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Adultery Ek Ajib Gav

robinmunna1985

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Update 15


मुझे बुखार हो गया था इसलिए मैं डॉक्टर को दिखाने गया था। बूढ़े डॉक्टर ने मुझे चेक कराके इंजेक्शन दे दिया। रात का वक्त था इसलिए मरीज नही थे । डॉक्टर पैकअप कर रहे थे। कविता चाची को देखकर मेरे मन मे विचार आ गया । मैंने उसे साइड में लेकर कहा,
"कविता चाची एक बात कहुँ ?"
"हाँ बोलो तो।"
"आप जैसे उन बूढों को दूध पिलाती हो वैसे ही मुझे भी पिलादो ना अभी।"
वो थोड़ा विचार करने लगी। पर उसने हाँ कर दी। अपने ससुर को उसने कह दिया कि वो मेरे साथ क्लिनिक में रुकने वाली है। डॉक्टर उसे गुड बाय करके निकल गया। उनका घर पड़ोस में ही था। कविता चाची ने क्लीनिक अंदर से बंद कर दिया और मुझे लेकर वो एक कमरे में चली गयी। कमरे में एक बेड था । मुझे उसपर लेटने को कहकर उसने अपना डॉक्टर का सफेद एप्रन निकालकर वो एक सीट पर रख दिया और मेरे पास आकर सो गई। उसने आज गुलाबी साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था।
कविता चाची ने मुझे अपने पास लिया और उसका पल्लू पूरा हटा दिया। फिर ब्लाउज के सभी बटन खोल दिये ।
"शरमा मत राजू। मुझे पता है तुझे अब अपने सीमा चाची के साथ सेक्स करने की इच्छा होती है। "
उसके मुँह से ये बात सुनकर मैं चौक गया।
"हा कविता चाची । पर उसे बताना मत । "
"नही कहती मैं उसे ठीक है। "
उसने दोनों हाथ से अपना सफेद ब्रा पूरी तरफ से ऊपर उठा लिया और मुझे बोली,
"ले राजू । जीतना चाहे दूध पी लो। "
इतने भरे हुए स्तन देखकर में बहुत खुश हो गया और तुरंत उन दोनों स्तनों को बारी बारी से चूसने लगा । उसका दूध इतना स्वादिष्ट था कि मैं भी उन बूढों की तरह ही जोर जोर से पी दूध रहा था। कविता चाची दर्द सहनते हुए हस रही थी और मुझे प्रोत्साहित कर रही थी। क्लीनिक में हम दोनों ही थे इसलिए मैं बहुत खुले खुले उसके मुम्मो का मजा ले रहा था। मैंने चड्डी पहनी थी और मेरा लंड काफी कड़क हो गया था जो कविता चाची के शरीर पर बार बार रगड़ भी रहा था। थोड़ी देर बाद उसने उसे महसूस भी कर लिया और मुझे हँसते हुए वो बोली,
"कितना बड़ा हो गया है तू राजू ! "
"दूध पीने के बाद आपको चोदने की इच्छा है।"
"मुझे भी!"
मैं बारी बारी से उसके मुम्मो को चुसता रहा। मेरा दूध पीकर होते ही कविता चाची ने उसके सब कपड़े उतार दिए । मैंने अपनी पैंट और अंदर की अंडरवियर निकाल दी और उसको अपने निचे लिया। बहुत देर मस्ती करने के बाद मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया। उस दौरान वो निचली आवाज में चीख रही थी।


सुबह ब्रेकफास्ट करने के बाद सीमा चाची मेरे दादाजी को दूध पिलाने वाली थी। पर मैंने उससे जिद कर करके मुझे पिलाने को कहा।
"बहुत दिनोंसे तेरा दूध नही पिया है चाची। तुम तो दादाजी का ही खयाल रखती हो। "
"ठीक है अभी तुझे पिला देती हूँ । ठीक है ?"
दादाजी हँसते हुए हॉल में चले गए। सीमा चाची ने मुझे गोद मे सुला दिया। उसने आज काले रंग की साड़ी और अंदर सफेद ब्लाउज पहना था। चाची ने बटन खोलने के लिए अपना पल्लू हटाते ही मैंने उसका एक मुम्मा ब्लाऊज के ऊपर से ही अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा।
"रुक जा राजू । इतनी क्या आग पड़ी है तुझमे?"
मैंने उसके मुम्मे को छोड़ दिया । उसने हँसते हुए ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और एक भरा हुआ स्तन मेरे मुँह में घुसाकर वो मुझे दूध पिलाने लगी। में जोर जोर से चूसने लगा। सीमा चाची को मेरा ये नया अंदाज बहुत पसंद आ रहा था क्योंकि उसके चेहरे पर बहुत ही उत्साहपूर्ण भाव थे। मेरी पैंट भी फूल गयी थी । उसका एक हात मेरे पेट पर था । मैंने वो पकड़कर निचे सरकाया और अपने फुले हुए लन्ड पर रख दिया। सीमा चाची को समझ आ गया कि मुझे क्या चाहिए। उसने पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया। मैंने उसे और उत्तेजित करने के लिए दूध पीते पीते बीच बीच मे रुक कर उसके निप्पल के इर्दगिर्द अपनी जीभ फिरना शुरू किया। इस दौरान सीमा चाची के शरीर पर रोंगटे खड़े हो रहे थे और वो इसवक्त अपनी आँखे बंद कर लेती थी। इसी तरह मैं बहुत देर उसे आनंद देता रहा। हम दोनों का काम समाप्त होने पर चाची ने आपने ब्लाऊज के बटन लगाते हुए मुझे कहा ,
"आज रात ससुरजी को सुलाने के बाद मैं तेरे कमरे में आ जाऊँगी। "
"ठीक है चाची। " मैं बहुत खुश हो गया था।
वाह क्या बढ़िया अपडेट है. लेकिन अब आपने मंजिल को चट्टान पर छोड़ दिया है। क्या राजू घर पर और गाँव की अन्य महिलाओं से दूध और सेक्स करेगा?
 
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Manju143

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Update 15


मुझे बुखार हो गया था इसलिए मैं डॉक्टर को दिखाने गया था। बूढ़े डॉक्टर ने मुझे चेक कराके इंजेक्शन दे दिया। रात का वक्त था इसलिए मरीज नही थे । डॉक्टर पैकअप कर रहे थे। कविता चाची को देखकर मेरे मन मे विचार आ गया । मैंने उसे साइड में लेकर कहा,
"कविता चाची एक बात कहुँ ?"
"हाँ बोलो तो।"
"आप जैसे उन बूढों को दूध पिलाती हो वैसे ही मुझे भी पिलादो ना अभी।"
वो थोड़ा विचार करने लगी। पर उसने हाँ कर दी। अपने ससुर को उसने कह दिया कि वो मेरे साथ क्लिनिक में रुकने वाली है। डॉक्टर उसे गुड बाय करके निकल गया। उनका घर पड़ोस में ही था। कविता चाची ने क्लीनिक अंदर से बंद कर दिया और मुझे लेकर वो एक कमरे में चली गयी। कमरे में एक बेड था । मुझे उसपर लेटने को कहकर उसने अपना डॉक्टर का सफेद एप्रन निकालकर वो एक सीट पर रख दिया और मेरे पास आकर सो गई। उसने आज गुलाबी साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था।
कविता चाची ने मुझे अपने पास लिया और उसका पल्लू पूरा हटा दिया। फिर ब्लाउज के सभी बटन खोल दिये ।
"शरमा मत राजू। मुझे पता है तुझे अब अपने सीमा चाची के साथ सेक्स करने की इच्छा होती है। "
उसके मुँह से ये बात सुनकर मैं चौक गया।
"हा कविता चाची । पर उसे बताना मत । "
"नही कहती मैं उसे ठीक है। "

