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Kaali is to marry in 3 years. Guess what happens


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Am@n

Milf lover
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अमर ने काली को नीचे बेड पर लिटा दिया और काली ने अपनी आंखें खोली। काली ने मुस्कुराकर अपने प्रेमी मालिक को इशारे से अपने पास बुलाया और दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेट गए।


काली, “मालिक, अगर मैं आप से कुछ मांगू तो आप मना तो नहीं करोगे ना?”


अमर मुस्कुराकर, “क्या चाहिए?”


काली मुस्कुराकर, “जब से हम मिले हैं आप ने बस मुझे दिया है मुझसे कुछ भी लिया नहीं है।”


अमर, “कल रात मैंने तुमसे कुछ अनमोल लिया है। वह भी तुम्हारे डरने के बावजूद!”


काली शर्माकर, “हां पर उसके लिए भी मुझे आप को मनाना पड़ा! (अमर के गाल पर हाथ रख कर) क्या मैं आप के लिए कुछ कर सकती हूं? कुछ जो आप चाहते हैं?”


अमर हिचकिचाया और काली खुश हो गई।


काली, “मैं जानती थी कि कुछ तो जरूर होगा! बताइए ना!!… मैं आप के लिए कुछ करना चाहती हूं!”


अमर, “काली… इस बारे में मैंने सिर्फ पढ़ा सुना है। शायद तुम्हें पसंद नही आयेगा। मेरी girlfriend ने अपने पहले प्रेमी के साथ किया था पर मुझे कभी नहीं दिया। बीवी तो… मुमकिन ही नहीं था!”


काली, “क्या है? आप की गर्लफ्रेंड ने पहले किया था तो इतना भी मुश्किल नहीं होगा!”


अमर, “दरअसल मेरी girlfriend ने कहा था कि उसमे औरत को मजा नहीं आता।”


काली अमर के होठों को चूमकर, “इस घर में हम बस औरत मर्द हैं। तो क्यों न सब कुछ आजमा लें?”


अमर मुस्कुराकर, “काली मैं तुम्हारी गांड़ मारना चाहता हूं! क्या तुम कोशिश करना चाहोगी?”


काली असमंझस में, “वहां सब गंदा होता है। (अमर का चेहरा गिर गया तो काली सोचते हुए) लेकिन जब आप ने अपनी उंगलियां डाल कर उस को सहलाया था तो बाद में अच्छा लगा था।”


अमर मुस्कुराकर, “अगर तुम्हारी टट्टी होने के बाद करें तो गंदगी नही होती।”


काली, “मैं अभी जाती हूं। मुझे कुछ और करना होगा?”


अमर मुस्कुराकर, “नहीं काली। मैं सब संभाल लूंगा।”


काली टॉयलेट में गई और उसने दरवाजा बंद कर लिया। अमर ने दौड़ते हुए bed को खाली कर दिया और तेल की शीशी bed के किनारे रख कर अपने कपड़े उतार कर बैठ गया। जैसे कुछ ही पलों बाद अमर ने काली की रोनी सी आवाज सुनी।


अमर ने टॉयलेट का दरवाजा खोला तो काली सिसक रही थी।


अमर, “काली रोना नहीं! अगर तुम नहीं करना चाहती तो कोई जबरदस्ती नहीं है!”


काली सिसकते हुए, “मैं करना चाहती हूं पर अब हो नहीं रहा है।”


अमर मुस्कुराकर, “मेरे पास इस मुश्किल का इलाज है।”


अमर ने काली को टॉयलेट की फर्श पर घुटनों पर बैठने को कहा और गांड़ धोने के लिए लगे फव्वारे की टोटी निकाली। अब वहां पर एक छोटा nozzle एक बॉटल के ढक्कन में से निकाल कर लगाया और nozzle के नुकीले छोर पर तेल लगाया।


अमर ने काली के बगल में बैठ कर उसके माथे को चूमते हुए उसका सर उठाया। काली उत्तेजित होने लगी और अमर ने काली को चूमते हुए अपनी लंबी उंगलियों से काली की चूत को सहलाया। काली जल्द ही आहें भरने लगी।


अमर अब रुक सकता था पर वह काली को जलता छोड़ना नहीं चाहता था। अमर ने काली की चूत में अपना अंगूठा डाल कर उसके यौन मोती को सहलाने लगा। काली सिसकते हुए अमर को पकड़ कर आहें भरने लगी।


अमर ने काली के बदन में बनती कंपकपी महसूस की ओर उसने अपने यौन रसों से भीगे अंगूठे को आगे पीछे करना तेज कर काली के यौन मोती को सहलाया। काली जब झड़ने के कगार पर पहुंच गई तब अमर ने अपने अंगूठे को काली की जवानी में से निकालकर उसकी गांड़ पर घुमाते हुए पहले मोड़ तक घुसा कर।


काली दर्द और उत्तेजना के मिश्र एहसास से अमर के मुंह में चीख पड़ी और जोर से झड़ने लगी। अमर काली की गांड़ को अपने अंगूठे से चोदते हुए उसकी जवानी को उकसाता और सहलाता रहा। काली काफी देर तक झड़ते हुए अमर की बाहों में ढीली हो कर गिर गई।


अमर ने अपनी ढीली पड़ी वासना की गुड़िया की गांड़ में से अपना अंगूठा निकाला और उसकी जगह तेल लगा nozzle गहराई तक घुसा दिया। काली बस हल्की सी आह भरकर अमर की बाहों में पड़ी रही।


अमर ने नल चालू कर दिया और काली की गांड़ में ठंडा पानी तेजी से भरने लगा। काली डर कर छटपटाते हुए भागने की कोशिश करने लगी पर अमर ने अपनी गुलाम को पकड़े रखा।


काली का पेट फूलने लगा और वह चीख पड़ी। अमर ने पानी बंद किया और nozzle को निकालकर काली को आजाद किया। काली ने भागते हुए टॉयलेट पर बैठ कर अपनी आतों में जमा पानी उड़ेल दिया।


काली ने अपने चेहरे को अपनी हथेलियों में छुपा लिया और अपने मालिक के सामने टट्टी होने से शर्माकर रोने लगी।


अमर, “काली, रोना नहीं! मैंने ऐसा जान बूझ कर किया ताकि तुम्हारी टट्टी हो सके। इसे enema कहते हैं और यह पेट साफ करने की बिलकुल आम तकनीक है।”


काली समझ गई कि उसी ने अमर से गांड़ साफ करने की मदद मांगी थी जो अमर ने उसे दी।


काली शर्माकर मुस्कुराई, “तो अब आप मेरी गांड़ मारेंगे?”


अमर, “यहां नहीं। Bed पर! तुम्हारा बदन अच्छे से लूटते हुए!”


काली शरमाई पर उसका पूरा बदन उत्तेजना की लाली से जल उठा।
Nice update
Ppz add some gif according to scean
 

Lefty69

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Nice update
Ppz add some gif according to scean
Please send or post GIFs I will edit and add them.

I try to do that but searching GIFs and writing scene according to it is difficult.
 
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Lefty69

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Lundwalebaba2 welcome to the story

Please do send me your suggestions and ideas
 
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अमर शर्माती हुई काली को अपनी बाहों में उठा कर बेड की ओर चलने लगा तो नंगी काली अमर के नंगे सीने के खुरतरे बालों में अपना मुंह छुपाए उत्तेजना से सिहारने लगी।



अमर ने काली को बेड पर लिटा दिया तो काली ने अपने हाथों और घुटनों पर होकर अपने मालिक को अपनी गांड़ पेश कर दी। अमर से यह लुभावना ललचाता नजारा देखा नहीं गया। अमर bed पर चढ़ गया और उतावला होकर उसने अपने मोटे सुपाड़े को काली की कोरी कसी हुई गांड़ पर दबाया।

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काली दर्द से ज्यादा डर और उत्तेजना से चीख पड़ी। अमर को अपनी गर्लफ्रेंड की कहानी याद आई।


अमर की पहली गर्लफ्रेंड एक खूबसूरत लड़की थी जिसे लड़कों को अपने इशारों पर नचाना पसंद था। उसने इसी तरह कई लड़कों को अपने पीछे बांध कर रखते हुए अपने काम में लगाया था।
गर्लफ्रेंड के 18 वे जन्मदिन पर वह सब लड़कों के साथ पार्टी में गई और उन सब को अपने हुस्न के जलवे दिखाकर खूब जलाया। जो बात कमसिन जवानी को समझ में नहीं आई वह थी उसके अपने बदन का जलना। सारे लड़कों ने एक होकर पार्टी की ड्रिंक में नशा मिलाया था जिस से लड़की की जवानी बेकाबू हो गई।



लड़की ने अपनी जवानी के आगे हार मान ली और केक को नीचे गिराकर खुद को ही केक बना दिया। उस रात 10 दोस्तों ने लड़की की कच्ची जवानी का केक मजे में काट कर एक दूसरे को खूब खिलाया। लड़की बेचारी अपनी जवानी से मजबूर हो कर झड़ते हुए पस्त हो गई।

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सबेरे जब लड़खड़ाती हुई जख्मी जवानी अपने घर पहुंची तो उसके पिता एक नजर में अपनी बेटी की करतूतों का अंजाम देख कर आग बबूला हो गए। बाप ने बेटी को बाथरूम में ले जाकर पूरी तरह धोया जिस से उसकी फटी हुई योनि में से सारा पराया वीर्य धूल जाए।


बाप ने फिर अपनी नशे में झूलती बेटी को डांटते हुए bed पर पटक दिया और उसकी जलती जवानी में अपना मूसल ठूस दिया। लड़की अपने बाप से माफी मांगते हुए लिपट गई और बाप ने बेटी को सुबह तक 2 बार सजा से भर दिया।


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दोपहर को जब गर्लफ्रेंड जाग गई तो बाप ने उसे लड़कों को यूं नचाने का अंजाम भुगतने को कहा। सारे लड़के अब डर कर उस से दूर रहने लगे तो बाप ने लड़की को घर की इज्जत के बहाने जम कर पेला। लड़की को अगली सुबह बाप ने नहाकर बाहर आने से पहले पकड़ा और उसकी परवरिश करने के हक से उसकी कोरी जवानी मांगी।
लड़की कुछ समझ पाती इस से पहले बाप ने बेटी को bed पर लिटा कर उसका आखरी कोरा छेद भेद दिया। लड़की को दर्द से छटपटाता देख बाप शिकारी की तरह टूट पड़ा।


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बाप इस खेल का पुराना खिलाड़ी था और वह जल्द ही लड़की को उकसा कर उत्तेजित करने में कामयाब हो गया। लड़की अपने बाप को अपनी गांड़ में डुबकियां लगाकर मजे लेते हुए महसूस कर उत्तेजित हो गई और जल्द ही उसका साथ देते अपनी जवानी को सहलाने लगा। लड़की ने अपने बाप को अपनी गांड़ में गर्मी छोड़ते हुए पाया तो वह कांपते हुए झड़ने लगी।


उस दिन से लड़की कॉलेज में जा कर कई लड़कों से दोस्ती करती और आगे अमर समेत कई लड़कों से चुधवाती पर उसकी गांड़ पर सिर्फ उसके बाप का हक था।


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bhut mast update....aapki writting skill aur shabo ka chunaav bhut mast hai...maja ata hai padhkar
 

Lefty69

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Thank you curious.marathi for your prompt response
 
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Ajju Landwalia

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Sabhi update ekdum lajwab he Bhai,

Amar ne Kali ke tino chhed bhogne ka man bana liya he..........aur Kali bhi Amar ka sath de rahi he......

Lekin in do dino baad Kali ka kya bhavishya hoga, ye jarur janana chahunga me

Keep posting Bhai
 

Lefty69

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अमर ने काली को पीछे से अपने सीने से लगाते हुए अपने लौड़े को काली के चूत पर रगड़ते हुए रखा।


अमर, “माफ करना काली। मैं उतावला हो गया था। मुझे तुम्हारा खयाल करना चाहिए था।”


काली अमर के बाहों की गर्मी में खुद को सेंखते हुए, “मैं बस चौंक गई थी। पहली बार नई जगह पर थोड़ा दर्द तो होगा ही! आप मेरी गांड़ मारिए! मैं आप को अपनी गांड़ देना चाहती हूं!”


अमर ने पीछे से काली की गर्दन को चूमा और उसे उत्तेजना से रसों का टपकना महसूस हुआ। अमर ने काली को वापस घुटनों के बल घोड़ी बनाया और उस गदराई गांड़ को सहलाने लगा। काली गरमाने लगी और उसकी गांड़ पर जोरदार थप्पड़ पड़ा।


काली चौंक कर, “मालिक!!…”


अमर ने दूसरे गांड़ गोले पर एक और थप्पड़ लगाया। काली समझ गई कि यह तो मालिक का प्यार है जो उसकी उत्तेजना को दर्द से भड़का रहा है। अमर तेजी से थप्पड़ लगाते हुए काली की सांवली गांड़ को रंग रहा था।


काली चिल्ला रही थी, “हां!!…
हां मालिक!!…
मैं बहुत बुरी लड़की हूं!!…
मैंने आप से अपनी इज्जत लुटवाई!!…
मुझे सजा दो!!…
पीटो!!…
आह!!…
आंह!!…
हां!!…
हां!!…”


काली को दोनों गोलों पर 10 थप्पड़ लगाकर उसकी गांड़ को गरम करने के बाद अमर ने काली की गांड़ पर ठंडा तेल डाला। तेल की ठंडी गर्माहट अपने नरम पड़े गोलों पर महसूस कर काली ने राहत की आह भरी।


काली की ढीली पड़ी गांड़ को सहलाते हुए अमर की तेल से सनी उंगलियों ने काली के गांड़ की कसी हुई कली को छेड़ते हुए उसकी जवानी से धधकती चूत को सहलाया। काली अनजाने में अपनी कमर को उठाकर अमर की उंगलियों को घुटनों को फैलाकर बुलाने लगी।


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अमर ने काली की चूत को पहले की तरह अपनी लंबी उंगलियों से खोल कर सहलाते हुए अपने अंगूठे को पहले जोड़ तक काली की कोरी गांड़ में डाला दिया। काली इस बार उत्तेजना में आह भरते हुए तकिए पर सर रख आहें भरने लगी।


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अमर ने बड़े संयम और कौशल से काली के कोरे अंग को अपने मूसल के लिए तयार करते हुए काली को उत्तेजना की शिखर पर लाया। काली अपनी गांड़ में से अंदर बाहर करती उंगली से एक अजीब घर्षण महसूस करते हुए कराह रही थी।


काली अंदर ही अंदर जानती थी कि यह सब गंदा है और उसे घिन्न आनी चाहिए। लेकिन खिंचाव का यह अजीब दर्द उसके जलते बदन को भड़का रहा था। अमर ने काली को घोड़ी बना कर इसके पिछवाड़े पर अपना पूरा ध्यान लगाया था। काली को पता था कि अमर ने अपनी बाएं हथेली से उसकी गांड़ को खोल कर रखते हुए दाएं अंगूठे से उसकी गांड़ को चोदते हुए उसकी चूत को सहला रहा था।


काली अब तक कई बार झड़ कर पसीने से तरबतर हो गई थी। काली को अमर से कुछ हलचल महसूस हुई और उसका सर ऊपर उठ गया। काली को अपनी गांड़ में से अमर का अंगूठा बाहर निकल कर दुबारा अंदर जाते हुए महसूस हुआ।


काली को अचानक महसूस हुआ की अमर की उंगलियां उसे महसूस नहीं हो रही थी।


काली बुदबुदाई, “अगर दोनों हथेलियां पीछे नहीं हैं तो मेरे पिछवाड़े में… आह!!… मालिक!!…”


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अमर के सुपाड़े ने काली की गांड़ को भेद लिया था जब काली के बदन ने इस घुसपैठिए को जकड़ लिया। अमर काली के साथ दर्द से कराह उठा।


“मा…
मा…
मालिक!!…
दर्द!!…
आह!!…
ऊंह!!…”


“हां काली!!!…
आह!!…
अपनी गा…
आंड!!…
ढीली करो!!…
तुम्हारी गांड़…
ने मुझे…
जकड़ लिया है!! मुझे टट्टी की तरह बाहर निकालो!!…”


काली ने अपनी सारी ताकत लगाकर मालिक के मोटे फूले हुए अंग को सक्त जमा टट्टी की तरह बाहर निकलने की कोशिश की।


काली, “उन्ह्ह्ह!!…”


काली की गांड़ खुल गई और अमर ने अपने लौड़े को आजाद हो कर बाहर निकलता महसूस किया। वासना में अंधा हो चुका अमर मौका साध कर काली की आतों की गहराइयों में डूब गया।


काली चीख कर पेट के बल गिर गई तो वह अमर के लौड़े पर से लगभग निकल गई। अमर का लौड़ा सुपाड़े की नोक तक काली की गांड़ में से बाहर निकल गया था पर अमर तुरंत काली पर लपक गया।


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काली bed पर गिर गई और उसने अपनी गांड़ में से दानदाता लौड़ा अपनी आतों में घुसता महसूस किया। काली चीख कर अपने पैर झटकने लगी।


अमर ने अपने लौड़े की जड़ को काली की संकरी गली के कसे हुए मुंहाने में दबता छोड़ काली को अपने नीचे दबाए रखा। काली की आंखों में आंसू और माथे पर पसीना आने से उसके बाल चिपक रहे थे।


काली, “मालिक!!…”


अमर, “हां, काली। मैं तुम से बहुत खुश हूं! तुमने बड़ी बहादुरी से मुझे बहुत खास तोहफा दिया है!”


काली के अंदर से जागती रति मुस्कुराई और उसने अपनी गांड़ को ढीला छोड़ कर अपनी कमर हिलाई। काली की सहमति महसूस कर अमर ने काली के भीगे हुए माथे को चूमा और अपने लौड़े को सुपाड़े तक बाहर निकाला।


काली की आह निकल गई तो अमर ने चुपके से अपने लगभग सूखे लौड़े पर तेल की पतली धारा बहा दी। तेल की चिकनाहट अमर के लौड़े पर से होते हुए काली की जख्मी फैली गांड़ के चारों ओर फैल गई।


अमर ने तेल की शीशी को सिरहाने रख कर अपनी गुलाम की कोरी गांड़ को पेल दिया।


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काली की आह में अब दर्द की कमी और उत्तेजना की भरमार साफ नजर आ रही थी। काली ने अपने दाहिने हाथ को पीछे कर अपने मालिक के बालों को कस कर पकड़ कर अपने पास लाया।


काली ने अपने मालिक को आदेश दिया, “मेरी गांड़ मारो! को रहम नहीं करना!!… ”


अमर को इस हुकुम से कोई परहेज़ नहीं था। अमर ने अपने चिकने लौड़े को काली की तेल से भरी गांड़ में पूरी तरह पेल दिया। काली की चीख निकल गई।


अमर ने काली की कोहनियों को पकड़ कर उसे पीछे से पकड़ कर उठाया। अब काली अपने ही वजन से अमर के लौड़े पर अपनी गांड़ दबा कर बैठ गई।


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काली दर्द और उत्तेजना से तेज गहरी सांसे लेती अपनी कमर हिलाकर अमर से अपनी गांड़ मरवाने लगी। काली की आतों अमर के लौड़े को बाहर धकेलते पर काली की गांड़ अमर के लौड़े पर धंसते हुए उसे अपने अंदर समा लेती।


अमर इस अजीब संवेदना से बुरी तरह प्रभावित हो गया। अमर काली को अपने सीने से लगाकर पुकारते हुए झड़ने लगा। काली को अपनी आतों की गहराई में अमर की हार महसूस हुई और रति ने अपने तीर से काली को घायल कर झड़ा दिया।


काली अपने मालिक की बाहों में गिर कर चीखते हुए झड़ने लगी जब अमर ने अपनी गुलाम की गांड़ को चोदना जारी रखते हुए अपनी आखरी बूंद तक काली की गहराई में ठोक दी।


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Lefty69

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Sabhi update ekdum lajwab he Bhai,

Amar ne Kali ke tino chhed bhogne ka man bana liya he..........aur Kali bhi Amar ka sath de rahi he......

Lekin in do dino baad Kali ka kya bhavishya hoga, ye jarur janana chahunga me

Keep posting Bhai
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Lefty69

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bhut mast update....aapki writting skill aur shabo ka chunaav bhut mast hai...maja ata hai padhkar
Thank you
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