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Waiting bhai for your Precious Feedback
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nice update ..
aksh aur sakshi jaa rahe the to maa baap ka emotional hona sahi hai ..airport par dono aansu bahane lage the aksh ke jaane par . pehli baar unse dur jaa rahe the unke bacche ..
shahid apni beijjati par sakshi ki ragging karna chahta tha par jab kiss karne ko kaha to priyanka ko mast thappad maara sakshi ne ..aur mansi ke aane par sab khisak liye .
ye aman ne aisa kya raaz bataya ji 40 saal pehle ka hai .aisa kya hua tha jisko sunne par suhana ke pair bhi kaanpne lage ..
aman ne ye kyu kaha ki aksh ki wajah se mansi usse dur ho jayegi ..
shahid badla lene ka soch raha hai aur kavita uska saath de rahi hai ,,waise kavita ek number ki harami aur slut jaisi hai ..
sakshi ne aagah to kar diya mansi ko kavita ko lekar ..
aksh ki achchi class li mansi ne kapdo ko lekar ..
kuch raaz ,,,, kuch nafrat aur pyar ..
Great update ....
Ye laura ka khani h
Badiya Update tha bro Sakasksh moments bahuth hi cute tha yaarJis tarah se aksh sakshi ko chadtha haibahuth hi maza aata hai bhale hi wo chote se moments hi kyun na ho. Ek taraf ek anjaan se feelings ne aksh ke man ghar kar liya aur wo bus badtha hi ja raha hai tho ek taraf mansi jiski soch is ke fipareet. kya hoga in dono ka anjaam aur saath saath sakashi ka, is kahani mein dekhna dilschap hoga....
Wo koun sa RAAJ, hai jo aman, mansi se juda huva hai...?? Dekhna Dilschap hoga.....
Shahid aur kavita kasie mansi aur sakshi ko nuksaan pouchathe ya fir pahuchapthe hai ya ni...Dekhna dilschap hoga.....swal bahuth sare hai jawab srif ek...
Waiting for next......
"
Kabhi Palke neeche karna, kabhi saasans gheri bharna..,
Usne Seekhaya hai Mujhe, Uski har ada se mohabhat karna......."
First of all congrats for completing 100 pages.
Kahani sahi chal rahi hai bhidu
Bas Ye shahid Jaise ghatiya aadmi ke haatho na pad jaye sakshi pe naa to eski kimat ye apni jaan deke chukayega.
Very nice update brother
Waiting for the next update.
Ishaq hai tumse meri number 1 story hai...but ye wali story baaki ki story se bahut jayada acchi hai ...
दूसरे अध्याय का सातवाँ भाग
आखिरकार साक्षी की मेहनत रंग लाई और उसने अक्ष के लिए वेबसाइट और ऐप बना ही लिए। जिससे लोगों को सहूलियत होने लगी। और अक्ष का व्यवसाय चल निकला। साक्षी सबसे झूठ बोलकर भगवान के मंदिर गई और अपने मन मे उठ रही दुविधा के बारे में मन ही मन भगवान से सवाल किया।
