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Romance DharmPatni

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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।। वर्तमान समय ।।
अब मुझे समझते देर ना लगी की वो औरत कौन थी और मेरे साथ सेक्स क्यू किया। पर अब मेरे दिमाग़ मे बड़ा प्रश्न था की रामली भाभी के श्राप का एक पार्ट तो पूरा हो गया पर जो उन्होंने मुझसे कहा उसका क्या। मेने उन बाबा से पूछा बाबा भाभी ने मुझे कहा उसका क्या होगा। बाबा ने कहा बेटा जो सरला ने किया उसका फल सरला ने भोग लिया है अब वो मुक्त हो गयी है। अब जो तुमने किया है उसका तुमको भोगना होगा। मै बोला बाबा मेरे साथ क्या होगा, प्लीज मुझे बताइये। बाबा बोले बेटा मै बता दूँगा तो भी वही होगा और नही बताऊंगा तो भी होगा। इसमे ना तु कुछ कर सकता है ना मै। हाँ फिर भी तु अपना जीवन अच्छा बनाना चाहता है तो एक बात ध्यान रखना जब वो तेरे जीवन मे वापिस आ जाये तो उसको अपना पूर्ण समर्पण कर देना और उसे धोखा मत देना। अगर तूने उसे धोखा देने का सोचा भी तो तेरा जीवन नरक बन जायेगा। ये कहकर वो बाबा अपनी तपस्या मे लग गये। मै वहा से उठा और वापिस घर की और लौट गया। घर पहुंचते हुए शाम हो गयी। माँ ने घर पहुंचते हि मुझे पूछा आज इतनी देर कैसे लग गयी कहा गया था तु ठीक तो है ना और तूने मेरा कॉल क्यू नही उठाया? मेने माँ का हाथ पकड़ा उन्हे सोफे पर बैठाया और बोला माँ मै बिल्कुल ठीक हु। आप इतनी चिंता मत किया करो। मोबाइल साइलेंट था इसीलिए पता नही चला। आगे से मै ध्यान रखूँगा माँ । अब मै उनकी गोद मे सिर रखकर आंखे बंद करके बाबा की बात के बारे मे सोचने लगा अब पता नही रामली भाभी मुझे कैसे कैसे जीवन के रंग दिखाएगी। माँ मेरे बालों मे हाथ फिराने लगी। मुझे काफी हल्का फील होने लगा और नींद आने लगी। मै माँ से बोला माँ खाना तैयार है क्या? मुझे नींद आ रही है। माँ ने कहा तु फ्रेश होकर आ मै खाना लगाती हु। मै अपने रूम मे गया और बाथरूम मे जाकर गर्म पानी से नहाया फिर पाज़मा टीशर्ट पहनकर आ गया। माँ ने कहा बैठ मै खाना ला रही हु। मेने टीवी चालू कर लिया। टीवी पर मूवी लगा कर देखने लगा। थोड़ी देर मे माँ ने खाना लगा दिया। मेने और माँ ने मिलकर खाना खाया। फिर मै सोने चला गया। सुबह माँ ने मुझे उठाया और कॉफ़ी दी। मै कॉफ़ी पीकर नहाया और तैयार होकर हॉल मे आया। नाश्ता किया और कॉलेज जाने लगा की माँ ने मुझसे कहा बेटा आज से मै तेरे साथ हि चलूंगी। मै एकदम चौंक गया और माँ से बोला माँ आप भी मेरी कॉलेज जोइन कर रही हो क्या? माँ मेरी तरफ देखकर बोली नही मै तो स्कूल मे हि खुश हु। तु बस रोज़ मुझे स्कूल छोड़ते हुए कॉलेज निकल जाना और कॉलेज से आते हुए मुझे लेते आना। मै बोला पर माँ आप तो रोज़ स्कूटी से जाती हो ना। माँ बोली नही मुझे स्कूटी से जाने मे डर लगता है। अब मै रोज़ तेरे साथ हि चलूंगी। मेने कहा माँ आपको स्कूटी से जाने मे डर लगता है या मेरे लिए डरी हुयी हो आप। इतनी देर मे माँ अपना पर्स लेकर मेरे पास आ गयी थी। माँ मेरे गाल पर एक हल्का सा थप्पड़ मारते हुए बोली ज्यादा दिमाग़ मत चला अब चल नही तो दोनो लेट हो जाएंगे। मेने आगे कुछ नही कहा बाहर आया और अपनी बाइक स्टार्ट की। माँ मेरे पीछे बैठ गयी और हम माँ की स्कूल की ओर निकल गये। माँ की स्कूल के गेट पर पहुचे। माँ बाइक से उतरी और मै कॉलेज की ओर निकल गया। कॉलेज मे पहुंचते हि मेने नमन को कॉल लगाया तो उसने बताया की वो कैंटीन मे है। मै बाइक खड़ी करके कैंटीन मे आ गया। देखा नमन अपनी गर्लफ्रेंड अनु के साथ बैठा था। मेने दोनो को हेल्लो बोला और उनके साथ बैठ गया। दोनो ने मुझे हेलो बोला। हम तीनो के हि सब्जेक्ट एक हि थे तो तीनो के लेक्चर साथ हि लगते थे। लेक्चर शुरु होने का टाइम हुआ तो मेने कहा चलो लेक्चर लेते है। नमन ने कहा तु चल हम आते है थोड़ी देर मे। मै लेक्चर के लिए चला गया। नमन और अनु लेक्चर ख़त्म होने के बाद हि आये। नमन मेरे पास आकर बैठ गया। मेने पूछा कहा चला गया था? नमन ने मुझे मुस्कुराते हुए आँख मारी तो मै समझ गया ये अनु को पेल के आया है। अनु का रंग बिल्कुल गोरा बाल उसने गोल्डन कलरिंग करा रखे थे। 