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Incest Ek Raja, Ek Ghulam, Char Raniyan

Junglee

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पिछले भाग में महक निदा और जेबा को चुदते हूए देख लेती है जिससे वो सैम को गुस्से से देखकर अपने कमरे में चली जाती है

अब आगे


निदा उसके जाने की बाद सैम को देखते हुये- “अब क्या होगा सैम कहीं महक अम्मी को तो बता नहीं देगी…


सैम भी यही सोच रहा था, वो निदा को दिलासा देता हुआ महक के रूम की तरफ बढ़ जाता है।


महक अपने रूम में बेड पे बैठी हुई थी। जैसे ही वो सैम को अपने रूम में घुसता देखती है वो खड़ी हो जाती है और चीखते हुये उसे अपने रूम से बाहर धकेलने ल्रगती है- “निकल जा जलील इंसान तू मेरा भाई नहीं हो सकता। तू अपनी भाभी और खाला के साथ कितनी जलील हरकत कर रहा था और ना जाने किन-किन के साथ ये गंदा काम कर चुका है। मैं तेरी शकल भी नहीं देखना चाहती। तू निकल जा मेरे रूम से वरना मैं अम्मी को बुलाऊँगी...”


सैम- “ओके महक... बस एक मिनट मेरी बात सुन ले फिर मैं चला जाऊँगा...”


महक- मुझे तेरे कोई बात नहीं सुननी, तुझसे तो कल अम्मी ही बात करेगी, निकल अभी के अभी।


सैम अम्मी का नाम सुनके घबरा जाता है, और वो महक का दरवाजा बंद करके महक को बेड पे पटक देता है और उसके ऊपर चढ़ जाता है। एक हाथ से वो महक को कंट्रोल कर रहा था और दूसरे हाथ से वो महक के मुँह को बंद करने की कोशिश कर रहा था। महक सैम के हाथ को जोर से काट लेती है।


सैम- “ऊऊचह कमीनी जरा...”


सैम एक करारा थप्पड़ महक के गालों पे जड़ देता है जिससे महक को रात में सूरज नजर आ जाता है- “अपना मुँह बंद रख समझी ना वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा महक...”

ये बोलके सैम वहाँ रुका नहीं बलकी सीधा अपने रूम में चला गया। वो जानता था की ये थप्पड़ महक को कुछ दिन तो खामोश रख ही लेगा। आगे जो होगा वो देखा जायेगा

महक अपने रूम में रोती तिलमिलाती सैम को गलियां देती पता नहीं क्‍या सोचने लगती है।
 
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Junglee

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सुबह 8 बजे जब सैम की आँख खुली तो उसके आस-पास कोई नहीं था। रोजाना नजमा उसे उठाने आते थी पर आज क्‍या हुआ... कहीं महक ने... नहीं नहीं... वो खुद को समझता हुआ बेड छोड़ देता है और हाल में आ जाता है।

सामने का नजारा देखकर उसके आँखें फटी की फटी रह जाती हैं- “दो बैग हाल में रखे हुये थे। उसे पता था की एक बैग तो जेबा का है पर ये दूसरा बैग किसका है.

महक डाइनिंग टेबल पे बैठी सुबह का नाश्ता कर रही थी। वो सैम को एक नजर देखती है और फिर मुश्कुरातेलहुये नाश्ता करने लगती है।


सैम- “कौन जा रहा है महक...”


महक- “अम्मी से पूछ ना...”


सैम महक के सर पे टपली मारता हुआ नजमा के रूम की तरफ बढ़ जाता है। नजमा रूम में निदा के साथ बातें कर रही थी।


नजमा- “मेरी बात अच्छी तरह याद रखना, अगर मुझे ये पता चला की तूने सैम को फोन पे कांटैक्ट करने की कोशिश की है तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा...”


