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Incest Ghar me ghamasan

shahil3

Mere pyare dosto
58
224
34
Update 07
To be continue
मेरे प्यारे दोस्तो मेरी कहानी को पसंद और पढ़ने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
अब आते हैं कहानी पे ,
मै अपने खेती के सभी काम निपटा के फुरसत में हो गया था अब मुझे अगले 15 दिनों तक खेतो में कोई काम नहीं था। सिर्फ टहलने ही जाना था। और टहलते टहलते खेतो की देख भाल करनी थी ताकि कोई लावारिस जानवर या जंगली जानवर खेती को नुकसान ना पहोचाए।
बस यूं ही जिंदगी गुजर रही थी । साम को दिन ढलने के करीब था मै गांव में टहलने जा रहा था जाते जाते मैने पप्पू के घर गया ।बाहर से ही आवाज लगाते हुए घरकेे अंदर चला गया तो पप्पू की मां खाना बनाने की तयारी कर रही थी।
मैने पूछा चाची क्या बनाने जा रही हो ।
अरे राजू बेटा तू कभी आया बैठ पप्पू तो है नही घरपे किधर गया होगा। दिन भर घूमके उसका पेट नही भरता है दिन ढलने को है बेटा लेकिन सुबह का निकला अभी तक पता नहीं है।
राजू बेटा उसको थोड़ा समझा बेटा देख तू कितना होसियार है। अपने दादा के साथ में रहे कर खेती के सभी काम निपटा लेता है । और एक पप्पु है। जरा भी मन नहीं लगता उसका अपने पापा के साथ । कामों में कितनी बार मैं डांट खाती हु उसकी वजह से। अरे चाची समझ जाएगा मत फिकर करो उसको भी। धीरे धीरे सब समझ आ जाएगा। अरे चाची नसरीन कहां है नही दिख रही है। है बेटा अभी तो यहीं थी। इतने में टॉयलेट के इधर से आते हुए दिखी।मुझे
आके मेरे बगल में बैठ गई बोली किधर रहेता है आज कल आता भी नही अपनी चाची से मिलने। (दोस्तो मैं बताते चलता हु, दरअसल नसरीन और मैं हम उमर है दोनो की पैदाइश एक ही दिन की थी)। और पप्पु मुझ से दो साल बड़ा था
दरअसल हम एक ही खानदान के है। पप्पू के दादा और मेरे दादा भाई है। लेकिन पप्पू के दादा जी अब इस दुनिया में नहीं है पप्पू के घर में सिर्फ चार लोग ही है । नसरीन,पप्पू, और चाचा चाची बस।
हम जब छोटे छोटे थे तो नसरीन मेरे साथ में ही स्कूल में बैठा करती थी। और मैं उसका खयाल अपनी बहन की तरह रखता था। खैर अब आगे बढ़ते है ।
किधर रहूंगा मेरी बहन बस अपने कामों में ही लगा रहता हु आज ही सभी काम निपटाने के बाद फुरसत मिली तो चलें आया अपने चाची से मिलने । मुझे तो बोलती हैं तू कितनी बार आई है अपने चाची और बहेनों को मिलने । मै रोज जाती हु,, एक बार ।तेरे घर समझा,,,, तू ही घरपे नही रहता है जब भी चाची से पूछती हु तो बस खेत में है । यही जवाब मिलता है । अब तू तो बहुत बड़ा किसान बन गया है ना। इतना बोल कर वो मेरे जांघो में चिमटी काट ली
अरे नसरीन मत कर ऐसा दुखता है,,,,। मेरे बोलने के बाद एक जोर दार चिमटी काट कर अपनी मां के पास भाग गई
उसके चिमटी काटने ओर बगल में बैठने के वजह से मेरे लन्ड
में हरकत होने लगी थी,,,,,लन्ड मेरा धीरे धीरे बड़ा होने लगा था।
जब मैने नसरीन को पकड़ ने के लिए उठा तो देखा की चाची
और नसरीन की नजर मेरे लोअर पे ही टिकी हुई थी मेरा लन्ड खड़े होने के कारण मेरा लोअर एक दम से उठ गया था मेरे अंदर चड्डी ना pahen ने की वजह से मेरे लन्ड का सुपाड़ा नजर आने लगा था । मैंने जब खयाल किया तो तुरंत ही खाट पे वापस बैठ गया।
चाची ने मौके को भांपते हुए बात को बदलते हुए बोली की तेरी मां के क्या हाल है। मैने सकपकाते हुए वो वो चाची ठीक है मां,,,, फिर चाची बोली,,तू अपने मां का ख्याल रखना बेटा तेरी मां सिर्फ तुम लोगो के सहारे से ही जी रही है नही तो कब का वो छोड़ के जा चुकी होती,, बाबू जी,,का।बहुत अहसान है की वो तुम लोगो को संभाल के यहां तक ले आए बेटा तू ही है तेरी मां और छोटे भाई बहिनों का सहारा ।
हा चाची दादा जी का बहुत अहसान है हम पर ।मै उनका एहसान कभी नही उतार सकता बस कोशिश करता हु की उन्हें किसी बात की तकलीफ न हो ।
जो हम लोगो के लिए मेरे दादा जी ने किया है संसार का कोई दादा अपने पोते पोतियों के लिए नही किया होगा चाची।
