अध्याय 2
खंड 1
2010
यदि संसार में लफंगा पन करने की कोई उपाधि होती, तो हमारे प्यारे साबू को विश्व में अव्वल दर्जा मिलता। अब आप ही इस बात का अनुमान लगा ले कितना बड़ा लफंगा है ये साबू।
जहाँ एक और उसकी उम्र के लोगों की रुचि खेल, पढ़ाई, पैसा, अथवा लड़कियों में होती है। वही उसकी रुचि लोगों और अपने घर वालो को तंग करने में होती थी। उसको अकसर सिनेमा देखना बेहद पसंद था जिसके कारण पैसा ना होने पर वो कुछ भी कर जाता। अब चाहें घर की पूंजी हो या मोहल्ले वालो की चीजें झट से गायब हो जाती। पर पता होने के बाद भी जब लोग उसके पास जाते तो अपने नटखट और चुलबुले अंदाज में वो लोगों को ऐसा उल्लू बनाता के वहाँ से चलते बनते।
अपने घर में उसने सबसे बड़ा जादू 2006 में किया था जहाँ एक मोटी रकम उड़ा डाली थी भाई साहब ने उसपर कुटाई तो खूब हुई पर असर रत्ती भर का ना हुआ। अंत में घर वालो ने घर में पैसा रखना ही बंद कर दिया। और इसकी गाज मोहल्ले वालो पर गिरने लगी। दिन भर मटर गश्ती करके, रात में अपने महँगे सपनों में खो जाता। जिसमें उसके पास लम्बी लम्बी गाड़ियाँ आलीशान बंगला और भी बहुत कुछ होता।
पर एक रात उसका सपना सच होने जा रहा था जिसकी हम केवल कल्पना कर सकते है। ईश्वर ने उसको साबू के लिए सत्य में परिवर्तित कर दिया।
सुनने में भले ही ये एक सौभाग्य लगे। किन्तु वास्तविकता में ऐसा होना कई बार एक भयानक सपने से भी अधिक भयंकर सिद्ध होता और ऐसा ही हुआ। साबू के साथ जब 2010 की एक रात वो अपनी चार बाई छें की चारपाई पे सोया तो उसकी आंख सीधा एक विशाल कक्ष में खुली जहाँ की नक्काशी और सुंदर कारीगरी देखने लायक थी। ये सब देख शुरू में तो साबू को उसका सामान्य सपना लगा। मगर थोड़ी ही देर में उसको आभास हो गया, ये कोई सपना नहीं है।
उसके ताज्जुब की हदें तब पार हुई। जब अपने सपनों की शहजादी को उसने वास्तविक रूप में अपने बगल में लेटा पाया, जिसे देख कर वो बुरी तरह से घबरा गया, और झटपट बेड पर से उतर कर खड़ा हो गया, उसके ऐसा करने से उस सुंदरी की नींद भंग हो गई। और वो अर्ध नींद में आंखें खोल कर साबू को देखती है। पर वो किसी भी तरह अचम्भित नहीं थी बल्कि सामान्य तौर से साबू को डार्लिंग की उपाधि से संबोधित कर रही थी। इस बात ने साबू को घनघोर दुविधा में डाल दिया। इसलिये एक बार फिर सब को अपना भ्रम समझ कर अपने हाथों पर जोर से काटता है। कि वो नींद से जाग जाए। पर कुछ नहीं हुआ। साबू के कुछ पूछने से पहले ही वो सुंदरता की देवी वापिस सो गई। अब साबू के दिमाग में एक बात आई के मुमकिन है। जिस तरह सपने में लगी चोट के बाद भी हमारा सपना चलता रहता है। उसी प्रकार मेरे काटना भी मेरे सपने की कल्पना हो, तो अब क्या किया जाए जो पता चले में सपने में हूँ। या वास्तविकता में।
