naaraz kaahe hoti ho.....जब बात ही नहीं करनी तो मिलना किस बात का।।
तुम उधर खुश हो तो हम इधर खुश हैं।।
maine copy kar liya ab bhejun ga kisikoये अपनी खुद की है सर जी।
ऐसा मत कहिए।
चलिए इसी बात के लिए एक जोरदार हो जाए शायरी।।naaraz kaahe hoti ho.....
tum waha hum yaha kaise khush rahenge
apan ka rhyming hota hi nahi kabhi
Wah wah ji wah...ap to pkke shayar nikle...feeling happyचलिए इसी बात के लिए एक जोरदार हो जाए शायरी।।
तुम्हारे हुश्न को देखा तो नज़रें ये कहती हैं।।
अभी से तुम कयामत हो शबाब आया तो क्या होगा।
Ankitarani जी
खोये है इस कदर तुझ में कि कोई हमें ढूँढ़ ना पाए।।तुम गुजर जाते हो पास से पर पहचानते नहीं।।
बोलो इसके बारे में तो जैसे कुछ जानते नहीं
कितना बदल गए हो मुझसे अलग होकर।।
कत्ल आंखों से करते हो पर मानते नहीं।।
आंखों हैं मयखाने हैं पीने के बहुत बहाने हैं।।खोये है इस कदर तुझ में कि कोई हमें ढूँढ़ ना पाए।।
आँखों से पी ली है तेरी,कि दुनिया ही नज़र ना आए।।
Subah subahआंखों हैं मयखाने हैं पीने के बहुत बहाने हैं।।
गौर से देखो मुझको तुम हम आशिक़ बहुत पुराने हैं।।
जो सुरूर है तेरी आँखों में वो बात कहां मयखाने में ,आंखों हैं मयखाने हैं पीने के बहुत बहाने हैं।।
गौर से देखो मुझको तुम हम आशिक़ बहुत पुराने हैं।।