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Non-Erotic Rudra Mhanyoda

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Ch 34 - उपहार

जैसे ही सभी लोग मास्टर जसवीर की बात सुनते हैं उनके चेहरे पर हैरानी के भाव आ जाते हैं बेशक किसी को भी मास्टर जसवीर की बात पर यकीन नहीं हो रहा था मास्टर जसवीर बोले "अगर कल रात रूद्र नहीं होता तो हम सभी का बचपाना नामुमकिन था कल रात रूद्र ने हम सभी को बचा लिया।"

मास्टर जसवीर और भी बोलना चाहते थे पर तभी जानवी ने बीच में बोलते हुए कहा "पर ऐसे कैसे हो सकता है रुद्र एक मास्टर का सामना नहीं कर सकता?"

मास्टर यशवंत बोले "जानवी ठीक कह रही है रुद्र एक मास्टर का सामने कैसे कर सकता है उन दोनों की ताकत में जमीन आसमान का अंतर है फिर रुद्र कैसे मास्टर महेश का सामना कर सकता है?"

मास्टर ओमवीर बोले "जरूर रूद्र ने अपनी किसी पुश्तैनी मार्शल आर्ट का इस्तेमाल किया होगा तभी तो उसने मास्टर महेश को भागने पर मजबूर कर दिया।" पुश्तैनी मार्शल आर्ट हर किसी मार्शल आर्टिस्ट की गुप्त मार्शल आर्ट होती है जिसके बारे में वह मार्शल आर्टिस्ट किसी को भी नहीं बताता, और ऐसी मार्शल आर्ट सामान्य मार्शल आर्ट के मुकाबले में ज्यादा ताकतवर होती है।

मास्टर ओमवीर की बात सुनकर मास्टर जसवीर उन्हें घूरने लगते हैं मास्टर जसवीर बोले "क्या आप रूद्र को कम आक रहे हैं?"

मास्टर यशवंत बोले "हम सभी जानते है रुद्र बहुत ज्यादा होनहार लड़का है उसने इतनी कम उम्र में पांचवें अस्तर की फॉर्मेशन बनानी सीख ली पर रुद्र के लिए मास्टर महेश का सामना कर पाना नामुमकिन है।"

मास्टर जसवीर बोले "रूद्र ने उन्हें यहां से भागने पर मजबूर नहीं किया बल्कि रूद्र ने मास्टर महेश पर ऐसा हमला किया जिस हमले में उनके शरीर की एक भी हड्डी नहीं बची और उस हमले को करने के बाद रुद्र बहुत ज्यादा कमजोर हो गया था।"

मास्टर जसवीर की इस बात ने उस जगह पर शांति ला दी थी किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि रूद्र ने मास्टर महेश को मार डाला, तभी मास्टर यशवंत को कुछ एहसास होता है मास्टर यशवंत बोले "आपने अभी-अभी कहा रुद्र मास्टर महेश के साथ लडते वक्त घायल नहीं हुआ?"

इससे पहले मास्टर जसवीर कुछ कह पाते तभी कमरे के अंदर से रूद्र ने बाहर आते हुए कहा "कितना ज्यादा शोर मचा रखा है चैन से सोने भी नहीं दे रहे।"

रूद्र को अंदरूनी चोट के साथ बाहरी चोट भी लगी हुई थी रुद्र के दाएं हाथ और उसके पेट पर पट्टी बंधी हुई थी और वह लड़खड़ाते हुए चल रहा था तभी कनिका रूद्र को सहारा देने के लिए आती है जहां रूद्र हाथ का इशारा करते हुए कनिका को अपने पास आने से रोक देता है।

कनिका बोली "रुद्र क्या तुम्हारी चोट ठीक हो गई?"

