NahiDear kia ap as story ko Roman English m nh lekh sakte
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Superb updateचुदाई के बाद सैम और नजमा आफिस तो पहुँच तो गये पर ना सैम का किसी कम में दिल लग रहा था और ना नजमा का।
आफिस वर्क जल्दी से निपटाके नजमा सैम को अपने केबिन में बुलाती है। सैम जैसे ही केबिन में इंटर करता है नजमा उसे अपने से चिपका लेती है और उसके चेहरे पे, होंठों पे किस करती चली जाती है।
सैम भी पिछले एक घंटे से खुद को रोके हुये था। वो नजमा को अपनी छाती से इतने कस की दबाता है की नजमा की हल्की सी चीख निकल जाती है।
सैम- “अम्मी जल्दी घर चलो वरना यहीं आपको नंगी करके मैं शुरू हो जाऊँगा...”
नजमा- हाँ सैम अहह... मैं भी वही कह रही थी की चल, ले चल मुझे अपने साथ और नंगी करके कसके चोद रे बेटा अहह... आज से तीन दिन तक हम दोनों आफिस नहीं आयेगे। मैंने सोफिया को सब आफिस का काम समझा दी हूँ बस मुझे जल्द से जल्द ले चल बेटा।
दोनों की आँखें किसी शराबी की तरह लाल हुई जा रही थी। सैम नजमा के हाथ पकड़के उसे केबिन में बने बाथरूम में ले जाता है और उसे झुकाकर उसकी चूचियां पीछे से मसलने लगता है।
नजमा अहह... करते हुये मचलने लगती है। हकीकत में सैम से ज्यादा नजमा चुदाई के मूड में थी। सैम तो पिछले कई दिनों से कितनी चूतें मार चुका था पर नजमा पिछले कई सालों से प्यासी थी। और आज इस ख़ूँखार शेरनी को वो मिल गया था जिसकी उसके साथ-साथ उसकी चूत को भी तलाश थी।
सैम नजमा को नीचे बैठा देता है और अपनी पैंट नीचे करके अपना लण्ड बाहर निकल लेता है। नजमा एक पल की लिए सैम की आँखों में देखती है और फिर दूसरे ही पल सैम का लण्ड नजमा के मुँह में चला जाता है।
सैम अंदाजा लगा चुका था की इस वक्त नजमा को बहुत जोरों की प्यास लगी है क्यूंकी नजमा उस शिद्दत से सैम का लण्ड चूस रही थी की वो ना ठीक से सांस ले पा रही थी और ना हिल पा रही थी, बस हलक के अंदर तक सैम का लण्ड लेती चली जा रही थी।
नज़मा- गलपण्प्प गलपप्प्प... उन्हन्न्... सैम मुझसे बर्दाश नहीं हो रहा बेटा... चल ना घर गलपप्प्प... गलपप्प्प... मुझे ये अपनी चूत में, गाण्ड में हर जगह चाहिये मेरे लाल गल्पप्प्प... गलपप्प्प...
सैम नजमा को खड़ी कर देता है और उसके होंठों पे लगे हुये अपने सीमेन की कुछ बूँदें चाटकर उसके होंठों को साफ कर देता है- “चलो अम्मी हनीमून पे चलें..” और दोनों बिजली की रफ़्तार से आफिस से निकलते हैं और जैसे उड़ते हुई घर पहुँच जाते हैं।
सैम जैसे ही घर में दाखिल होता है नजमा उसकी गोद में उछलकर बैठ जाती है और सैम अपने दोनों हाथों से नजमा की कमर पकड़के उसे चूमता हुआ बेडरूम में ले जाता है। 2 मिनट से भी कम वक़्त में दोनों माँ बेटे बिल्कुल नंगे हो चुके थे, ना शर्म थी और ना हया, बस जुनून था इश्क़ का, हवस का और मोहब्बत का।
सैम का लाल गुलाबी लण्ड देखकर नजमा से रहा नहीं जाता और वो घुटनों के बल बैठके उसके लण्ड को हाथ में पकड़ लेती है। अहह...
नजमा- “बेटा आज दिन और रात भर ये मेरे सुराखों में रहेगा। खबरदार जो तूने इसे बाहर निकाला तो मुझसे बुरा कोई नहीं...”
बड़े प्यार से ये कहते हुई नजमा सैम के लण्ड को पहले चूमती है, और फिर गल्लपप्प्प गलपप्प्प... 7” इंच लंबा लण्ड ना जाने कहाँ नजमा के मुँह में गायब हो जाता है गलपप्प्प... गलपप्प्प
सैम- “हाहहह... अम्मी प्लीज़ थोड़ा आराम से खींचो ना अहह... दर्द हो रहा है अहह...”
नजमा- होने दे, सुबह तूने मुझपे रहम नहीं किया था गल्पप्प्प... गलपप्प्प... अब मेरे बारी गलपप्प्प..”
