे कर दी।

मम्मी की मोटी गांड देखकर मेरा लंड तो फटने को हो गया।
जल्दी से मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंके और मम्मी की नंगी गांड पर लंड को रगड़ने लगा।

अब मम्मी ने मेरे हाथों को अपने कुर्ते के ऊपर से अपने बूब्स पर रखवाया और अपने हाथों से दबवाने लगी।

नीचे मेरा लंड कभी मम्मी की चूत तो कभी गांड पर रगड़ खा रहा था।
मजे में मम्मी की आंखें बंद हो चुकी थीं; वो मेरे लंड की पूरी फीलिंग ले रही थी।

उसके मुंह से उम्म … आह्ह … करके सिसकारियां निकल रही थीं।

फिर धीरे धीरे मम्मी का मूड पूरा चुदाई के लिए बन गया और उसने पीछे हाथ लाकर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
अभी भी मेरा लंड उनकी गांड से टकरा रहा था।

मैंने पूछा- कैसा लग रहा है मम्मी?
वो बोली- बहुत अच्छा लग रहा है, बरसों की प्यास है, आज बुझवाने का मन कर रहा है; मेरी प्यास मिटा दो।
ये सुनते ही मैं भी मम्मी की चुदाई करने के लिए तैयार हो गया।

मुझे भी बहुत दिनों से चूत नहीं मिली थी इसलिए चुदाई के अलावा मन में कोई दूसरा ख्याल नहीं आ रहा था।
मैंने उनकी गांड पर हाथ टिका दिए और जोर जोर से दबाने लगा।
उस वक्त इतना मजा आ रहा था कि बस बता नहीं सकता।

मम्मी की 36 साइज की चूचियों को दबाते हुए मैं जोर जोर से उनकी चूत के होंठों पर लंड को रगड़ रहा था।
इससे मम्मी की चूत से पानी निकलने लगा था और वो चिकनी हो गई थी।
मम्मी की चूत का गीलापन मैं अपने लौड़े पर लगता हुआ महसूस कर सकता था।

अब मैंने मम्मी को अपनी साइड घुमाया और स्मूच करने लगा।
साथ में नीचे से मैं हाथ से उनकी चूत को भी रगड़ रहा था।
मम्मी की चूत की आग अब हर पल बढ़ती जा रही थी।

मॉम ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और उसकी मुठ मारने लगी।

कभी उसको अपनी चूत पर लगाकर मेरे कूल्हे पर टांग चढ़ा लेती थी ताकि मैं उनकी चूत में लंड घुसेड़ने पर मजबूर हो जाऊं।
मगर मैंने लंड की बजाय उनकी चूत में उंगली दे दी।

मैं एक उंगली देकर तेजी से अंदर बाहर करने लगा जिससे मॉम और ज्यादा तड़पने लगी।
मम्मी की पूरी बॉडी कांप रही थी।
मैंने और तेजी से उंगली करना शुरू कर दिया।

कुछ देर के बाद मॉम की चूत ने पानी का फव्वारा छोड़ते हुए मेरे हाथ को भिगो दिया।
उनकी चूत पूरी पानी में गीली हो गई।

मैंने उनको बेड के किनारे पर बैठाया और उनकी चूत में मुंह लगाकर चाटने लगा।
उनको गुदगुदी हो रही थी लेकिन मजा भी आ रहा था।

मैं अंदर तक जीभ घुसाकर उनकी चूत को चाट रहा था।
उनकी चूत के नमकीन पानी का स्वाद मेरे मुंह में आ रहा था।

मॉम दोबारा से गर्म होने लगी और मेरे मुंह को चूत में दबाने लगी।

मैंने उनको बेड के किनारे पर ही घोड़ी बना दिया और लंड को चूत पर सेट कर दिया। मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और चूत के मुख पर लंड को ऊपर नीचे करते हुए रगड़ने लगा।

इससे मम्मी के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं।
मॉम की चूत में मैंने पीछे से लौड़ा पेल दिया।
उनकी चीख निकल गई और आईई … उईई … आह्ह … मर गई … करके वो चिल्लाने लगी।
शायद बहुत समय से मम्मी ने चूत में कुछ नहीं लिया था।

मैंने पूरा लंड अंदर पेलकर उनकी चूत को चोदना शुरू कर दिया।
कुछ देर तक तो मॉम ऐसे ही दर्द में छटपटाती रही।
वो बार बार छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उनको साइड से पकड़ा हुआ था।

मेरे दोनों हाथ मॉम की गांड पर दोनों तरफ कसे हुए थे।
मैंने फिर गांड को ऐसे ही पकड़े हुए मॉम की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए।
मेरा लंड मॉम की चूत में अब स्पीड से अंदर बाहर होने लगा।

पांच मिनट के बाद मॉम को चुदाई में मजा आने लगा।
वो आराम से आह्ह … आह्ह … करते हुए चुदने लगी।

फिर मॉम ने मुझे रुकने का इशारा किया।
मैंने लंड के धक्के लगाने बंद किए और मॉम ने आगे सरक कर लंड को अपनी खुल चुकी चूत से पक् … से बाहर निकलवा लिया।
मैं समझ नहीं पाया मॉम ने ऐसा क्यों किया।

वो पलट गई और फिर मेरे सामने टांगें खोलकर लेट गई।
मुझे समझ आया कि मॉम आगे से चुदवाना चाहती है।

फिर उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मैंने फिर से उनकी टांगें फैलाते हुए लंड को चूत में पेल दिया।
अब मैं मम्मी के जिस्म के ऊपर लेट गया और चोदने लगा।

उनकी टांगों ने मेरी गांड को जकड़ लिया और मुझे नीचे खींचकर मेरे होंठों को चूसने लगी।
नीचे से मेरा लंड पूरी तेजी से मॉम की चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
अब मॉम की चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी।

काफी देर तक मैं इसी पोज में उनकी चुदाई करता रहा।
फिर उन्होंने मुझे नीचे लिटाया और खुद मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड की सवारी करने लगी।
वो बहुत चुदासी लग रही थी, उनकी चूचियों के निप्पल एकदम से तनकर खड़े हो चुके थे।

नीचे से धक्के लगाते हुए मैंने उनकी चूचियों को भी भींच रहा था।
अगले पांच मिनट तक मॉम मेरे लंड पर उछलती रही।
फिर मेरा माल निकलने को हो गया।

मैंने कहा- मॉम, मेरा होने वाला है।
वो बोली- तुम देख लो, कहां निकालना चाहते हो!

मैंने उनको उठने के लिए कहा और बेड पर घुटनों के बल कर लिया।

कुतिया वाली पोजीशन में मैंने मम्मी के मुंह में अपना लंड दे दिया और चुसवाने लगा।
वो भी भूखी रंडी की तरह मेरे लंड को चूसने लगी।

मॉम मेरी बहन से भी ज्यादा अच्छी तरह से लंड चूस रही थी।
मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा रहा था लेकिन ये मजा देर तक टिक नहीं पाया।
2-3 मिनट की चुसाई के बाद मेरे लंड ने माल मॉम के मुंह में गिराना शुरू कर दिया।
मैंने सारा माल उनके मुंह में उड़ेल दिया जिसे मॉम पूरा अंदर निगल गई।

कुछ देर तक हम दोनों वहीं बेड पर पड़े रहे।
हमें सामान्य होने में 10 मिनट का समय लग गया।
उसके बाद मॉम उठकर वॉशरूम में गई और मैं भी मॉम के पीछे वॉशरूम में चला गया।

अंदर जाकर मैंने मॉम को फिर से बांहों में भर लिया।
मैं उनकी चूचियों को चूसने लगा और चूत को रगड़ने लगा।

हम दोनों फिर से गर्म हो गए।
उसके बाद मैंने मॉम को वहीं सीट पर बिठा लिया और उनकी चूत को चूसने लगा।
मम्मी की चूत फिर से गर्म हो गई और उनकी चूत से नमकीन रस का स्वाद आने लगा।
अब मैंने उनको खड़ी किया और दीवार के साथ सटा दिया।

उनका मुंह दीवार की तरफ था और गांड मेरी तरफ।
मैंने पीछे से टांगों को फैलाते हुए उनकी चूत में लंड को पेल दिया और दीवार की तरफ धक्के लगाते हुए चूत को चोदने लगा।
मैं जोर जोर से झटके देने लगा।

वो भी मेरा पूरा साथ देते हुए गांड को लंड की तरफ उछाल रही थी।
लगभग 5 मिनट तक मैंने मॉम की चुदाई दीवार से सटाकर ही की।
फिर मैंने उनको नीचे फर्श पर लिटा लिया और खुद ऊपर आकर चोदने लगा।

अब मॉम को चुदते हुए मजा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था।
वो मेरी पीठ को नोंचते हुए चुद रही थी।
उनकी आंखों में संतुष्टि आती साफ दिख रही थी।

इस तरह मैंने वॉशरूम में मम्मी को बहुत देर तक अलग अलग आसनों में बहुत चोदा और पूरा माल उनके बूब्स पर डाल दिया।
मम्मी भी उस चुदाई में 2 बार झड़ गई।
फिर हम दोनों नहाकर बाहर आ गए और उस दिन के बाद हमारे बीच चुदाई का रिश्ता भी बन गया।

ये थी दोस्तो मेरी और मम्मी की चुदाई की कहानी।
इस कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।
 
  • Like
Reactions: Napster and Subham

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
Dosto mene 25 story upload ki hai.. lakin aap ka response bahot kam aa raha hai ...

waiting for your comments ...
 

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
Mummy aur uncle wli story post krna bro please aur ek ye story wli bhi 👇🏻

Mujhe ek story dund ne mein madad kijiye mujhe character k Naam yad nahi par ha story thodi yaad hai ek aurat APNI beta aur beti ko Leke APNI behen k beti shadi mein jati hai shadi ka ghar tha to jagah Kam thi toh wo aurat aur uska beta ek chote se kamre main sone k Liye roke uske bete ko sex ki Kuch juada samaj nahi tha toh wo Apne mom se Pucha aur mom bhi thodi garam thi usko samjate waqt apnar Kam ras bhi nikala phir subah ladka uske dekhta hai ki uski maa aur mausi kisss kar Rahe hai fir uski maa APNI behen ko bolti hai dar ne ki jarurat nahi ye kisi ko nahi bateye ga ha aur fir us rat maa ne Apne bete se chudwaya aur shadi khatam hone k Baad APNI behen aur jija bete k sath milke foursome kia uska pati bhi khule bhichar wala tha aur Apne ghar Jake APNI beti ko bhi bete se aur pati se chudwaya
Bhi


Bhki tum kaam bahut mst kr rhe ho bro 🫡

Thanks for your comment.. i will try to find this story ...
 

