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Fantasy THE DARKNESS RISING [Completed]

u.sir.name

Hate girls, except the one reading this.
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Jabardast romanchak update brother....
yeh to sab kuch badal hi gya bichari Shruti...ab kha jaegi...
keep writing...
keep posting.....
 

AK 24

Supreme
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Mind blowing brother .. kahani bahut mazedar hoti ja rhi h..pehle Shruti khayi me gir gyi fir rohan bhi gir gya.shruti girne ka baad bhi bach gyi..ek to rohan uski jaan bacai us darinde se bt usne to usi ki baza di .. dekhte hai bhai aage kya hai..
Thanxx brother
keep supporting
 

AK 24

Supreme
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(UPDATE-34)


श्रुति बेचारी जो पहले से ही घायल थी, रोहन की मर खाने के बाद और भी अधमरी हो गयी थी. वो वही ज़मीन पर पड़ी रही और रोती गयी. जब काफी देर से उसका रोना हो गया तो, उसने सोचा की अब वो क्या करेगी, कैसे इस भयानक जंगल से निकलेगी. वो वापस उस खाई के ऊपर चढ़कर तो नहीं जा सकती क्योंकि उसे डर था की कही वो जानवर फिर से ना आ जाए और दूसरा वो इतनी घायल भी हो चुकी थी उसे एक एक कदम बढ़ाना मुश्किल हो रहा था तो ऊपर चदाय कैसे करती. उसे तो दूसरा कोई रास्ते के बारे में भी कुछ पता भी नहीं है और ऊपर से वो इतनी घायल हो चुकी है की उसे एक एक कदम चलना मुश्किल हो रहा था. पर उसने सोचा की अगर वो यहां ऐसे ही भाते रहेग्गी तो वो भयानक दरिन्दा फिर ना आ जाए. इससे पहले वो दो बार उस दरिंदे के हमले से बच चुकी थी पर अब शायद ऐसा ना हो. यही सब सोचते सोचते वो उठने की हिम्मत करने लगी. पर उसे उठने में बहुत कठिनाई हो रही थी. वो अपने बायें पैर को बड़ी मुश्किल से हिला पा रही थी वो उससे चलती कैसे. एक 20 साल की लड़की, जिसने अभी पूरी दुनिया देखना बाकी था, ना जाने उसने अपने लिए क्या क्या सपने संजोए थे, ना जाने कैसे कैसे ख्वाब देखे थे उसने अपने भावष्या के बारे में, मगर आज अपने आपको इस स्थिति में देखकर उसे ऐसा लगने लगा था की वो अब शायद ही यहां से ज़िंदा बचकर जा पाएगी, वो भी तब जब उसने अपनी आख़नों के सामने अपने दोस्तों की उन दरिंदो के हाथों इतनी भयानक मौत देखी थी. फिर उसे अपने मामा और पापा की याद आने लगी खासकर के अपने पापा की. आज उसे एहसास हो रहा था उसके पापा उसके लिए इतने चिंतित क्यों रहते थे, क्यों उसे इतना समझाया करते थे. उसे इस बात का एहसास हो रहा था वो अपने पापा की बातों को अनसुना कर के कितनी बड़ी गलती वो किया करती थी. उसे तो बस अपने मामा की ही बातें समझ में आती थी. उसने कभी यह नहीं सोचा की उसके लिए क्या गलत है और क्या सही. वो तो बस दौलत की चकाचौंध में खो गयी थी. फिर वो सोचने लगी और अपने उस भगवान से प्राठना करने लगी जिससे पहले आज तक उसने कभी भी उसे नहीं मना था. वो यही दुआ अपने परवर्दीगार से दुआ करने लगी के भगवान मुझे इस आफत से बच्चा ले, अगर में बच गयी तो आज के बाद कभी भी पापा की बातों का बुरा नहीं मानूँगी और मामा के दिखायें हुए रास्तो पर कभी भी नहीं चलूंगी


