great bro......Updated 15
" राहल…।। राहुल……"
राहुल कानो में हैडफ़ोन लगा के फोल्डिंग स्टेर्कसे पे ३ स्टेप चढ़ के रैक में मिठाईया सजा के रख रहा था …।वो हमेसा की तरह अपने धुन में मदमस्त था ……।
जब किसी ने जब उसके ऊपर कलम फेका तो उसने देखा उसके सहयोगी उसे कुछ केह रहा हे और इसरा कर रहा हे …।।तब वो पीछे मुड़ के देखा और जल्दी से अपनी हैडफ़ोन उतर के अपना नेमप्लेट और एप्रन ठीक किया और ग्राहक की तरफ मुस्कुरा के स्वागत किया …।।
राहुल……।" सॉरी जी सॉरी जी सॉरी……वो में थोरा …… प्लीज बोलिये आपको क्या चाहिए…।"
एक ऐसी मुस्कान जिसमे दुनिया भूला दे जैसे किसी रहश्यमय सफ़र की रोमांस का एहसास करा दे …।रहुल उस मुस्कान की चक्रवात में गुम हो गया ………।
" जी मुझे कुछ नही चाहिए "
राहुल बिमोढ़ सा कुछ समझ नही पाया और हकलाने लगा……" जी जी…।आपको कुछ…।कुच नहीं…।।कुच नही चाहिए…।"
वो और गहराई से मुस्कुराई राहुल का भोलापन देख के उसकी हासी नही रुक रही थी ……।।
" हां मुझे कुछ नही चहिये"
राहुल…।।" तो फिर आप……।आप …।आप…।"
" हीहीही…।। If I am not wrong then you are Rahul, aren't you?…."
राहुल शर्मा गया …।" मैडम जी मुझे ऍंगरेजी नही आता……थोड़ा थोरा आता हे…।आप ये पूछ रही हे ना में राहुल हूँ की नही…।"
वो मुँह पे हाथ रख के हसने लगी……।" हां …।मे एहि पूछ रही हूँ……तुम ही राहुल हो न…।।"
राहुल अपनी बत्तीसी निकल के बोलै……।" हां में ही राहुल हूँ…।।आपको मुझसे कोई काम था……आपको मोबाइल का रिचार्ज करवाना हे…।"
राहुल का पार्ट टाइम जॉब था नेट्वोर्कोइंग रिचार्ज का …।वो समझ बैठा की वो महिला ग्राहक रिचार्ज करवाने आये हे …।लकिन वो बस हासे जा रही थी नजाने किस बात पे हास रही थी इतनी लेकिन उतनी ही खूबसूरत लग रही थी…।क्या राहुल की सकल पे कोई हासी चुट्ने वाली अंकन था …।।
" ओके ओके…।।कूल…।यो आर सो क्यूटेस्ट बॉय…।लेट में introduce…। आई एम नैना…।नैना अवस्थी …।"
राहुल…।।" अवस्थी …।मेरा भी सर नाम अवस्थी हे …क्या संयोग है ना……"
निना…।।" हां ये तो कोइंसिडेन्स ही हे…।। अच्चा दो महिने पहले कुछ हुआ था तुम्हे कुछ याद हे"
राहुल……" दो महीने पहले…।दो महीने पहले …।क्या हुआ था…।।"
उस हलवाई की दुकान में जितने भी करमसरी थे सब के सब टाक झाँक कर रहे थे राहुल और नैना की बिच में क्या बात हो रही उसके जान के लिए कोई पास से कोई इधर उधर घुम रहे थे कान खड़े और नज़रे गढ़ाये…।।उस वक़्त जगण लाल नही था स्टोर पे नही तो सबकी क्लास लगता …।।
नैना……"ओके तो तुम्हे कुछ याद नही आ रहा हे ……लगता हे बोहोटों की जान बचाई हे एक्सीडेंट से इस्लिये भूल गए कब किसको बचाया था …"
राहुल के दिमाग में बलघातपूर्ण यादें दौरने लगे और वो उत्चुक्त हो उठा अचानक …।।" ओह एक्सीडेंट वाली……आप …आप ज़िंदा बस गयी…।"
राहुल के बेलगाम जुबान से फिर कुछ गलत बोल निकल गया और उसे अफ़सोस होने लगे …नज़रे झुकाए बोला…।" सॉरी' वो मेरा वो मतलब नही था……"
नैना फिर हास् पड़ी…।" हां में बच गयी…।।गोड़ ब्लेस्सिंग्स और खास कर तुम्हारी वज़ह से…।।"