32 के बूब्स 26 की कमर और 36 की गांड। मतलब अभी तक ज्यादा खुला माल नही है। कॉलेज ख़त्म होने पर मै माँ के स्कूल पहुचा। माँ को कॉल किया थोड़ी देर बाद माँ आ गयी हुए बोली रूबी मॉल ले चल। मेने बाइक रूबी मॉल की ओर बढ़ा दी। हम रूबी मॉल पहुचे। मेने माँ को मॉल के एंट्रेंस पर उतारा और बाइक पार्किंग मे लगा दी। मै माँ के पास आया तो माँ कॉल पर किसी से बात कर रही थी। फिर माँ ने कॉल कट किया और हम मॉल के सामने एक क्लिनिक मे आ गये। क्लिनिक मे अंदर आये और वहा रिसेप्शनिस्ट लेडीज से माँ ने कहा डॉक्टर सुमन से अपॉइंटमेंट है। रिसेप्शनिस्ट ने अंदर केबिन मे जाने को कहा। मेरा लंड तो रिसेप्शन पर बैठी लेडी को देखकर अकड़ने लगा। वो लगभग 55 साल की होगी। हरे रंग की साड़ी पहनी हुयी थी और सफ़ेद रंग का ब्लाउज। मेरी जान ले रखी थी उनके भारी भरकम क्लीवेज ने। उसके बोबे कम से कम 38 के होंगे। आधे ब्लाउज से बाहर झाँक रहे थे। सांवले रंग के बोबो ने मेरे लंड का जीना हराम कर रखा था। मेने जीन्स पहन रखी थी। जिन्स मे लंड का उभार साफ दिख रहा था। उसके कहने पर माँ अंदर गयी। मै बाहर कुर्सी पर बैठकर छुपकर उस लेडी को ताड़ने लगा। मेरा मन कर रहा था की अभी यही लंड बाहर निकालू और उस औरत को पेल दु। पर मै ऐसा कुछ कर नही सकता था। शर्मीले स्वभाव के कारण मेरी उस लेडी से बात करने की हिम्मत भी नही हो रही थी। तभी वो लेडी खुद मेरे पास आयी और मुझे पानी की बोतल ऑफर की। मेने थैंक यू बोलके मना कर दिया। फिर वो लेडी पानी की बोतल वापिस रिसेप्शन की टेबल पर रख कर मेरे पास की कुर्सी पर आकर बैठ गयी।
लेडी: तुम प्रमिला मैडम के बेटे हो?
मै: हाँ
लेडी: मेरा नाम मधु है। मै डॉक्टर सुमन की माँ हु। मेरा बेटा जय प्रमिला मैडम से पढ़ा है।
मै: ओके।
लेडी: तुम किस कॉलेज मे पढ़ते हो?
मै: M M कॉलेज मे।
लेडी: अरे वाह मेरा बेटा जय भी वही पढ़ता है। तुम जानते हो उसे?
मै अपने शर्मीले स्वभाव के कारण उसे केवल जवाब हि दे रहा था। बात आगे बढ़ाने की हिम्मत नही हि रही थी पर मन कर रहा था की ये ऐसे हि बात करती रहे। वो लेडी भी आगे बढ़कर मुझसे बात कर रही थी तो मेरी भी थोड़ी हिम्मत बढ़ने लगी।
मै: नही आंटी मै अभी तक मिला नही हु आपके बेटे से। आप मुझे उसका नंबर मैसेज कर दो मै उससे जरूर मिल लूंगा।
मधु आंटी ने अपना मोबाइल निकाला और बोली तुम्हारा नंबर बताओ। मेने अपना नंबर बताया तो आंटी ने मेरे नंबर पर अपने बेटे का नंबर भेज दिया। फिर मेने हिम्मत करके बात आगे बढ़ाने का सोचा।
मै: आंटी आपके कितने बच्चे है?
आंटी: एक बेटी जो डॉक्टर है और बेटा जय जो अभी कॉलेज मे है।
मै: आंटी आपको बुरा ना लगे तो एक बात कहु?
आंटी: क्यो नही बेटा कहो ना
मै: आंटी सच मे आप लगती नही की आपके इतने बड़े बच्चे होंगे। आप अभी तो जवान लगती हो।
(मै ये बोल तो गया पर इस समय मेरा दिल रॉकेट की स्पीड से धड़क रहा था और गांड फटके चौबारा हो रखी थी की आंटी कैसे रियेक्ट करेगी? अगर बुरा मनके माँ को शिकायत कर दी तो क्या होगा?)
आंटी:: हसते हुए बोली बेटा तुम भी कहा इस बुढ़िया की तारीफ कर रहे हो। कॉलेज मे किसी लड़की की तारीफ करोगे तो हो सकता है वो गर्लफ्रेंड बन जाएगी तुम्हारी।
मै उनकी बात सुनकर और उनके हावभाव देखकर समझ गया आंटी को तारीफ पसंद आयी। मतलब हो सकता है आगे मेरा चांस बने आंटी को चोदने का। ये सोचकर हि मेरे लंड ने दो बुँदे बहा दी।
मै: आंटी मै तो जो सच है वो बता रहा हु। अब आप सच मै खूबसरत हो तो हो।
आंटी मेरी ओर देखते हुए ब्लश करने लगी। फिर मेरे गाल पर हलकी सी मारते हुए बोली बड़ा आया सच बोलने वाला। तभी गेट से एक व्यक्ति अंदर आया तो आंटी मुझे ये कहते हुए रिसेप्शन की ओर चली गयी। आंटी को जाते देखकर मेने अपना लंड हल्का सा सेट किया और मन मे सोचने लगा अब आगे कैसे बढ़ा जाये। तभी माँ केबिन से बाहर आ गयी और मुझे चलने को कहा। मेने आंटी को बाय बोला। आंटी ने भी हमे बाय बोला। पर मेने नोटिस किया की माँ ने उन्हे इग्नोर किया। हम बाइक पर बैठकर घर की ओर चल दिये। घर पहुंच कर माँ ने कॉफ़ी बनायीं। हम मिलकर कॉफ़ी पिने लगे। मेने माँ से पूछा माँ आपने मधु आंटी को इग्नोर क्यो किया। माँ ने कहा बेटा वो हमारे जैसे लोग नही है। इसीलिए तु भी उनसे दूर हि रहना।मेने माँ से कहा ठीक है माँ । फिर माँ का टूशन का टाइम शुरु हो गया। मै अपने रूम मे आ गया। तभी मेरे मोबाइल पर व्हाट्सअप मैसेज आया। मेने ओपन करके देखा तो मधु आंटी का मैसेज था।
मधु आंटी का मैसेज - " today 7 o'clock at clinic "
मै माँ से अपने दोस्त से मिलने का कहकर घर से निकल गया। 7 बजे क्लीनिक पहुचा। अंदर गया तो देखा मधु आंटी क्लिनिक की लाइट्स बंद कर रही थी। डॉक्टर जा चुकी थी। मधु आंटी ने मुझे देखते हि हेलो बोला और अंदर डॉक्टर के कैबिन मे बैठने को कहा। मै केबिन मे अंदर आया। बड़ा सा रूम जिसमे सामने एक टेबल रखी हुयी थी जिसके एक तरफ एक रेवॉल्विंग चेयर और दूसरी तरफ 3 चेयर रखी हुयी थी। एक तरफ एक बेड लगा हुआ था और दूसरी तरफ बालकनी थी। मै रूम देख हि रहा था की मधु आंटी ने केबिन का गेट खोला और अंदर आयी।
 
