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Incest Bete se ummeed,,

andyking302

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Update: 5


गीता:बापू कहाँ जा रहे हो गीता ने बड़ी मासूमियत से रामु से पूछा

रामु: बेटा मै पंडित जी के पास जा रहा हूँ और उसके बाद अपने मित्र के घर जाउंगा शाम तक लोट आऊंगा

,, रजनी रामु को गीता की कुंडली निकाल कर दे देती है जो किसी पहुँचे हुए पंडित जी ने बनाई थी और अब वह इस दुनिया में नहीं है. रामु वह कुंडली लेकर पंडित जी की कुटिया की ओर अग्रसर होता है.

,, रामु बहुत खुश था की वह अपनी बेटी की सादी किशन के साथ करने वाला था जो की एक पहलवान होने के साथ एक नेक और होनहार इंसान था और आज की तारीख में उसके जैसा कोई नहीं था यह सब विचार करते करते रामु पंडित जी के पास पहुँच जाता है.

,, पंडित जी जैसे ही रामु को देखते है. वह उसके पास आते हैं और रामु

रामु: प्रणाम पंडित जी मै अपनी बेटी की कुंडली लेकर आया हूँ उसकी सादी का अच्छा सा मूहरत निकाल कर मुझे बताओ अपनी बड़ी कृपा होगी

,, पंडित जी देखते है की रामु बड़ा खुश लग रहा है और वह.

पंडित जी: खुश रहो बेटा बड़े खुश नजर आ रहे हो कोई लड़का मिल गया है क्या गीता बेटी के लिए

रामु: जी पंडित जी मेरे मित्र रघुवीर के बेटे के साथ गीता बेटी का रिस्ता पक्का किया है और आपने ही कहा था की गीता बेटी की कुंडली मुझे दिखा देना.

पंडित जी: हाँ मैने तुम्हे कल शाम को बुलाया था

रामु: वो कल अपने मित्र के घर से आते हुए मुझे रात जियादा हो गई थी इसलिए आ नहीं पाया माफ़ी चाहता हूँ आपसे

पंडित जी: कोई बात नहीं बेटा आओ अंदर चले कुटिया में बैठकर बात करते है.

,, रामु पंडित जी के साथ कुटिया मे चला जाता हैं और फिर पंडित जी को गीता की कुंडली देता है.

,, पंडित जी कुंडली देखते हैं और कुंडली देखते ही उनको पसीना छूट जाता है वह बहुत घबरा जाते है और कुंडली पकड़े उनके हाथ कांपने लगते है पंडित जी रामु की ओर देखते हुए पर कुछ बोल नहीं रहे थे रामु यह सब देख पंडित जी से कहता है.

रामु: क्या हुआ पंडित जी क्या बात है और आपको पसीना क्यों आरहा है क्या है मेरी बेटी की कुंडली में मुझे बताओ.

पंडित जी: बेटा ये कुंडली किसने बनाई थी

रामु: ये कुंडली एक वहुत ही पहुँचे हुए पंडित जी बनाई थी जो अब इस दुनिया में नहीं रहे परन्तु बात क्या है मुझे बताओ पंडित जी

पंडित जी: बेटा गीता कोई साधारण लड़की नहीं है उसका जन्म पूर्ण मशी की चंद्र गीरहंन की रात को हुआ था और उसके साथ जो भी सादी करेगा बो उसका जीवन भर साथ नहीं दे सकता और ना ही बो उसे वह सुख दे सकेगा जो एक स्त्री को चाहिए उस पुरुष की अकाल मृत्यु हो जायेगी

,, पंडित जी की बात सुनकर रामु के होस उड़ जाते है और वह बड़े उदास मन से पूछता है, ,,

रामु: तो क्या मेरी बेटी जीवन भर कुवारी रहेगी उसकी कभी सादी नहीं होगी पंडित जी

पंडित जी: तुम्हारी बेटी चंद्र गिरहंन की अमावश की रात को जन्मी है i इसीलिए उसके गुप्त अंग पर चंद्रमा का चिन्ह है जिस पुरुष के गुप्त अंग पर वह चिन्ह होगा वही उसको स्त्री सुख दे सकता हैं

रामु : तो क्या इसका कोई उपाये नहीं है..