राहुल के दिल में खलबली होने लगा …।।उसके पुराने यादें ताज़ा हो गए …। वो खून से लत पथ चेहरे पे इतनी नयन हुस्न परी जैसी चेहरों को बड़े नसीबों में देख पा रहा था …। अचनाक दिल धड़क उठा जोरो से और आवेश में राहुल फिर बचकानी हरकत कर बैठा……।
नैना की माथे पे एक गहरी छोट की निशान थी बेहरहाल उसी दुर्घंता की शिनः था …।।और राहुल उस निसान पे हाथ लगने की कशिश करते हुए बोलै…।।" उसी छोट का निसान हे ये…"
नैना को भी उम्मीद नही थी और त्वरित प्रतिक्रिया उसको दो कदम पीछे लायी……कोई और होता तो वो जुटे निकल के पिटाई शुरू करती …।।लकिन राहुल का नेचर देख के समझ गया की राहुल कैसा हे और उसके पति ने भी बताया था की राहुल एक दम बच्चा है……
राहुल ऐम्बर्रेस्सेड हो कर हाथ खिंच के मन में बोलने लगा " में भी न क्या करता हूँ…।वो मेरे बारे में क्या सोच रही होगी…"
नैना……।" हां उसी एक्सीडेंट की छोट का नीसान हे…।।मे अब बिलकुल ठीक हूँ…।। एक्चुअली में तुम्हे थैंक्यू केहने आया ह"
राहुल…।" इसकी क्या ज़रूरत हे …।कोइ भी होता एहि करता …। मेंने तो बस एम्बुलेंस बुलायया हे…डॉक्टर ने आपकी जान बचाई हे…"
नैना…।।" अगर मुर्गी अंडे नही देता तो सुंजा कैसे होता …।"
राहुल मुस्कुराया…।" हां ये भी सही हे ……अब आप ठीक हे पूरी तरह स।""
नैना…।" हाँ बिलकुल…।कोइ दिनों से में तुम से मिल के थैंक्स केहने का सोच रही थी …।।लकिन सोचती थी की सिर्फ थैंक्स तुम्हारा क़र्ज़ अदा नही कर सकती इसलिए आने में देर हो गयी…।। बोहोत बोहोत शुक्रिया राहुल…।"
राहुल…।।" कोई बात नहीं…।। रुकिये आपको में कुछ देता हूँ हमारी स्टोर की तरफ से और आप पूरी तरह से ठीक होने की ख़ुशी मे"
राहुल ने दो स्वीट पैक कर दिया …।।" ये हमारी खास स्वीट डिश हे राबरी और मोहन थाल "
नैना…।" ओह इसकी क्या ज़रूरत थी …।थिक हे में ये एक ही शर्त ले जाउंगी……तुम्हे आज रात मेरे घर डिनर में आना होगा…"
राहुल कुछ सोचने लगा और असहज हो गया…।।" पर …।।मे आप…ठीक हे अगर आप कहते हे तो …।"
नैना…।" ओके डॉन…।।मे और मेरे हस्बैंड तुम्हारा इंतेज़ार करेंगे …।।"
राहुल…।" ठीक हे …।। पर आप रहती कहा हे…।"
निना…।।" एहि २ किलोमीटर की एरिया में …।।३५ स्ट्रीट सरवाली कॉलोनी हाउस नो विंग डी ५६७ …।।एक मिनट मेरा नंबर लो रास्ता भटक जाओ तो मुझे कॉल कर लेण।।"
नैना राहुल की दी हुई पेकेज ले के चली गयी…………राहुल मोबाइल में नैना की नंबर को देख के मुस्कुराने लगा………।
उसके बाद बाकि कर्मसारिओं ने घेर लिया और सवाल पे सवाल करने लगे ……।
" राहुल कौन थि"
" एक्सीडेंट वाली थी क्या "
" क्या खूबसूरत हे"
" क्या बात की इतनी देर तुमसे"
" अरे बोल न कुच"
राहुल……" वो मुझे thank यू केहने आई थी……और डिनर पे बुलया"
" देखा मैंने कहा था तुम सबको…।रहुल को लाइन दे रही हे"
राहुल…।।" हट्ट कैसी बातें कर रहे हो …।वो बस थैंक यू केहने आई थी…।।उसका हस्बैंड पुलिस इंस्पेक्टर हे "
" क्या……पुलिस…।।अ तो फिर मत जाना ……।।पता हे न मामू लाग कैसे पेलते हे…।।"
Sure dear, I am reading your storyUpdated post ..........aapke pratikriya ke besabri se intezar he.......
