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Adultery Ek Ajib Gav

Manju143

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Update 6

सुबह हम सब नाश्ता कर रहे थे। वो बुढ़ा अभीतक उठा नही था। हमारा नाश्ता होने के थोड़ी देर बाद वो उठ गया। उसने बाहर जाकर मुँह धो लिया फिर रसोइघर में आ गया। सीमा चाची ने हमेशा की तरह उनके लिए सुप बनाया था। फिर वो उसको अपनी गोद मे सुलाकर चमच से सुप पिलाने लगी। सीमा चाची ने पहले ही नहा लिया था और आज पिली साड़ी और ब्लाऊज पहना था। बुढ़े की तबियत आज थोड़ी अच्छी लग रही थी। उसको सुप पिलाने के बाद चाची ने बाउल साइड में रख दिया और बुढ़े का मुँह पल्लू से पोछ लिया। चाचा काम पर जाने के लिए तैयार हो रहा रहा। बूढ़ा अब सीमा चाची के स्तनों को घूर रहा था इसलिए चाची ने उनको पुछा ,
"अंकल जी, क्या आपको दूध भी पीना है?"
बुढ़े ने डरते हुए कह दिया,
"तुम्हे कुछ परेशानी नही है तो पीला दो।"
चाची उस बुढ़े की असहजता पर हँस पड़ी,
"इसमें परेशानी कैसी अंकलजी?"
चाचा मुस्कुराते हुए काम पर चला गया। चाची ने आँचल के पीछे हाथ डालकर ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिये। फिर वो उस बुढ़े के सर के ऊपर से आँचल ओढक़र उसे स्तनपान करने लगी। सीमा चाची को दूध पिलाते वक्त बहुत सुख हो रहा था। उसने एक हाथ से आँचल के नीचे अपना स्तन बुढ़े के मुँह में पकड़ कर रखा था और वो उसे हल्के से दबा भी रही थी क्योंकि बुढ़ा बहुत ही धिरे धिरे पी रहा था। बुढ़े को सीमा चाची का पूरा दूध पीने के लिए लगभग 25 मिनिट लग गए। चाची ने फिर उसका मुँह पोछ दिया और उसे हॉल में जाकर आराम करने कहा।
दोपहर को खाना खाने के बाद हम तीनों हॉल में लेट रहे रहे। पहले सीमा चाची मेरे तरफ़ मुँह करके लेटी थी। थोड़ी देर बाद वो बुढ़े की तरफ पलट गयी और उसको करीब लेकर उसकी पीठ थपथपाने लगी। बुढ़े ने कहा,
"कितना खयाल रखती हो मेरा बेटी। इतना तो मेरे परिवार वालों ने भी नही रखा। मानो मेरी माँ बन गयी हो अब। "
यह सुनकर सीमा चाची को बहुत अच्छा लगा।
"आज से मैं तुझे मेरा बच्चा ही कहकर बुलाऊँगी।" यह बोलते हुए सीमा चाचीने तुरंत अपने ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिये और उस बुढ़े का सर ढकते हुए उसे अपना दूध पिलाने लगी।
"सारा दूध पी जा मेरे बच्चे ।"
20 मिनट तक वो बुढ़ा स्तनपान कर रहा था। उस बुढ़े का दूध पीकर होते ही सीमा चाची ने अपने ब्लाऊज के बटन लगा लिए । फिर सीमा चाची उस बुढ़े को अपनी बाहों में लेकर सो गयी।
रात में हम सब खाना खा रहे थे तब चाचा ने उस बुढ़े की तबियत पूछी,
"अच्छा लग रहा है ना अब?"
बुढ़े ने हँसते हुए कहा,
"हा भाँजे। तेरी बीवी के कारण मेरी तबियत अब बहुत सुधर गयी है।"
सीमा चाची,
"इतनी भी नही सुधरी । आपको दूध पिलाना ही पड़ेगा।"
"पर तुम राजू को भी पिलाया करो। उसका पहला हक बनता है।"
"ठीक है अंकल जी।"
