Manju143
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Superb....Meri kahani kaise lagi vo batao
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Update 11 शाम को में घर आया। थोडी देर बाद मैंने दादाजी और सीमा चाची के साथ नाश्ता किया। फिर जब हम सब हॉल में टीव्ही देखने गए तब मैंने सीमा चाची से जिद की की मुझे थोड़ी देर के लिए न सही पर स्तनपान करे। दादाजी ने इसमें कोई ऐतराज नही जताया तो सीमा चाची ने मुझे उसकी गोद मे लिटा दिया। दादाजी को दूध पिला पिला कर उसके मुम्मे बहुत बढ़ गए थे। घर का दरवाजा खुला ही था पर उसकी हम सबको कोई भी परवाह नही थी। सीमा चाची ने अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोलते हुए मुझे कहा, "थोड़ी ही देर पीना , ठीक है? ससुरजी को बाकी सब पीने दो। उनको उसकी बहुत जरूरत है अभी।" "हा चाची । मुझे भी उनके सेहत की परवाह है। " सीमा चाची ने हँसते हुए मेरे सर के ऊपर से अपना पल्लू ओढ़ लिया और मुझे अपना दूध पिलाने लगी। मैंने बहुत दिनों से चाची का दूध पिया नही था इसलिए अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि ऐसेही दिन भर उसका दूध पीता रहू बस ! मेरे दादाजी कितने नसीब वाले थे ये मुझे अब पता चला ! पांच मिनिट बाद सीमा चाची ने मेरे मुंह से अपना मुम्मा निकाल लिया और मुझे बोली, "माफ करना हा राजू। अब ससुरजी को पीने दो।" मैं मुस्कुराते हुए उसकी गोदपर से उठ गया और सोफे पर बैठ गया। थोड़ीही देर बाद मेरे दादाजी उनके बहु की गोद मे सो गए। "मुझे बिलकुल किसी बच्चे की तरह दूध पिलाना। " सीमा चाची हँसते हुए बोली, "हा ससुरजी। आपको बचपन की याद दिला दूँगी। आप निश्चिंत होकर दूध पीओ अब।" पल्लू के अंदर उसके ब्लाउज के बटन अभी भी खुले हुए थे। उसने मुस्कुराते हुए ही उनके सर के ऊपर से अपना पल्लू ओढ़ लिया और उनको अपना दूध पिलाने लगी। वो टीव्ही भी देख रही थी पर उसका उसपर इतना ध्यान नही था। दादाजी बहुत ही धीरे धीरे दूध पीते थे इसलिए सीमा चाची उनको बहुत देर तक स्तनपान कर रही थी। रात को सुमती चाची उसके ससुरजी के साथ हमारे घर आयी । वो दोनो आज यही खाना खाने वाले थे और सोने वाले थे। सुमती चाची पहलेसे ही एक सफेद रंग की मैक्सी पहनकर आयी थी। खाना खाने से पहले सीमा चाचीने भी साड़ी बदलकर एक हरे रंग की मैक्सी पहन ली। थोड़ी देर बाद सबने खाना खा लिया। एक घन्टा टीव्ही देखने के पश्चात हम सब सोने लगे। चाचा एक कोने में खाट पर सो गया। जबकि दोनो भी चाचियों के ससुरजी उनके ही पास सोने वाले थे तो मुझे दूध पीने का आज मौका ही नही मिलने वाला था। इसलिए मैं अकेला ही सोफे पर सो गया। सुमती चाची ने बत्ती बंद कर दी और अपने ससुरजी के पास आकर सो गई। अपने ससुरजी के कहने पर सीमा चाची ने बत्ती बंद होने से पहिले ही मैक्सी के बटन खोलकर उनको स्तनपान करना शुरू किया था। वो अब बहुत ही धीरे धीरे पी रहे थे, बीच बीच मे रुक रहे थे फिर वापस थोड़ी देर