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
Mummy aur uncle wli story post krna bro please aur ek ye story wli bhi 👇🏻

Mujhe ek story dund ne mein madad kijiye mujhe character k Naam yad nahi par ha story thodi yaad hai ek aurat APNI beta aur beti ko Leke APNI behen k beti shadi mein jati hai shadi ka ghar tha to jagah Kam thi toh wo aurat aur uska beta ek chote se kamre main sone k Liye roke uske bete ko sex ki Kuch juada samaj nahi tha toh wo Apne mom se Pucha aur mom bhi thodi garam thi usko samjate waqt apnar Kam ras bhi nikala phir subah ladka uske dekhta hai ki uski maa aur mausi kisss kar Rahe hai fir uski maa APNI behen ko bolti hai dar ne ki jarurat nahi ye kisi ko nahi bateye ga ha aur fir us rat maa ne Apne bete se chudwaya aur shadi khatam hone k Baad APNI behen aur jija bete k sath milke foursome kia uska pati bhi khule bhichar wala tha aur Apne ghar Jake APNI beti ko bhi bete se aur pati se chudwaya
Bhi


Bhki tum kaam bahut mst kr rhe ho bro 🫡
Mummy aur uncle wli story jald hi upload kardunga ...
 

Mass

Well-Known Member
9,069
18,835
189
Dosto mene 25 story upload ki hai.. lakin aap ka response bahot kam aa raha hai ...

waiting for your comments ...
all good stories bhai...
koi maa bete ki shaadi aur suhagraat ki kahani ho to woh bhi add/upload kar do..thx.
 

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
all good stories bhai...
koi maa bete ki shaadi aur suhagraat ki kahani ho to woh bhi add/upload kar do..thx.
story jald hi upload kardunga ...
 
  • Like
Reactions: Mass

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
मॉम को पत्नी बनाकर सेक्स का मजा


मेरा नाम आर्यन है. मैं यूपी से हूँ. मेरी सगी मॉम की डेथ के बाद डैड ने दूसरी शादी कर ली थी.

मेरे डैड का अपना बिजनेस है और वो हमेशा अपने काम में लगे रहते हैं, मॉम को ज़्यादा टाइम नहीं देते हैं.
डैड अपने व्यापार के लिए सुबह से ही निकल जाते हैं और वापस आने का कोई समय निश्चित नहीं रहता है.

मेरी मॉम का नाम रश्मि है, उनकी उम्र 44 साल की है और फिगर 36-32-38 का है.
मॉम के मस्त सेक्सी बूब्स और उठी हुई गांड एकदम हॉट लुक वाली लगती है. उनका रंग भी गोरा है.

मेरी मॉम इतनी ज्यादा कामुक दिखती हैं कि उनको देखकर किसी बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए.

यह चुदाई कहानी उस समय की है, जब मेरी उम्र 23 साल की थी.

एक बार की बात है, मैं घर पर था और अपने रूम में लैपटॉप पर पॉर्न देख रहा था.
उस वक्त मेरा लंड पूरे जोश में था और मैं मुठ मार रहा था.
कान में हेडफोन लगे होने की वजह से मुझे पता नहीं चला कि मॉम मेरे रूम में कब आ गईं.

मॉम ने मुझे पॉर्न देखने के साथ साथ मुठ मारते हुए भी देख लिया.
फिर जैसे ही मेरी नज़र मॉम पर पड़ी, मेरी तो गांड फट गई कि ये क्या हुआ.
मैं एकदम से डर गया था.

लेकिन अब तक जो होना था, वो तो हो ही चुका था.

मॉम ने गुस्से में मुझसे कहा- शर्म नहीं आती, ये सब करते हो!
मैंने सॉरी बोला लेकिन वो गुस्सा होकर रूम से चली गईं.

अब मुझे बहुत डर लग रहा था.
ये सोचकर मेरी फट रही थी कि मॉम इस बात को पक्का डैड को बोलेंगी और मेरी क्लास लगने वाली है.

ऐसे ही सारा दिन निकल गया … मैं अपनी फटी हुई गांड लिए मॉम से बचता रहा.

शाम को डैड आए, उन्होंने फ्रेश होकर खाना खाया और अपने रूम में सोने चले गए.
मैं देख रहा था कि डैड ने मुझसे कुछ नहीं कहा.
इससे मुझे समझ में आया कि मॉम ने अभी तक डैड को कुछ बताया नहीं होगा.

अगले दिन मैं दोस्त के घर चला गया और जब वापस आया तो आवाज से अंदाजा लगा कि मॉम अपने रूम में हैं और मोबाइल पर किसी से बात कर रही हैं.
मैं कान लगाकर ध्यान से सुनने लगा तो ऐसा लगा कि मॉम अपनी चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि उनकी आवाजों में कुछ कामुक स्वर शामिल थे.

मैं धीरे से रूम के अन्दर घुस गया क्योंकि रूम लॉक नहीं था.
मम्मी एकदम नंगी थीं.
मेरी खोपड़ी सनक गई कि ये क्या माजरा है.

मैं चुपचाप अन्दर आ गया. मॉम अपनी आंखें बंद करके चूत में उंगली करने में इतनी मगन थीं कि वो मुझे नहीं देख पाईं.

मैंने मोबाइल निकाला और उनका वीडियो बनाने लगा.
वो किसी सनी नाम के लड़के से बात कर रही थीं.

मैंने पूरी वीडियो ढंग से बना लीं और चुपचाप वहां से बाहर निकल कर अपने रूम में जाकर लेट गया.
अब मैं मॉम को सोचकर मुठ मारने लगा.

पहली बार मैंने मॉम को पूरी नंगी देखा था.
क्या मस्त गोरा बदन और बड़े बड़े मिल्की एकदम टाइट मम्मे थे. एकदम चिकनी चूत, जैसे आज ही शेव की हो

मेरा तो लंड फटा जा रहा था.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, मन कर रहा था कि अभी जाकर मॉम को चोद दूँ लेकिन इतनी हिम्मत नहीं थी.
आज के इस सीन से एक बात तो साफ़ हो गई थी कि डैड, मॉम की प्यास सही से नहीं बुझा पाते हैं.

अब मैं अपनी मॉम को चोदने के सपने देखने लगा.
मैं चाहता था कि मॉम खुद ही मुझसे चुदवाने को बोलें इसलिए मैं प्लान करने लगा.

शाम को डैड आ गए, फिर वही रूटीन, खाना खाकर सोने चले गए.

अगले दिन मॉम किचन में काम कर रही थीं.

मैं गया और पीछे से उनसे चिपक कर उस दिन के लिए सॉरी बोलने लगा क्योंकि उस दिन के बाद मॉम मुझसे बता नहीं कर रही थीं.
मॉम ने कुछ नहीं कहा.

उन्होंने मुझे नाश्ता दिया और मैं खाने के बाद दोस्त के पास चला गया.

अब मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया कि क्यों ना मॉम को वो वीडियो भेजूं, जो मेरे पास थी.
कुछ देर तक हर बिंदु पर सोचने के बाद मैंने ठान लिया कि कुछ भी हो जाए मॉम को अब चोद कर ही रहूँगा.

फिर मैं ज़रूरी काम से कुछ दिन के लिए अपनी मौसी के घर चला गया.
मैं मॉम को मिस कर रहा था.

रात को मैंने मॉम की वीडियो देखी और लंड हिलाते हुए मॉम के नंबर पर कॉल की.
मॉम ने हैलो बोला.
मैंने हालचाल पूछे और पूछा- डैड क्या कर रहे हैं?

मॉम बोलीं- डैड सो गए हैं.
मैंने कहा- मॉम नेट खोलो, मैंने आपको कुछ भेजा है.

उन्होंने कहा- क्या भेजा है?
मैंने कुछ नहीं कहा और कॉल कट कर दी.

फिर मैंने मॉम की न्यूड वाली वीडियो उन्हें भेज दी और थोड़ी देर के लिए अपना मोबाइल ऑफ कर दिया.

शायद मॉम का मूड खराब हुआ होगा इसलिए वो कॉलबैक कर रही होंगी.
लेकिन मेरा नंबर लगा ही नहीं.

इसलिए दस मिनट बाद मॉम ने मौसी के मोबाइल पर कॉल कर दी और उनसे बोलीं- आर्यन से बात करा दो.

मौसी का मोबाइल लेकर मैंने हैलो बोला.
मॉम बोलीं- ये कहां से मिली?

मैंने जानबूझ कर बोला- क्या?
मॉम बोलीं- पहले अपना मोबाइल ऑन करो और मुझसे बात करो. मैं उसी पर बात करूंगी.

मैंने तुरंत अपने मोबाइल से कॉल लगाई.
मॉम बोलीं- बेटा प्लीज़ बताओ, ये वीडियो कहां से मिला?
मैंने कहा- आप परेशान न हों.

तब मॉम मुझसे फोर्स करके पूछने लगीं.
मैंने कहा- डैड को भी भेज दूँ क्या?

वो रोने लगीं और बोलीं- नहीं, प्लीज़ ऐसा मत करना.
मैंने कहा- मैं तो आपको बहुत सती सावित्री समझता था और आप एक ब्वॉयफ्रेंड से बात करती हो!
मॉम बस सॉरी सॉरी बोल रही थीं.

मैंने कहा- मेरी बात सुनो और बताओ. सन्नी के साथ आप कितनी बार चुदी हो?
मॉम ने मेरे मुँह से ‘कितनी बार चुदी हो …’ शब्द सुने, तो मॉम हिल गईं और बोलीं- ये क्या बकवास कर रहे हो?

मैंने कहा- ठीक है, मत बताओ. फिर खुद ही समझना.
मॉम धीमे से बोलीं- बस अब तक 3 बार … उससे मिले ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं.
मैंने कहा- डैड क्या अच्छे से चोदते नहीं हैं?

