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Kaali is to marry in 3 years. Guess what happens


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Lefty69

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Aab usko chudai start kardena chahehee aur Kali ko pura apnaa sex slave banakar khud bhi aur kali ko bhi maza dilwado totaly sex adicut jaisa
Contraceptive pills se pahle kaise karenge?

Do send me your ideas and suggestions
 

Lefty69

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prasha_tam

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सबेरे एक मीठे एहसास ने अमर को उठाया। अमर की आंख खुली तो उसने काली को अपने लौड़े को सहलाते हुए पाया।

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काली, “मालिक, यह आपके सोते हुए भी कैसे सक्त हो गया?”


अमर मुस्कुराकर, “काली, इसे औरत का एहसास हो गया था इसलिए खड़ा हो गया। तुम मुझसे चिपक कर जो सोई थी।”


अमर ने काली से मानसिक दूरी बनाते हुए अपनी मुस्कान से उसे आहत होने से रोका। काली ने अपनी हथेलियों में अमर का खड़ा लौड़ा पकड़कर हिलाते हुए अमर को देखा।


काली, “जब आप की दोस्त की नाक में आप के बाल गए थे तब वह आप को कैसे मजा दे रही थी?”


अमर, “काली, जैसे मैंने बताया की गर्भ का खतरा औरत को योनि में होता है लेकिन सबसे ज्यादा मजा भी उसी में आता है। इस लिए औरत मर्द एक दूसरे को मजा देने के लिए अपने शरीर के दूसरे हिस्सों को इस्तमाल करते हैं। मेरी girlfriend उस समय मेरा लौड़ा चूस रही थी। मुंह में योनि की तरह गर्मी और नमी होती है जो हथेली में नहीं होती। पर हथेली और योनि में दांत भी नहीं होते।”


अमर के विनोद पर काली हंस पड़ी पर उसने अपनी हथेलियों को देखा और सोचने लगी।


काली, “आप का अंग काफी बड़ा है! मुंह में कैसे रहेगा?”


अमर, “मेरी girlfriend ने पहले भी किसका लौड़ा चूसा था। उसे चूसने की आदत हो गई थी।”


काली ने सोच कर अपना सर अपनी हथेलियों के ऊपर लाया और अपनी हथेलियों और मालिक के लौड़े के बीच में कुछ लार टपका दी। इस से हथेलियों के बीच में नमी बन गई और अमर की आह बढ़ गई।


काली यह देख कर इतराई और अपने सर को हथेलियों के करीब लाकर लार टपकाते हुए अमर का लौड़ा हिलाने लगी। अमर काली के इस नए तरीके को महसूस करते हुए आहें भरने लगा।


काली को अमर के बदन में आती अकड़न और कंपकपी महसूस हुई पर भोलेपन में इसका मतलब सही समय पर समझ नहीं पाई।


अमर, “काली!!… मैं झड़ने वाला हूं!!…”


काली ने मुंह खोले अपने मालिक को देखा और उसके मुंह और चेहरे पर अमर का रस फूट पड़ा। काली इस हमले से चीख पड़ी पर जल्द ही संभल गई। काली का चेहरा वीर्य की गाढ़ी मलाई में पोता गया था जिसे देख अमर को अपनी मर्दानगी पर फक्र महसूस हुआ।



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काली ने शर्माकर मुस्कुराते हुए बाहर की ओर दौड़ लगाई। अमर ने काली की भरती हुई गांड़ को मटकते हुए देखा और कुछ अफसोस हुआ कि वह काली को कोई मजा नही दे रहा था।
Superb
👌

Bhaut Bhadiya ... Lage Rahoo
:applause:


:peace:


:superb:


Please continue
👍


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Lefty69

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दोपहर को अमर खाना खाने आया तो उसने काली को कुछ गुमसुम पाया। अमर के जोर देने पर काली ने उसे बताया की काली के पेट में दर्द हो रहा था। अमर समझ गया कि काली का मासिक धर्म शुरू होने वाला है।


रात को अमर अपने साथ कागज में लिपटा एक पैकेट लाया। अमर ने वह पैकेट काली को दिया पर उसे यह चीज पता नहीं थी।


अमर, “जब तुम्हारा मासिक धर्म शुरू होता है तब तुम क्या इस्तमाल किया करती थी?”


काली, “मां मुझे कपड़े का टुकड़ा दिया करती थी जिसे मैं धोकर सुखाती और अगले महीने दुबारा इस्तमाल किया करती।”


अमर, “ऐसी आदत सेहत के लिए अच्छी नहीं होती। क्या नीचे के बालों में खून की गांठें नहीं बनती थी?”


