डाॅ स्मिथ से मिलकर दोपहर की फ्लाइट से सैम महक और नजमा के साथ इंडिया के लिए रवाना हो जाता है। रात 11 बजे तीनों घर पहुँच चुके थे।
जब निदा दरवाजा खोलती है तो महक को देखकर जैसे बेहोश होने लगती है। वो जिस महक को यूके. रवाना करके आई थी वो कोई और थी और आज जो महक उसके सामने खड़ी थी वो तो जैसे जन्नत की कोई हूर थी।
आबिद भी अपनी बड़ी बहन को इस नयी अवतार में देखकर बहुत खुश हो रहा था। सभी एक दूसरे से मिलके खैर खैरियत पूछे जा रही थे पर दो लोग एक दूसरे को ऐसे घूर रहे थे जैसे कोई पुरानी दुश्मनी हो। निदा की आँखें सैम के चेहरे से हट ही नहीं रही थीं। वो चुप थी और ये चुप्पी आने वाले तूफान का अंदेशा दे रही थी।
रात का खाना खाने के बाद महक निदा के साथ उसके रूम में बैठी बातें कर रही थी और सैम आबिद के रूम में था।
सैम आबिद के बेड पे लेटा हुआ था और आबिद उसके पास एक कोने में चुपचाप सा बैठा था। इधर-उधर की बातें करने की बाद सैम आबिद से यहाँ की हालत का जायजा लेता है।
सैम- “और सुना आबिद कैसे गुजरे ये दिन...”
आबिद कुछ नहीं कहता बस चुपचाप सा बैठा रहता है।
सैम- “अब बोल ना क्या हुआ.
आबिद- “वो भाई... वो भाभी...”
सैम का माथा टनकता है- “भाभी, क्या-क्या हुआ बोल तो सही...”
आबिद- “वो भाई, भाभी आपके पीछे मेरे साथ अजीब सा बिहेव कर रही थी.
सैम दिल ही दिल में मुश्कुराता हुआ- “क्या कर रही थी भाभी, साफ-साफ बता ना बात क्या है.
आबिद- “जाने दो भाई, कुछ नहीं...”
सैम आबिद का हाथ पकड़के अपने पास खींचता है- “अब साले बोल भी बात क्या है... क्या की भाभी ने तेरे साथ...”
आबिद- “भाई निदा भाभी मुझे पिछले कुछ दिनों से अजीब निगाह से देख रही थीं। कल दोपहर में जब मैं सोया हुआ था तो वो मेरे रूम में आई और मेरी पैंट खोलकर मेरा वो देख रही थीं.
सैम- “क्या बात कर रहा है तू, सच में.
आबिद- “हाँ भाई उन्होंने मेरे उसको हाथ में पकड़के कई बार हिलाया, पर मैं सोने का नाटक करता रहा। मुझे बहुत डर लग रहा था भाई की पता नहीं भाभी को क्या हो गया है। मेरे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा...”
सैम- “एक बात बता की तुझे भाभी कैसे लगती हैं.
आबिद- “क्या भाई, आप भी.
सैम- “अब बोल ना, क्या लड़कियों की तरह शर्मा रहा है.
आबिद धीरे से मुश्कुराता हुआ कहता है- “अच्छी हैं.
सैम- “शादी करेगा निदा भाभी से.
आबिद की गाण्ड के साथ-साथ मुँह भी खुला का खुला रह जाता है- “क्याआअ शादी भाभी की साथ...”
सैम- “हाँ शादी...”
इधर आ मेरी बात गौर से सुन पहले। देख बेटा आबिद मुझे पता है की तेरा लण्ड किसी काम का नहीं है, छोटा भी है और दम भी कम है। अगर बाहर वाली किसी लड़की से तेरी शादी होती है तो वो तुझे दूसरे दिन ही तुझे गाण्डू कहके चली जायेगी।
इसलिए बेहतर यही होगा की तू भाभी से शादी कर ले किसी को तेरी प्राब्लम का पता भी नहीं चलेगा, और हम सब बदनामी से भी बच जायेगे। सोच ले अगर तू हाँ कहता है तो भाभी और अम्मी को मैं राजी कर लूंगा..” ये कहके सैम दिल में हँसता हुआ आबिद के रूम से बाहर निकल जाता है और आबिद गहरे सोच में डूब जाता है।