उसने दोनों हाथ से अपना सफेद ब्रा पूरी तरफ से ऊपर उठा लिया और मुझे बोली,
"ले राजू । जीतना चाहे दूध पी लो। "
इतने भरे हुए स्तन देखकर में बहुत खुश हो गया और तुरंत उन दोनों स्तनों को बारी बारी से चूसने लगा । उसका दूध इतना स्वादिष्ट था कि मैं भी उन बूढों की तरह ही जोर जोर से पी दूध रहा था। कविता चाची दर्द सहनते हुए हस रही थी और मुझे प्रोत्साहित कर रही थी। क्लीनिक में हम दोनों ही थे इसलिए मैं बहुत खुले खुले उसके मुम्मो का मजा ले रहा था। मैंने चड्डी पहनी थी और मेरा लंड काफी कड़क हो गया था जो कविता चाची के शरीर पर बार बार रगड़ भी रहा था। थोड़ी देर बाद उसने उसे महसूस भी कर लिया और मुझे हँसते हुए वो बोली,
"कितना बड़ा हो गया है तू राजू ! "
"दूध पीने के बाद आपको चोदने की इच्छा है।"
"मुझे भी!"

मैं बारी बारी से उसके मुम्मो को चुसता रहा। मेरा दूध पीकर होते ही कविता चाची ने उसके सब कपड़े उतार दिए । मैंने अपनी पैंट और अंदर की अंडरवियर निकाल दी और उसको अपने निचे लिया। बहुत देर मस्ती करने के बाद मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया। उस दौरान वो निचली आवाज में चीख रही थी।


सुबह ब्रेकफास्ट करने के बाद सीमा चाची मेरे दादाजी को दूध पिलाने वाली थी। पर मैंने उससे जिद कर करके मुझे पिलाने को कहा।
"बहुत दिनोंसे तेरा दूध नही पिया है चाची। तुम तो दादाजी का ही खयाल रखती हो। "
"ठीक है अभी तुझे पिला देती हूँ । ठीक है ?"

दादाजी हँसते हुए हॉल में चले गए। सीमा चाची ने मुझे गोद मे सुला दिया। उसने आज काले रंग की साड़ी और अंदर सफेद ब्लाउज पहना था। चाची ने बटन खोलने के लिए अपना पल्लू हटाते ही मैंने उसका एक मुम्मा ब्लाऊज के ऊपर से ही अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा।
"रुक जा राजू । इतनी क्या आग पड़ी है तुझमे?"
मैंने उसके मुम्मे को छोड़ दिया । उसने हँसते हुए ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और एक भरा हुआ स्तन मेरे मुँह में घुसाकर वो मुझे दूध पिलाने लगी। में जोर जोर से चूसने लगा। सीमा चाची को मेरा ये नया अंदाज बहुत पसंद आ रहा था क्योंकि उसके चेहरे पर बहुत ही उत्साहपूर्ण भाव थे। मेरी पैंट भी फूल गयी थी । उसका एक हात मेरे पेट पर था । मैंने वो पकड़कर निचे सरकाया और अपने फुले हुए लन्ड पर रख दिया। सीमा चाची को समझ आ गया कि मुझे क्या चाहिए। उसने पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया। मैंने उसे और उत्तेजित करने के लिए दूध पीते पीते बीच बीच मे रुक कर उसके निप्पल के इर्दगिर्द अपनी जीभ फिरना शुरू किया। इस दौरान सीमा चाची के शरीर पर रोंगटे खड़े हो रहे थे और वो इसवक्त अपनी आँखे बंद कर लेती थी। इसी तरह मैं बहुत देर उसे आनंद देता रहा। हम दोनों का काम समाप्त होने पर चाची ने आपने ब्लाऊज के बटन लगाते हुए मुझे कहा ,
"आज रात ससुरजी को सुलाने के बाद मैं तेरे कमरे में आ जाऊँगी। "
"ठीक है चाची। " मैं बहुत खुश हो गया था।
Nice Update
 

Aabhi123

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Update 15


मुझे बुखार हो गया था इसलिए मैं डॉक्टर को दिखाने गया था। बूढ़े डॉक्टर ने मुझे चेक कराके इंजेक्शन दे दिया। रात का वक्त था इसलिए मरीज नही थे । डॉक्टर पैकअप कर रहे थे। कविता चाची को देखकर मेरे मन मे विचार आ गया । मैंने उसे साइड में लेकर कहा,
"कविता चाची एक बात कहुँ ?"
"हाँ बोलो तो।"
"आप जैसे उन बूढों को दूध पिलाती हो वैसे ही मुझे भी पिलादो ना अभी।"
वो थोड़ा विचार करने लगी। पर उसने हाँ कर दी। अपने ससुर को उसने कह दिया कि वो मेरे साथ क्लिनिक में रुकने वाली है। डॉक्टर उसे गुड बाय करके निकल गया। उनका घर पड़ोस में ही था। कविता चाची ने क्लीनिक अंदर से बंद कर दिया और मुझे लेकर वो एक कमरे में चली गयी। कमरे में एक बेड था । मुझे उसपर लेटने को कहकर उसने अपना डॉक्टर का सफेद एप्रन निकालकर वो एक सीट पर रख दिया और मेरे पास आकर सो गई। उसने आज गुलाबी साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था।
कविता चाची ने मुझे अपने पास लिया और उसका पल्लू पूरा हटा दिया। फिर ब्लाउज के सभी बटन खोल दिये ।
"शरमा मत राजू। मुझे पता है तुझे अब अपने सीमा चाची के साथ सेक्स करने की इच्छा होती है। "
उसके मुँह से ये बात सुनकर मैं चौक गया।
"हा कविता चाची । पर उसे बताना मत । "
"नही कहती मैं उसे ठीक है। "

उसने दोनों हाथ से अपना सफेद ब्रा पूरी तरफ से ऊपर उठा लिया और मुझे बोली,
"ले राजू । जीतना चाहे दूध पी लो। "
इतने भरे हुए स्तन देखकर में बहुत खुश हो गया और तुरंत उन दोनों स्तनों को बारी बारी से चूसने लगा । उसका दूध इतना स्वादिष्ट था कि मैं भी उन बूढों की तरह ही जोर जोर से पी दूध रहा था। कविता चाची दर्द सहनते हुए हस रही थी और मुझे प्रोत्साहित कर रही थी। क्लीनिक में हम दोनों ही थे इसलिए मैं बहुत खुले खुले उसके मुम्मो का मजा ले रहा था। मैंने चड्डी पहनी थी और मेरा लंड काफी कड़क हो गया था जो कविता चाची के शरीर पर बार बार रगड़ भी रहा था। थोड़ी देर बाद उसने उसे महसूस भी कर लिया और मुझे हँसते हुए वो बोली,
"कितना बड़ा हो गया है तू राजू ! "
"दूध पीने के बाद आपको चोदने की इच्छा है।"
"मुझे भी!"

मैं बारी बारी से उसके मुम्मो को चुसता रहा। मेरा दूध पीकर होते ही कविता चाची ने उसके सब कपड़े उतार दिए । मैंने अपनी पैंट और अंदर की अंडरवियर निकाल दी और उसको अपने निचे लिया। बहुत देर मस्ती करने के बाद मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया। उस दौरान वो निचली आवाज में चीख रही थी।


सुबह ब्रेकफास्ट करने के बाद सीमा चाची मेरे दादाजी को दूध पिलाने वाली थी। पर मैंने उससे जिद कर करके मुझे पिलाने को कहा।
"बहुत दिनोंसे तेरा दूध नही पिया है चाची। तुम तो दादाजी का ही खयाल रखती हो। "
"ठीक है अभी तुझे पिला देती हूँ । ठीक है ?"