Awesome updateUpdated 14
Shaan aur tripti shaam 6 baje ghar pohocha ……shaam to jeise teise guzar gayi lekin raat shaan ke liye Jatil raha…….
Pura pariwar dinner table ghere me bhojan upbhog kar rahe the ……tritpi apni shopping ki chizo ko badha chadha ke tarifen batar rahi thi sabko suna suna ke….usi bich Mr.shurjit kr baladev ne baat ched di ………
Mr.baladev ….." To action hero ab apni rang dikhane shuru kar diye yeha bhi…."
Shaan nivala muh me dalne hi wala tha bapach thali me rakh diya ……
Shaan…." Matlab daddy.."
Mr.baladev….." Jo laad sahab tune kiya aaj……jab action seen de raha tha Then your live telecast was happening in front of the whole world…….shabbash bete shabbash"
Mrs.baladev apni pati ko shant rehne ka isara karti he …….lekin Mr.baladev aur gusse me dahar pade usne dinning table pe haath patka jisse sari bartane bikhar gayi…..sabhi sakit reh gaye sivay shaan ke …….
Mr.baladev……." Board of directors in corporate governance ke saath meeting chal rahi thi aur news channel me aapke laadle dhasu action film chal rahe the…… zindegi me kabhi itna sarmida nehi huya me jitna aaj sarmida huya me …..sach me mera hi khoon he na reena ….sach sach batana …."
Shaan bhi aaj aise gussa huya jeise aaj tak kabhi usne kabhi utna gussa nehi huya aur dinning tabel ko laat maar ke apne kamre me chala gaya ….sabhi log sannh reh gaye jeise sard hawa ka jhoka chuh gayi ho ….. Paas khade servent thar thar kanp uthe ….
Ek hi thi jo ab shaan ko sambhal sakti thi……reena bhi aaj dar rahi thi shaan ke gusse ko shant karwane me ……
Wo sankoch bhare kadmo ke saath shaan ke kamre me gayi ….., darwaza lock nehi tha …. shaan bed pe baitha tha sayed uske asoon nikle the nam aankhe bayan kar rahi thi ……
Reena uske karib baith gayi aur shaan ke kandhe pe apni hath rakh di jiski resam ehsaas se shant prakrtisth ho jaya karta tha ……
Shaan ki awaz baith gayi thi apni rukhe awaaz ke saath bola…." Mom daddy ko lagta he me usne nafrat karta hoon "
Reena use gale se laga li …." Nehi nehi baby…..aisa nehi he wo bas tumhari bohot fikr karte he …. kabhi kabhi kaam ke tension me gusaa humpe nikal dete he…."
Shaan…" Haa janta hoon mom….daddy mera fikr karta he ….kyu na kare ek louta aulad hoon…."
Reena….." Haa….. bas wo tumhe sakhti dikha ke tumhe sakht banana chahte he taki tum apne pedo pe khade ho jao…"
Shaan…." Your are absolutely right mom…..aaj bhi meine galti kar di ….wo badmaas meri dost ke saath battamizi kar rahe the……agar meri jagah koi samjhdar ladka hota to wo police bulata ya kuch aisa karta jo kanoon ke dayere me ho …..manta hoon meri galti he lekin daddy mujhe pyaar se samjha bhi to sakte the isi wazah se…..isi wazah se me unke saath kaam nehi karna chahta ….."
Reena apne ladle ko kas ke gale laga li…." No baby….me tumhare daddy ko samjhaunga…….mujhe bas ek hi dar he ….tumhara gussa…..jis gusse ki wazah se tumhe yeha le aana pada wo phir na ho……"
Shaan rone laga……"haa mom….maine aap dono ko bobot dukh pohochaya na……me baar baar bolta hoon ki me kashish kar raha hoon sudharne ki lekin baar baar wohi galti karta hoon na…..mom I I I I'm not your good son……"
Reena tadap uthi …..koun maa apne bete ko aise tutte huye dekh payegi bechari…….khud chahe jitni bhi dari hui ho komjor ho lekin bachche ki hosla abjai me do pal ke liye sherni ban jati he maaye…….
