राज और प्रीति आने वाले दीनो मे एकांत का इंतेज़ार करने लगे... कि कब उन्हे चुदाई करने का मौका मिले.. शनिवार के दिन स्वीटी का फोन आया और उसने उन्हे अपने साथ बाहर चलने को कहा.. तो दोनो खुशी खुशी तय्यार हो गये. और रात को उसी के घर पर रुकने का भी प्रोग्राम बना लिया..
तीनो ने मिलकर रात मे काफ़ी मस्ती की... खूब घूमे फिरे.. पब मे जाकर खूब नाचे और जब सुबह होने को आई तो तीनो थक कर स्वीटी के घर आ गये.... तीनो हॉल मे आ गये और स्वीटी ने टीवी पर म्यूज़िक वीडियो की सीडी लगा दी... और थोड़ी ही देर मे तीनो एक दूसरे को चूमने चाटने लगे... "तुम दोनो को में बता नही सकती कि मेरी चूत मे कितनी आग लगी हुई है" प्रीति ने अपने भाई और अपनी चचेरी बेहन से कहा... "मुझे बार बार अपनी चूत की गर्मी अपने ही हाथों से शांत
करनी पड़ती थी.. क्या करती जब भी रात मे में राज के कमरे मे चुदाई के लिए घुसना चाहती तो देखती थी कि डॅडी पेशाब के लिए उठे हुए है..मेरी तो हिम्मत ही नही हुई"
"ओहंम कितने दुख की बात है" कहकर स्वीटी ने अपनी बेहन को अपने पास खींचा और उसके होठों को अपने होठों से भींच चूसने लगी... "फिर तो मुझे लगता है की तुम्हे इसी वक्त राज से चुदवा लेना चाहिए... है ना?" ऐसा कहकर वो राज की और झुकी जो प्रीति के बगल मे बैठा था और उसकी जीन्स खींच कर उतारने लगी... "अगर मेरा चोदने का मूड ना हो तो?" राज ने मुकुराते हुए कहा.
"बस बस रहने दो.. ज़्यादा नखरे मत दीखाओ समझे ना" स्वीटी ने हंसते हुए कहा और उसके खुले लंड को अपने हाथो से पकड़ लिया... प्रीति के पैरों पर से झुकते हुए उसने राज के लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगी...
प्रीति अपना हाथ स्वीटी के कुल्हों पर फिराने लगी.. उसकी टाँगो को सहलाते हुए वो उसकी चूत को उसकी पॅंटी के उपर से कुरेदने लगी.... और अपना मुँह राज की ओर कर दिया... राज उसकी चुचियों को
पकड़ते हुए उसके होठों को चूसने लगा... प्रीति ने स्वीटी के टॉप को पकड़ उपर उठाना चाहा तो स्वीटी ने राज का लंड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया जिससे प्रीति उसके टॉप को उतार सके.... और तभी राज ने प्रीति के टॉप को भी उतार दिया... स्वीटी फिर से राज का लंड चूसने लगी और राज ने अपना हाथ प्रीति की टाँगो के बीच उसकी चूत पर रख दिया... प्रीति ने स्वीटी की चूत को कुरेदते हुए पॅंटी के बगल से अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा दी...उसकी बिना बालों की चूत प्रीति को
मज़ा दे रही थी.. वो अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगी.... वहीं राज प्रीति के निपल को भींच रहा था काट रहा था.. उसकी चूत मे और जोरों की खुजली मचने लगी.. उसे अब राज के लंड की चाहत होने
लगी...
"स्वीटी मुझे से अब सहन नही हो रहा प्लीज़ थोड़ा खिसक जाओ जिससे में इस के लंड पर चढ़ इसके लंड को अपनी चूत मे ले सकूँ" प्रीति ने स्वीटी की चूत मे उंगली अंदर बाहर करते हुए कहा. "नही एक काम करते है राज को नीचे ज़मीन पर लीटा देते है फिर तुम इसके लंड पर चढ़ जाना और में अपनी चूत इसके मुँह पर रख चढ़ जाउन्गि इससे मेरा भी काम हो जाएगा" स्वीटी ने राज के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर कहा.. राज दीवान पर से खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतारने लगा... नंगा हो कर वो लेट गया.... प्रीति झुक कर उसके लंड को चूसने लगी... फिर खड़ी हो कर अपनी दोनो टाँगे उसके बगल मे रख वो उसके लंड को पकड़ अपनी चूत पर लगा...नीचे बैठती गयी... राज का लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया...