मॉम बोलीं- बहुत सालों से मेरे साथ तेरे डैड ने सेक्स नहीं किया इसलिए ग़लती हो गयी. अब आगे से किसी के साथ कभी नहीं करूंगी. लेकिन प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.
मैंने कहा- एक ही शर्त पर. जब आप मुझे खुश करोगी.

तो मॉम गुस्सा हो गईं और उन्होंने फोन कट कर दिया.
मैंने मैसेज किया- अगर मुझे भी चोदने दोगी, तो डैड को नहीं बताऊंगा … और हां सोच लो आराम से. आपके पास अभी दो दिन का टाइम है.

अब अगले दिन सुबह 10 बजे मॉम ने कॉल किया.
शायद डैड के जाने के बाद फोन किया था.

मैंने पूछा- बोलो जान क्या सोचा!
मॉम बोलीं- लेकिन ये सब एक बार होगा … और वीडियो डिलीट करनी पड़ेगी.

मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं घर पर नहीं करूंगा, कहीं बाहर चलो.
मॉम फिर डरने लगीं और बोलीं- घर पर क्या दिक्कत है?

मैंने कहा- मैं अच्छे से एंजाय करूंगा.
वो बोलीं- ठीक है, सब कुछ खुद ही मैनेज करो.

अब मेरे अन्दर सेक्स की आग भड़क रही थी.
मैं उसी दिन मौसी के घर से वापस निकल आया और शाम को घर आ गया.

मॉम अभी भी मुझसे डर रही थीं.
हम दोनों ने बात नहीं की.

डैड के आने बाद मैं डैड से कहा- मैं मॉम के साथ 4 दिन के लिए मसूरी जा रहा हूँ.
मॉम एकदम से बोलीं- अरे 4 दिन क्यों?

मगर तब तक डैड ने हां कर दी- हां चार दिन से कम में मसूरी का क्या मजा आएगा.
मॉम कसमसा कर रह गईं और मैं उन्हें देख कर मुस्कुराने लगा.

फिर अगले दिन हम दोनों अपनी कार से मसूरी निकल गए.
सफ़र में हम दोनों ने कुछ ज्यादा बात नहीं की और वहां पहुंचकर होटल में चैकइन कर लिया.

मैं इस होटल में अपनी बुकिंग पहले से ही कर ली थी.
ये एक अच्छा होटल था और हिल्स पर था.

कमरे में आकर मैं फ्रेश होने चला गया.
मॉम को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे क्या होगा.

मेरे फ्रेश हो कर आने के बाद मॉम बाथरूम में चली गईं और थोड़ी देर बाद मॉम एक काले रंग के मस्त गाउन में बाहर आ गईं.
उनको देखकर मेरा लंड टाइट हो गया.

मैंने मॉम को ज़ोर से अपनी बांहों में भर लिया.
मैं उनकी गांड दबाने लगा. मॉम के गले पर किस करने लगा.

मॉम कुछ उदास थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ, आप घर से इतनी दूर आई हो, एंजाय करो न मेरी जानू मॉम!

मॉम बोलीं- वीडियो डिलीट करो, मुझसे ग़लती हो गयी.
लेकिन मैंने कहा- आप खुद को किसी दूसरे से संतुष्ट करवाओ, ये मुझे मंजूर नहीं है.

वो मेरी बात सुनकर चुप हो गईं.
मैं उन्हें चुप देखकर नहीं रुका और उनको किस करने लगा.
अब मैं मॉम के बूब्स भी दबा रहा था.

मॉम धीरे धीरे गर्म हो रही थीं और उनका विरोध भी ना के बराबर हो गया था.

अब मॉम ने धीरे से कहा- ये सब तो घर पर भी हो सकता था, यहां क्यों लाए हो. मेरी तुमसे रिक्वेस्ट है, प्लीज़ वीडियो डिलीट कर दो.

मैंने उनकी एक नहीं सुनी. मैं अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और किस करने लगा.
पहले तो काफ़ी देर तक मॉम ने होंठ नहीं खोले, लेकिन मेरे हाथ उनकी चूत में चलने की वजह से अब मॉम की चूत का रस निकलने लगा था.

मतलब उनका मूड बन चुका था.
तभी मॉम ने मेरे होंठों को चूसना स्टार्ट कर दिया और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी.

अब मुझसे भी सब्र नहीं हुआ. मैंने मॉम को बेड पर पटक दिया और उनके गाउन को हटा दिया.
मॉम ने कुछ नहीं बोला.

मैं उनके बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
कुछ ही देर में मॉम मस्ती में आ गई थीं और आहें भरने लगी थीं.

मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में एकदम से घुसा दीं.
मॉम एकदम से उछल गईं ‘आह मर गई …. ऊऊह …’
कुछ देर में मॉम ने मेरी उंगलियों से अपनी में मजा लेना शुरू कर दिया.

फिर मॉम ने मेरा लंड ज़ोर से अपनी मुट्ठी में भर लिया और दबाने लगीं.

अब मैंने भी झट से अपने कपड़े उतारे और मॉम के नंगे जिस्म पर चढ़ गया.
मैंने मॉम की ब्रा को भी फाड़ डाला.
मॉम ने कुछ नहीं कहा. मॉम ने अपनी पैंटी पहले ही उतार दी थी इसलिए अब वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थीं और मस्त माल लग रही थीं.

मैं मॉम के दूध चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
मैंने मॉम के मम्मे इतने अधिक दबाए कि चूचे एकदम लाल हो गए.

मैं मॉम के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा और उनके दूध चूसते हुए नीचे आ गया.

मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसा दी और फिर सीधा चूत पर आ गया. मैंने अपना मुँह मॉम की चूत पर रख दिया और जीभ डालकर चूत का स्वाद लेने लगा.

एकदम रसदार नमकीन पानी बह रहा रहा था.
मेरी मॉम भी पूरे जोश में आ गई थीं. वो बोलीं- अब जल्दी से पेल दो.

मैंने दस मिनट तक मॉम की चूत को जीभ डालकर चूसा.
कुछ ही देर में मेरी मॉम ने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था.

कुछ देर तक और चूत चाटने के बाद मैं उठा और मॉम से लंड चूसने के लिए बोला.
पहले तो मॉम ने मना किया लेकिन फिर मुँह में लंड ले लिया.

मुझे मजा आने लगा और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड मॉम के मुँह में घुसेड़ दिया.

मेरा लंड उनके गले में जाकर फंस गया था.
मॉम बुरी तरह से छटपटा रही थीं लेकिन मैं जोरदार तरीके से लंड पेलता रहा.
कुछ ही पलों में मॉम का मुखड़ा एकदम लाल हो गया.

पूरा मुझे इतना जोश चढ़ गया था कि मैंने मॉम के मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया.
लंड उनके गले में था तो लंड का सारा माल मॉम के मुँह के अन्दर चला गया.

मॉम हौ हौ करने लगीं और तुरंत उठ कर थूकने के लिए जाने लगीं.
उनके मुँह में बचा हुआ माल जो उन्हें थूकने के लिए मजबूर कर रहा था.

मैंने उनके बाल पकड़े और अपना मुँह मॉम के होंठों पर रख दिया, उन्हें किस करने लगा.
मैं पहली बार अपने लंड का माल अपने मॉम के मुँह से लेकर स्वाद ले रहा था. मैं मॉम के मुँह में जीभ डालकर उन्हें किस करने लगा.

मुझे इतना मज़ा आया कि मेरा लंड फिर से फनफ़ना गया.
कुछ देर किस करने के बाद मैंने मॉम को बेड पर लिटाया और मैंने नीचे खड़े होकर अपना मोटा लंड मॉम की टाइट चूत में लगा दिया.

एक बार मैंने मॉम की तरफ देखा और ज़ोर से धक्का दे दिया.
मॉम की चूत गीली होने की वजह से सट से पूरा लंड चूत के अन्दर घुस गया.

उनके मुँह से चीख निकल गई.
वो सीत्कार करने लगी- आआहह उआहह बेटा ऊऊओह आहह ऊऊउ अया बेटा आराम से कर ना … प्लीज़ दर्द हो रहा है.

तभी मैंने मॉम के होंठों को अपने मुँह में लॉक किया और ज़ोर के झटकों के साथ उनकी चूत चुदाई करने लगा.

दो मिनट बाद बाद मॉम को भी चूत चुदवाने में मज़ा आने लगा. वो अपनी गांड उठाकर लंड लेने लगीं.

अब मैंने मॉम से कहा- मजा आ रहा है.
मॉम मुस्कुरा दीं और बोलीं- मैं चुदाई के लिए कबसे तरस रही थी … इसी वजह से मुझे सनी से अपनी चूत चुदवानी पड़ी. मगर अब मैं खुश हूँ.

मैंने कहा- अब आप लंड की सवारी करो,
मैंने लंड चूत से खींचा और बेड पर लेट गया. मॉम को मैंने अपने लंड पर बैठा लिया. मॉम भी अपनी चूत फंसा कर लौड़े पर बैठ गईं और अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थीं.

मॉम की चूचियां मस्त हिल रही थीं और उनकी मादक सिसकारियां मुझमें जोश भर रही थीं.
कुछ मिनट तक ऐसे ही चुदाई होने के बाद मॉम अकड़ने लगीं और मेरे ऊपर गिर गईं.
वो मेरे सीने पर गिर कर निढाल हो गईं.

मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा.
मेरा लंड अभी भी कड़क था और मॉम की चूत में घुसा हुआ था.

कुछ देर बाद मैंने मॉम को उल्टा किया और मॉम के ऊपर चढ़ गया.
एक बार फिर से मैं लंड पेल कर पूरे जोश के साथ मॉम की चूत को चोदने लगा.

मॉम बोलीं- आंह जल्दी जल्दी से चोद दे बेटा … आअह हहह बहुत मज़ा आ रहा है.

मैंने उनकी गर्दन को चूमते हुए कहा- मॉम, अब आपको लंड की कमी कभी महसूस नहीं होगी. मेरे लंड से आप जब चाहे मजा ले सकती हैं.
मॉम मुझसे चुदवा कर खुश थीं.

अब मॉम ने मुझे अपनी दोनों टांगों में दबा लिया और एकदम से मेरा सारा माल उनकी चूत में निकल गया.