बहुत देर सोचने के बाद उसको एक अंतरंगी खयाल आता है। वो सोचता है। उसके दिमाग में पास में लेटी सुंदरी के जोर से बाल खिंचने का खयाल आया। जिसपर यदि वो सपने में है। तो उस महिला का व्यवहार आ सामान्य होगा, अगर वास्तविकता में हैं तो सामान्य और क्रोध से भरा होगा। वैसे उसके दिमाग में खुद को गंभीर चोट पहुँचाने का भी ख्याल आया था। किंतु खुद को घायल करके दर्द पहुँचाने के प्रति वो स्वार्थी हो गया और इस लिये खुद पर ना करके, बगल में लेटी सुंदरी पर पीड़ा दायक प्रयोग करने का खतरों भरा फैसला उसने लिया। जिसके परिणाम स्वरूप दर्द से उठती महिला का जोरदार चांटा साबू को रसीद हुआ। जिसपर वो महिला बाद में खुद भी अफसोस करने लग
वो सुंदरी साबू के गालों को सहलाते हुए बोली " ये आज तुम्हें हो क्या गया जो मेरे बाल खिंचे, और देखो नींद में होने के वजह से मेरा हाथ तुम पर उठ गया।
फिर वो सुंदरी प्यार से भरे मनमोहक अंदाज में बोली" ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है। बाबू आई एम सॉरी
चांटे के दर्द से ज़्यादा साबू को उस सुंदरी के कोमल हाथों का स्पर्श प्रभावित कर रहा था उसे लगा मानो स्वर्ग लोक में बैठा किसी अप्सरा के सौंदर्य का रस पान कर रहा हो, वो एक अनोखी मदहोशी में डूब गया। तभी किसी के कड़कती आवाज़ में कुछ शब्द उसके कानों में पड़े। जिसने उसके इस आनंदित क्षणों को समाप्त कर दिया वो कक्ष में चाय लेकर आया एक नोकर था जो चाय देकर चला गया।
इसी बीच साबू की नज़र चाय की प्याली के पास पड़े अखबारों पर पड़ी, जिसपर दिनांक 2022 की थी इससे देख कर साबू और भी हैरत में पड़ गया कि आखिर उसके जीवन के बारह वर्ष कहाँ गए। फिर उसके दिमाग में ये ख्याल आया कही वो भविष्य में तो नहीं आ गया है। और इस बात को संभावना मान कर उसने खुद को थोड़ा शांत किया।
फिर वो अपने पास की सुंदरी से बाथरूम के लिए पूछता है कि वो कहा है। जिस को सुन वो सुंदरी हकबका रह जाती है। मगर एक बार फिर साबू के पूछने पर वो हाथ के इशारे से उसको बाथरूम बता देती है।
साबू जब बाथरूम में घुसा तो एक दम भिन्ना सा गया। उस बाथरूम का नज़ारा देखने योग्य था वो बाथरूम साबू के पुराने घर से भी बढ़ा था। सबसे पहले उसकी नज़र सामने पड़े बाथ टब पर पड़ी, जिसके चारों ओर सुंदर मछलियों से भरा एक विशाल एक्वैरियम बना हुआ था फिर दूसरे कोने में एक मिरर के आस पास ढेर सारे परफ्यूम, फेस वॉश, हेयर वैक्स, आदि जैसे ब्रांडेड महंगे आइटम्स भरे पड़े थे।
उस बाथरूम की हर एक चीज़ लाखों की मालूम होती थी हर एक चीज़ को साबू अपने हाथों से छूता और मन ही मन खुश होता। जैसे मासूम बच्चे चॉक्लेट देखकर खुश होते है। जब वो बाथरूम में लगे मिरर के सामने गया तो उसको एक और चौंकाने वाली बात पता चली वो अपनी उम्र से सात आठ साल बड़ा लग रहा था। साबू ने कई फिल्में देखी है। जो समय यात्रा पर आधारित थी पर किसी भी फ़िल्म में समय यात्री की आयु को बढ़ते नहीं दिखाया। फिर उसने सोचा फिल्मों में लोग केवल कल्पना और तर्कों के आधार