जिस पर रूद्र बोला "नहीं मेरी चोट को ठीक होने में वक्त लगेगा।"

तभी रुद्र की नजर यशवंत पर जाती है रूद्र ने सब कुछ सुन लिया था रूद्र ने यशवंत के सामने जाते हुए कहा "आप ये जानना चाहते हैं ना मैं घायल कैसे हुआ।"

इतना कहने के बाद रूद्र अपनी स्पेस रिंग के अंदर से मास्टर राजेश के शरीर को बाहर निकालता है जहां सभी लोग मास्टर राजेश के शरीर को देखकर बहुत ज्यादा हैरान थे जब से वे तीनों मास्टर वर्मा परिवार के घर आए मास्टर गौतम ने हैरान भाव के साथ रुद्र की तरफ देखते हुए कहा "इसको किसने मार डाला?"

जिस पर रूद्र ने अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाते हुए कहा "आपको क्या लगता है ये शरीर मेरे पास उड़ कर आया है।"

रुद्र की बात सुनकर तीनों मास्टर को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा था की मास्टर राजेश को रूद्र ने मारा है जब उन तीनों मास्टर को लगता है कि उन्होंने रुद्र के बारे में जान लिया है तभी रूद्र कुछ ऐसा करता है जिस वजह से रूद्र उनकी आंखों में दोबारा से रहस्यमई हो जाता है।

रुद्र बोला "ये मुझे कल रात जंगल में मिले थे और मैंने इनको मार डाला।"

इतना कहने के बाद रूद्र ने मास्टर यशवंत से कहा "मैं जानता हूं ये शिकार आपका था पर मुझे माफ करना मैंने इनको गलती से मार डाला।"

रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत ने मास्टर राजेश के मर्त शरीर को घर्णा भरी नजरों से देखते हुए कहा "इस कमीने की वजह से मेरी सुनहेरी आंख चली गई और इसने मुझे जगह-जगह बदनाम भी किया. इस कमीने को चाहता था इसे तड़पाना चाहता था पर कोई बात नहीं मैं खुश हूं ये मर गया आज के बाद तुम मेरे भाई जैसे हो।"

रुद्र बोला "वो तो मेरी किस्मत अच्छी थी मास्टर राजेश पहले से ही बहुत ज्यादा घायल थे और उनका एक हाथ भी कटा हुआ था वरना मेरा मास्टर राजेश के सामने टिक पाना नामुमकिन था और जैसे कि मास्टर जसवीर ने आपको बताया था मास्टर महेश को मारते वक्त मेरी पूरी एनर्जी खत्म हो गई थी जिस वजह से मैं बहुत ज्यादा कमजोर हो गया, वरना में बिना घायल हुए मास्टर राजेश को मार डालता।"

इतना कहने के बाद रूद्र जानवी के सामने आ जाता है और अपने चेहरे पर शैतानी हंसी लाते हुए कहता है "ये मेरा जवाब था कि मैं कैसे घायल हुआ और तुम बताओ क्या तुम किसी मास्टर को मार सकती हो?"

रुद्र की बात सुनकर जानवी कुछ बोलना चाहती थी पर उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला क्योंकि ये बात जानवी भी जानती थी भले ही चौथे सितारे का मास्टर घायल हो पर वह इतना ज्यादा कमजोर भी नहीं होता, कि वह किसी दूसरे सितारे वाले मार्शल आर्टिस्ट के हाथों मारा जाए।

रूद्र ने जानवी पर तंज कसते हए कहा "तुम कह रही थी छुप कर बैठा होगा तुम्हें क्या लगा था अगर तुम धीमी आवाज में बात करोगी मुझे नहीं पता चलेगा यह मेरा घर है यहां सब कुछ मेरी मर्जी से होता है।"

रुद्र की बात सुनकर जानवी को भी गुस्सा आ गया था जानवी बोली "तुम्हारी किस्मत अच्छी थी जो तुम मास्टर राजेश को मार पाए।"

रुद्र बोला "चलो मैं किस्मत वाला था पर तुम कौन हो एक ऐसी लड़की जो अपने परिवार के पीछे छुपाना जानती है और अपने परिवार का नाम लेकर सभी लोगों का मजाक बनाती है तुम हो कौन क्या तुम्हारे पास इतनी भी ताकत है जो तुम मेरा सामना कर पाओ?"

इस बार जानवी के पास रुद्र के इस सवाल का कोई जवाब नहीं था जानवी तीनों मास्टर की ओर देखती है जिन्हें देखने से बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि उन तीनों में से कोई भी जानवी के पक्ष में बोलेगा।

तभी मास्टर गौतम ने मास्टर यशवंत से कहा "हम दोनों यहां से मुख्य परिवार की ओर निकल रहे हैं हमें जितना जल्दी हो सके ये सब मुखिया को बताना होगा। मास्टर राजेश और महेश के बारे में मुखिया को बताना बहुत ज्यादा जरूरी है और हां वर्मा परिवार के बाहर कुछ सिपाही तैनात कर देना जिससे वर्मा परिवार को कोई भी इतने कहने के बाद मास्टर गौतम और ओमवीर उस जगह से जाने लगते हैं तभी रूद्र ने उन दोनों को जाते हुए देख कर कहा "बड़े भाई गौतम और बड़े भाई ओमवीर संभल कर जाना।"

रुद्र के मुंह से बड़े भाई सुनकर मास्टर गौतम ने उस जगह से जाते हुए अपने आप से कहा "यह लड़का सच में बहुत ज्यादा चालाक है मैंने आज से पहले इतना चालाक और प्रतिभाशाली लड़का नहीं देखा यह लड़का आगे चलकर बहुत ज्यादा तरक्की करेगा।"

जानवी और सार्थक भी हैरान थे क्योंकि रूद्र ने दो मास्टर को बड़े भाई कह कर पुकारा था और इस मार्शल आर्ट की दुनिया में अपने से ज्यादा ताकतवर या फिर अपने जितने ताकतवर लोगों को भाई कह कर पुकारा जाता है जानवी और सार्थक इसलिए हैरान थे क्योंकि मास्टर गौतम और ओमवीर ने रुद्र से कुछ नहीं कहा था वे दोनों चुपचाप उस जगह से चले गए थे।

तभी रूद्र ने मास्टर यशवंत से कहा "आप मेरे साथ कमरे के अंदर चलिए मुझे आपके साथ कुछ जरूरी बात करनी है।"

रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत, रुद्र के साथ जाने के पर बैठ जाते हैं तभी रूद्र बोला "मैं आपको उपहार देना चाहता हूं।"

रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत सोच में पड़ जाते हैं मास्टर यशवंत ने कुछ सोचते हुए कहा "रुद्र तुम मुझे क्या दे सकते हो तुम्हें भी पता है मैं 7 राजसी परिवार में से कौशिक परिवार का श्रेष्ठ हूं मेरे पास खजानो की कमी नहीं है।"

भले ही मास्टर यशवंत ने सीधे-सीधे नहीं कहा था पर मास्टर यशवंत के कहने का मतलब था तुम्हारा जैसा छोटा परिवार मुझे कुछ नहीं दे सकता है पर मास्टर यशवंत का इरादा किसी भी तरह से रूद्र को नीचा दिखाने का नहीं था अगर देखा जाए मास्टर यशवंत बिल्कुल सही सोच रहे थे इस वक्त वर्मा परिवार कौशिक परिवार के सामने चींटी के समान भी नहीं था पूरे वर्मा परिवार को खत्म करने के लिए कौशिक परिवार का एक श्रेष्ठ ही काफी था।

तभी मास्टर यशवंत को कुछ याद आता है वे बोले "कही तुम मुझे दोबारा से कोई पुश्तैनी फॉर्मेशन तो नहीं देने वाले हो।"

पुश्तैनी फॉर्मेशन भी पुश्तैनी मार्शल आर्ट की तरह सामान्य मार्शल आर्ट से थोडी अलग होती है इस तरह की किसी के पास जल्दी से पाई नहीं जाती है।

रुद्र बोला "हां मेरे पास पुश्तैनी फॉर्मेशन है पर क्या तुम्हारे पास उस फॉर्मेशन की कीमत चुकाने के लिए स्पिरिचुअल स्टोन है?"

रुद्र के इस सवाल का मास्टर जसवंत के पास कोई जवाब नहीं था उन्हें भी पता था पुश्तैनी फॉर्मेशन बहुत ज्यादा कीमती होती है और उनकी कीमत भी लगाना असंभव है इस वक्त मास्टर यशवंत के पास जितने भी खजाने थे वह फॉर्मेशन उन सभी से कहीं गुना ज्यादा कीमती होगी।

रुद्र बोला "मैंने आपसे कहा ना मैं आपको उपहार देने चाहता हूं और उपहार बिल्कुल मुफ्त होते है इसके लिए कोई कीमत नहीं देनी पड़ती।"

रुद्र की बात सुनकर मास्टर यशवंत सोच में पड़ जाता है कि आखिरकार रूद्र ऐसा कौन सा उपहार देना चाहता है जिसकी कीमत मास्टर यशवंत के पास पड़े सभी खजाने से ज्यादा है।

अब आगे क्या होगा रुद्र, मास्टर यशवंत को कौन सा उपहार देने वाला है? क्या वह उपहार मास्टर यशवंत को पसंद आएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए l
 

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Ch 35 - तीन रहस्यमही जगह

यशवंत सोच में था आखिरकार रुद्र उसे कौन सा उपहार देने वाला है तभी रूद्र अपनी स्पेस रिंग के अंदर से वह पोटली बाहर निकाल लेता है जिसके अंदर जिंदा जानवरों को कैद किया जाता है।

जैसे ही रूद्र उस पोटली को खोलता है उस पोटली के अंदर से वह शैतानी चील निकलती है जिसकी एक आंख सुनहेरी थी वह आंख और किसी की नहीं बल्कि यशवंत की थी।

वह चील उस पोटली के अंदर से निकलने के बाद रुद्र के कंधे पर बैठ गई थी अब रूद्र जो चाहे उस चील से करवा सकता था क्योंकि उस चील का मालिक राजेश मर चुका था।

यशवंत उस चील को देखकर हैरान था पर वह जल्द ही अपने आप को संभाल लेता है क्योंकि जो रुद्रा मेहरा परिवार के श्रेष्ठ को मार सकता है उसके पास यह चील होना स्वाभाविक है। रूद्र ने यशवंत के भाव पढ़ते हुए कहा "लगता है आपने इस चील को पहचान लिया, ये वही चील है जिसके पास आपकी सुनहेरी आंख है अब मास्टर राजेश मारे जा चुके हैं इस चील का कोई मालिक नहीं है आप इस चील को अपना पालतू बना सकते हैं इसकी मदद से आपकी ताकत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।"

रुद्र की बात सुनने के बाद भी यशवंत के चेहरे पर बिल्कुल भी खुशी नहीं थी वह उस चील को देखकर बिल्कुल भी खुश नहीं था रुद्र बोला "क्या हुआ आप खुश नहीं लग रहे?"

जिस पर यशवंत बोला "तुम्हारा धन्यवाद मेरे लिए इतना ज्यादा सोचने के लिए पर यह सुनहेरी आंख मेरी किस्मत में नहीं है अगर अब मैं इसे ले भी लू, ये मेरे लिए किसी कचरे के समान है।"

रुद्र बोला "मुझे कुछ समझ में नहीं आया आप इस सुनहेरी आंख को क्यों नहीं ले सकते हैं आपने इस आंख को पहले भी इस्तेमाल किया है क्या आप इसे दोबारा से अपनी आंख के अंदर नहीं डाल सकते?"

यशवंत बोला "अब मैं इसे चाह कर भी इस्तेमाल नहीं कर सकता, मेरी किस्मत में यही लिखा है अगर इसको कोई एक बार खो देता है फिर वह इसे चाह कर भी इस्तेमाल नहीं कर सकता तुम्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा

होगा। मैं तुमको शुरू से समझाता हूं असल मे यह आंख मुझे कौशिक परिवार से नहीं मिली थी जब मैं जवान था और दुनिया घूमने के लिए बाहर निकाला था तब मुझे एक दुर्घटना के दौरान ये आंख मिली थी।"

इतना कहने के बाद यशवंत ने रुद्र से पूछा "चलो तुम मुझे बताओ क्या तुम्हें पता है इस दुनिया की सबसे खतरनाक जगह कौन सी है?"

यशवंत के इस सवाल पर रूद्र ने ना में सर हिला दिया जिसे देखकर यशवंत बोला "चलो ठीक है मैं तुमको बताता हूं तुम इस दुनिया की किसी भी जगह पर जा सकते हो पर तीन जगह ऐसी है जहां पर तुम नहीं जा सकते वे जगह इतनी ज्यादा खतरनाक है तुम कितने भी ज्यादा ताकतवर क्यों ना हो उन जगह पर जाने के बाद तुम्हारा मारना तय है। अगर तुम मेरी बात सुनने के बाद भी उस जगह पर जाना चाहते हो पर तुम नहीं जा पाओगे क्योंकि वे तीनों जगह किस्मत वालों को ही मिलती है।"

यशवंत की बात सुनने के बाद रुद्र ने हैरानी में कहा "ऐसा क्यों है क्या कोई भी उन जगह पर नहीं जा सकता?"

यशवंत बोलो "क्योंकि वे तीनों जगह अपना स्थान बदलती रहती है इसलिए वे जगह किस्मत वालों को ही मिलती है किसी को भी नहीं पता वह जगह कैसी दिखती है किसी का मानना है उन जगहों के अंदर प्राचीन मंदिर

या फिर किसी महान सम्राट का महल है बहुत से लोगों का ये भी मानना है उन जगहों के अंदर किसी शैतान को कैद किया होगा पर असलियत के बारे में किसी को भी नहीं पता समय के साथ-साथ सभी लोगों ने मिलकर उन तीन जगह को नर्क द्वार कहकर पुकारना शुरू कर दिया।"

"क्योंकि वे तीनों जगह किसी नर्क से कम नहीं है जब भी वे तीनों जगह दिखाई देती है उनके चारों तरफ बवंडर का तूफान होता है और हर वक्त बिजली कड़कती रहती है वैसे तो किसी भी मार्शल आर्टिस्ट के लिए बिजली को सहन करना बहुत ज्यादा आसान होता है पर उस जगह पर जो बिजली कड़कती है वह किसी ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट को मारने के लिए काफी है बहुत से लोगों ने उन जगह के अंदर जाने की कोशिश की, पर आज तक कोई भी नहीं जा पाया।"

रुद्र बोला "फिर उनका क्या हुआ जो उस जगह पर जाने की कोशिश करते हैं?"

जिस पर यशवंत ने कहा "अधिकतर लोग मारे जाते हैं और बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो उसे बवंडर के तूफान से बचकर आ पाते हैं उस जगह से बचकर आने वालों की संख्या इतनी ज्यादा कम होती है उन लोगों को किस्मत वाला कहा जाता है।"

यशवंत की बात सुनकर रूद्र बहुत ज्यादा हैरान हो गया

था क्योंकि यशवंत के हिसाब से आज तक कोई भी इंसान उन तीन जगह के अंदर नहीं जा पाया, क्योंकि वे तीन जगह जब भी दिखाई देती है उनके चारों तरफ एक तूफान होता है जिसे पार करके ही उन रहस्यमई जगाहो के अंदर जाया जा सकता है अधिकतर लोग उस तूफान को पार करने के चक्कर में मारे जाते हैं और जो लोग उस तूफान से बचकर वापस भी आना चाहते हैं उनका मरना भी बिल्कुल तय होता है इसलिए बहुत किस्मत वाले ही उस तूफान के अंदर जाकर भी बचकर बाहर आ पाते हैं।

यशवंत की पूरी बात सुनने के बाद रूद्र ने अपने आप से कहा लगता है "वह तूफान किसी तरह का जाल है जिसे किसी ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट ने बनाया है जब तक हम उस जाल को नहीं समझ लेते हैं उन रहस्यमय जगह के अंदर जाना नामुमकिन है।"

इतना सोचने के बाद रूद्र बोला "और जहां तक मुझे समझ में आ रहा है आप भी उन्ही किस्मत वालों में से एक है जो उस तूफान में से बच कर आया था।"

रुद्र की बात सुनकर यशवंत अपनी चेयर पर से खड़ा हो जाता है और खिड़की के बाहर देखता हुआ बोलता है "हां मैं भी उस तूफान से बचकर आया था।"

अब आगे क्या होगा, आखिरकार यशवंत इतने ज्यादा खतरनाक बवंडर के तूफान से बचकर कैसे आया? क्या

यशवंत को वह सुनहेरी आंख उसी जगह से मिली थी? और यशवंत को वह आंख कैसे मिली क्या यशवंत उन तीनों रहस्यमई जगह में से किसी एक जगह के अंदर गया था जिसके अंदर यशवंत को वह सुनहरी आंख मिली? जानने के लिए पढ़ते रहिए l

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Manojsharma

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Bahut badiya bhai sandar update
 

Manojsharma

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Kya jagah pahle rudra ki thi bhai ye kah raha h
 

Dhakad boy

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Bhut hi badhiya update
 

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Ch 36 - सबसे ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट

इस वक्त यशवंत के चेहरे पर बिल्कुल भी भाव नहीं थे पर उनके चेहरे पर हल्का-हल्का पसीना देखा जा सकता था यशवंत ने बाहर का नजारा देखते हुए रुद्र से कहा "जब मैं जवान था मुझे उन तीन रहस्यमई जगह में से एक जगह मिली थी मैं उस रहस्यमई जगह से भागना चाहता था पर मैं उस तूफान के चपेट में आ गया। मुझे आज भी याद है मैं हवा में उड़ रहा था चारों तरफ बिजली कड़क रही थी और मेरे साथ जितने भी लोग हवा में उड़ रहे थे उनके ऊपर बिजली गिरने की वजह से वे सभी लोग मारे गए।"

यशवंत की बात सुनते हुए रूद्र ने अपने आप से कहा "सामान्य बिजली से हम जैसे मार्शल आर्टिस्ट को कुछ भी नहीं होता, पर लगता है ये जिस बिजली के बारे में बात कर रहे हैं वह कोई सामान्य बिजली नहीं है।"

यशवंत ने अपनी बात जारी करते हुए आगे कहां "मैं जब भी उस बारे में सोचता हूं मेरी रूह काप जाती है मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मुझे उस दर्द का एहसास होने लगता है जो दर्द मुझे उस दिन हुआ था।"

यशवंत की बात सुनकर रूद्र ने दर्द में होते हुए यशवंत के पास जाते हुए कहा "आप कैसे बचे बिजली गिरने के बाद आपका बचना नामुमकिन था?"

रुद्र की बात सुनकर यशवंत ने रुद्र की तरफ देखते हुए कहा "वह बिजली सीधी मेरी आंख पर आकर गिरी मुझे उस वक्त असनीय दर्द हो रहा था मुझे ऐसा लग रहा था मेरी हर हड्डी टूट गई हो और मुझे किसी उबलते हुए तेल में जोक दिया हो पर तुम मेरे अच्छे कर्म समझो या फिर किस्मत मुझे एक मंत्र सुनाई देने लगा और जैसे-जैसे मैं उस मंत्र को सुन रहा था मेरे ऊपर मेरा नियंत्रण नहीं रहा और मैं उस मंत्र को दोहराने लगा जब मेरी आंख खुली मैं अपने परिवार के अंदर था मुझे मेरे मास्टर उस जगह से उठाकर ले आए थे उस जगह पर बहुत से लोगों की लाशे पड़ी थी पर मेरे अलावा कोई भी जिंदा नहीं था मेरे मास्टर ने मुझे बताया था उस जगह पर मर्त शरीर के अलावा कुछ भी नहीं था वह रहस्यमाई जगह भी अचानक से गायब हो गई थी।"

रूद्र ने बीच में टोकते हुए कहा "फिर आपको वह सुनहेरी आंख कैसे मिली?"

यशवंत बोला "जब मुझे होश आया मेरी एक आंख की जगह ये सुनहेरी आंख थी और मैंने भी उस सुनहेरी आंख को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया जैसे-जैसे मैं उस सुनहेरी आंख को इस्तेमाल कर रहा था उस सुनहेरी आंख की ताकत भी बढ़ रही थी और वह आंख भी कम ताकतवर नहीं थी उस आंख की मदद से मैंने बहुत ज्यादा ताकतवर लोगों को हराया है।"

रूद्र ने पूछा "जब आपने इस आंखों को पहले भी इस्तेमाल किया है फिर आप इसे लेने से क्यों मना कर रहे हैं?"