बहुत अहसान है मेरे दादा जी का
अच्छा चाची मैं जाता हु। फिर कभी दिन में आऊंगा। बैठ बेटा मैं पराठा बना रही हूं ख़ाके जा,,,नही चाची फिर कभी ।
फिर कभी क्या मैं रोज रोज थोडी पराठे बनाऊंगी रूक थोड़ा टाइम । इतने में नसरीन मेरे पास आके बोली क्या नाटक कर रहा है बैठ मां बोल रही है ना खा के जा तो क्या नही नही लगाके रखा है । ठीक है बाबा रुकता हु नही तो वापस तेरी सैतानी चालू होजाएगी। मै वापस खाट पे बैठ गया। चाची खाना बनाने में व्यस्त थी इधर नसरीन वापस आके मेरे बगल में बैठ गई । मै तो बहुत डर गया था की कहीं कुछ हरकत ना चालू करदे तो मैं थोड़ा दूर खसक के बैठा
नसरीन धीरे से बोली क्यों भाग रहा है मेरे से मै इतनी बुरी लगती हु क्या जब छोटे थे तभी तो बड़ा चिपक कर बैठा करता था अब क्या होगया।
नहीं नसरीन ऐसी बात नहीं है माशाअल्लाह तू तो बहुत खूबसूरत है । तेरे से नही तेरे हरकतों से दूर भाग रहा हूं
तू अभी भी बच्चो जैसे हरकत करती है ।
अच्छा मै बच्चो जैसी हरकत करती हु और तू तो बड़ा बूढ़ा दादा जी बन गया है ।
अरे मेरी बहन, ये चिमटी काटना छेड़ना ये सब क्या है।
क्यो तुझे नही अच्छा लगता है ये सब,,,। फिर कैसे तेरे तेरे लोअर में क्या होगया था तभी क्यो उसमें तम्बू बना हुआ था बता मुझे । हा वो क्या था । मै एक दम से चुप था। मुझे कुछ समझ में नहीं अरहा था की मै क्या करू
और क्या जवाब दु,,,, खैर जो भी था बड़ा मस्त था नसरीन बोली,,,, मेरी मां भी देख कर ललचा रहीं थी। छोड़ ना ये सब बातें। इतने में चाची पराठा लेके आई बोली ख़ाके बता कैसी बनी है। और मैं हाथ धोने के लिए नल पे गया और अपना हाथ धोने के बाद वापस आने लगा। अभी भी मेरा लन्ड आधा खड़ा ही था। जो मेरे लोअर में हिल रहा था जब वापस आकर मैने खाट पे बैठ गया चाची भी वहीं थी । उनकी नजर अभी।भी मेरे लन्ड पर ही टिकी हुई थी। और मैं पराठा लेके खानें लगा। बहुत ही लाजवाब था गोभी का पराठा मजा आगया। चाची पराठा बनाने वापस चली गई चूल्हे के पास।लेकिन नसरीन वहीं बैठी थी और उसकी नजर कभी मेरे तो कभी मारी लन्ड के तरफ जाती।
करीब 5 मिनट में मैनें दो पराठे खा लिए थे । अब मैं अपने हाथ साफ किए और चाची से बोला चाची पराठा बहुत अच्छा था, , चाची मैं अब चलता हु । ठीक हैं बेटा अब कभी आएगा। चाची अभी दस पंद्रह दिन तक फुर्सत ही है आतें रहूंगा। ठीक है बेटा जाओ । ओके चाची और मैं जाने लगा तो नसरीन वापस मेरे चूतड पर चिमटी काट ली मै भी झपट कर वापस पलटा तो भागने लगीं मां,,,,जोर से चिल्लाई देख मुझे मार रहा है। चाची बोली। तूने ही उसे छेड़ी होगी।
फिर मैं पलट कर बाहर निकल गया।
अब पूरी तरह से अंधेरा हो चुका था । मै जैसे ही रस्टेवपे पहोंचा तो पप्पू आते हुए दिखा । अरे किधर था यार तुझे ही ढूंढ रहा था मैं। पप्पु ने बोला ।
क्या होगया मै तो तेरे घर गया था तुझे ढूंढने।
कुछ नही भाई तेरे लन्ड के चर्चे चल रहे है कहीं पर । किधर
अरे आज माहिरा मिली थी ,,, अभी थोड़ी देर पहले वो अभी भी सही से चल नही सक्ति है। बोल रहीं थी। बहुत तकलीफ हुई। यह तीन चार दिन में लेकीन अब ठीक है अब अच्छा लग रहा है। वोह बता रही थी कि जभी मैने अपनी मां और बहन को । बताई की जिसने मेरे साथ किया है उसका लन्ड बहुत बड़ा था। तभी मुझे इतनी तकलीफ होरही हैं।बड़ा लन्ड के बारे में सुनकर वो दोनों अपनी चूत को मसलने लगी थी।
अबे कहीं उसने ये तो नहीं बता दी कि किसने किया है उसके साथ। नही यार उसने ये नही बताई है उसने कहा की वोह दोनो अपने अपने मुंह ढके हुए थे। तो वो पहचान नहीं पाई
वोह पूछ रही थी कि अगर तुम दोनो को सालू और मेरी मां की चूत लेनी हो तो बड़ी आसानी से मिल जायेगी।
अब बता क्या बोलता है तू मै क्या बोलू यार लेकीन तू दिन भर यही सब करता है क्या पप्पू । नही यार ऐसी बात नहीं है लेकीन कोशिश करता रहता हु । अबे आज चाची तेरी सिकायेत कर रही थी की दिन भर घूमते रहते हो और चाचा
के काम मे हाथ नहीं बंटाते हो जिसकी वजह से उन्हें डांट खानी पड़ती है। अरे छोड़ ना यार