Last edited:

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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Sandar story hai bhai...... Continue rakho...... Or update jldi jldi dete rho
पूरी कोशिश रहेगी 🙏🏻
 

Love4yummy

Love is not a goal it's a beautiful journey....👌
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केबिन मे आ रही मधु आंटी को मेने अपनी गोद में उठा लिया।
मधु आंटी - क्या कर रहे हो प्रतीक.. नीचे उतारो मुझे..
मै - कुछ नहीं आंटी.. बस सोच रहा हूँ आपकी जवानी का पानी पी लूँ..
मधु आंटी - अच्छा बच्चू जवानी का पानी पीना है तुझे?
मै - हाँ आंटी आज आपका पूरा पानी निचोड़ लेना है।
मधु आंटी - बेटा इतना दम है तुझमे की मुझे पूरा निचोड़ ले! सोच ले इस बदन ने कई लंड चूस के फेंक दिये।
मै मधु आंटी की साडी निकालते हुए - आंटी आपने अब तक जिन्हे चूस के फेंका वो लुल्लियाँ थी आज आपको पता चलेगा मर्द का लंड क्या चीज़ होता है... अभी देखना कैसे कुंवारी लड़कियों की तरह चीख निकलवाता हूँ आपके मुंह से मैं..
मधु आंटी अपने ब्लाउज के बटन खोलकर - अगर मर्द का लंड है तो पेल दे निकलवा चीखे इतनी बाते क्यू बना रहा है?
मै - चिंता मत करो आंटी पूरे मजे दूंगा अपने लंड से। पर असली मजा तो तब हि आएगा ना जब आपके औऱ मेरे ऊपर से नीचे तक अंग से अंग मिलेंगे तब ही तो हमारा मिलन यादगार रहेगा..
मधु आंटी - मिलन यादगार बनाने के चक्कर में कही अपनी बात मत भूल जाना। आंटी की जगह कही एक और मर्द का लंड लुल्ली ना बन जाये।
ये कहकर आंटी हसने लगी। आंटी की हसी ने मेरे तन बदन मे आग लगा दी।
मै मधु आंटी के बदन पर से आखिरी कपड़ा उतारते हुए - फ़िक्र मत करो आंटी.. इतनी बेरहमी से चोदूंगा आपको कि आपकी चूत रो रोकर मेरे लंड से रुकने की भीख मांगेगी...
मधु आंटी मुस्कुराते हुए मुझे को अपनी तरफ खींचकर - तो बच्चू.. चूमेगा नहीं अपनी आंटी को..
मै मधु आंटी के बाल पकड़कर - बिना चुम्माचाटी चुदाई की शुरूआत कैसे होगी आंटी.. आपके इन रसीले होंठों के जाम पिए बगैर मुझे चुदाई का नशा भी नहीं चढने वाला.. अब जल्दी से अपने होंठो को मेरे होंठों के हवाले कर दो आंटी.. औऱ मुझे अपने मुंह का मीठा मीठा रस पीला दो..
मधु आंटी ने मुस्कुराते हुए मुझे बेड पर पीठ के बल लेटाते हुए मेरे सीने पर अपनी छाती टिका कर अपने होंठ मेरे होंठों के करीब लाकर कहती है..
मधु आंटी - पिले बेटा... अपनी आंटी के मुंह का सारा रस पिले बेटा.. कब से मैं एक असली मर्द की जकड मे टूटने को तरस रही हूँ.. सबने बस मुझे निराश ही किया है.....
मै प्यार से मधु आंटी के होंठों ओर अपने होंठ रखकर उसके होंठों का एक चुम्मा लेकर मधु आंटी के बोबे पकड़कर बोला..
मै - आज भी आपके चुचक कितने कड़क औऱ नुकिले है आंटी.. आपके दोनों चुचक मेरे सीने में ऐसे चुभ रहे है जैसे किसीने चाकू चुभा रखा हो.. आपकी गदराई कमर औऱ ये फूली हुई गांड.. माँ कसम.. किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी है।
मधु आंटी हसते हुए - मेरा बेटा तो बहुत समझदार हो गया.. चल अब अपनी आंटी से प्यार भी करेगा या ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में नंगा रखने का इरादा है..
मै - लगता है आपको बहुत जल्दी है आंटी.. कहीं जाने का इरादा है क्या?
मधु आंटी - नहीं मेरे प्यारे बच्चे.. मुझे कोई जल्दी नही है मुझे तो तेरे लंड का दम खम देखना है ..
मै - वो भी दिख जायेगा आंटी.. आप क्यों फ़िक्र करती हो, .. लेकिन जल्दबाज़ी के चक्कर में मैं आपके जैसी रसमलाई को आधा अधूरा नहीं चखना चाहता..
मधु आंटी मुस्कुराते हुए - रसमलाई तो तू है मेरे छोटे से बच्चे.. मन कर रहा है अभी तुझे खा जाऊ..
मै मधु आंटी के होंठों से होंठ लगाते हुए - तो खा जाओ ना आंटी.. किसने रोका है आपको..
हमारा चुंबन शुरू हो चुका था और दोनों एक दूसरे को प्यार से बहुत प्यार से चूम रहे थे और एक दूसरे के होठों को इतना कसके अपने होंठों में दबा दबा के चूस रहे थे जैसे दोनों इस चुम्बन के लिए सदियों से बेताब थे.. हमारे मुंह की लार आपस में मिल रही थी.. मेने अपनी जीभ मधु आंटी के मुंह में उतार दी जिसे मधु आंटी की जीभ ने प्रतिउत्तर देते हुए अपनी जीभ से मिला लिया था औऱ दोनों की जीभ आपस में पहलवानो की तरह कुश्ती खेलने लगी थी.. मधु आंटी अपने दोनों हाथों से मेरा मुंह को पकड़ कर इस तरह से चूम रही थी जैसे वह मुझको ये बता देना चाहती हो कि वो मेरे लिए कितना तड़प रही है.. लम्बे समय तक चुम्बन यूँ ही चलता रहा..
मेने चुम्बन तोड़कर - आह्ह... आंटी.. आहिस्ता.. चूमते हुए दांतो से कितना काटती हो आप..
मधु आंटी - क्या हुआ बच्चू? ज्यादा तेज़ काट लिया तेरे होंठो को मैंने? इतने से दर्द से डर गया क्या मर्द..
आंटी हसने लगी।
मै - आंटी डर की बात नही है पर अगर माँ ने मेरे होंठों पर काटने के निशान देख लिए तो वो माफ़ नहीं करेंगी मुझे..
मधु आंटी मेरे होंठ सहलाते हुए - अब नहीं काटूंगी।
मै वापस मधु आंटी के होंठों को चूमने लगता है औऱ इस बार मधु आंटी बहुत आराम से औऱ बिना दांतो से होंठों को काटे चुम रही थी.. मै भी प्यार से मधु आंटी को चूमकर उसके बदन पर उभार औऱ उतार चढ़ाव को अच्छे से महसूस करते हुए अपने दोनों हाथों से तलाश रहा था..
मै मधु आंटी के बोबे पकड़ के दबाते हुए कड़क हो चुके चुचक मसलकर मधु आंटी से चुम्बन तोड़कर बोला.
मै - आंटी आप 38 की ब्रा पहनती हो ना..
मधु आंटी - नहीं बेटा.. 36 की ब्रा आती है मुझे..
मै - पर आंटी आपके बोबे तो बहुत मोटे है.. देख कर लगता है 38 की ब्रा आती होगी..
मधु आंटी मुस्कुराते हुए - बेटा तू अगर मेरे बोबो पर ओर मेहनत करेगा तो तेरी आंटी 38 तो क्या 40 की भी ब्रा पहन लेगी..
मै मधु आंटी के बोबो पर उभर कर खड़े चुचक को मुंह में डालकर चूसते हुए - आप जितनी बोलो मैं उतनी मेहनत करूंगा आंटी..
मधु आंटी - आहहह.. बेटा.. तू अपने होंठ मेरे ऊपर लगाए या नीचे.. बदन में पूरी मादकता भर जाती है बेटा.. चूस अपनी आंटी के बोबे बेटा.. तू अच्छे से पकड़ कर मसल दे मेरी छाती के दोनों कबूतरों को मेरे बच्चे.. चूस बेटा चूस..
मै बारी बारी से मधु आंटी के दोनों बोबो को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसलता हुआ औऱ चूसता हुआ - मानना पड़ेगा आंटी.. आपके बोबे लटक चुके है मगर अब भी बहुत रसीले है..