दादाजी हँसते हुए हॉल में चले गए। सीमा चाची ने मुझे गोद मे सुला दिया। उसने आज काले रंग की साड़ी और अंदर सफेद ब्लाउज पहना था। चाची ने बटन खोलने के लिए अपना पल्लू हटाते ही मैंने उसका एक मुम्मा ब्लाऊज के ऊपर से ही अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा।
"रुक जा राजू । इतनी क्या आग पड़ी है तुझमे?"
मैंने उसके मुम्मे को छोड़ दिया । उसने हँसते हुए ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और एक भरा हुआ स्तन मेरे मुँह में घुसाकर वो मुझे दूध पिलाने लगी। में जोर जोर से चूसने लगा। सीमा चाची को मेरा ये नया अंदाज बहुत पसंद आ रहा था क्योंकि उसके चेहरे पर बहुत ही उत्साहपूर्ण भाव थे। मेरी पैंट भी फूल गयी थी । उसका एक हात मेरे पेट पर था । मैंने वो पकड़कर निचे सरकाया और अपने फुले हुए लन्ड पर रख दिया। सीमा चाची को समझ आ गया कि मुझे क्या चाहिए। उसने पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया। मैंने उसे और उत्तेजित करने के लिए दूध पीते पीते बीच बीच मे रुक कर उसके निप्पल के इर्दगिर्द अपनी जीभ फिरना शुरू किया। इस दौरान सीमा चाची के शरीर पर रोंगटे खड़े हो रहे थे और वो इसवक्त अपनी आँखे बंद कर लेती थी। इसी तरह मैं बहुत देर उसे आनंद देता रहा। हम दोनों का काम समाप्त होने पर चाची ने आपने ब्लाऊज के बटन लगाते हुए मुझे कहा ,
"आज रात ससुरजी को सुलाने के बाद मैं तेरे कमरे में आ जाऊँगी। "
"ठीक है चाची। " मैं बहुत खुश हो गया था।
Super update bro.... Waiting for next update.
 
Update 6

सुबह हम सब नाश्ता कर रहे थे। वो बुढ़ा अभीतक उठा नही था। हमारा नाश्ता होने के थोड़ी देर बाद वो उठ गया। उसने बाहर जाकर मुँह धो लिया फिर रसोइघर में आ गया। सीमा चाची ने हमेशा की तरह उनके लिए सुप बनाया था। फिर वो उसको अपनी गोद मे सुलाकर चमच से सुप पिलाने लगी। सीमा चाची ने पहले ही नहा लिया था और आज पिली साड़ी और ब्लाऊज पहना था। बुढ़े की तबियत आज थोड़ी अच्छी लग रही थी। उसको सुप पिलाने के बाद चाची ने बाउल साइड में रख दिया और बुढ़े का मुँह पल्लू से पोछ लिया। चाचा काम पर जाने के लिए तैयार हो रहा रहा। बूढ़ा अब सीमा चाची के स्तनों को घूर रहा था इसलिए चाची ने उनको पुछा ,
"अंकल जी, क्या आपको दूध भी पीना है?"
बुढ़े ने डरते हुए कह दिया,
"तुम्हे कुछ परेशानी नही है तो पीला दो।"
चाची उस बुढ़े की असहजता पर हँस पड़ी,
"इसमें परेशानी कैसी अंकलजी?"
चाचा मुस्कुराते हुए काम पर चला गया। चाची ने आँचल के पीछे हाथ डालकर ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिये। फिर वो उस बुढ़े के सर के ऊपर से आँचल ओढक़र उसे स्तनपान करने लगी। सीमा चाची को दूध पिलाते वक्त बहुत सुख हो रहा था। उसने एक हाथ से आँचल के नीचे अपना स्तन बुढ़े के मुँह में पकड़ कर रखा था और वो उसे हल्के से दबा भी रही थी क्योंकि बुढ़ा बहुत ही धिरे धिरे पी रहा था। बुढ़े को सीमा चाची का पूरा दूध पीने के लिए लगभग 25 मिनिट लग गए। चाची ने फिर उसका मुँह पोछ दिया और उसे हॉल में जाकर आराम करने कहा।
दोपहर को खाना खाने के बाद हम तीनों हॉल में लेट रहे रहे। पहले सीमा चाची मेरे तरफ़ मुँह करके लेटी थी। थोड़ी देर बाद वो बुढ़े की तरफ पलट गयी और उसको करीब लेकर उसकी पीठ थपथपाने लगी। बुढ़े ने कहा,
"कितना खयाल रखती हो मेरा बेटी। इतना तो मेरे परिवार वालों ने भी नही रखा। मानो मेरी माँ बन गयी हो अब। "
यह सुनकर सीमा चाची को बहुत अच्छा लगा।
"आज से मैं तुझे मेरा बच्चा ही कहकर बुलाऊँगी।" यह बोलते हुए सीमा चाचीने तुरंत अपने ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिये और उस बुढ़े का सर ढकते हुए उसे अपना दूध पिलाने लगी।
"सारा दूध पी जा मेरे बच्चे ।"
20 मिनट तक वो बुढ़ा स्तनपान कर रहा था। उस बुढ़े का दूध पीकर होते ही सीमा चाची ने अपने ब्लाऊज के बटन लगा लिए । फिर सीमा चाची उस बुढ़े को अपनी बाहों में लेकर सो गयी।
रात में हम सब खाना खा रहे थे तब चाचा ने उस बुढ़े की तबियत पूछी,
"अच्छा लग रहा है ना अब?"
बुढ़े ने हँसते हुए कहा,
"हा भाँजे। तेरी बीवी के कारण मेरी तबियत अब बहुत सुधर गयी है।"
सीमा चाची,
"इतनी भी नही सुधरी । आपको दूध पिलाना ही पड़ेगा।"
"पर तुम राजू को भी पिलाया करो। उसका पहला हक बनता है।"
"ठीक है अंकल जी।"
थोड़ी देर बाद हम सब सोने लगे। मैं और बूढ़ा जमीन पर बिस्तर पे सो गए और सीमा चाची हम दोनों के बीच सो गयी। उसने थोड़ी देर पहले मैक्सी पहन ली थी। चाचा लाइट बंद करके कॉट पर सो गया। थोड़ी ही देर बाद चाची ने मुझे करीब लिया और मैक्सी के बटन खोलकर मुझे वो स्तनपान करने लगी। बहुत दिनों बाद दूध पीने को मिला था इसलिए मैं आराम से मजे लेते हुए पी रहा था। चाची भी खुश लग रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसके ऊपर रख दिया । उसने भी उसका हाथ मेरे ऊपर रख दिया। थोड़ी देर बाद एक स्तन खाली होने के बाद वो मुझे दूसरे स्तन पर पिलाने लगी। मैंने उसका पूरा दूध पी लिया तब आधा घण्टा बीत चुका था। चाची ने देखा कि वो बूढ़ा भी गहरी नींद सो गया था फिर भी वो उसकी तरफ मुँह करके सो गई । उसने अपने मैक्सी के बटन खुले ही रख दिये और उस बूढ़े को अपनी बाहों में लेकर सो गयी।
सुबह से बहुत पहिले यानी के 5 बजे उस बुढ़े की नींद खुली तो उसने पाया कि उसके सामने ही सीमा चाची के स्तन मैक्सी के बाहर ही थे। उसके मुँह में पानी आ गया । उसने देखा कि सीमा चाची की नींद भी खुल रही है तो उसने उससे पुछा,
"बेटी दूध पी जाऊ तो बुरा तो नही कहोगी ?"
चाची आधी नींद में थी फिर भी उसने हँसते हुए कहा ,
"पी जा बच्चे। "
बुढ़े ने बिना समय बिताए उसका एक स्तन मुँह में लिया और धीरे धीरे दूध पीने लगा। चाची ने बुढ़े के पीठ पर हाथ रखा और थपथपाने लगी। बुढ़ा लगातार 10 मिनिट सीमा चाची का स्तन चूसता रहा । फिर उस स्तन को खाली करने के बाद उसने मेरे चाची का दूसरा स्तन चूसना शुरू किया। सीमा चाची अब पूरी जाग गयी थी और बुढ़े को अपना दूध पीते देख रही थी। उसने दो उंगलियों से वो स्तन बुढ़े के मुँह में पकड़ कर रखा । अब बुढ़ा बहुत धीरे धीरे पिने लगा इसलिए चाची ने उनको प्यार से कहा,
"अब थोड़ा ही बचा है दूदू । आराम से पी लो बच्चे मेरे बच्चे। "
थोड़ी ही देर के उसका सारा दूध खतम हो गया और चाची ने उसके मैक्सी के बटन लगा लिए। अब 7 बजने को 20 मिनिट रह गए थे इसलिए सीमा चाची ने उस बुढ़े को अपनी बाहों में लेकर थोड़ी देर सुला दिया।
2 घँटे बाद हम रसोइघर में नाश्ता कर रहे थे। सब ने नहा लिया था। बुढ़े ने सफेद शर्ट और धोती पहनी थी। सीमा चाची ने सफेद ब्लाउज और लाल साड़ी पहनी थी। नाश्ता होते ही चाचा काम पर चला गया। बुढ़े ने भी नाश्ता करके होते ही सीमा चाची को कहा,
"अब मुझे दूदू पीना है । "
सीमा चाची हँस पड़ी और उसने खाली प्लेट साइड में रख दी,
" तो फिर आ मेरे बच्चे। देर किस बात की? "
वो बूढ़ा तुरंत सीमा चाची के गोद मे लेट गया। चाची ने तुरंत उस बुढ़े के सर के ऊपर से पल्लू ओढ़ लिया । फिर वो उसको किसी बच्चे की तरह अपना दूध पिलाने लगी। बुढ़ा स्तन चूसते वक्त बहुत आवाज कर रहा था। सीमा चाची को भी दर्द हो रहा था। पर उसे इतने बुढ़े आदमी को स्तनपान करने का मजा भी आ रहा था। वो उसे लगभग 20 मिनिट पिला रही थी।
दोपहर को बूढ़ा खाना खाँ कर जल्दी सो गया। थोड़ी देर बाद मैं सीमा चाची के साथ उसके कमरे में सो रहा था। मैं उसकी तरफ पलट गया और वो मुझे पीठ पर हाथ थपथपाकर सुलाने लगी। मेरा मुँह उसके स्तनों के काफी करीब था और उसका एक भरा हुआ मुम्मा पल्लू के बाहर ही था। मुझे रहा नही गया और मैं उसे मुँह में लेकर ब्लाऊज के ऊपर से ही चूसने लगा। सीमा चाची मेरी हरकत देखकर खुश हो गयी। थोड़ी देर तक वो मेरा मजा देख रही थी। फिर ब्लाऊज के बटन खोलकर वो मुझे दूध पिलाने लगी।
एकदम मस्त कहानी
 
