Developmentnnn
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,,, किशन के जाने के बाद रामो देवी को अहसास होता है कि उसका बेटा बहुत नेक् इंसान हैं और कभी भी अपनी माँ को गंदी नज़रो से नहीं देखेगा धीरे धीरे शाम होने हो गया था और अभी गाँव के लोग खेतों से काम करने के बाद घर घर लौट आये थे।
,,, लेकिन किशन को घर से निकले चार घंटे बीत गया था और अभी तक वह घर नहीं लौटा था। रघुवीर भी अभी नहीं आया था । रामो देवी को चिंता होने लगती है कि उसका बेटा अभी तक घर नहीं आया है और ना उसके बपू घर आए हैं,,, और बह चिंता मे डूबी हुई घर के दरबाजे पर इंतेजार कर रही थी।
,,, पंडित जी को मिलने के बाद रघुवीर भी अपने घर लौट रहा था जंगल का रास्ता था और अंधेरे की काली छाया में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था जंगल से होते हुए रघुवीर रामू के बारे मे सोच् रहा था। तभी उसे अपने पीछे कुछ आहत होती है और उसे लगता है कि जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है। तभी वह पीछे मुड़कर देखता है तो उसे चार लोग दिखाई देते हैं,,,,,,,,,,
,,, सभी ने अपने मुह पर कपढ़ा बंधा हुआ था और उन चारो के हाथ में कुछ धार दार हत्तियार थे रघुवीर उन्हे जैसे ही देखता है वह डर जाता है और उसे वहाँ से भागना ही उचित लगता है रघुवीर के भागते ही एक आदमी कहता है,,,
आदमी: पकड़ो उसे हराम के पिल्लो जिंदा नहीं जाने पाए
,,, तीन लोग रघुवीर के पीछे भागते है और रघुवीर एक अधेड़ उम्र का ब्यक्ति था वह कुछ दूरी पर ही गया था कि उन लोगों ने उसे पकड़ लिया,,,
,, आदमी,,, साले भागके कहाँ जाता है आज तु नहीं बचेगा,,, रघुवीर को इस बात का एहसास होता है की ये लोग उसे जिंदा नहीं छोडेगे पर वह कहते हैं ना,, की मरता क्या नहीं करता रघुवीर हिम्मत कर के एक आदमी के हाथ से तलबार छीन लेता है और सीधा उस आदमी के सीने में घोपा देता है,,, उसको इस प्रकार बार करते हुए दूसरा आदमी उस पर बार करता है,,
,,, तभी रघुवीर नीचे बैठ जाते हैं और उसे भी एक ही तलबार के बार से मौत के घाट उतार देता है।,,,,, रघुवीर अभी सभाँल भी नही पाया था की उसके,, सर पर किसी ने पीछे से बार किया,,,,,
,,, और वह एक ही तलबार के बार से लाहु लुहान होकर धरती पर गिर जाता है और कुछ ही पल् मे तड़प तड़प कर अपने प्राण त्याग देता है। जैसे ही पीछे खडा हुआ आदमी अपने मारे गए,,, आदमी की पहचान करता है,,,
,,, वह जोर से चिल्लाता है,,, काली,,,, इ, इ इ इ इ इ इ इ,,,, और घुटनो के बल् नीचे गिर जाता है,,, मारे गए दो आदमी वीर सिंह के वफादार काली और हरियां थे,,,, रघुवीर की हत्त्या करने वाला वीर सिंह t
,,, लेकिन किशन को घर से निकले चार घंटे बीत गया था और अभी तक वह घर नहीं लौटा था। रघुवीर भी अभी नहीं आया था । रामो देवी को चिंता होने लगती है कि उसका बेटा अभी तक घर नहीं आया है और ना उसके बपू घर आए हैं,,, और बह चिंता मे डूबी हुई घर के दरबाजे पर इंतेजार कर रही थी।
,,, पंडित जी को मिलने के बाद रघुवीर भी अपने घर लौट रहा था जंगल का रास्ता था और अंधेरे की काली छाया में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था जंगल से होते हुए रघुवीर रामू के बारे मे सोच् रहा था। तभी उसे अपने पीछे कुछ आहत होती है और उसे लगता है कि जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है। तभी वह पीछे मुड़कर देखता है तो उसे चार लोग दिखाई देते हैं,,,,,,,,,,
,,, सभी ने अपने मुह पर कपढ़ा बंधा हुआ था और उन चारो के हाथ में कुछ धार दार हत्तियार थे रघुवीर उन्हे जैसे ही देखता है वह डर जाता है और उसे वहाँ से भागना ही उचित लगता है रघुवीर के भागते ही एक आदमी कहता है,,,
आदमी: पकड़ो उसे हराम के पिल्लो जिंदा नहीं जाने पाए
,,, तीन लोग रघुवीर के पीछे भागते है और रघुवीर एक अधेड़ उम्र का ब्यक्ति था वह कुछ दूरी पर ही गया था कि उन लोगों ने उसे पकड़ लिया,,,
,, आदमी,,, साले भागके कहाँ जाता है आज तु नहीं बचेगा,,, रघुवीर को इस बात का एहसास होता है की ये लोग उसे जिंदा नहीं छोडेगे पर वह कहते हैं ना,, की मरता क्या नहीं करता रघुवीर हिम्मत कर के एक आदमी के हाथ से तलबार छीन लेता है और सीधा उस आदमी के सीने में घोपा देता है,,, उसको इस प्रकार बार करते हुए दूसरा आदमी उस पर बार करता है,,
,,, तभी रघुवीर नीचे बैठ जाते हैं और उसे भी एक ही तलबार के बार से मौत के घाट उतार देता है।,,,,, रघुवीर अभी सभाँल भी नही पाया था की उसके,, सर पर किसी ने पीछे से बार किया,,,,,
,,, और वह एक ही तलबार के बार से लाहु लुहान होकर धरती पर गिर जाता है और कुछ ही पल् मे तड़प तड़प कर अपने प्राण त्याग देता है। जैसे ही पीछे खडा हुआ आदमी अपने मारे गए,,, आदमी की पहचान करता है,,,
,,, वह जोर से चिल्लाता है,,, काली,,,, इ, इ इ इ इ इ इ इ,,,, और घुटनो के बल् नीचे गिर जाता है,,, मारे गए दो आदमी वीर सिंह के वफादार काली और हरियां थे,,,, रघुवीर की हत्त्या करने वाला वीर सिंह t