निदा- “ज़ी अम्मी...” तभी सैम वहाँ दाखिल होता है।


सैम- “क्या हुआ भाभी... सब ठीक तो है ना...” सैम का सवाल निदा से था पर नजरें नजमा के चेहरे पे टिकी हुई थीं।

निदा से पहले नजमा ही बोलती है- “निदा कुछ दिनों की लिए अपनी अम्मी की साथ मायके जा रही है, उसके भाई की तबीयत कुछ ठीक नहीं है.


सैम- “ऊहह अच्छा...”


निदा- सैम को भीगी हुई पलकों की साथ देखती है। उन आँखों में ना जाने क्‍या था जो सैम को अंदर तक फन्‍ना कर देता है।

निदा और जेबा सबसे रुखसत लेके निकल जाते हैं।

उनके जाने के बाद सैम अपने रूम में चला जाता है। उसके पीछे-पीछे नजमा भी आ जाती है और अंदर पहुँचकर रूम का दरवाजा बंद कर देती है।
 

Junglee

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सैम चौंकते हुये नजमा को देखता है। नजमा सैम के करीब आती है और सटा-सट सटा-सट थप्पड़ों की बौछार सैम के चेहरे पे करती चली जाती है। सैम को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की नजमा को क्‍या हो गया है।


वो नजमा का हाथ पकड़ लेता है- “आखिर बात क्‍या है.


नजमा- “मुझसे पूछ रहा है कमीने की बात क्‍या है... एक तरफ मुझे कहता है की अम्मी मैं आपसे बेपनाह मोहब्बत करता हूँ और दूसरी तरफ अपने भाभी और उसकी अम्मी की साथ... छीईई... तू कितना बेशर्म इंसान है सैम, आज मुझे पता चला की तू एक दरिन्दा है जिसे औरतों के जिश्म की भूख है। अरे तूने जो काम किए हैं ना वो कोई पढ़ा-लिखा इंसान कर ही नहीं सकता। तू बहुत गिर चुका है सैम मेरी नजरों में। आज के बाद मैं तुझसे बात क्‍या, तेरी शकल भी नहीं देखना चाहती। दूर हो जा मेरी नजरों की सामने से


असल में महक ने अपना मुँह सुबह-सुबह ही नजमा के सामने खोल दी थी। निदा के भाई की तबीयत का तो सिर्फ़ बहाना था, असल में नजमा ने जेबा और निदा को कुछ दिनों के लिए इस घर से दूर कर दिया था।

नजमा ये बोलते-बोलते बेड पे गिर गयी। उसका बी-पी: हाई हो गया था, उसे ट्रीटमेंट की जरूरत थी, वो हॉफ रही थी। सैम उसे सहारा देता है पर ऐसी हालत में भी नजमा सैम के छूने से तिलमिला जाती है।


नजमा- “दूर हट कमीने...”


महक, जो रूम के बाहर से सब सुन रही थी दरवाजा खटखटाने लगती है। सैम दरवाजा खोल देता है। जैसे ही महक नजमा को बेड पे पड़ा देखती है, वो चील की तरह नजमा के तरफ लपकती है।

महक नजमा की दवाओं में से बी.पी. की गोली लेकर नजमा को खिला देती है। कुछ देर बाद नजमा का बी-पी- कंट्रोल होता है और नजमा महक के सहारे से अपने रूम में चली जाती है।


सैम परेशान हो चुका था। वो कपड़े पहनके घर से बाहर निकल जाता है। सारा दिन पता नहीं सैम कहाँ-कहाँ घूमता रहा। रात 10 बज चुके थे पर सैम का कोई पता नहीं था। नजमा को घबराहट होने लगी थी। वो बार-बार सैम का नो ट्राई करती है पर उसका मोबाइल आफ आ रहा था।


महक नजमा के पास बैठी उसे दिलासा दे रही थी- “अम्मी आ जायेगा सैम अपने फ्रेन्डस की यहाँ गया होगा...”


