Update 6
सुबह हम सब नाश्ता कर रहे थे। वो बुढ़ा अभीतक उठा नही था। हमारा नाश्ता होने के थोड़ी देर बाद वो उठ गया। उसने बाहर जाकर मुँह धो लिया फिर रसोइघर में आ गया। सीमा चाची ने हमेशा की तरह उनके लिए सुप बनाया था। फिर वो उसको अपनी गोद मे सुलाकर चमच से सुप पिलाने लगी। सीमा चाची ने पहले ही नहा लिया था और आज पिली साड़ी और ब्लाऊज पहना था। बुढ़े की तबियत आज थोड़ी अच्छी लग रही थी। उसको सुप पिलाने के बाद चाची ने बाउल साइड में रख दिया और बुढ़े का मुँह पल्लू से पोछ लिया। चाचा काम पर जाने के लिए तैयार हो रहा रहा। बूढ़ा अब सीमा चाची के स्तनों को घूर रहा था इसलिए चाची ने उनको पुछा ,
"अंकल जी, क्या आपको दूध भी पीना है?"
बुढ़े ने डरते हुए कह दिया,
"तुम्हे कुछ परेशानी नही है तो पीला दो।"
चाची उस बुढ़े की असहजता पर हँस पड़ी,
"इसमें परेशानी कैसी अंकलजी?"
चाचा मुस्कुराते हुए काम पर चला गया। चाची ने आँचल के पीछे हाथ डालकर ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिये। फिर वो उस बुढ़े के सर के ऊपर से आँचल ओढक़र उसे स्तनपान करने लगी। सीमा चाची को दूध पिलाते वक्त बहुत सुख हो रहा था। उसने एक हाथ से आँचल के नीचे अपना स्तन बुढ़े के मुँह में पकड़ कर रखा था और वो उसे हल्के से दबा भी रही थी क्योंकि बुढ़ा बहुत ही धिरे धिरे पी रहा था। बुढ़े को सीमा चाची का पूरा दूध पीने के लिए लगभग 25 मिनिट लग गए। चाची ने फिर उसका मुँह पोछ दिया और उसे हॉल में जाकर आराम करने कहा।
दोपहर को खाना खाने के बाद हम तीनों हॉल में लेट रहे रहे। पहले सीमा चाची मेरे तरफ़ मुँह करके लेटी थी। थोड़ी देर बाद वो बुढ़े की तरफ पलट गयी और उसको करीब लेकर उसकी पीठ थपथपाने लगी। बुढ़े ने कहा,
"कितना खयाल रखती हो मेरा बेटी। इतना तो मेरे परिवार वालों ने भी नही रखा। मानो मेरी माँ बन गयी हो अब। "
यह सुनकर सीमा चाची को बहुत अच्छा लगा।
"आज से मैं तुझे मेरा बच्चा ही कहकर बुलाऊँगी।" यह बोलते हुए सीमा चाचीने तुरंत अपने ब्लाऊज के कुछ बटन खोल दिये और उस बुढ़े का सर ढकते हुए उसे अपना दूध पिलाने लगी।
"सारा दूध पी जा मेरे बच्चे ।"
20 मिनट तक वो बुढ़ा स्तनपान कर रहा था। उस बुढ़े का दूध पीकर होते ही सीमा चाची ने अपने ब्लाऊज के बटन लगा लिए । फिर सीमा चाची उस बुढ़े को अपनी बाहों में लेकर सो गयी।
रात में हम सब खाना खा रहे थे तब चाचा ने उस बुढ़े की तबियत पूछी,
"अच्छा लग रहा है ना अब?"