वो किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह अपने जवान बेटे के लण्ड को निचोड़ रही थी। सैम झड़ने से कुछ देर पहले अपना लण्ड नजमा के मुँह से बाहर खींच लेता है और नजमा को चूमता हुआ बेड पे लेटा देता है।
दोपहर की धूप में नजमा की चिकनी चूत बहुत खूबसूरत लग रही थी। सैम नजमा के पैर थोड़े खोल देता है और अपनी जुबान से नजमा की जाँघ को चूमता है और फिर लिटाकर और दोनों उंगलियों से चूत के होंठों को खोलकर अपनी जुबान अंदर घुसा देता है। गलपप्प्प...
नजमा एक हाथ से सैम के बाल और एक हाथ से बेडशीट पकड़ लेती है- “अहह... जालिम मेरी चूत अहह... उनह… यह तूने क्या सितम ढा दिया रे सैम बेटा हाँ ऊडईई... अम्मीयीई... तेरे अब्बू ने कभी यहाँ नहीं चूमा और तू अपनी अम्मी को ये क्या बना रहा है अहह... मैं तेरी आदी हो गयी हूँ एक चुदाई में राजा बेटा अहह...” नजमा क्या बड़बड़ा रही थी, उसे खुद पता नहीं था की वो क्या कह रही है।
ये एहसास उसके लिए ऐसा था मानो जैसे गुलशन में मौसम का पहला फूल खिलने पे बागबान को होता है, अपनी मेहनत सफल होने का।
आज नजमा को फख्र महसूस हो रहा था की उसने एक ताकतवर मर्द को पैदा किया है, जो उसे हर तरह से खुश रखेगा। नजमा उठके अपने बेटे को देखने लगती है। पर सैम तो चूत चाटने में मगन था।
तभी नजमा सैम का सर पकड़के उसे अपने चूत पे दबाती है और सुरररर की आवाज की साथ सैम के मुँह पे पेशाब करने लगती है अहह...
सैम फिर भी अपना चेहरा नहीं हटाता बल्कि चूत के पानी की साथ-साथ पेशाब भी चाटने लगता है। अम्मी आपका पेशाब मधु से भी ज्यादा मीठा है गल्पप्प्प... गलपप्प्प... वो दो उंगलियां चूत के अंदर डालके बचा हुआ सारा पानी बाहर खींचने लगता है और चाटता चला जाता है गलपप्प्प... गलपप्प्प...
नजमा- “अहह... बेटा आ जा ना अपने अम्मी पे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है सैम उनह...”
सैम एक समझदार बेटा था। वो नजमा का हुकुम मानते हुये उसके दोनों पैरों को फैलाके अपना लण्ड उसकी चूत के ठीक मुँह पे लगा देता है।
नजमा- अहह... डाल ना बेटा अहह...
सैम- एक शर्त पे डालूँगा अम्मी
नजमा- बोल ना मुझे तेरी हर शर्त मंजूर है पहले डाल तो सही अहह...
सैम- वो शर्त ये है की ये मुझे इस चूत से अपना एक बच्चा चाहिये वो भी जल्द से जल्द बोलो दोगी ना मुझे अपनी मोहब्बत की निशानी।
नजमा- हननन्... दूँगी... तुझे जरूर दूँगी, मैं वादा करती हूँ उसके लिए तुझे दिन रात अपनी अम्मी को चोदना होगा अहह... बोल चोदेगा ना...”
सैम- जवाब अल्फ़ाज मैं नहीं लण्ड चूत के अंदर तक घुसाकर देता है।
नजमा- अहह... ऊडईई माँ... इतने जोर से अहह...
सैम- ऐसे चोदना होगा ना अम्मी आपको अहह...
नजमा- हाँ बेटा अहह... ऐसे ही अहह...
पच-पच की आवाज़ें और जोर-जोर से साँसों की तड़प पूरे रूम में गूंजने लगती है। दोनों एक दूसरे के जिश्म को नोच खरोंच रहे थे, कभी नजमा सैम के नीचे होती, तो कभी सैम नजमा के नीचे, पर लण्ड से चूत का मिलाप अलग नहीं हो रहा था।
नजमा सैम पे चढ़कर अपनी कमर नीचे ऊपर करते हुये अपने दोनों चुची सैम के मुँह के सामने लटका देती है- “अहह... चूसते हुये चोद बेटा हाँअ...”
सैम दोनों चूचियां को बारी-बारी चूसता हुआ अपना लण्ड नजमा की चूत की गहराईयों में पहुँचा रहा था अहह...
सैम का गाढ़ा पानी और नजमा का चिपचिपा चूत का पानी इतना ज्यादा था की वो बाहर निकलकर बेड पे गिरने लगता है।
नजमा के कमर तेजी से ऊपर-नीचे होने लगती है और सैम की कमर के झटके उसे अपने हलक में महसूस होते हैं वो घुटी-घुटी आवाज में सैम को धीरे-धीरे चोदने का कहती है पर जब जोश अपने पूरे शबाब पे हो तो कोई दुनियां की ताकत उसे रोक नहीं सकते अहह... उहनणन् धीरे अहह...