नजमा- तू सब जानती है ना बेटा, पता नहीं मेरा दिल जोरों से घबरा रहा है कहीं कुछ उल्टी-सीधी हरकत ना कर दे ये लड़का...” नजमा की घबराहट लाजमी थी, सैम था बड़ा जिददी।


कुछ सेकेंड के बाद डोरबेल बजती है और महक दरवाजा खोलती है तो सामने सैम खड़ा था, उसके चेहरे पे गम की बादल छाये हुये थे।


महक- “कहाँ था तू अम्मी कितनी परेशान हो रही थी। बोलके नहीं जा सकता था...”


सैम महक को कुछ जवाब नहीं देता और सीधा अपने रूम में जाके बंद हो जाता है।

नजमा के लाख दरवाजा खटखटाने पे भी वो दरवाजा नहीं खोलता। आखिर नजमा परेशान हाल अपने रूम में चली जाती है।
 
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Junglee

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दूसरे दिन जब नजमा सैम के रूम के करीब पहुँची तो रूम का दरवाजा खुला था पर सैम बेड पे नहीं था। बाथरूम में से पानी बहने की आवाज नजमा को एहसास दिलाती है की सैम नहा रहा है।

वो सैम के लिए नाश्ता बनाने किचेन में चली जाती है। जब सैम हाल में पहुँचा तो बिल्कुल खामोश था उसके चेहरे पे कोई भाव नहीं थे। नजमा उसे नाश्ते की प्लेट सर्व करती है। एक पल की लिए दोनों की नजरें मिलती हैं



सैम- “अम्मी... मुझे आपसे कुछ बात करनी है


नजमा- “हाँ बोल.


सैम- “अम्मी... मुझे माफ कर दीजिये, मैंने जो कुछ किया है शायद उसकी सजा ये है की मैं आपकी नजरों से हमेशा-हमेशा की लिए दूर चला जाऊँ... इसलिये मैंने ये फैसला किया है की मैं यू-के- जा रहा हूँ और वहीं रहूँगा...”


नजमा के तो जैसे हाथ पैर फूल गये थे- “तुझे मेरी बात इतनी बुरी लगी की तूने इतना बड़ा फैसला कर लिया...” सैम कुछ नहीं कहता और चुपचाप वहाँ से चला जाता है।


नजमा खुद को कोषती है की आखिर मैंने उसे ऐसा क्यूँ कहा की दूर हो जा मेरे नजरों की सामने से, सारी गलती मेरी है। मैं सैम को कहीं जाने नहीं दूँगी, कभी नहीं। वो ठान लेती है।

पर सैम भी जाने की ठान चुका था।

कमाल की बात तो ये थी की गलती सैम ने किया था पर आफसोस नजमा को हो रहा था। गुस्सा नजमा को होना चाहिये था पर रिएक्ट सैम कर रहा था। दिल तो नजमा का टूटा था, नजमा के दिल के जिस कोने में एक धुँधली सी तश्वीर उभरके आई थी, वो सैम ने मिटाने की कोशिश किया था।

ये इश्क़ नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये की एक आग का दरिया है और डूब के जाना है।


आज पहली बार नजमा का दिल सैम के जाने से आहत हुआ था इतना आहत की कोई सोच भी नहीं सकता। जब नजमा ने सैम को फिरोज़ा की बाहों में देखा था तब भी वो इतना आहत नहीं हुई थी बलके सच कहें तो उस वक़्त नजमा को जलन हुई थी, जिसे उसने गुस्से की शकल में एक कड़वा घूट समझकर पी लिया था। पर आज जब सैम उससे हमेशा-हमेशा के लिए दूर जाने की बात कर रहा था तो पता नहीं दिल के किसी कोने में कोई चीखा जरूर था।

नजमा सैम के रूम में पहुँच जाती है जहाँ सैम कपड़ों की पैकिंग कर रहा था। सैम नजमा को देखता है और फिर दुबारा अपने काम में लग जाता है।



नजमा- 'सैम... तू कहीं नहीं जा रहा है.


सैम- “मैं जा रहा हूँ अम्मी.