बुढ़े ने हँसते हुए कहा,
"हा भाँजे। तेरी बीवी के कारण मेरी तबियत अब बहुत सुधर गयी है।"
सीमा चाची,
"इतनी भी नही सुधरी । आपको दूध पिलाना ही पड़ेगा।"
"पर तुम राजू को भी पिलाया करो। उसका पहला हक बनता है।"
"ठीक है अंकल जी।"
थोड़ी देर बाद हम सब सोने लगे। मैं और बूढ़ा जमीन पर बिस्तर पे सो गए और सीमा चाची हम दोनों के बीच सो गयी। उसने थोड़ी देर पहले मैक्सी पहन ली थी। चाचा लाइट बंद करके कॉट पर सो गया। थोड़ी ही देर बाद चाची ने मुझे करीब लिया और मैक्सी के बटन खोलकर मुझे वो स्तनपान करने लगी। बहुत दिनों बाद दूध पीने को मिला था इसलिए मैं आराम से मजे लेते हुए पी रहा था। चाची भी खुश लग रही थी। मैंने अपना एक हाथ उसके ऊपर रख दिया । उसने भी उसका हाथ मेरे ऊपर रख दिया। थोड़ी देर बाद एक स्तन खाली होने के बाद वो मुझे दूसरे स्तन पर पिलाने लगी। मैंने उसका पूरा दूध पी लिया तब आधा घण्टा बीत चुका था। चाची ने देखा कि वो बूढ़ा भी गहरी नींद सो गया था फिर भी वो उसकी तरफ मुँह करके सो गई । उसने अपने मैक्सी के बटन खुले ही रख दिये और उस बूढ़े को अपनी बाहों में लेकर सो गयी।
सुबह से बहुत पहिले यानी के 5 बजे उस बुढ़े की नींद खुली तो उसने पाया कि उसके सामने ही सीमा चाची के स्तन मैक्सी के बाहर ही थे। उसके मुँह में पानी आ गया । उसने देखा कि सीमा चाची की नींद भी खुल रही है तो उसने उससे पुछा,
"बेटी दूध पी जाऊ तो बुरा तो नही कहोगी ?"
चाची आधी नींद में थी फिर भी उसने हँसते हुए कहा ,
"पी जा बच्चे। "
बुढ़े ने बिना समय बिताए उसका एक स्तन मुँह में लिया और धीरे धीरे दूध पीने लगा। चाची ने बुढ़े के पीठ पर हाथ रखा और थपथपाने लगी। बुढ़ा लगातार 10 मिनिट सीमा चाची का स्तन चूसता रहा । फिर उस स्तन को खाली करने के बाद उसने मेरे चाची का दूसरा स्तन चूसना शुरू किया। सीमा चाची अब पूरी जाग गयी थी और बुढ़े को अपना दूध पीते देख रही थी। उसने दो उंगलियों से वो स्तन बुढ़े के मुँह में पकड़ कर रखा । अब बुढ़ा बहुत धीरे धीरे पिने लगा इसलिए चाची ने उनको प्यार से कहा,
"अब थोड़ा ही बचा है दूदू । आराम से पी लो बच्चे मेरे बच्चे। "
थोड़ी ही देर के उसका सारा दूध खतम हो गया और चाची ने उसके मैक्सी के बटन लगा लिए। अब 7 बजने को 20 मिनिट रह गए थे इसलिए सीमा चाची ने उस बुढ़े को अपनी बाहों में लेकर थोड़ी देर सुला दिया।
2 घँटे बाद हम रसोइघर में नाश्ता कर रहे थे। सब ने नहा लिया था। बुढ़े ने सफेद शर्ट और धोती पहनी थी। सीमा चाची ने सफेद ब्लाउज और लाल साड़ी पहनी थी। नाश्ता होते ही चाचा काम पर चला गया। बुढ़े ने भी नाश्ता करके होते ही सीमा चाची को कहा,
"अब मुझे दूदू पीना है । "
सीमा चाची हँस पड़ी और उसने खाली प्लेट साइड में रख दी,
" तो फिर आ मेरे बच्चे। देर किस बात की? "
वो बूढ़ा तुरंत सीमा चाची के गोद मे लेट गया। चाची ने तुरंत उस बुढ़े के सर के ऊपर से पल्लू ओढ़ लिया । फिर वो उसको किसी बच्चे की तरह अपना दूध पिलाने लगी। बुढ़ा स्तन चूसते वक्त बहुत आवाज कर रहा था। सीमा चाची को भी दर्द हो रहा था। पर उसे इतने बुढ़े आदमी को स्तनपान करने का मजा भी आ रहा था। वो उसे लगभग 20 मिनिट पिला रही थी।
दोपहर को बूढ़ा खाना खाँ कर जल्दी सो गया। थोड़ी देर बाद मैं सीमा चाची के साथ उसके कमरे में सो रहा था। मैं उसकी तरफ पलट गया और वो मुझे पीठ पर हाथ थपथपाकर सुलाने लगी। मेरा मुँह उसके स्तनों के काफी करीब था और उसका एक भरा हुआ मुम्मा पल्लू के बाहर ही था। मुझे रहा नही गया और मैं उसे मुँह में लेकर ब्लाऊज के ऊपर से ही चूसने लगा। सीमा चाची मेरी हरकत देखकर खुश हो गयी। थोड़ी देर तक वो मेरा मजा देख रही थी। फिर ब्लाऊज के बटन खोलकर वो मुझे दूध पिलाने लगी।