मधु आंटी मेरे ऊपर आकर - बेटा अब अपनी आंटी को भी अपने चुचे चुसवा दे.. कितना चौड़ा औऱ गठिला सीना है तेरा.. औऱ तेरे ये निप्पल्स तो कितने गुलाबी है.. इन्हे देखते ही मेरे मुंह में पानी आ रहा है..
मै - आओ ना आंटी.. आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो..
मधु आंटी - बेटा इनपर तो मैं दाँत लगाने वाली हूँ.. तूने मेरे बोबो पर इतनी लव बाईट दी है अब मेरी बारी..
मधु आंटी ये कहते हुए मेरे सीने पर निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगती है..
मै मधु आंटी की जुल्फ संवारते हुए उसे अपनी मरदाना चूची चुसवाते हुए बोला - आराम से चूस लो आंटी मेरी चूची.. मेरा दूध ख़त्म नहीं होने वाला.. लो ये वाली भी चुसो..
मधु आंटी दांतो से निप्पल्स खींचते हुए - बेटा थोड़ा काट लू ना.. कही मर्द को दर्द तो नहीं होगा ना..
मै - आपकी ख़ुशी के लिए हर दर्द को सह जाऊँगा आंटी.. आपको जितना काटना है काट लो..
मधु आंटी - अगर तेरी माँ ने ये निशान देख लिए तो क्या जवाब दे
मै - कह डूंगा मैंने कुछ नहीं किया माँ .. मधु आंटी ने ही मेरे साथ जबरदस्ती की थी..
मधु आंटी - अच्छा बेटा मधु आंटी ने तेरे साथ जबरदस्ती की थी तो तूने रोका क्यो नहीं उनको..
मै - अब कोई औरत किसी मर्द से चुदना चाहे तो मर्द मना थोड़ी करेगा वो तो बस उसे चोद चोद कर उसकी चाल बिगाड़ देगा। आप बताओ आंटी जब आपके पति और बच्चे पूछेंगे की आपकी चाल को क्या हुआ तो क्या जवाब दोगी आंटी?
मधु आंटी - कह दूंगी मोच आ गयी पैर मे..
मै - आंटी आपकी बेटी डॉक्टर है एक मिनट मे पहचान जाएगी की पैरों में मोच नहीं लगी बल्कि चुत में किसी मोटे लंड की चोट लगी है.. देखना कुछ महीनों में आपका पेट भी फुलेगा..
मधु आंटी नीचे जाकर मेरा लंड मसलते हुए - बेटा अगर तूने सच मे मुझे ऐसा चोदा की मेरी चाल बिगड़ जाये ओर पेट फुल गया तो मै तेरी रखैल बनकर रहूँगी। तु बस मेरी चूत की खुजली मिटा दे मुझे ना पति की चिंता है बच्चों की। अगर मेरे पति मे हि दम होता तो दुसरो से क्यो चुदना पड़ता उसकी बीवी को। अगर तुझमे दम है तो चोदके अपना बना ले मुझे।
मै लंड मधु आंटी के मुंह में देते हुए - ऐसा हुआ तो अच्छा ही होगा आंटी.. फिर मैं खुलकर आपकी चुदाई कर पाऊंगा..
मधु आंटी लंड चूसते हुए - बेटा जरा पानी दे गला सुख रहा है..
मै - कमाल करती हो आंटी.. हैंडपम्प मुंह में है औऱ पानी माँग रही हो.. थोड़ी मेहनत करो इसी में से पानी आ जाएगा.
मधु आंटी लंड चूसते हुए मुस्कुरा कर - अपनी आंटी को सुसु पीलायेगा, बड़ा हरामी है तु?
माइ - आपको नहीं पसंद तो लो ये पानी पी लो..
मधु आंटी पानी लेकर साइड में रख देती है कहती है - अब तो तेरा सुसु पीकर ही प्यास बुझेगी..
मधु आंटी ये कहकर जोर जोर से मेरा लंड चुस्ती है औऱ कुछ देर बाद मै आंटी के मुंह में पेशाब करने लगा जिसे आंटी मजे से पी जाती है.
मधु आंटी - अब तो तू खुश है ना .. अपनी आंटी को अपना सुसु पिलाकर...
मेने मधु आंटी के बाल पकड़कर उन्हे अपने ऊपर खींचा औऱ फिर पलटकर आंटी को अपने नीचे ले लिया औऱ उनकी चुत पर थूक लगाकर आंटी से बोला..
माइ - ख़ुशी तो आंटी मुझे तब मिलेगी जब मैं आपकी इस चुत को अपने लंड से बुरी तरह चोदकर आपकी कोख मे अपना बीज डाल दूँगा।
मधु आंटी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर सेट कर दिया - तो फिर जल्दी से शुरू कर दे ये चुदाई .. फाड़ दे अपनी आंटी की चुत को.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा और बो दे अपना बीज मेरी कोख मे..
मै झटका मारते हुए - तो संभालो आंटी.. रोने ना लग जाना आंटी.. ये कहते हुए कि मैं नहीं ले पाउंगी मुझे माफ़ कर दे.. आज तो मैं आपको हर हाल में चोद के रहूँगा..
मधु आंटी - तू दबा के चोद मुझे.. चिंता मत कर केबिन साउंड प्रूफ है मैं कितना भी चिंखु किसीको कुछ सुनाई नहीं देने वाला.. वो हालत कर दे आज मेरी की मेरा पति जब मेरी हालत देखे तो उसे पता लगे की जब पति अपनी पत्नी को संतुष्ट नही करता है तो गैर मर्द कितनी बेरहमी से कैसे चोद चोद कर उसकी प्यासी पत्नी की प्यास बुझाता है। अअअअअअअअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह
मुझे मधु आंटी की हालत खराब करनी थी इसलिए मेने आंटी की चुत के छेद पर अपने लोडे को सेट करते हुए थूक लगाकर एक ही झटके में अपना लंड चूत मे पूरा अंदर घुसा दिया जिससे आंटी की भयंकर चीख निकल गयी। आंटी बिन पानी मछली जैसे तड़पने लगी और झटपटाने लगी..
आंटी की चुत से रक्त की धार भी बह निकली थी जो उसके कई सालों से ढंग से ना चुदने औऱ चुत के सिकुड़ जाने का प्रमाण थी.. आंटी जोर जोर से चिल्ला रही थी और चिंख रही थी .. मेने मधु आंटी के मुंह पर हाथ रखकर उसकी आवाज दबाने की कोशिश नहीं की औऱ आंटी की उस हालात को देखकर मज़े लेने लगा..
मेने एक दो झटके और जोर-जोर से मारे और अपना पूरा हथियार आंटी की गुफा के अंदर फिट कर दिया.. मधु आंटी मुझे जोर जोर से थप्पड़ मार रही थी औऱ अपने ऊपर से हटने औऱ अपना लंड बाहर निकालने के लिए कह रही थी मगर मै सब कुछ इग्नोर करते हुए आंटी की चूत मे लंड पेलते हुए बोला..
मै - क्या हुआ आंटी? पसंद नहीं आया लंड?
मधु आंटी - मदरचोद रंडी की औलाद ऐसे कौन चुत में लंड घुसाता है? भड़वे जान निकाल देगा क्या मेरी?
मेने हँसते हुए आंटी को चोदना जारी रखा और बोला - आंटी क्या करू? कच्ची कलियों की चिंख तो सब निकलवा देते है मुझे तो आपके जैसी पुरानी मदमस्त औरतों की चिंखे सुनने में मज़ा आता है..
मधु आंटी - आहहह... साले कमीने.. तूने तो पूरा खोल के रख दिया मुझे.. आअह्ह्ह... केसा मासूम दीखता है पर है पूरा हरामजादा..
मै धक्के की स्पीड बढ़ाते हुए बोला- आपने ही कहा था आप मुझे खुश कर दोगी.. आप बोलो तो चोदना छोड़ देता हूँ आंटी..
मधु आंटी - आहहह... अह्ह्ह्ह.... अब तो मेरी सुलगती चुत को आराम औऱ मज़ा मिलने लगा है और तु छोड़ने की बात कर रहा है .. अह्ह्ह्ह...आआहह्ह्ह्ह.... चुपचाप चोदता जा ऐसे हि मुझे वरना तुझे मार डालूंगी.. आआह्ह्हह्ह्ह्ह..... आज तो असली मर्द का लंड मिला है उफ्फ्फफ्फ्फ़ आअह्ह्ह्हह्ह कब से तड़प रही हु।