क्या छोड़ना यार वो तेरी मां है तेरे अच्छे के लिऐ सोचती है ।
ईस लिए चाचा से डाट खाने से तुझे बचाती है । और तू उसका फायदा उठाता है। अरे बाबा ठीक भाई आजके बाद मै पापा के साथ काम करने जाऊंगा बस।
बस नही तुझे जाना होगा, अगर तू अपने पापा के कामों में हाथ बटाने लगा तो जो तू कहेगा मै करूंगा । वादा है मेरा
ठीक है फिर मैं भी वादा करता हु की आज से मै अपने पापा के साथ कामों में जरूर उनका हाथ बटा ता रहूंगा ।
चलो फिर तुम अपनें घर जाओ और मैं अपने घर ।
और हां आज चाची ने गोबी के पराठे बनाई है मैनें दो खाए हैं बहुत ही टेस्टी थे मजा आगया।
चल मेरे साथ और खाले । नही भाई बस हो गया अब में घर जाता हु।ठीक है चलो कल मिलते है।
और मैं अपने घर आगया आते ही दादा जी के पास चला
गया मैने बोला क्या हाल है बाबा मेरे बाबा बोले ठीक है बेटा
खाट पे ही लेटे लेटे जवाब दिए मैने पूछा खाना खा लिए हो
तो बाबा बोले नही बेटा अभी नहीं खाया हु तो मैने कहा घर में। खाना खाने साथ मे ही खाते है । फिर बाबा बोले की मुझे यांही पहोंचा देते तो ठीक रहता ।
मैने कहा जैसे आपकी इच्छा बाबा पहोंचा देता हु । और मैं
घर में चले गया और फिर मैने बाबा को बाहर ही लाके खाना खिला दिया।फिर हम सब घर में साथ बैठ कर खाना खाए और अपनें अपने बिस्तर पे सोने चले गए।
To be continued
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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37,622
219
Update 07
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मेरे प्यारे दोस्तो मेरी कहानी को पसंद और पढ़ने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
अब आते हैं कहानी पे ,
मै अपने खेती के सभी काम निपटा के फुरसत में हो गया था अब मुझे अगले 15 दिनों तक खेतो में कोई काम नहीं था। सिर्फ टहलने ही जाना था। और टहलते टहलते खेतो की देख भाल करनी थी ताकि कोई लावारिस जानवर या जंगली जानवर खेती को नुकसान ना पहोचाए।
बस यूं ही जिंदगी गुजर रही थी । साम को दिन ढलने के करीब था मै गांव में टहलने जा रहा था जाते जाते मैने पप्पू के घर गया ।बाहर से ही आवाज लगाते हुए घरकेे अंदर चला गया तो पप्पू की मां खाना बनाने की तयारी कर रही थी।
मैने पूछा चाची क्या बनाने जा रही हो ।
अरे राजू बेटा तू कभी आया बैठ पप्पू तो है नही घरपे किधर गया होगा। दिन भर घूमके उसका पेट नही भरता है दिन ढलने को है बेटा लेकिन सुबह का निकला अभी तक पता नहीं है।
राजू बेटा उसको थोड़ा समझा बेटा देख तू कितना होसियार है। अपने दादा के साथ में रहे कर खेती के सभी काम निपटा लेता है । और एक पप्पु है। जरा भी मन नहीं लगता उसका अपने पापा के साथ । कामों में कितनी बार मैं डांट खाती हु उसकी वजह से। अरे चाची समझ जाएगा मत फिकर करो उसको भी। धीरे धीरे सब समझ आ जाएगा। अरे चाची नसरीन कहां है नही दिख रही है। है बेटा अभी तो यहीं थी। इतने में टॉयलेट के इधर से आते हुए दिखी।मुझे
आके मेरे बगल में बैठ गई बोली किधर रहेता है आज कल आता भी नही अपनी चाची से मिलने। (दोस्तो मैं बताते चलता हु, दरअसल नसरीन और मैं हम उमर है दोनो की पैदाइश एक ही दिन की थी)। और पप्पु मुझ से दो साल बड़ा था
दरअसल हम एक ही खानदान के है। पप्पू के दादा और मेरे दादा भाई है। लेकिन पप्पू के दादा जी अब इस दुनिया में नहीं है पप्पू के घर में सिर्फ चार लोग ही है । नसरीन,पप्पू, और चाचा चाची बस।
हम जब छोटे छोटे थे तो नसरीन मेरे साथ में ही स्कूल में बैठा करती थी। और मैं उसका खयाल अपनी बहन की तरह रखता था। खैर अब आगे बढ़ते है ।
किधर रहूंगा मेरी बहन बस अपने कामों में ही लगा रहता हु आज ही सभी काम निपटाने के बाद फुरसत मिली तो चलें आया अपने चाची से मिलने । मुझे तो बोलती हैं तू कितनी बार आई है अपने चाची और बहेनों को मिलने । मै रोज जाती हु,, एक बार ।तेरे घर समझा,,,, तू ही घरपे नही रहता है जब भी चाची से पूछती हु तो बस खेत में है । यही जवाब मिलता है । अब तू तो बहुत बड़ा किसान बन गया है ना। इतना बोल कर वो मेरे जांघो में चिमटी काट ली
अरे नसरीन मत कर ऐसा दुखता है,,,,। मेरे बोलने के बाद एक जोर दार चिमटी काट कर अपनी मां के पास भाग गई
उसके चिमटी काटने ओर बगल में बैठने के वजह से मेरे लन्ड
में हरकत होने लगी थी,,,,,लन्ड मेरा धीरे धीरे बड़ा होने लगा था।
जब मैने नसरीन को पकड़ ने के लिए उठा तो देखा की चाची
और नसरीन की नजर मेरे लोअर पे ही टिकी हुई थी मेरा लन्ड खड़े होने के कारण मेरा लोअर एक दम से उठ गया था मेरे अंदर चड्डी ना pahen ने की वजह से मेरे लन्ड का सुपाड़ा नजर आने लगा था । मैंने जब खयाल किया तो तुरंत ही खाट पे वापस बैठ गया।
चाची ने मौके को भांपते हुए बात को बदलते हुए बोली की तेरी मां के क्या हाल है। मैने सकपकाते हुए वो वो चाची ठीक है मां,,,, फिर चाची बोली,,तू अपने मां का ख्याल रखना बेटा तेरी मां सिर्फ तुम लोगो के सहारे से ही जी रही है नही तो कब का वो छोड़ के जा चुकी होती,, बाबू जी,,का।बहुत अहसान है की वो तुम लोगो को संभाल के यहां तक ले आए बेटा तू ही है तेरी मां और छोटे भाई बहिनों का सहारा ।
हा चाची दादा जी का बहुत अहसान है हम पर ।मै उनका एहसान कभी नही उतार सकता बस कोशिश करता हु की उन्हें किसी बात की तकलीफ न हो ।
जो हम लोगो के लिए मेरे दादा जी ने किया है संसार का कोई दादा अपने पोते पोतियों के लिए नही किया होगा चाची।
बहुत अहसान है मेरे दादा जी का
अच्छा चाची मैं जाता हु। फिर कभी दिन में आऊंगा। बैठ बेटा मैं पराठा बना रही हूं ख़ाके जा,,,नही चाची फिर कभी ।
फिर कभी क्या मैं रोज रोज थोडी पराठे बनाऊंगी रूक थोड़ा टाइम । इतने में नसरीन मेरे पास आके बोली क्या नाटक कर रहा है बैठ मां बोल रही है ना खा के जा तो क्या नही नही लगाके रखा है । ठीक है बाबा रुकता हु नही तो वापस तेरी सैतानी चालू होजाएगी। मै वापस खाट पे बैठ गया। चाची खाना बनाने में व्यस्त थी इधर नसरीन वापस आके मेरे बगल में बैठ गई । मै तो बहुत डर गया था की कहीं कुछ हरकत ना चालू करदे तो मैं थोड़ा दूर खसक के बैठा
नसरीन धीरे से बोली क्यों भाग रहा है मेरे से मै इतनी बुरी लगती हु क्या जब छोटे थे तभी तो बड़ा चिपक कर बैठा करता था अब क्या होगया।
नहीं नसरीन ऐसी बात नहीं है माशाअल्लाह तू तो बहुत खूबसूरत है । तेरे से नही तेरे हरकतों से दूर भाग रहा हूं
तू अभी भी बच्चो जैसे हरकत करती है ।
अच्छा मै बच्चो जैसी हरकत करती हु और तू तो बड़ा बूढ़ा दादा जी बन गया है ।
अरे मेरी बहन, ये चिमटी काटना छेड़ना ये सब क्या है।
क्यो तुझे नही अच्छा लगता है ये सब,,,। फिर कैसे तेरे तेरे लोअर में क्या होगया था तभी क्यो उसमें तम्बू बना हुआ था बता मुझे । हा वो क्या था । मै एक दम से चुप था। मुझे कुछ समझ में नहीं अरहा था की मै क्या करू
और क्या जवाब दु,,,, खैर जो भी था बड़ा मस्त था नसरीन बोली,,,, मेरी मां भी देख कर ललचा रहीं थी। छोड़ ना ये सब बातें। इतने में चाची पराठा लेके आई बोली ख़ाके बता कैसी बनी है। और मैं हाथ धोने के लिए नल पे गया और अपना हाथ धोने के बाद वापस आने लगा। अभी भी मेरा लन्ड आधा खड़ा ही था। जो मेरे लोअर में हिल रहा था जब वापस आकर मैने खाट पे बैठ गया चाची भी वहीं थी । उनकी नजर अभी।भी मेरे लन्ड पर ही टिकी हुई थी। और मैं पराठा लेके खानें लगा। बहुत ही लाजवाब था गोभी का पराठा मजा आगया। चाची पराठा बनाने वापस चली गई चूल्हे के पास।लेकिन नसरीन वहीं बैठी थी और उसकी नजर कभी मेरे तो कभी मारी लन्ड के तरफ जाती।
करीब 5 मिनट में मैनें दो पराठे खा लिए थे । अब मैं अपने हाथ साफ किए और चाची से बोला चाची पराठा बहुत अच्छा था, , चाची मैं अब चलता हु । ठीक हैं बेटा अब कभी आएगा। चाची अभी दस पंद्रह दिन तक फुर्सत ही है आतें रहूंगा। ठीक है बेटा जाओ । ओके चाची और मैं जाने लगा तो नसरीन वापस मेरे चूतड पर चिमटी काट ली मै भी झपट कर वापस पलटा तो भागने लगीं मां,,,,जोर से चिल्लाई देख मुझे मार रहा है। चाची बोली। तूने ही उसे छेड़ी होगी।
फिर मैं पलट कर बाहर निकल गया।
अब पूरी तरह से अंधेरा हो चुका था । मै जैसे ही रस्टेवपे पहोंचा तो पप्पू आते हुए दिखा । अरे किधर था यार तुझे ही ढूंढ रहा था मैं। पप्पु ने बोला ।
क्या होगया मै तो तेरे घर गया था तुझे ढूंढने।
कुछ नही भाई तेरे लन्ड के चर्चे चल रहे है कहीं पर । किधर
अरे आज माहिरा मिली थी ,,, अभी थोड़ी देर पहले वो अभी भी सही से चल नही सक्ति है। बोल रहीं थी। बहुत तकलीफ हुई। यह तीन चार दिन में लेकीन अब ठीक है अब अच्छा लग रहा है। वोह बता रही थी कि जभी मैने अपनी मां और बहन को । बताई की जिसने मेरे साथ किया है उसका लन्ड बहुत बड़ा था। तभी मुझे इतनी तकलीफ होरही हैं।बड़ा लन्ड के बारे में सुनकर वो दोनों अपनी चूत को मसलने लगी थी।
अबे कहीं उसने ये तो नहीं बता दी कि किसने किया है उसके साथ। नही यार उसने ये नही बताई है उसने कहा की वोह दोनो अपने अपने मुंह ढके हुए थे। तो वो पहचान नहीं पाई
वोह पूछ रही थी कि अगर तुम दोनो को सालू और मेरी मां की चूत लेनी हो तो बड़ी आसानी से मिल जायेगी।
अब बता क्या बोलता है तू मै क्या बोलू यार लेकीन तू दिन भर यही सब करता है क्या पप्पू । नही यार ऐसी बात नहीं है लेकीन कोशिश करता रहता हु । अबे आज चाची तेरी सिकायेत कर रही थी की दिन भर घूमते रहते हो और चाचा
के काम मे हाथ नहीं बंटाते हो जिसकी वजह से उन्हें डांट खानी पड़ती है। अरे छोड़ ना यार

क्या छोड़ना यार वो तेरी मां है तेरे अच्छे के लिऐ सोचती है ।
ईस लिए चाचा से डाट खाने से तुझे बचाती है । और तू उसका फायदा उठाता है। अरे बाबा ठीक भाई आजके बाद मै पापा के साथ काम करने जाऊंगा बस।
बस नही तुझे जाना होगा, अगर तू अपने पापा के कामों में हाथ बटाने लगा तो जो तू कहेगा मै करूंगा । वादा है मेरा
ठीक है फिर मैं भी वादा करता हु की आज से मै अपने पापा के साथ कामों में जरूर उनका हाथ बटा ता रहूंगा ।
चलो फिर तुम अपनें घर जाओ और मैं अपने घर ।
और हां आज चाची ने गोबी के पराठे बनाई है मैनें दो खाए हैं बहुत ही टेस्टी थे मजा आगया।
चल मेरे साथ और खाले । नही भाई बस हो गया अब में घर जाता हु।ठीक है चलो कल मिलते है।
और मैं अपने घर आगया आते ही दादा जी के पास चला
गया मैने बोला क्या हाल है बाबा मेरे बाबा बोले ठीक है बेटा
खाट पे ही लेटे लेटे जवाब दिए मैने पूछा खाना खा लिए हो
तो बाबा बोले नही बेटा अभी नहीं खाया हु तो मैने कहा घर में। खाना खाने साथ मे ही खाते है । फिर बाबा बोले की मुझे यांही पहोंचा देते तो ठीक रहता ।
मैने कहा जैसे आपकी इच्छा बाबा पहोंचा देता हु । और मैं
घर में चले गया और फिर मैने बाबा को बाहर ही लाके खाना खिला दिया।फिर हम सब घर में साथ बैठ कर खाना खाए और अपनें अपने बिस्तर पे सोने चले गए।
To be continued
पप्पू माहिरा से मिलकर सालू और उसकी माँ का जुगाड़ बिठा रहा है... इधर पप्पू की माँ बहन ही चुदने की तैयारी में हैं

बहुत बढ़िया अपडेट
 

Aahhh

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Thora fas likho aur Chachi aur bdla dikhao
 
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Jassybabra

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Nice update
 
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shahil3

Mere pyare dosto
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Update 08
Hi dear my friend
पिछली अपडेट कैसी थी इसके बारे आप लोगो की पर्तिकीर्य bahot कम मिली उम्मीद करता हु की आप लोग आगे अच्छी या बुरी। लेकिन अपनी राय जरूर दे।

आज सुबह उठ ते ही मै toilet के लिए पानी लेकर खेत की तरफ निकल गया। ठीक उसी समय पप्पू भी निकला।
अरे भया मै भी चल रहा हु रुको जरा। मै ठहेर गया पप्पू अब मेरे साथ चुका था । क्या हाल है पप्पू भाई तुम्हारा । मेरा तो ठीक है तेरा बता । क्या इरादा है । माहिरा के बातो पर कुछ
गौर . किया। नही अभी तो नही सोचा हु तुम्हारे खयाल से कैसा रहेगा।
मैने पप्पू से ही पूछा,, पप्पु बोला यार मुझे तो जितना मिलें कम है मेरे हिसाब से चोदना चाहिए उन दोनों को
फिर मैनें पप्पु से बोला ठीक है करने को मै त्यार हु
लेकीन उन दोनों को पता नही होना चाहिए कि हम कौन है। पप्पु बोला ये कैसे मुमकिन है । फिर मैं पप्पू को बताया की ,,, माहिरा ने अपनी मां से कहा की मुझे नही पता चला कि वे दोनों कौन थे क्योंकि वे दोनों ने अपना चेहरा ढका हुआ था। समझे पप्पू भया। की अभी भी नही समझे। हम अपना चेहरा ढक के ही उनकी चुदाई
करेंगे। कोई ऐसा मास्क ढूंढो जो पूरा सर का हिस्सा छुपा सके मुंडी में पहन ने वाला । पप्पू बोला ठीक है मैं जुगाड करता । मै भी बोला ठीक है चलो अब टॉयलेट करो । मै एक तरफ खेत में चले गया और झाड़ा फिरने लगा। और सोचने लगा की नसरीन ने मुझे ऐसे क्यों छेड़ रही थी कहीं उसे भी तो चूदाई करने का मन तो नहीं हो रहा है।,, लेकिन उसे कैसे पता चला ये सब करने के बारे में कुछ तो गड़बड़ है । कहीं ना कहीं वोह चुदाई देखी।होगी । या चुदाई कर चुकी हैं। तभी वो इतना हरकत कर रही थी।और चाची का भी ऐसे देखना मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था। यही सब सोचते हुए। बैठा था की इतने मे पप्पु चिल्लाने लगा,,,,, राजू चल भाई कितना देर लगता है तू ,,,मैने भी आवाज दी रुक जा आ रहा हु मै। फिर मैने अपनी चूतड को धोया और आके पप्पू के साथ चलने लगा । पप्पू बोला राजू मै बाजार से कोई मास्क लता हु ,,मैने कहा ठीक है तू जुगाड कर जब जुगाड हो जाए तो मुझसे बताना फिर आगे की रडनीति
बताता हूं क्या करना है कैसे करना है ठीक है हां और मास्क काले कलर की ही लेना । ठीक है राजू ।
आज तो मैं पापा के साथ दुकान पे जरहा हूं आज से ही मैने जैसा तुझ से प्रोमिस किया था वैसे ही आज मैं दिन भर दुकान पे रहूंगा पापा के साथ । अगर दो चार दिन में बाजार को जाना हुआ तो मैं मास्क का बंदोबस्त करता हु। तू बता आज क्या करने वाला है पप्पु ने मुझ से पूछा

