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Incest Bete se ummeed,,

Krishkumar

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गीता:बापू कहाँ जा रहे हो गीता ने बड़ी मासूमियत से रामु से पूछा

रामु: बेटा मै पंडित जी के पास जा रहा हूँ और उसके बाद अपने मित्र के घर जाउंगा शाम तक लोट आऊंगा

,, रजनी रामु को गीता की कुंडली निकाल कर दे देती है जो किसी पहुँचे हुए पंडित जी ने बनाई थी और अब वह इस दुनिया में नहीं है. रामु वह कुंडली लेकर पंडित जी की कुटिया की ओर अग्रसर होता है.

,, रामु बहुत खुश था की वह अपनी बेटी की सादी किशन के साथ करने वाला था जो की एक पहलवान होने के साथ एक नेक और होनहार इंसान था और आज की तारीख में उसके जैसा कोई नहीं था यह सब विचार करते करते रामु पंडित जी के पास पहुँच जाता है.

,, पंडित जी जैसे ही रामु को देखते है. वह उसके पास आते हैं और रामु

रामु: प्रणाम पंडित जी मै अपनी बेटी की कुंडली लेकर आया हूँ उसकी सादी का अच्छा सा मूहरत निकाल कर मुझे बताओ अपनी बड़ी कृपा होगी

,, पंडित जी देखते है की रामु बड़ा खुश लग रहा है और वह.

पंडित जी: खुश रहो बेटा बड़े खुश नजर आ रहे हो कोई लड़का मिल गया है क्या गीता बेटी के लिए

रामु: जी पंडित जी मेरे मित्र रघुवीर के बेटे के साथ गीता बेटी का रिस्ता पक्का किया है और आपने ही कहा था की गीता बेटी की कुंडली मुझे दिखा देना.

पंडित जी: हाँ मैने तुम्हे कल शाम को बुलाया था

रामु: वो कल अपने मित्र के घर से आते हुए मुझे रात जियादा हो गई थी इसलिए आ नहीं पाया माफ़ी चाहता हूँ आपसे

पंडित जी: कोई बात नहीं बेटा आओ अंदर चले कुटिया में बैठकर बात करते है.

,, रामु पंडित जी के साथ कुटिया मे चला जाता हैं और फिर पंडित जी को गीता की कुंडली देता है.

,, पंडित जी कुंडली देखते हैं और कुंडली देखते ही उनको पसीना छूट जाता है वह बहुत घबरा जाते है और कुंडली पकड़े उनके हाथ कांपने लगते है पंडित जी रामु की ओर देखते हुए पर कुछ बोल नहीं रहे थे रामु यह सब देख पंडित जी से कहता है.

रामु: क्या हुआ पंडित जी क्या बात है और आपको पसीना क्यों आरहा है क्या है मेरी बेटी की कुंडली में मुझे बताओ.

पंडित जी: बेटा ये कुंडली किसने बनाई थी

रामु: ये कुंडली एक वहुत ही पहुँचे हुए पंडित जी बनाई थी जो अब इस दुनिया में नहीं रहे परन्तु बात क्या है मुझे बताओ पंडित जी

पंडित जी: बेटा गीता कोई साधारण लड़की नहीं है उसका जन्म पूर्ण मशी की चंद्र गीरहंन की रात को हुआ था और उसके साथ जो भी सादी करेगा बो उसका जीवन भर साथ नहीं दे सकता और ना ही बो उसे वह सुख दे सकेगा जो एक स्त्री को चाहिए उस पुरुष की अकाल मृत्यु हो जायेगी

,, पंडित जी की बात सुनकर रामु के होस उड़ जाते है और वह बड़े उदास मन से पूछता है, ,,

रामु: तो क्या मेरी बेटी जीवन भर कुवारी रहेगी उसकी कभी सादी नहीं होगी पंडित जी

पंडित जी: तुम्हारी बेटी चंद्र गिरहंन की अमावश की रात को जन्मी है i इसीलिए उसके गुप्त अंग पर चंद्रमा का चिन्ह है जिस पुरुष के गुप्त अंग पर वह चिन्ह होगा वही उसको स्त्री सुख दे सकता हैं

रामु : तो क्या इसका कोई उपाये नहीं है..

पंडित जी: उपाये है तुम उस पुरुष को यह कभी नहीं बताना कि तुम्हारी बेटी की कुंडली में दोष है और मै तुम्हे एक दिव्या माला दूँगा जो तुम्हे उस पुरुष को पहनानी है जब तक वह माला उस पुरुष के गले मे रहेगी उसे कुछ नहीं होगा


,, पंडित जी की बात सुनकर रामु की आँखो में आसु आ जाते है और वह विनती करते हुए कहता है.,,,

रामु: ठीक है पंडित जी आप वह माला मुझे दे दीजिये

पंडित जी: उस माला को सिद्ध करने मे मुझे एक घंटा लगेगा तब तक तुम यही बैठो.