दूध पी रहे थे। उनका यह अंदाज सीमा चाची को बहुत ही पसंद था। सुमती चाची के ससुर हालही में दूध पीने लगे थे इसलिए उसे उनको पिलाना थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा था। फिर भी थोड़ी ही देर बाद वो भी मैक्सी का झिपर नीचे सरकाकर उनको अपना दूध पिलाने लगी। जबकि उसके ससुर को दूध पीने का कोई अनुभव नही था इसलिए वो थोड़ा जोर जोर से सुमती चाची का भरा हुआ मुम्मा चूस रहे थे। इससे सुमती चाची को थोड़ी परेशानी हो रही थी पर उसने मन मे कहा की कुछ दिनों में ससुरजी को दूध पीने की आदत लग जायेगी और उनको ढंग से पीना भी आएगा। दर्द होने पर भी सुमती चाची बहुत खुश थी। सुबह नाश्ता करने के बाद सीमा चाची और सुमती चाची ने मजाक मजाक में तय किया कि आज वो एक दूसरे के ससुर को दूध पिलायेगी। इसलिए सिमा चाची और सुमती चाची रसोईघर में बैठ गयी। सीमा चाची ने सुमती चाची के ससुर को अपनी गोद मे लिटा दिया और उसके सामने ही सुमती चाची सीमा चाची के ससुर को अपनी गोद मे सुलाकर बैठ गई। चाचा काम पर चला गया। मैं रसोईघर में ही था पर दोनों ही चाचीयों ने मुझपर इतना ध्यान नही दिया। सीमा चाची ने अपना पल्लू पूरा हटा दिया और ब्लाउज के सब बटन खोलकर को पूरा भी उतार दिया। उसने हमेशा की तरह सफेद कलर का नर्सिंग ब्रा पहना था। सुमती चाची भी कहा पिछे रहनी वाली थी ! उसने भी पल्लू हटाकर अपना ब्लाउज उतार दिया। पर उसने सीमा चाची की तरह नर्सिंग ब्रा नही पहना था । उसने एक ब्लैक ब्रा पहना था। दोनो भी बूढ़े अब बहुत तड़फने लगे थे। इसलिए बिना वक्त गुजारे दोनो भी चाचीयां उन बूढ़ो को स्तनपान करने लगी। ये नजारा देखकर मेरा लंड खड़ा का खड़ा ही हो गया। सुमती के ससुरजी जोर जोर से दूध पी रहे थे पर सीमा चाची को इसकी आदत थी और को अपनी आँखें बंद करकर उनको स्तनपान करने का आनंद ले रही थी। सीमा चाची के ससुर हमेशा की तरह बहुत धीरे धीरे पी रहे थे इसलिए सुमती चाची खुश थी किउंकि वो अब उनको बहुत देर तक जो दूध पिलाने वाली थी ! दोनों चाचीया बिना बात किये बहुत देर तक उन बूढ़ो को दूध पिला रही थी।
Update 11 शाम को में घर आया। थोडी देर बाद मैंने दादाजी और सीमा चाची के साथ नाश्ता किया। फिर जब हम सब हॉल में टीव्ही देखने गए तब मैंने सीमा चाची से जिद की की मुझे थोड़ी देर के लिए न सही पर स्तनपान करे। दादाजी ने इसमें कोई ऐतराज नही जताया तो सीमा चाची ने मुझे उसकी गोद मे लिटा दिया। दादाजी को दूध पिला पिला कर उसके मुम्मे बहुत बढ़ गए थे। घर का दरवाजा खुला ही था पर उसकी हम सबको कोई भी परवाह नही थी। सीमा चाची ने अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोलते हुए मुझे कहा, "थोड़ी ही देर पीना , ठीक है? ससुरजी को बाकी सब पीने दो। उनको उसकी बहुत जरूरत है अभी।" "हा चाची । मुझे भी उनके सेहत की परवाह है। " सीमा चाची ने हँसते हुए मेरे सर के ऊपर से अपना पल्लू ओढ़ लिया और मुझे अपना दूध पिलाने लगी। मैंने बहुत दिनों से चाची का दूध पिया नही था इसलिए अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि ऐसेही दिन भर उसका दूध पीता रहू बस ! मेरे दादाजी कितने नसीब वाले थे ये मुझे अब पता चला ! पांच मिनिट बाद सीमा चाची ने मेरे मुंह से अपना मुम्मा निकाल लिया और मुझे बोली, "माफ करना हा राजू। अब ससुरजी को पीने दो।" मैं मुस्कुराते हुए उसकी गोदपर से उठ गया और सोफे पर बैठ गया। थोड़ीही देर बाद मेरे दादाजी उनके बहु की गोद मे सो गए। "मुझे बिलकुल किसी बच्चे की तरह दूध पिलाना। " सीमा चाची हँसते हुए बोली, "हा ससुरजी। आपको बचपन की याद दिला दूँगी। आप निश्चिंत होकर दूध पीओ अब।" पल्लू के अंदर उसके ब्लाउज के बटन अभी भी खुले हुए थे। उसने मुस्कुराते हुए ही उनके सर के ऊपर से अपना पल्लू ओढ़ लिया और उनको अपना दूध पिलाने लगी। वो टीव्ही भी देख रही थी पर उसका उसपर इतना ध्यान नही था। दादाजी बहुत ही धीरे धीरे दूध पीते थे इसलिए सीमा चाची उनको बहुत देर तक स्तनपान कर रही थी। रात को सुमती चाची उसके ससुरजी के साथ हमारे घर आयी । वो दोनो आज यही खाना खाने वाले थे और सोने वाले थे। सुमती चाची पहलेसे ही एक सफेद रंग की मैक्सी पहनकर आयी थी। खाना खाने से पहले सीमा चाचीने भी साड़ी बदलकर एक हरे रंग की मैक्सी पहन ली। थोड़ी देर बाद सबने खाना खा लिया। एक घन्टा टीव्ही देखने के पश्चात हम सब सोने लगे। चाचा एक कोने में खाट पर सो गया। जबकि दोनो भी चाचियों के ससुरजी उनके ही पास सोने वाले थे तो मुझे दूध पीने का आज मौका ही नही मिलने वाला था। इसलिए मैं अकेला ही सोफे पर सो गया। सुमती चाची ने बत्ती बंद कर दी और अपने ससुरजी के पास आकर सो गई। अपने ससुरजी के कहने पर सीमा चाची ने बत्ती बंद होने से पहिले ही मैक्सी के बटन खोलकर उनको स्तनपान करना शुरू किया था। वो अब बहुत ही धीरे धीरे पी रहे थे, बीच बीच मे रुक रहे थे फिर वापस थोड़ी देर दूध पी रहे थे। उनका यह अंदाज सीमा चाची को बहुत ही पसंद था। सुमती चाची के ससुर हालही में दूध पीने लगे थे इसलिए उसे उनको पिलाना थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा था। फिर भी थोड़ी ही देर बाद वो भी मैक्सी का झिपर नीचे सरकाकर उनको अपना दूध पिलाने लगी। जबकि उसके ससुर को दूध पीने का कोई अनुभव नही था इसलिए वो थोड़ा जोर जोर से सुमती चाची का भरा हुआ मुम्मा चूस रहे थे। इससे सुमती चाची को थोड़ी परेशानी हो रही थी पर उसने मन मे कहा की कुछ दिनों में ससुरजी को दूध पीने की आदत लग जायेगी और उनको ढंग से पीना भी आएगा। दर्द होने पर भी सुमती चाची बहुत खुश थी। सुबह नाश्ता करने के बाद सीमा चाची और सुमती चाची ने मजाक मजाक में तय किया कि आज वो एक दूसरे के ससुर को दूध पिलायेगी। इसलिए सिमा चाची और सुमती चाची रसोईघर में बैठ गयी। सीमा चाची ने सुमती चाची के ससुर को अपनी गोद मे लिटा दिया और उसके सामने ही सुमती चाची सीमा चाची के ससुर को अपनी गोद मे सुलाकर बैठ गई। चाचा काम पर चला गया। मैं रसोईघर में ही था पर दोनों ही चाचीयों ने मुझपर इतना ध्यान नही दिया। सीमा चाची ने अपना पल्लू पूरा हटा दिया और ब्लाउज के सब बटन खोलकर को पूरा भी उतार दिया। उसने हमेशा की तरह सफेद कलर का नर्सिंग ब्रा पहना था। सुमती चाची भी कहा पिछे रहनी वाली थी ! उसने भी पल्लू हटाकर अपना ब्लाउज उतार दिया। पर उसने सीमा चाची की तरह नर्सिंग ब्रा नही पहना था । उसने एक ब्लैक ब्रा पहना था। दोनो भी बूढ़े अब बहुत तड़फने लगे थे। इसलिए बिना वक्त गुजारे दोनो भी चाचीयां उन बूढ़ो को स्तनपान करने लगी। ये नजारा देखकर मेरा लंड खड़ा का खड़ा ही हो गया। सुमती के ससुरजी जोर जोर से दूध पी रहे थे पर सीमा चाची को इसकी आदत थी और को अपनी आँखें बंद करकर उनको स्तनपान करने का आनंद ले रही थी। सीमा चाची के ससुर हमेशा की तरह बहुत धीरे धीरे पी रहे थे इसलिए सुमती चाची खुश थी किउंकि वो अब उनको बहुत देर तक जो दूध पिलाने वाली थी ! दोनों चाचीया बिना बात किये बहुत देर तक उन बूढ़ो को दूध पिला रही थी।
बहुत अच्छी कहानी लिखी है। बहुत दिनों बाद अच्छी कहाणी पढ़ने को मिलीUpdate 11
शाम को में घर आया। थोडी देर बाद मैंने दादाजी और सीमा चाची के साथ नाश्ता किया। फिर जब हम सब हॉल में टीव्ही देखने गए तब मैंने सीमा चाची से जिद की की मुझे थोड़ी देर के लिए न सही पर स्तनपान करे। दादाजी ने इसमें कोई ऐतराज नही जताया तो सीमा चाची ने मुझे उसकी गोद मे लिटा दिया। दादाजी को दूध पिला पिला कर उसके मुम्मे बहुत बढ़ गए थे। घर का दरवाजा खुला ही था पर उसकी हम सबको कोई भी परवाह नही थी। सीमा चाची ने अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोलते हुए मुझे कहा,
"थोड़ी ही देर पीना , ठीक है? ससुरजी को बाकी सब पीने दो। उनको उसकी बहुत जरूरत है अभी।"
"हा चाची । मुझे भी उनके सेहत की परवाह है। "
सीमा चाची ने हँसते हुए मेरे सर के ऊपर से अपना पल्लू ओढ़ लिया और मुझे अपना दूध पिलाने लगी। मैंने बहुत दिनों से चाची का दूध पिया नही था इसलिए अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि ऐसेही दिन भर उसका दूध पीता रहू बस ! मेरे दादाजी कितने नसीब वाले थे ये मुझे अब पता चला ! पांच मिनिट बाद सीमा चाची ने मेरे मुंह से अपना मुम्मा निकाल लिया और मुझे बोली,
"माफ करना हा राजू। अब ससुरजी को पीने दो।"
मैं मुस्कुराते हुए उसकी गोदपर से उठ गया और सोफे पर बैठ गया। थोड़ीही देर बाद मेरे दादाजी उनके बहु की गोद मे सो गए।
"मुझे बिलकुल किसी बच्चे की तरह दूध पिलाना। "
सीमा चाची हँसते हुए बोली,
"हा ससुरजी। आपको बचपन की याद दिला दूँगी। आप निश्चिंत होकर दूध पीओ अब।"
पल्लू के अंदर उसके ब्लाउज के बटन अभी भी खुले हुए थे। उसने मुस्कुराते हुए ही उनके सर के ऊपर से अपना पल्लू ओढ़ लिया और उनको अपना दूध पिलाने लगी। वो टीव्ही भी देख रही थी पर उसका उसपर इतना ध्यान नही था। दादाजी बहुत ही धीरे धीरे दूध पीते थे इसलिए सीमा चाची उनको बहुत देर तक स्तनपान कर रही थी।