यही सब बातों को सोचते सोचते उसे आख़िर में हिम्मत मिली. उसके अंदर मानो एक नयी ऊर्जा सी आ गयी और वो फिर हिम्मत करके उठने की कोशिश करने लगी, बल्कि यह कहे की ज़िंदा रहने की कोशिश करने लगी. उसने देखा की कुछ दूरी पर लकड़ी का ताना पड़ा हुआ था. उसने थोड़ा रेंग रेंग वहां पर गयी और उस ताने को अपने हाथ में लिया और उसके सहारे खड़े होने लगी. अब वो उसी ताने के सहारे चलने की कोशिश करने लगी. उसके मान में यही था की वो जल्द जल्द इस जंगल से निकले. और इसके लिए पहले एक रास्ता तलाश करना होगा. वो जानती थी की रोड उस खाई के ऊपर है पर उसके अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी वो उसपर चढ़ कर रोड की तरफ जाए. आख़िर में उसने यही तय किया की वो उस रोड की सीध में जाएगी और जहाँ ढलान थोड़ी कम होगी वहां से ऊपर चढ़ कर वो रोड पर चली जाएगी. वहां से कोई ना कोई गाड़ी जरूर गुज़रेगी तो वो उनसे मदद माँग लेगी.

रोहन को चलते चलते एक घंटा बीत चुका था और उसका दिमाग बहुत खराब था. वो यही सोच रहा था की साला कितनी मुश्किल से उस हैवान से लड़कर मैंने उस रंडी लड़की की जान बचाई थी और मादरचोड़ मेरी ही अंडवे पे लात मर दी. साला अभी तक दुख रहा है. रोहन यही सोच रहा था की वो क्या सोच कर उनके पीछे आया था और क्या वो लोग के साथ हो गया. फिर अचानक उसका ध्यान भीमा की कही हुई बातों पर गया जिसे भीमा ने विचित्र प्राणी कह रहा था कही वो यही दरिंदे तो नहीं थे. वो सोचने लगा की आख़िर यह किस तरह का….
 

AK 24

Supreme
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(UPDATE-35)



जानवर था. वो सोचने लगा की अपने पीछले 8 सालों में उसने जंगलों में शिकार करते करते गुज़ारे थे, जिनमें से तेंदुआ, हाथी ,गेंडा, हिरण और यहां तक की शेयर के भी उसने शिकार किया था पर कभी भी उसने इस तरह का का भयानक जानवर नहीं देखा था. उसने सोचा की खैर वो जो भी हो वो कैसे इस जानवर से निपतेगा…क्योंकि वो देखा था की कैसे वो जानवर उस लड़कियों और लड़कों का शिकार किया था, कैसे वो एक झटके में सबका सर उनके धड़ से अलग किया था .वो यही सोचने लगा की उन सबकी मौत का जिम्मेदार वही है अगर वो उन्हें यहां ज़बरदस्ती नहीं लाता तो आज वो सब के सब ज़िंदा होते और नैनीताल में पार्टी कर रहे होते. पर उसको अपना मकसद पूरा करने के लिए उन सबको उसने चेहरे की तरह इस्तेमाल किया. उसका ज़मीर दिकखारने लगा की वही उन सबकी मौत का जिम्मेदार है….अचानक उसे वही लड़की का ध्यान आया जिसने उसके अंडकोष पर लात मारी थी और जिसकी वजह से वो दर्द से बिलबिला उठा था…सही तो किया था उसने. आख़िर वो इसी के लायक था. उसका गुस्सा भी जायज था भले ही उसने उसके जान बचाई थी तो क्या हुआ, आख़िर वही जिम्मेदार था उसे उस हालत में लाने का. और उसने क्या किया? उसे वही अकेला उस घने जंगल में भी सहारा चोद आया था. उस लड़की की हालत का भी तो वही जिम्मेदार था. वो सोचने लगा की वो उन लड़के लड़कियों की जान तो ना बच्चा सका पर जो ज़िंदा है उसकी जान बचले…बल्कि उसे तो वो वही अकेला चोद आया है…..”शीत!!शीत!!!शीत!!! वो अपने आपको कोसने लगा की उसे उस लड़की को वहां पर अकेला चोद कर नहीं आना चाहिए था. “अरे क्या हुआ अगर उसने मेरे अंडकोष पर लात मारी तो…में इसी के लायक था…मैंने काम ही ऐसा किया है…में उनसबकी जानो का मुजरिम हूँ…वो मुझे मारेगी नहीं तो क्या मुझे प्यार करेगी? यही सब सोचते हुए उसने आख़िर में फैसला किया की चाहे कुछ भी हो जाए वो उस लड़की को सही सलामत इस जंगल से बाहर ले जाएगा. बस फिर क्या था उसके बाद वो वही पर दोबारा गया जहां वो उसे पीछे चोदा था. हालाँकि उसकी रफ्तार थोड़ी धीमी थी क्योंकि श्रुति की तरह उसे भी चोटें आई थी क्योंकि वो भी उसी खाई से गिरा था जहाँ से श्रुति गिरी थी . पर वो उतना ज्यादा घायल नहीं हुआ था क्योंकि उसे अपने आपको संभालना आता था और इस तरह के ज़कंहो का वो आदि था. खैर जब वो पहुंचा जहां वो श्रुति को रोता हुआ छोड़कर गया था तो देखा की वहां श्रुति का कोई आता पता नहीं था. वो सोचने लगा की आख़िर कहा गयी होगी यह लड़की. कही वो दरिंदे फिर आ गये हो और उसे मर डाले हो. पर अगर ऐसा नहीं हुआ होगा तो वो यहां से ज्यादा दूर नहीं गयी होगी क्योंकि एक तो वो घायल भी है…खैर उसे ढूंढ़ना तो पड़ेगा ही. फिर यही सोचता हुआ वो उसकी तलाश में निकल पड़ा.


तकरीबन 2 घंटे चलने के बाद श्रुति का पैर जवाब दे दिया था, एक तो उसके बायें पैर एक दम जख्मी था ऊपर से ठंड, भूख और प्यास भी लग रही थी. उसका पूरे चेहरे पर जो लहू बह रहा था अब वो ठंड की वजह से पूरा जम चुका था. श्रुति ने सोचा की थोड़ा वो आराम कर लेगी ताकि उसके पैरों को थोड़ी राहत मिले फिर जब थकावट दूर हो जाएगी तो फिर वो अपना सफ़र जारी रखेगी. पर उसे यहां पर इस तरह भइतने पर भी डर लग रहा था की क्या पता यहां पर वो वहशी दरिन्दा या फिर कोई और जंगली जानवर फिर ना आ जाए. पर इसके अलावा उसके पास कोई चारा भी तो नहीं था इसलिए वो वही एक पेड़ से तक लगाकर के भात गयी. फिर उसने अपना सर पेड़ से टीका दिया और फिर उसे नींद भी आने लगी…..अभी वो नींद की आगोश में जा ही रही थी उसे किसी की बातें करने की आवाजें आने लगी…वो सोचने लगी की इस जंगल में उसके अलावा और यहां कौन हो सकता है ? खैर जो भी हो उसने टेयै किया की वो वहां जाएगी शायद कोई मदद करने वाला मिल जाएगा. और वो फिर हिम्मत करके अपनी जगह से उठी और उस आवाज़ की दिशा में चलने लगी. वो थोड़ा ही दूर गयी थी उसे कुछ रोशनी दिखी जैसे कोई आग लगाया है. जब वो उस आवाज़ और आग के पास पहुँची तो उसने देखा की 5 या 6 आदमियों का एक ग्रुप था, जो आग जलाए भायते थे और उस पर अपना हाथ भी ताप रहे थे और इसके अलावा वो उस आग पर कुछ सेकेंड भी रहे थे शायद कोई परिंदा था. जब श्रुति वहां पहुँची तो उन्होंने देखा की एक लड़की जो तकरीबन 20 से 21 की होगी एक दम फटे हाल में थी, उसके जिस्म पर जो कपड़ा था वो कई जगह से फटा हुआ था, और उस लड़की की छाती….
 

Punnu

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Mast update bhai..rohan or Shruti ko apni galtiyo ka ehsaas ho gya ..jha rohan Shruti ko dhund rha h whi Shruti kuch logo ke pass pahuch chuki hai..dekhna ye hoga kya ye log ache h ya bure..fabulous update ..
 

Dr. Zeus

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