,, रामु से यह बोलकर पंडित जी एक पीपल के ped के पास जाते है और एक माला को लेकर सांत अवस्था में बैठ जाते है. रामु भी किसी गहरी सोच मे डूबा हुआ पंडित जी का इंतेजार करने लगता है और सोचता है कि यह माला कैसे किशन को पहनाए गा ओर क्या कहेगा किशन से की ये किस लिए है यही सब सोचते सोचते एक घंटा बीत गया था और पंडित जी माला को सिद्ध करके बापस रामु के पास आते हैं और रामु को वह माला देकर रामु को


पंडित जी: रामु गीता की सादी आज रात ही करनी होगी क्योकि मुझे आने बाला समय कुछ ठीक नहीं लग रहा बेटा



रामु: जी जैसा आप उचित समझे मै रघुवीर से बात कर के आप के पास शाम तक आता हु और अगर रघुवीर ने हाँ की तो मैं गीता बेटी और किशन को भी अपने साथ ले आऊँगा अच्छा पंडित जी मै चलता हूँ


,,, माला लेकर रामु रघुवीर के घर की ओर चल देता है और रघुवीर के घर पहुँचते ही रामु को रघुवीर दिखाई देता है जो अपनी पत्नी से बात कर रहा था रामु को देखते ही रघुवीर रामु के पास आता है और रामु को अपने गले लगा लेता है.


रघुवीर: और सुनाओ रामु कैसे आना हुआ

रामु: मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है और किशन बेटा कंहा है उसके लिए मै ये माला लाया हूँ जो मुझे पंडित जी ने उसकी सुरक्षा के लिए दी है

रघु: सुरक्षा कैसी सुरक्षा???

रामु: मित्र यह माला किशन को बुरी नजर से बचायेगी ओर हमारे किशन को कोई भी पहलवान दंगल में नहीं हरा सकता


,,, रामु यह सब बाते रघुवीर को बता रहा था और तभी किशन वहाँ आता हैं
 

Dhansu2

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गीता:बापू कहाँ जा रहे हो गीता ने बड़ी मासूमियत से रामु से पूछा

रामु: बेटा मै पंडित जी के पास जा रहा हूँ और उसके बाद अपने मित्र के घर जाउंगा शाम तक लोट आऊंगा

,, रजनी रामु को गीता की कुंडली निकाल कर दे देती है जो किसी पहुँचे हुए पंडित जी ने बनाई थी और अब वह इस दुनिया में नहीं है. रामु वह कुंडली लेकर पंडित जी की कुटिया की ओर अग्रसर होता है.

,, रामु बहुत खुश था की वह अपनी बेटी की सादी किशन के साथ करने वाला था जो की एक पहलवान होने के साथ एक नेक और होनहार इंसान था और आज की तारीख में उसके जैसा कोई नहीं था यह सब विचार करते करते रामु पंडित जी के पास पहुँच जाता है.

,, पंडित जी जैसे ही रामु को देखते है. वह उसके पास आते हैं और रामु

रामु: प्रणाम पंडित जी मै अपनी बेटी की कुंडली लेकर आया हूँ उसकी सादी का अच्छा सा मूहरत निकाल कर मुझे बताओ अपनी बड़ी कृपा होगी

,, पंडित जी देखते है की रामु बड़ा खुश लग रहा है और वह.

पंडित जी: खुश रहो बेटा बड़े खुश नजर आ रहे हो कोई लड़का मिल गया है क्या गीता बेटी के लिए

रामु: जी पंडित जी मेरे मित्र रघुवीर के बेटे के साथ गीता बेटी का रिस्ता पक्का किया है और आपने ही कहा था की गीता बेटी की कुंडली मुझे दिखा देना.

पंडित जी: हाँ मैने तुम्हे कल शाम को बुलाया था

रामु: वो कल अपने मित्र के घर से आते हुए मुझे रात जियादा हो गई थी इसलिए आ नहीं पाया माफ़ी चाहता हूँ आपसे

पंडित जी: कोई बात नहीं बेटा आओ अंदर चले कुटिया में बैठकर बात करते है.

,, रामु पंडित जी के साथ कुटिया मे चला जाता हैं और फिर पंडित जी को गीता की कुंडली देता है.