नजमा- मैंने कहा की तू कहीं नहीं जा रहा।


सैम- “मैं जा रहा हूँ, मतलब जा रहा हूँ.


नजमा सैम के पास जाके उसके हाथ से कपड़े छीन लेती है और एक थप्पड़ उसके गाल पे जड़ देती है। आँसू सैम की आँखों में आने चाहिये थे पर रो नजमा रही थी- “तू खुद को समझता क्‍या है... मैं तेरी अम्मी हूँ, मैंने कहा की तू नहीं जायेगा और अगर तू जायेगा तो अपनी अम्मी को ज़िंदा नहीं देख पाएगा...” वो रुकी नहीं और रोती हुई सैम के रूम से निकल गयी।


सैम हाथ में कपड़े पकड़े उसे जाता देखता रह गया।


महक जब कुछ देर बाद सैम के रूम में आई तो सैम बेड पे लेटा हुआ था- “क्यूँ जवान मैंने सुना की तू जा रहा है, तुस्से ना जाओ ना...” महक के चेहरे पे मुश्कान थी और होंठों पे शरारत। वो सैम और नजमा के बीच की सारी बातें सुन चुके थी।



सैम ठंडे आहें भरते हुये- “तू अगर मुझे रोकते हुये मर भी जाती तो मैं नहीं रुकता पर अम्मी की बात मैं नहीं टाल सकता...”


महक- “मरे मेरे दुश्मन, तेरे जैसे... मैं क्यूँ तुझे रोकूं, जा जाना है तो जा.


सैम बेड से उठ जाता है और महक के करीब आके उसकी आँखों में देखते हुये- “सच में तुझे कोई फरक नहीं पड़ता...”



महक- “नहीं...”


सैम- “मेरी आँखों में देखकर कह ना फिर...”


महक- तू जा ना मुझे बहुत काम है


सैम महक को अपनी बाहों में कस लेता है- “इधर देख... मेरी तरफ...”


महक सैम का चेहरा देखने लगती है- “बोल क्‍या है"



सैम- “अगर मैं चला गया तो तुझे कोई फरक नहीं पड़ेगा...”


महक के होंठ लरज के रह जाते हैं, दिल तो उसका भी दुखा था सैम के जाने का सुनके पर उसका अहं उसे मजबूर किए हुये था- “तुझ जैसे गंदे इंसान को कौन अपने घर में रखना पसंद करेगा...” महक ने घूरते हुये सैम को कहा।



सैम- “अब जब मैं गंदा हूँ ही सबकी नजर में तो क्यूँ ना तेरे साथ भी


महक- “चुप कर कमीने और छोड़ मुझे वरना मैं अम्मी को आवाज दूँगी.


सैम- “सजा तो तुझे मिलेगी मुँह खोलने की मोटी...” और अचानक महक के कुछ बोलने से पहली सैम अपने होंठ महक के काँपते होंठों पे रख देता है। सैम ने गल्लनपप्प्प... गल्लपप्प्प... महक का निचला होंठ बुरी तरह काट लिया था जिससे महक के होंठ से खून निकलने लगा था वो रुवांसी हो गयी थी।


महक- “ये तूने क्या हरकत किया सैम... छोड़ मुझे और महक सैम के पेट में मुक्का जड़ते हुई वहाँ से भाग जाती है।


सैम अपने होंठों पे लगा महक का खून साफ करते हुये- “मेरी जान तूने शेर के मुँह को खून चखा दिया है, अब तुझे मुझसे कोई नहीं बचा सकता...”


नजमा महक को वाश बेसिन में अपना चेहरा साफ करते हुई देखती है- “क्या हुआ बेटा तेरे मुँह से खून कैसे निकल रहा है.



महक- “वो अम्मी ज़ी... वो... मैं ववो... पता नहीं होंठ फटने से शायद खून निकल रहा होगा...”


नजमा- “बता मुझे...”