Update 15


मुझे बुखार हो गया था इसलिए मैं डॉक्टर को दिखाने गया था। बूढ़े डॉक्टर ने मुझे चेक कराके इंजेक्शन दे दिया। रात का वक्त था इसलिए मरीज नही थे । डॉक्टर पैकअप कर रहे थे। कविता चाची को देखकर मेरे मन मे विचार आ गया । मैंने उसे साइड में लेकर कहा,
"कविता चाची एक बात कहुँ ?"
"हाँ बोलो तो।"
"आप जैसे उन बूढों को दूध पिलाती हो वैसे ही मुझे भी पिलादो ना अभी।"
वो थोड़ा विचार करने लगी। पर उसने हाँ कर दी। अपने ससुर को उसने कह दिया कि वो मेरे साथ क्लिनिक में रुकने वाली है। डॉक्टर उसे गुड बाय करके निकल गया। उनका घर पड़ोस में ही था। कविता चाची ने क्लीनिक अंदर से बंद कर दिया और मुझे लेकर वो एक कमरे में चली गयी। कमरे में एक बेड था । मुझे उसपर लेटने को कहकर उसने अपना डॉक्टर का सफेद एप्रन निकालकर वो एक सीट पर रख दिया और मेरे पास आकर सो गई। उसने आज गुलाबी साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था।
कविता चाची ने मुझे अपने पास लिया और उसका पल्लू पूरा हटा दिया। फिर ब्लाउज के सभी बटन खोल दिये ।
"शरमा मत राजू। मुझे पता है तुझे अब अपने सीमा चाची के साथ सेक्स करने की इच्छा होती है। "
उसके मुँह से ये बात सुनकर मैं चौक गया।
"हा कविता चाची । पर उसे बताना मत । "
"नही कहती मैं उसे ठीक है। "

उसने दोनों हाथ से अपना सफेद ब्रा पूरी तरफ से ऊपर उठा लिया और मुझे बोली,
"ले राजू । जीतना चाहे दूध पी लो। "
इतने भरे हुए स्तन देखकर में बहुत खुश हो गया और तुरंत उन दोनों स्तनों को बारी बारी से चूसने लगा । उसका दूध इतना स्वादिष्ट था कि मैं भी उन बूढों की तरह ही जोर जोर से पी दूध रहा था। कविता चाची दर्द सहनते हुए हस रही थी और मुझे प्रोत्साहित कर रही थी। क्लीनिक में हम दोनों ही थे इसलिए मैं बहुत खुले खुले उसके मुम्मो का मजा ले रहा था। मैंने चड्डी पहनी थी और मेरा लंड काफी कड़क हो गया था जो कविता चाची के शरीर पर बार बार रगड़ भी रहा था। थोड़ी देर बाद उसने उसे महसूस भी कर लिया और मुझे हँसते हुए वो बोली,
"कितना बड़ा हो गया है तू राजू ! "
"दूध पीने के बाद आपको चोदने की इच्छा है।"
"मुझे भी!"

मैं बारी बारी से उसके मुम्मो को चुसता रहा। मेरा दूध पीकर होते ही कविता चाची ने उसके सब कपड़े उतार दिए । मैंने अपनी पैंट और अंदर की अंडरवियर निकाल दी और उसको अपने निचे लिया। बहुत देर मस्ती करने के बाद मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया। उस दौरान वो निचली आवाज में चीख रही थी।


सुबह ब्रेकफास्ट करने के बाद सीमा चाची मेरे दादाजी को दूध पिलाने वाली थी। पर मैंने उससे जिद कर करके मुझे पिलाने को कहा।
"बहुत दिनोंसे तेरा दूध नही पिया है चाची। तुम तो दादाजी का ही खयाल रखती हो। "
"ठीक है अभी तुझे पिला देती हूँ । ठीक है ?"

