पिछले भाग में सैम निदा को उसके रूम में जाके उसे चोदता है जिसे निदा की अम्मी जेबा देख लेती है। फिर जेबा निदा को सैम से शादी के लिए कहती है।
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अगली सुबह 8 बजे सैम बाथरूम में से नहाकर निकला ही था की सामने खड़ी निदा को देखकर ठिठक सा जाता है- “अरे भाभी आप इस वक़्त...”
निदा परेशान से लहजे में- “वो सैम रात को जो कुछ हुआ वो सब अम्मी ने देख लिया है और वो इस तालुक से तुमसे बात करना चाहती हैं, मुझे तो बहुत घबराहट सी हो रही है, पता नहीं वो क्या करेगी।
सैम- “चिंता नहीं भाभी मैं देखता हूँ. आप मेरे लिए एक अच्छी सी काॅफी बनाकर ले आओ...” और सैम निदा के रूम की तरफ बढ़ जाता है जहाँ जेबा बैठी उसी का इंतेजार कर रही थी।
सैम जेबा के पास जाके बैठ जाता है। वो सिर्फ़ तौलिया लपेटे हुये था- “खाला मैंने सुना है की आपने मुझे याद किया... क्या बात है खालाजान...”
जेबा- हम्म्म्मम जान तो रात को किसी और को कह रहे थे आप लाटसाहब...
सैम- “उफफफ्फ़हो खाला... आप कैसी गोलमोल बातें कर रही हैं, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा...”
जेबा उसे घूरती हुई- “सैम ज्यादा बनने की कोशिश मत करो। मैंने रात जो कुछ तुम्हारे और निदा के बीच हुआ सब देखी, तुम मेरी बेटी की ज़िंदगी बर्बाद क्यूँ कर रहे हो। बोलो क्या मिलेगा तुम्हें ऐसा करके...”
सैम- “जो कुछ हुआ, हम दोनों की रजामंदी से हुआ है खाला चाहें तो आप भाभी से पूछ लो,
जेबा- “मैंने जो पूछना था पूछ चुकी अब तुम ये बताओ की तुम क्या चाहते हो
सैम- “क्या मतलब...”
जेबा- मतलब ये की क्या तुम निदा से शादी करना चाहते हो, या ये सिर्फ़ टाइम पास है तुम्हारे लिए। अगर मेरीहबेटी की ज़िंदगी के साथ खेलोगे सैम तो अच्छा नहीं होगा।
सैम- हम्म्म्मम... देखो खाला सबसे पहली बात भाभी की इज़्ज़त मुझे भी उतनी है अजीज है जितनी कीआपको। तो चिंता नहीं मैं उन्हें बदनाम नहीं होने दूँगा। रही बात शादी की तो वो मैं अपने मर्ज़ी से नहीं बल्कि अपनी अम्मी की मर्ज़ी से करूँगा, वो जिससे कहँगी जहाँ कहेंगी वहीं शादी करूँगा... और एक बात आइंदा मुझे धमकाने या डराने की कोशिश करेंगी अगर आप तो भाभी की जगह आप मेरे नीचे होंगी ये बात अच्छी तरह याद रखना...”
जेबा के तो जैसे हाथ पैर फूल गए थे सैम के तेवर देखकर, वो बात संभालने के हिसाब से थोड़ी नार्मल बिहेव करने लगती है- “अरे बेटा सैम... तू भी ना, कहा की बात कहाँ ले गया। मैं तो बस ये चाहती हूँ की निदा की ज़िंदगी बर्बाद ना हो बस... और तेरे नीचे आना इससे ज्यादा खुशी की बात...” वो बोलते-बोलते शर्मा सी गयी।
(सैम सोचते हुए मौके पे मार दे चौका।) हम्म्म्मम... तो फिर इस गुलाब को भी आज रात सूंघ लेंगे खाला जाननणन्...”
जेबा के हाँठ काँपने लगते हैं उसने रात में सैम की चुदाई करीब से देखी थी और सच पूछिए तो उसकी चूत में रात से ही रस टपक रहा था।
सैम- जेबा की एकदम करीब जाके उसके होंठों के सामने बोलता है- “रात में माँ और बेटी एक बेड पे नंगी चाहिये मुझे...”
जेबा सैम की इस बात से सिहर उठती है रोगटे कई सालों बाद खड़े हुये थे जेबा की जिश्म के। वो कुछ बोलती उससे पहले निदा काॅफी लेके वहाँ आ चुकी थी, और सैम का
काॅफी पीके वहाँ से चला जाता है।
जब निदा जेबा से पूछती है की क्या बात हुई तो जेबा के होंठों पे एक हवस की मुश्कान फैल जाती है जिसे निदा ने शायद भाँप लिया था।