यशवंत बोला "क्योंकि ये आंख मेरी किस्मत में नहीं थी जब मास्टर राजेश ने मेरी इस आंख को धोखे से निकाला था तभी से मैं इस आंख को इस्तेमाल नहीं कर सकता था क्योंकि इस आंख को इस्तेमाल करने के लिए मुझे एक मंत्र दोहराना पड़ता था और जैसे ही मास्टर राजेश ने इस आंख को निकाला था मैं उस मंत्र को भूल गया अब मैं चाह कर भी इस आंख को इस्तेमाल नहीं कर सकता हूं क्योंकि मुझे वह मंत्र याद नहीं।"

यशवंत की बात सुनकर रूद्र ने सोचते हुए अपने आप से कहा "इनकी सारी बात सुनने के बाद मुझे ऐसा लग रहा है उस जगह पर महान सम्राट अंधेरे के देवता का खजाना हो सकता है।"

महान सम्राट जिन्हें अंधेरे का देवता कहा जाता है इस पूरी दुनिया के अंदर उनके जितना ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट पैदा नहीं हुआ था उनकी ताकत इतनी ज्यादा थी वे अपने

एक ही उंगली के इशारे से पूरे राजगिरी महाद्वीप को खंडहर बना सकते थे जब रुद्र से कौशिक परिवार के तीनों श्रेष्ठ ने उसके मास्टर के बारे में पूछा था उस वक्त रूद्र ने अपने मास्टर के बारे में बताया था कि उन्हें बहुत से लोग अंधेरे के देवता कहकर पुकारते है हालांकि यह बात अलग थी उन तीनों श्रेष्ठ को इस बारे में कुछ भी नहीं पता था और रुद्र ने अंधेरे के देवता का नाम इसलिए लिया था क्योंकि इस पूरी दुनिया के अंदर रुद्र का मास्टर एक ही शख्स बन सकता है और वह है अंधेरे का देवता जो बहुत पहले मर चुका था।"

रुद्र के पास जो प्राचीन किताब थी उस किताब को भी अंधेरे के देवता ने लिखा था जिस किताब के चक्कर में रुद्र के पिछले जन्म में पूरी दुनिया उसके खिलाफ हो गई थी क्योंकि उस किताब को अंधेरे के देवता ने लिखा था और पूरी दुनिया उस किताब को पाना चाहती थी यहां तक की रुद्र का सबसे चाहिता स्टूडेंट भी उस किताब को पाना चाहता था पर रूद्र ने अपने स्टूडेंट से धोखा खाने के बाद उस किताब के साथ-साथ अपने आप को भी खत्म कर लिया था और तभी रुद्र इस वाले रुद्र के शरीर में आया था।

रूद्र ने अपने आप से कहा "मैंने सम्राट की उस प्राचीन किताब के अंदर पड़ा था यह सुनहेरी आंख बहुत ज्यादा ताकतवर है इसे कोई भी नष्ट नहीं कर सकता, तभी मास्टर राजेश यशवंत से वह आंख चुराने के बाद नष्ट नहीं

कर पाए अब मेरे पास यह सुनहेरी आंख है और उस प्राचीन किताब की सभी यादें भी अगर मुझे किसी तरह उन तीन रहस्यमाई जगह का खजाना मिल जाता है फिर मुझे ताकतवर बनने से कोई नहीं रोक सकता।"

इतना सोचने के बाद रुद्र के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ जाती है और वह चेयर पर बैठने के बाद आगे क्या करना है उस बारे में सोचने लगता है।

अब आगे क्या होगा, रुद्र के पास महान सम्राट अंधेरे के देवता की लिखी हुई प्राचीन किताब की सारी यादें है और अब रुद्र के पास सुनहेरी आंख भी आ गई और जब मेहरा परिवार को पता चलेगा उनके दो श्रेष्ठ को मारने वाला और कोई नहीं बल्कि रूद्र है तो मेहरा परिवार क्या करेगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए l

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Manojsharma

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Nice update bhai super super
 
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