काली, “औरत को यह तकलीफ तो होती ही है!”


अमर ने मुस्कुराकर काली को खाना खाने के बाद अलग तरीका दिखाने का वादा किया। काली को उत्सुकता थी पर डर भी लग रहा था।


अमर ने खाना खाने के बाद काली को नहाने के लिए गरम पानी निकालने को कहा और अपने कमरे में से कुछ ले आया। जब काली ने गरम पानी से बाल्टी भर दी तो अमर ने काली को अपने सामने खड़े होने को कहा।


अमर, “काली, क्या तुम मेरी गुलाम हो? (काली ने सर हिलाकर हां कहा) मेरा हर हुकुम मानना तुम्हारा फर्ज है? (काली ने अपने सर को हिलाकर हां कहा) अब जो मैं कहूं तुम बिना कुछ बोले करोगी!”


काली को डर लग रहा था पर उसके पैरों के बीच में उत्तेजनावश पानी भी बनने लगा था। काली को बाथरूम की दीवार की ओर धकेल कर अमर अपने कमरे में से लाए कंघी, कैंची और उस्तरा निकाला।


अमर ने काली को उसके कपड़े उतारने का हुकुम दिया और काली ने बहुत ज्यादा शरमाते हुए अपने कपड़े उतारे। काली हर रात ब्रा और पैंटी में अमर से चिपक कर सोती पर कभी अमर ने काली को कपड़े उतारने को नहीं कहा था।


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ब्रा और पैंटी में हिचकिचाती और अपने बदन को चुराती काली को देख अमर के अंदर का जवान मर्द गुर्राया। अमर ने गुर्राकर काली को अपने हाथों को ऊपर उठाने को कहा। काली ने शर्माते हुए अपनी हथेलियों को अपने सर पर रख कर अमर की ओर देखा तो अमर ने काली की कोहनियों को उठाकर उसकी बगलों में जमा पसीने से भरे घुंगराले बालों को खोल दिया।


अमर, “काली, मैं तुम्हारे बाल काटने वाला हूं। इस से तुम्हें अपने आप को साफ रखने में आसानी होगी। खास कर मासिक धर्म के समय पर।”


काली ने अपने सर को हिलाकर हां कहा तो अमर से अपनी लालच पर काबू नहीं रहा। अमर ने काली को अपनी ब्रा उतारने को कहा। काली ने शर्माते हुए अपनी ब्रा उतारी और अपनी कसी हुई जवान चूचियां को अपनी हथेलियों से छुपाकर खड़ी हो गई।


अमर ने काली के सामने खड़े होकर शरारती मुस्कान के साथ काली की पैंटी नीचे की और काली ने डर कर अमर के कंधों को पकड़ लिया।


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अमर ने नीचे झुककर काली की पँटी उतार दी और उसके लंबे पतले सांवले पैरों के जोड़ में भरे हुए घने घुंघराले बालों के गुच्छे को देखा। काली के बालों ने उसके कोरे खजाने को लगभग पूरी तरह छुपाया हुआ था।


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काली रोने लगी और अमर ने उसे वजह पूछी। काली ने शर्म महसूस होने के बारे में बताया तो अमर ने अपने पैंट और अंडरवियर निकाल कर उसे शर्माने से मना किया।


अमर ने काली के बालों को मोड़ कर उसे प्लास्टिक की टोपी पहनाई ताकि उसके बाल गीले होने से बचें। जब काली इस नए सामान को छू कर महसूस कर रही थी तब अमर ने शॉवर चला दिया।


काली ने अपने भीगते बदन को ढकने की कोशिश की तो अमर ने पीछे से आकर काली के सीने पर साबुन लगाया। अमर के बड़े मर्दाना पंजों में काली के जवान कड़े मम्मे समा गए और काली सिहर उठी।



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काली ने अपने हाथों को उठाते हुए अपनी स्वाभाविक लज्जा से अपने मम्मों को छुपाने की कोशिश की तो अमर ने अपने हाथ पीछे लेते हुए उसकी बगलों में साबुन लगाया। काली ने गुदगुदी होने से विरोध किया तो अमर ने उसे अपने सीने पर खींचते हुए अपने हाथों को नीचे किया। अमर की साबुन भरी हथेलियों ने काली की कच्ची जवानी पर कब्जा कर लिया।


काली शर्म, उत्तेजना और हमले की दिशा से चौंक कर चीख पड़ी। अमर ने काली के घुंगराले बालों के गुच्छे में साबुन मलते हुए चुपके से उसकी नाजुक काली की बंद पंखुड़ियों को छेड़ दिया।


काली शर्माकर चीखी और मुड़कर अमर से लिपट गई। अमर ने इसी बहाने काली की मस्तानी गांड़ को मसलना शुरू किया।


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काली शर्माते हुए, “मालिक, क्या मैं भी…”


अमर मुस्कुराकर, “हां, काली। क्यों नहीं?”