मै अपने हाथों से मधु आंटी के बोबे पकड़कर मसलते हुए उनकी चुत में जोर जोर से झटके मारने लगा - अगर पहले पता होता कि आपकी चुत इतनी टाइट है आंटी, तो मैं दिन मे ही आपको चोद के सुखी कर देता..
मधु आंटी - तो क्यू नही चोदा । तू तो वो मर्द है प्रतीक जिसे जवाँ बूढ़ी सब औरत पाना चाहती है.. मैं तो पागल हो रही हूँ बेटा.. ये कहते हुए आंटी झड़ने लगी..
मै - इतनी जल्दी झड़ गई आंटी..
मधु आंटी - जल्दी कहा है बेटा आज तक सबसे लम्बा सेक्स है ये मेरा.. आअह्ह्हह्ह्ह्ह
मै - मेरा तो अभी शुरू हुआ है आंटी। लगता है आप आज तक किसी मर्द से चुदी हि नही । आज मै आपको एहसास कराऊंगा मर्द के नीचे आके औरत को क्या सुख मिलता है।
मेने मधु आंटीको कुतिया बनाके उनकी चुत औऱ गांड पर थूका औऱ अपना लंड वापस उसकी चुत में डाल के चोदने लगा.. कुतिया बनाके उनकी चुत औऱ गांड पर थूका औऱ अपना लंड वापस उसकी चुत में डाल के चोदने लगा..
मधु आंटी - अह्ह्ह्ह... प्रतीक तू तो घोड़ा है बेटा.. रुकने का नाम ही नहीं ले रहा..
मै - आंटी आपने हि मेरे अंदर ये आग भड़कायी है अब आपको चोद चोद कर ढीला करने का मन हो रहा है..
मधु आंटी - और कितना ढीला करेगा बेटा तूने पहली हि चुदाई मे सुरंग को गुफा बना दिया है। जंगली जानवर है तु।
इस पोजीशन मे आंटी की मोटी फैली हुयी गांड मेरे सामने थी। मेरा लंड उसे देखकर पागल हो उठा। मेने लंड चुत से निकालकर आंटी की गांड के छेद पर रखकर एक झटका दिया जिससे लंड का टोपा आंटी की गांड के छेद में घुस गया औऱ आंटी वापस चीख पुकार मचाते हुए छोड़ने की अपील करने लगी मगर मेने कसके मधु आंटी को पकड़े रखा और उनकी अपील खारिज कर दी। आंटी चिल्लाती रही और मेने मधु आंटी की गांड में औऱ जोर से झटका मारते हुए अपना आधा लंड अंदर घुसा दिया।
मधु आंटी की हालात ख़राब हो गई औऱ वो मुझे गालिया बकते हुए छूटने की कोशिश करने लगी मगर मेने आंटी को कस के जकड रखा था आंटी कसमसा कर चिल्लाती रही पर मेरी पकड़ से नहीं छूट पायी। अब मै मधु आंटी की गांड अपने आधे लंड से ही चोदने लगा। बहुत मजा आ रहा था। आंटी की गांड कुंवारी लग रही थी। आधा लंड भी पूरा जोर लगाने पर जा रहा था और आंटी ने चिल्ला चिल्ला कर आसमान सर पर उठा लिया। पर मेने आंटी की गांड मे धक्के जारी रखे और पीछे से आंटी के गले में हाथ डालकर उनके एक बोबे को मसलने लगा औऱ दूसरे हाथ से आंटी की जांघ पकड़के उनकी टांग उठाके गांड मारने लगा।
मधु आंटी इतनी तेज़ तेज़ मुझे गाली दे रही थी की उनकी आवाज पुरे केबिन में गूंज रही थी..
मै गांड मारते हुए आंटी से बोला- मानना पड़ेगा आंटी.. आपका बदन बेहद रसीला और जबरदस्त नशीला है..
मधु आंटी - साले बाज़ारू समझ रखा है क्या मुझे तूने? हरामजादे छोड़ मेरी गांड को.. मादरचोद गांड मत मार..
मै - आराम से चोद लेने दो आंटी आपकी गांड.. कोनसा मेरे चोदने से आपकी गांड घिसकार छोटी हो जायेगी..
मधु आंटी - बहुत बड़ी गलती कर दी मैंने तुझे बच्चा समझके.. तू तो सांड है सांड.. पहली बार गांड मरवा रही हूँ वो भी तेरे इस गधे के लंड से.. मेरे आगे पीछे दोनों छेदो को तूने चोद चोद के कुआ बना दिया मादरचोद... आधे घंटे से चोद रहा है कुत्ते औऱ कितना चोदेगा मुझे? तेरा निकलता क्यों नहीं.. मेरी हालत खराब हो रही है..
मेने आंटी को अपने ऊपर लिया और उनकी गांड फिर से चोदते हुए उनकी चुत में ऊँगली करने लगा..
मै - आंटी सच बताओ मज़ा आ रहा है या नहीं..
मधु आंटी - इस मज़े के साथ कितना दर्द हो रहा है वो भी बताऊ तुझे साले भड़वे..
इतना कहते ही आंटी का मूत निकल जाता है.. मगर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा मै आंटी की गांड चोदता रहा..
आंटी की गांड के छेद में धीरे धीरे अब मेरा पूरा लंड जा रहा था औऱ आंटी को अब पहले से कम दर्द हो रहा था.. मै भी इतनी कसी हुयी गांड मारके अपने चरम पर पहुंचने लगा तो मेने आंटी की गांड में से लंड निकालकर चुत में घुसा दिया औऱ मिशनरी पोजीशन में आंटी को चोदने लगा जिससे आंटी का सारा दर्द अब एक नशे औऱ मज़े में बदल गया...
मधु आंटी - चोद बेटा, ऐसे ही चोद अपनी आंटी को.. अह्ह्ह्ह.. मजा आ गया। पहली बार मिल रहा है ऐसा मज़ा.. चोद अपनी आंटी को.. और तेज़ चोद बेटा और तेज़ आआहह्ह्ह्ह......
मै - आंटी लो मेरा बीज अपनी कोख मे
ये कहते हुए मेने पूरे दम से झटका मारकर पूरा लंड आंटी की चूत मे जड़ तक पेल दिया और एक चीख के साथ आंटी की चुत में झड़ने लगा । मेरे वीर्य का अहसास अपनी कोख मे पाकर आंटी भी झड़ने लगी। मै 5 मिनट तक आंटी की चूत मे झड़ता रहा और आंटी की चुत को पूरा भर दिया। झड़कर मै आंटी के ऊपर उसी तरह लेट गया। हम दोनों कुछ देर उसी तरह पड़े रहे। कुछ देर लगी हमे अपनी साँसे सम्भालने मे। फिर आंटी ने मुझे साइड मे लिटाया और करवट लेकर अपना एक बोबा मेरे मुह मे दे दिया और मेरे बालों मे हाथ फिराने लगी। मै थोड़ी देर आंटी के बोबे चूसकर फिर उनके चूचकों से खेलने लगा।
मै- आंटी बहुत मजा आया थैंक यू मुझे ये सुख देने के लिए।
मधु आंटी- मजा तो मुझे आया है।। आज पहली बार किसी मर्द से चुदी हु।
मै- आंटी एक बात पुछु आप बुरा तो नही मानेगी?
मधु आंटी- तुझे जो पूछना है पूछ मै तेरी किसी बात का बुरा नही मानूँगी।
मै- आंटी आप कितने दिन बिना चुदे रह सकती है?
मधु आंटी- बेटा ज्यादा से ज्यादा एक महीना फिर तो मेरी चूत को लंड चाहिए हि चाहिए और अब तेरा लंड लेने के बड़ तो ये एक दिन भी नही रह पायेगी। अभी ये बात छोड़ और एक बार और चोद दे मुझे। देख चूत मे फिर से खुजली शुरु हो गयी है।
तभी मेरा मोबाइल बज उठा। मेने उठके देखा तो माँ का कॉल था। मेने कॉल उठके माँ को बोला की बस 15 मिनट मे आ रहा हुँ । मेने कॉल कट किया और कपड़े पहनने लगा। अब आंटी भी बेड से खड़ी होने लगी। आंटी ने जैसे हि बेड से खड़ी होने की कोशिश की तो आंटी लड़खड़ाकर फर्श पर गिर पड़ी।
मेने हसते हुए आंटी से कहा- क्या हुआ आंटी सहारा चाहिए क्या?
मधु आंटी गुस्से से - कमीने हस क्या रहा है.. इतना बुरा चोदा है ठीक से चल भी नहीं पा रही..
मधु आंटी दिवार का सहारा लेकर खड़ी होती है औऱ लंगड़ाकर धीरे धीरे बाथरूम मे चली जाती है..
मै आंटी को बाय बोलकर बाइक पर घर की और निकल गया। इस दौरान मेरे दिमाग़ मे एक बात चल रही थी जिसने मुझे बहुत परेशान कर दिया।
 
