प्रीति को इतना मज़ा आ रहा था कि उत्तेजना मे उसकी चूत गीली होती जा रही थी.... आज उसने जान बुझ कर पॅंटी नही पहनी थी.. और वो सोचने लगी की चूत से बहते रस से उसकी स्कर्ट पर गीला धब्बा
बन गया होगा... प्रीति जैसे ही टेबल पर से पानी का जग उठाने झुकी तो उसकी चुचियाँ टेबल के किनारे से टिक गयी जिससे उसके खुले टॉप मे से उसकी चुचि की घाटियाँ नज़र आने लगी.. उसने देखा कि उसके चाचा मोहन की नज़रे उसकी चुचियों पर ही टिकी हुई थी.. उसका बदन हल्के से कांप उठा...
आज उसने अपने चाचा को चिढ़ाने की ठान ली. जब उसने देखा कि उसे कोई नही देख रहा सिर्फ़ उसके चाचा की नज़रे उसपर टीकी हुई है तो उसे टॉप के उपर से अपने एक निपल को पकड़ा और खींच कर छोड़
दिया... उसके चाचा मोहन की नज़रे प्रीति की इस हरकत से फटी की फटी रह गयी... अपने आप मे मुस्कुरा के प्रीति फिर अपनी टांग स्वीटी की टांग पर चढ़ाने लगी तो उसने महसूस किया कि इस बार स्वीटी थोड़ा आगे को खिसक आई थी और उसने अपनी टाँगे फैला दी थी.. जिससे उसे अपनी टाँगे उपर ले जाने मे तकलीफ़ ना हो... उसका पावं आराम से उसकी पॅंटी से टकराया और वो अपने अंगूठे को उसकी चूत पर घिसने लगी.. तभी शमा ज़ोर से खाँसी तो प्रीति ने अपनी टांग नीचे गीरा दी.. और हल्के से शर्मा गयी.. वो समझ गयी कि शमा उसकी हरकत को देख रही थी...
राज स्वीटी और प्रीति के चेहरों पर आई शरम को देख हँसने लगा तो प्रीति ने एक बार फिर उसके लंड को पकड़ ज़ोर से मसल दिया... सभी ने मिल कर खाना ख़तम किया... मोहन और नेहा ने चारों
बच्चो को बर्तन और किचन सॉफ करने को कहा और टेबल से खड़े हो गये ... चारों उनकी आग्या को मानते हुए किचन की ओर चले गये..
जैसे ही चारों बच्चे किचन की ओर जाने लगे.. नेहा की नज़रे राज के गातीले शरीर पर जा टीकी..उसकी नज़रे फिसल कर उसकी जांघों के बीच आ गयी जहाँ उसका खड़ा लंड शॉर्ट्स मे एक तंबू बनाए हुए
था.... "हे भगवान क्या वासू को पता है कि उसने कैसे बेटे को जनम दिया.. है जिसका लंड शायद सबसे बड़ा लंड होगा.." उसने मन ही मन सोचा... उसने ज़बरदस्ती अपनी नज़रे उसके लंड पर सेहटाई और हॉल मे टीवी देखने चली गयी... मोहन अपने स्टडी रूम मे आ गया जहाँ उसका कंप्यूटर उसका इंतेज़ार कर रहा था...उसकी भतीजी की हरकतों ने उसे बेचैन कर दिया था.. उसने मन बना लिया था कि आज वो इंटरनेट पर उसकी भतीजी की उम्र की लड़कियों को नंगा देख अपने लंड को मूठ मारेगा... उसकी
समझ मे नही आ रहा था कि उसकी भतीजी ने ये हरकत क्यों की थी. और जितना वो सोचता उसका लंड उतना ही अकड़ते जा रहा था...
शमा सिंक पर झुकी बर्तन सॉफ कर रही थी.. कि राज उसके पीछे आया और अपने लंड को उसके चूतादो पर रगड़ने लगा... तभी प्रीति अपनी चुचियों को उसकी पीठ पर रगड़ने लगी...
राज को उमीद थी कि शमा उसे अपने पीछे से हटा देगी.. पर शमा थी कि उसे हटाने की जगह फँसने लगी.. और अपनी गंद को और पीछे की ओर धकेल दिया..उसका लंड और जोरों से मचलने लगा..
बर्तन सॉफ करते हुए स्वीटी राज, और प्रीति एक दूसरे के बदन से अपना बदन रगड़ छेड़ छाड़ करते रहे...और बीच बीच मे एक दूसरे के अंगों को पकड़ भींच देते... तभी प्रीति पीछे से अपने बदन को शमा के बदन से रगड़ते हुए ज़ोर से बोली, "शमा मुझे तुम्हारी चूत देखनी है" "लेकिन मुझे नही लगता कि तुम देख पओगि" शमा ने हंसते हुए कहा..
"अरे रानी अभी तुम मुझे जानती नही हो.. में ऐसे हालात पैदा कर दूँगी कि तुम अपनी चूत मुझे देखाने पर मजबूर हो जाओगी" प्रीति ने हंसते हुए जवाब दिया और एक प्लेट लेकर उसे धोने लगी... अब वो सोचने लगी कि किस तरह शमा की चूत देखी जाए.. उसे वो सीन याद आ गया जब उसने शमा को चूमा था.. तभी प्रीति को एक आइडिया आ गया...
प्रीति किचन के एक दम कोने मे खड़ी हो गयी.. जहाँ से उसपर किसी की नज़र नही पड़ सकती थी... फिर उसने अपनी स्कर्ट उठा दी और अपनी नंगी चूत राज और स्वीटी को दीखाने लगी... "हे भगवान प्रीति तुम्हे कुछ शरम है की नही.. अपनी स्कर्ट नीचे करो" शमा हंसते हुए बोली.. वो प्रीति की इस हरकत से चौंक पड़ी थी. "क्यों नीचे करे ये? मुझे तो देखने मे और इसे छूने मे बहोत मज़ा आएगा.. " स्वीटी अपनी चचेरी बेहन के पास खिसक कर बोली और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत पर फिराने लगी.. "हां हां मज़े लो... और जब मम्मी या पापा यहाँ आ जाहेंगे और तुम दोनो को ऐसे हालत मे पकड़ लेंगे तब मुझे भी बहोत मज़ा आएगा." शमा ने फिर हंसते हुए कहा.
प्रीति और स्वीटी सोच मे पड़ गये.. लेकिन स्वीटी रुकी नही उसने अपनी उंगली प्रीति की चूत मे घुसा दी और गोल गोल घूमाने के बाद बाहर निकाल चूसने लगी.. प्रीति ने भी अपनी स्कर्ट नीचे नही की बल्कि उसे और चढ़ा के किनारे मे ठूंस दी.. जिससे की वो नीचे ना गिर जाए.. "में अपनी
स्क्रिट तब तक नीचे नही करूँगी जब तक कि तुम मुझे अपनी चूत दीखाने का वादा ना करो" प्रीति ने कहा. "मत करो मुझे क्या फरक पड़ता है" शमा ने जवाब दिया.. "फिर से सोच लो?" प्रीति ने कहा... तभी उन्हे किचन की ओर आते कदमों की आवाज़ सुनाई पड़ी.. "प्रीति कोई आ रहा है अब तो स्कर्ट नीचे कर लो" शमा ने कहा.