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UPdate 07
मेरे प्यारे दोस्तो कहानी को आगे बढ़ाते है।
माहिरा ठीक से चल नही। सकती थी। हम दोनो ने उसे दोनो
तरफ से पकड़ कर धीरे धीरे बाहर तक ले आए ।
जब हम उसके गेंहू के खेत के मेढ़ पर पहुंचे तो वाही पर
बिठा दिए।
माहिरा के अंदर बैठने की ताकत भी नही बची थी उसके शरीर के अंदर की पीड़ा काफी तकलीफ दे थी ।
उसकी हालत देख कर मुझे ऐसा लग रहा था। मैने पप्पू से कहा। भाई देख इन लोगों के पास पानी हो तो ले आ
माहिरा बोली। मसीन के पास खाने के झोले में पानी की
बोतल होगी।
पप्पू झट से उठा और मासीन के पास जाके बोतल ले आया
मैने माहिरा को बोतल से पानी पिलाया,, जब पानी पिचुकी।
तो माहिरा को काफी अच्छा फील होने लगा ।
माहिरा बोली की मां और आपके पापा आयेंगे मुझे इस हाल में देख कर मुझ सवाल करेंगे तो उन्हें मै क्या जवाब दूंगी।
मेरा कपड़ा देखो किस हाल में है ।
मै बताता हूं। तुम्हे क्या बोलना है । अपनी मां से कहेना की ये जो मेरी हालत आप देख रही हैं। ये सिर्फ और सिर्फ आपके
गुनाहों की सजा है। जो गुनाह कर आप रही है।पर सजा आपके बच्चो को मिलनी है ।
जिसकी सुरवात आज मुझसे हुई है। आज जो पीड़ा और दर्द
मैंने कहा है।
वह आने वाले दिनों में आपके सभी बच्चों को सहेना पड़ेगा
इतना कहकर उनकी करतुतौ को बता देना जो तूने अपनी
आंखों से देखी है।
और हम दोनों का नाम बिल्कुल भी नहीं आना चाहिए,
समझ गई तुम,,,
हमारा नाम नही आना चाहिए
नही बोलूंगी,, लेकीन मेरे साथ ये सब किसने किया मैं कैसे बताऊंगी,,
तुम उन्हें बोल देना की वोह दो लोग थे और चेहरा ढके हुए थे मै उन्हें पहचान नहीं पाई।
अब हम जा रहे है। और हां अगर तुम्हे कुछ पूछना रहेगा तो पप्पू से बात कर लेना । ठीक है ,,
हा ठीक है , राजू जी
अब माहिरा वही मेढ़ पर लेटी रही और कराहती रही हम दोनो खेतो के रास्ते से घर की तरफ आगए।
मै अपने घर के पास पहोंचने के बाद पप्पू से बोला की अब ठीक है मैं जाऊं अपने घर ।
हा भाई ठीक ही है चलो अब दिन भी ढलने लगा है।
और मैं अपने घर आगया और पप्पू गांव में चले गया।
उधर खेत में क्या होरहा है माहिरा के जुबानी
मै लेट के मां के आने का इंतजार कर रही थी की करीब 15
मिनट के बाद मुझे रज्जो आते हुए दिखी ।
वोह मस्त मचलते हुए अरही थी । जब वो मेरे करीब आकर मेरी हालत देखी तो घबरा गई।।
पूछी की ये सब क्या है। और कौन किया तेरे साथ
में कुछ बोली नहीं बस रोने लगी ,,
और वो वापस भागते हुए जाने लगी थोड़ी दूर जाते ही उसे मां और अंकल आते हुए दिखें वो हाफते हुए बोली
मां वो माहिरा को किसी ने ,,,, रुकते
रेशमा,,, क्या किसी ने बोल क्या हुआ माहिरा को
रज्जो,, चलके देखें मै नही बता सकती फिर वो लोग जल्दी जल्दी मेरे पास आए और मुझे रोते हुए देख कर और मेरी हालत गंभीर देखा तो वो बहुत परेशान हुई मुझ से पूछा,,किसने किया तेरे साथ ये किसकी इतनी जुर्रत है जो मेरी बेटी की ये हाल किया बता कौन था वो
मैने रोने के इलावा एक शब्द भी नहीं बोल पा रही थी