दादाजी हँसते हुए हॉल में चले गए। सीमा चाची ने मुझे गोद मे सुला दिया। उसने आज काले रंग की साड़ी और अंदर सफेद ब्लाउज पहना था। चाची ने बटन खोलने के लिए अपना पल्लू हटाते ही मैंने उसका एक मुम्मा ब्लाऊज के ऊपर से ही अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा।
"रुक जा राजू । इतनी क्या आग पड़ी है तुझमे?"
मैंने उसके मुम्मे को छोड़ दिया । उसने हँसते हुए ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और एक भरा हुआ स्तन मेरे मुँह में घुसाकर वो मुझे दूध पिलाने लगी। में जोर जोर से चूसने लगा। सीमा चाची को मेरा ये नया अंदाज बहुत पसंद आ रहा था क्योंकि उसके चेहरे पर बहुत ही उत्साहपूर्ण भाव थे। मेरी पैंट भी फूल गयी थी । उसका एक हात मेरे पेट पर था । मैंने वो पकड़कर निचे सरकाया और अपने फुले हुए लन्ड पर रख दिया। सीमा चाची को समझ आ गया कि मुझे क्या चाहिए। उसने पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया। मैंने उसे और उत्तेजित करने के लिए दूध पीते पीते बीच बीच मे रुक कर उसके निप्पल के इर्दगिर्द अपनी जीभ फिरना शुरू किया। इस दौरान सीमा चाची के शरीर पर रोंगटे खड़े हो रहे थे और वो इसवक्त अपनी आँखे बंद कर लेती थी। इसी तरह मैं बहुत देर उसे आनंद देता रहा। हम दोनों का काम समाप्त होने पर चाची ने आपने ब्लाऊज के बटन लगाते हुए मुझे कहा ,
"आज रात ससुरजी को सुलाने के बाद मैं तेरे कमरे में आ जाऊँगी। "
"ठीक है चाची। " मैं बहुत खुश हो गया था।
सीमा जी कहानी आगे बढाइये
 

seemachachi

Aunty boob lover
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Update 16

उस रात चाचा अपने कमरे में सो गया । उसे लगा कि सीमा चाची हमेशा की तरह उसके पिताजी को दूध पिलाने मैन हॉल में सोने वाली है। पर उस रात सीमा चाची ने अपने ससुरजी को थोडासा ही दूध पिला दिया और फिर उनको जल्दी सुला भी दे दिया। मैं अपने कमरे में उसका बहुत वेट कर रहा था। आखिर कार करीब करीब एक घंटे बाद सीमा चाची मेरे कमरे में आ गई। उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मेरे पास बेड पर आकर लेट गई।
"उफss ! मर गई दिनभर ये सब काम करके । "
मैने उसे हंसते हुए कहा,
"अब तुम शांत रहो मुझे काम करने दो। "
सीमा चाची ने ब्लू रंग की साड़ी और ब्लाऊज़ पहना था और पसीने से उसका वो ब्लाउज कंधे की जगह थोडासा भीग भी गया था। उसके पसीने की गंध मुझे और भी उत्तेजित करने लगी।
"जो करना है एक घंटे में कर लो। मुझे वापस ससुरजी के पास जाकर सोना है। वो उठ गए तो उनको फिरसे दूध पिलाना पड़ेगा। "
उसे अब इतनी ही जल्दी थी तो मैंने सोचा की अपना काम निपट लू । मै उसके पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मे बारी बारी से दबाने लगा। वो नाजुक स्तन छूतेही मेरी पैंट टाइट हो गई। सीमा चाची लंबी सांसे लेने लगी । एकदम से मैने उसके एक स्तन का निपल अपने दो उमलियों के बीच लेकर मसल दिया तो वो चीख पड़ी। वो हंसते हुए मेरी तरफ पलट गई और उसने उसका एक हाथ मेरे पैंट के अंदर डाल दिया और मेरे हथियार को सहलाने लगी। अब मुझे भी दर्द होने लगा। में अब जोर जोर से उसके मुम्मे दबाने लगा । थोड़ी देर ऐसाही चलता रहा । मैं अब थक रहा था यह देखकर सीमा चाची ने अचानक से मुझे अपने शरीर पर खीच लिया। मैं फिर से जोश में आ गया और उसके शरीर पर मेरा पूरा वजन डालकर उसके बदन को चूमने लगा। वो बहुत खुश हो गई और उसने अपना एक पाव मेरे पैरो के पीछे सरकाकर मुझे उसके शरीर पर रगड़ने को राजी कर लिया। अब मेरा हथियार बहुत देर तक सहन नही कर सकता था। मैने बेड पर थोड़ा नीचे खिसक कर उसकी पैंटी निकाल दी और फिर उसे जोर जोर से चोदने लगा। वो फिर से खुशी के मारे चीखने लगी तो मेरा जोश और बढ़ गया। मेरे मन में विचार आया कि अब चाचा भी कमरे में आ जाता तो भी में सीमा चाची को ऐसेही चोदता रह जाता । पर हमारे नसीब से कोई आया नही और में करीब करीब दस मिनट तक चाची को पेलता रहा। आखिर में मेरा पानी निकल आते ही सीमा चाची के मुंह से और एक चीख आ गई। थोड़ी देर बाद हम दोनो बहुत लंबी सांसे लेते हुए बेड पर कुछ समय तक खामोशी में पड़े रहे। मुझे बहुत नींद आ रही थी इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए मेरे उपर कंबल डाल दिया और अपने कपड़े ठीक करते हुए वो कमरे से बाहर चली गई। पर उसके नसीब में अभी भी नींद नहीं लिखी हुई थी। उसने मेन हॉल में आकर देखा तो उसके ससुरजी जाग चुके थे और अस्वस्थ होकर बहुत हलचल कर रहे थे। सीमा वापस उनके पास सो गई और उनको अपनी बाहों में लेकर उनको बच्चे की तरह सुलाने लगी। उसे पेलते समय राजुने दूध नहीं पिया था इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए उसके ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए और अपने ससुरजी के सर के ऊपर से पल्लू ओढ़कर वो उनको दूध पिलाने लगी। वो धीरे धीरे शांत हो गए।

दूसरे दिन सुबह मैं डॉक्टर के क्लिनिक पोहोच गया क्योंकि उसने मुझे क्लिनिक में मदद के लिए बुलाया था। मैंने पहिले ही नाश्ता कर लिया था। थोड़ी देर बाद वो बूढ़ा डॉक्टर अपनी बहु कविता के साथ आया और उसने क्लिनिक खोल दिया। मैं उन दोनो के साथ अंदर गया। कविता ने आज पिंक कलर की सलवार कमीज पहनी थी। मैने और कविता ने मिलके थोड़ी साफ सफाई कर दी । मरीज आने के लिए थोड़ा टाइम था इसलिए फिर कविता ने मरीजों के बेड पर बैठते हुए अपने ससुर को कहा,
"आपने नाश्ता करने के बाद दूध नहीं पिया । अब थोड़ा टाइम है तो पी लो चलो। "
डॉक्टर हंसते हुए उसके पास गया ,
"बहु हो तो ऐसी ! कितना खयाल रखती हो मेरा। "
कविता ने उस बूढ़े को अपनी गोद में सुला दिया और अपने कमीज के बटन खोल दिए । फिर वो मेरे सामने ही उसको अपना दूध पिलाने लगी। कविता ने बूढ़े का सर भी पल्लू से ढका नही था। मुझे ये सब देखने की अब आदत हों चुकी थीं इसलिए मैं उन दोनो को प्राइवेसी देने के लिए कमरे के बाहर आकर मरीजों का इंतजार करने लगा। कविता लगभग बीस मिनट डॉक्टर को दूध पिला रही थी। तबतक एक मरीज क्लिनिक में आ गया था । मैंने उसे थोड़ी देर वेट करने को कहा। कविता अपने कमीज के बटन लगाते हुए बाहर आ गई और उसने उस मरीज को अंदर आने को कहा।
मैं दोपहर तक क्लिनिक में काम करता रहा। उस दिन सिर्फ एक ही बूढ़ा मरीज आया । बाकी मरीज मध्यम वयस्क थे कुछ महिलाएं भी थी। डॉक्टर ने उस बूढ़े को इंजेक्शन दे दिया और फिर कविता को उसे बाजुके कमरे में दूध पिलाने को कहा । यह सुनकर वो बूढ़ा डर गया। उसे इंजेक्शन लेते समय तो कोई डर नहीं लगा था ! कविता ने मुझे भी उसके साथ कमरे में आने को कहा। मैं उस बूढ़े को लेकर कविता के पीछे उस कमरे में गया। कविता ने दरवाजा बंद कर दिया और नीचे बैठ गई । मैंने उस बूढ़े को उसकी गोद में सुला दिया। वो बूढ़ा शर्म के मारे कविता के गोद से उठने की कोशिश करने लगा पर कविता ने उसे जबरदस्ती लिटा के रखा।
"क्या बाबूजी ! दूध ही तो पीला रही हूं ना ? इंजेक्शन तो आपने सहजता से ले लिया। चलो अब दूध भी पी लो। "
कविता ने उस बूढ़े को एक हाथ से पकड़कर रखा और दूसरे हाथ से कमीज के बटन खोल दिए। फिर अपना एक भरा हुआ स्तन बाहर निकलकर वो इस बूढ़े को जबरदस्ती स्तनपान करने लगी। थोड़ी देर कविता से झूंझने के बाद वो बूढ़ा शांत हो गया और फिर अपने आप दूध पीने लगा। मैंने हंसते हुए उसे कहा ,
"उनको नहीं चाहिए तो मुझे पीला देती ना।"
कविताने जवाब दिया ,
"उनको दूध पीने की सक्त जरूरत है इसलिए जबरदस्ती पीला रही हूं राजू।"
दस मिनिट बाद एक स्तन खाली होने पर कविता ने उस बूढ़े को तुरंत अपना दूसरा स्तन पीने दिया। अब उसे पकड़कर रखने को कोई जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि वो किसी बच्चे को तरह पी रहा था।
बूढ़े को सारा दूध पिलाने के बाद कविता ने अपने कमीज के बटन लगा लिए और उस बूढ़े को अगले हफ्ते फिरसे क्लिनिक में आने को कहा। वो बूढ़ा खुश होकर चला गया।