थोड़ी देर बाद हम सब सोने लगे। मैं और बूढ़ा जमीन पर बिस्तर पे सो गए और सीमा चाची हम दोनों के बीच सो गयी। उसने थोड़ी देर पहले मैक्सी पहन ली थी। चाचा लाइट बंद करके कॉट पर सो गया। थोड़ी ही देर बाद चाची ने मुझे करीब लिया और मैक्सी के बटन खोलकर मुझे वो स्तनपान करने लगी। बहुत दिनों बाद दूध पीने को मिला था इसलिए मैं आराम से मजे लेते हुए पी रहा था। चाची भी खुश लग रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसके ऊपर रख दिया । उसने भी उसका हाथ मेरे ऊपर रख दिया। थोड़ी देर बाद एक स्तन खाली होने के बाद वो मुझे दूसरे स्तन पर पिलाने लगी। मैंने उसका पूरा दूध पी लिया तब आधा घण्टा बीत चुका था। चाची ने देखा कि वो बूढ़ा भी गहरी नींद सो गया था फिर भी वो उसकी तरफ मुँह करके सो गई । उसने अपने मैक्सी के बटन खुले ही रख दिये और उस बूढ़े को अपनी बाहों में लेकर सो गयी।
सुबह से बहुत पहिले यानी के 5 बजे उस बुढ़े की नींद खुली तो उसने पाया कि उसके सामने ही सीमा चाची के स्तन मैक्सी के बाहर ही थे। उसके मुँह में पानी आ गया । उसने देखा कि सीमा चाची की नींद भी खुल रही है तो उसने उससे पुछा,
"बेटी दूध पी जाऊ तो बुरा तो नही कहोगी ?"
चाची आधी नींद में थी फिर भी उसने हँसते हुए कहा ,
"पी जा बच्चे। "
बुढ़े ने बिना समय बिताए उसका एक स्तन मुँह में लिया और धीरे धीरे दूध पीने लगा। चाची ने बुढ़े के पीठ पर हाथ रखा और थपथपाने लगी। बुढ़ा लगातार 10 मिनिट सीमा चाची का स्तन चूसता रहा । फिर उस स्तन को खाली करने के बाद उसने मेरे चाची का दूसरा स्तन चूसना शुरू किया। सीमा चाची अब पूरी जाग गयी थी और बुढ़े को अपना दूध पीते देख रही थी। उसने दो उंगलियों से वो स्तन बुढ़े के मुँह में पकड़ कर रखा । अब बुढ़ा बहुत धीरे धीरे पिने लगा इसलिए चाची ने उनको प्यार से कहा,
"अब थोड़ा ही बचा है दूदू । आराम से पी लो बच्चे मेरे बच्चे। "
थोड़ी ही देर के उसका सारा दूध खतम हो गया और चाची ने उसके मैक्सी के बटन लगा लिए। अब 7 बजने को 20 मिनिट रह गए थे इसलिए सीमा चाची ने उस बुढ़े को अपनी बाहों में लेकर थोड़ी देर सुला दिया।
2 घँटे बाद हम रसोइघर में नाश्ता कर रहे थे। सब ने नहा लिया था। बुढ़े ने सफेद शर्ट और धोती पहनी थी। सीमा चाची ने सफेद ब्लाउज और लाल साड़ी पहनी थी। नाश्ता होते ही चाचा काम पर चला गया। बुढ़े ने भी नाश्ता करके होते ही सीमा चाची को कहा,
"अब मुझे दूदू पीना है । "
सीमा चाची हँस पड़ी और उसने खाली प्लेट साइड में रख दी,
" तो फिर आ मेरे बच्चे। देर किस बात की? "
वो बूढ़ा तुरंत सीमा चाची के गोद मे लेट गया। चाची ने तुरंत उस बुढ़े के सर के ऊपर से पल्लू ओढ़ लिया । फिर वो उसको किसी बच्चे की तरह अपना दूध पिलाने लगी। बुढ़ा स्तन चूसते वक्त बहुत आवाज कर रहा था। सीमा चाची को भी दर्द हो रहा था। पर उसे इतने बुढ़े आदमी को स्तनपान करने का मजा भी आ रहा था। वो उसे लगभग 20 मिनिट पिला रही थी।
दोपहर को बूढ़ा खाना खाँ कर जल्दी सो गया। थोड़ी देर बाद मैं सीमा चाची के साथ उसके कमरे में सो रहा था। मैं उसकी तरफ पलट गया और वो मुझे पीठ पर हाथ थपथपाकर सुलाने लगी। मेरा मुँह उसके स्तनों के काफी करीब था और उसका एक भरा हुआ मुम्मा पल्लू के बाहर ही था। मुझे रहा नही गया और मैं उसे मुँह में लेकर ब्लाऊज के ऊपर से ही चूसने लगा। सीमा चाची मेरी हरकत देखकर खुश हो गयी। थोड़ी देर तक वो मेरा मजा देख रही थी। फिर ब्लाऊज के बटन खोलकर वो मुझे दूध पिलाने लगी।
अगला अपडेट कब आएगा?
पूरा एक महीना होकर गया है अभी तक अगला अपडेट नहीं आया..
Next update please
 