फिर, अंकल ने कहा रज्जो पहले इसको घर ले चलो अभी इसकी हालत ठीक नहीं है ,
पहले ये शांत हिजाए ये बहुत तकलीफ में है अभी इसे और परेशान मत करो ,
देखो जरा उसकी हालत रोने के इलावा ओह कुछ कह नहीं पा रही रज्जो चलो, उठाओ इसे
रेशमा और रज्जो ने उसे उठाने लगी ,
लेकिन बड़ी मेहनत के बाद मैं खड़ी हो सकी मुझे कमर के नीचे जो पीड़ा हो रही थी मैं बता नहीं सकती थी मैं अपने पैर हिला भी नही पा रही थी ,
फिर मेरी मां ने मेरी खून के धब्बों को छुपाने के लिए खेत से गीली मिट्टी निकली और मेरे कपड़ों पे लगा दी,
लेकीन मै चल नही सक्ति थी ।फिर रज्जो ने मुझे कंधे पर बिठाया और हम घर की तरफ आने लगे मै अभी भी रोरही थी। हम लोग आगे चले गए।अंकल हमारे साथ में नही आए थे । वोह वही से खेतो के रास्ते से दूसरी तरफ चले गए थे।
अभी हम गांव में पहुंचे ही थे की मेरे पेट में भी दर्द चालू हो गया।
मां बोली रज्जो जल्दी चल घरपे और रज्जो थोड़ा तेज कदमों से चलने लगी थोड़ी देर बाद हम घर पहुंच गए अंकल हम लोगो से पहले ही घरमें बैठे थे
रज्जो मुझे सीधा कमरे में ले गई और बिस्तर पे लिटा के पानी लेने चली गई
To be continued
Mahira ne to Acchi tarah se hero ki baat Mani hai or Vahi kaha jo usse kahne ko bola tha, Mahira ke muh se hero ke land ka gungan Sunkr shalu or uski ma dono hi apne man me us land ko lene ke liye manme sochne lagi...Update 07
Continue
सालू मुझे बिस्तर पे लिटा कर पानी लेने चली गईं,, इतने में मेरी बाकी सभी बहने आगई मेरे पास ,,रज्जो, सायरा,और दोनो छोटी बहने,डाली,
और बेबी,
ओ सब बोल तो कुछ नही रही थी बस मेरी तरफ देखे जा रही थी । उनमें से रज्जो , जो सिर्फ घर के ही काम करती थी ।
वो मेरे सर के पास बैठ कर मेरे आंसुओ को पोंछ रही थी
और बोल रही थी किन हरामियो ने किया है ये सब तेरे साथ
मुझे कुछ नही पता है आपा मै इतना बोल कर चुप हो गई
मेरी मां आते ही सबको बाहर जाने को बोली और सब चले
गए सिर्फ मां और सालू कमरे में थी ।
मेरी मां ने सालू से कहा बेटी इसके कपड़े निकालने पड़ेंगे
फिर सालू ने मुझे कंधे से पकड़ कर बिठा दी मेरी मां मेरे कपड़े निकाल ने लगी और क्या था सिर्फ कमीज ही पहन रखी थी मैं
कमीज़ उतार कर फेंक दी अब मैं उपर से पूरी नंगी थी मेरे ऊपरी हिस्से में खरोच भी नही थे ।
मां ने मुझे ऐसे ही लिटाने को बोली सालू को सालू ने मुझे कंधे से पकड़ कर लिटा दी अब मां ने मेरी सलवार की नाडी खोल कर नीचे करके निकाल दी अब मैं बिल्कुल जन्म जात नंगी थी।फिर मां ने मेरी चूत को हाथ लगाई तो जैसे मेरी जान निकल जाएगी। मै सिहर उठी और बोली की मत छू उधर बहुत दर्द होता है मां ने ऐसे ही मुआयना की तो बोली की सिर्फ उन लोगो ने इसकी चूत ही मारे है एक दम से सूज गई है। मां ने कहा की गरम पानी लेके आ जल्दी। और सालू पानी लेने चली गई। थोड़ी देर बाद पानी लेके आगयी
मां ने साफ कपड़ा लेके मेरी जांघों को और चूत को सेकने लगी
सेकते हुए मुझ से पूछने लगी कि वे कौन लोग थे।
