• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest Sagar (Completed)

Siraj Patel

The name is enough
Staff member
Sr. Moderator
137,295
114,571
354
Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).


"Chance to win cash prize up to Rs 8000"
Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 15th February ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 5th March 2024 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 4000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-UP 750 Rupees + 1000 Likes
Best Supporting Reader 750 Rupees + Award + 1000 Likes
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

Akki ❸❸❸

ᴾʀᴏᴜᴅ ᵀᴏ ᴮᴇ ᴴᴀʀʏᴀɴᴠɪ
26,803
31,030
304
Update 8.


दोपहर बाद जब मैं घर पहुंचा तो माॅम ने खाना लगाया । रीतु अपनी सहेली काजल से मिलने गयी थी । मैं अपने कमरे में गया । कुछ देर आराम करने करने के बाद पैराडाइज क्लब चला गया । आज कुलभूषण खन्ना नहीं आया था । वहां ड्यूटी देने के बाद मैंने कुलभूषण खन्ना के असिस्टेंट से एक दिन की छुट्टी लेकर घर आ गया । आठ बज गए थे लेकिन अभी तक रीतु आईं नहीं थी । माॅम से पूछा तो उन्होंने कहा वो नौ बजे तक लौटोगे । माॅम ने खाने के लिए पुछा तो मैंने रीतु के आने तक इन्तजार करने के लिए कहा ।


मैं अपने कमरे में गया । कपड़े बदले और छत पर टहलने लगा । तभी मुझे याद आया कि मैंने अपने ब्लेजर और पैंट तो लांड्रिंग में दिए हैं, वो तो मैं लाना ही भूल गया । मैंने रीतु को फोन लगाया और उससे पूछा वो अभी काजल के पास ही है या वहां से निकल गई है तो उसने कहा आधे घंटे में निकल रही है । मैंने उससे कहा कि आते समय रास्ते में ही जो लाउंड्री है और उससे मेरी बात करा देना और मेरी कपड़े लेती आना ।

पहले तो बड़ी आना कानी करी कि वो लांड्रिंग वाला उसके आते वक्त रास्ते में नहीं पड़ेगा , वो जगह दुर है , वो बस से नहीं आयेगी , बस से आने से कपड़े खराब हो जायेंगे , गर्मी से मेरी पोलिस उत्तर जायेगी , कैब से आयेगी , कैब के भाड़े के पैसे नहीं हैं , तब मैंने बड़ी मुश्किल से उसे कपड़े लेकर आने के लिए तैयार किया ।

रीतु को किसी बात के लिए convince कराना बड़ी टेड़ी खीर है । ये शर्तिया अपने हसबैंड को नाकों चने चबवा देगी । मैं जा कर अपने बेड पर लेट गया और पिछले दिनों के बारे में सोचने लगा ।

करीब एक आध घंटे बाद रीतु आईं और मेरे आयरन किए हुए कपड़े सलिके से बिस्तर पर रख दी । मैंने उसे देखा वो इस वक्त एक हरे रंग का सलवार सूट पहनी थी । उसके शरीर से आती वही जानी पहचानी खुशबू । हमेशा की तरह जगमग जगमग ।

" बस में तुम्हारी पालिश तो ‌नही उतरी ।" मैंने कहा ।

" नहीं उतरी ।" वो खड़े खड़े ही बोली ।

" अंदेशा तो बहुत था तुम्हें ।"

" हां । अलबत्ता उससे ज्यादा बुरी बात हो गई ।"

" क्या ?" मैं सशंकित स्वर में बोला ।

" बस में कुछ लफंगे सवार थे ।"

" ओहो !" - मैं हमदर्दी भरे स्वर में बोला - " उन्होंने तुम्हें छेड़ा होगा , गन्दे इशारे किए होंगे , फब्तियां कसी होंगी ।"

" इससे भी बुरा किया कमीनों ने ।"

" अच्छा !" क्या किया उन्होंने ?"

" उन्होंने मुझे हर तरह से नजर अंदाज कर दिया , मेरी तरफ झांका भी नहीं , पीठ फेर ली मेरी तरफ से ।"

" यह तो वाकई बुरा किया कमीनों ने ।"

" हां न । आप यदि मुझे कैब से आने को बोले होते तो क्या होती मेरी इतनी बेइज्जती ।" " आप ..........."

उसकी बक बक शुरू हो गई थी और मैं चुपचाप उसे देखे जा रहा था । मैं जानता था कि वो कैब से ही आयी होगी लेकिन उसे तो मुझसे अपनी बक बक करनी थी । मुझे तो उसकी बक बक भी बहुत प्यारी और सेक्सी लगती थी । उसके बोलने का अंदाज , उसके लबों का हिलना, उसके हाथों का झटकना, बोलते वक्त उसके लटो का उसके गालों को चूमना । मैं तो जैसे कहीं खो गया था ।

" लगता है अभी तक आपने डीनर नहीं किया ।"

" क.. क्या कहा ? " मैं जैसे होश में आया ।

" मैंने कहा लगता है अभी तक आपने डीनर नहीं किया ।"

" कैसे जाना ?" मैं हकबकाया ।

" आंखों ही आंखों में मुझे निगल जाने की कोशिश जो कर रहे हो ।"

" सिर्फ कोशिश कर रहा हूं ।" - मैंने नकली आह भरी - " कोशिशें तो मैं और भी बहुत करता हूं लेकिन कामयाब कहां हो पाता हूं ।"

" कयी बार कोशिश में कामयाबी से ज्यादा मजा आता है ।"

" वो कैसे ?"

" कोशिश इनसान बार बार करता है । कामयाबी के बाद वो कहानी खतम हो जाती है ।"

" क्या बात है , आज तो बड़ी काबिलियत भरी बातें कर रही है ।"

" मैं अक्सर काबिलियत भरी बातें करती हूं , खास तौर से सूर्य अस्त होने के बाद ।"

" गुड । अब अपनी प्रवचन बन्द कर मुझे जोरों से भुख लगी है ।"

" तो मैंने आपको खाने से रोका है कब से खुद ही बक बक किये जा रहे हो ।" वो अपनी आंखें तरेरती हुई बोली ।


फिर खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया और आगरा जाने के लिए अपने बैग तैयार किया और फिर बिस्तर के हवाले हो गया ।



सुबह साढ़े आठ बजे होंगे जब मैं गाजियाबाद श्वेता दी के फ्लेट पहुंचा । जीजा अपने कमरे में आराम कर रहा था । श्वेता दी तैयार हो गई थी । उन्होंने पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी । बिना आस्तीन का ब्लाउज जिसमें उनके गोरी माशल भुजाएं काफी आकर्षित लग रही थी । ब्लाउज का गला v आकार का था जिसमें से उनकी cleavage कुछ हद तक नुमाइश हो रही थी । गले में मंगलसूत्र के अलावा बदन पर कुछ और भी गहने पहन रखी थी । उनका गदराया हुआ यौवन किसी भी इन्सान को घायल करने के लिए पर्याप्त था ।

मैंने नाश्ता वहीं किया फिर जीजा से इजाजत लेकर हम दोनों कार लेकर वहां से निकल गये । मैं ड्राइव कर रहा था और वो आगे वाली सीट पर मेरे बगल बैठी थी । कुछ दुर तक हम शान्त ही रहे । जब कार भीड़ भाड़ वाले एरिया से बाहर निकल मेन रोड पर आई तब श्वेता दी ने कहा ।

" अब बताओ क्या बात है "

" कैसी बात ? " मैंने नजरें स्क्रीन से हटाकर उनकी तरफ देखा ।

" जब तुम राजीव से प्रायवेट बात करने को बोल कर मुझे वहां से हटने के लिए बोले थे।"

" ओह ! वो । " मैं वापस नजरें स्क्रीन पर रखते हुए कहा - " " बता दुंगा , थोड़ी धीरज रखो ।"

" नहीं । अभी बताओ ।"

" वो काफी लम्बी कहानी है , इस वक्त कार ड्राइव करते हुए कैसे बोल सकता हूं । एक काम करते हैं वहां पहुंच कर बताता हूं । वहां अकेले में हमें काफी समय मिलेगा ।"

" ओके ।" बोलकर वो चुप हो गई । कुछ देर बाद वो एक्साइटेड हो कर बोली - " आज कितने दिनों के बाद न हम किसी पार्टी में शामिल हो रही हैं , कितना मजा आयेगा । है ना ।"

" हां । तुम्हारे शादी के बाद पहली बार ।" - मैंने मुस्कराते हुए कहा ।

" हां । जब हम छोटे थे कितने मस्ती करते थे , कितने झगड़ते थे । "- वो कहीं खोई खोई सी बोली । - " और अब जैसे लगता है मैं अपना बचपन भुल गयी हूं ।"

" अच्छा तो है , अब शादी शुदा जिंदगी की लुत्फ उठा रही हो । इतना अच्छा प्यार करने वाला पति मिला है । वैसे भी जिन्दगी का चक्र तो हमेशा बदलते रहता है ।"

" हां । " वो चुपचाप सी हो गई ।

" सब ठीक है ना ? "

" हां । सब ठीक ठाक है ।" - वो अचानक से अलग रंग में आते हुए बोली - " छोड़ो वो सब , कोई गाना वाना लगाओ । किशोर कुमार के मस्त गाने ।"

करीब एक घंटे बाद वो गाने से बोर होने लगी तो मैंने कहा अगर नींद आ रही हो तो सो जाओ । मगर उसनेे मना कर दिया । और खुद ही तरन्नुम में शायरी करने लगी -

" फिर मुझे दीदा - ए - तर याद आया ,
दिल जिगर तश्रना ए फरियाद आया ,
दम लिया था ना कयामत ने हनोज ,
फिर तेरा वक्त ए सफ़र याद आया । "

" वाह ! वाह । शायरी की तुकबंदी तो बहुत अच्छी है लेकिन मुझे समझ नहीं आया ।" मैंने उनको शाबाशी देते हुए कहा ।

वो हंसते हुए बोली - " मुझे उर्वशी ने सुनाया था पर सच कहूं तो मुझे भी इसका अर्थ नही पता ।"

" उर्वशी ऐसी भी शायरी करती है मगर मुझे तो ..." मैं अचरज से बोला ।

" क्या मुझे तो ? " वो प्रश्न सूचक दृष्टि डाली ।

" नहीं , कुछ नहीं ।"

" तुम कुछ छुपा रहे हो , मेरी कसम बोलो ।"

" मुझे तो बड़ी सिम्पल और अच्छी अच्छी शायरी भेजती हैं ।" मैंने धीरे से कहा ।

" क्या मतलब ? - वो अचरज से बोली - " उर्वशी तुम्हें शायरी मैसेज करती है ।"

" हां । इसमें अचरज की बात क्या है , तुम्हीं ने तो कराई थी हमारी जान पहचान , भुल गयी ? "

" नहीं ।" वो अभी भी शंकित नजरों से मुझे घुर रही थी - " वैसे वो क्या क्या मैसेज करती थी ? "

" अरे यार ! क्यों हलकान होती है , वहीं सिम्पल साधारण सी मैसेज ।"

" मुझे दिखाओ ।" मुझे घुरते हुए बोली ।

" ठीक है बाबा ! आगरा चल के देख लेना ।"

वो आश्वस्त नहीं हुई ।

" क्या अब भी , मेरा मतलब ‌शादी के बाद भी मैसेज करती है ? "

" हां । अभी भी करती है । परसों ही तो किया था ।" - मैंने उसे और छेड़ते हुए कहा ।

" और तुम ? क्या तुम भी करते हो ? "

" मैं भी करता हूं ।"

अब श्वेता दी के मन मन्दिर में उथल-पुथल मच गई थी । वो काफी देर तक चुप रही फिर बोली -

" अच्छा परसों वो क्या मैसेज की थी ? "

" अरे यार ! कितनी शकी हो । मैंने कहा न आगरे में बता दुंगा ।"

" नहीं । परसो वाली मैसेज बताओ बाकी वहां बता देना ।" उसने जीद पकड़ ली ।

मैं सोचता हुआ बोला - " मुझे पुरी तरह से याद नहीं आ रहा है ।"

" कुछ तो याद होगा वहीं बताओ ।"

" ठीक है , मुझे सोचने दो ।"

वो बैठे बैठे ही पहलु बदल रही थी और मैं ड्राइव करते हुए थोड़ी सोचने की मुद्रा में आ गया ।

" अभी याद नहीं आ रहा है ।" मैंने ललाट सहलाते हुए कहा ।

" चुपचाप सीधी तरह से बताओ नहीं तो अभी गाड़ी से ढकेल दुंगी ।" वो आंखें तरेरते हुए बोली ।

" हद है यार । ठीक है याद करने की कोशिश करता हूं ।" - थोड़ी देर बाद बोला - " हां , कुछ कुछ याद आया , बोलता हूं ।"

" सुनो ।"

वो मुझे अपलक देखती रही ।

" तेरी बु...."( मैं यहां बु बोलकर अटक गया जैसे कि मैं भुल गया हूं )

वो चौंकी ।

" तेरी बुटदार चु...." ( मैं अब चु पर अटक गया )

वो इस बार अपनी आंखें फैलाई । ये देख मैं जल्दी से बोला -

" तेरी बुटदार चुनर को देख कर मेरा झां....( अब मैं झां पर अटक गया )

अब उसके चेहरे के रंग बदलने लगे थे । उसके गुस्सा होने से पहले मैंने वाक्य पुरी की -

" तेरी बुटदार चुनर को देख कर मेरा झांझर सा दिल डोल उठा ।"

अब वो थोड़ी नोर्मल हुई तो फिर आगे का लाईन बोलना शुरू किया ।

" तेरी बुटदार चुनर को देख कर मेरा झांझर सा दिल डोल उठा ।
तेरी चु....( अब फिर मैं चु पर अटक गया और याद करने का नाटक करने लगा )

वो मुझे बिना पलक झुकाए मुझे देख रही थी । मैंने उसे देखा फिर आगे का लाईन बोलना शुरू किया -

" तेरी चुन-चुन करती पायल ने मेरा लन्ड....." ( इस बार मैं लन्ड पर अटक गया )

उसके चेहरे के हाव-भाव से लग रहा था कि अब ज्वालामुखी फटने ही वाला है इसलिए मैंने जल्दी से अगले लाईन को भी पुरा किया -

" मेरा लंडन जाना रोक दिया ।" - बोलकर मैंने उसे देखा और उसे शायराना अंदाज़ में पुरी शायरी एकसाथ कहा ।

" तेरी बुटदार चुनर को देख कर , मेरा झांझर सा दिल डोल उठा ।
तेरी चुन-चुन करती पायल ने , मेरा लंडन जाना रोक दिया । "

वो मुझे गुस्से से अपनी आंखें बड़ी बड़ी करके अपलक देखे जा रही थी ।

मैंने कहा - " ऐसे क्या देख रही हो ? मैंने तो पहले ही कहा था मुझे याद नहीं आ रहा है ।...... वैसे शायरी अच्छी थी न ? "

उसने एक जोरदार का पंच मेरे बांह पर मारा ।

" अरे ! क्या करती हो ? एक्सीडेंट हो जाएगा ।" - मैंने अपने हाथ सहलाते हुए कहा ।

" मैं सब समझती हूं । तुम न ! तुम्हे ना मैं वहां जाके आगरा के पागलखाने में भर्ती करवा दुंगी । तुम पहले पहुंचो वहां ।" - उसने मुझे घुरते हुए कहा ।

" मुझे एक और याद आ गया । सुनाऊं ? " मैंने उसे छेड़ते हुए कहा ।

" जरुरत नहीं है । चुपचाप गाड़ी चलाओ । - मुझे घुरते हुए ही बोली - " और रास्ते में कहीं होटल के सामने रुकना "

" क्यों ? भुख लगी है क्या ? अरे ! कितना खाती हो यार दो ढाई घंटे पहले ही तो खाया था, मोटी हो जाओगी । जानती हो , मोटापा न अपने आप में एक गम्भीर बिमारी है । तुम्हारी ये छरहरी काया ..."

" चुप रहो " - मुझे बीच में टोकते हुए बोली - " बकवास बंद करो । मुझे बाथरूम जाना है ।"

" बाथरूम ! ... बाथरूम क्यों ? घर में नहाई नहीं थी क्या या सिर्फ हाथ मुंह धोना है ।"

" तुम ! " - वो गुस्से से देखी - " टायलेट जाना है । अब ये मत पूछना कि टायलेट क्यों जाना है ।"

" ठीक है नहीं पूछूंगा । वैसे एक बात कहूं ? "

" क्या ?"

" मैं पुछने वाला था ।"

" तुम एक नम्बर के कमीने हो ।" - कहकर फिर मेरे बगल में घुसा मारा ।

कुछ दुर जाने के पश्चात एक होटल जो ठीक ठाक ही था मिला । हम कार से उतर कर होटल की तरफ चल दिए ।
Aaj hi padni start ki
Khani k dialogue bhut badiya likhe h bhai
Same aise hi champ Bhai bhi likhte h
 
  • Love
Reactions: SANJU ( V. R. )

Akki ❸❸❸

ᴾʀᴏᴜᴅ ᵀᴏ ᴮᴇ ᴴᴀʀʏᴀɴᴠɪ
26,803
31,030
304
भाई मेरी सोच आपसे बिलकुल नहीं मिलती इस बारे में......................अगर सभी यहाँ सेक्स ही पढ़ने आते हैं हैं तो आपसे कई गुना ज्यादा सेक्स लिखनेवाले लेखक हैं यहाँ .....और उनके पाठक पढ़कर हिला लेते हैं फिर nice लिखकर चले जाते हैं.................. आपकी स्टोरी कम सेक्स वाली और मर्डर वाली कोई क्यों पढ़ेगा....

यहाँ की प्रसिद्ध कहानिया जिनके लिए xossip से xforum तक लोग इस फोरम को पहचानते हैं...................... बिना सेक्स की हैं.... यानि जिसमें चुदाई को ना के बराबर या बिना विस्तार के ....सिर्फ एक-दो बार जरूरत के हिसाब से दिखाया गया है............
1- खामोशियाँ
2- तूने मेरे जाना, कभी नहीं जाना
3- तेरे इश्क़ में साथिया
4- एक भूल
5- कसम
6- मेंटलिटी
7- प्यार - गम या खुशी
8- काँच की हवेली
और भी बहुत सारी प्रेम कहानियाँ हैं......................

और शायद कुछ थ्रिलर भी हो सकते हैं बिना सेक्स के.... या कम से कम सेक्स के ...............
1- शिवम सिरीज़ की 3 कहानियाँ
2-टाइम मशीन
3- अपडेट 1


और ...................अंकित श्रीवास्तव की .................प्यार की भूख.......... चुदाई के दम पर नहीं.......... सस्पेन्स और थ्रिल की वजह से इतनी लंबी कहानी बनी....
चुदाई की ओवरडोस होने पर पाठक खुद कह देते हैं की कुछ अपडेट बिना चुदाई के सिर्फ थ्रिल सस्पेन्स के पोस्ट करो


भाई जिन्हें सिर्फ सेक्स से मतलब है................उनके लिए बहुत सारे फुद्दू फॉरम हैं...और पॉर्न साइट भी............
ये ............. सेक्स फॉरम नहीं ...........................एडल्ट फोरम है........... इसीलिए में भी यहाँ पर हूँ....
वरना बहुत सारी ऐसी फोरम जानता हूँ..............जिनमें यहाँ से 100 गुना ज्यादा भीषण चुदाई की कहानियाँ भरी पड़ी हैं............ और gif/pic तो छोड़ो रियल एमएमएस और विडियो भी देसी लड़कियों के


कोई तो रोक लो ...............अब तक की सबसे लंबी पारिवारिक कहानी............... पाठकों को उसमें दिये गए चुदाई वाले अपडेट ही पसंद नहीं आए.......... उनको पाठकों ने जबर्दस्ती ठूँसा गया माना.........................


तो ......................
सबको एक तराजू में मत तौलो................... हर तरह के लोग हैं...........यहाँ भी ...जैसे असली दुनिया में होते हैं
Bilkul shi kha sir ji. :bow:

Koi to rok lo :love:
 

Akki ❸❸❸

ᴾʀᴏᴜᴅ ᵀᴏ ᴮᴇ ᴴᴀʀʏᴀɴᴠɪ
26,803
31,030
304
Update 28.

मैं उठकर अपने पैरों पर खड़ा हुआ और अपने कांपते हाथों से एक सिगरेट सुलगाने लगा ।

तब कोठारी का रिवाल्वर वाला हाथ नीचे झुका ।

" मैंने इसे वार्न किया था " - कोठारी बोला -" लेकिन यह मेरे पर गोली चलाने को पुरी तरह से आमादा था ।"

" आप यहां कैसे पहुच गए ? " - मैं फंसे स्वर में बोला ।

" अपने आपको खुशकिस्मत समझो कि मैं यहां पहुंच गया ।"

" लेकिन कैसे ?"

" तुम्हारी ही वजह से । सुबह मनीष जैन के कमरे से बाहर निकल कर जब तुमने अपनी बहन से बातें की थीं तब सारी बातें मैंने सुन ली थी । जिस तरह से तुम खंजर वाली बात की लिपापोती कर रहे थे तो मुझे तुम पर डाउट हो गया था । जब तुम वहां से निकले तभी मैंने तुम्हारे पीछे एक आदमी लगा दिया था । वो तुम्हारे पीछे शुरू से लगा हुआ था । जब उसने मुझे बताया कि तुम रमाकांत के फ्लैट में चले गए हो तो मुझे यह बात बुरी तरह खटकी । लिहाजा मैं सब काम छोड़कर सीधा यहां पहुंच गया जो कि मैंने बहुत अच्छा किया ।"

" आपने कुछ सुना ?"

" हां , सुना । मैं बाहर की होल से कान सटाए रहा था जब तक की तुम्हें बाहर को मार्च करने का हुक्म नहीं मिला ।"

" ओह ! कोठारी सर , मेरी जान बचाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ।"

वह मुस्कराया । वह संतुष्ट था कि इतना बड़ा केस हल हो गया था ।

" खंजर और तस्वीर कहां है ?"

मैंने तत्काल खंजर और तस्वीर उसे सौंप दी ।

" अब तुम यहां से निकलो । यहां अब पुलिस का काम है ।"

मैंने तत्काल आदेश का पालन किया ।

जानकी देवी को धोखाधड़ी में शरीक होने , नाजायज और गैरकानूनी तरीके से अपने पति की मौत के बाद किसी और शख्स को अपना पति बनाकर और ट्रस्ट के साथ लगातार फ्राड करते रहने और अमर एवं मनीष जैन के हत्या में रमाकांत का साथ देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया ।

जानकी देवी ने जेल जाने के बाद एक अच्छा काम किया । उसने अपनी सारी चल और अचल संपत्ति वीणा के नाम कर दिया । बाद में जेल में उससे मिलने वीणा और अनुष्का गई थी जो कि मुझे वीणा से पता चला ।

तीन दिन बाद ----

रीतु जयपुर से वापस आ गई थी । उसके साथ काजल भी अपने फेमिली के साथ आ गई थी ।

दोपहर का समय था । मैं अपने कमरे में आराम कर रहा था कि माॅम ने कहा कि कोई कुरियर वाला आया है । मैं नीचे गया । कुरियर वाले ने एक लिफाफा दिया । लिफाफा मेरे नाम पर था । एक दिन पहले के डेट में केदारनाथ से भेजा गया था । मैं अपने कमरे में चला आया और लिफाफा खोला । लिफाफे के अन्दर एक चिट्ठी थी जिसे अमर की मां ने मुझे भेजा था ।

मैंने पढ़ना शुरू किया ।

सागर बेटा !
भगवान तुम्हें सदैव खुश रखें और लम्बी उम्र दें ।
मैं ये चिट्ठी यहां के एक धर्मशाला में बैठकर लिख रही हूं । अभी दो घंटे पहले मुझे अखबार से पता चला कि मेरे बेटे अमर का क़ातिल अपने गुनाहों का फल पा चुका है । मैंने इस की तस्दीक वहां के वकील सोहन लाल भार्गव से भी कर ली है । अब जाकर मेरे दिल को चैन मिला । अब कहीं जाकर मेरे बेटे अमर के आत्मा को शांति मिली होगी ।
मुझे तुम पर नाज है बेटा । तुमने मेरे बेटे के क़ातिल को ढूंढने के लिए बहुत मेहनत की । तुम्हारे चलते ही मेरे बेटे की आत्मा को शांति मिला है । भगवान तुम्हें हमेशा खुश रखे । बाबा केदारनाथ मेरी उम्र भी तुझे दे दें ।
मुझे ये भी पता चला कि अमर के जीवन में एक लड़की थी । वो वीणा नाम की एक लड़की से प्यार करता था । पागल कहीं का ! अगर मुझे बताता कि वो उससे शादी करना चाहता है कि क्या मैं उसकी शादी नहीं करवाती ? उसे अपनी बेटी बनाकर रखती । क्या हुआ जो वो क्लब में नाचती थी । मैं उसे अपने माथे पर बिठाए रखती । इसी लड़की के लिए उसने उस रमाकांत से दुश्मनी कर ली थी । शायद उसे उस लड़की का कष्ट नहीं देखा गया । वो जो कुछ किया उस लड़की के दुखों को देखकर किया । वो दिल का बुरा लड़का नहीं था । ये तुमसे अच्छा कौन जान सकता है । वो तो तुम्हारा सबसे करीबी दोस्त था न ! क्या तुम्हें लगता है कि वो ये सब पैसों के लिए किया होगा ? तुम तो जानते हो कि उसे रूपए पैसों की कभी भी तंगी नहीं थी ।
बेटा ! एक आखिरी बात कहनी थी क्योंकि थोड़ी देर बाद मैं भी अपने बेटे अमर के पास पहुंच चुकी होंगी । अपने बेटे के अस्थि कलश को लिए गंगा मैया में समाधी ले लुंगी । क्या करूंगी जीकर ! किसके लिए जिऊं ! मैं तो अब तक अपनी सांसें इसीलिए ढो रही थी कि उस हत्यारे को फांसी पर चढ़ते देख सकुं । मेरा बेटा वहां अकेले हैं ! वो मुझे पुकार रहा है ! वो मेरे बगैर कहीं भी रहा ही नहीं !
बेटा ! उसके पापा मरे थे तो वो पांच साल का था ! बहुत छोटा सा ! हमेशा मेरी पल्लू से ही बंधा रहता था ! तब से लेकर हमेशा ऐसा ही रहा ! दो महिने पहले तक भी वो कुछ नहीं करता था । सब कुछ मैं ही करती थी । बेटा.... बेटा.. वो अकेले कैसे करेगा ? मुझे जाना ही होगा । मुझे पता है वो बहुत परेशान हैं । वो जैसा बचपन में था वैसा ही आज भी है । मैं जा रही हूं अपने जिगर के टुकड़े के पास । "

मैं घुटनों के बल बैठ गया और फुट फुट कर रोने लगा ।



दो साल बाद ।

वीणा आज मेरी पत्नी है । अच्छी खासी नौकरी भी है ।
माॅम के लिए जो बुरे खयालात थे उससे मैंने कब का तौबा कर लिया ।
रीतु तो मेरी जान है । वो अभी भी वैसे ही अपने हरकतों से मुझे कभी हंसाती है तो कभी मेरी फजीहत कर देती है ।
काजल से अभी भी उसी तरह बातें करते रहता हूं । लेकिन सिर्फ बातें ही होती है ।
श्वेता दी और जीजू ने अपने फ्लैट को बेचकर दिल्ली में ही एक जगह फ्लैट खरीद लिया ।
श्वेता दी से भी सेक्सुअल सम्बन्ध खतम हो गया है । वो अपने फेमिली में व्यस्त हो गई है ।
अनुष्का और उसके हसबैंड की लाइफ भी ठीक ही चल रही है ।

संजय जी से एक बार बातों के दौरान पता चला कि आगरा में उन्हीं के कर्मचारी ने उन्हें मारने की कोशिश की थी । वो फिलहाल जेल में हैं । कुछ मालिक नौकर का प्रोब्लम था ।
मधुमिता की भी शादी हो गई है और वो बहुत खुश है ।


समाप्त ।

_______________________________________________

माफ कीजिएगा । ये कहानी यहीं समाप्त हो रही है ।
कुछ कमी है मुझमें जो मैं समय का मैनेजमेंट नहीं कर पा रहा ।
मुझे बहुत खुशी है कि एक ऐसे आदमी की कहानी को पसंद किया गया जिसने कभी कोई कविता तक नहीं लिखा हो ।
मैं उन सभी लोगों को शुक्रिया कहता हूं जिन्होंने मुझे इतना बर्दाश्त किया ।
और खास तौर पर फ़ायरफ़ॉक्स भाई का । यदि ये नहीं होते तो मैं शायद बहुत पहले लिखना छोड़ देता ।

थोड़ा सा इमोशनल हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं स्टोरी पढ़ना छोडूंगा या कमेंट नहीं करूंगा ।

बहुत बहुत धन्यवाद ।
Emotional chitthi amar ki maa ki. :cry:

Bhut hi lazwab story thi Bhai
Bich me comments me pta chla ap books bhi pdte ho
Aisa bnda hi is trah ki conversation likh sakta h
Ek behtreen story.
Nov 2019 me mne bhi yha account bnaya tha , mai is story ko itne time se kyu nhi pda , kaise bchi rh gyi. :D
 
Last edited:
  • Love
Reactions: SANJU ( V. R. )
10,276
43,157
258
Emotional chitthi amar ki maa ki. :cry:

Bhut hi lazwab story thi Bhai
Bich me comments me pta chla ap books bhi pdte ho
Aisa bnda hi is trah ki conversation likh sakta h
Ek behtreen story.
Nov 2019 me mne bhi yha account bnaya tha , mai is story ko itne time se kyu nhi pda , kaise bchi rh gyi. :D
Frustration me lock down ke dauran ye story likha tha aur ye pahli story bhi thi meri.
Waise XS. ke time se hi es forum ko follow kar raha tha mai.
Yes. Aapne sach kaha , bahut adhik novels padha hai maine. 60 - 70 decade se lekar 80 - 90 decade ke novelist tak.

Thank you Akki bhai for your lovely comments. :hug:
Aap es baar ki meri USC story " 24 hours " bhi padh sakte hain . Hope , aap ko pasand aayega.
Romance with thriller based short story hai wo.
 
  • Love
Reactions: Akki ❸❸❸

Akki ❸❸❸

ᴾʀᴏᴜᴅ ᵀᴏ ᴮᴇ ᴴᴀʀʏᴀɴᴠɪ
26,803
31,030
304
Frustration me lock down ke dauran ye story likha tha aur ye pahli story bhi thi meri.
Waise XS. ke time se hi es forum ko follow kar raha tha mai.
Yes. Aapne sach kaha , bahut adhik novels padha hai maine. 60 - 70 decade se lekar 80 - 90 decade ke novelist tak.

Thank you Akki bhai for your lovely comments. :hug:
Aap es baar ki meri USC story " 24 hours " bhi padh sakte hain . Hope , aap ko pasand aayega.
Romance with thriller based short story hai wo.
Frustration me itni shi likh di h bhai
To shant mn se bhi agar samay mile to new long story suru kriyega. Emotional type. Story to apki story me hogi hi ye to khne ki baat hi nhi h. :D
 
  • Haha
Reactions: SANJU ( V. R. )

Akki ❸❸❸

ᴾʀᴏᴜᴅ ᵀᴏ ᴮᴇ ᴴᴀʀʏᴀɴᴠɪ
26,803
31,030
304
60 - 70 decade se lekar 80 - 90 decade ke novelist tak.
Mne kbhi pde nhi jyada munsi premchand k kuch chodke
Aap apne hisab se kuch best btana jo jrur pdne chaiye
 
Top