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Manju143

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सातवें अपडेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं.... गांव ‌के लोगों को अलग अलग तरीके से स्तनपान दिखाओ क्योंकि कहानी का नाम हि "एक अजीब गांव है".. कुछ महिलाओं को भी शामिल करो.
हम आपके सातवें अपडेट प्रतीक्षा कर रही है.. यह हमारी विनती है आपको..
 
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seemachachi

Aunty boob lover
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Update 7

वो बूढ़ा दूसरे दिन दोपहर के समय अपने गांव वापस जाने वाला था। तो सुबह उसका नहाना होते ही सीमा चाची ने उसे रसोइघर में अपनी गोद मे सुला दिया। उसने आज पिंक साड़ी और सफेद ब्लाऊज पहना था। चाचा ने अभी नाश्ता करना शुरू ही किया था। फिर सीमा चाची अपने पति के सामने ही उस बूढ़े को स्तनपान करने लगी। बूढ़ा बहुत धीरे धीरे दूध पी रहा था। उसके पीने से सीमा चाची को अपरम्पार सुख मिल रहा था। वो बीच बीच मे खुशी से अपनी आँखे बंद कर लेती थी। फिर आँखे खोलकर बूढ़े पर ध्यान देती थी। चाचा थोड़ी देर बाद काम पर चला गया। चाची उस बूढ़े को 20 मिनिट दूध पिला रही थी।
एक घँटे बाद जब वो बूढ़ा टीव्ही देख रहा था तब चाची हॉल में चली गई और उसने जमीन पर बैठ कर फिर उस बूढ़े को अपनी गोद मे लेटने को कह दिया। बूढ़ा उसकी गोद मे सोते ही उसने झट से उसके सर के ऊपर से आँचल ओढ़ लिया और उसे फिरसे स्तनपान करने लगीं।
"सारा दूध पी जा मेरे बच्चे। "
बुढ़ा आराम से दूध पीने लगा। घर का दरवाजा खुला ही था। पर चाची को कोई परवाह नही थी। 20 मिनिट तक वो उसे अपना दूध पिला रही थी।
दोपहर को खाना खाने के बाद वो बुढ़ा अपने गांव चला गया। अब घर मे मैं और सीमा चाची दोनों ही थे। शाम का वक्त होते ही चाची ने चाय बना ली। थोड़ा नाश्ता करने के बाद फिर हम दोनों टीव्ही देखने लगे। दरवाजा खुला ही था। थोड़ी देर बाद हमारी पड़ोसी सुमन चाची घर आई और सोफे पर बैठकर हमारे साथ टीव्ही देखने लगी। मैं सीमा चाची के साथ जमीन पर बैठा हुआ था। थोड़ी देर बाद चाची ने मुझे पुछा ,
"दूध पिलाऊँ क्या तुझे राजू? बहुत दिनों से पिया नही ना तुने ?"