मॉम ने जब तक मुझे दबाए रखा जब तक पूरा माल उनकी चूत में नहीं गिर गया.
उनकी गर्म चूत से निकल रहे लावा का अहसास भी मेरे लंड को हो रहा था.

अब मेरा लंड ढीला पड़ गया और मैं भी ऐसे ही मॉम के ऊपर लेटा रहा.
हम दोनों मां बेटा इस मधुर चुदाई से इतना थक गए थे कि पता ही नहीं चला, कब नींद आ गई.

देर शाम को करीब 9 बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा मॉम नंगी ही सो रही थीं.
मेरे बगल में नंगी मॉम मुझे बहुत हॉट लग रही थीं.

तभी मैंने मोबाइल की रोशनी जलने लगी. मोबाइल साइलेंट मोड पर था. मैंने फोन उठाया और देखा कि डैड की कॉल आ रही है.

मैंने डैड से हैलो बोला.
डैड ने हालचाल पूछे और मॉम के बारे में पूछा.

मैंने मॉम को जगाया और उनके हाथ में मोबाइल थमा दिया.
मॉम अब भी शर्मा रही थीं.
वो उठ कर बाथरूम में जाने को हुईं लेकिन मैंने उन्हें उठने नहीं दिया.

मैं उनके बूब्स दबाने लगा.

मॉम डैड से फोन पर बता कर रही थीं और अपने बेटे के साथ नंगी पड़ी थी.

मेरे ज़ोर से बूब्स दबाने की वजह से मॉम की आह निकल गई.

पापा ने पूछा- क्या हुआ?
मॉम- कुछ नहीं.

फिर मॉम ने कॉल कट कर दी.
उसके बाद मैं उठकर फ्रेश होने चला गया.
मॉम भी अन्दर नंगी ही आ गईं.

मैंने मुस्कुरा कर उनकी तरफ देखा.
वो बोलीं- मुझे सुसु करना है.
मैंने कहा- हां कर लो.

तभी मुझे मस्ती सूझी. मैंने मॉम को दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत में अपनी जीभ लगा दी.
मैंने इशारे कहा- अब मूतो.

मुझे मॉम ने बहुत रोका लेकिन मैं नहीं माना.

मॉम की चूत पानी टपकाने लगी. मॉम खुद से मेरे मुँह में झटके मारने लगीं और एकदम से बोलीं- अब हटो … सुसु आ रही है.

लेकिन मैंने पीछे से उनकी गांड को इतनी ज़ोर से पकड़ा हुआ था और जीभ अन्दर चूत में डालकर चूस रहा था कि मॉम कुछ कर ही ना सकीं और उनका मूत निकलने लगा.

मॉम की चूत से पूरी पेशाब मेरे मुँह में चली गई; कुछ बाहर भी टपक गई.

मुझे अपनी मॉम की पेशाब पीकर इतना मज़ा आया दोस्तो कि क्या बताऊं.

उधर मेरी मॉम शर्म से लाल हो गयी थीं और शरारती मुस्कान देती हुई बोलीं- पागल, ऐसे कौन करता है.
मैंने कहा- मॉम, तेरा बेटा करता है.

फिर मैं उठा और तभी मॉम ने शॉवर ऑन कर दिया.
हम दोनों पानी के नीचे नंगे खड़े थे पानी से नहाने लगे और मस्ती करने लगे.

हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया और चुदास भड़क गई तो फिर से एक राउंड चुदाई की.

अब मॉम मुझसे खुलने लगी थीं.
मॉम ने मुझसे कहा- इतना मज़ा मुझे अपनी लाइफ में कभी नहीं आया.

मैंने मॉम को आई लव यू बोला.
मॉम ने भी मुझे लव यू टू आर्यन बोला.

ऐसे ही 4 दिन तक हम दोनों ने बहुत मस्ती की.
मैंने मॉम को बहुत सारी हॉट सेक्सी ड्रेस भी दिलाईं.

मॉम ने मुझसे एक प्रॉमिस लिया कि ये बात डैड को पता नहीं चलना चाहिए और अकेले में मैं मॉम को उनके नाम से बुलाऊं.
मेरी मॉम मुझसे बोली- अब से तू मुझे मॉम समझ कर नहीं, बीवी बनाकर चोदेगा.

इस तरह से मॉम ने अपने बेटे के लंड को चूत की मस्ती देना शुरू कर दी थी.
आज भी डैडी को स्टेप मॉम सेक्स की बात नहीं मालूम है कि मेरी मॉम मुझसे चुदवाती हैं.
 

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
सौतेली मां को चोदकर उनकी ठण्ड भगाई

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज सेंगर है. मैं हिमाचल प्रदेश से हूँ.
ये कहानी नहीं बल्कि सच है, जो मैं आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ. यह स्टेप मॉम कहानी है.

मेरी उम्र 22 साल है और मेरी मां की उम्र 40 साल है.
ये माँ मेरी सगी माँ नहीं है. मेरे पापा का चक्कर इस वाली माँ से चल गया तो पापा ने मेरी सगी माँ को छोड़ दिया था और इससे शादी कर ली थी.

माँ एक कॉलेज में प्रोफेसर हैं और पापा कस्टम में जॉब करते हैं.
पापा अपनी जॉब के कारण ज्यादातर बाहर ही रहते हैं.

मेरी मां का फिगर 34-30-36 का है. वो बहुत ही खूबसूरत हैं और एकदम गोरी लाल टमाटर की तरह हैं.
मां का जिस्म बिल्कुल मलाई की तरह चिकना है. ये मुझे उसी दिन पता चला था, जब मेरे साथ ये हादसा हुआ था.

जनवरी के एक दिन की बात है. उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी.
शाम को 6 बज चुके थे, अन्धेरा गहराने लगा था, मां भी कॉलेज से नहीं आई थीं. मुझे चिंता होने लगी.

मैंने मां को फ़ोन किया तो वो बोलीं- मैं रास्ते में हूँ बेटा, बस आधा घंटा में आ जाऊंगी.

करीब 20-25 मिनट बाद मां आ गईं.
वो पूरी भीगी हुई थीं, उनके बाल गीले थे. साड़ी उनके बदन से चिपक चुकी थी और वो ठंड की वजह से बहुत ही ज्यादा कांप रही थीं.

वो अन्दर आकर बोलीं- बेटा जल्दी से टॉवल लाकर दे दे.
ठंड की वज़ह से मां से चला भी नहीं जा रहा था.

मां थोड़ी देर में नाइटी पहन कर वाशरूम से बाहर आ गईं और बोलीं- काफी ठंड है. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही है बेटा.

मैंने कहा- मां, आप रजाई ओढ़ कर लेट जाओ.
मां रजाई में घुस कर आराम करने लगीं.

मैंने मां के माथे पर हाथ लगा कर देखा, तो उन्हें बहुत तेज बुखार चढ़ा था.
मैंने फौरन डॉक्टर को फोन किया लेकिन बारिश की वज़ह से कोई आने कोई तैयार ही नहीं था.

मेरी समझ में नहीं रहा था कि मैं क्या करूं.

मेरी मां ठंड से कांप रही थीं और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था.
मां के हाथ पैर बिल्कुल ठंडे पड़ गए थे.
मैं उन्हें रगड़ रहा था, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.

बिजली भी गुल थी. हीटर आदि भी नहीं चला पा रहा था मैं!
मेरी घबराहट से हालत खराब थी.

जैसे जैसे वक़्त बीत रहा था, मां की हालत और खराब होती जा रही थी.
उनका शरीर पूरा ठंडा पड़ गया था.

मेरी मां ठंड की वज़ह से बेहोश हो रही थीं, बस उन्हें हल्का हल्का ही होश था.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं.

तभी मेरे दिमाग में ख्याल आया कि अगर एक मर्द किसी औरत को अपने जिस्म से चिपका कर रखे और उसे जिस्मानी गर्मी दे, तो शायद औरत की जान बच सकती है.
ये सोच कर मैंने मां की तरफ देखा और सोचा कि शायद इसी तरह से मैं कुछ करूं तो मेरी मां की जान बच जाएगी.
अगर मैंने जल्द कुछ नहीं किया और सोचता रहा तो इसी तरह से पूरी रात बीत जाएगी और मां के साथ कुछ भी हो सकता है.

अब मुझे ये समझ नहीं आ रहा था कि मां के लिए किसे बुलाऊं, पापा भी घर पर नहीं हैं. अगर किसी और को बुलाता हूँ तो बाद में बदनामी होगी.
बहुत सोचने के बाद मैंने खुद अपनी मां के साथ चिपक कर उनको जिस्मानी गर्मी देने का सोचा.

उसके बाद मैं मां के साथ रजाई में घुस गया और सिर्फ अंडरवियर में लेट गया.
मैंने मां को अपने बदन से चिपका लिया.

मुझे मां के बदन से चिपकने में बहुत अजीब सा लगने लगा.
मेरा लौड़ा पूरा तन कर खड़ा हो गया था जो मां की गांड में बार बार टच हो रहा था.
लेकिन मेरा कोई गलत इरादा नहीं था. ये तो मज़बूरी थी.

इतना करने के बाद भी जब मेरी मां की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा तो मैंने मां की नाइटी उतार दी.
अब मेरी मां मेरे सामने बिल्कुल नंगी थीं. मेरा लंड भी अब कंट्रोल से एकदम बाहर था.

मैंने मां को अपने सीने से लगा रखा था और उनके बदन को हाथों से रगड़ रहा था.
काफी देर तक ये करने के बाद मेरा माल चड्डी में ही निकल गया और मुझे चिपचिपा लगने लगा था.

मैंने लंड पौंछ कर चड्डी उतार दी.
अब मैं और मेरी मां बिस्तर पर बिल्कुल नंगे लेटे थे.
मेरा लंड झड़ने के बाद अब भी खड़ा था.

मां का शरीर अब थोड़ा गर्म होना शुरू हो गया था लेकिन मेरा बहुत बुरा हाल था.

एक नंगी औरत के जिस्म को अपनी बांहों में लेकर, उसके साथ बिना कुछ किए सोने से मुझको कितनी बेचैनी हो रही थी, ये बात आप सब समझ रहे होंगे.

मैं मां की चूत की तरफ से लंड को चिपकाए था और उनके दूध अपने सीने से लगाए हुए था.
मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था.