पंडित जी: उपाये है तुम उस पुरुष को यह कभी नहीं बताना कि तुम्हारी बेटी की कुंडली में दोष है और मै तुम्हे एक दिव्या माला दूँगा जो तुम्हे उस पुरुष को पहनानी है जब तक वह माला उस पुरुष के गले मे रहेगी उसे कुछ नहीं होगा


,, पंडित जी की बात सुनकर रामु की आँखो में आसु आ जाते है और वह विनती करते हुए कहता है.,,,

रामु: ठीक है पंडित जी आप वह माला मुझे दे दीजिये

पंडित जी: उस माला को सिद्ध करने मे मुझे एक घंटा लगेगा तब तक तुम यही बैठो.


,, रामु से यह बोलकर पंडित जी एक पीपल के ped के पास जाते है और एक माला को लेकर सांत अवस्था में बैठ जाते है. रामु भी किसी गहरी सोच मे डूबा हुआ पंडित जी का इंतेजार करने लगता है और सोचता है कि यह माला कैसे किशन को पहनाए गा ओर क्या कहेगा किशन से की ये किस लिए है यही सब सोचते सोचते एक घंटा बीत गया था और पंडित जी माला को सिद्ध करके बापस रामु के पास आते हैं और रामु को वह माला देकर रामु को


पंडित जी: रामु गीता की सादी आज रात ही करनी होगी क्योकि मुझे आने बाला समय कुछ ठीक नहीं लग रहा बेटा



रामु: जी जैसा आप उचित समझे मै रघुवीर से बात कर के आप के पास शाम तक आता हु और अगर रघुवीर ने हाँ की तो मैं गीता बेटी और किशन को भी अपने साथ ले आऊँगा अच्छा पंडित जी मै चलता हूँ


,,, माला लेकर रामु रघुवीर के घर की ओर चल देता है और रघुवीर के घर पहुँचते ही रामु को रघुवीर दिखाई देता है जो अपनी पत्नी से बात कर रहा था रामु को देखते ही रघुवीर रामु के पास आता है और रामु को अपने गले लगा लेता है.


रघुवीर: और सुनाओ रामु कैसे आना हुआ

रामु: मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है और किशन बेटा कंहा है उसके लिए मै ये माला लाया हूँ जो मुझे पंडित जी ने उसकी सुरक्षा के लिए दी है

रघु: सुरक्षा कैसी सुरक्षा???

रामु: मित्र यह माला किशन को बुरी नजर से बचायेगी ओर हमारे किशन को कोई भी पहलवान दंगल में नहीं हरा सकता


,,, रामु यह सब बाते रघुवीर को बता रहा था और तभी किशन वहाँ आता हैं
Abhi tak ke sare update एकदम जबरदस्त, शानदार hey
 
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Reactions: Nevil singh

Developmentnnn

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Update: 11..


,,,, सुबह की पहली किरण के साथ चिड़ियों के चहकने की आबाज होती है,,,, और अभी गाँव के लोग अपने अपने खेतों की ओर चल देते हैं,,,,,,


,,,,, एक घने जंगलों में दूर ना जाने क्यू बादलों मे चीलो और कोबो का एक झुंड बहुत तेज आबाज के साथ,,, मंडरा रहा था,,, और कुछ कुत्तो के भोकने की भी आबाज आ रही थी,,,,, जंगल में काम करने वाले किशानो की नज़र जब उन पर जाती है तो,,,,

,,,, एक किशान अरे ये चील्,, और कोए क्या है बहा,,,, सभी खेतों में काम कर रहे किशान उस ओर चल देते हैं,,, जैसे ही वहाँ पहुँचते हैं,, तो देखते हैं की तीन लोगो की लाश एक गहरे गधे मे पड़ी हुई है,,,


,,,, एक व्यक्ति उनमें,,, अरे ये तो अपने रघुवीर काका है,,,,


,,, हाँ भाई लग तो ऐसे ही रहे हैं,,,,, चलो निकालते है उन्हे,,,, सभी किशान एक दूसरे की मदत से उन तीनो की लाश को निकाल लेते हैं और,,,, काली और हरियां की लाश को देखकर पहचान करते हैं,,,,,