 
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Aabhi123

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Update 16

उस रात चाचा अपने कमरे में सो गया । उसे लगा कि सीमा चाची हमेशा की तरह उसके पिताजी को दूध पिलाने मैन हॉल में सोने वाली है। पर उस रात सीमा चाची ने अपने ससुरजी को थोडासा ही दूध पिला दिया और फिर उनको जल्दी सुला भी दे दिया। मैं अपने कमरे में उसका बहुत वेट कर रहा था। आखिर कार करीब करीब एक घंटे बाद सीमा चाची मेरे कमरे में आ गई। उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मेरे पास बेड पर आकर लेट गई।
"उफss ! मर गई दिनभर ये सब काम करके । "
मैने उसे हंसते हुए कहा,
"अब तुम शांत रहो मुझे काम करने दो। "
सीमा चाची ने ब्लू रंग की साड़ी और ब्लाऊज़ पहना था और पसीने से उसका वो ब्लाउज कंधे की जगह थोडासा भीग भी गया था। उसके पसीने की गंध मुझे और भी उत्तेजित करने लगी।
"जो करना है एक घंटे में कर लो। मुझे वापस ससुरजी के पास जाकर सोना है। वो उठ गए तो उनको फिरसे दूध पिलाना पड़ेगा। "
उसे अब इतनी ही जल्दी थी तो मैंने सोचा की अपना काम निपट लू । मै उसके पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मे बारी बारी से दबाने लगा। वो नाजुक स्तन छूतेही मेरी पैंट टाइट हो गई। सीमा चाची लंबी सांसे लेने लगी । एकदम से मैने उसके एक स्तन का निपल अपने दो उमलियों के बीच लेकर मसल दिया तो वो चीख पड़ी। वो हंसते हुए मेरी तरफ पलट गई और उसने उसका एक हाथ मेरे पैंट के अंदर डाल दिया और मेरे हथियार को सहलाने लगी। अब मुझे भी दर्द होने लगा। में अब जोर जोर से उसके मुम्मे दबाने लगा । थोड़ी देर ऐसाही चलता रहा । मैं अब थक रहा था यह देखकर सीमा चाची ने अचानक से मुझे अपने शरीर पर खीच लिया। मैं फिर से जोश में आ गया और उसके शरीर पर मेरा पूरा वजन डालकर उसके बदन को चूमने लगा। वो बहुत खुश हो गई और उसने अपना एक पाव मेरे पैरो के पीछे सरकाकर मुझे उसके शरीर पर रगड़ने को राजी कर लिया। अब मेरा हथियार बहुत देर तक सहन नही कर सकता था। मैने बेड पर थोड़ा नीचे खिसक कर उसकी पैंटी निकाल दी और फिर उसे जोर जोर से चोदने लगा। वो फिर से खुशी के मारे चीखने लगी तो मेरा जोश और बढ़ गया। मेरे मन में विचार आया कि अब चाचा भी कमरे में आ जाता तो भी में सीमा चाची को ऐसेही चोदता रह जाता । पर हमारे नसीब से कोई आया नही और में करीब करीब दस मिनट तक चाची को पेलता रहा। आखिर में मेरा पानी निकल आते ही सीमा चाची के मुंह से और एक चीख आ गई। थोड़ी देर बाद हम दोनो बहुत लंबी सांसे लेते हुए बेड पर कुछ समय तक खामोशी में पड़े रहे। मुझे बहुत नींद आ रही थी इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए मेरे उपर कंबल डाल दिया और अपने कपड़े ठीक करते हुए वो कमरे से बाहर चली गई। पर उसके नसीब में अभी भी नींद नहीं लिखी हुई थी। उसने मेन हॉल में आकर देखा तो उसके ससुरजी जाग चुके थे और अस्वस्थ होकर बहुत हलचल कर रहे थे। सीमा वापस उनके पास सो गई और उनको अपनी बाहों में लेकर उनको बच्चे की तरह सुलाने लगी। उसे पेलते समय राजुने दूध नहीं पिया था इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए उसके ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए और अपने ससुरजी के सर के ऊपर से पल्लू ओढ़कर वो उनको दूध पिलाने लगी। वो धीरे धीरे शांत हो गए।
Super update bro… please give regular updatee
 