मैं खुश हो गया और उसकी गोद मे लेट गया। उसके स्तन इतने करीब से देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया। सुमन चाची हमे उत्सुकता से देख रही थी। सीमा चाची ने अपने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिये । फिर मेरे सर के ऊपर से आँचल ओढक़र वो मुझे किसी बच्चे की तरह अपना दूध पिलाने लगी। मैं तो सातवें आसमान पर ही पहुच गया! उसका वो मुलायम स्तन चूसने का मजा ही कुछ और था! और उसका दूध बिलकुल अमृत जैसा लग रहा था। सुमन चाची चौककर बोली,
"यह क्या कर रही हो सीमा। राजू अब कितना बड़ा हो गया है। फिर भी स्तनपान करता है?"
सीमा चाची हँसते हुए बोली,
"तो क्या हुआ सुमन? बड़े लोग क्या स्तनपान नही करते? मेरे ससुरजी घर होते तो उनको भी मैं अपना दूध पिला देती। उनको शराब पीने की इतनी लत जो लग गई है। "
"यह क्या बोल रही हो? इतने बूढ़े आदमी को कोई स्तनपान करता है क्या?"
"अच्छा तो राजू को करती हूँ वो ठीक है ना?"
सुमन हँसते हुए बोली,
"चलो ठीक है। उसे स्तनपान अच्छा लगता है तो कोई बात नही। आखिर वो तुम्हारे बेटे जैसा ही है। "
सीमा चाची ने हँसते हुए कहा,
"सही कहा सुमन तुने।"
फिर उसने अपना ध्यान मुझे दूध पिलाने में लगा दिया।
रात को खाना खाने के बाद हम सब हॉल में बैठे थे। जमीन पर चाचा सीमा चाची के पास ही बैठा था। थोड़ी देर बाद चाची ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे गोद मे लिटा दिया। और फिर थोड़ी देर बाद उसके सर के ऊपर से आँचल ओढक़र उसे स्तनपान भी करने लगी।
मेरे दादाजी शहर में रहते थे। पर अब वो हमेशा के लिए गांव आने वाले थे। दूसरे ही दिन वो घर आ गए। उनकी उम्र अब 82 हो गयी थी। वो बहुत शराब पीते थे। इसलिए उनकी तबियत भी खराब हो गयी थी। उस रात खाना खाने के बाद वो जल्दी सो गए। थोड़ी देर बाद हम सब भी सोने लगे। चाचा ने लाइट बंद कर दी और वो अपने कमरे में सोने गया। सीमा चाची मेरे तरफ पलट गई और मुझे सुलाने लगी। चाचा ने डिम लाइट चालू की थी इसलिए मुझे थोड़ा दिख रहा था। खटाई पर दादाजी खर्राटे मार रहे थे। इसलिए मुझे कोई परवाह नही थी। चाची ने पीले रंग का ब्लाऊज पहना था और उसमें वो बहुत सेक्सी दिखती है। मैंने उसके पल्लू के नीचे हाथ डाल दिया और उसके स्तन बारी बारी से दबाने शुरू किए। थोड़ी देर बाद मुझे रहा नही गया और मैंने उसका पल्लू थोड़ा हटा दिया और एक स्तन कपड़े के ऊपर से ही मुँह में लेकर चूसने लगा। मेरी ये हरकत देखकर चाची हँस पड़ी और बोली ,
"बहुत नॉटी हो गया है तू। जल्दी शादी करनी चाहिए तेरी।"
मैं अब उसके दोनों स्तन बारी बारी से
मुँह में लेकर चूसने लगा। मैं 5 मिनट तक उसके स्तनों के साथ खेल रहा था। फिर वो मुझे बोली,
"रुक जा । देती हूँ तुझे।"