रात को सुमती चाची उसके ससुरजी के साथ हमारे घर आयी । वो दोनो आज यही खाना खाने वाले थे और सोने वाले थे। सुमती चाची पहलेसे ही एक सफेद रंग की मैक्सी पहनकर आयी थी। खाना खाने से पहले सीमा चाचीने भी साड़ी बदलकर एक हरे रंग की मैक्सी पहन ली।
थोड़ी देर बाद सबने खाना खा लिया। एक घन्टा टीव्ही देखने के पश्चात हम सब सोने लगे। चाचा एक कोने में खाट पर सो गया। जबकि दोनो भी चाचियों के ससुरजी उनके ही पास सोने वाले थे तो मुझे दूध पीने का आज मौका ही नही मिलने वाला था। इसलिए मैं अकेला ही सोफे पर सो गया।
सुमती चाची ने बत्ती बंद कर दी और अपने ससुरजी के पास आकर सो गई। अपने ससुरजी के कहने पर सीमा चाची ने बत्ती बंद होने से पहिले ही मैक्सी के बटन खोलकर उनको स्तनपान करना शुरू किया था। वो अब बहुत ही धीरे धीरे पी रहे थे, बीच बीच मे रुक रहे थे फिर वापस थोड़ी देर दूध पी रहे थे। उनका यह अंदाज सीमा चाची को बहुत ही पसंद था। सुमती चाची के ससुर हालही में दूध पीने लगे थे इसलिए उसे उनको पिलाना थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा था। फिर भी थोड़ी ही देर बाद वो भी मैक्सी का झिपर नीचे सरकाकर उनको अपना दूध पिलाने लगी। जबकि उसके ससुर को दूध पीने का कोई अनुभव नही था इसलिए वो थोड़ा जोर जोर से सुमती चाची का भरा हुआ मुम्मा चूस रहे थे। इससे सुमती चाची को थोड़ी परेशानी हो रही थी पर उसने मन मे कहा की कुछ दिनों में ससुरजी को दूध पीने की आदत लग जायेगी और उनको ढंग से पीना भी आएगा। दर्द होने पर भी सुमती चाची बहुत खुश थी।
सुबह नाश्ता करने के बाद सीमा चाची और सुमती चाची ने मजाक मजाक में तय किया कि आज वो एक दूसरे के ससुर को दूध पिलायेगी। इसलिए सिमा चाची और सुमती चाची रसोईघर में बैठ गयी। सीमा चाची ने सुमती चाची के ससुर को अपनी गोद मे लिटा दिया और उसके सामने ही सुमती चाची सीमा चाची के ससुर को अपनी गोद मे सुलाकर बैठ गई। चाचा काम पर चला गया। मैं रसोईघर में ही था पर दोनों ही चाचीयों ने मुझपर इतना ध्यान नही दिया। सीमा चाची ने अपना पल्लू पूरा हटा दिया और ब्लाउज के सब बटन खोलकर को पूरा भी उतार दिया। उसने हमेशा की तरह सफेद कलर का नर्सिंग ब्रा पहना था। सुमती चाची भी कहा पिछे रहनी वाली थी ! उसने भी पल्लू हटाकर अपना ब्लाउज उतार दिया। पर उसने सीमा चाची की तरह नर्सिंग ब्रा नही पहना था । उसने एक ब्लैक ब्रा पहना था।
दोनो भी बूढ़े अब बहुत तड़फने लगे थे। इसलिए बिना वक्त गुजारे दोनो भी चाचीयां उन बूढ़ो को स्तनपान करने लगी। ये नजारा देखकर मेरा लंड खड़ा का खड़ा ही हो गया। सुमती के ससुरजी जोर जोर से दूध पी रहे थे पर सीमा चाची को इसकी आदत थी और को अपनी आँखें बंद करकर उनको स्तनपान करने का आनंद ले रही थी। सीमा चाची के ससुर हमेशा की तरह बहुत धीरे धीरे पी रहे थे इसलिए सुमती चाची खुश थी किउंकि वो अब उनको बहुत देर तक जो दूध पिलाने वाली थी ! दोनों चाचीया बिना बात किये बहुत देर तक उन बूढ़ो को दूध पिला रही थी।