काली ने अमर की बाहों में से बाहर निकल कर उसकी बगल में खड़ी हो गई। काली ने हिम्मत जुटाकर अपने हाथ को बढ़ाया और अमर के जाने पहचाने हथियार को छू लिया। अमर ने अपने पैरों को थोड़ा फैलाया तो काली को उसके लौड़े को प्यार करने में सहूलियत हुई।


काली ने ध्यान देते हुए अपने मालिक के लंबे मोटे अंग को अपनी चिकनी हथेली में पकड़ कर हिलाना शुरू किया।


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काली के इस प्यार भरे मालिश को अमर आज ज्यादा सहने वाला नही था। अमर ने काली को अपनी रफ्तार बढ़ाने को कहा। काली ने अमर का हुकुम माना और अमर ने आह भरते हुए अपने वीर्य की पिचकारी उड़ा दी।


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काली “उह्ह्ह्ह…” कहते हुए अमर की पिचकारी कितनी दूर तक जाती है इस पर गौर करती रही। अमर ने फिर गहरी सांस लेकर अपने आप पर काबू पाया और दोनों को शॉवर में धोकर साफ किया।


काली को पता नहीं था पर अमर ने काली के हाथों अपनी पिचकारी उड़वा कर उसकी कोरी जवानी को तार तार होने से बचाया था।


अमर ने काली का और अपना बदन सुखाया। काली को बाथरूम में खड़ा कर फिर अमर ने उसके नरम पड़े घुंगराले बालों को कैंची से तराशा। काली ने अपनी बगलों को साफ करने में कोई विरोध नहीं किया पर अपनी नाजुक जवानी के बालों को तराशते हुए वह अमर के सर को पकड़ कर डर से कांपती रही।


जब बगलें और नीचे के बालों को जंगल से घास के मैदान में बना दिया तो काली ने चैन की सांस ली। लेकिन अमर इतने पर रुका नहीं। अमर ने उस्तरे से काली की बगलें को साफ किया।


काली की जवानी को साफ करते हुए अमर ने उसे टेबल पर लिटा दिया और उसके पैरों को अपने कंधों पर उठा लिया। काली की आहें अमर को उकसा रही थीं। अमर की आंखों के सामने काली के कांपते बदन से यौवन की मादक महक उसे बुला रही थी। काली की फूली हुई यौन पंखुड़ियां उसे अपने अंदर छुपे हुए राज़ को खोलने के लिए यौन रसों को बहाकर मना रही थी।


अमर का लौड़ा अभी अभी झड़ने के बावजूद दुबारा लड़ने को तयार हो गया था। अमर ने काली की जवानी को सफाचट कर दिया तो उसकी आंखें काली की भूरी सिंकुडी हुई गांड़ पर गई। गांड़ के चारों ओर महीन छोटे बालों का एक चक्र था।


अमर की girlfriend ने उसे बताया था की वह वहां भी चुधवा चुकी है पर उसने अमर को वह मौका कभी नहीं दिया। अमर की बीवी ने उसे वहां छूने से भी मना कर दिया था। अमर ने काली पर अपने hakk ko इस्तमाल करते हुए वहां के बालों को भी साफ कर दिया। काली ने चौंक कर अपने भूरे छेद को कसने के अलावा कोई विरोध नहीं किया।


अमर ने काली के पैरों के बीच में से उठते हुए उसके चेहरे को देखा। यौन उत्तेजना से अतृप्त जवानी टेबल पर पड़ी मचल रही थी पर उस मासूम जवानी को इसका इलाज पता ही नहीं था।


अमर के अंदर के जानवर ने उस पर हावी होते हुए गुर्राहट की आवाज निकली। अमर से गुर्राने की आवाज सुन कर काली की मदहोश आंखें खुल गईं।


काली ने अपने मालिक की आंखों में जो देखा उस से उसका गला सुख गया पर चूत बहने लगी।
 

Lefty69

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Update kab tak aayega
Sorry for the delay due to vacation and then work load.

Hope to be regular now.

Thank you for your continued support and reply
 
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