Manju143

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Update 16

उस रात चाचा अपने कमरे में सो गया । उसे लगा कि सीमा चाची हमेशा की तरह उसके पिताजी को दूध पिलाने मैन हॉल में सोने वाली है। पर उस रात सीमा चाची ने अपने ससुरजी को थोडासा ही दूध पिला दिया और फिर उनको जल्दी सुला भी दे दिया। मैं अपने कमरे में उसका बहुत वेट कर रहा था। आखिर कार करीब करीब एक घंटे बाद सीमा चाची मेरे कमरे में आ गई। उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मेरे पास बेड पर आकर लेट गई।
"उफss ! मर गई दिनभर ये सब काम करके । "
मैने उसे हंसते हुए कहा,
"अब तुम शांत रहो मुझे काम करने दो। "
सीमा चाची ने ब्लू रंग की साड़ी और ब्लाऊज़ पहना था और पसीने से उसका वो ब्लाउज कंधे की जगह थोडासा भीग भी गया था। उसके पसीने की गंध मुझे और भी उत्तेजित करने लगी।
"जो करना है एक घंटे में कर लो। मुझे वापस ससुरजी के पास जाकर सोना है। वो उठ गए तो उनको फिरसे दूध पिलाना पड़ेगा। "
उसे अब इतनी ही जल्दी थी तो मैंने सोचा की अपना काम निपट लू । मै उसके पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मे बारी बारी से दबाने लगा। वो नाजुक स्तन छूतेही मेरी पैंट टाइट हो गई। सीमा चाची लंबी सांसे लेने लगी । एकदम से मैने उसके एक स्तन का निपल अपने दो उमलियों के बीच लेकर मसल दिया तो वो चीख पड़ी। वो हंसते हुए मेरी तरफ पलट गई और उसने उसका एक हाथ मेरे पैंट के अंदर डाल दिया और मेरे हथियार को सहलाने लगी। अब मुझे भी दर्द होने लगा। में अब जोर जोर से उसके मुम्मे दबाने लगा । थोड़ी देर ऐसाही चलता रहा । मैं अब थक रहा था यह देखकर सीमा चाची ने अचानक से मुझे अपने शरीर पर खीच लिया। मैं फिर से जोश में आ गया और उसके शरीर पर मेरा पूरा वजन डालकर उसके बदन को चूमने लगा। वो बहुत खुश हो गई और उसने अपना एक पाव मेरे पैरो के पीछे सरकाकर मुझे उसके शरीर पर रगड़ने को राजी कर लिया। अब मेरा हथियार बहुत देर तक सहन नही कर सकता था। मैने बेड पर थोड़ा नीचे खिसक कर उसकी पैंटी निकाल दी और फिर उसे जोर जोर से चोदने लगा। वो फिर से खुशी के मारे चीखने लगी तो मेरा जोश और बढ़ गया। मेरे मन में विचार आया कि अब चाचा भी कमरे में आ जाता तो भी में सीमा चाची को ऐसेही चोदता रह जाता । पर हमारे नसीब से कोई आया नही और में करीब करीब दस मिनट तक चाची को पेलता रहा। आखिर में मेरा पानी निकल आते ही सीमा चाची के मुंह से और एक चीख आ गई। थोड़ी देर बाद हम दोनो बहुत लंबी सांसे लेते हुए बेड पर कुछ समय तक खामोशी में पड़े रहे। मुझे बहुत नींद आ रही थी इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए मेरे उपर कंबल डाल दिया और अपने कपड़े ठीक करते हुए वो कमरे से बाहर चली गई। पर उसके नसीब में अभी भी नींद नहीं लिखी हुई थी। उसने मेन हॉल में आकर देखा तो उसके ससुरजी जाग चुके थे और अस्वस्थ होकर बहुत हलचल कर रहे थे। सीमा वापस उनके पास सो गई और उनको अपनी बाहों में लेकर उनको बच्चे की तरह सुलाने लगी। उसे पेलते समय राजुने दूध नहीं पिया था इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए उसके ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए और अपने ससुरजी के सर के ऊपर से पल्लू ओढ़कर वो उनको दूध पिलाने लगी। वो धीरे धीरे शांत हो गए।

दूसरे दिन सुबह मैं डॉक्टर के क्लिनिक पोहोच गया क्योंकि उसने मुझे क्लिनिक में मदद के लिए बुलाया था। मैंने पहिले ही नाश्ता कर लिया था। थोड़ी देर बाद वो बूढ़ा डॉक्टर अपनी बहु कविता के साथ आया और उसने क्लिनिक खोल दिया। मैं उन दोनो के साथ अंदर गया। कविता ने आज पिंक कलर की सलवार कमीज पहनी थी। मैने और कविता ने मिलके थोड़ी साफ सफाई कर दी । मरीज आने के लिए थोड़ा टाइम था इसलिए फिर कविता ने मरीजों के बेड पर बैठते हुए अपने ससुर को कहा,
"आपने नाश्ता करने के बाद दूध नहीं पिया । अब थोड़ा टाइम है तो पी लो चलो। "
डॉक्टर हंसते हुए उसके पास गया ,
"बहु हो तो ऐसी ! कितना खयाल रखती हो मेरा। "
कविता ने उस बूढ़े को अपनी गोद में सुला दिया और अपने कमीज के बटन खोल दिए । फिर वो मेरे सामने ही उसको अपना दूध पिलाने लगी। कविता ने बूढ़े का सर भी पल्लू से ढका नही था। मुझे ये सब देखने की अब आदत हों चुकी थीं इसलिए मैं उन दोनो को प्राइवेसी देने के लिए कमरे के बाहर आकर मरीजों का इंतजार करने लगा। कविता लगभग बीस मिनट डॉक्टर को दूध पिला रही थी। तबतक एक मरीज क्लिनिक में आ गया था । मैंने उसे थोड़ी देर वेट करने को कहा। कविता अपने कमीज के बटन लगाते हुए बाहर आ गई और उसने उस मरीज को अंदर आने को कहा।
मैं दोपहर तक क्लिनिक में काम करता रहा। उस दिन सिर्फ एक ही बूढ़ा मरीज आया । बाकी मरीज मध्यम वयस्क थे कुछ महिलाएं भी थी। डॉक्टर ने उस बूढ़े को इंजेक्शन दे दिया और फिर कविता को उसे बाजुके कमरे में दूध पिलाने को कहा । यह सुनकर वो बूढ़ा डर गया। उसे इंजेक्शन लेते समय तो कोई डर नहीं लगा था ! कविता ने मुझे भी उसके साथ कमरे में आने को कहा। मैं उस बूढ़े को लेकर कविता के पीछे उस कमरे में गया। कविता ने दरवाजा बंद कर दिया और नीचे बैठ गई । मैंने उस बूढ़े को उसकी गोद में सुला दिया। वो बूढ़ा शर्म के मारे कविता के गोद से उठने की कोशिश करने लगा पर कविता ने उसे जबरदस्ती लिटा के रखा।
"क्या बाबूजी ! दूध ही तो पीला रही हूं ना ? इंजेक्शन तो आपने सहजता से ले लिया। चलो अब दूध भी पी लो। "
कविता ने उस बूढ़े को एक हाथ से पकड़कर रखा और दूसरे हाथ से कमीज के बटन खोल दिए। फिर अपना एक भरा हुआ स्तन बाहर निकलकर वो इस बूढ़े को जबरदस्ती स्तनपान करने लगी। थोड़ी देर कविता से झूंझने के बाद वो बूढ़ा शांत हो गया और फिर अपने आप दूध पीने लगा। मैंने हंसते हुए उसे कहा ,
"उनको नहीं चाहिए तो मुझे पीला देती ना।"
कविताने जवाब दिया ,
"उनको दूध पीने की सक्त जरूरत है इसलिए जबरदस्ती पीला रही हूं राजू।"
दस मिनिट बाद एक स्तन खाली होने पर कविता ने उस बूढ़े को तुरंत अपना दूसरा स्तन पीने दिया। अब उसे पकड़कर रखने को कोई जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि वो किसी बच्चे को तरह पी रहा था।

बूढ़े को सारा दूध पिलाने के बाद कविता ने अपने कमीज के बटन लगा लिए और उस बूढ़े को अगले हफ्ते फिरसे क्लिनिक में आने को कहा। वो बूढ़ा खुश होकर चला गया।