बहुत अच्छी कहानी लिखी है। देखते हैं अगले एपिसोड में क्या होता है। अगले भाग का इंतजार रहेगाUpdate 12
गाँव के बूढ़े डॉक्टर ने उसके कुछ बूढ़े मरीजों की शराब की आदत छुड़वाने के प्रयास में गाँव की ही कुछ महिलाओं की सहयोग से एक गेम का आयोजन किया था। उस रात वो महिलाएं और गाँव के कुछ बूढ़े उसके क्लिनिक में आये। कुछ को शराब की लत थी तो कुछ बूढ़े अपनी बहुओं के साथ आये थे। गेम में भाग लेने के लिए लगभग 10 महिला और 8 बूढ़े क्लिनिक में मौजुत थे। फिर बूढ़े डॉक्टर ने सबको गेम के नियम समझाये। सब महिलाएं बारी बारी से सब बूढ़े आदमियों को 2 मिनिट स्तनपान कराएंगी। गेम शुरू होने से पहिले सब बूढ़ो की आँखों पर पट्टी बांध ली जाएगी। उनको सिर्फ उन्हें दूध पिलाने वाली महिला का नंबर पता होगा। गेम समाप्त होने के बाद सब बूढ़े आदमी अपने पसंदीदा नंबर बताएंगे। जिस महिला को सबसे ज्यादा पसंद मिलेगी वो जीत जाएगी। उसे फिर उन बूढ़ो में से किसी भी आदमी को कभी भी स्तनपान कराने का अधिकार मिल जाएगा। बाकी सब महिलाओ को भी एक अधिकार दिया जाएगा जो इस प्रकार होगा। वो सब महिलाए भी अपने पसंदीदा बूढ़े आदमी को स्तनपान कर सकती है पर उसे उस पूरे दिन शराब नही पीनी होगी। सबको नियम समझ गए यह पुष्टी करके डॉक्टर ने सब बूढ़ो की आँखों पर बांध ली । वो भी इस गेम में भाग लेने वाले थे तो उन्होंने मुझे उनकी आँखों पर पट्टी लगाने को कहा। उनकी बहू ने सब महिलाओ को एक एक करके कोई भी नंबर के आसन पर बैठने को कहा और फिर वो भी उनमें सामिल हो गयी। वो सब अब गोलाकार तरीके से बैठी थी। मैंने सब बूढ़े आदमियों को एक एक करके महिलाओ की गोद मे सुला दिया। सीमा चाचीने पहले ही उसका पल्लू हटाकर उसके ब्लाउजके सब बटन खोल दिये थे। उसने अंदर सफेद नर्सिंग ब्रा पहना था। डॉक्टर के बहु ने भी वही किया पर उसने ब्लाऊजके अंदर ब्राउन कलर का नर्सिंग ब्रा पहना था। सुमती चाची भी पीछे कहा रहनी वाली थी। उसने तो ब्लाउज के साथ साथ अपना ब्रा भी पूरा उतारकर उसे बाजू में रख दिया। मैंने बझर दबाते ही सीमा चाची ने ब्रा का एक स्ट्रेप खोलकर तुरंत अपनी गोद मे लेटे हुए बूढ़े के मुँह में अपना मुम्मा घुसा दिया। डॉक्टर की बहू भी उसके बूढ़े को स्तनपान कराने लगी। बाकी की महिलाएं भी बूढ़ो को दूध पिलाने लगी। कुछ आदमी बहुत जोर जोर से पी रहे थे तो कुछ बच्चे की तरह पी रहे थे। सीमा चाची और डॉक्टर की बहू के बूढ़े तो दूध पीते वक्त बहुत आवाज कर रहे थे। उनको उन दोनों का दूध बहुत स्वादिष्ट लग रहा होगा। 