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kamdev99008

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रामली भाभी के श्राप का एक पार्ट तो पूरा हो गया पर जो उन्होंने मुझसे कहा उसका क्या। मेने उन बाबा से पूछा बाबा भाभी ने मुझे कहा उसका क्या होगा। बाबा ने कहा बेटा जो सरला ने किया उसका फल सरला ने भोग लिया है अब वो मुक्त हो गयी है। अब जो तुमने किया है उसका तुमको भोगना होगा। मै बोला बाबा मेरे साथ क्या होगा, प्लीज मुझे बताइये
सरला तो भूतनी बनकर अपना श्राप खत्म कर गई
अब रामली भाभी किस रूप में आयेंगीं

.
मै आंटी को बाय बोलकर बाइक पर घर की और निकल गया। इस दौरान मेरे दिमाग़ मे एक बात चल रही थी जिसने मुझे बहुत परेशान कर दिया।
और ये किस बात ने इसे परेशान कर दिया
 
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सरला तो भूतनी बनकर अपना श्राप खत्म कर गई
अब रामली भाभी किस रूप में आयेंगीं


और ये किस बात ने इसे परेशान कर दिया
आगे आगे देखे क्या होता है
 
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मै घर पहुचा तो माँ ने कहा जा हाथ धो के आजा खाना लगा दिया है। मै जल्दी से रूम मे जाके हाथ मुह धोकर आया और खाना खाने बैठ गया। माँ भी सामने हि बैठ कर खाना खाने बैठ गयी।
खाना खाते हुए माँ ने पूछा: किस दोस्त से मिलने गया था?
मै बोला: माँ आप नही जानती उसे।
माँ मुझे घूरते हुए बोली: अच्छा तो ये दोस्त लड़की है।
मै एकदम घबरा गया कही माँ को पता तो नही चल गया की मै मधु आंटी से मिलने गया था। अगर उन्हे पता चला तो वो बहुत नाराज होगी क्योंकि उन्होंने सख्ती से मुझे उनसे दूर रहने को कहा था। पर माँ के चेहरे पर खुशनुमा भाव देखकर मेरा डर थोड़ा दूर हुआ और मै बात संभालते हुए बोला: नही माँ मै लड़की से मिलने नही गया था।
माँ: कोई बात नही। पर ये तो बता कॉलेज मे लड़कियों से बात तो करता है ना या वहा भी शर्माता हि रहता है।
मै: माँ मुझसे नही होती लड़कियों से बात।
माँ: बेटा पर नोर्मल्ली हम अपने क्लासमेट्स या सहकर्मियों से तो बात होती हि है। तु अगर अपने स्वाभाव मे बदलाव नही करेगा तो आगे जीवन मे तुझे प्रोब्लेम्स आएगी। क्या पक्का है हमेशा तेरा बॉस आदमी हि होगा या तेरी टीम मे सारे लड़के हि होंगे। अगर इन जगहों पर कोई औरत हुयी तो तु काम हि नही कर पायेगा। बेटा तुझे अपने मे बदलाव लाना होगा।
मै: माँ मै कई बार कोशिश करता हु पर लड़कियां जैसे हि मेरे सामने आती है मै असहज हो जाता हु। मुह से कुछ शब्द हि नही निकल पाते।
माँ: ऐसे तो बेटा फिर धीरे-धीरे लड़कियाँ भी तुझे साइडलाइन करने लगने हर जगह। बेटा ये स्वभाव तो तुम्हारे करियर के लिए बहुत बड़ी समस्या है।
मै: माँ मै कैसे ठीक करु इस समस्या को।
माँ: मेरी एक फ्रेंड है उसका बेटा psychitrist है। मै तुझे उसके पास ले चलूंगी तु उससे बात करना उसको अपनी समस्या खुलकर बताना वो जरूर कुछ सलाह देगा।
मै: ठीक है माँ i love u माँ
माँ: love u बेटा
मै: माँ एक बात पुछु आप बुरा तो नही मानोगी ना
माँ: ये तो तु जब बात बताएगा तभी पता लगेगा। पूछ क्या पूछना है
मै: माँ मै पूछता हु पर आपको मेरी एक शर्त माननी पड़ेगी।
माँ: क्या शर्त है
मै: माँ शर्त है कि यदि आपको मेरी बात लगा तो आप मुझे थप्पड़ लगा दोगी पर मुझसे नाराज होकर बात करना बंद नही करोगी।
माँ के चेहरे पर हसी और प्यार दोनो साथ मे आ गये वो बोली: मुझे मंजूर है पूछ
मै: माँ आपने दूसरी शादी क्यू नही की। जीवनसाथी तो सब को चाहिए होता है।
माँ: मेरा बेटा बड़ा हो गया है। देख इसके दो कारण है पहला की मै तेरे पापा से प्यार करती हु और वो आज भी मेरे साथ है। मै जब भी आयने मे चेहरा देखती हु तो उनका चेहरा साथ मे दिखता है जैसे मुझसे कह रहे हो काला टिका लगा लो नज़र लग जाएगी। मै खाने का पहला निवाला मुह मे लेकर आँखे बंद करती हु तो वो दीखते है मुझसे ये कहते हुए की प्रमिला तुम्हारे हाँथो मे जादू है तुम मुझे मोटा करके मानोगी। वो हर पल मेरे साथ है सच्चे जीवन साथी की तरह। ये सब कहते हुए माँ की आँखों मे आंसु आ गये। मै भागकर किचन मे गया अपने हाथ धोकर आया और माँ के आंसु पोंछने लगा।
मै: माँ मै आपका दिल नही दुखाना चाहता था। सोरी माँ मेने आपको रुला दिया।
माँ: अरे नही ये तो ऐसे हि आ गये। दूसरा कारण है तु। तेरा इतना ख्याल रखना पड़ता है की मेरे पास टाइम हि नही है किसी और के लिए।
ये कहते हुए माँ ने मेरे सिर पर एक किस किया और बोली मेरा प्यारा छोटा सा बच्चा।
मै बोला: माँ मै कॉलेज मे आ गया हु अब मै छोटा बच्चा नही रहा अब मै बड़ा हो गया हु।
माँ हसते हुए बोली: सच्ची मे तु बड़ा हो गया है। देखते है कल घर पर मेरी 2-3 फ्रेंड्स आ रही है। उनके साथ उनके बच्चे भी आएंगे तो तुझे उनसब को हॉस्ट करना है। हाँ उनमे लड़कियां भी होगी। तुझे कोई प्रॉब्लम तो होगी हि नही तु तो अब बड़ा हो गया है।
मै: पर माँ अचानक सब कल घर पर क्यू आ रहे है। आप बाहर किसी अच्छे रेस्ट्रो मे मिलो ना सब। घर पर तो आपके लिए बहुत काम फेल जायेगा।
ये सुनते हि माँ ठहाके मारकर हसने लगी। मै अचम्भे से माँ का चेहरा देखने लगा।
मै: तो माँ आप मेरे खिचाई कर रही थी।
माँ: हाँ देखा बच्चू लड़कियों का नाम सुनते हि निकल गयी सारी हवा। माँ अब मै बड़ा हो गया हु।
माँ फिर हसने लगी। मुझे माँ की हसी से लगा जैसे माँ मेरा ज्यादा हि मजाक उड़ा रही है तो मै जोश मे बोल पड़ा: माँ आपको लगता है ना कि मै बच्चा हु और मै लड़कियों से बात नही कर सकता। पर आपको नही पता जल्द हि मै अपनी पसंद की लड़की को प्रोपोज़ करने वाला हु।
अब चोंकने की बारी माँ की थी। माँ की हसी रुक गयी और माँ आँखे बड़ी करके मुझे घूरने लगी। जैसे हि मुझे एहसास हुआ मै जोश मे क्या बोल गया तो मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। पर अब देर हो चुकी थी अब माँ को सब बताना हि पड़ेगा। वो मुझे ऐसे छोड़ने वाली नही है।
मै बोला: माँ आप पूछे उससे पहले हि मै बता देता हु अभी बस मेने थोड़ा बहुत लड़की को देखा है। ऐसी ज्यादा मुझे पसंद भी नही आयी है। यदि आगे मुझे अच्छी लगी और पसंद आयी तो आपको उसके बारे मे सब बता दूंगा।
माँ: नाम क्या है?
माँ ने ऐसे पूछा जैसे उन्हे मेरी कोई बात सुननी हि नही है। बस उन्हे तो नाम हि सुनना है। मै जानता था अब तीर कमान से निकल चुका है वापस नही आ सकता।
मै बोला: माँ मै नाम बता रहा हु पर ये पूरी तरह एक तरफा प्यार है। वो लड़की तो कभी मुझे देखती भी नही। शायद उसे तो पता भी नही होगा की मै भी उसकी हि क्लास मे पढ़ता हु।
माँ: नाम
मै: प्रिया
माँ: उस दिन जो क्लिनिक मे मिली थी?
मै: हाँ वही। आपने देखा ना उसने मुझे पहचाना भी नही।
माँ: लड़की तो सुंदर है। पढ़ने मे कैसी है?
मै: माँ टॉपर है हमारी क्लास की।
माँ: उसका भाई मेरा स्टूडेंट है। मै बात करू उससे?
मै: नही माँ मै खुद धीरे-धीरे हिम्मत जुटा के उसे प्रपोज कर दूंगा। आप चिंता मत करो।
माँ: चलो ये भी अच्छा है। बेस्ट ऑफ लक फॉर योर लव👍🏻। पर एक वादा कर उसकी ना से तु टूटेगा नही। ना को भी आसानी से स्वीकार करके आगे बढ़ जायेगा।
मै: माँ मै वादा करता हु अगर उसने ना की तो मै आसानी से आगे बढ़ जाऊंगा।
माँ ने मुझे गये लगाया और फिर बोली चल अब खाना खा।
हमने खाना खाया। मै खाना खाकर tv देखने लगा। थोड़ी देर मे माँ भी किचन से फ्री होकर आ गयी। माँ भी वही सोफे पर बैठकर tv देखने लगी। मै नीचे जमीन पर बैठा था। मेने सिर माँ की गोद मे रख लिया और आँख बंद करके सोचने लगा कि माँ मेरे लिए कितना सोचती है और मै माँ के बारे मे क्या क्या सोच रहा था। जब मेने मधु आंटी से पूछा था की आप कितने दिन सेक्स के बिना रह सकती हो तो मै ये अपनी माँ के लिए हि पूछ रहा था। मुझे मधु आंटी का जवाब सुनकर लग रहा था माँ कैसे इसके बिना रह रही है, कही माँ भी तो किसी के साथ ऐसा कुछ तो नही करती और ये ख्याल आते हि मै परेशान हो गया। पर अब जब मेने माँ की बात सुनी तो मै समझ गया की सब औरते एक सी नही होती। सबके जीवन मे प्रायोरिटीज अलग अलग होती है। माँ ने पूरा जीवन पापा और मेरे लिए समर्पित कर दिया है। वो बस मेरी खुशी और पापा के साथ की यादों के सहारे हि अपना जीवन बिता रही है। ऐसी सब चीजें तो उनके दिमाग़ मे है भी नही। और अब मेरे सामने था एक पहाड़ जैसा लक्ष्य। कहा तो मै किसी लड़की से नॉर्मल बात नही कर पाता और यहां एक लड़की को प्रपोज करना और वो भी इतनी सुंदर साथ मे क्लास की टॉपर और ऐटिटूड तो पूछो मत अच्छे अच्छे लड़को को लाइन पर ला दिया। प्रिया को प्रपोज करना मतलब मधुमक्खी के छत्ते मे हाथ देना पर शहद चाहिए तो ये तो करना हि पड़ेगा।
 