Nice Update 👍
 

Manju143

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Update 16

उस रात चाचा अपने कमरे में सो गया । उसे लगा कि सीमा चाची हमेशा की तरह उसके पिताजी को दूध पिलाने मैन हॉल में सोने वाली है। पर उस रात सीमा चाची ने अपने ससुरजी को थोडासा ही दूध पिला दिया और फिर उनको जल्दी सुला भी दे दिया। मैं अपने कमरे में उसका बहुत वेट कर रहा था। आखिर कार करीब करीब एक घंटे बाद सीमा चाची मेरे कमरे में आ गई। उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मेरे पास बेड पर आकर लेट गई।
"उफss ! मर गई दिनभर ये सब काम करके । "
मैने उसे हंसते हुए कहा,
"अब तुम शांत रहो मुझे काम करने दो। "
सीमा चाची ने ब्लू रंग की साड़ी और ब्लाऊज़ पहना था और पसीने से उसका वो ब्लाउज कंधे की जगह थोडासा भीग भी गया था। उसके पसीने की गंध मुझे और भी उत्तेजित करने लगी।
"जो करना है एक घंटे में कर लो। मुझे वापस ससुरजी के पास जाकर सोना है। वो उठ गए तो उनको फिरसे दूध पिलाना पड़ेगा। "
उसे अब इतनी ही जल्दी थी तो मैंने सोचा की अपना काम निपट लू । मै उसके पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मे बारी बारी से दबाने लगा। वो नाजुक स्तन छूतेही मेरी पैंट टाइट हो गई। सीमा चाची लंबी सांसे लेने लगी । एकदम से मैने उसके एक स्तन का निपल अपने दो उमलियों के बीच लेकर मसल दिया तो वो चीख पड़ी। वो हंसते हुए मेरी तरफ पलट गई और उसने उसका एक हाथ मेरे पैंट के अंदर डाल दिया और मेरे हथियार को सहलाने लगी। अब मुझे भी दर्द होने लगा। में अब जोर जोर से उसके मुम्मे दबाने लगा । थोड़ी देर ऐसाही चलता रहा । मैं अब थक रहा था यह देखकर सीमा चाची ने अचानक से मुझे अपने शरीर पर खीच लिया। मैं फिर से जोश में आ गया और उसके शरीर पर मेरा पूरा वजन डालकर उसके बदन को चूमने लगा। वो बहुत खुश हो गई और उसने अपना एक पाव मेरे पैरो के पीछे सरकाकर मुझे उसके शरीर पर रगड़ने को राजी कर लिया। अब मेरा हथियार बहुत देर तक सहन नही कर सकता था। मैने बेड पर थोड़ा नीचे खिसक कर उसकी पैंटी निकाल दी और फिर उसे जोर जोर से चोदने लगा। वो फिर से खुशी के मारे चीखने लगी तो मेरा जोश और बढ़ गया। मेरे मन में विचार आया कि अब चाचा भी कमरे में आ जाता तो भी में सीमा चाची को ऐसेही चोदता रह जाता । पर हमारे नसीब से कोई आया नही और में करीब करीब दस मिनट तक चाची को पेलता रहा। आखिर में मेरा पानी निकल आते ही सीमा चाची के मुंह से और एक चीख आ गई। थोड़ी देर बाद हम दोनो बहुत लंबी सांसे लेते हुए बेड पर कुछ समय तक खामोशी में पड़े रहे। मुझे बहुत नींद आ रही थी इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए मेरे उपर कंबल डाल दिया और अपने कपड़े ठीक करते हुए वो कमरे से बाहर चली गई। पर उसके नसीब में अभी भी नींद नहीं लिखी हुई थी। उसने मेन हॉल में आकर देखा तो उसके ससुरजी जाग चुके थे और अस्वस्थ होकर बहुत हलचल कर रहे थे। सीमा वापस उनके पास सो गई और उनको अपनी बाहों में लेकर उनको बच्चे की तरह सुलाने लगी। उसे पेलते समय राजुने दूध नहीं पिया था इसलिए सीमा चाची ने हंसते हुए उसके ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए और अपने ससुरजी के सर के ऊपर से पल्लू ओढ़कर वो उनको दूध पिलाने लगी। वो धीरे धीरे शांत हो गए।

दूसरे दिन सुबह मैं डॉक्टर के क्लिनिक पोहोच गया क्योंकि उसने मुझे क्लिनिक में मदद के लिए बुलाया था। मैंने पहिले ही नाश्ता कर लिया था। थोड़ी देर बाद वो बूढ़ा डॉक्टर अपनी बहु कविता के साथ आया और उसने क्लिनिक खोल दिया। मैं उन दोनो के साथ अंदर गया। कविता ने आज पिंक कलर की सलवार कमीज पहनी थी। मैने और कविता ने मिलके थोड़ी साफ सफाई कर दी । मरीज आने के लिए थोड़ा टाइम था इसलिए फिर कविता ने मरीजों के बेड पर बैठते हुए अपने ससुर को कहा,
"आपने नाश्ता करने के बाद दूध नहीं पिया । अब थोड़ा टाइम है तो पी लो चलो। "
डॉक्टर हंसते हुए उसके पास गया ,
"बहु हो तो ऐसी ! कितना खयाल रखती हो मेरा। "
कविता ने उस बूढ़े को अपनी गोद में सुला दिया और अपने कमीज के बटन खोल दिए । फिर वो मेरे सामने ही उसको अपना दूध पिलाने लगी। कविता ने बूढ़े का सर भी पल्लू से ढका नही था। मुझे ये सब देखने की अब आदत हों चुकी थीं इसलिए मैं उन दोनो को प्राइवेसी देने के लिए कमरे के बाहर आकर मरीजों का इंतजार करने लगा। कविता लगभग बीस मिनट डॉक्टर को दूध पिला रही थी। तबतक एक मरीज क्लिनिक में आ गया था । मैंने उसे थोड़ी देर वेट करने को कहा। कविता अपने कमीज के बटन लगाते हुए बाहर आ गई और उसने उस मरीज को अंदर आने को कहा।
मैं दोपहर तक क्लिनिक में काम करता रहा। उस दिन सिर्फ एक ही बूढ़ा मरीज आया । बाकी मरीज मध्यम वयस्क थे कुछ महिलाएं भी थी। डॉक्टर ने उस बूढ़े को इंजेक्शन दे दिया और फिर कविता को उसे बाजुके कमरे में दूध पिलाने को कहा । यह सुनकर वो बूढ़ा डर गया। उसे इंजेक्शन लेते समय तो कोई डर नहीं लगा था ! कविता ने मुझे भी उसके साथ कमरे में आने को कहा। मैं उस बूढ़े को लेकर कविता के पीछे उस कमरे में गया। कविता ने दरवाजा बंद कर दिया और नीचे बैठ गई । मैंने उस बूढ़े को उसकी गोद में सुला दिया। वो बूढ़ा शर्म के मारे कविता के गोद से उठने की कोशिश करने लगा पर कविता ने उसे जबरदस्ती लिटा के रखा।
"क्या बाबूजी ! दूध ही तो पीला रही हूं ना ? इंजेक्शन तो आपने सहजता से ले लिया। चलो अब दूध भी पी लो। "
कविता ने उस बूढ़े को एक हाथ से पकड़कर रखा और दूसरे हाथ से कमीज के बटन खोल दिए। फिर अपना एक भरा हुआ स्तन बाहर निकलकर वो इस बूढ़े को जबरदस्ती स्तनपान करने लगी। थोड़ी देर कविता से झूंझने के बाद वो बूढ़ा शांत हो गया और फिर अपने आप दूध पीने लगा। मैंने हंसते हुए उसे कहा ,
"उनको नहीं चाहिए तो मुझे पीला देती ना।"
कविताने जवाब दिया ,
"उनको दूध पीने की सक्त जरूरत है इसलिए जबरदस्ती पीला रही हूं राजू।"
दस मिनिट बाद एक स्तन खाली होने पर कविता ने उस बूढ़े को तुरंत अपना दूसरा स्तन पीने दिया। अब उसे पकड़कर रखने को कोई जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि वो किसी बच्चे को तरह पी रहा था।

बूढ़े को सारा दूध पिलाने के बाद कविता ने अपने कमीज के बटन लगा लिए और उस बूढ़े को अगले हफ्ते फिरसे क्लिनिक में आने को कहा। वो बूढ़ा खुश होकर चला गया।


It's an amazing story. Next Update Please
 
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