पर कहाँनी लिखते है। मगर असल में वास्तविकता कुछ और हो। खेर जो भी हो मुझे क्या मुझे तो बस ये सोचना है। कि ईश्वर ने ये अवसर उसको एन्जॉय करने के लिए दिया है। तो लेट्स एंजॉय टाइगर और शेर की दहाड़ की नकल करते हुए साबू बाथ टब में कूद पड़ा। और बाथरूम में 2 घंटों से भी अधिक रूक कर निकलता है। जिसपर वो महिला और भी चिंतित हो जाती है। मगर कुछ बोलती नहीं बस तब से साबू में आये परिवर्तन के कारण वो साबू की छोटी छोटी हरकतें नोटिस करने लगी। उसको साबू में कुछ ऐसी हरकतें नज़र आती है जो पहले कभी ना थी।
साबू को समझ आ चुका था कि वो अपने भविष्य में है। एक पूरा दिन बिताने के बाद उसको पता चला। के वर्ष 2011 में उसने प्रेम विवाह किया था और 2013 में उसको एक बेटा भी हुआ जो इस समय बोर्डिंग स्कूल में एजुकेशन पा रहा था अभी वर्तमान में साल 2022 चल रहा है। यानी वो 12 वर्ष आगे के समय में आ गया है।
आस पास अनेकों सुख सुविधा का समान, घर में काम करते डेरों नोकर एक, अत्यंत सुंदर बीवी, मानो उसको तो जीवन सफल हो गया। और इन सब में उसको अपने पुराने परिवार का खयाल तक ना आया। खेर जब उस महिला ने यानी उसकी तथाकथित पत्नी ने उसको काम पर जाने के लिए बोला, तो उसने किसी प्रकार बहाना बना कर काम से छुट्टी ले ली, पर अगले दिन उसको जाना ही पड़ा। घर रहकर उसका सामना कई प्रकार के आधुनिक उपकरणों से हुआ। जैसे स्मार्ट फ़ोन एमोलेड टीवी मैक बुक इत्यादि और हर एक उपकरण उसकी समझ से परे था उसने बस अपनी मैक बुक में कैसे कोई जानकारी प्राप्त होती है। ये सीखा जो उसको काफी लगा।
अगले दिन जब वो अपनी मर्सडीज़ में ऑफिस जा रहा था तो उसने टशन मारने के लिए अपने ड्राइवर से बोला " ड्राइवर किसी पनवाड़ी की दुकान पर रोकना एक पैकेट सिगरेट लेनी है। ड्राइवर थोड़ा चकित था क्योंकि जिस मालिक के पास वो पांच वर्षों से नोकरी कर रहा था उसको कभी सिगरेट पीते नहीं देखा, लेकिन वो कर भी क्या सकता था, उसने तुरंत गाड़ी रोकी और अपने मालिक यानी साबू से पैसे मांगे तो साबू ने अपने सूट की जेबों पर हाथ मरते हुए अपना पर्स ढूंढ निकाला, लेकिन जैसे ही पर्स खोला उसके होश उड़ गए और चिल्ला कर बोला " ohh no शीट।
ड्राइवर " क्या हुआ सर ???
साबू " क्या होता किसी ने मजाक करने के लिए मेरे पर्स में चूरन वाले नकली नोट डाल दिए वो भी 2, 2, हजार के, सब जानते है। बापू कभी 1000 से ज़्यादा पर नहीं छपे,ड्राइवर " दिखाइये सर।
ड्राइवर उन नोटों को लेकर देखता है। और फिर हंस कर बोला " क्या सर आप भी ना....
साबू हैरानी से बोला " अब क्या हुआ।
ड्राइवर " सर पूरी दुनिया जानती है। के 2016 में भारत में नोट बंदी हुई थी तब से यही नोट चल रहे है।
साबू अब कुछ कुछ समझ गया और ड्राइवर के सामने भेद ना खुले इसलिये ठहाका लगाते हुए बोला " मैं तो बस तुम्हारी टांग खिंच रहा था।
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