2 मिनट होते ही मैंने बझर दबाया। बहुतांश महिलाओने दूध पिलाना रोक दिया। सीमा चाची और डॉक्टर के बहू के बूढ़े तो उनका निप्पल छोड़ने के लिए तैयार ही नही थे। पर उन दोनों ने हँसते हुए अपना स्तन छुड़ा लिया। फिर सब महिलाओं ने अपने बूढ़े को आगे वाली महिला के पास सोप दिया। फिरसे स्तनपान का राउंड शुरू हो गया। सब आदमियों मे से सिर्फ मेरे दादाजी , सुमती चाची के ससुर और डॉक्टर को ही ढंग से स्तनपान करने का अनुभव था। वो तीनो अपनी महिलाओ को बिना तकलीफ दिए दूध पी रहे थे। महिलाओं को भी उन तीनों को स्तनपान करने का बहुत मजा आ रहा रहा। कुछ ही राउंड के बाद मुझे दिख गया कि सीमा चाची और डॉक्टर की बहू का दूध सबको पसंद आ रहा था। बूढ़े उनको आसानी से छोड़ ही नही रहे थे। वो दोनों भी बहुत खुश दिख रही थी। लगभग आधे घंटे बाद गेम समाप्त हो गया। जिन महिलाओं का दुध बच गया था वो अपने बूढ़े को गेम समाप्त होने के बाद भी पिलाती रह गयी। सीमा चाची और डॉक्टर की बहू की गोद मे सोये हुए बूढ़ो की तो लॉटरी ही लग गयी थी। वो दोनो भी अतिरिक्त 5 मिनट तक स्तनपान कर रहे थे और बाकी महिलाएं उनको तालिया बजाकर प्रोत्साहित कर रही थी।
उसके बाद सब महिलाओं ने अपने ब्लाउज और पल्लू ठीक कर लिए। उन आदमियों को एक कोने में ले जाकर उनकी पट्टीया उतार दी गयी। डॉक्टर ने उनको अपना पसंदीदा नंबर चुनने को कहा। 8 में से 4 बूढ़ो ने सीमा चाची का नंबर लिया तो बाकी 4 लोगों ने डॉक्टर की बहू का नाम लिया। दोनों भी जित गयी थी। उनको वो अधिकार दिया गया और उन दोनो ने अपने पसंदीदा बूढ़े को कल फिरसे बुला दिया। डॉक्टर की बहू ने अपने क्लिनिक में बुलाया था तो सीमा चाची ने घर पे बुलाया था। फिर जो बूढ़े बाकी रहे थे उनको एक एक महिलाओं ने चुनकर अपने घर आने को कहा। रात के 11 बज चुके थे इसलिए फिर सब लोग खुश होकर अपने घर निकल गए।
Nice game episode bro... Keep it up... Post more episodes regularly broUpdate 12
गाँव के बूढ़े डॉक्टर ने उसके कुछ बूढ़े मरीजों की शराब की आदत छुड़वाने के प्रयास में गाँव की ही कुछ महिलाओं की सहयोग से एक गेम का आयोजन किया था। उस रात वो महिलाएं और गाँव के कुछ बूढ़े उसके क्लिनिक में आये। कुछ को शराब की लत थी तो कुछ बूढ़े अपनी बहुओं के साथ आये थे। गेम में भाग लेने के लिए लगभग 10 महिला और 8 बूढ़े क्लिनिक में मौजुत थे। फिर बूढ़े डॉक्टर ने सबको गेम के नियम समझाये। सब महिलाएं बारी बारी से सब बूढ़े आदमियों को 2 मिनिट स्तनपान कराएंगी। गेम शुरू होने से पहिले सब बूढ़ो की आँखों पर पट्टी बांध ली जाएगी। उनको सिर्फ उन्हें दूध पिलाने वाली महिला का नंबर पता होगा। गेम समाप्त होने के बाद सब बूढ़े आदमी अपने पसंदीदा नंबर बताएंगे। जिस महिला को सबसे ज्यादा पसंद मिलेगी वो जीत जाएगी। उसे फिर उन बूढ़ो में से किसी भी आदमी को कभी भी स्तनपान कराने का अधिकार मिल जाएगा। बाकी सब महिलाओ को भी एक अधिकार दिया जाएगा जो इस प्रकार होगा। वो सब महिलाए भी अपने पसंदीदा बूढ़े आदमी को स्तनपान कर सकती है पर उसे उस पूरे दिन शराब नही पीनी होगी। सबको नियम समझ गए यह पुष्टी करके डॉक्टर ने सब बूढ़ो की आँखों पर बांध ली । वो भी इस गेम में भाग लेने वाले थे तो उन्होंने मुझे उनकी आँखों पर पट्टी लगाने को कहा। उनकी बहू ने सब