Ch 34 - उपहार
जैसे ही सभी लोग मास्टर जसवीर की बात सुनते हैं उनके चेहरे पर हैरानी के भाव आ जाते हैं बेशक किसी को भी मास्टर जसवीर की बात पर यकीन नहीं हो रहा था मास्टर जसवीर बोले "अगर कल रात रूद्र नहीं होता तो हम सभी का बचपाना नामुमकिन था कल रात रूद्र ने हम सभी को बचा लिया।"
मास्टर जसवीर और भी बोलना चाहते थे पर तभी जानवी ने बीच में बोलते हुए कहा "पर ऐसे कैसे हो सकता है रुद्र एक मास्टर का सामना नहीं कर सकता?"
मास्टर यशवंत बोले "जानवी ठीक कह रही है रुद्र एक मास्टर का सामने कैसे कर सकता है उन दोनों की ताकत में जमीन आसमान का अंतर है फिर रुद्र कैसे मास्टर महेश का सामना कर सकता है?"
मास्टर ओमवीर बोले "जरूर रूद्र ने अपनी किसी पुश्तैनी मार्शल आर्ट का इस्तेमाल किया होगा तभी तो उसने मास्टर महेश को भागने पर मजबूर कर दिया।" पुश्तैनी मार्शल आर्ट हर किसी मार्शल आर्टिस्ट की गुप्त मार्शल आर्ट होती है जिसके बारे में वह मार्शल आर्टिस्ट किसी को भी नहीं बताता, और ऐसी मार्शल आर्ट सामान्य मार्शल आर्ट के मुकाबले में ज्यादा ताकतवर होती है।
मास्टर ओमवीर की बात सुनकर मास्टर जसवीर उन्हें घूरने लगते हैं मास्टर जसवीर बोले "क्या आप रूद्र को कम आक रहे हैं?"
मास्टर यशवंत बोले "हम सभी जानते है रुद्र बहुत ज्यादा होनहार लड़का है उसने इतनी कम उम्र में पांचवें अस्तर की फॉर्मेशन बनानी सीख ली पर रुद्र के लिए मास्टर महेश का सामना कर पाना नामुमकिन है।"
मास्टर जसवीर बोले "रूद्र ने उन्हें यहां से भागने पर मजबूर नहीं किया बल्कि रूद्र ने मास्टर महेश पर ऐसा हमला किया जिस हमले में उनके शरीर की एक भी हड्डी नहीं बची और उस हमले को करने के बाद रुद्र बहुत ज्यादा कमजोर हो गया था।"
मास्टर जसवीर की इस बात ने उस जगह पर शांति ला दी थी किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि रूद्र ने मास्टर महेश को मार डाला, तभी मास्टर यशवंत को कुछ एहसास होता है मास्टर यशवंत बोले "आपने अभी-अभी कहा रुद्र मास्टर महेश के साथ लडते वक्त घायल नहीं हुआ?"
इससे पहले मास्टर जसवीर कुछ कह पाते तभी कमरे के अंदर से रूद्र ने बाहर आते हुए कहा "कितना ज्यादा शोर मचा रखा है चैन से सोने भी नहीं दे रहे।"
रूद्र को अंदरूनी चोट के साथ बाहरी चोट भी लगी हुई थी रुद्र के दाएं हाथ और उसके पेट पर पट्टी बंधी हुई थी और वह लड़खड़ाते हुए चल रहा था तभी कनिका रूद्र को सहारा देने के लिए आती है जहां रूद्र हाथ का इशारा करते हुए कनिका को अपने पास आने से रोक देता है।
कनिका बोली "रुद्र क्या तुम्हारी चोट ठीक हो गई?"
जिस पर रूद्र बोला "नहीं मेरी चोट को ठीक होने में वक्त लगेगा।"
तभी रुद्र की नजर यशवंत पर जाती है रूद्र ने सब कुछ सुन लिया था रूद्र ने यशवंत के सामने जाते हुए कहा "आप ये जानना चाहते हैं ना मैं घायल कैसे हुआ।"
इतना कहने के बाद रूद्र अपनी स्पेस रिंग के अंदर से मास्टर राजेश के शरीर को बाहर निकालता है जहां सभी लोग मास्टर राजेश के शरीर को देखकर बहुत ज्यादा हैरान थे जब से वे तीनों मास्टर वर्मा परिवार के घर आए मास्टर गौतम ने हैरान भाव के साथ रुद्र की तरफ देखते हुए कहा "इसको किसने मार डाला?"