और वो ब्लाऊज एक साइड से ऊपर करके मुझे किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। मैं वो स्तन चूस रहा था और उसका बाया स्तन एक हाथ से ब्लाऊज के ऊपर से ही दबा रहा था। शायद सीमा चाची को यह अच्छा लग रहा था और उसने मेरा हाथ उसके बाए स्तन से हटाया नही। मैं वो ऐसेही हल्के से दबाता रहा। और उसका दूध भी धीरे धीरे पी रहा था। 10 मिनट बाद उसका स्तन खाली होने पर वो उसे ढक रही थी पर मैंने कहा,
"उसे खुला ही छोड़ दो। बहुत मजा आ रहा है।"
"नादान मत बन राजू। सिर्फ दूध पी ले। "
पर उसने उसे खुला ही रख दिया और अपना बाया स्तन भी बाहर निकल दिया। मैंने अब उसका दाहिना स्तन मेरे हाथ मे लिया और उसे मसलने लगा।
"क्या कर रहे हो राजू? दूदू पीओ न चुपचाप।"
मैं उसके कहने पर उसका दूसरा स्तन चूसने लगा पर एक हाथ से बाया स्तन दबाता ही रहा। बीच बीच में उस स्तन का निपल दो उंगलियो में लेकर उसे हल्के से निचोड़ रहा था। निचोड़ते ही सीमा चाची के शरीर का शरीर काँप रहा था। इसके साथ ही मैं उसका दूसरा स्तन लगातार चूस ही रहा था। उसके चेहरे के ऊपर के भाव से मुझे यह अंदाजा आ रहा था की वो कितनी उत्तेजित हो रही थी। वो साँसे भी बहुत जोर जोर से ले रही थी। उसके मजे लेते हुए और 10 मिनट यूही कैसे चले गए इसका मुझे पता ही नही चला। सीमा चाची अपने ब्लाऊज के बटन लगाने लगी और,
"चलो बहुत खेल लिया तूने। अब सो जाओ।"
उसने ब्लाऊज के बटन लगा लेते ही मैं अपना सर उसके स्तनों के बीच रख कर सो गया। वो भी मेरे कंधे पर हाथ रखकर सो गई।
सुबह मैं जल्दी उठकर मॉर्निंग वॉक के लिए गार्डन में चला गया। सिर्फ 5 बजे हुए थे और कुछ वयस्क लोग भी गार्डन के जॉगिंग ट्रैक पर जॉगिंग कर रहे थे। मैं भी उनके पीछे पीछे दौड़ने लगा। ट्रैक बहुत बड़ा था। और एक राउंड के लिए 5 मिनट तक लग जाते थे। ऐसे मैंने 20 राउंड लगाए। आखिर में इतना थक गया कि थोड़ी देर बेंच पर बैठकर अपनी सास धीमी होने की राह देखने लगा। बहुत पसीना भी आ गया था। फिर चलते चलते घर वापस आ गया और अच्छे से नहा लिया। सीमा चाची और चाचा ने पहिले ही नहा लिया था। पर दादाजी बहुत देर तक सोते है। चाचा जल्दी नाश्ता करके काम पर चला गया और अब मैं चाची के साथ नाश्ता कर रहा था। उसने आज पूरी नीली रंग की साड़ी और ब्लाऊज पहना था। किउंकि आसपास कोई नही था मैं उसके स्तनों को बड़े बेशरमी से घूर रहा था। वो भी मेरे घूरने से उत्तेजित हुई लग रही थी। हम दोनों का नाश्ता होते ही वो दो डिश लेकर जमीन से उठ गई और उन्हें बेसिन में धोने लगी। थोड़ी देर बाद मैं भी उठ गया और उसके बाजू से हाथ धो लिए। उसके सुडौल स्तन देखकर मुझे रहा नही गया और मैं अपना एक हाथ उसके पल्लू के नीचे डालकर उसके एक स्तन को मसलने लगा। वो डर गयी,
"क्या कर रहे हो राजू? ससुरजी देख लेंगे ना।"
"अभी सोए है वो।"
"उनका कुछ ठीक नही। कब भी उठ सकते है।"
"कुछ नही होता चाची।"
"चुप कर। बहुत नॉटी हो गया है अब।"
"थोड़ी देर दबाने दो ना चाची।"
"अच्छा ठीक है।"
मुझे दादाजी के पैर दिख रहे थे। वो अभी तक हॉल में पलँग पर सो रहे थे। सीमा चाची ने धोए हुए डिश जगह पर रख दिये थे और वो अब काउंटरटॉप को चिपककर खड़ी थी। मैं उसके पास गया और फिरसे उसके पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके दोनों स्तनों को मसलने लगा। मैं उसी वक्त हॉल की तरफ अपनी आँखें जमाये रखा था। मेरे कारनामे से सीमा चाची उत्तेजित हो रही थी। मुझे शक था कि चाचा ऐसा कुछ करता नही था। मैंने अचानक से उसके बाए स्तन का निप्पल अपनी उँगलियों में लेकर निचोड़ दिया। वो काँपने लगी।
"कैसा लग रहा है चाची।"
"अच्छा लग रहा है। "
अब मैं बारी बारी से उसके दोनों निपल्स को निचोड़ने लगा। लगातार ऐसे करते रहने पर वो इतनी उत्तेजित हो गयी कि उसे बहुत तेजी से साँसे लेनी पड़ी रह थी।
"रुक जा राजू ! और नही सह सकती ये। अभी तुझे स्तनपान करने का बहुत मन हो रहा है। ससुरजी देख भी ले तो मुझे कुछ फर्क नही पड़ता। "
मैं खुश हो गया और मैंने उसके निपल्स निचोड़ना बंद कर दिया। उसने हॉल की तरफ़ देखकर दादाजी अभी भी सो रहे है इसकी पुष्टि कर ली। फिर उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे उसके साथ जमीन पर बिठा कर मुझे गोद मे लिटा दिया। मैंने उसके स्तनों को निहारा तो पाया की उसके निप्पल्स बहुत उठ गए थे और ब्लाऊज के भीतर से भी अच्छे से दिख रहे थे. सीमा चाची ने तुरन्त उसके ब्लाऊज के निचले बटन खोल दिए और उसका एक भरा हुआ स्तन मेरे मुँह में घुसाकर मुझे वो स्तनपान करने लगी। उसने मेरा सर ढक लिया था पर मुझे दिख रहा था की वो बारी बारी से हॉल की तरफ देख रही थी। मैं बहुत धीरे धीरे उसके मुम्मे का मजा ले रहा था। सीमा चाची ने मुझे ताना मारा,
"बच्चे हो क्या अभी। कितने धीरे धीरे पी रहे हो। थोड़ा जल्दी करो तो।"
उसके कहने पर मैं थोड़ी जोर से दूध चूसने लगा। चाची को इसे अच्छा लग रहा था। मेरा लवडा भी फूल गया था।
ऐसेही 5-6 मिनिट कैसे निकल गए वो पता ही नही चला। सीमा चाची मुझे दूध पिलाने में इतनी दंग हो गयी थी कि उसका ध्यान हॉल के ऊपर से हट गया था। इसीलिए जब दादाजी अपनी आँखे मसलते हुए अचानक से जब रसोइघर में आ गए तब सीमा चाची बहकते हुए झटके से मेरे मुँह से उसका स्तन निकाल लिया और मेरे सर से पल्लू भी हटा दिया। दादाजी की आँखे ठीक से खुली नही थी पर मुझे ऐसे बच्चे की तरह चाची के गोद मे लेटा हुआ पा कर उनको बहुत आश्चर्य हुआ।
"क्या कर रही हो बहु?"
"कुछ नही ससुरजी। राजू को ऐसे मेरे गोद मे सोने की आदत है बस। "
दादाजी को ये बहाना झूट नही लगा इसलिए वो चुपचाप दरवाजे से नहाने गए। सीमा चाची ने मुझे डाटा,
"देखा राजू, अब तेरे दादाजी ने तुझे दूध पीते देख लिया होता तो क्या होता?"
मैने हँसते हुए कहा,
"देखा तो नही ना। चलो मुझे बचा हुआ दूध पिला दो। उनको नहा कर आने में बहुत टाइम लगेगा।"
चाची गुस्से में थी पर फिर भी उसने मेरे सर के ऊपर से फिर से आँचल ओढ़ लिया और मुझे स्तनपान करने लगी।
 
Last edited:

Manju143

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बहुत बढ़िया लिखि है....
राजू और सीमा के पति का स्तनपान तो चालू रहेगा.. सीमा को अपने बेवड़े ससुर का खयाल रखना चाहिए.. सीमा को उसके बुजुर्ग ससुर की दारू छुड़ाने का प्रयास करना चाहिए.. कुछ दिन के लिए सिर्फ अपने बुड्ढे ससुर कि दारू छुड़ाकर अपने बच्चे जैसा ख्याल रखेगी....!


अगले अपडेट की प्रतीक्षा रहेगी..
धन्यवाद..!
 
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