पिछले भाग में महक निदा और जेबा को चुदते हूए देख लेती है जिससे वो सैम को गुस्से से देखकर अपने कमरे में चली जाती है
अब आगे
निदा उसके जाने की बाद सैम को देखते हुये- “अब क्या होगा सैम कहीं महक अम्मी को तो बता नहीं देगी…
सैम भी यही सोच रहा था, वो निदा को दिलासा देता हुआ महक के रूम की तरफ बढ़ जाता है।
महक अपने रूम में बेड पे बैठी हुई थी। जैसे ही वो सैम को अपने रूम में घुसता देखती है वो खड़ी हो जाती है और चीखते हुये उसे अपने रूम से बाहर धकेलने ल्रगती है- “निकल जा जलील इंसान तू मेरा भाई नहीं हो सकता। तू अपनी भाभी और खाला के साथ कितनी जलील हरकत कर रहा था और ना जाने किन-किन के साथ ये गंदा काम कर चुका है। मैं तेरी शकल भी नहीं देखना चाहती। तू निकल जा मेरे रूम से वरना मैं अम्मी को बुलाऊँगी...”
सैम- “ओके महक... बस एक मिनट मेरी बात सुन ले फिर मैं चला जाऊँगा...”
महक- मुझे तेरे कोई बात नहीं सुननी, तुझसे तो कल अम्मी ही बात करेगी, निकल अभी के अभी।
सैम अम्मी का नाम सुनके घबरा जाता है, और वो महक का दरवाजा बंद करके महक को बेड पे पटक देता है और उसके ऊपर चढ़ जाता है। एक हाथ से वो महक को कंट्रोल कर रहा था और दूसरे हाथ से वो महक के मुँह को बंद करने की कोशिश कर रहा था। महक सैम के हाथ को जोर से काट लेती है।
सैम- “ऊऊचह कमीनी जरा...”
सैम एक करारा थप्पड़ महक के गालों पे जड़ देता है जिससे महक को रात में सूरज नजर आ जाता है- “अपना मुँह बंद रख समझी ना वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा महक...”
ये बोलके सैम वहाँ रुका नहीं बलकी सीधा अपने रूम में चला गया। वो जानता था की ये थप्पड़ महक को कुछ दिन तो खामोश रख ही लेगा। आगे जो होगा वो देखा जायेगा
महक अपने रूम में रोती तिलमिलाती सैम को गलियां देती पता नहीं क्या सोचने लगती है।
अब आगे
निदा उसके जाने की बाद सैम को देखते हुये- “अब क्या होगा सैम कहीं महक अम्मी को तो बता नहीं देगी…
सैम भी यही सोच रहा था, वो निदा को दिलासा देता हुआ महक के रूम की तरफ बढ़ जाता है।
महक अपने रूम में बेड पे बैठी हुई थी। जैसे ही वो सैम को अपने रूम में घुसता देखती है वो खड़ी हो जाती है और चीखते हुये उसे अपने रूम से बाहर धकेलने ल्रगती है- “निकल जा जलील इंसान तू मेरा भाई नहीं हो सकता। तू अपनी भाभी और खाला के साथ कितनी जलील हरकत कर रहा था और ना जाने किन-किन के साथ ये गंदा काम कर चुका है। मैं तेरी शकल भी नहीं देखना चाहती। तू निकल जा मेरे रूम से वरना मैं अम्मी को बुलाऊँगी...”
सैम- “ओके महक... बस एक मिनट मेरी बात सुन ले फिर मैं चला जाऊँगा...”
महक- मुझे तेरे कोई बात नहीं सुननी, तुझसे तो कल अम्मी ही बात करेगी, निकल अभी के अभी।
सैम अम्मी का नाम सुनके घबरा जाता है, और वो महक का दरवाजा बंद करके महक को बेड पे पटक देता है और उसके ऊपर चढ़ जाता है। एक हाथ से वो महक को कंट्रोल कर रहा था और दूसरे हाथ से वो महक के मुँह को बंद करने की कोशिश कर रहा था। महक सैम के हाथ को जोर से काट लेती है।
सैम- “ऊऊचह कमीनी जरा...”
सैम एक करारा थप्पड़ महक के गालों पे जड़ देता है जिससे महक को रात में सूरज नजर आ जाता है- “अपना मुँह बंद रख समझी ना वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा महक...”
ये बोलके सैम वहाँ रुका नहीं बलकी सीधा अपने रूम में चला गया। वो जानता था की ये थप्पड़ महक को कुछ दिन तो खामोश रख ही लेगा। आगे जो होगा वो देखा जायेगा
महक अपने रूम में रोती तिलमिलाती सैम को गलियां देती पता नहीं क्या सोचने लगती है।
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