उधर व्यवसाय में कुछ महीने बाद अक्ष को मुनाफा होने लागा। उसने मुनाफे की रकम को आधा करीम चाचा को देनी चाही तो उन्होंने मना कर दिया, फिर अक्ष राधा, संतोष और साक्षी के लिए कपड़े और गहने और सोने के कुछ जेवर खरीदता है। तीनों बहुत खुश हो जाते हैं। साक्षी तो अक्ष का प्यार देखकर रो ही पड़ती है।
अक्ष ने साक्षी के लिए कपड़े के अलावा कान की बाली, सोने की चेन और एक अंगूठी भी खरीदी थी। जब उसे पहनकर साक्षी बाहर आती है तो संतोष और राधा साक्षी को देखते रह जाते हैं।
बहुत ही लाजवाब और शानदार।
दूसरे अध्याय का आठवाँ भाग।
साक्षी कल की हुई घटना के बाद बहुत खुश थी, इसलिए वो देर तक सोती रही। अक्ष ने राधा और संतोष को काम न करने दिया और 2 दिन घूमने के लिए घर से बाहर भेज दिया। उसके बाद वो सोहम और नेहा को फ़ोन करके अपने घूमने का प्लान बताता है, लेकिन दोनों निजी कारणों से उसके साथ चलने में अपनी असमर्थता जताते हैं।
उसके बाद अक्ष अपने प्लान में बदलाव करता है और साक्षी को माथेरन घूमाने की सोचता है। जब साक्षी सोकर उठती है तो अक्ष को रसोईघर में पाती है।अक्ष साक्षी को तैयार होने के लिए बोलकर करीम चाचा की कार लेने चला जाता है।
दोनों तैयार होकर निकल पड़ते है माथेरन घूमने के लिए। कार में अक्ष बहुत बेसुरा गाना गा रहा था जिससे साक्षी उसके ऊपर हंसने लगती है।।
बहुत बढ़िया सर जी।
अध्याय दो का नौवाँ भाग
साक्षी और अक्ष माथेरन के लिए निकल जाते हैं और रास्ते भर साक्षी अपने और अक्ष के रिश्ते के बारे में जो आजकल उसके दिल में उभर रहे थे, को सोच सोचकर परेशान थी। अक्ष ने मज़ाक में ही उससे पूछ लिया कि क्या वो किसी से प्यार करती है जिससे साक्षी झूठा गुस्सा दिखाती है अक्ष को।
उधर सूरत में अमन की सहायक सुहाना अमन को बताती है कि मुम्बई में किसी अक्ष नाम ने लड़के ने चलता फिरता गैराज शुरू किया है। तो दोनों प्लान बनाते हैं और अक्ष से वो आईडिया खरीदने के लिए एक बैठक रखते हैं।
उधर माथेरन पहुँच कर साक्षी भी इस बात को मन ही मन स्वीकार कर लेती है कि उनके दिल में अक्ष के लिए भाई बहन वाली इच्छा के साथ साथ प्रेमी प्रेमिका वाली भी इच्छा है। फ़ोटो खिंचवाते समय लड़का साक्षी को भाभी जी बोल देता है। जिसका दोनों कोई जवाब नहीं देते हैं। माथेरन घूमने के बाद दोनों घर वापस लौट आते हैं।
बहुत बढ़िया सर जी।
अध्याय दो का दसवाँ भाग।
शाहिद जो एक ड्रग विक्रेता है और अब्दुल, जो राणा का दायां हाथ है उसका भांजा है और उसी के कहने पर लोगों में ड्रग्स को बेचता है। जब कोई व्यक्ति ड्रग का आदी हो जाता है तो उसे अपने मामा अब्दुल के पास भेज देता है। अब्दुल उस लती आदमी को कमिश्नर के हाथों बेंच देता है जो लोगों का फर्जी इनकाउंटर करता है।
उधर अक्ष को विरानी इंडस्ट्री का ईमेल आता है जिससे अक्ष नरवस हो जाता है तब साक्षी उससे कहती है कि तुम्हें अगर लगे कि कोई चीज गलत है तो वो गलत ही होगी और जो भी फैसला करना सोच समझ कर करना।
अमन और सुहाना अक्ष कब कार्यालय पहुचते हैं तो अमन एक बहुत बढ़िया बात कहता है कि कार्यालय बड़ा होने से कुछ नहीं होता इंसान का हौसला बड़ा होना चाहिए। अमन अक्ष के सामने अपना प्रस्ताव रखता है जिसे अक्ष नामंजूर कर देता है।