महक जल्दी से अपना चेहरा छुपाती हुई वहाँ से भाग जाती है।



तभी नजमा आफिस के लिए निकलने ही वाले थी की उसे फिरोज़ा का फोन आता है और फोन उठाने के बाद वो टेंशन में आ जाती है।
 
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Naik

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Bahot behtareen update bhai
Sam chudayi k nashe m use yeh bhi pata nahi kia kia bak raha tha
Dono maa beti kich alag hi plan bana rahi h
Lage haath mahek n bhi dekh lia ab kia kerte h yeh teeno
Dekhte h aage kia hota h
 
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Naik

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दूसरे दिन जब नजमा सैम के रूम के करीब पहुँची तो रूम का दरवाजा खुला था पर सैम बेड पे नहीं था। बाथरूम में से पानी बहने की आवाज नजमा को एहसास दिलाती है की सैम नहा रहा है।

वो सैम के लिए नाश्ता बनाने किचेन में चली जाती है। जब सैम हाल में पहुँचा तो बिल्कुल खामोश था उसके चेहरे पे कोई भाव नहीं थे। नजमा उसे नाश्ते की प्लेट सर्व करती है। एक पल की लिए दोनों की नजरें मिलती हैं



सैम- “अम्मी... मुझे आपसे कुछ बात करनी है


नजमा- “हाँ बोल.


सैम- “अम्मी... मुझे माफ कर दीजिये, मैंने जो कुछ किया है शायद उसकी सजा ये है की मैं आपकी नजरों से हमेशा-हमेशा की लिए दूर चला जाऊँ... इसलिये मैंने ये फैसला किया है की मैं यू-के- जा रहा हूँ और वहीं रहूँगा...”


नजमा के तो जैसे हाथ पैर फूल गये थे- “तुझे मेरी बात इतनी बुरी लगी की तूने इतना बड़ा फैसला कर लिया...” सैम कुछ नहीं कहता और चुपचाप वहाँ से चला जाता है।


नजमा खुद को कोषती है की आखिर मैंने उसे ऐसा क्यूँ कहा की दूर हो जा मेरे नजरों की सामने से, सारी गलती मेरी है। मैं सैम को कहीं जाने नहीं दूँगी, कभी नहीं। वो ठान लेती है।

पर सैम भी जाने की ठान चुका था।

कमाल की बात तो ये थी की गलती सैम ने किया था पर आफसोस नजमा को हो रहा था। गुस्सा नजमा को होना चाहिये था पर रिएक्ट सैम कर रहा था। दिल तो नजमा का टूटा था, नजमा के दिल के जिस कोने में एक धुँधली सी तश्वीर उभरके आई थी, वो सैम ने मिटाने की कोशिश किया था।

ये इश्क़ नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये की एक आग का दरिया है और डूब के जाना है।


आज पहली बार नजमा का दिल सैम के जाने से आहत हुआ था इतना आहत की कोई सोच भी नहीं सकता। जब नजमा ने सैम को फिरोज़ा की बाहों में देखा था तब भी वो इतना आहत नहीं हुई थी बलके सच कहें तो उस वक़्त नजमा को जलन हुई थी, जिसे उसने गुस्से की शकल में एक कड़वा घूट समझकर पी लिया था। पर आज जब सैम उससे हमेशा-हमेशा के लिए दूर जाने की बात कर रहा था तो पता नहीं दिल के किसी कोने में कोई चीखा जरूर था।

नजमा सैम के रूम में पहुँच जाती है जहाँ सैम कपड़ों की पैकिंग कर रहा था। सैम नजमा को देखता है और फिर दुबारा अपने काम में लग जाता है।



नजमा- 'सैम... तू कहीं नहीं जा रहा है.


सैम- “मैं जा रहा हूँ अम्मी.


नजमा- मैंने कहा की तू कहीं नहीं जा रहा।


सैम- “मैं जा रहा हूँ, मतलब जा रहा हूँ.


