Super broUpdate 14
सुबह तय किए हुए समय पर सीमा चाची ने बुलाया हुआ आदमी हमारे घर आया। सीमा चाची ने उसका स्वागत किया और थोड़ी देर हॉल में बैठने को कहा। गांव का होने के कारण उसे हमारे घर के सब लोग पहचानते थे। मेरे चाचा और दादाजी थोड़ी देर उससे बाते कर रहे थे। उनका नाम नीरज था और वो लगभग मेरे पिताजी के उम्र के ही थे इसलिए मैं उन्हें अंकल कहके पुकारता था।
थोडी देर बाद सीमा चाची हॉल मे आयी । सोफे के पास वो जमीन पर बैठ गई और अंकल को कहा,
"नीरज जी । चलो आओ । "
नीरज अंकल सोफे से उठकर उसके पास गए और सीमा चाची ने उन्हें अपनी गोद में लिटा दिया। चाची ने आज पीले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था। गेम में उनकी आंखों पर पट्टी थी इसलिए वो आज पहली बार ही सीमा चाची के मुम्मों को इतने करीब से देख रहे थे। इतने बड़े स्तन नजदीक से देखने पर उनके मुँह में से लाल टपकने लगी। मेरे दादाजी और चाचा सोफे पर बैठे हुए ये सब देख रहे थे।
चाची ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाउज के ऊपरी कुछ बटन खोल दिए । फिर नीरज अंकल का सर ढकते हुए वो उनको अपना दूध पिलाने लगी।
"आsss..." उसने अपने ओठ चबा डाले।
"क्या हुआ बहु?" , मेरे दादाजी ने उसे पुछा।
"कुछ नही। नीरज जी कुछ ज्यादा ही भूखे है ऐसा लग रहा है। देखो कितने जोर जोर से चूस रहे है। "
"आss ! आssss.."
पर उसने यह सब उसका पूरा दूध खत्म होने तक सहन कर लिया। फिर सीमा चाची ने नीरज अंकल का मुँह पोछ दिया और अपना ब्लाउज और पल्लू ठीक कर लिया। नीरज अंकल ने उसे धन्यवाद दिया और फिर वो अपने घर निकल गए।
सीमा चाची ने सोचा कि क्यू नही डॉक्टर के क्लिनिक में जाकर कुछ बूढ़े मरीजो की सेवा की जाए। उसे पता था कि उनकी बहू कविता सब बूढ़े मरीजों को थोड़ी देर दूध पिलाती थी। सीमा चाची को भी फिर कुछ आदमियों को पिलाने का अवसर मिल जाता। वो शाम को राजू को साथ लेकर क्लिनिक में पहुँची। तब डॉक्टर अपनी बहू के साथ उनके आखिरी मरीज को चेक कर रहे थे। सीमा चाची राजू के साथ वेटिंग रूम में बैठ गयी। थोड़ी देर बाद डॉक्टर और कविता उस बूढ़े मरीज के साथ केबिन से बाहर आ गयी। बूढ़े के साथ उसकी बूढ़ी पत्नी भी थी। डॉक्टर ने कहा ,
"यह आज का आखिरी पेशंट था। कविता उसे दूध पिलाएगी और फिर वो आज के लिए क्लिनिक बंद करके घर जाएंगे। "
कविता हँसते हुए उस बूढ़े का हाथ पकड़कर उसे एक कमरे में ले गई । उसकी पत्नी भी उनके पीछे चल रही थी। डॉक्टर ने सीमा से पूछा ,
"अगर कोई बूढा नही आता तो कविता मुझे पिलाने वाली थी। अब तो मुझे ऐसेही घर जाना पड़ेगा। "
वो बाहर बैठने जा रहे थे पर सीमा चाची ने उन्हें रोक लिया ,
"मैं पिलाती हूँ आपको। आपने मेरे दूध पिया नही है ना अभीतक। "
"सचमुच सिमा ?"