महिलाओ को एक एक करके कोई भी नंबर के आसन पर बैठने को कहा और फिर वो भी उनमें सामिल हो गयी। वो सब अब गोलाकार तरीके से बैठी थी। मैंने सब बूढ़े आदमियों को एक एक करके महिलाओ की गोद मे सुला दिया। सीमा चाचीने पहले ही उसका पल्लू हटाकर उसके ब्लाउजके सब बटन खोल दिये थे। उसने अंदर सफेद नर्सिंग ब्रा पहना था। डॉक्टर के बहु ने भी वही किया पर उसने ब्लाऊजके अंदर ब्राउन कलर का नर्सिंग ब्रा पहना था। सुमती चाची भी पीछे कहा रहनी वाली थी। उसने तो ब्लाउज के साथ साथ अपना ब्रा भी पूरा उतारकर उसे बाजू में रख दिया। मैंने बझर दबाते ही सीमा चाची ने ब्रा का एक स्ट्रेप खोलकर तुरंत अपनी गोद मे लेटे हुए बूढ़े के मुँह में अपना मुम्मा घुसा दिया। डॉक्टर की बहू भी उसके बूढ़े को स्तनपान कराने लगी। बाकी की महिलाएं भी बूढ़ो को दूध पिलाने लगी। कुछ आदमी बहुत जोर जोर से पी रहे थे तो कुछ बच्चे की तरह पी रहे थे। सीमा चाची और डॉक्टर की बहू के बूढ़े तो दूध पीते वक्त बहुत आवाज कर रहे थे। उनको उन दोनों का दूध बहुत स्वादिष्ट लग रहा होगा। 2 मिनट होते ही मैंने बझर दबाया। बहुतांश महिलाओने दूध पिलाना रोक दिया। सीमा चाची और डॉक्टर के बहू के बूढ़े तो उनका निप्पल छोड़ने के लिए तैयार ही नही थे। पर उन दोनों ने हँसते हुए अपना स्तन छुड़ा लिया। फिर सब महिलाओं ने अपने बूढ़े को आगे वाली महिला के पास सोप दिया। फिरसे स्तनपान का राउंड शुरू हो गया। सब आदमियों मे से सिर्फ मेरे दादाजी , सुमती चाची के ससुर और डॉक्टर को ही ढंग से स्तनपान करने का अनुभव था। वो तीनो अपनी महिलाओ को बिना तकलीफ दिए दूध पी रहे थे। महिलाओं को भी उन तीनों को स्तनपान करने का बहुत मजा आ रहा रहा। कुछ ही राउंड के बाद मुझे दिख गया कि सीमा चाची और डॉक्टर की बहू का दूध सबको पसंद आ रहा था। बूढ़े उनको आसानी से छोड़ ही नही रहे थे। वो दोनों भी बहुत खुश दिख रही थी। लगभग आधे घंटे बाद गेम समाप्त हो गया। जिन महिलाओं का दुध बच गया था वो अपने बूढ़े को गेम समाप्त होने के बाद भी पिलाती रह गयी। सीमा चाची और डॉक्टर की बहू की गोद मे सोये हुए बूढ़ो की तो लॉटरी ही लग गयी थी। वो दोनो भी अतिरिक्त 5 मिनट तक स्तनपान कर रहे थे और बाकी महिलाएं उनको तालिया बजाकर प्रोत्साहित कर रही थी।
उसके बाद सब महिलाओं ने अपने ब्लाउज और पल्लू ठीक कर लिए। उन आदमियों को एक कोने में ले जाकर उनकी पट्टीया उतार दी गयी। डॉक्टर ने उनको अपना पसंदीदा नंबर चुनने को कहा। 8 में से 4 बूढ़ो ने सीमा चाची का नंबर लिया तो बाकी 4 लोगों ने डॉक्टर की बहू का नाम लिया। दोनों भी जित गयी थी। उनको वो अधिकार दिया गया और उन दोनो ने अपने पसंदीदा बूढ़े को कल फिरसे बुला दिया। डॉक्टर की बहू ने अपने क्लिनिक में बुलाया था तो सीमा चाची ने घर पे बुलाया था। फिर जो बूढ़े बाकी रहे थे उनको एक एक महिलाओं ने चुनकर अपने घर आने को कहा। रात के 11 बज चुके थे इसलिए फिर सब लोग खुश होकर अपने घर निकल गए।