,,,,,, उन सभी किशानो मे से एक लड़का बहुत तेज गति से भागता हुआ गाँव की ओर जाता है,,,,

,,,, और इधर रामो देवी जो की नींद की झपकी लेते हुए दरबाजे से उठ कर घर के अंदर जाती है और घर में झाड़ू लगती है,,,,


,,,,, की एक लड़का बहुत तेज गति से भागता हुआ घर के अंदर आता है,,,,, उसकी साँसे दोगुना गति से चल रही थी,,,,,


,,,,, लड़का,,,, काकी,,, काकी,,,,, बो रघुवीर काका को,,,,,,

,,,, काका को क्या,,,, बेटा,,,,, बोल ना क्या हुआ तेरे काका को,,,,,,


,,,,,, काकी बो रघुवीर काका की किसी ने हत्त्या कर दी है,,,, और उनकी लाश पुराने बर्गद् के पेड़ के पास एक खाई मे पड़ी है,,,,,,


,,,,, रामो देवी यह सुनते ही दंग रह जाती है और उसके हाथो से झाड़ू नीचे गिर जाती है,,,, और वह अपना सर पकड़ते हुए नीचे गिर जाती है,,,,,,

,,, हे भगवान तूने ये क्या किया,,,, मै तो बर्बाद हो गई,,,, भगवान,,,, रामो देवी अपना सर पकड़ते हुए रोने लगती है,,,,,,


,,,, तभी ये खबर आस पास के सभी गाँव में हवा की तरह फैल जाती है,,,


,,,, कुछ देर बाद सभी गाँव वाले रघुवीर,, और काली हारिया की लाश को उठाकर गाँव में ले आते हैं,,,, खूंन मे लाल हो चुकी रघुवीर की लाश को उठाकर उसके घर लाया जाता है,,,, और सभी गाँव के लोग आस पास के सभी पंचायत को बुलाने का निर्णय लेते हैं,,,,,


,,,, रघुवीर की लाश को उसके घर लाया जाता है,, रामो देवी अभी भी सर पकड़ते हुए रो रही थी और जैसे ही रघुवीर की लाश उसके सामने आती है,,,, रामो देवी उसे देखते ही बेहोश होकर नीचे गिर जाती है,,,,



,,,,, सभी गाँव बालो ने शाम को पंचायत बुलाने का निर्णय लिया था,,, और उसके पहले सभी गाँव वाले रघुवीर के शरीर का अन्तिम संस्कार करने की तय्यारी में लग जाते हैं,,,


,,,,,, रामो देवी को उठाकर एक चारपाई पर लेटाया जाता है,,,, वह अभी भी बेहोश थी,,,, और उधर किसी,,, से खबर मिलते ही किशन भागता हुआ अपने घर आता है,,,,,,,,


,,,,, किशन अपने बापू की लाश देखकर उसके सीने पर गिर जाता है और रोते हुए,,,,, बापू तेरी कसम खा कर कहता हूँ जिसने भी तुम्हारा ये हाल किया है मै उसे जिंदा नहीं छोडूंगा,,,,, और तेज तेज रोने लगता है,,,,


,,,,, कुछ देर में रामो देवी होश में आती है और अपने बेटे किशन पर उसकी नजर जाति है,,, किशन को देखकर रामो देवी को थोड़ा सा सुकूंन मिलता है और अब उसकी नजरे केवल किशन पर ही टीकी हुई थी,,,,




,,,,, किशन अपने माँ से बहुत नाराज् था और उसे अपनी माँ के द्वारा किया गया अपमान बहुत खल् रहा था जिसकी वजह से उसने अपनी माँ के प्रति अपने मन में नफ़रत भर ली थी,,,,, वह रामो देवी को देखना भी नहीं चाहता था,,,,,,


,,,,, किशन की आखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे अपने मरे हुए बापू की सूरत देखकर उसे बचपन से लेकर जबानी तक के सारे दिन याद आ रहे थे,,,,, कैसे उसके बापू ने उसे बचपन से लेकर आज तक पाला है और खुद भूखा रहकर उसे बादम् मेवे खिलाकर एक पहलवान बनाया है,,,, और आज उसके इतना शक्तिशालि होने के बाद भी उसके बापू की सूरत खून में रंगी हुई उसके नज़रो के सामने पड़ी है और वह कुछ नहीं कर सका अपने बापू के लिए।।

