- 388
- 1,085
- 124
तभी कमला ने मुझे हाथ से इशारा किया कि अब में जो अमित के पैरों की तरफ सोफ़े पर बैठी थी सिर की तरफ आकर बैठ जाऊ ।
में उसको इशारा की कुछ बात करे अमित से ताकि मेरे उठने की आवाज हो तो वो अमित नही सुन पाये।
कमला,--अमित भैया आप को अच्छा तो लग रहा है ना आप एक बार भी नही बोले कि किस चीज में ज्यादा मज़ा आ रहा है और किस में नहीं।
अमित ,-मुझे तो तुम्हारी हर चीज में मज़ा आ रहा है मुझे थोड़ा डर लग रहा है कि कहीं रेखा बाहर आ गयी तो मेरे बारे में क्या सोचेगी।
कमला ,--आप अगर सिर्फ अपने बारे में सोचोगे तो यही डर डर के रहोगे और आपको इतना स्वार्थी भी नही होना चहिये जो सिर्फ अपने मज़े की सोचते हो ।कभी भाभी की भी इच्छा जाननी चाहिए कि उसको क्या अच्छा लगता है वो दिन भर मोबाइल में देखकर चुत रगड़ती रहती है।
अमित कुछ बोला नही और जितनी देर उनकी बातचीत चली मेने अपनी पोजीशन बदल ली थी । अब में बीच वाले सोफ़े पर आ गयी जिससे सब क्लियर दिखाई दे।
कमला ने अमित के पैरों को पूरा फैला दिया और बीच मे बेठ गयी फिर उसने हाथ मे तेल लिया और उसकी जांघो से तेल लगाना चालू किया और दोनों टाँगों
के जोड़ तक हाथ फिराने लगी ।
वो अपने हाथ इस तरह घुमा रही थी कि थोड़ा भी उसका हाथ लण्ड और गोटियों को टच नही हो ।
अमित से जब बर्दाश्त नही हुआ तो वो अपने हाथ को लण्ड पर ले कर आ गया ।
तभी कमला बोली ,--अमित भैया आप अपना हाथ ऊपर रखिये नहीं तो में रेखा भाभी को बोल देती हूं कि आप सहयोग नही कर रहे।
अमित ने तुरंत अपना हाथ ऊपर उठा लिया और बोला,--कमला जल्दी से लण्ड की मालिश कर दे अब बर्दाश्त नही हो रहा।
कमला ने अपने हाथ मे बहुत सारा तेल लिया और उसको गोटियों पर लगाकर बड़े ही सेंसिटिव तरीक़े से धीरे धीरे नीचे से ऊपर की और उनको मसाज देने लगी ।
अमित का लण्ड पूरा सख्त होकर खड़ा था और कुछ बूंदे उसके पेट पर गिर चुकी थी ।लेकिन उसने अभी तक लण्ड को छुआ नही था।
तभी कमला बोली ,--अमित भैया मुझे जोर की पेशाब लगी है, पहले एक बार मे टॉयलेट से होकर आती हूँ।
अमित कसमसाते हुए -यहीं कर लो ना ,नही तो पहले मेरा पानी निकलवा दे फिर चली जाना ।
कमला ,--अरे में इतना देर से रोककर बैठी हूँ अब बर्दास्त नही हो रहा अगर एक मिनट और रुकी तो यही निकल जायेगा ।
अमित ,--तो एक काम कर इसमें कर ले और अपना मुंह खोल दिया ।
कमला ,-छि ,आप के मुंह में कैसे करूँगी ये गंदा होता है भाभी क्या बोलेगी।
अमित,-अरे उसको क्या पता चलेगा वो तो अंदर है और जब मुझे दिक्कत नही है तो तू क्यों परेशान हो रही है फिर मुझे ही तो रेखा को बोलना है कि तुमने अच्छी मसाज की है।
कमला,--आप भी दिनु काका जैसे बहुत गंदे हैं।
अमित ,--क्या वो भी पिता है।
कमला ,--नही वो जब ज्यादा मूड में होते है तो अपना मुत्त मुझे जबरदस्ती पिलाते है और मुंह पर मूतने लगते है ।पर उन्होंने मेरा मुत्त नही पिया।
अमित ,--तू आ ना मेने पहले भी पिया है औरत का मुत्त।
कमला ,--है भगवान , आप को रेखा भाभी मुत्त पिलाती है क्या।
अमित ,-नही यार गाँव मे एक चाची ने बहुत बार पिलाया है तू जल्दी कर मुझे बड़ी गाँड वाली औरते अछि लगती है ।
कमला ,--अरे वो तो एक बार बच्चा चुत से निकलते ही गाँड सब औरतो की बड़ी हो जाती है वैसे आपने कितनी बड़ी गाँड वाली औरतों को नंगा देखा है।
अमित ,- बस चंदा चाची और बचपन मे मोम को नंगी नहाते हुए देखा है अब तू जल्दी कर मुझसे बर्दास्त नही हो रहा।।
फिर कमला खड़ी हुई और अपनी पेंटी निकाली और मेरी आँखों मे देखकर मुझे आंख मारी और अमित के दोनों तरफ पैर करके उसके मुँह पर अपनी चुत रखकर बैठ गयी।
में उसको इशारा की कुछ बात करे अमित से ताकि मेरे उठने की आवाज हो तो वो अमित नही सुन पाये।
कमला,--अमित भैया आप को अच्छा तो लग रहा है ना आप एक बार भी नही बोले कि किस चीज में ज्यादा मज़ा आ रहा है और किस में नहीं।
अमित ,-मुझे तो तुम्हारी हर चीज में मज़ा आ रहा है मुझे थोड़ा डर लग रहा है कि कहीं रेखा बाहर आ गयी तो मेरे बारे में क्या सोचेगी।
कमला ,--आप अगर सिर्फ अपने बारे में सोचोगे तो यही डर डर के रहोगे और आपको इतना स्वार्थी भी नही होना चहिये जो सिर्फ अपने मज़े की सोचते हो ।कभी भाभी की भी इच्छा जाननी चाहिए कि उसको क्या अच्छा लगता है वो दिन भर मोबाइल में देखकर चुत रगड़ती रहती है।
अमित कुछ बोला नही और जितनी देर उनकी बातचीत चली मेने अपनी पोजीशन बदल ली थी । अब में बीच वाले सोफ़े पर आ गयी जिससे सब क्लियर दिखाई दे।
कमला ने अमित के पैरों को पूरा फैला दिया और बीच मे बेठ गयी फिर उसने हाथ मे तेल लिया और उसकी जांघो से तेल लगाना चालू किया और दोनों टाँगों
के जोड़ तक हाथ फिराने लगी ।
वो अपने हाथ इस तरह घुमा रही थी कि थोड़ा भी उसका हाथ लण्ड और गोटियों को टच नही हो ।
अमित से जब बर्दाश्त नही हुआ तो वो अपने हाथ को लण्ड पर ले कर आ गया ।
तभी कमला बोली ,--अमित भैया आप अपना हाथ ऊपर रखिये नहीं तो में रेखा भाभी को बोल देती हूं कि आप सहयोग नही कर रहे।
अमित ने तुरंत अपना हाथ ऊपर उठा लिया और बोला,--कमला जल्दी से लण्ड की मालिश कर दे अब बर्दाश्त नही हो रहा।
कमला ने अपने हाथ मे बहुत सारा तेल लिया और उसको गोटियों पर लगाकर बड़े ही सेंसिटिव तरीक़े से धीरे धीरे नीचे से ऊपर की और उनको मसाज देने लगी ।
अमित का लण्ड पूरा सख्त होकर खड़ा था और कुछ बूंदे उसके पेट पर गिर चुकी थी ।लेकिन उसने अभी तक लण्ड को छुआ नही था।
तभी कमला बोली ,--अमित भैया मुझे जोर की पेशाब लगी है, पहले एक बार मे टॉयलेट से होकर आती हूँ।
अमित कसमसाते हुए -यहीं कर लो ना ,नही तो पहले मेरा पानी निकलवा दे फिर चली जाना ।
कमला ,--अरे में इतना देर से रोककर बैठी हूँ अब बर्दास्त नही हो रहा अगर एक मिनट और रुकी तो यही निकल जायेगा ।
अमित ,--तो एक काम कर इसमें कर ले और अपना मुंह खोल दिया ।
कमला ,-छि ,आप के मुंह में कैसे करूँगी ये गंदा होता है भाभी क्या बोलेगी।
अमित,-अरे उसको क्या पता चलेगा वो तो अंदर है और जब मुझे दिक्कत नही है तो तू क्यों परेशान हो रही है फिर मुझे ही तो रेखा को बोलना है कि तुमने अच्छी मसाज की है।
कमला,--आप भी दिनु काका जैसे बहुत गंदे हैं।
अमित ,--क्या वो भी पिता है।
कमला ,--नही वो जब ज्यादा मूड में होते है तो अपना मुत्त मुझे जबरदस्ती पिलाते है और मुंह पर मूतने लगते है ।पर उन्होंने मेरा मुत्त नही पिया।
अमित ,--तू आ ना मेने पहले भी पिया है औरत का मुत्त।
कमला ,--है भगवान , आप को रेखा भाभी मुत्त पिलाती है क्या।
अमित ,-नही यार गाँव मे एक चाची ने बहुत बार पिलाया है तू जल्दी कर मुझे बड़ी गाँड वाली औरते अछि लगती है ।
कमला ,--अरे वो तो एक बार बच्चा चुत से निकलते ही गाँड सब औरतो की बड़ी हो जाती है वैसे आपने कितनी बड़ी गाँड वाली औरतों को नंगा देखा है।
अमित ,- बस चंदा चाची और बचपन मे मोम को नंगी नहाते हुए देखा है अब तू जल्दी कर मुझसे बर्दास्त नही हो रहा।।
फिर कमला खड़ी हुई और अपनी पेंटी निकाली और मेरी आँखों मे देखकर मुझे आंख मारी और अमित के दोनों तरफ पैर करके उसके मुँह पर अपनी चुत रखकर बैठ गयी।