नजमा सैम के पास जाके उसके हाथ से कपड़े छीन लेती है और एक थप्पड़ उसके गाल पे जड़ देती है। आँसू सैम की आँखों में आने चाहिये थे पर रो नजमा रही थी- “तू खुद को समझता क्‍या है... मैं तेरी अम्मी हूँ, मैंने कहा की तू नहीं जायेगा और अगर तू जायेगा तो अपनी अम्मी को ज़िंदा नहीं देख पाएगा...” वो रुकी नहीं और रोती हुई सैम के रूम से निकल गयी।


सैम हाथ में कपड़े पकड़े उसे जाता देखता रह गया।


महक जब कुछ देर बाद सैम के रूम में आई तो सैम बेड पे लेटा हुआ था- “क्यूँ जवान मैंने सुना की तू जा रहा है, तुस्से ना जाओ ना...” महक के चेहरे पे मुश्कान थी और होंठों पे शरारत। वो सैम और नजमा के बीच की सारी बातें सुन चुके थी।



सैम ठंडे आहें भरते हुये- “तू अगर मुझे रोकते हुये मर भी जाती तो मैं नहीं रुकता पर अम्मी की बात मैं नहीं टाल सकता...”


महक- “मरे मेरे दुश्मन, तेरे जैसे... मैं क्यूँ तुझे रोकूं, जा जाना है तो जा.


सैम बेड से उठ जाता है और महक के करीब आके उसकी आँखों में देखते हुये- “सच में तुझे कोई फरक नहीं पड़ता...”



महक- “नहीं...”


सैम- “मेरी आँखों में देखकर कह ना फिर...”


महक- तू जा ना मुझे बहुत काम है


सैम महक को अपनी बाहों में कस लेता है- “इधर देख... मेरी तरफ...”


महक सैम का चेहरा देखने लगती है- “बोल क्‍या है"



सैम- “अगर मैं चला गया तो तुझे कोई फरक नहीं पड़ेगा...”


महक के होंठ लरज के रह जाते हैं, दिल तो उसका भी दुखा था सैम के जाने का सुनके पर उसका अहं उसे मजबूर किए हुये था- “तुझ जैसे गंदे इंसान को कौन अपने घर में रखना पसंद करेगा...” महक ने घूरते हुये सैम को कहा।



सैम- “अब जब मैं गंदा हूँ ही सबकी नजर में तो क्यूँ ना तेरे साथ भी


महक- “चुप कर कमीने और छोड़ मुझे वरना मैं अम्मी को आवाज दूँगी.


सैम- “सजा तो तुझे मिलेगी मुँह खोलने की मोटी...” और अचानक महक के कुछ बोलने से पहली सैम अपने होंठ महक के काँपते होंठों पे रख देता है। सैम ने गल्लनपप्प्प... गल्लपप्प्प... महक का निचला होंठ बुरी तरह काट लिया था जिससे महक के होंठ से खून निकलने लगा था वो रुवांसी हो गयी थी।


महक- “ये तूने क्या हरकत किया सैम... छोड़ मुझे और महक सैम के पेट में मुक्का जड़ते हुई वहाँ से भाग जाती है।


सैम अपने होंठों पे लगा महक का खून साफ करते हुये- “मेरी जान तूने शेर के मुँह को खून चखा दिया है, अब तुझे मुझसे कोई नहीं बचा सकता...”


नजमा महक को वाश बेसिन में अपना चेहरा साफ करते हुई देखती है- “क्या हुआ बेटा तेरे मुँह से खून कैसे निकल रहा है.



महक- “वो अम्मी ज़ी... वो... मैं ववो... पता नहीं होंठ फटने से शायद खून निकल रहा होगा...”


नजमा- “बता मुझे...”


महक जल्दी से अपना चेहरा छुपाती हुई वहाँ से भाग जाती है।



तभी नजमा आफिस के लिए निकलने ही वाले थी की उसे फिरोज़ा का फोन आता है और फोन उठाने के बाद वो टेंशन में आ जाती है।
Bahot behtareen zaberdast shaandaar update bhai
 
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