"हा तो । अब चलो। "
सीमा चाची उन्हें कमरे में लेकर गयी। राजू भी उन दोनों के साथ गया।
कविता ने जमीन पर फैलाये हुए बेड पर बैठकर उस बूढ़े को अपनी गोद मे लिटा दिया। उसने आज व्हाइट टी शर्ट और जीन्स पहनी थी। बूढ़े की पत्नी पास ही बैठ कर उन दोनों को देख रही थी। कविता ने बूढ़े को कहा,
"घबराना मत चाचा जी। आज तो आपको बहुत देर दूध पीने का अवसर है। आप ही बूढ़े थे आज। "
उस बूढ़े की पत्नी ने भी कहा,
"आप कितने भाग्यशाली हो । "
कविता ने हँसते हुए अपना टी शर्ट एक साइड से ऊपर उठा लिया और फिर अंदर का ब्रा भी एक साइड से उठाकर वो उस बूढ़े को स्तनपान करने लगी। वो बूढ़ा लपक लपककर उसका दूध पीने लगा। कविता को इसकी अब आदत पड़ गयी थी। उसने अपना स्तन उस बूढ़े के मुँह में अच्छी तरीके से पकड़ कर रखा था।
सीमा चाची भी उसके सामने वाली बेड पर बैठ गयी और थोड़ी ही देर में डॉक्टर को अपना दूध पिलाने लगी। वो भी बड़े जोर जोर से पी रहा था।
fantastic updateMera naam raju hai. me ab 18 saal ka hu. me apne chacha aur chachi ke sath gaon me rahta hu. mere pitaji shahar me kam karte hai. vo ab 62 saal ke hai. meri seema chachi bahut hi sexy hai. unki umar ab 31 saal hai. unke dono mumme dudh se bhare hue rahte hai. vo shayad chacha ko raat me apna dudh pilati hai. kyoki maine kabhi kabhi subah usko apne blouse ke button lagate huye dekha hai. maine ghar me chacha na hone par use ek bar puccha tha. tab usne haste huye bola tha, "nadan mat bano raju. " fir kuchh din baad usne maan liya ki vo unko dudh pilati hai. par usne mujhe kisiko kahne ko nahi bola. me to ab uska dudh pine ke sapne dekhne lagaa.
Kucch din bad me chachi ke sath uske mayke gaya tha. chachi ki ma akeli ghar me rahti thi. sham ko hum sab tv dekh rahe the tab chachi ne mujhe apne god me sulaya tha. uske bhare huye mumme ko karib se dekh kar mere muh se toh lal tapak rahi thi. chachi ka ek mumma toh pallu ke bahar hi tha. chachi toh tv dekhne me dang thi. thodi der bad mujhe rahaa nahi gaya aur maine chachi ko kaha, " chachi, mujhe dudh pilao na. " chachi ne niche meri taraf dekh ke bola, "he ram! ye kya bol rahe ho raju ? tum ab bachche thodi na ho dudh pine ko? " maine kaha , "to aap chacha ko kaise pilati ho? " chachi boli , "unki bat alag hai. " usne dadi ko kaha, " ab tum hi samjhao raju ko. " dadi hasate huye boli , "dudh hi pina chahta hai na raju. to usko pila do na. dudh bahut sehatmand hota hai. " chachi ne kaha, "thik hai. ab tum kah rahi ho isliye pila rahi hu raju ko. " chachi ne apne blouse ke nichle button khol diye. usne ek hath se mera sar apne mumme ke pas rakh diya. chachi boli , " aram se piyo ha dudh. " fir usne blouse ek baju se upar kar ke apna mumma mere muh me de diya. me uske aerola ko puri tarah se muh me lekar use bachche ki tarah chusne lagaa. uska dudh to bahut hi mitha tha. chachi ne ek hath se uska mumma mere muh me daba kar rakha tha. vo bich bich me mujhe protsahan bhi kar rahi thi. dadi haste huye boli, "dekh kaise bachche ki tarah dudh pi rahaa hai. " chachi mujhe pure ek ghante tak dudh pila rahi thi. mujhe pilane ke bad usne apne blouse ke button fir se lagaa liye aur apna pallu bhi thik kar liya. chachi haste huye boli , "kisiko batana nahi ki tujhe me dudh pilati hu. nahi to log tumhe hi hasenge. " maine kaha, "thik hai. kisiko nahi kahunga."
अगले भाग में दिखाओUpdate 14
सुबह तय किए हुए समय पर सीमा चाची ने बुलाया हुआ आदमी हमारे घर आया। सीमा चाची ने उसका स्वागत किया और थोड़ी देर हॉल में बैठने को कहा। गांव का होने के कारण उसे हमारे घर के सब लोग पहचानते थे। मेरे चाचा और दादाजी थोड़ी देर उससे बाते कर रहे थे। उनका नाम नीरज था और वो लगभग मेरे पिताजी के उम्र के ही थे इसलिए मैं उन्हें अंकल कहके पुकारता था।
थोडी देर बाद सीमा चाची हॉल मे आयी । सोफे के पास वो जमीन पर बैठ गई और अंकल को कहा,
"नीरज जी । चलो आओ । "
नीरज अंकल सोफे से उठकर उसके पास गए और सीमा चाची ने उन्हें अपनी गोद में लिटा दिया। चाची ने आज पीले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था। गेम में उनकी आंखों पर पट्टी थी इसलिए वो आज पहली बार ही सीमा चाची के मुम्मों को इतने करीब से देख रहे थे। इतने बड़े स्तन नजदीक से देखने पर उनके मुँह में से लाल टपकने लगी। मेरे दादाजी और चाचा सोफे पर बैठे हुए ये सब देख रहे थे।
चाची ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाउज के ऊपरी कुछ बटन खोल दिए । फिर नीरज अंकल का सर ढकते हुए वो उनको अपना दूध पिलाने लगी।
"आsss..." उसने अपने ओठ चबा डाले।
"क्या हुआ बहु?" , मेरे दादाजी ने उसे पुछा।
"कुछ नही। नीरज जी कुछ ज्यादा ही भूखे है ऐसा लग रहा है। देखो कितने जोर जोर से चूस रहे है। "
"आss ! आssss.."
पर उसने यह सब उसका पूरा दूध खत्म होने तक सहन कर लिया। फिर सीमा चाची ने नीरज अंकल का मुँह पोछ दिया और अपना ब्लाउज और पल्लू ठीक कर लिया। नीरज अंकल ने उसे धन्यवाद दिया और फिर वो अपने घर निकल गए।
सीमा चाची ने सोचा कि क्यू नही डॉक्टर के क्लिनिक में जाकर कुछ बूढ़े मरीजो की सेवा की जाए। उसे पता था कि उनकी बहू कविता सब बूढ़े मरीजों को थोड़ी देर दूध पिलाती थी। सीमा चाची को भी फिर कुछ आदमियों को पिलाने का अवसर मिल जाता। वो शाम को राजू को साथ लेकर क्लिनिक में पहुँची। तब डॉक्टर अपनी बहू के साथ उनके आखिरी मरीज को चेक कर रहे थे। सीमा चाची राजू के साथ वेटिंग रूम में बैठ गयी। थोड़ी देर बाद डॉक्टर और कविता उस बूढ़े मरीज के साथ केबिन से बाहर आ गयी। बूढ़े के साथ उसकी बूढ़ी पत्नी भी थी। डॉक्टर ने कहा ,
"यह आज का आखिरी पेशंट था। कविता उसे दूध पिलाएगी और फिर वो आज के लिए क्लिनिक बंद करके घर जाएंगे। "
कविता हँसते हुए उस बूढ़े का हाथ पकड़कर उसे एक कमरे में ले गई । उसकी पत्नी भी उनके पीछे चल रही थी। डॉक्टर ने सीमा से पूछा ,
"अगर कोई बूढा नही आता तो कविता मुझे पिलाने वाली थी। अब तो मुझे ऐसेही घर जाना पड़ेगा। "
वो बाहर बैठने जा रहे थे पर सीमा चाची ने उन्हें रोक लिया ,
"मैं पिलाती हूँ आपको। आपने मेरे दूध पिया नही है ना अभीतक। "
"सचमुच सिमा ?"
"हा तो । अब चलो। "
सीमा चाची उन्हें कमरे में लेकर गयी। राजू भी उन दोनों के साथ गया।
कविता ने जमीन पर फैलाये हुए बेड पर बैठकर उस बूढ़े को अपनी गोद मे लिटा दिया। उसने आज व्हाइट टी शर्ट और जीन्स पहनी थी। बूढ़े की पत्नी पास ही बैठ कर उन दोनों को देख रही थी। कविता ने बूढ़े को कहा,
"घबराना मत चाचा जी। आज तो आपको बहुत देर दूध पीने का अवसर है। आप ही बूढ़े थे आज। "
उस बूढ़े की पत्नी ने भी कहा,
"आप कितने भाग्यशाली हो । "
कविता ने हँसते हुए अपना टी शर्ट एक साइड से ऊपर उठा लिया और फिर अंदर का ब्रा भी एक साइड से उठाकर वो उस बूढ़े को स्तनपान करने लगी। वो बूढ़ा लपक लपककर उसका दूध पीने लगा। कविता को इसकी अब आदत पड़ गयी थी। उसने अपना स्तन उस बूढ़े के मुँह में अच्छी तरीके से पकड़ कर रखा था।
सीमा चाची भी उसके सामने वाली बेड पर बैठ गयी और थोड़ी ही देर में डॉक्टर को अपना दूध पिलाने लगी। वो भी बड़े जोर जोर से पी रहा था।
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सुबह तय किए हुए समय पर सीमा चाची ने बुलाया हुआ आदमी हमारे घर आया। सीमा चाची ने उसका स्वागत किया और थोड़ी देर हॉल में बैठने को कहा। गांव का होने के कारण उसे हमारे घर के सब लोग पहचानते थे। मेरे चाचा और दादाजी थोड़ी देर उससे बाते कर रहे थे। उनका नाम नीरज था और वो लगभग मेरे पिताजी के उम्र के ही थे इसलिए मैं उन्हें अंकल कहके पुकारता था।
थोडी देर बाद सीमा चाची हॉल मे आयी । सोफे के पास वो जमीन पर बैठ गई और अंकल को कहा,
"नीरज जी । चलो आओ । "
नीरज अंकल सोफे से उठकर उसके पास गए और सीमा चाची ने उन्हें अपनी गोद में लिटा दिया। चाची ने आज पीले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था। गेम में उनकी आंखों पर पट्टी थी इसलिए वो आज पहली बार ही सीमा चाची के मुम्मों को इतने करीब से देख रहे थे। इतने बड़े स्तन नजदीक से देखने पर उनके मुँह में से लाल टपकने लगी। मेरे दादाजी और चाचा सोफे पर बैठे हुए ये सब देख रहे थे।
चाची ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाउज के ऊपरी कुछ बटन खोल दिए । फिर नीरज अंकल का सर ढकते हुए वो उनको अपना दूध पिलाने लगी।
"आsss..." उसने अपने ओठ चबा डाले।
"क्या हुआ बहु?" , मेरे दादाजी ने उसे पुछा।
"कुछ नही। नीरज जी कुछ ज्यादा ही भूखे है ऐसा लग रहा है। देखो कितने जोर जोर से चूस रहे है। "
"आss ! आssss.."
पर उसने यह सब उसका पूरा दूध खत्म होने तक सहन कर लिया। फिर सीमा चाची ने नीरज अंकल का मुँह पोछ दिया और अपना ब्लाउज और पल्लू ठीक कर लिया। नीरज अंकल ने उसे धन्यवाद दिया और फिर वो अपने घर निकल गए।
सीमा चाची ने सोचा कि क्यू नही डॉक्टर के क्लिनिक में जाकर कुछ बूढ़े मरीजो की सेवा की जाए। उसे पता था कि उनकी बहू कविता सब बूढ़े मरीजों को थोड़ी देर दूध पिलाती थी। सीमा चाची को भी फिर कुछ आदमियों को पिलाने का अवसर मिल जाता। वो शाम को राजू को साथ लेकर क्लिनिक में पहुँची। तब डॉक्टर अपनी बहू के साथ उनके आखिरी मरीज को चेक कर रहे थे। सीमा चाची राजू के साथ वेटिंग रूम में बैठ गयी। थोड़ी देर बाद डॉक्टर और कविता उस बूढ़े मरीज के साथ केबिन से बाहर आ गयी। बूढ़े के साथ उसकी बूढ़ी पत्नी भी थी। डॉक्टर ने कहा ,
"यह आज का आखिरी पेशंट था। कविता उसे दूध पिलाएगी और फिर वो आज के लिए क्लिनिक बंद करके घर जाएंगे। "
कविता हँसते हुए उस बूढ़े का हाथ पकड़कर उसे एक कमरे में ले गई । उसकी पत्नी भी उनके पीछे चल रही थी। डॉक्टर ने सीमा से पूछा ,
"अगर कोई बूढा नही आता तो कविता मुझे पिलाने वाली थी। अब तो मुझे ऐसेही घर जाना पड़ेगा। "
वो बाहर बैठने जा रहे थे पर सीमा चाची ने उन्हें रोक लिया ,
"मैं पिलाती हूँ आपको। आपने मेरे दूध पिया नही है ना अभीतक। "
"सचमुच सिमा ?"
"हा तो । अब चलो। "
सीमा चाची उन्हें कमरे में लेकर गयी। राजू भी उन दोनों के साथ गया।
कविता ने जमीन पर फैलाये हुए बेड पर बैठकर उस बूढ़े को अपनी गोद मे लिटा दिया। उसने आज व्हाइट टी शर्ट और जीन्स पहनी थी। बूढ़े की पत्नी पास ही बैठ कर उन दोनों को देख रही थी। कविता ने बूढ़े को कहा,
"घबराना मत चाचा जी। आज तो आपको बहुत देर दूध पीने का अवसर है। आप ही बूढ़े थे आज। "
उस बूढ़े की पत्नी ने भी कहा,
"आप कितने भाग्यशाली हो । "
कविता ने हँसते हुए अपना टी शर्ट एक साइड से ऊपर उठा लिया और फिर अंदर का ब्रा भी एक साइड से उठाकर वो उस बूढ़े को स्तनपान करने लगी। वो बूढ़ा लपक लपककर उसका दूध पीने लगा। कविता को इसकी अब आदत पड़ गयी थी। उसने अपना स्तन उस बूढ़े के मुँह में अच्छी तरीके से पकड़ कर रखा था।
सीमा चाची भी उसके सामने वाली बेड पर बैठ गयी और थोड़ी ही देर में डॉक्टर को अपना दूध पिलाने लगी। वो भी बड़े जोर जोर से पी रहा था।