,, पंडित जी कुंडली देखते हैं और कुंडली देखते ही उनको पसीना छूट जाता है वह बहुत घबरा जाते है और कुंडली पकड़े उनके हाथ कांपने लगते है पंडित जी रामु की ओर देखते हुए पर कुछ बोल नहीं रहे थे रामु यह सब देख पंडित जी से कहता है.

रामु: क्या हुआ पंडित जी क्या बात है और आपको पसीना क्यों आरहा है क्या है मेरी बेटी की कुंडली में मुझे बताओ.

पंडित जी: बेटा ये कुंडली किसने बनाई थी

रामु: ये कुंडली एक वहुत ही पहुँचे हुए पंडित जी बनाई थी जो अब इस दुनिया में नहीं रहे परन्तु बात क्या है मुझे बताओ पंडित जी

पंडित जी: बेटा गीता कोई साधारण लड़की नहीं है उसका जन्म पूर्ण मशी की चंद्र गीरहंन की रात को हुआ था और उसके साथ जो भी सादी करेगा बो उसका जीवन भर साथ नहीं दे सकता और ना ही बो उसे वह सुख दे सकेगा जो एक स्त्री को चाहिए उस पुरुष की अकाल मृत्यु हो जायेगी

,, पंडित जी की बात सुनकर रामु के होस उड़ जाते है और वह बड़े उदास मन से पूछता है, ,,

रामु: तो क्या मेरी बेटी जीवन भर कुवारी रहेगी उसकी कभी सादी नहीं होगी पंडित जी

पंडित जी: तुम्हारी बेटी चंद्र गिरहंन की अमावश की रात को जन्मी है i इसीलिए उसके गुप्त अंग पर चंद्रमा का चिन्ह है जिस पुरुष के गुप्त अंग पर वह चिन्ह होगा वही उसको स्त्री सुख दे सकता हैं

रामु : तो क्या इसका कोई उपाये नहीं है..

पंडित जी: उपाये है तुम उस पुरुष को यह कभी नहीं बताना कि तुम्हारी बेटी की कुंडली में दोष है और मै तुम्हे एक दिव्या माला दूँगा जो तुम्हे उस पुरुष को पहनानी है जब तक वह माला उस पुरुष के गले मे रहेगी उसे कुछ नहीं होगा


,, पंडित जी की बात सुनकर रामु की आँखो में आसु आ जाते है और वह विनती करते हुए कहता है.,,,

रामु: ठीक है पंडित जी आप वह माला मुझे दे दीजिये

पंडित जी: उस माला को सिद्ध करने मे मुझे एक घंटा लगेगा तब तक तुम यही बैठो.


,, रामु से यह बोलकर पंडित जी एक पीपल के ped के पास जाते है और एक माला को लेकर सांत अवस्था में बैठ जाते है. रामु भी किसी गहरी सोच मे डूबा हुआ पंडित जी का इंतेजार करने लगता है और सोचता है कि यह माला कैसे किशन को पहनाए गा ओर क्या कहेगा किशन से की ये किस लिए है यही सब सोचते सोचते एक घंटा बीत गया था और पंडित जी माला को सिद्ध करके बापस रामु के पास आते हैं और रामु को वह माला देकर रामु को


पंडित जी: रामु गीता की सादी आज रात ही करनी होगी क्योकि मुझे आने बाला समय कुछ ठीक नहीं लग रहा बेटा



रामु: जी जैसा आप उचित समझे मै रघुवीर से बात कर के आप के पास शाम तक आता हु और अगर रघुवीर ने हाँ की तो मैं गीता बेटी और किशन को भी अपने साथ ले आऊँगा अच्छा पंडित जी मै चलता हूँ


,,, माला लेकर रामु रघुवीर के घर की ओर चल देता है और रघुवीर के घर पहुँचते ही रामु को रघुवीर दिखाई देता है जो अपनी पत्नी से बात कर रहा था रामु को देखते ही रघुवीर रामु के पास आता है और रामु को अपने गले लगा लेता है.


रघुवीर: और सुनाओ रामु कैसे आना हुआ

रामु: मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है और किशन बेटा कंहा है उसके लिए मै ये माला लाया हूँ जो मुझे पंडित जी ने उसकी सुरक्षा के लिए दी है

रघु: सुरक्षा कैसी सुरक्षा???

रामु: मित्र यह माला किशन को बुरी नजर से बचायेगी ओर हमारे किशन को कोई भी पहलवान दंगल में नहीं हरा सकता


,,, रामु यह सब बाते रघुवीर को बता रहा था और तभी किशन वहाँ आता हैं
Nice update
 
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odin chacha

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Bahut hi khubsurat update tha bro
 

odin chacha

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Agle update ke intezar mein...
 
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