,,,,, किशन धिक्कार है मेरी जिंदगी पर धिक्कार है,, मेरे पहलवान होने पर जो मैं अपने बापू के लिए कुछ नहीं कर सका,,,, मगर तेरे इस खून की कसम बापू तेरी इस हत्तिया का बदला मै उस पापी के खून से लूँगा जिसने तेरा ये हाल किया है,,,,,,

,,,, रघुवीर की अर्थी तयार हो गया था और अब सभी गाँव बाले गंगा मैय्या की जय जय कार करते हुए अर्थी उठाते हैं,,, तभी रामु रोता हुआ वहाँ आता है और,, किशन को गले लगाकर रोते हुए कहता है कि रघुवीर का हत्यारे वीर सिंह है,,,, और रामु सभी गाँव बालों को गीता के प्रति वीर सिंह के नीच विचारों के बारे में बता देता है,,, सभी गाँव बालों को अब ये यकीन हो गया था कि रघुवीर की हत्तिया वीर सिंह ने ही की है,,,,


,,,, रामु की बात सुनकर किशन को बहुत गुस्सा आता है और वह अपने आप पर काबू नहीं कर पता किशन गुस्से में घर के अंदर जाता है और एक बड़ी सी कुलाहदी लेकर बाहर आता है,,,,



,,,,,,, मै उस जिंदा नहीं छोडूंगा,,,,,,, और चिल्लाते हुए बाहर जाने ही बाला था कि रामो देवी भागती हुई आती है और किशन का हाथ पकड़ लेती है,,,,,,

,,,,,, नही बेटा रुक जा,,,,, मै तुझे नहीं जाने दूँगी,,,,,, अगर तुझे कुछ हुआ तो मै किसके सहारे जिउँगी मेरे लाल,,,,

,,,, हट जाओ माँ,,,, मेरे रास्ते से और आप को मेरे जीने या मरने से क्या फर्क पड़ता है,,,,,,


,,,, नही मेरे लाल ऐसा नहीं बोलते,,, विधवा तो मै हो ही चुकी हूँ,,, अब मुझे बेसहारा न बना,,,,,


,,, किशन,,,, अपनी माँ के हाथ को अपने कंधे से हटा देता है और अपनी गर्दन दूसरी ओर घूमा लेता है,,, अपने बेटे की अपने प्रति इतनी नफरत देख रामो देवी का दिल टूट गया था और बस असूं बहाये जा रही थी,,,,

,,, पास हि मे खड़ा रामु उन दोनों की बातें सून रहा था रामो देवी को रोता हुआ देख रामु,,, किशन बेटा यह समय होश गवाने का नहीं है,,, तुम्हे अपने बापू का अन्तिम संस्कार करना है और इस समय यही तुम्हारा करत्व है,,,

,,,,, रामु की बातें सुनकर किशन अपने बापू की लाश को देखने लगता है और फिर अपनी माँ को गुस्से से देखते हुए हाथ में पकड़ी कुल्हाड़ी को फेक देता है,,,

,,,, और रामु की ओर देखते हुए,,, मगर रामु काका मैं वीर सिंह को छोडूंगा नहीं,,,,, और अपने बापू की अर्थी को कंधा देते हुए चलने लगता है,,, सभी लोग गंगा मैय्या की जय जय कार करते हुए रघुवीर के शव को ले जाते हैं,,,,

,,,, रामो देवी चुप चाप खड़ी आँखों में आँसू लिए बस किशन को ही देख रही थी और कुछ देर बाद किशन उसकी नज़रो से ओझल हो जाता है,,,,,,


,,, सभी गाँव वाले रघुवीर के शव को लेकर गंगा घाट पर आ जाते हैं और उसके दह्ह् संस्कार की तय्यारी करते हैं,,,,,,,

,,, दूसरी तरफ गाँव की सभी औरते रघुवीर के घर पर,,,, रामो देवी के सभी सिंगार उतारने लगती है,,,,
 
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