वैसे अक्ष ने बहुत दिलेरी का काम किया है। अमन जैसे बड़े उद्योगपति के प्रस्ताव को ठुकराना कोई आसान काम थोड़े ही है।
बहुत ही शानदार सर जी।
अध्याय दो का ग्यारहवाँ भाग
अमन के प्रस्ताव को अक्ष ने नामंजूर कर दिया। अमन के पूछने पर अक्ष ने कहा कि जो काम दिल को पसंद न हो वो नहीं करना चाहिए और मैंने किसी से वादा किया है उसे में नहीं तोड़ सकता। जिससे अमन नाराज़ होकर चला जाता है। लेकिन अक्ष के इस डील को नामंजूर कर देने से उसकी नींद हराम हो जाती है।
उधर साक्षी अक्ष की यादों में खोई रहती है अक्ष उसे आज की डील के बारे में बताता है।
उधर अमन रात को सो नहीं पाता तो वो सुहाना को फ़ोन करके ऑफिस जल्दी आने के लिए बोल देता है इस बारे में वार्तालाप करने के लिए।
बहुत बढ़िया सर जी।
दूसरे अध्याय का बारहवाँ भाग
इसे कहते हैं जलन।
अक्ष ने विरानी इंडस्ट्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया तो अमन जैसे बौखला सा गया। उसकी रातों की नींद और दिन का चैन सब चला गया। इसीलिए वो जलन के कारण अक्ष को सबक सिखाने के लिए मुंबई में ही अक्ष जैसा व्यवसाय करने के लिए सुहाना से बात करता है।
उधर साक्षी अपने दिल के हाथों इतनी मजबूर हो गई थी कि उसने अक्ष से दूर जाने में ही सबकी भलाई समझी। इसलिए उसने आगे की पढ़ाई का बहाना बनाकर सूरत जाने के लिए संतोष और राधा को बताया। लेकिन दोनों तैयार नहीं हुए साक्षी की बात मानने के लिए,बहुत मिन्नत करने पर भी राधा इसके लिए तैयार नहीं हुई। संतोष के समझाने पर राधा बेमन से मान जाती है।
जब अक्ष घर आता है तो वो अक्ष से भी इस बारे में बात करना चाहती है और वो जानती है कि अक्ष ये सुनकर हंगामा खड़ा कर देगा घर में, इसलिए उसके साथ बाहर जाकर बात करने का सोचती है।
बेहतरीन और लाजवाब सर जी
दूसरे अध्याय का तेरहवाँ भाग
साक्षी अपने दिल के हाथों मजबूर होकर अक्ष से दूर जाना चाहती है और जब ये बात वो अक्ष को बताती है तो वो बिल्कुल तैयार नहीं होता, लेकिन साक्षी के भविष्य को सोचकर अक्ष मान जाता है।
अक्ष को बर्बाद करने के के लिए अमन ने अपना व्यवसाय मुम्बई में शुरू तो कर दिया था, परन्तु उसका व्यवसाय अक्ष के आगे चल ही नहीं पाया, क्योंकि अक्ष सभी ग्राहकों को खुद ही सेवा देता था और उसके काम की गुणवत्ता भी बढ़िया थी। यहीं अमन मात खा गया अक्ष से।
कॉलेज में दाखिला लेने के लिए जब साक्षी कॉलेज पहुचती है तो देखती है कि शाहिद मानसी का चित्र अपने मोबाइल में उतार रहा है। साक्षी ये बात मानसी को बता देती है। मानसी गुस्से में शहीद को तमाचा मार देती है। कविता भी दोस्ती का दिखावा करते हुए शाहिद को तमाचा मारती है।
अब देखना ये है कि साक्षी का ये कदम उसे कहाँ लेकर जाएगा और अक्ष ने समाचार में ऐसा क्या देखा कि वो खुशी से उछल पड़ा।
बहुत ही लाजवाब।
Superb fantastic update bhai.......
Lekin bahut wait karna pada is update ke liye..... Aapse nivedan hai ki agla update jald dene ka kasht kare......