मैने कहां मां मुझे नही पता वो कौन लोग थे उनके चेहरे छुपे हुए थे
मै उन्हें पहचान नहीं पाई लेकिन ये सब तेरे कर्मो की सजा है जो आज मुझे मिली है ।
क्या मतलब तेरा तू क्या बोल रही है हा मां मैं सच बोल रही हूं। सालू भी वही खड़ी थी कमरे में ।
फिर मैं ने कहा की वोह जो भी थे मुझ से जबरदस्ती बिल्कुल भी नही की है मुझे पहले वो लोग तेरे बारे में बताए लेकिन मुझे विश्वास नहीं हुआ फिर वो लोग मुझे वहां ले गए जहां तुम तीनो थे मैने सब कुछ अपनी आंखो से देखा ।
ओर वो सब बाते बताई जो राजू जी ने मुझे बोलने बोला था।
मेरी मां सारी बाते सुन लेने के बाद बोली बेटी वो हम लोगो से
गलती हो गई । लेकिन ऐसा नहीं है हमारे गुनाहों की सजा तुझे क्यो मिलेगी।
मैने जब तेरी शरीर देखी तो मुझे भी लगा की तेरे साथ जबरदस्ती नहीं किए है वो लोग । क्यों कि तेरे ऊपरी हिस्से पे जरा भी खरोच नही है । और तेरी चूत पे भी कोई जबर दस्ती वाली निसान नही है । लेकीन तेरे चूत की ये हालत कैसे हो गई । ऐसा नहीं होता है । हा पहली बार चुदाने से थोड़ा दर्द होता है । हम लोगो ने भी की है पहेली बार थोड़ा सा खून आता है हल्का सा दर्द होता है बस ।
मुझे ये समझ में नहीं अरहा की तेरी चूत में इतनी सूजन कैसे हुआ ।
मां उसका लन्ड बहुत बड़ा था। मैने अंकल की भी लन्ड देखी थी ।जब तुम दोनो चूस रही थी । लेकिन उसका लन्ड अंकल के लन्ड से दो गुना मोटा था और करीब 8इंच लम्बी थी मां
ओह क्या बात करती है।
ये सुनके मेरी मां और सालू के मुंह से लार टपक रहे थे।
मां,, फिर तू chudai करने को क्यो राजी हुई माना कर देती थी उनको।
मैने माना किया था लेकिन वोह लोग बोले की बड़ा है तो ज्यादा मजा मिलेगा तुझे मैं उन लोगो के बातो में आगयी थी।
दूसरे वाले का बड़ा नही था । उसका तो अंकल के जितना ही था वो तो आराम से निपट गया था । लेकिन वो बड़े वाले का झेलना आसान नहीं था मां लेकिन उस समय मजा भी बहुत
आया था मै दो बार झड़ गई थी । मोटे वाले से मां
लेकीन ये दर्द भी उसी की वजह से है । दूसरा वाला तो आराम से कर लिया था ।
मेरी बाते सुनकर मेरी मां और सालू अपनी चूत को मसल रही थी।
वोह दोनो आपस में खुसुर पुसुर करने लगी ।
मेरा ध्यान उनके ही तरफ थी वो सालू बोली कास ऐसा लन्ड हमको मिलजाता तो मजा अजाता।
मां ने मेरी सिकाई करके उपर से चादर डालके बोली की अब तू आराम कर । एक घंटे के बाद फिर एक बार कर देंगे सिकाई। उसके बाद खाना ख़ाके सो जाना ।
अब
राजू की जुबानी
मेरे घर्मे सब नॉर्मल था मै आया तो मां ने मुझ से पुछा किधर गया था तू। मैने बोला की मां मैं कहां गया था खेत में ही तो था । मां बोली ठीक हैं बेटा चल अभी हाथ मुंह धोले मै
नल पे जाके हाथ मुंह धोकर वापस दादा जी पास चला गया और थोड़ी देर उनके हाथ पैर दबा के खेत के बारे में बात किए और फिर खाना वगैरा खाने के सब सोने चले गए ।
दो तीन दिन मैं अपने खेतो में पानी खाद दवा मारके खेती के सारे काम निपटा चुका था ।
आप सभी दोस्तो से अनुरोध है की मेरी कहानी के बारे में बताए मुझे और कहानी कैसी लग रही है ये भी लिखे