देख भाई मेरा तो खेती का सभी काम करचुका हु अभी नाश्ता करके वापस खेतो का चक्कर लगाऊंगा बस और क्या है ।
मै किसान आदमी हु अपने खेतो में ही रहूंगा दिन भर ।
लेकिन मुझे खुशी हुई तेरी बातो से की आज तू चाचा के साथ रहेने वाला है दिन भर । दोपहर में चाचा खाना खाने आते है की नही । नही भाई मै टिपिन लेके जाता था लेकिन आज मैं भी दुकान पे ही रहूंगा। ठीक है फिर आज तुम दोनो के लिए मैं टिपीन लेकर आऊंगा । ठीक है भाई जैसे तेरी मर्जी ।
फिर हम दोनो अलग अलग अपने घर चले गए। मै जाते ही बाबा के पास गया । बाबा बैठे हुए थे मैने बाबा से पूछा की कुछ तकलीफ है बाबा । नही बेटा कोई तकलीफ नहीं है ।
मुझे बहुत खुशी होती है बेटा जब तुझे अपने परिवार के बारे में काम करते हुए देखता हु। मेरा सीना चौड़ा हो जाता है तेरे बारे में जब लोगो से सुनता हु की तू कितना मेहनत करता है अपने कामों में। बेटा फिर मुझे दुख भी होता है की तुझे पढ़ा लिखा नही सका मेरी ताकत ने मेरा साथ छोड़ दिया बेटा ।
नही बाबा ऐसा मत सोचो। आप दुखी न हो मै शाहिद को जरूर पढ़ाऊंगा वो पढ़ेगा आपका एहसान है बाबा हमारे पे आपने बहुत किया हमारे लिए । अब आप सिर्फ आराम करे ओर कुछ नही करना है आपको । मुझे भी आप पर गर्व होता है जब लोग मुझ से कहते है की तेरे दादा जी ने बहुत कुछ किया है तुम लोगों के लिए । मुझे भी आप जैसा बनना है ।
अपने परिवार को एक रखना है और अपने पापा को लाइन पे लाना है। उनके जो गंदे काम है उसको छुड़वाना है बाबा।
चलो घर में नाश्ता करते है । ठीक है चलो मैने बाबा को सहारा देकर उठने में मदत की लेकिन बाबा अपने से ही उठ गए। अब उनका शरीर का दर्द खत्म हो चुका था
फिर बाबा आवाज देते हुए अंदर दाखिल हुए मेरी मां और गुडिया चूल्हे के पास बैठी थी । ओर साहिद ,,,,जरीना दोनो अपन होम वर्क कर रहे थे। मैने देखा तो पूछा क्यों शाहिद जी आज बड़े मेहनत से लगे हो क्या बात है ।
भाई अगर आज पूरा कर के नही गया तो बहुत मार पड़ेगी
अच्छा ये बात है । फिर तो ठीक है लगे रहो ।
और छुटकी तुम्हारा क्या मसला है । भाई मसला तो कुछ नही है मैनें सोचा शाहिद लगा है तो मैं भी कर लूं अकेली मै क्या करती बैठ के लड़ाई भी नही करसकती,, ओह अच्छा ये बात है। आजो नाश्ता karlo पहले फिर होम वर्क कर लेना ।
ठीक भाई अभी आती हु । बाबा पहले ही बैठ चुके थे । मै भी बैठ गया । मेरी मां नाश्ता निकली आज कुछ खास नही था
रोटी और सब्जी । थी और उबले हुए अंडे थे । हम लोग नाश्ता कर लिए अब बाबा जाने लगे। तो पूछा आप किधर जा रहे हो बाबा। ओह बोले काफी दिन हो गया है खेत की तरफ नही गया हु आज मेरा मन नहीं मान रहा है। आज जाता हु घुमके आता हु। मेरी मां बोली की अभी आज ही आपको थोड़ा अच्छा फील हुआ की आप खेती की तरफ वापस जा रहे हो। मत जाओ ओर एक दो दिन आराम कर लेते।।
अरे नही बेटी अब बैठा नही जाएगा मुझ से जाने दो थोड़ा घूम फिर कर आऊंगा तो अच्छा लगेगा । ठीक है जाओ लेकीन कुछ करने मत लगजाना। कुछ रहेगा तो बता देना मुझे मै जाकर कर लूंगा । वैसे भी कुछ है नही लेकिन आप नही जाते तो मैं जाता ही टहलने । ठीक है आप जाओ और जल्दी आजाना। ठीक बेटा । इतना बोलकर अपनी लाठी लेके निकल गए ।
अब मैं क्या करूं ,,,आज पप्पू भी दुकान जरहा था बाबा भी खेत में चले गए । अब मैं अकेला क्या करू ,,मै भी बाहर जाके लेट गया खाट पे करीब दस बजे शाहिद और जरीना स्कूल चले गए। मां भी अपने घरके काम निपटा के बैठी थी उधर मेरे पापा रोज की तरह आज भी नाश्ता करके अपने
ड्यूटी पर चले गए वही रेशमा के घर पे बैठने की ड्यूटी।
मै घरके अंदर दाखिल हुआ तो मां अपने कमरे में खाट पे लेटी हुई थी और गुडिया उनके पैर दबा रही थी। मै भी मां के कमरे में गया और बैठ कर मां के पैर दबाने लगा ।
मै अक्सर घर में या खेती के काम के समय लोअर ही पहिना करता था जी आज भी पहन रखा था। मै अंदर चड्डी नहीं पहनता हूं। क्यो कि मुझे चड्डी से इन्फेक्शन होजाता है इस वजह से मैं चड्डी नहीं पहन पाता हूं।
मै अपने मां के पैर दबाते हुए पूछा मां ये बता की कौन अच्छा पैर दबा लेता है । मेरी मां बोली की दोनो ही अच्छे से ही दबाते हो। मै किसका नाम लू खैर मेरी बेटी सबसे अच्छा दबाती है । अच्छा फिर तो ठीक है मां अच्छा दबाना ही चाहिए। जब इसकी शादी करेंगे तो ये अपने शौहर से मार नही खाए गी। है ना मां।ठीक कहा न मैंने।
अब तो गुडिया का मुंह ही टेढ़ा होगया अरे भाई आप जब भी काम से फारिग होजाते हो।तब मैं ही मिलती हूं खिंचाई करने के लिए। नही गुडिया मैने कहां तुम्हारी खिंचाई की है मां मैने खिंचाई की है क्या । मैने तो सच बोला है । अरे बाबा जाने दे राजू । मत बोल । उसको नही तो मेरी भी सेवा करना बंद कर देगी । अरे मां अब आप भी सुरू होगए । ठीक है भाई मै रहा हु मां मैं पप्पु के घर जरहा हूं उसका खाना देने जाऊंगा आज वो अपने दुकान पे गया है काम करने तो मैंने वादा किया है
उस से खाना पहोचने के लिए। और अभी उसके घर जाऊंगा तो चाची बिना कुछ खाए जाने नही देगी । ठीक है बेटा ये तो अच्छी बात जाके पहुंचा दो खाना । ठीक है मां उसके बाद मैं खेतो की तरफ चला जाऊंगा साम तक वही रहूंगा । फिर साम को आऊंगा मां।ठीक है बेटा जाओ तुम्हारे दादा जी भी आते ही होंगे। मै इतना सुन कर बाहर निकल गया अभी करीब एक बजने वाले थे मै सीधा पप्पु के घर गया घर के अंदर जाते ही मैंने देखा की चाची टिफिन बॉक्स त्यार कर रही थी चाची सलाम वाले कुम । वालेकुम अस्सलाम बेटा ले टिफिन जा जल्दी से देके वापस आ। अरे चाची टिफिन देके मै खेतो में चला जाऊंगा। नही बेटा तू वापस आएगा आज तेरे वजह मेरा बेटा पहेली बार काम करने गया है । तुझे ऐसे ही नहीं जानें दूंगी। वापस आजाना बेटा नही तो मैं तेरे से कभी भी बात नही करूंगी । मैने जब चाची को देखा तो मुझे एक अलग ही फीलिंग हुई उनकी पूरी बॉडी में बदलाव नजर आ रही थी मैंने जब गौर किया तो देखा की वो कमीज के नीचे कुछ पहेनी नही थी और उनकी बड़ी बड़ी चूचिया लटक रहे थे जो काफी कामुक लग रही थी । मेने झट से टिफिन लिया और बाहर जाने लगा तो नसरीन भी आगायी मैने उसे देखा तो देखते ही रहे गया बहुत ही सुंदर लग रही थीं । ये सब होने के बाद मेरा लन्ड खड़ा होने लगा। जैसे ही मुझे एहसास हुआ की मेरे लोअर में बढ़ाओ होने लगा मैं झट से बाहर निकल गया चाची को बोला मैं ये देके आता हु चाची फिर बाते करेंगे ।

मेरे प्रिय मित्रो कहानी कैसी लग रही जरा मुझे फीड बैक देते रहे आप सभी दोस्तो को नए साल की मेरे तरफ से बहुत सारी सुभ कामना
 
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