सैम- “न्हूंहंहंहन... धीरे तो चोद रहा हून् अम्मी ...” सैम नजमा को नीचे ले लेता है और तेज झटके मारने लगता है,
10 मिनट ऐसे ही ताकत से चोदने की बाद सैम का गाढ़ा पानी नजमा की चूत के मुंहाने तक भर देता है।
उसकी चूत किसी शराबी के जाम की तरह लबरेज हो चुकी थे। वो थके नहीं थे बस अपनी चढ़ी हुई सांस को नार्मल करने लगते हैं।
नजमा ऐसे ही नंगी किचेन में गाण्ड हिलाते हुये चली जाती है और कुछ नाश्ता ले आती है। दोनों बड़े मूश्किल से नाश्ता करते हैं और जैसे ही नाश्ता खतम होता है, सैम नजमा को वहीं झुकाकर उसकी कमर पे थप्पड़ मारता हुआ अपना लण्ड उसकी चूत में पेल देता है।
नजमा हल्के-हल्के सिसकती है।
सैम को ये पोजिशन बहुत पसंद थी। वजह ये थी की नजमा की चूत और गाण्ड दोनों सैम को दिखाई देती थी और वो किसी भी वक़्त किसी भी सुराख में अपना कीला ठोंक सकता था। सैम अपना लण्ड बाहर निकालता है।
नजमा- अहह... क्या हुआ बेटा...
सैम- “कुछ नहीं...” और सैम अपने लण्ड को नजमा की कमर पे मारते हुई मूतने लगता है। उसके पेशाब से नजमा सिहर उठती है और उसकी गाण्ड पूरी तरह सैम के पेशाब से तरबतर हो जाती है और चुत के अंदर डालके नजमा को चोदने लगता है।
नजमा- उनह... धीरे बेटा... तेरा लौड़ा है की हथौड़ा अहह... मेरी चूत चीर के रख दिया है तूने बेटा अहहह...
सैम- अम्मी आपकी चूत है ही ऐसी की लण्ड अंदर तक घुसता चला जाता है अहहह...
नजमा- “सुन सैम, मुझे पीछे से ले ना...”
सैम- अम्मी कहाँ से...
नजमा- अहह... मेरी गाण्ड में रे अहह...
सैम- आपको गाण्ड मरवाना अच्छा लगता है.
नजमा- हाँ सैम, बहुत अच्छा अहह...
सैम नजमा की कमर पकड़के उसे थोड़ा झुकाता है और अपने लण्ड पे थूक लगाके नजमा की गाण्ड में पेलता चला जाता है याहह।
नजमा- उनह... अहह... करते हुयेई सैम के लण्ड को अंदर की तरफ जगह देती है अहह...
सैम की ताकत और नजमा का जोश लण्ड को गाण्ड के अंदर ठोंक देते है और सैम दनादन नजमा की कमर पकड़के मारने लगता है।
नजमा- उहनणन् कितना जालिम है रे तू बेटा अहह... अपने अम्मी की गाण्ड मार रहा है अहह...
सैम- अम्मी की गाण्ड चूत मारना किस्मत वालों को नसीब होता है अहह... मैं तो ये रोज करने वाला हूँ.
नजमा के पैर खुलते चले गये और सैम का लण्ड कभी चूत में तो कभी गाण्ड के सुराख को खोलता चला गया।
वो चुदाई रात के 9 बजे तक चलती रही दोनों निढाल होके एक दूसरे को चूमते हुई सो गये, ना उन्होंने रात का खाना खाए और ना उन्हें भूख लगी थी। सैम का लण्ड अभी भी नजमा की चूत में था। और दोनों एक दूसरे की बाहों में सुकून की नींद में सोये हुये थे।
Superbइधर नजमा और सैम जहाँ गहरी नींद में थे। तभी अचानक एक मकड़ा आके नजमा की चूचियां पे काटता है।
नजमा- अहह... नींद में समझती है की सैम ने काटा है। अहह...
सैम आँखें खोलता हुआ- “क्या हुआ अम्मी,
नजमा- “उसे प्यार भरी नजरों से देखते हुये तूने मुझे काटा क्यूँ...”
सैम- “कहाँ काटा मैंने
नजमा अपने निप्पल पे उंगली रखते हुई- “यहाँ...”
सैम अपने अम्मी के होंठों को चूमता हुआ- “मेरी जान मैंने नहीं काटा आपको...”
नजमा- “अच्छा... जिस किसी ने भी काटा हो पर अब तो मैं जाग गयी हूँ और,
सैम- “और क्या अम्मी...” सैम का लण्ड अभी भी नजमा की चूत में ही था पर अभी वो गहरी नींद में था।
नजमा- सैम मेरा दिल कर रहा है
सैम- क्या अम्मी
नजमा सैम के कान में धीमी आवाज में कहती है- “चोदो ना मुझे...”
सैम नजमा को अपने ऊपर खींच लेता है और दोनों एकदूसरे को चूमने लगते हैं। नजमा की चूचियां सैम की छाती में धंसी हुई थी और चूत के अंदर सोया हुआ छोटा सैम हरकत में आने लगता है।
नजमा- अहह... चोदो ना अहह...
सैम- पहले इससे टाइट तो करो मेरी जान... और सैम नजमा की चूत से लण्ड बाहर निकाल लेता है।
नजमा सैम के माथे से चूमते हुये नीचे गर्दन, फिर चेस्ट, और फिर पेट को चूमते हुये लण्ड पे आ रुकती है अहह...
वो सैम के लण्ड को हाथ में पकड़ती है- “अरे सैम, ये तो सोया हुआ है अभी इससे जगाती हूँ और नजमा सैम के लण्ड को मुँह में भरके चूसने लगती है गल्लपप्प्प... गल्लपप्प्प...
नजमा के होठ लगने भर की देर थी की सैम का लण्ड कुछ सेकेंड में ही अपने असली शक्ल ले लेता है।
सैम- बस मेरी जान अहह... और मत चूस अहह... वरना तेरे मुँह में कर दूंगा अहह...
नजमा भी चूत की मारी थी, वो जल्दी से सैम के लण्ड को मुँह से निकालकर उसके पास आके लेट जाती है।
सैम अपने लण्ड को हाथ में लेके नजमा की चूत से सटा देता है- “यहाँ डालूं ना अम्मी
नजमा- “अहह... अम्मी नहीं सैम, नजमा अहह... तेरी नजमा... अम्मी मैं दुनिया की लिए हूँ तेरी। हा... पर तेरे लिए सिर्फ तेरी नजमा डाल दे रे
कुछ देर नजमा की चूत पे रगड़ने की बाद सैम अपने लण्ड को झटके के साथ अंदर पेल देता है अहह... ली नजमा अहह... अहह...
नजमा- हनंनणन् मेरे जानूऊ अहह... चोदो अपनि नजमा कोऊ अहह... ऐसे ही अंदर-बाहर अहह... ऐसे ही अहह… तेरे लण्ड के लिए ही बने है तेरी नजमा की चूत अहह...
सैम नजमा के होंठों को चूमता, कभी चूचियां को मुँह में लेके चूसता, तो कभी कमर पे थप्पड़ मारता हुआ नजमा की चिकनी चूत में लण्ड अंदर-बाहर करने लगता है अहह... अम्मी अहह... मेरे जान अहह... मेरा बच्चा चाहिये मुझे इसे चूत से अहह...
नजमा- हाँ... मेरी जान, दूँगी ना मैं अहह... सब कुछ तुम्हारा है अहह... मेरी हर चीज अहह... जो मांगोगे वो दूँगी अहह... ऊडईई माँ मेरी बच्चेदानी को ठोकर मार रहा है तुम्हारा ये जालिम लौड़ा हाणाएंअ सैम।
सैम नजमा के कान में अपनी जुबान डालके हल्के-हल्के बोलने लगता है अहह... नजमा तुझे मैं तेरे बेटी और बहू के सामने चोदूँगा... ऐसे ही नंगी करके तेरी बहन को चोदूँ नजमा अहहह...
नजमा- हाँ सैम... जहाँ चाहो वहाँ चोदो मुझे, महक और निदा के सामने चोदो मुझे, बस अपना प्यार कम मत होने देना मेरी जान अहह... मैं रह नहीं पाऊँगी तुम्हारे बिना हाँ अहह...
सैम- अम्मी आपकी चूत के लिए तो मैं दुनिया को भी छोड़ सकता हूँ अहह... बस मेरी अम्मी मेरे नीचे रहे हमेशा, हर रात ऐसे ही पूरी नंगी मेरे लण्ड से पैवस्त हुई अहह... ऐसे ना एम्मी ऐसे ना अहह...
नजमा- “हनंन सैम, ऐसे अंदर तक घुसा दे रे, जालिम लौड़ा है तेरा... मेरी चूत पे बिल्कुल रहम नहीं करता...”
सैम- हर रात आपकी चूत में जायेगा मेरा लण्ड अम्मी अहह...
नजमा- “हनन... बेटा मैं प्रेगनेंट होने की बाद भी नहीं छोड़ृंगी इसे। 9वें महीने तक लूँगी मेरे जानू के लण्ड को अपनी चूत में अहह... चोदो बेटा और रगड़कर अहह... कर दिया मुझे आज ही प्रेगनेंट अहह...” दोनों मोहब्बत की आग में जलते हुए एक जिस्म दो जान।
सैम ने नजमा को उस रात सुबह तक ऐसे ही रगड़ता हुआ चोदता रहा और नजमा भी बिना थके अपने बेटे से हर तरह से चुदती रही।
ये रात जल्दी खत्म नहीं होने वाली थी। जहाँ एक तरफ महक और फिरोजा अपनी चूत की आग एक दूसरे की चूत पे रगड़कर बुझाने की कोशिश कर रही थी, वहीं यहाँ सैम अपने अम्मी की हर ख्वाहिश पूरे करने में लगा हुआ था।
नजमा जिस तरह चाहती सैम उसे उसी तरह चोद रहा था। और देखते ही देखते सुबह के 5 बज गये और एक लंबी चुदाई के बाद सैम और नजमा की आँख फिर से लग गई।
सुबह जब सैम की आँख खुली तो नजमा उसके पास नहीं थी। वो आँख मलता हुआ फ्रेश होने बाथरूम में घुस जाता है और 30 मिनट बाद जब नहाकर किचन में आता है तो नजमा उसे तौलिया में लिपटी हुई कुछ काम करते दिखाई देती है।
नजमा सैम के तरफ देखती है और एक प्यारी सी मुश्कान दोनों के होंठों पे आ जाती है।
सैम- अम्मी आप जल्दी उठ गये आज...
नजमा- सैम को अपने बाहें खोलकर अपनी तरफ बुलाती है- “हाँ वो भूख लगी थी ना इसलिये...” और दोनों एक दूसरे की बाहों में सिमट जाते हैं
सैम- “नयी सुबह मुबारक हो अम्मी.
नजमा- कल रात क्या कहा थी मैंने। अकेले में तुम मुझे नजमा कहोगे अम्मी नहीं।
सैम- “ठीक है मेरी जान...” और दोनों एक दूसरे के होंठों को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं।
सुबह की रोशनी में दोनों के जिस्म किसी हीरे की तरह चमक रहे थे, खास तौर पे सैम की चौड़ी छाती और उसपे गोल्डेन हेयर।
नजमा के मुँह में पानी आ रहा था। वो सैम के गालों को जोर से काटती है और उससे अलग होके फिर काम में लग जाती है। सैम पीछे से नजमा को देख रहा था।
झुकी हुई नजमा की चूत उसे साफ दिखायी दे रही थी। सैम पीछे से नजमा को दबोच लेता है- “नजमा तेरी चूत पीछे से देख रही है.
नजमा धीमी आवाज में- “जानती हूँ
सैम- “मुझे भूख लगी है नजमा...” वो नजमा के चूचियां को मसलता हुआ उसके कनों में बोल रहा था।
नजमा कसमसाते हुये हल्के से कहती है- “अहह... मुझे भी लगी है.
सैम नजमा को उठाके डाइनिंग टेबल पे बैठा देता है और नजमा का तौलिया खींच लेता है। नजमा जानती थी की सैम को क्या चाहिये। वो अपने चूत पे हाथ फेरते हुये सैम की आँखों में देखने लगती है।
नजमा आँखों के इशारे से सैम को पास बुलाती है और सैम नजमा के ऊपर झुक जाता है।
सैम के होंठ नजमा के पेट को चूमने लगते हैं जिससे वो गरुदगुदी होने से हँसने लगती है।
फिर अचानक सैम की दो उंगलियां अपने चूत में अचानक घुस जाने से नजमा के हँसी सिसकारियों में तब्दील हो जाती है।
नजमा- अहह... बेटा उनह... क्या जादू कर दिया है रे तूने मुझपे उनह... दिल दिन-रात नंगी रहने को कर रहा है और तेरे नीचे लिपटकर चुदने कोऊ सैम अहह...
सैम की जुबान नजमा की चूत पे पहुँच चुकी थी जिससे बोलते हुये नजमा हल्के-हल्के मगर गहरी साँसें लेने लगती है उसके मुँह से कुछ बोला ही नहीं जा रहा था। वो तो बस सैम के सर को पकड़के अपनी चूत पे दबाने लगती है अहह... उनह... अहह... स्शह
सैम जितनी तेजी से नजमा की चूत चाट रहा था उतनी जोर से नजमा चीख रही थी। उसे सुबह-सुबह सैम से अपनी चूत चटवाने में वो खुशी मिल रही थी जो रात के अंधेरे में भी नहीं मिली थी।
नजमा- अहह... सैमम... अब घुसा दो ज़ी जानू, मत तड़पाव अपनी जान को उनह... ऊहह थोड़ा सा रहम खाओ अपनी नजमा पे अहह...
नजमा की चूत से पानी रिसने लगता है पर ये रिसता हुआ पानी उसकी आग को ठंडा करने के बजाए और भड़का देता है। वो चीखने लगती है, सैम के बाल खींचने लगती है अहह...
सैम अपने अम्मी की चूत की मजे ले रहा था। उसे बहुत अच्छा लग रहा था की नजमा उसे चुदने की लिए तड़प रही है वो और तेजी से क्लिटोरिस को मुँह में भरके चूसता चला जा रहा था गलपप्प्प... गलपप्प्प...
नजमा दीवानी हो चुकी थी। जिस तरह लैला को सिर्फ़ मजनू दिखाई देता था उसी तरह नजमा को सिर्फ़ समीर का लण्ड अपनी चूत मेँ घुसता दिखाई दे रहा था। वो जल्द से जल्द उसे अपनी चूत मैं समा लेना चाहती थी, पर जालिम सैम अपनी अम्मी को और उकसाना चाहता था। जितना नजमा ने उसे सताया था शायद उसका वो बदला ले रहा था।
नजमा हॉफने लगती है, उसकी चूत का पानी उसकी जाँघ से होता हुआ नीचे फर्श पे गिरने लगता है अहह...
नजमा- कमीने चोदता क्यों नहीं मुझे अहह... मेरी चूत में घुसाता क्यों नहीं अपना लौड़ा अहह... डाल ना हरामी अहह…
मादरचोद... अपने अम्मी को सिर्फ़ तड़पा रहा है... कुछ कर ना रे... समीर बेटा... प्लीज़ डाल दे एक बार अंदर उनह... मैं मर रही हूँ तेरे लण्ड के लिए अहह...
सैम को आखिरकार अपनी नजमा पे रहम आ ही जाता है और वो नजमा को नीचे उतारके झुका देता है और पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत पे रगड़ने लगता है।
नजमा इस रगड़ से और बेचैन हो जाती है वो एक हाथ पीछे ले जाके सैम का लण्ड पकड़ लेती है और उसे अपने चूत के मुँह में थोड़ा सा घुसा लेती है उहनणन्... मार ना धक्का जालिम अहह... कितना तड़पा रहा है तू मुझे उनह...
सैम- “नजमा मेरी जान... तेरी चूत से निकला था और तेरी चूत से ही अपनी मोहब्बत की निशानी निकालूँगा हॉँअ ये ले...
नजमा- “ऊडईई उनह... दूँगी ना मैं अपने जान को... बस मुझे ऐसे ही लिया कर तू, दिन रात... मेरे को भरते जा ऐसे ही... मैं एक क्या तेरे लिए बच्चों की लाइन लगा दूँगी मेरे जानू... धीरे रे बेटा उउनन्...
सैम दोनों हाथों से नजमा की कमर पकड़के दनादन लण्ड चूत के अंदर तक ठोकता चला जा रहा था।
सैम- नजमा मेरी रानी तू सिर्फ़ मेरी है और ये तेरी चूत भी मेरी है तुझे तो मैं चोद-चोद की निहाल कर दूंगा मेरी जाननणन्...
नजमा खड़ी-खड़ी थक गयी थी वो सैम को सामने से आने का कहती है और सैम झट से नजमा को किचेन के एक कोने में बैठा देता है और सामने से अपना कीला फिर से नजमा की नरम दीवार में ठोंक देता है।
दोनों की जुबान एक दूसरे के मुँह में थी और लण्ड चूत में। नीचे से सिर्फ़ सैम की कमर हिल रही थी और ऊपर से नजमा की जुबान जो सैम के मुँह के अंदर तक घुसी हुई थी गलपप्प्प... ना सैम रुक रहा था और ना उसका फौलादी लण्ड। दोनों आज सुबह-सुबह नजमा की चूत की धजियां उड़ाने में लगे हुये थे।
नजमा सैम को पकड़ लेती है और झड़ने लगती है- “चोदता जा जोर-जोर से मेरी चूत में झड़ जोर से.
सैम- “नजमा मेरा पानी भी निकलने वाला है.
नजमा- “रुक जा सैम मुझे तेरा पानी पीना है। कहते हैं की बीवी जब शौहर का पानी सुबह पीती है तो हमेशा जवान रहती है.
सैम झट से अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है। उसका प्रेशर बहुत बढ़ चुका था, लावा किसी भी वक़्त बाहर आ सकता था, इससे पहले की वो जमीन पे गिरता नजमा एक चाय का कप उठाके सैम के लण्ड के नीचे लगा देती है, और सैम अपना गाढ़ा-गाढ़ा पानी उस कप में निकालने लगता है।
नजमा की आँखें कप पे जमी हुई थी। वो चाय का कप आधे से भी ज्यादा पानी से भर चुका था। बाकी का पानी नजमा निचोड़ लेती है सैम के लण्ड से। जैसे ही सैम मुड़ता है नजमा उसकी आँखों में देखते हुये वो कप अपने मुँह से लगाके पीने लगती है। वो इस
अदा से पी रही थी जैसे कोई बहुत ही मीठी चीज हो।
दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़के बाथरूम में घुस जाते हैं पर वहाँ सैम नजमा को नहीं चोदता और नजमा भी सैम को नहीं कहती क्यूंकी कल रात से दोनों ने कुछ नहीं खाया था और इस तरह चुदाई से वो बीमार पड़ सकते थे।
पर नजमा अपने समीर के लण्ड को अच्छे से साफ करना नहीं भूलती। वो शावर की नीचे खड़ी होके सैम केलण्ड को साबुन लगाके घिसकर साफ करने लगती है। ये नजमा के हाथों का असर था या सैम की जवानी का जोश की हाथ लगने की देर थी, सैम का लण्ड फिर से खड़ा होने लगता है।
जब वो नहाकर बाहर आते हैं तो समीर के सेल पे निदा का फोन आता है। कुछ देर बात करने की बाद जब सैम मुड़के देखता है तो नजमा उसे पूछ लेती है
नजमा- “क्या बात है सैम क्या कह रही थी निदा...”
सैम- “अम्मी, वो भाभी कह रही थी की वो आज वापस आ रही हैं.
नजमा- “क्यूँ खैरियात तो है ना...”
सैम- “अम्मी, वो भाभी प्रेप्रेगनेंट हो गयी हैं.
नजमा का मुँह शाक से खुला का खुला रह जाता है। वो सिर्फ़ इतना कह पाती है- “क्याआआआ..”
उधर दूसरी तरफ फिरोजा के घर पे।
एक मेडिकल दुकान से फिरोजा सुबह-सुबह प्रेगनेंसी किट लाकर महक के पास देती है और जब महक बाथरूम में जाके उसे चेक करती है तो उसकी चीख सुनके सत्तारखान भी चौंक जाते हैं।
फिरोजा भागती हुई बाथरूम में घुस जाती है- “क्या हुआ बेटा इतने जोर से चीखी क्यूँ तुम...”
महक अपने हाथ में की किट फिरोजा को दिखाते है। उस किट पे दो रेड निशान दिखाई दे रहे थे तो प्रेगनेंसी पाजिटिव होने की निशानी थी। महक के साथ-साथ फिरोजा का भी सर चकरा जाता है। कितनी देर महक रोती रहती है और आखिर कुछ सोचते हुये वो बाहर निकल जाती है और कार में बैठके कार स्टार्ट कर देती है।
फिरोजा उससे पूछते है की कहाँ जा रही है।
वो सिर्फ़ इतना कहते है की इस बच्चे के बाप से मित्नने और उससे पूछने की अब मैं कया करूँ...
वो फुल स्पीड में कार हाइवे पे दौड़ा रही थी, उसकी आँखों से आँसू लागातार बह रहे थे और दिमाग में गुजरी हुई बातें घूम रही थी। वो जैसे ही एक मोड़ लेती है, सामने से तेज रफ्तार में आता हुआ ट्रक उसे जोर से टक्कर मारता है और महक की कार उल्टी होके रोड पे घिसटते हुये 25 फिट दूर जाके एक पेड़ से चिपक जाती है। महक खून में लथफथ कार में पड़ी थी।
कुछ देर बाद वहाँ एक ब्लैक स्कॉर्पियो आके रुकती है और उसमें से एक शख्स बाहर निकलता है वो सीधा महक की कार की तरफ लपकता है। वो महक को कार से बाहर निकालता है और उससे पूछता है की आपके घर का कोई यहाँ आ सकता है... नंबर है किसी का...
महक इतने होश-ओ-हवास में नहीं थी। वो सिर्फ़ इतना कहती है- “मेरे पर्स में मोबाइल है, समीर खान को फोन करो और ये कहके महक बेहोश हो जाती है। वो शख्स महक के मोबाइल से सैम का नंबर डायल करता है और सैम को महक की कंडीशन बताता है।
Superb update
सैम निदा के प्रेगनेंट होने की खबर से उभरा भी नहीं था कि ये दूसरी महक की एक्सीडेंट की शाकिंग खबर सुनके जैसे सकते में पड़ गया था।
वो और नजमा सीधा उस हास्पिटल की तरफ निकल जाते है जहाँ महक को वो शख्स लेके गया था। डाक्टर महक की कंडीशन देखकर उसे फौरन औपरेशन थियेटर में ले जाते हैं और वो शख्स जिसने महक की जान बचाई थी वहीं एक चेयर पे सैम का इंतेजार करने लगता है।
सैम और नजमा जब हास्पिटल पहुँचते हैं तब तक महक की ट्रीटमेंट हो चुकी थी और उसे आईन्सी-यू. में ट्रान्स्फर कर दिया गया था। सैम और नजमा डाॅ से मिलते हैं और महक के बारे में पूछते हैं।
डाॅ- देखिये घबराने की कोई बात नहीं है। वो तो अच्छा हुआ की महक को सही वक़्त पे हास्पिटल पहुँचा दिया गया वरना ज्यादा ब्लीडिंग से कुछ भी हो सकता था। हमने महक के कुछ थेसटस किए थी उसमें महक की प्रेग्नेन्सी रिपोर्ट पाजेटिव निकली थी। पर इस एक्सीडेंट से उसकी प्रेग्नेन्सी पे कोई असर नहीं पड़ेगा। हाँ बस
सैम और नजमा दोनों शाक होके डाॅ से पूछते हैं- “क्या डाॅ.”
डाॅ- वो महक का चेहरा बुरी तरह खराब हो गया है शायद उसकी कार बहुत दूर तक घिसटती गये होगी
सैम- “डाॅ साहब वो ठीक तो हो जायेगी ना... मेरे मतलब है की वो पहले जैसी तो दिखाई देगी ना...”
डाॅ- आई एम साॅरी लेकिन वो अपना असली चेहरा खो चुकी है। हाँ अगर आप उसका किसी अच्छे डाॅ से प्लास्टिक सर्ज़री करवाते हैं तो महक एक नयी लुक के साथ एक नये चहरे के साथ दुनिया देख सकती है। आजकल ये कामन चीज बन गई है।
नजमा- “हम महक को कब घर ले जा सकते है.
डाॅ- रात तक महक डिस्चार्ज हो जायेगी उसे फ्रैक्चर भी नहीं है और ना अंदरूनी ब्लीडिंग। आप कुछ देर बाद महक से मिल सकते हैं।
डाॅ की ये बात सुनके नजमा और सैम के दिल में कुछ सुकून आता है, वरना इतने खतरनाक आक्सिडेंट के बाद इस तरह सही सलामत बच निकलना किसी मिरैकल से कम नहीं था। नजमा महक से मिलने रूम में जाती है और सैम उस शख्स से मिलता है।
सैम- हाय माइ नेम इस समीर भाईजान मैं आपका शुक्रिया कैसे अदा करूँ, आपने मेरी बहन की जान बचाकर हम सब पे बहुत बड़ा एहसान किया है।
वो शख्स सैम से हाथ मिलाता है। समीर भाई मेरा नाम शम्स ख़ान है और आप मेरा शुक्रिया अदा करके मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं। मैं वहाँ से गुजर रहा था तभी देखा की आपकी बहन इस कंडीशन मेँ पड़ी है, मैंने जो किया वो सिर्फ़ इंसानियत के नाते किया भाई। ये आपकी बहन का फोन... अच्छा मैं चलता हूँ।
सैम- शम्स भाई एक कप चाय तो पी सकते हैं हम। उसके बाद आप चले जाना।
शम्स ख़ान- ओके...
और शम्स समीर की साथ पास की एक कँटीन में चला जाता है।
चाय पीते-पीते सैम ने पुछा- तो भाई आप करते क्या हैं मेरा मतलब है की आपका बिजनेस क्या है.
शम्स ख़ान अपने बैग में से एक किताब निकालकर सैम को देता है। जब सैम वो किताब खोलता है तो उस किताब की फ्रंट पेज पे राइटर का नाम लिखा हुआ था- शम्स ख़ान एक गरुमनाम शायर- वो एक इन्सेस्ट किताब थी।
सैम ने कई मर्तबा ये नाम सुना था। वो खुशी से खड़ा हो जाता है और शम्स के गले लग जाता है- “भाई आप शम्स ख़ान हो वो जिसने कई इन्सेस्ट स्टोरी लिखी हैं। मैं तो आपका सबसे बड़ा फैन हूँ भाई... मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा की आप मेरे सामने बैठे हो।
शम्स मुश्कुराते हुये- सैम भाई आप इस नाचीज बंदे की कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रहे हो। बस इन्सेस्ट पे लिखना मेरी हाबी है और आपकी बातों से लगता है की आप भी इन्सेस्ट को काफी पसंद करते हैं।
सैम अपने फवरिट राइटर को अपने सामने देखकर जैसे सातवें आसमान पे था। वो ये भी भूल गया था कीहमहक की क्या कंडीशन है... निदा भी घर आने वाली है... वो तो बस शम्स ख़ान को देख-देखकर मुश्कुरा रहा था।
शम्स ख़ान- क्या हुआ सैम... मैंने कुछ गलत कहा क्या...
सैम- शम्स भाई मेरी हमेशा से ख्वाहिश थी आपसे मिलने की। आप जब आप मेरे सामने बैठें हैं तो आपसे झूठ नहीं बोलूँगा और सैम अपनी ज़िंदगी का हर एक पेज शम्स ख़ान के सामने खोलता चला जाता है।
सैम ने आबिद से लेके नजमा तक गुजरी हर वो बात शम्स को बताता चला गया। नजाने क्यूँ उसका दिल चाह रहा था की वो शम्स को हर बात बता दे। तकरीबन एक घंटे बाद जब सैम खामोश हुआ तो सैम के साथ-साथ शम्स ख़ान की चेहरे पे भी मुश्कान फैली हुई थी।
सैम- “शम्स भाई अब आप ही मुझे कुछ सुझाव दो की मैं क्या करूँ... मैं अम्मी के साथ ज़िंदगी गुजारना चाहता हूँ... पर फिरोजा खाला, निदा भाभी और अब महक... मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा भाई की मैं कया करूँ...”
शम्स मुश्कुराते हुये सैम को कहता है- सैम भाई आपकी बातें सुनके मुझे इस पे एक स्टोरी लिखने का दिल कर रहा है और मैं उस स्टोरी का नाम रखूँगा- “एक राजा एक गुलाम और चार रानियां..” और जहाँ तक आपकी प्राब्लम का सवाल है तो आप आपकी अम्मी की साथ रहो। आपकी निदा भाभी की शादी आबिद से करवा दो।
फिरोजा खाला की शादी बाहर कहीं और हो जायेगी। और रही आपकी बहन महक तो अपने अभी बताए की डाॅ ने उसकी प्लास्टिक सर्ज़री करवाने को कहा है तो उसे यू-के. या अमेरिका ले जाके ऐसी प्लास्टिक सर्ज़री करवा दो की यहाँ कोई भी उसे पहचान ना पाये और आप कह देना की ये आपकी कजिन है या कोई फ्रेंड जिससे आप शादी कर रहे हैं।
बहन और अम्मी दोनों आपके साथ और डिस्काउंट में निदा भी।
सैम की आँखों के सामने पूरी पिक्चर घूम जाती है। वो शम्स को मुबारकबाद देते नहीं थकता और शम्स को अपनी अम्मी नजमा से मिलने की जिद करता है।
शम्स ख़ान- “समीर भाई मैं एक गुमनाम इंसान हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दो, कोई नाम पहचान ना दो। ओके गुड डे हैव आ ग्रेट लाइफ टेक केयर। और शम्स अपनी गुमनाम दुनिया में लौट जाता है। कितनी ही देर सैम शम्स को जाता देखता रहता है।
रात में सैम और नजमा, महक को घर ले आते हैं। महक के चेहरे पे ड्रेसिंग पट॒टियां बँधी हुई थी। डाॅ ने उसे आराम करने को कहा था।
निदा घर आ चुकी थी। उसे इस सबके बारे में नहीं पता था। वो महक को देखकर रोने लगती है। पर सैम और नजमा के समझने पे वो चुप हो जाती है, ये सोचते हुये की कहीं महक भी जज़्बाती ना हो जाये। रात का खाना खाने के बाद निदा अपने रूम में जाके लेट जाती है। वो जानते थी की ऐसे हालत में अपनी बात करना सही नहीं होगा।