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मै घर पहुचा तो माँ ने कहा जा हाथ धो के आजा खाना लगा दिया है। मै जल्दी से रूम मे जाके हाथ मुह धोकर आया और खाना खाने बैठ गया। माँ भी सामने हि बैठ कर खाना खाने बैठ गयी।
खाना खाते हुए माँ ने पूछा: किस दोस्त से मिलने गया था?
मै बोला: माँ आप नही जानती उसे।
माँ मुझे घूरते हुए बोली: अच्छा तो ये दोस्त लड़की है।
मै एकदम घबरा गया कही माँ को पता तो नही चल गया की मै मधु आंटी से मिलने गया था। अगर उन्हे पता चला तो वो बहुत नाराज होगी क्योंकि उन्होंने सख्ती से मुझे उनसे दूर रहने को कहा था। पर माँ के चेहरे पर खुशनुमा भाव देखकर मेरा डर थोड़ा दूर हुआ और मै बात संभालते हुए बोला: नही माँ मै लड़की से मिलने नही गया था।
माँ: कोई बात नही। पर ये तो बता कॉलेज मे लड़कियों से बात तो करता है ना या वहा भी शर्माता हि रहता है।
मै: माँ मुझसे नही होती लड़कियों से बात।
माँ: बेटा पर नोर्मल्ली हम अपने क्लासमेट्स या सहकर्मियों से तो बात होती हि है। तु अगर अपने स्वाभाव मे बदलाव नही करेगा तो आगे जीवन मे तुझे प्रोब्लेम्स आएगी। क्या पक्का है हमेशा तेरा बॉस आदमी हि होगा या तेरी टीम मे सारे लड़के हि होंगे। अगर इन जगहों पर कोई औरत हुयी तो तु काम हि नही कर पायेगा। बेटा तुझे अपने मे बदलाव लाना होगा।
मै: माँ मै कई बार कोशिश करता हु पर लड़कियां जैसे हि मेरे सामने आती है मै असहज हो जाता हु। मुह से कुछ शब्द हि नही निकल पाते।
माँ: ऐसे तो बेटा फिर धीरे-धीरे लड़कियाँ भी तुझे साइडलाइन करने लगने हर जगह। बेटा ये स्वभाव तो तुम्हारे करियर के लिए बहुत बड़ी समस्या है।
मै: माँ मै कैसे ठीक करु इस समस्या को।
माँ: मेरी एक फ्रेंड है उसका बेटा psychitrist है। मै तुझे उसके पास ले चलूंगी तु उससे बात करना उसको अपनी समस्या खुलकर बताना वो जरूर कुछ सलाह देगा।
मै: ठीक है माँ i love u माँ
माँ: love u बेटा
मै: माँ एक बात पुछु आप बुरा तो नही मानोगी ना
माँ: ये तो तु जब बात बताएगा तभी पता लगेगा। पूछ क्या पूछना है
मै: माँ मै पूछता हु पर आपको मेरी एक शर्त माननी पड़ेगी।
माँ: क्या शर्त है
मै: माँ शर्त है कि यदि आपको मेरी बात लगा तो आप मुझे थप्पड़ लगा दोगी पर मुझसे नाराज होकर बात करना बंद नही करोगी।
माँ के चेहरे पर हसी और प्यार दोनो साथ मे आ गये वो बोली: मुझे मंजूर है पूछ
मै: माँ आपने दूसरी शादी क्यू नही की। जीवनसाथी तो सब को चाहिए होता है।
माँ: मेरा बेटा बड़ा हो गया है। देख इसके दो कारण है पहला की मै तेरे पापा से प्यार करती हु और वो आज भी मेरे साथ है। मै जब भी आयने मे चेहरा देखती हु तो उनका चेहरा साथ मे दिखता है जैसे मुझसे कह रहे हो काला टिका लगा लो नज़र लग जाएगी। मै खाने का पहला निवाला मुह मे लेकर आँखे बंद करती हु तो वो दीखते है मुझसे ये कहते हुए की प्रमिला तुम्हारे हाँथो मे जादू है तुम मुझे मोटा करके मानोगी। वो हर पल मेरे साथ है सच्चे जीवन साथी की तरह। ये सब कहते हुए माँ की आँखों मे आंसु आ गये। मै भागकर किचन मे गया अपने हाथ धोकर आया और माँ के आंसु पोंछने लगा।
मै: माँ मै आपका दिल नही दुखाना चाहता था। सोरी माँ मेने आपको रुला दिया।
माँ: अरे नही ये तो ऐसे हि आ गये। दूसरा कारण है तु। तेरा इतना ख्याल रखना पड़ता है की मेरे पास टाइम हि नही है किसी और के लिए।
ये कहते हुए माँ ने मेरे सिर पर एक किस किया और बोली मेरा प्यारा छोटा सा बच्चा।
मै बोला: माँ मै कॉलेज मे आ गया हु अब मै छोटा बच्चा नही रहा अब मै बड़ा हो गया हु।
माँ हसते हुए बोली: सच्ची मे तु बड़ा हो गया है। देखते है कल घर पर मेरी 2-3 फ्रेंड्स आ रही है। उनके साथ उनके बच्चे भी आएंगे तो तुझे उनसब को हॉस्ट करना है। हाँ उनमे लड़कियां भी होगी। तुझे कोई प्रॉब्लम तो होगी हि नही तु तो अब बड़ा हो गया है।
मै: पर माँ अचानक सब कल घर पर क्यू आ रहे है। आप बाहर किसी अच्छे रेस्ट्रो मे मिलो ना सब। घर पर तो आपके लिए बहुत काम फेल जायेगा।
ये सुनते हि माँ ठहाके मारकर हसने लगी। मै अचम्भे से माँ का चेहरा देखने लगा।
मै: तो माँ आप मेरे खिचाई कर रही थी।
माँ: हाँ देखा बच्चू लड़कियों का नाम सुनते हि निकल गयी सारी हवा। माँ अब मै बड़ा हो गया हु।
माँ फिर हसने लगी। मुझे माँ की हसी से लगा जैसे माँ मेरा ज्यादा हि मजाक उड़ा रही है तो मै जोश मे बोल पड़ा: माँ आपको लगता है ना कि मै बच्चा हु और मै लड़कियों से बात नही कर सकता। पर आपको नही पता जल्द हि मै अपनी पसंद की लड़की को प्रोपोज़ करने वाला हु।
अब चोंकने की बारी माँ की थी। माँ की हसी रुक गयी और माँ आँखे बड़ी करके मुझे घूरने लगी। जैसे हि मुझे एहसास हुआ मै जोश मे क्या बोल गया तो मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। पर अब देर हो चुकी थी अब माँ को सब बताना हि पड़ेगा। वो मुझे ऐसे छोड़ने वाली नही है।
मै बोला: माँ आप पूछे उससे पहले हि मै बता देता हु अभी बस मेने थोड़ा बहुत लड़की को देखा है। ऐसी ज्यादा मुझे पसंद भी नही आयी है। यदि आगे मुझे अच्छी लगी और पसंद आयी तो आपको उसके बारे मे सब बता दूंगा।
माँ: नाम क्या है?
माँ ने ऐसे पूछा जैसे उन्हे मेरी कोई बात सुननी हि नही है। बस उन्हे तो नाम हि सुनना है। मै जानता था अब तीर कमान से निकल चुका है वापस नही आ सकता।
मै बोला: माँ मै नाम बता रहा हु पर ये पूरी तरह एक तरफा प्यार है। वो लड़की तो कभी मुझे देखती भी नही। शायद उसे तो पता भी नही होगा की मै भी उसकी हि क्लास मे पढ़ता हु।
माँ: नाम
मै: प्रिया
माँ: उस दिन जो क्लिनिक मे मिली थी?
मै: हाँ वही। आपने देखा ना उसने मुझे पहचाना भी नही।
माँ: लड़की तो सुंदर है। पढ़ने मे कैसी है?
मै: माँ टॉपर है हमारी क्लास की।
माँ: उसका भाई मेरा स्टूडेंट है। मै बात करू उससे?
मै: नही माँ मै खुद धीरे-धीरे हिम्मत जुटा के उसे प्रपोज कर दूंगा। आप चिंता मत करो।
माँ: चलो ये भी अच्छा है। बेस्ट ऑफ लक फॉर योर लव👍🏻। पर एक वादा कर उसकी ना से तु टूटेगा नही। ना को भी आसानी से स्वीकार करके आगे बढ़ जायेगा।
मै: माँ मै वादा करता हु अगर उसने ना की तो मै आसानी से आगे बढ़ जाऊंगा।
माँ ने मुझे गये लगाया और फिर बोली चल अब खाना खा।
हमने खाना खाया। मै खाना खाकर tv देखने लगा। थोड़ी देर मे माँ भी किचन से फ्री होकर आ गयी। माँ भी वही सोफे पर बैठकर tv देखने लगी। मै नीचे जमीन पर बैठा था। मेने सिर माँ की गोद मे रख लिया और आँख बंद करके सोचने लगा कि माँ मेरे लिए कितना सोचती है और मै माँ के बारे मे क्या क्या सोच रहा था। जब मेने मधु आंटी से पूछा था की आप कितने दिन सेक्स के बिना रह सकती हो तो मै ये अपनी माँ के लिए हि पूछ रहा था। मुझे मधु आंटी का जवाब सुनकर लग रहा था माँ कैसे इसके बिना रह रही है, कही माँ भी तो किसी के साथ ऐसा कुछ तो नही करती और ये ख्याल आते हि मै परेशान हो गया। पर अब जब मेने माँ की बात सुनी तो मै समझ गया की सब औरते एक सी नही होती। सबके जीवन मे प्रायोरिटीज अलग अलग होती है। माँ ने पूरा जीवन पापा और मेरे लिए समर्पित कर दिया है। वो बस मेरी खुशी और पापा के साथ की यादों के सहारे हि अपना जीवन बिता रही है। ऐसी सब चीजें तो उनके दिमाग़ मे है भी नही। और अब मेरे सामने था एक पहाड़ जैसा लक्ष्य। कहा तो मै किसी लड़की से नॉर्मल बात नही कर पाता और यहां एक लड़की को प्रपोज करना और वो भी इतनी सुंदर साथ मे क्लास की टॉपर और ऐटिटूड तो पूछो मत अच्छे अच्छे लड़को को लाइन पर ला दिया। प्रिया को प्रपोज करना मतलब मधुमक्खी के छत्ते मे हाथ देना पर शहद चाहिए तो ये तो करना हि पड़ेगा।
प्रिया
क्या रामली भाभी ने प्रिया के रूप में जन्म लिया है

या कुछ और ट्विस्ट आना है
 
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प्रिया
क्या रामली भाभी ने प्रिया के रूप में जन्म लिया है

या कुछ और ट्विस्ट आना है
प्रिया का चेप्टर तो पढ़ रहे हो ना
 
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माँ: उस दिन जो क्लिनिक मे मिली थी?
मै: हाँ वही। आपने देखा ना उसने मुझे पहचाना भी नही।
ये सीन तो है ही नहीं क्लिनिक वाले अपडेट में
 
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