स्वीटी खड़ी हो कर राज के चेहरे पर खड़ी हो गयी और किसी रंडी की तरह अपनी कमर मटका अपने कपड़े उतारने लगी.. पहले उसने अपनी स्कर्ट उतारी और अपनी लाल रंग की पॅंटी के उपर से अपनी चूत को
मसल्ने लगी... प्रीति उछल उछल कर राज के लंड को अपनी चूत मे ले रही थी... थोड़ी देर इसी तरह नाचने के बाद स्वीटी धीरे धीरे अपनी पॅंटी को नीचे खिसकाने लगी... राज की आँखे उसी पर टीकी हुई थी.. उसकी बिना बालों की सपाट चूत देख उसके मुँह मे पानी आ गया और वो उसे चूसने और चाटने को मचल उठा... "अरे तुम्हारी चूत पर तो एक भी बाल नही है.. तुम्हारी बिना बालों
की चूत तो बहोत सुन्दर है ठीक मेरी बेहन की तरह" राज बोल पड़ा...
"ये सब तुम्हारी बेहन का ही कमाल है.. उस दिन जब तुम मेरी बेहन शमा को चोद रहे थे तब तुम्हारी बेहन ने मेरी झांते सॉफ की थी..." स्वीटी ने जवाब दिया... राज अपनी उंगलियों को उसकी चूत पर फिराने लगा था... "क्या उस दिन तुमने सही मे शमा को चोदा था..?" प्रीति ने पूछा. "हां" राज ने जवाब दिया... प्रीति के चेहरे पर आए नागावरी के भाव उससे छिपे ना रह सके.. "ओह में ही पागल थी.. मुझे समझ जाना चाहिए था.. मेने तो सोचा था कि वो सिर्फ़ तुम्हारे लिए झदेगी...लेकिन तुम दोनो चुदाई भी कर सकते हो ये मुझे समझ लेना चाहिए था" प्रीति ने उछलते हुए कहा.
तीनो ने मिलकर रात मे काफ़ी मस्ती की... खूब घूमे फिरे.. पब मे जाकर खूब नाचे और जब सुबह होने को आई तो तीनो थक कर स्वीटी के घर आ गये.... तीनो हॉल मे आ गये और स्वीटी ने टीवी पर म्यूज़िक वीडियो की सीडी लगा दी... और थोड़ी ही देर मे तीनो एक दूसरे को चूमने चाटने लगे... "तुम दोनो को में बता नही सकती कि मेरी चूत मे कितनी आग लगी हुई है" प्रीति ने अपने भाई और अपनी चचेरी बेहन से कहा... "मुझे बार बार अपनी चूत की गर्मी अपने ही हाथों से शांत
करनी पड़ती थी.. क्या करती जब भी रात मे में राज के कमरे मे चुदाई के लिए घुसना चाहती तो देखती थी कि डॅडी पेशाब के लिए उठे हुए है..मेरी तो हिम्मत ही नही हुई"
"ओहंम कितने दुख की बात है" कहकर स्वीटी ने अपनी बेहन को अपने पास खींचा और उसके होठों को अपने होठों से भींच चूसने लगी... "फिर तो मुझे लगता है की तुम्हे इसी वक्त राज से चुदवा लेना चाहिए... है ना?" ऐसा कहकर वो राज की और झुकी जो प्रीति के बगल मे बैठा था और उसकी जीन्स खींच कर उतारने लगी... "अगर मेरा चोदने का मूड ना हो तो?" राज ने मुकुराते हुए कहा.
"बस बस रहने दो.. ज़्यादा नखरे मत दीखाओ समझे ना" स्वीटी ने हंसते हुए कहा और उसके खुले लंड को अपने हाथो से पकड़ लिया... प्रीति के पैरों पर से झुकते हुए उसने राज के लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगी...
प्रीति अपना हाथ स्वीटी के कुल्हों पर फिराने लगी.. उसकी टाँगो को सहलाते हुए वो उसकी चूत को उसकी पॅंटी के उपर से कुरेदने लगी.... और अपना मुँह राज की ओर कर दिया... राज उसकी चुचियों को
पकड़ते हुए उसके होठों को चूसने लगा... प्रीति ने स्वीटी के टॉप को पकड़ उपर उठाना चाहा तो स्वीटी ने राज का लंड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया जिससे प्रीति उसके टॉप को उतार सके.... और तभी राज ने प्रीति के टॉप को भी उतार दिया... स्वीटी फिर से राज का लंड चूसने लगी और राज ने अपना हाथ प्रीति की टाँगो के बीच उसकी चूत पर रख दिया... प्रीति ने स्वीटी की चूत को कुरेदते हुए पॅंटी के बगल से अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा दी...उसकी बिना बालों की चूत प्रीति को
मज़ा दे रही थी.. वो अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगी.... वहीं राज प्रीति के निपल को भींच रहा था काट रहा था.. उसकी चूत मे और जोरों की खुजली मचने लगी.. उसे अब राज के लंड की चाहत होने
लगी...
"स्वीटी मुझे से अब सहन नही हो रहा प्लीज़ थोड़ा खिसक जाओ जिससे में इस के लंड पर चढ़ इसके लंड को अपनी चूत मे ले सकूँ" प्रीति ने स्वीटी की चूत मे उंगली अंदर बाहर करते हुए कहा. "नही एक काम करते है राज को नीचे ज़मीन पर लीटा देते है फिर तुम इसके लंड पर चढ़ जाना और में अपनी चूत इसके मुँह पर रख चढ़ जाउन्गि इससे मेरा भी काम हो जाएगा" स्वीटी ने राज के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर कहा.. राज दीवान पर से खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतारने लगा... नंगा हो कर वो लेट गया.... प्रीति झुक कर उसके लंड को चूसने लगी... फिर खड़ी हो कर अपनी दोनो टाँगे उसके बगल मे रख वो उसके लंड को पकड़ अपनी चूत पर लगा...नीचे बैठती गयी... राज का लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया...
स्वीटी खड़ी हो कर राज के चेहरे पर खड़ी हो गयी और किसी रंडी की तरह अपनी कमर मटका अपने कपड़े उतारने लगी.. पहले उसने अपनी स्कर्ट उतारी और अपनी लाल रंग की पॅंटी के उपर से अपनी चूत को
मसल्ने लगी... प्रीति उछल उछल कर राज के लंड को अपनी चूत मे ले रही थी... थोड़ी देर इसी तरह नाचने के बाद स्वीटी धीरे धीरे अपनी पॅंटी को नीचे खिसकाने लगी... राज की आँखे उसी पर टीकी हुई थी.. उसकी बिना बालों की सपाट चूत देख उसके मुँह मे पानी आ गया और वो उसे चूसने और चाटने को मचल उठा... "अरे तुम्हारी चूत पर तो एक भी बाल नही है.. तुम्हारी बिना बालों
की चूत तो बहोत सुन्दर है ठीक मेरी बेहन की तरह" राज बोल पड़ा...
"ये सब तुम्हारी बेहन का ही कमाल है.. उस दिन जब तुम मेरी बेहन शमा को चोद रहे थे तब तुम्हारी बेहन ने मेरी झांते सॉफ की थी..." स्वीटी ने जवाब दिया... राज अपनी उंगलियों को उसकी चूत पर फिराने लगा था... "क्या उस दिन तुमने सही मे शमा को चोदा था..?" प्रीति ने पूछा. "हां" राज ने जवाब दिया... प्रीति के चेहरे पर आए नागावरी के भाव उससे छिपे ना रह सके.. "ओह में ही पागल थी.. मुझे समझ जाना चाहिए था.. मेने तो सोचा था कि वो सिर्फ़ तुम्हारे लिए झदेगी...लेकिन तुम दोनो चुदाई भी कर सकते हो ये मुझे समझ लेना चाहिए था" प्रीति ने उछलते हुए कहा.