Update: 7
,,, उधर रामु गीता और रजनी के साथ पंडित जी के पास जाने की तय्यारी कर रहा था। और तभी उसे रघुवीर आता दिखाई देता है।
,,,रघुवीर कैसे हो मित्र,, रामु मैं ठिक हूँ किशन और भाभी जी को साथ नही लाये क्या बात है।
रघुवीर : मित्र किशन अभी शादी करना नहीं चाहता उसे कुछ और समय लगेगा मनाने मे इसलिए मैं तुमसे माफ़ी चाहता हूँ लेकिन मै बचन देता हूँ कि किशन कि शादी गीता के साथ ही होगी।
रामु: मित्र मगर पंडित जी के अनुसार यह शादी आज ही होनी चाहिए नहीं तो कुछ ना कुछ अनहोनी हो सकती है।
,, माफ करना मित्र मगर मुझे दो दिन का समय चाहिए,,
,,,, रघुवीर की बात सुनकर रामु का दिल टूट गया था और अब बह बड़े ही उदास होकर रघुवीर से कहता है,,
रामु: रघुवीर मित्र मैं तो पंडित जी के पास जा ही रहा था अपनी बेटी और पत्नी के साथ परन्तु अब यह शादी नहीं हो सकती इसलिए तुम जाते समय उनसे यह बता देना।।
,,, रामु को उदास होता देख रघुवीर उसे गले लगा लेता है और फिर वहाँ से चला जाता है।
,,, रामु और रघुवीर इस बात से अंजान थे की उनकी हर गति बिधि पर कोई नज़र जमाए हुए है और वह थे वीर सिंह के वफ़ा दार काली और हरियां जो रामु के घर पर नज़र रखे हुए थे रघुवीर के घर से जाते ही वह दोनों इस बात की सूचना अपने मालिक वीर सिंह को देने के लिए चले जाते है।,,,,
,,, किशन कुछ देर में घर बापस आता है और वह देखता है कि उसकी माँ पशुओं को चारा डाल रही है। किशन को देखते ही रामो देवी उसके पास आती है और किशन से,,,
रामो देवी: कहाँ गया था इतनी देर से और तेरी आँखों में लाली क्यू हैं।
किशन: कहीं नही माँ अपने मित्र से मिलने गया था।
,,, रामो देवी देखती है की किशन कुछ परेशान नज़र आ रहा है और उसकी आबाज मे भी कंपन हैं उसे चिंता थी कि उसका बेटा कहीं गलत राह पर न चला जाए क्योंकी आज तक उसने कोई गलत काम नही किया था जिसके कारण गाँव में उनकी बदनामी हो सभी गाँव वाले रघुवीर और किशन की बहुत इज्जत करते थे रामो देवी के मन में यही विचार थे,,
,, रामो देवी,: बेटा मैं माँ हूँ तुम्हारी नौ महीने अपने पेट में रखा है तुम्हे मै तुम्हारी आँखो में देख सकती हूं कि तुम बहुत परेसान हो क्या बात हैं बता मुझे अगर तुझे शादी की चिंता है तो मत करो शादी हम तुझे दोबारा नहीं कहेगे।
,,,,किशन किशन अपना सर उपर कर अपनी माँ को देखता है और उसकी नज़र रामो देवी के तिर् से निकले हुए स्तनो पर जाती है जो धोती और बलौच के अंदर से भी चार इंच वाहार निकले हुए नज़र आ रहे थे उसे देखते ही किशन को चित्र में देखी नग्न स्त्री याद आती है और उसका लिंग फिर से अकड़ जाता है। किशन की नज़र वहाँ आकर तिक् जाति है और बह भूल जाता है की जिसे वह देखे जा रहा है बह उसकी माँ हैं।
,,, किशन को इस प्रकार अपने वक्षो को घूरता देख रामो देवी को वहुत शर्म मेहसूस होती है और सोच रही थी की आज से पहले इस प्रकार की हरकत किशन ने कभी नहीं की आज इस प्रकार की नीच हरकत क्यो कर रहा है सायद उस पुस्तक के कारण। और रामो देवी उसे गुस्से से देखते हुए चिल्लाती हैं,,,।।
रामो देवी: किशन....... न.. क्या हुआ हैं तुझे,,,
,,, किशन जैसे होश में आता है और हड़बड़ा कर कुछ न न नहीं माँ और सीधा अंदर चला जाता है,,,
,,, रामो देवी बेशर्म वतम्मीज,,,और अपने काम करने लगती है,, किशन,, यार ये क्या किया मैंने बो मेरी माँ हैं।, मुझे तो भगवान भी कभी माफ नही करेगा यह सब उस पुस्तक के कारण हुआ है मै उसे जला दूँगा।,,,
,, किशन बह पुस्तक लेकर झोपड़ी से बाहर आता है और उसे जला ने लगता है यह सब करता देख रामो देवी उसे देख लेती है और उसके पास जाती है।।
रामो देवी: ये क्या किया तूने क्या है बो जो तूने जलाया
,,,,, किशन चुप चाप नीचे बैठा पुस्तक जला रहा था और रामो देवी की किसी भी बात का कोई उत्तर नहीं देता है। उसे गुम सूम देख रामो देवी उसके पास जाती है और उसके कंधे पर एक हाथ रखकर उसे पीछे को करती है।,,,,,,,
,,, किशन जैसे अपना सर उठता है। रामो देवी देखती है की उसकी आँखो में आंसू हैं और वह रो रहा है। किशन को अपनी गलती का आभाष था और उसकी आँखो में आंसू पछतावे के थे किशन अपनी माँ के पर पकड़ कर रोते हुए कहता है।
किशन: मुझे माफ कर दो माँ मैंने जो पाप किया हैं उसके लिए तो मुझे भगवान भी माफ नही करेगा मगर तु चाहे तो मेरी जान भी लेले मैं उफ़् तक नही करूँगा
,,, अपने बेटे को इस प्रकार रोता देख रामो देवी का दिल दहल् जाता है उसका बेटा एक बहादुर इंसान था
और उसने उसे इस प्रकार रोते हुए कभी नहीं देखा था,,,
,, रामो देवी उसे उपर को उठाने की कोशीश करती है और किशन उपर उठता है और अपनी माँ को देखकर अपनी गरदन नीचे कर लेता है,,,
रामो देवी: बेटा मै तुझे इस प्रकार रोते हुए कभी नहीं देख सकती तु ही तो हमारे बुढ़ापे का सहारा हैं मेरे लाल,,, और उसे गले लगा लेती है उसके गले लगते ही किशन को उसके ठोस वक्ष अपने शरीर में मेहसूस होते हैं और किशन रोते हुए।
किशन: माँ इस पुस्तक के कारण यह सब हुआ था इस लिए मैंने इसे जला दिया
रामो देवी;: सब जानती थी इसलिए फिर भी वह किशन की बाहों में लगी पूछती है क्यू क्या था इस पुस्तक में
किशन: कुछ नही माँ और किशन अपनी माँ को छोड़ कर खेतों में जाने का बहाना बना कर घर से चला जाता है।