तभी एकदम से मां का हाथ मेरे लंड पर आ गया.
मेरे पूरी शरीर में करन्ट दौड़ने लगा.
खड़े लंड को कोई नंगी औरत छू ले, तो मर्द की हालत खराब हो जाती है.

एक नंगी और खूबसूरत औरत को बांहों में लेकर बिना कुछ किए रहना, मर्द के लिए कितना मुश्किल होता है.
ये बात दुनिया का कोई मर्द नहीं बता सकता है.

मां का जिस्म अब पहले से थोड़ा गर्म हो गया था लेकिन मेरी बॉडी इस कदर गर्म हो चुकी थी कि अब मुझसे रहा नहीं गया.

मैंने मां के होंठों पर किस करना शुरू कर दिया.
बदले में मां के होंठ भी हल्के हल्के चल रहे थे. वो भी मुझे प्यार करने लगी थी.

कुछ देर बाद माँ को समझ आ गया कि क्या हो रहा है. उन्होंने मुझे अपने से चिपका लिया और मुझे किस करने लगी, कहने लगी – मुझे प्यार कर बेटा!

मैंने मां को सीधा लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं अपने लंड को मां की चूत पर घिसने लगा.
उनके होंठों को मैंने इतना जोर से काटा कि मां के होंठों से हल्का खून निकलने लगा.

मैं मां को एक भूखे शेर की तरह नौंचने लगा. उनके मलाई जैसे मम्मों के निप्पल अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
वासना का अंधड़ अपने वेग पर आ गया और मैंने मां के हाथों को अपने हाथों में लेकर उनकी चूत में अपना पूरा लंड एक बार में ही पेल दिया.

लंड चुत में अन्दर गया तो मां की कराह निकल गई.
मैंने बिना कुछ सोचे समझे लंड चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

मैं लगातार मां की बुर में लंड पेलता रहा. मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथ में पकड़ रखा था और बहुत तेजी में चुदाई कर रहा था.

धीरे धीरे मां की टांगें अपने आप फैलने लगी थीं. उन्होंने भी मुझे बहुत कसके जकड़ लिया.
मैंने मां की आंखों में देखा. वो कुछ नहीं बोल रही थीं.

कुछ देर आगे से मां चोदने के बाद मैंने कहा- मां पलट जाओ, अब मुझे पीछे से करना है.
वो फौरन पलट गईं.

मेरी मां की सफेद दूध जैसी गांड मेरे सामने थी. मैं जीभ लगा कर मां की गांड चाट रहा था.
अपनी गांड के छेद पर अपने बेटे की जीभ चलने से मेरी मां एकदम से कामुक आवाजें निकालने लगीं- आह हहह अहह … लग रही है बेटा … आंह आराम से!

कुछ देर बाद मैंने मां की गांड में बिना बताए लंड पेल दिया.
पूरा लंड साथ पेला तो वो एकदम से छटपटाने लगीं और रोने लगीं- आंह बेटा नहीं … गांड में नहीं … ऐसा मत कर.

मैं बिना सुने उनकी गांड में अपना अन्दर पेले पड़ा रहा.

कुछ पल बाद मां की आवाजें आना बंद हो गईं तो मैंने गांड में लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

मां फिर से बहुत तेज चिल्लाने लगी थीं- आंह आराम से … नहीं कर बेटा … आंह दर्द हो रहा अहह अहह ओ मम्मी मर गयी … बहुत दर्द हो रहा है.

मैं किसी नशे में उन्मत्त सांड की तरह अपने लंड को मां की गांड में पेलता रहा.

करीब दस मिनट तक गांड मारने के बाद मैंने मां से कहा- चलो अब कुतिया बन जाओ.
मां मेरी तरफ अजीब सी नजरों से देखती हुई बोलीं- साले मैं तेरी रखैल नहीं हूँ मादरचोद … साले हरामी तूने अपनी मां को ही चोद दिया.

मैंने उन्हें सब बताया तो उनका गुस्सा थोड़ा कम हुआ.
मैंने कहा- मम्मी, प्लीज बन जाओ न कुतिया.

मेरी मम्मी अब कुतिया बन गईं और मेरे सामने नंगी गांड हिलाने लगी थीं.

मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और लंड को चूत पर सैट करके एक झटके में ही पेल दिया.

मां चिल्लाने लगीं- आंह माँ के लौड़े … साले आराम से चोद मारदचोद … मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने मां को पीछे से चोदते चोदते ही उसे पेट के बल गिरा दिया और गांड की तरफ से जोर से चुदाई करने लगा.

मैं मां की कोमल व मुलायम पीठ पर दांतों से काट रहा था, वो दर्द से तेज तेज चिल्ला रही थी.

मां की आवाजें इतनी तेज निकल रही थीं कि अगर बाहर बारिश और बिजली न कड़क रही होती तो मेरा पूरा मोहल्ला ये चीखें सुन लेता.

करीब दस मिनट तक चोदते चोदते मेरा रस निकलने वाला हो गया था.
मैं मां को बिना बताए उनकी चूत में ही झड़ गया और उन्हीं के ऊपर लेट गया. मैं दांतों से उनकी गर्दन पर काटने लगा, उनके कानों को चूमने चाटने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मेरी मां भी पूरी झड़ गई थीं और अब हम दोनों एक दूसरे की बांहों में हाथ डाल कर लेट गए थे.

मेरी मां बोलीं- बेटा, तूने ये क्या कर डाला. मुझसे ये पाप कैसे हो गया.
मैं एकदम से चौंक गया और मां से पूछने लगा- क्या हुआ मां?

वो बोलीं कि पिछले सप्ताह ही मेरी माहवारी खत्म हुई थे और तुमने अपना बीज अन्दर गिरा दिया. अगर ये बच्चा हो गया तो मैं समाज को क्या मुँह दिखाऊंगी.
मैंने कहा- मम्मी एक काम करो आप पापा को फ़ोन करके यहां बुला लो. उन्हें बोलो कि आपको उनकी बहुत याद आ रही है. फिर पापा आएंगे, तो आप उनसे चुदवा लेना. फिर अगर आप प्रेग्नेंट हो गयी तो बोल देना कि मैं प्रेग्नेंट हूँ.

ये सुन कर मां के चेहरे से थोड़ा टेंशन कम हुई, लेकिन स्टेप मॉम खेल अभी खत्म नहीं हुआ था.

मैंने मां से कहा- मां एक बात बोलूं!
वो बोलीं- हां बोल ना!

मैंने कहा- मम्मी जब आप पापा से चुदवाओगी तो प्लीज मुझे देखने देना कि वो तुम्हें कैसे चोदते हैं.
मां बहुत सोचने के बाद बोलीं- जब वो दिन आएगा तो देखा जाएगा.

फिर दूसरे दिन मम्मी ने पापा को फोन करके आने का कहा.
दो दिन बाद पापा भी घर आ गए.
 
  • Like
Reactions: Napster

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
जापान में मम्मी की चुदाई कर पत्नी बनाया


नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हर्ष है और मैं 24 साल का एक नौजवान युवा हूँ.

मेरे साथ भी एक अविस्मरणीय घटना हुई और मैं बताने से रह नहीं पाया.

यह मम एंड सन की चुदाई कहानी करीब दो साल पहले शुरू हुई जब मैं अपनी स्नातक की पढ़ाई खत्म करके हॉस्टल से विदा लेकर घर आ रहा था.

ट्रेन से करीब चार घंटे का सफ़र तय करके मैं गांव आ गया.

पिताजी और माताजी को देखते ही मेरी आंखों में आंसू आ गए.
उनसे मैं करीब एक साल बाद मिल रहा था.

अब यहां से ही मेरी हवस की कहानी शुरू होती है.

पिताजी से मिलना तो ठीक रहा, पर मम्मी को देख कर मैं अवाक रह गया.
एक साल पहले मेरी मम्मी का फिगर 36-34-38 का था पर अभी उनकी कमर घटकर करीब 28 की हो गयी थी.

आपने बहुत सी कहानिया पढ़ी होंगी, तो आपको एक चालीस साल की औरत, जो दूध जितनी गोरी है, उसका ऐसा फिगर जानकर आप खुद कल्पना कर सकते हैं कि अपनी मम्मी का ये कामुक फिगर देख कर मेरी उस समय क्या हालत हो रही होगी.

खैर … शाम हुई और मम्मी खाना बनाकर मेरे पास बैठ गईं.
यहां पर एक चौंकाने वाली बात ये भी थी कि मेरी मम्मी ने लड़कियों जैसा चुस्त सूट सलवार पहनना शुरू कर दिया था.

मेरे पिताजी एक सरकारी नौकरी करते हैं और अपने सब परिवार से दूर एक गांव में दो सौ बीघा ज़मीन में अपनी हिस्सेदारी लेकर अलग होकर रह रहे थे.

सब कुछ खूब बढ़िया चलने लगा था. किसी भी तरह से कोई भी कमी नहीं थी.

एक दोपहर की बात थी. मैं अपने पुराने दोस्तों के साथ उनके घर पर था, तभी हमारे यहां का एक बटाईदार दौड़ता हुआ आया और मुझसे कहने लगा कि मलिक चल बसे.

उस समय मैंने ना आव देखा ना ताव और उसके गाल में एक चांटा जड़ दिया.

अगले ही पल मैं अपने खेतों की तरफ दौड़ पड़ा.
वहां मैंने देखा कि पिताजी के मुँह से खून निकल रहा था और वो ज़मीन पर गिरे बेहोश पड़े थे.
उनके बगल में मेरी मम्मी बैठ कर रो रही थीं.

मेरे दोस्त मेरे पीछे ही आ गए थे तो उनकी मदद से मैंने जल्दी से पिताजी को उठाकर कार में बिठाया और अस्पताल ले गया.
जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

फिर पिताजी के अंतिम संस्कार की विधि पूर्ण हुई.

मेरे पिताजी को मरे अब एक महीना हो चुका था. मम्मी की तबियत एक महीने से खराब थी.

इसी बीच मुझे जापान की एक कंपनी से से जॉब का लैटर आया. उसमें लिखा था कि मुझे तीन महीने के अन्दर ज्वाइन करना था.

ये बात मैंने मम्मी को पन्द्रह दिन बाद तब बताई, जब वो पूरी तरह से ठीक हो गयी थीं.

आज मैं आपको एक बात बताता हूँ कि एक विधवा औरत और एक बच्चे की सोचने की क्षमता एक जैसी होती है.

मेरी जॉब की बात सुनकर मम्मी खुश तो बहुत हुईं, पर फिर कहने लगीं- मैं तो यहां अकेली रह जाऊंगी.
मैंने मम्मी को बताया- आप भी मेरे साथ चल रही हो.

मम्मी कहने लगीं- यहां सब छोड़ कर जाओगे?
मैंने हां में सिर हिलाया.

मैंने मम्मी को बताया- हम वहां हमेशा के लिए जाएंगे.
जिस पर मम्मी ने पूछा- यहां का क्या होगा?

मैंने उन्हें बताया कि घर छोड़कर हम यहां की सारी जायदाद बेच देंगे और फिर वहां जाएंगे.

जैसा कि मैंने बताया था कि विधवा की सोच ज्यादा नहीं चलती है, मेरी मम्मी मेरी बात तुरंत मान गईं.

अगले ही दिन मैं अपने पिताजी के एक दोस्त के पास गया और उन्हें ज़मीन और सारी चीजें बेचने की बात बताई.
उन्होंने मेरी पूरी बात समझी और इस काम में मदद की.

जापान जाने के लिए मैंने लैटर आने के अगले ही दिन मेरा और मम्मी के पासपोर्ट वीसा के लिए अप्लाई कर दिया था.
कुछ ही दिनों में वो आ भी गया था.

सेक्स कहानी का खेल यहां से शुरू हुआ.

कुछ दिनों से मैं देख रहा था कि मम्मी हमेशा शॉर्ट नाइटी में रहने लगी थीं और वो अपनी उस छोटी सी नाइटी के अन्दर कुछ भी नहीं पहन रही थीं, जिसकी वजह से मैंने उनकी चुत के दर्शन कई बार कर लिए थे.

हॉस्टल से आने के बाद मैं अपनी मम्मी को देख कर उत्तेजित तो ज़रूर हुआ था पर उनकी चुदाई करने का मन अब ज्यादा करने लगा था.

एक बार तो हद तब हो गयी जब मम्मी ने मेरे सामने अपने सारे कपड़े उतारकर बदन पर सिर्फ़ पर एक चादर डाल की और सोफे पर नंगी लेट गईं.

ये सब देख कर मेरा आठ इंच का लौड़ा तो जैसे निक्कर फाड़ कर बाहर आने को हो गया था.
मैं अपने लंड को मम्मी की चुत में घुसाना चाहता था.

खैर … जापान जाने का दिन आ गया.
मैंने सोच लिया था कि अब मैं अपनी मम्मी की चुदाई जापान में करूंगा.

मम्मी ने सलवार सूट पहना और अपनी जवानी की गर्मी से मेरे लंड को झुलसाने लगीं.

मैं क्या बोलूं … मम्मी गजब कहर ढा रही थीं.
इस पर चार चाँद लगाने के लिए मैंने मम्मी को अपना काला चश्मा दे दिया.

जापान में मैंने जानबूझ कर होटल में एक बेड वाले कमरे को ही बुक कराया था.

रात को मम्मी ने मुझसे कहा कि हवाई जहाज में कम वजन लाने के चलते वो गांव से कुछ ज्यादा कपड़े नहीं ला पाई हैं, सिवाये चार सूट ही ला पाई हैं. मैं अब रात को क्या पहनूं?

ये मेरे लिए एक बढ़िया मौका था, तो मैंने कहा- आप सिर्फ़ ब्रा पैंटी में ही सो जाओ न!
मेरी मम्मी ने मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और हां में सिर हिला दिया.

सोने समय मैंने भी सिर्फ़ एक निक्कर पहनी थी और उसके नीचे कुछ भी नहीं पहना था.

मम्मी मेरी तरफ पीठ करके सोई थीं, पर मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी.

सुबह उठकर मैं ऑफिस गया और आते टाइम मैंने अपनी कम्पनी की मदद से एक फ्लैट भी खरीद लिया.

फिर मम्मी को मैंने फ्लैट दिखाया और शाम को हम दोनों शॉपिंग करने निकल पड़े.

हम दोनों ने पहले अपने बेड के लिए कुछ चादर आदि खरीदे.
फिर मैं मम्मी को कपड़े की दुकान में ले गया. जापान में और देशों के मुक़ाबले कपड़े का साइज़ काफ़ी छोटा होता है.

मैंने मम्मी की पसंद को देखा था तो मैं मम्मी को शॉर्ट्स वाले हिस्से में ले गया.
मम्मी को मैंने वो शॉर्ट्स आदि देखने को कहा.

चूंकि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं थी. बल्कि वो खुद मुझसे पूछने लगीं कि जींस वाली शॉर्ट्स लूं या नॉर्मल वाली.
मैंने कहा- दोनों ले लो.

मम्मी ने कहा- मुझे ब्रा-पैंटी और कुछ टी-शर्ट्स भी लेनी है.
तो मैं मम्मी को उस हिस्से में ले गया, जहां बड़ी ही कामुक ब्रा पैंटी का भंडार था.

मेरी मम्मी यहां सब देख कर एक बार को शर्मा गईं.
यहां सिर्फ़ थोंग्स थीं.

मैंने भी मौका देखते हुए कहा- यहां सिर्फ़ यही सब मिलेगी. आप ले लीजिए.

मेरी बात सुनकर मम्मी ने कुछ सैट ले लिए.
शॉपिंग करके हम घर वापस आए तो मम्मी ने कहा कि ये फ्लैट इतना छोटा क्यों लिया?

फ्लैट में सिर्फ़ एक ही कमरा था.

मैंने इसका कोई जवाब नहीं दिया और मैं सारे सामान रखने लगा.

मम्मी ने फिर माथे पर हाथ रखते कहा- अरे मैं नाइटी लेना तो भूल ही गयी.
जिस पर मैंने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा- तो क्या हुआ आप तो मेरे साथ लगभग नंगी सो चुकी हो, सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में साथ सोई थीं, तो अभी और क्या पहनने की ज़रूरत है.

मुझे ऐसा बोलते देख कर मम्मी कुछ नहीं बोलीं और किचन में चली गईं.
वो खाना बनाने की तैयारी करने लगीं.

मैंने कपड़े बदले और सिर्फ़ निक्कर पहन कर लेट कर मोबाइल चलाने लगा.

कुछ देर बाद मम्मी मेरे पीछे आईं और खड़ी हो गयी.

मम्मी पूछने लगीं- आजा क्या खाओगे?

जब अपनी नज़रें उठा कर उनकी तरफ देखा तो मेरा लंड सांप की तरफ फुंफकारने लगा.

मम्मी ने अपने कपड़े बदल लिए थे और इस वक्त वो थॉंग्ज़ और उसके ऊपर सिर्फ़ एक छोटा सा टॉप पहनी थीं.
ये टॉप बड़ी मुश्किल से उनकी कमर तक आ पा रहा था.

वो बड़ी बेबाकी से इस ड्रेस में खड़ी थीं.

मैंने सिर और ऊपर उठाया तो मम्मी के बड़े उभारों के कारण मुझे सबसे पहले उनकी चुचियां दिखाई दीं.
उनके थॉंग्ज़ पहनने के कारण उनकी चूत की लाइन दिखने लगी.

मम्मी मेरे सामने थीं तो उन्होंने मेरा खड़ा होता लंड देख लिया था.
मैंने भी लंड को छुपाने की कोशिश नहीं की. मैंने सोफे पर लेटे रह कर ही जवाब दिया- आपको.

मेरी मम्मी बिना कुछ बोले मुस्कुराकर किचन में चली गईं.

फिर खाना खाकर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे.

मैंने एक बेड वाला फ्लैट ही लिया था तो सोने में तो दिक्कत तो होने ही वाली थी.

खैर मम्मी अपना वही टॉप और थॉंग्ज़ पहनकर सोने आ गईं.
उन्होंने अपनी चुत पर एक चादर ढक ली.

मैं वॉशरूम से फ्रेश होकर आया तो कमरे की लाइट बंद होने पर भी मुझे मम्मी का टॉप दिखाई दिया जो कि शायद उन्होंने उतार दिया था.

इधर मैंने तो पहले से ही उनको चोदने का मन बना ही लिया था.
मैंने ये देखने के लिए एक नज़र मम्मी के चेहरे पर डाली कि उनकी आंखें बंद हैं या नहीं.

फिर मैंने बस पांच सेकेंड के अन्दर अपनी निक्कर और शर्ट उतार दी और चुपचाप जाकर बेड पर लेट गया.
एक चादर मैंने अपने ऊपर डाल ली.

आधा घंटा तक वैसे ही लेटे रहने के बाद मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने धीरे से अपना हाथ मम्मी की जांघों पर ऐसे रखा जैसे मैं नींद में हूँ.

मम्मी की तरफ से कोई विरोध नहीं होने पर मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई.
अब मैंने अपना हाथ उनकी दोनों जांघों के बीच में ठीक उनकी चूत के ऊपर लगा दिया.

उन्होंने अपने दोनों पैर इस तरह से एक दूसरे के ऊपर रखे हुए थे कि उनकी चूत का दरवाजा अभी बंद था.
मेरी वासना अब मुझे खाए जा रही थी.

करीब दो मिनट बाद मम्मी ने करवट बदली तो उनका चेहरा मेरे सामने आ गया.
अब मेरा हाथ उनकी टांगों में और अच्छी तरह से फंस गया था जिस वजह से मम्मी की नींद खुल गयी.

नींद में होने के कारण मम्मी को ज़्यादा कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने झट से अपना हाथ उनकी टांगों से निकाल कर उनकी गांड पर रख दिया.

गद्दा छोटा होने के कारण जब मम्मी ने करवट ली तो उनके घुटने और मेरे घुटने टच होने लगे.
इस सबके चलते मेरा लंड उफान मारने लगा था.
मैं अपनी मम्मी की चुत को उनकी थोंग के ऊपर से सहला रहा था.

तभी मम्मी ने धीमी आवाज में कहा- क्या तुम मुझे चोदोगे नहीं?
ये सुनकर पहले तो मेरी फट गयी, फिर मैं झट से चादर को हटाया और अपनी मम्मी को अपने ऊपर खींच कर लिटा लिया.

मम्मी की आंखें बंद थीं और उसमें से आंसू भी टपक रहे थे.

मैंने बिना कोई देरी किए मम्मी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और करीब दो मिनट तक ऐसे ही चूमता रहा.

फिर मैंने मम्मी को अपने नीचे लिया और उनकी चड्डी को उतार कर दूर फैंक दिया.
मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया.
मम्मी ने आंखें बंद रख कर एक तेज आह भरी.

कुछ मिनट तक मैं उनकी चूत चाटता रहा. इसके बाद भी उनकी चूत से पानी नहीं निकला.

मैंने कुछ मिनट और उनकी चुत को चाटा तो उनके मुँह से जोर से चीख निकल गयी.

मैंने झट से उनके मुँह को दबाया और फिर से जल्दी जल्दी चुत चाटने लगा.
मम्मी अपना हाथ अपने मुँह पर रख कर अपनी कामुक आवाजें रोकने की कोशिश कर रही थीं.
तभी एक जोर की पिचकारी मेरे मुँह पर आ गिरी और मम्मी भी ठंडी हो गईं.

मुझे नहीं पता कि मम्मी कितने दिनों बाद झड़ी थीं, पर आप लोगो को जान कर हैरानी होगी कि मेरी मम्मी ने करीब एक स्माल पैग जितना पानी निकाला था.

फिर मैं खड़ा हुआ और अपना लंड लेकर मम्मी के मुँह से सटाया तो मम्मी ने झट से लंड को अपने मुँह में रख लिया.

मैं फिर से हैरान और खुश दोनों था कि मेरी मम्मी लंड चूसने की शौकीन भी हैं.

कुछ मिनट बाद मैं मम्मी के मुँह में ही झड़ गया और सीधा लेट गया.

मम्मी ने कहा- अब मेरी सालों की भूख मिटा दे बेटा!

ये सुनते ही मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.
मैंने अपने लंड का टोपा मम्मी की चूत पर टिकाया और एक बार में पूरा पेलने की नीयत से झटका दे मारा.

पहले शॉट में मम्मी की चुत कसी होने के कारण मेरा लंड सिर्फ दो इंच अन्दर जा पाया था.
शायद इतने सालों से नहीं चुदने के कारण मम्मी की चूत किसी जवान लड़की जैसी हो गयी थी.

मेरे दूसरे झटके में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और उनके मुँह से चीख निकल गयी.

मैं धक्के मारता रहा और मम्मी की चुत की धज्जियां उड़ाता रहा. मेरी मम्मी की कराहें और मदभरी सिसकारियां निकलती रहीं.

पूरा कमरा उनकी आवाजों से गूँज उठा था.

आधा घंटा बाद मैं अपनी मम्मी की चूत में ही झड़ गया.

अगली सुबह मेरी मम्मी बिना कपड़ों के मेरे साथ लेटी थीं तो मैंने मम्मी को किस करके जगाया.

फिर मैं नहा धोकर ऑफिस चला गया.

अब रोज ही हम दोनों के बीच खुल कर चुदाई का खेल चलने लगा.
हम दोनों घर में एकदम नंगे रहते थे.

फिर नौ महीने बाद वो हुआ, जो हमारे सेक्स करने का नतीजा था.
चुदाई के बाद होने वाले इस बच्चे की पैदाइश में हम दोनों की सहमति थी.

मम्मी ने एक लड़की को जन्म दिया.
आज वो नन्हीं (लड़की का नाम) डेढ़ साल की है. मैं अपनी मम्मी और बेटी के साथ बहुत खुश हूँ.
 

junglecouple1984

Active Member
864
1,040
139
विधवा मम्मी और चाची की चुदाई


दोस्तो मैं विक्की हूँ. मेरी उम्र अभी 23 साल है. मेरी पढ़ाई अभी अभी ही खत्म हुई है.
मैं पहले हॉस्टल में पढ़ा करता था.
अब जब मेरी पढ़ाई खत्म हुई, तो मैं अपने घर वापस आ गया.

मेरे घर में मेरे विधवा मम्मी और मेरी चाची और चाचा रहते हैं.

मेरे पिता की मौत 10 साल पहले हो गयी थी. मेरी पढ़ाई का खर्च मेरे चाचा उठाते हैं.
मेरे चाचा के कोई बच्चा नहीं है इसलिए वो मुझे अपने बच्चे की तरह देखते हैं.

मेरी मम्मी का नाम स्वाति है, चाची का नाम ज्योति है और चाचा का नाम आकाश है.

ये मादरचोद कहानी अभी 2 महीने पहले की है. जब मैं घर वापस आया, तब मेरी मम्मी, चाची और चाचा बहुत खुश हुए. मैं भी बहुत खुश था.
मुझे मेरी मम्मी और चाची बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थीं.

मैं जब सबसे गले मिल रहा था, तब मेरी मम्मी और चाची के बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने में टच हो रहे थे.
मैंने महसूस किया कि चाची ने मुझे कुछ ज्यादा ही जोर से अपने सीने में जकड़ लिया था.
मुझे कुछ अजीब सा तो लगा पर न जाने क्यों मजा भी बहुत आया. उस समय मुझे अपने लंड में कुछ तनाव भी महसूस हुआ.

वैसे मैं बता दूं कि मेरे लंड का साइज बड़ा है … और बड़ा लंड किसी भी औरत गर्म कर देती है. मेरे लंड से कोई भी औरत मुझसे चुदने के लिए राजी हो सकती है.

जब उन दोनों की चूचियां मेरी छाती में टच हो रही थीं, तब मेरा लंबा लंड खड़ा होने लगा था.
चाची के बाद जब मैं मम्मी से गले लग कर मिला तो मेरा लंड मेरी मम्मी की चूत के पास ही लग रहा था.

मेरी मम्मी की चूचियां बहुत बड़ी हैं जबकि चाची की चूचियां थोड़ी छोटी हैं, पर उनकी गांड बड़ी है.
शायद चाचा, चाची की गांड बहुत ज्यादा चोदते होंगे.

मैं खाना खाकर शाम को पांच बजे आराम करने के लिए चला गया.
थकान थी तो मैं कुछ देर के लिए सो गया था.

लगभग नौ बजे मेरी नींद खुली तो मुझे प्यास लगी तो मैं उठ कर पानी पीने आ गया.
जब मैं पानी पीकर आ रहा था कि मुझे मम्मी के कमरे से हल्की हल्की हल्की आवाज़ सुनाई दी.

मैंने सोचा कि ये क्या हो रहा है.

जब मैंने की-होल में से झांकने की कोशिश की तो मेरी पैर के नीचे से जमीन खिसक गई.

मैंने देखा कि मेरे चाचा चाची और मम्मी तीनों नंगे थे.
चाचा मम्मी की चूत को चोद रहे थे, चाची अपनी चूत को मम्मी के मुँह के ऊपर रखकर रगड़ रही थीं और सिसकारियां ले रही थीं.

तभी मम्मी ने कहा- आकाश बहुत दिन से तुमने मेरी गांड नहीं चोदी है आज मेरी गांड में खुजली हो रही है. क्या तुम मेरी गांड को अभी चोदोगे?
चाचा ने कहा- हां बिल्कुल स्वाति रंडी, सच है मैंने बहुत दिनों से तुम्हारी गांड नहीं मारी है. सिर्फ ज्योति की गांड मार रहा हूँ. आज तुम्हारी बारी है.

जब ये सब मैंने सुना, तब समझ आया कि इसीलिए चाची की गांड इतनी बड़ी है.

अब चाचा ने अपना लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाला.
मैंने देखा कि उनका लंड काफी बड़ा था और मोटा भी!

मेरी मम्मी ने कुतिया की तरह अपनी गांड चाचा के आगे हिलाई, तो चाची ने मम्मी के गांड में थोड़ा थूक लगा दिया और उसी के बाद चाचा ने अपना लंड मम्मी की गांड में पेल दिया.

एक ही धक्के में उनका पूरा लंड मम्मी की गांड में समा गया.

मम्मी की तेज आह निकली और चाचा ने मम्मी के मम्मे पकड़ कर जोर जोर से उनकी गांड मारनी शुरू कर दी.

चाचा पूरी ताकत से धक्के मार रहे थे.
मम्मी ‘आह आह ऊह ऊह हाय मर गयी हाय …’ कहती हुई मजा ले रही थीं.

दूसरी तरफ ज्योति चाची अपनी चूत को मम्मी के मुँह के सामने रखी और बोलीं- स्वाति दीदी, चाटो न इसे … आंह चाटो.

मम्मी चाची की चूत चाटने लगीं और चाची के कंठ से सेक्सी सिसकारियां ‘आह आह ऊह ऊह हाय आ मजा आ गया आह …’ निकलने लगीं.
अब चाचा ने मम्मी की गांड छोड़ दिया और चाची की गांड की तरफ आ गए.

चाची ने चाचा को देखा तो वो तुरन्त डॉगी पोज में आ गईं.
चाचा ने भी चाची की गांड में पूरा लंड पेला और चोदना चालू कर दिया.

करीब बीस मिनट बाद चाचा झड़ गए.

कुछ देर बाद चाचा के मोबाइल पर एक फोन आया.
फोन पर बात करने के बाद चाचा ने मेरी मम्मी स्वाति और ज्योति चाची से कहा- मुझे एक आवश्यक काम आ गया है. मैं एक हफ्ते के लिए काम से शहर से बाहर जा रहा हूँ.

यह सुनकर मम्मी स्वाति ने कहा- अगर तुम चले जाओगे तो हमारा क्या होगा? मैं तो एक दिन भी बिना चुदे रह नहीं सकती.
ज्योति- हां दीदी, मैं भी एक दिन बिना लंड के नहीं रह सकती और आकाश बोल रहे हैं कि एक हफ्ता के लिए बाहर जा रहे हैं.

ज्योति- सात दिन तक मैं अपनी चूत को कैसे शांत कर पाऊंगी और गांड को भी बिना लंड लिए चैन नहीं मिलेगा. मैं क्या करूंगी?
आकाश ने मेरी मम्मी को चूमते हुए कहा- तो फिर तुम दोनों विक्की से चुदवा लेना, आखिर उसे भी तो चूत गांड का स्वाद दिलाना है.

ये सुन कर मम्मी ने कहा- अरे यार आकाश … विक्की मेरा बेटा है, मैं उससे कैसे चुद सकती हूँ?
चाची ने भी कहा- हां यार, वो अभी 23 साल का ही तो हुआ है. वो अकेला हम दोनों को कैसे शांत करेगा.

चाचा ने कहा- अरे वो जवान लौंडा है, जैसे मैं तुम दोनों को शांत करता हूँ, वो भी तुम दोनों को ठंडा कर देगा. मैंने देखा है कि उसका लंड भी बड़ा है. जब वो तुम दोनों को गले लगा रहा था, तब उसका लंड तन गया था और मैंने उसके खड़े होते लंड को देख लिया था.

मम्मी ने कहा- हां उसका लंड मुझे भी बड़ा लग तो रहा था.
चाचा- हां भाभी, उसका लंड खड़ा होने लगा था. इसका मतलब ये हुआ कि वो भी तुम दोनों रंडियों को चोदना चाहता है.

ये सब बातें मैं सुनकर मन ही मन खुश हो गया और सोचा कि अभी जाकर स्वाती और ज्योति रंडी को चोद लूं!
पर मैंने अपने आप पर काबू रखा और उनकी बातें सुनता रहा.

चाची फिर से बोलीं- मेरे पास एक योजना है. हम दोनों उसको खेल के बहाने अपने पास बुलाएंगी और उसके सामने अपनी ब्लाउज, पैंटी और ब्रा को खोल देंगे. जब वो गर्म हो जाएगा तो हम दोनों को चोद देगा.
यह सुनकर मम्मी और चाचा राज़ी हो गए.

अब काफी रात हो गयी थी.

उसी रात में चाचा की ट्रेन थी. उन्होंने अपने कपड़े और सामान पैक कर लिए और वो अपने काम से बाहर निकलने लगे.

सब लोग कमरे से बाहर आ गए.
चाची ने मुझे आवाज दी और बताया कि चाचा बाहर जा रहे हैं.

चाचा जाने लगे थे तो मेरी मम्मी और चाची, चाचा के गले लग गईं और उनके लंड को दोनों ने दबा कर सहला दिया.

ये सब मैंने देख लिया पर मैं चुप बैठा रहा.

चाचा के जाते ही मेरे घर की दोनों रंडियां मेरे करीब आईं और मेरे सामने बैठ गईं.

चाची मुझसे बोलीं- विक्की, खाने के बाद क्या तुम हमारे साथ एक खेल खेलोगे.
मैंने अनजान बन कर हां में सिर हिला दिया.

चाची मुझे अपनी चूचियां दिखाती हुई बोलीं- थोड़ा बोल्ड गेम है … मगर बड़ा मजा आता है.
मैंने भी उनके मम्मे देख कर कहा- हां चाची, मुझे भी इसी तरह के खेल खेलना पसंद हैं. आप दोनों शायद ये खेल चाचा जी के साथ भी खेलती हैं.

चाची ने चूचियां हिलाईं और बोलीं- सही पकड़े हो … हम दोनों तुम्हारे चाचा के साथ खूब मस्ती करती हैं.
मैंने भी उनकी चूचियों को देख कर कहा- हां मैं अभी कुछ देर पहले देखा था.

चाची ने आंख दबा दी और बोलीं- मतलब लौंडा जवान हो गया.
मैंने भी कह दिया- ऐसी जवानी किस काम कि जो किसी को खुश ही न कर सके.

चाची मेरे सीने पर हाथ फेरती हुई बोलीं- चिंता न करो विक्की, आज तुम भी खुश हो जाओगे और हम दोनों भी तुमसे खुश हो जाएंगी.
मैंने हंस कर उनका हाथ दबा दिया.

चाची ने कहा- चलो अब तुम खाना खाकर कमरे में आ जाना. हम दोनों रूम में तुम्हारा इंतज़ार करेंगी.
ये कह कर वो दोनों कमरे में चली गईं.

मैंने फटाफट खाना खत्म किया और उनके पास कमरे में चला गया.

कमरे में चाची ने मुझे देख कर कहा- क्या तुम्हें ताश खेलना आता है?
मैंने कहा- हां चाची.

मैं उनके पास जाकर बैठ गया.

चाची और मम्मी ने कहा- यहां पर एक रूल है कि तुम जितनी बार हारोगे, हम दोनों तुमसे उतनी ही चीजें मांगेंगे, क्या तुम राज़ी हो?
मैंने कहा- हां.

अब हमारा खेल चालू हो गया.
मैं पहला राउंड हार गया.
चाची और मम्मी ने मेरी शर्ट मांगी.
मैंने अपनी शर्ट उतार कर उनकी तरफ फैंक दी.

चाची मेरे चौड़े सीने को देख कर मुस्कुरा दीं और बोलीं- विक्की बड़ा मस्त सीना बना लिया है.
मैंने हंस कर कहा- हां चाची, कसरत करने से बन गया है.

चाची- लड़कियां तो मरती होंगी तुम पर?
मैंने कहा- लड़कियों की बात तो छोड़ो चाची, आपकी उम्र की भाभियां और आंटियां भी आहें भरती हैं.

मेरी इस तरह कि बिंदास बातों से कमरे में सेक्स का माहौल बनने लगा था.

अब फिर से खेल शुरू हुआ तो इस बार के राउंड में मैं जीत गया और चाची और मम्मी की तरफ देखने लगा.

चाची ने इठला कर पूछा- बोलो क्या चाहिए?
मैंने उन दोनों की चूत की तरफ देख कर आंख दबा दी.

चाची समझ गईं, उन्होंने अपनी सलवार का नाड़ा ढीला कर दिया और टांगों से निकालते हुए मेरी मम्मी से कहा- दीदी आप भी अपनी सलवार उतारो न … अपना विक्की शर्मा रहा है.

उन दोनों ने मुझे अपनी अपनी सलवार दे दी.

मैंने देखा कि मम्मी और चाची ने छोटी छोटी सी पैंटी पहनी हुई थीं.
उन दोनों की जांघें बड़ी ही मस्त दिख रही थीं.

मैं चाची की जांघों को देखने लगा तो चाची ने बड़ी अदा से अपनी जांघ खुजला कर मुझे गर्म करना शुरू कर दिया.

मैंने अपनी नजरें अपनी मम्मी की जांघों की तरफ की तो उन्होंने अपनी कुर्ती से अपनी जांघें ढांक लीं.

अब फिर से खेल शुरू हो गया.
मैं फिर से जीत गया और इस बार मैंने उन दोनों से उनकी पैंटी मांगी.

उन दोनों ने अपनी अपनी पैंटी मुझे दे दी.
अब वो दोनों नीचे से नंगी हो गई थीं.

फिर से एक और राउंड हुआ और इस बार मैं हार गया.
चाची ने मेरी पैंट मांगी, तो मैंने उनको दे दी.

अगली बार मैं जीत गया और मैंने दोनों की कुर्तियां माँग लीं.
अब वो दोनों पूरी नंगी हो गई थीं और मुझे उनकी चूत साफ़ दिखाई दे रही थी.

फिर मैं अगले राउंड में हार गया और दोनों ने मेरी चड्डी मांग ली.

मैं उतारने वाला ही था कि चाची मेरे पास आ गईं और खुद उतारने लगीं.

उन्होंने मेरी चड्डी निकाल दी और दोनों रंडियां मेरे खड़े लंड को देख कर हैरान हो गईं.

मेरा लंड फूल कर अपनी औकात में आ गया था ये काफी लंबा और मोटा हो गया था.

चाची ने लंड देखते हुए कहा- बड़ा मस्त है.
मैं हंस दिया.

चाची अपनी चूचियां हिलाती हुई बोलीं- देखो अब अंतिम राउंड है.

मैंने कहा- काहे का अंतिम राउंड चाची … अब मुझसे और नहीं रुकना हो पाएगा.
मैं लंड हिलाते हुए उठा और चाची के मुँह में अपना लंड दे दिया.

चाची ने लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.

मम्मी मुझे लंड चुसवाते देख कर अपनी चूत को मसलने लगीं और चाची की चूत को चाटने लगीं.

दस मिनट बाद में चाची के मुँह में झड़ गया.
इसी बीच चाची और मम्मी भी अपनी चूत से पानी छोड़ चुकी थीं.

मैंने अपना लंड चाची के मुँह से बाहर निकाला और मम्मी के मुँह में दे दिया.
मैं अपनी मम्मी के मुँह को चोदने लगा.
जल्द ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

मैंने मम्मी को उल्टा लिटाया और उनकी गांड में एक ही झटके में पूरा लंड घुसेड़ दिया.
चूंकि मम्मी की गांड पहले से खुली हुई थी, इसीलिए मैं जोर जोर से धक्के देने लगा था.

कुछ देर बाद मैंने मम्मी की गांड से लंड निकाल कर उनकी चूत में पेल दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
मम्मी जल्द ही थक गईं और नीचे लेट गईं.

मैं अभी पूरे जोश में था. मैंने चाची को इशारा किया और खुद ही बेड के ऊपर लेट गया.

चाची मेरे ऊपर आ गईं और अपनी गांड को लंड में सैट करके ऊपर नीचे होने लगीं.
कुछ ही देर में चाची जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगीं.

मैंने कहा- चाची, गांड में बहुत हो गया, अभी मुझे आपकी चूत चाहिए.

चाची लौड़े से उठीं और अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर लगा कर ऊपर नीचे होने लगीं.

फिर हम दोनों ने आसन बदल लिया.
अब चाची को घोड़ी बना कर उनकी चूत में लंड ठोकने लगा.

उनके मम्मों को मैं जोर जोर से भींच रहा था और चुदाई का मजा ले रहा था.

करीब 15 मिनट के बाद मैं चाची की चूत में झड़ गया और नीचे लेट गया.
इस चुदाई में चाची अब तक तीन बार झड़ गयी थीं.
अब हम तीनों थक कर सो गए.

ऐसे ही हमारा ये खेल एक हफ्ते तक चला.
घर में हम सब नंगे ही घूमते थे.
मैं जिसकी चाहे उसकी चूत में लंड पेल कर उसे चोद देता था.

फिर चाचा घर आ गए और हम चारों मजा लेने लगे.

अब हम दोनों चाचा भतीजे मिलकर हर रोज़ ज्योति और स्वाति रंडी की चूत का भोसड़ा बनाते हैं.

आपको ये मादरचोद सेक्स कहानी कैसी लगी.
 
Top