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कि वह क्यों अचानक उठकर कमरे में चली गयी। कमरे में पहुँचते ही उसने फोन उठाया और मीर का नम्बर मिला दिया। लम्बी कॉल बेल के बाद उधर से आवाज़ आयी- ‘‘हेलो... हू इज दिस?’’ मीर की आवाज़ सुनकर जैसे साहिबा के शरीर में करण्ट-सा दौड़ गया। उसकी आवात्रज जैसे थम-सी गयी। उसने बहुत धीरे से कहा- ‘‘साहिबा।’’ ‘‘अरे आप, मैं आपको मैसेज करने ही वाला था।’’ ‘‘मुझे अंदाज़ा लगा कि आप पहुँच गये होंगे तो ख़ुद ही फोन कर लिया।’’ ‘‘चलिए अच्छा किया... आपका नंबर आ गया।’’ ‘‘तो प्लीज सेव कर लीजिएगा इस नाचीज़ का’’ - साहिबा ने हँसते हुए कहा। ‘‘अरे ज़रूर... कैसी बात कर रही हैं आप।’’ ‘‘नहीं नहीं... आप सेलिब्रिटी हैं, न जाने कितने चाहने वाले हैं आपके, हर किसी का नम्बर थोड़ी