जिस पर रूद्र ने अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाते हुए कहा "आपको क्या लगता है ये शरीर मेरे पास उड़ कर आया है।"
रुद्र की बात सुनकर तीनों मास्टर को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा था की मास्टर राजेश को रूद्र ने मारा है जब उन तीनों मास्टर को लगता है कि उन्होंने रुद्र के बारे में जान लिया है तभी रूद्र कुछ ऐसा करता है जिस वजह से रूद्र उनकी आंखों में दोबारा से रहस्यमई हो जाता है।
रुद्र बोला "ये मुझे कल रात जंगल में मिले थे और मैंने इनको मार डाला।"
इतना कहने के बाद रूद्र ने मास्टर यशवंत से कहा "मैं जानता हूं ये शिकार आपका था पर मुझे माफ करना मैंने इनको गलती से मार डाला।"
रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत ने मास्टर राजेश के मर्त शरीर को घर्णा भरी नजरों से देखते हुए कहा "इस कमीने की वजह से मेरी सुनहेरी आंख चली गई और इसने मुझे जगह-जगह बदनाम भी किया. इस कमीने को चाहता था इसे तड़पाना चाहता था पर कोई बात नहीं मैं खुश हूं ये मर गया आज के बाद तुम मेरे भाई जैसे हो।"
रुद्र बोला "वो तो मेरी किस्मत अच्छी थी मास्टर राजेश पहले से ही बहुत ज्यादा घायल थे और उनका एक हाथ भी कटा हुआ था वरना मेरा मास्टर राजेश के सामने टिक पाना नामुमकिन था और जैसे कि मास्टर जसवीर ने आपको बताया था मास्टर महेश को मारते वक्त मेरी पूरी एनर्जी खत्म हो गई थी जिस वजह से मैं बहुत ज्यादा कमजोर हो गया, वरना में बिना घायल हुए मास्टर राजेश को मार डालता।"
इतना कहने के बाद रूद्र जानवी के सामने आ जाता है और अपने चेहरे पर शैतानी हंसी लाते हुए कहता है "ये मेरा जवाब था कि मैं कैसे घायल हुआ और तुम बताओ क्या तुम किसी मास्टर को मार सकती हो?"
रुद्र की बात सुनकर जानवी कुछ बोलना चाहती थी पर उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला क्योंकि ये बात जानवी भी जानती थी भले ही चौथे सितारे का मास्टर घायल हो पर वह इतना ज्यादा कमजोर भी नहीं होता, कि वह किसी दूसरे सितारे वाले मार्शल आर्टिस्ट के हाथों मारा जाए।
रूद्र ने जानवी पर तंज कसते हए कहा "तुम कह रही थी छुप कर बैठा होगा तुम्हें क्या लगा था अगर तुम धीमी आवाज में बात करोगी मुझे नहीं पता चलेगा यह मेरा घर है यहां सब कुछ मेरी मर्जी से होता है।"
रुद्र की बात सुनकर जानवी को भी गुस्सा आ गया था जानवी बोली "तुम्हारी किस्मत अच्छी थी जो तुम मास्टर राजेश को मार पाए।"
रुद्र बोला "चलो मैं किस्मत वाला था पर तुम कौन हो एक ऐसी लड़की जो अपने परिवार के पीछे छुपाना जानती है और अपने परिवार का नाम लेकर सभी लोगों का मजाक बनाती है तुम हो कौन क्या तुम्हारे पास इतनी भी ताकत है जो तुम मेरा सामना कर पाओ?"
