(UPDATE-36)
भी थोड़ी दिख रही थी, और वो पूरी लाहुलहान भी थी. यह देख कर उसमें से एक आदमी ने कहा. “राका जी? इधर देखो !
राखा जो शायद उन सब का बॉस था अपने इस आदमी की आवाज़ पर पलट कर देखा “अरे वाह वाह क्या बात है” और श्रुति के पास जाकर बोला.
“क्या रे छोकरी कौन है तू? और इधर क्या कर रही है? और तेरी यह हालत किसने की?” श्रुति ने देखा की वो कोई 45 से 50 साल का आदमी होगा, चेहरे पर बड़ी हुई शेव और वो जब श्रुति के पास आकर बातें कर रहा था तो उसके मुंह से एक बदबूदार हवा भी निकल रही थी जिसे श्रुति ने बड़ी मुश्किल से सहा. “ जी में रास्ता भटक गयी हूँ, मुझे इस जंगल से बाहर जाना है. प्लीज़ मेरी मदद करो.” श्रुति ने उससे राका से रिकवेस्ट करी.
“पर तेरी यह हालत किसने की कुछ बनाएगी.?” राका ने कहा.
“जी ….वो एक…बड़ा ही भयानक जानवर था उसने मेरे सारे दोस्तों को भी मर डाला, में बड़ी मुश्किल से अपनी जान बच्चा कर वहां से भाग आई.” श्रुति ने कहा.
“भयानक जानवर? हहेहहे….” वो अपने साथियों की तरफ मूंड़ कर हँसने लगा.
“अरे उस भयानक जानवर का कुछ नाम तो होगा?” राका ने श्रुति से पूछा.
“मुझे उसका….नाम नहीं मालूम. वो दिखने में एक दम अजीब सा था…एक …एक …शैतान जैसा.” श्रुति ने कहा.
“शैतान जैसा? यह कौन जानवर पैदा हो गया भी हमारे इस जंगल में? हहेहेहेहहे ……वो फिर से हँसने लगा.
“ठीक है छ्होरी हम तेरी मदद जरूर करेंगे…..पर तुझे भी हम सब का एक काम करना पड़ेगा.” राका ने श्रुति से कहा.
“जी कैसा काम?” श्रुति ने बारे मासूमियत से कहा.
“बता देंगे, पहले ज़रा यहां आकर भात जाओ, और हमारे साथ खाना खाओ.” राका ने कहा.
“ नो नो थॅंक्स! आप मुझे जंगल से निकालने का रास्ता बता दे में खुद ही चली जाओंगी” श्रुति ने कहा.
“अरे इतनी भी जल्दी काहे की है. अभी अभी आई हो और अभी जाने की बात ना करो.” राका ने अपने पीले दाँत दिखा कर कहा. फिर उसे ज़बरदस्ती अपने साथ भाइतने लगा.
“प्लीज़ छोधिए , प्लीज़ ऐसा मत करिए प्लीज़ ई आम बेगिंग यू” श्रुति रोते हुए कही जा रही थी
“आए छ्हॉकरिया ! ज्यादा पाटर पाटर अँग्रेज़ी में बातें मत कर. अरे तू जानती है कितने दीनों से हम सबने जिस्म की प्यास नहीं भुजाई है? हम एक दम प्यासे है. हमारी प्यास भुजा दे तो हम तेरी मदद जरूर करेंगे, तू जहाँ बोलेगी हम तुझे वही पर चोद देंगे. क्यों दोस्तों? राका ने अपने दोस्तों से कहा.
“बिलकुल…..बिलकुल “ सब ने एक साथ कहा.
“नहीं प्लीज़….मुझे जाने दो. मुझे यह सब नहीं करना…..एम्म…में अपना रास्ता खुद ढूंढ. लूँगी ……प्लीज़ लेट में गो..प्लीज़.” श्रुति ने रोते हुए और अपना हाथ राका से चुधते हुए कहा.
“आए लड़की बस बहुत हुआ. इतनी देर से तुझे प्यार से समझा रहे तो तुझे समझ में नहीं आ रहा है. तू चाहे या ना चाहे हम तो तेरी जवानी का रस तो जरूर पिएँगे. अगर तू नाटक करेगी तो यह खंजर देख रही है?” राके ने उसे पास में पड़ा खंजर दिखाते हुए कहा फिर उसे आग में उस खंजर को गर्म करने लगा.
“अगर इज्जत से अपनी जवानी का दीदार नहीं कराएगी तो यह गर्म खंजर तेरे पेट में डाल दूँगा…..उसके बाद तेरी जो अंतड़ियां है वो भी अंदर से जल कर खाक हो जाएगी. इसलिए तेरी भलाई इसी में है जैसा में कह रहा हूँ वैसा कर. राका ने उसे धमकाते हुए कहा.
“नो….प्लीज़ नूऊओ……में ऐसा कुछ नहीं करूँगी….प्लीज़ मुझे जाने दो.” श्रुति ने गिड़गिड़ाते हुए कहा. पर राका ने उसकी एक नहीं सुनी और उसके जिस्म पर जो उसका टी-शर्ट जो उसका पूरी छाती को तो नहीं पर काफी कुछ छुपा रहा था राका ने उसके फटे हुए टी-शर्ट के टुकड़ो को पकड़ा और उसे एक झटका में फाड़ दिया. श्रुति ने अंदर ब्रा पहनने के बावजूद भी अब श्रुति का आधे से ज्यादा उसकी चुचियाँ दिख रही थी . राका ने उसे बड़ी ललचाई हुई निगाहों से देखने लगा. श्रुति हर प्रयास कर रही थी अपना आध नंगा जिस्म छुपाने की पर राका उसे ऐसा करने नहीं दिया और उसे अपने मुंह से चूमने लगा और फिर दांतें भी काटने लगे. श्रुति दर्द से एकदम बिलबिला उठी. आज से पहले किसी मर्द ने उसे इस हालत में नहीं देखा था. राका अब श्रुति पर पूरा झुक गया और उसे दीवाना वार चूमने लगा…..की तभी अचानक उसे किसे के सूखे पत्तो पर चलने की आवाज़ आने लगी. उसने देखा तो उसे हैरत हुई की यह यहां कैसे?
“ओह हूओ आस. देखिए तो कौन आया है? मेहमान साहब आए है…” राके ने अपने दोस्तों से कहा. जब वो यह सब बातें कर रहा तो वो श्रुति के जिस्म से थोड़ा उठ गया था जिससे शरइत को भी थोड़ा मौका मिला यह देखने का की आने वाला कौन था. उसे भी बड़ा शॉक लगा आने वाला कोई और नहीं बल्कि वही व्यक्ति था जो उसे वहां उसे उस दरिंदे से बचनाए के बाद उसी की ही पिटाई की थी और ढेर सारी गालिया भी बाकी थी