Reena….." Nehi aisa nehi he……aisa bilkul nehi he …..tum mere achche bete ho …..daddy ki baat abhi bhool jao uska gussa subah tak thanda bhi ho jayega dekhna…..achcha abhi so jaao ….."
Reena ne shaan ko bed pe leita di aur kambal odh diye chaati tak aur jhuk ke bate ki chehre ko chumne lagi ……pehle lalat pe phir gaal phir uski chumban anayas hi shaan ke gile labon pe kuch pal ke liye tham gayi ……..
Dono ki aankhe kuch pal ke liye band rahi …….lobon ki ehsaas ek dusre ki ruh chuh gayi ….waqt wohi ruk gaya kuch pal ke liye ……..do viprit ling ka sabse sanbedanshil ang he honth aur wo jab aapas me judte he to mano wo ehsaas sari duniya bhool ke ek bhram ki tabassum me bilin ho jaye………..
Jeise koi aatur nehi koi mansik baystata nehi aur dhimi sesta se dono ki palke khul gayi ek dusre ki aankho me kho gaye jeise samundar ki gehrai me par koi dar nehi koi aashnka nehi ……….
reena apne bete ke jhulfon me ungli sehlate huye pyaar se boli….." Aaj yehi so jau me "
Shaan bas shir haan me hila diya…..
Reena….." Thik he thora wait karo …..me baki sabko goodnight bol ke aati hoon"
Wo raat shaan ki zindagi me yaadgar haseen raat me se ek raat ban gayi…..aksar reena apne bete ki dukh door karne ke liye apne seene se laga ke sulati thi …….bachpan me shaan ko tara jagat ki kahaniya suna ke sulaya karti thi …….
Nice update
Phone ki ring jaa rahi thi………..dil joro se dhadak raha tha… narm peshish dil ummid se phir se bistrit roop se barnan kar raha tha ki dil kitna byakul tha tafshilata se………..
upadate 1
jis dhang se utkrist tha………lagta tha uska dil phir se sinmat jaye naye shire se jud jaye……….
" hello"
sard kapkapati hontho pe muskaan phail gaya mathe ka sikan door ho gaya tanaw se bhare nash khul sa gaya……..
" hey baby………"
" who's this? *"
" aanha…….abhi bhi naraaz ho…….please me mar raha hoon…..please baat karo……" sayed hi kisi ki lafz me itna dard nishtpat kasoobar aabhas thi
" who's this………Why are you calling again and again……kyu paresaan kar rahe ho…….dekho last warning de rahi hoon phir se dubara call kiya na to sidha tumahre nunber pe police ke paas case registered kar ke aaungi"
call disconnected……..wo pagalon ki tarah chikha chillaya aur apna mobile sadak pe patka……….
sadak ke kinare ghutne tek ke rone laga " kyu kyu…..kya kiya maine jo tum mujhe itni nafrat karne lagi ahcnak…..kyu akhir kyu…….aakhir kyu…..kyu tum mujhe ignore kar rahi ho……….naa mere phone uthati ho aur utha bhi leti ho to na pehchanne se inkaar kar deti ho…..kya huya he tumhe…..kuch batati bhi nehi ho…….aisa kya gunah kar diya jo itna nafrat karne lagi ho mujhse…..
ek aabhaga pagal aashiq fut fut ke roye jaa raha tha………mohabbat aaj yun sadak penishprabhaav swaroop se ashisht sur sur ho raha tha……..
pyaar wo bhawna he jo kisi byakti ya bostu ya sthaan ya jiv jantu ke liye niswarth paida hoti he…… pyaar ek nissal jazbaat hoti he……….pyaar woh shabd he jiski bakhya asambhab he par isme jivan chupa he…..jine ki chaah chupi he kabhi dar to kabhi nidarta chupi he kabhi bohot prem to kabhi ghrina chupi he aur prem ko samajhte samjhte zindegi samajhne ki apne aapko samjhane ki kala chupi he…… prem wo sunya he jo sabkuch asatya hone ka parishay deta he prem wo jo khubiyon par chehekne ka mouka deta he aur apni kamiyon par ruswa bhi karwata he……..isliye prem bina jeena bekar he…..pyaar ke koi naam ishq, mohabbat, pyaar aadi namon se prasharit……….
ye ladka bhi isi mohabbat se ruswa tha……..uska faanzil mohabbat nasut se wakif tha……….uske drishtikon se mohabbat zindegi jeene ki raah thi…….kisi ke saans lena mohabbat ne sikhaya tha…..kisi ke liye jalti raag me kadam rakhna mohabbat ne sikhaya tha……
jis pari ke liye beinteha pyaar mehsoos karta tha…….jis pari ki nazar se duniya ko dekhta tha wo duniya pehele use rangeen lagta tha……
Lekin aaj tute mohabbat ne buniyadi duniyaa se adharbhut yatharth karwaya….. na chaah kar bhi biswas uth chuka tha pyaar shabd se………jeise khud se nafrat hone laga kyu itne wo bewkoof bana raha……..
uske aasoon behte behte sukh gaye…..lekin dil me jo dard tha wo dhire dhire jakhm de raha tha……..sayed hi kabhi usne itna jakhm jhela hoga…..
thak haar ke girne ki kagar pe tha…..tabhi use ek sarhar kandhe pe kisi majboot hathon ki parkh mehsoos huya…….usne mud kar dekha…….aur wo phir dukh me tadpata huya us saks se lipat kar rone laga……….
wo saks use sahara deke uthaya aur sahara de ke utha ke jitna chahe rone diya…….aur jab rote rote thak gaya tab apni car me bitha ke le ke gaya……….
Awesome update
upadate 2
ghane chidh aur devdaar Junglon ghera ek chota sarumya tashtari…..ek pouranik sinnah ka gate KEJKAND namak chote seher ko swagat karti he… jo samudratal se 7000 feet unchai par he…….
ghane chidh aur devdaar Junglon ke kejkand seher unchi unchi bhaibyon dholadhaar parvat ki chautiyon ki wajaz se janjaat the…..
sundar nakkashi kejkaand seher prakriti ki saundary se bharpur khas tarah paryatak sthal mana jata tha…..har saal tourists ki bhidhbhar laga rehta tha……sard mausam me pura seher barfili saddar se dhak jata tha jiski manmahak khubsurti logo ke dilon me bas jate the……
aur usi seher me ek bohot badi hasti rehne ko aaye gaye….udyogpati SURJIT KR BALADEV turboost technology limited company ke sansthapak aur adhakhya the…….
unke saath unki patni REENA KUMARI BALADEV jo turboost technology limited company ke sah sansthapak aur adhakhya bhi the…….
aur unka ek louta beta…….SHANAKYA SHURJIT BALADEV……..25 saal ka gabru jawan………..lekin nickname shan he……….
Note : maine character ke kuch jhalak ....kahani ke madhyam aur bhi character judenge jo aage pata chalega.….
Super update Bhaiupadate 3
barfilen sadar se kinara dhake sadak pe car chal rahi thi……achanak car ke aage ek hiron dour ke rasta paar kar ke ghane jungle me ghus gaya aur car achanak tibra break ke saath tezz jhatke ke sath ruk gaya lekin ped se takdate takdate reh gaye…..
" kaka kya kar rahe ho……."
"chote baba maaf karna gadi ke aage hiron aa gayi thi…..barf ki wazah se break bhi der se lagi….aapko lagi to nehi…."
" lagi to nehi……par jis tarah se drift ho gaya tha car mein to dar gaya tha……kaka tyre byre check karte ho na…..aise snowfall highway me humesha aankhe khuli rakhni chahiye….."
" haa chote baba…..mera dhyan rehta he in surksa ke mamle me….aap chinta mat kariye……."
shaan phir apne mobile me lag gaya…….wo befikar apne driver pe bharosa kar ke nidhandha ho gaya……
aur kuch der me wo club pohoch gaya……..jo usne haal hi me kharida tha ek dharmik sadi ki 100 saal purana jalpaan griha jo usne nayi sadi ke sainik chihn se saja ke sangh bana liya tha…….
shaan driver kaka ko rukh karwate huye club me enter huya…..jeise hi usne prabisti kadam badhaye uske shir ke upar gubbare phooti aur wo shok gaye……
surprise,….ooooo hoon………..kamre me taliya bajne lagi…….. khushi se chikhne ki awaaz gunjne lage....
shaan ke samne uske dost (vikram, jatin, preeti) abhivadan karte huye khade ho ke jhum rahe the…..
shaan un sabke paas gaya sabse gale mil ke pucha………" kambakhto kya huya kis baat itni khusi mana rahe ho….."
preeti boli……." humne kar dikhaya"
shaan…. " kya kar dikhaya"
jatin……. " humne game design kar liya…..character animator ka kaam bhi pura kar liya……."
shaan ki hontho pe muskaan aa gaya……vikram khusi se shaan pe chadh gaya…….dosti me chadham chadhai naa ho kya dosti……
saaron me beer party suru hui……
shaan……" accha 70 % kaam to lagbhag ho gaye…….lekin level scripter chahiye uske liye koi creative demag wala writer chahiye……."
vikram….. " bhai…….aisa banda milega kaha……"
preeti…… " wohi to……game me jitna bhi graphics special effects se bhar do lekin playar ko level up kick nehi milega to game chodh dega….."
jatin….." shaan dbundo kisi ko jo dhansu script likhe……"
shaan…….." dhund to raha hoon……"
vikram…….." shaan…tujhe pata he….humari phool kanya ki shadi ho rahi he….. "….
shaan muskurate huye konhi nazron se preeti ki taraf nazar dali…..to preeti ne isare se jatin ki taraf ishara ki….. shaan kuch samjh nehi paya…….
jatin……. " iske baapu bole ki phool khil gaya he ab gadbandhan kar dena chahiye……"
preeti…… " ye mustanda kis angel se khile huye phool lagte he zara batao….."
jatin chidh gaya……"saalo yeha mera baap meri shaadi karwane me tule he subah se ek hi ratt lagaye baithe…..aur tum log meri majhak uda rahe ho….."
preeti haas ke boli…… " kyu itna tension le rahe ho……Tell your father that you will not marry now….."
shaan vikram ko ishara kar ke bola……." dekha bhai……aag kisi aur pe lagi lekin jali koi aur…. "
preeti nakhre me…… " kya matlab he tum logo ka…..me kyu jalungi….. "
preeti muh phoola ke kamre se nikal gayi…….aur jate ek antic gudda tod ke chali gayi…….
vikram chillaya piche se…….. oye nakchadhi humne kaha tujhe bola kuch……mera antic chiz tod diya kamini ne…
shaan jatin se bola……." dekh tere pe fida he bandi…….yehi samay he kesar ki dhoodh ki kamal dikhane ka……koi aur le jaaye isse pehele kamse kam propose maar de….
jatin…… " kya pagal jeise baate karte ho…….koi pasand basand nehi karti aur na hi me……humare bich aisa kuch nehi he……hum sab jeise dost he aise hi hum dono dost he…. "
vikram………" to phir me pata loon…..kamini aaj kaal bobot matak matak ke chalti he…….bohot maze degi… "….
jatin gusse me vikram ki taraf lapka…..vikram bhagne laga aur jatin uske piche………
shaan haasne laga………shanakya ko is seher me aate huye ek mahina hi huya tha……aur in teen tikri se dosti hui…….dosti ki suruwat misunderstanding se hui thi…..lekin baad me mithyaabodh mit ke dosti ke iltifaad shuru ho gaye…..
shaan raat ke 8 baje apne baladev bhavan pohocha………hamesa ki tarah wo apne alishan sudrish ghar me ghusa……..
uske daddy mano uska hi intezaar kar rahe the…….mr. baladev apne bhabya wazan awaaz parsh kanth se bola….. " hey my brave baby……come here to daddy……."
shaan muskura ke apne daddy ke bagal me baith gaya aur apne manyata pita ke samadar karte huye gale mil liya…..
shaan……" daddy aapne khana dinner kiya……."…
mr. baladev……." No, haven't eaten yet, I was waiting for you……kabhi me apne bete ke bina khana khata hoon kya….."
yehi mudirt bicharon ki wazah se apne daddy se garv karte he ki wo unka beta he……
shaan bola….." chaliye aap taiyar ho jaiye me abhi change kar ke aapse dining hall me milta hoon……waise mom kaha he…. "
mr. baladev……." tumhari mom ko beauty creations ka sok lag gaya he……ek event organised planing kar rahi he….jime budhiya ramp walk karegi……"
dono baap bete haasne lage taali maar ke…..
Thanks for your precious feedbackBeautiful shandar update...
Thanks for your precious feedbackgreat bro......
Thanks for your precious feedbackNice update