इस बार जानवी के पास रुद्र के इस सवाल का कोई जवाब नहीं था जानवी तीनों मास्टर की ओर देखती है जिन्हें देखने से बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि उन तीनों में से कोई भी जानवी के पक्ष में बोलेगा।
तभी मास्टर गौतम ने मास्टर यशवंत से कहा "हम दोनों यहां से मुख्य परिवार की ओर निकल रहे हैं हमें जितना जल्दी हो सके ये सब मुखिया को बताना होगा। मास्टर राजेश और महेश के बारे में मुखिया को बताना बहुत ज्यादा जरूरी है और हां वर्मा परिवार के बाहर कुछ सिपाही तैनात कर देना जिससे वर्मा परिवार को कोई भी इतने कहने के बाद मास्टर गौतम और ओमवीर उस जगह से जाने लगते हैं तभी रूद्र ने उन दोनों को जाते हुए देख कर कहा "बड़े भाई गौतम और बड़े भाई ओमवीर संभल कर जाना।"
रुद्र के मुंह से बड़े भाई सुनकर मास्टर गौतम ने उस जगह से जाते हुए अपने आप से कहा "यह लड़का सच में बहुत ज्यादा चालाक है मैंने आज से पहले इतना चालाक और प्रतिभाशाली लड़का नहीं देखा यह लड़का आगे चलकर बहुत ज्यादा तरक्की करेगा।"
जानवी और सार्थक भी हैरान थे क्योंकि रूद्र ने दो मास्टर को बड़े भाई कह कर पुकारा था और इस मार्शल आर्ट की दुनिया में अपने से ज्यादा ताकतवर या फिर अपने जितने ताकतवर लोगों को भाई कह कर पुकारा जाता है जानवी और सार्थक इसलिए हैरान थे क्योंकि मास्टर गौतम और ओमवीर ने रुद्र से कुछ नहीं कहा था वे दोनों चुपचाप उस जगह से चले गए थे।
तभी रूद्र ने मास्टर यशवंत से कहा "आप मेरे साथ कमरे के अंदर चलिए मुझे आपके साथ कुछ जरूरी बात करनी है।"
रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत, रुद्र के साथ जाने के पर बैठ जाते हैं तभी रूद्र बोला "मैं आपको उपहार देना चाहता हूं।"
रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत सोच में पड़ जाते हैं मास्टर यशवंत ने कुछ सोचते हुए कहा "रुद्र तुम मुझे क्या दे सकते हो तुम्हें भी पता है मैं 7 राजसी परिवार में से कौशिक परिवार का श्रेष्ठ हूं मेरे पास खजानो की कमी नहीं है।"
भले ही मास्टर यशवंत ने सीधे-सीधे नहीं कहा था पर मास्टर यशवंत के कहने का मतलब था तुम्हारा जैसा छोटा परिवार मुझे कुछ नहीं दे सकता है पर मास्टर यशवंत का इरादा किसी भी तरह से रूद्र को नीचा दिखाने का नहीं था अगर देखा जाए मास्टर यशवंत बिल्कुल सही सोच रहे थे इस वक्त वर्मा परिवार कौशिक परिवार के सामने चींटी के समान भी नहीं था पूरे वर्मा परिवार को खत्म करने के लिए कौशिक परिवार का एक श्रेष्ठ ही काफी था।
तभी मास्टर यशवंत को कुछ याद आता है वे बोले "कही तुम मुझे दोबारा से कोई पुश्तैनी फॉर्मेशन तो नहीं देने वाले हो।"
पुश्तैनी फॉर्मेशन भी पुश्तैनी मार्शल आर्ट की तरह सामान्य मार्शल आर्ट से थोडी अलग होती है इस तरह की किसी के पास जल्दी से पाई नहीं जाती है।
रुद्र बोला "हां मेरे पास पुश्तैनी फॉर्मेशन है पर क्या तुम्हारे पास उस फॉर्मेशन की कीमत चुकाने के लिए स्पिरिचुअल स्टोन है?"
रुद्र के इस सवाल का मास्टर जसवंत के पास कोई जवाब नहीं था उन्हें भी पता था पुश्तैनी फॉर्मेशन बहुत ज्यादा कीमती होती है और उनकी कीमत भी लगाना असंभव है इस वक्त मास्टर यशवंत के पास जितने भी खजाने थे वह फॉर्मेशन उन सभी से कहीं गुना ज्यादा कीमती होगी।
रुद्र बोला "मैंने आपसे कहा ना मैं आपको उपहार देने चाहता हूं और उपहार बिल्कुल मुफ्त होते है इसके लिए कोई कीमत नहीं देनी पड़ती।"
रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत सोच में पड़ जाता है कि आखिरकार रूद्र ऐसा कौन सा उपहार देना चाहता है जिसकी कीमत मास्टर यशवंत के पास पड़े सभी खजाने से ज्यादा है।
अब आगे क्या होगा रुद्र, मास्टर यशवंत को कौन सा उपहार देने वाला है? क्या वह उपहार मास्टर यशवंत को पसंद आएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए l