ANUJ KUMAR
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Nice update(UPDATE-13)
“ओके !!! तुम इतना इन्सिस्ट कर रही हो तो में चलूंगी . आफ्टर ऑल , में तुम्हारी बात कैसे टाल सकती हूँ. “ श्रुति ने निशा की तरफ हंसते हुए कहा.
“क्यों हम कहते तो क्या तुम नहीं चलती ? “ छाया ने कहा.
“ह्म्म्म्म….” श्रुति थोड़ा सोचने लगी “ शायद नहीं “ कहते हुए श्रुति वहां से उठने लगी.
“ओके बायें!! ई आम गोयिंग नाउ. निशा? कल कितने बजे निकलना होगा मुझे आज फोन करके बता देना में रेडी रहूंगी उस वक्त. ओके? “
“ठीक है. में तुम्हें फोन कर दूँगी . बायें!!!” निशा ने कहा. फिर श्रुति वहां से चली गयी.
“तेवर देखे है इस मैडम के ? बात करने की भी तमीज नहीं है. कैसे हमें इग्नोर कर रही थी . ब्लडी बिच.” श्रुति के वहां से जाने के बाद छाया ने च्चिधते हुए कहा.
“अब देखते है इसका घमंड कैसे चोद चोद नहीं होता है. पता नहीं अपने आपको क्या समझती है? आहना भी छाया का साथ देते हुए बोली.
“छाया? तुम ने ऋषि को चलने के लिए कहा है ना? “ निशा ने छाया से कहा.
“हां मैंने उसे कल ही कह दिया था. “ छाया ने निशा की बात का जवाब देते हुए कहा.
“और आहना तुम ने प्रतीक को कहा?” निशा इस बार आहना से कहा.
“हां मैंने भी प्रतीक से कह दिया है. आफ्टर ऑल उन्हें ही तो सब में रोल प्ले करना है.
फिर वो तीनों इसी तरह अपने अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ मिलकर श्रुति के खिलाफ प्लान करने लगे.
विजय कपूर अपनी फॅमिली के साथ डिनर कर रहा था. अपनी वाइफ सौंदर्य, बेटी श्रुति और उसके फॅमिली फ़्रेंड राजेश के साथ जो उससे मिलना आया था और विजय ने उसे भी अपने साथ डिनर पर इन्वाइट कर लिया था. राजेश भी विजय की बात टाल ना सका था और उन लोगों के साथ में डिनर करने लगा.
तभी श्रुति अपनी मां से कहती है “ मामा? में और मेरे कुछ दोस्त फ़ायरवेल्ल पार्टी के लिए कल नैनीताल जा रहे हे.”
“फ़ायरवेल्ल पार्त्यके लिए नैनीताल? नैनीताल में ऐसी क्या खास बात है?” जवाब में सौंदर्या ने कहा.
“मामा, निशा के एक फ़्रेंड का वहां पर फार्म हाउस है. तो सबने वही फ़ायरवेल्ल पार्टी ऑर्गनाइज़ की हुई है.” श्रुति ने कहा.
“हम…सो यू पीपल अरे गोयिंग तो एंजाय पार्टी अट नैनीताल? गुड.” राजेश ने श्रुति से कहता हुआ कहा. फिर उसने विजय की तरफ देते हुआ कहा. “विजय इतनी सर्दी में नैनीताल में मजा आएगा.” विजय ने राजेश की बात का जवाब दिए बगैर श्रुति की तरफ देखा और पूछा .
“श्रुति? तुम्हें अपनी लाइफ को स्पेंड करने के लिए जो आज़ादी मिली है इससे मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है पर एट लास्ट एक बार कोई भी डिसीजन लेने से पहले
हमें एक बार बता तो देती . तुम सिर्फ़ अभी 20 साल की हो. तुमने अभी दुनिया नहीं देखी है. तुम्हें नहीं पता के बाहर की दुनिया कैसे होती है.”
“विजय? “ सौदरया ने विजय की तरफ देखते हुए कहा.
“यह हमारा ज़माना नहीं है जहाँ हमें कही आने जाने के लिए किसी से पर्मिशन लेनी पढ़े. आज कल के यंग्स्टर्स 20 साल की उमर में बहुत अड्वान्स हो जाते है. “
“तुम्हें तो सिर्फ़ अपनी बेटी की हाँ में हाँ मिलना आता है.” विजय ने गुस्से में आकर कहा.
“पापा? आप हमेशा मेरे खिल्लाफ क्यों रहते हो? क्या में वहां जाकर कोई गलत काम कर रही हूँ? “ श्रुति ने मुंह बनाते हुए कहा.
“नहीं श्रुति बेटी यह बात गलत है की में तुम्हारे खिल्लाफ बातें करता हूँ, यह तुम्हारी गलत फहमी है. में तुम्हें वहां जाने से रोक नहीं रहा हूँ. में बस तुमसे सिर्फ़ इतना एक्सपेक्ट करता हूँ तुम जो भी फैसला करो उसमें मेरी भी रज़ामंदी हो, बस. अपनी मां के बहकावे में आकर तुम कोई गलत फैसला मत किया करो.” विजय ने अपनी बेटी को समझाते हुए कहा. यह सुन कर सौंदर्या एक दम अपने आपा खो गयी.
“मिस्टर. विजय कपूर माइंड युवर लॅंग्वेज!!! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बारे में ऐसा बोलते हुए? में अपनी बेटी को भड़काती हूँ?” सौंदर्या ने चिल्लाते हुए कहा.
“हां हां तुम्हीं हो जो इसे गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश कर रही हो.” विजय भी चिल्लाते हुए कहा
“गलती मेरी थी जो तुम्हें मैंने इतना भदवा दिया जो तुम मुझसे इस तरह बात करती हो . “ विजय चिल्लाते हुए कह रहा था. इससे पहले की दोनों में और झगड़ा बढ़ता राजेश ने विजय को वहां से ले जाकर बालकनी में ले आया. विजय अब भी सौंदर्या पर चिल्ला रहा था.
” समझती क्या है खुद को? उसके बाप की सारी दौलत है यह, मेरा कुछ नहीं है. जैसी है वैसे मेरे बcची को भी बनाएगी यह औरत….” और भी पता नहीं क्या क्या विजय चिल्लाता गया जिसे राजेश ने बड़ी मुश्किल से खामोश किया. “विजय ओके…..चिल्ला डाउन…इतना गुस्सा करना तुम्हारी सेहत के लिए ठीक नहीं है. वाइ डोंट यू अंडरस्टॅंड? सौंदर्या को तो तुम जांतो ही हो. आज पहली बार तो है नहीं की सौंदर्या तुम्हारे से इस तरह से बात की है….तो फिर आज इतना गुस्सा क्यों?” राजेश ने विजय को समझाते हुए कहा.
TO BE CONTINUED ?
Super duper update(UPDATE-14)
“बात वो नहीं है राजेश. “ विजय थोड़ा ठंडा होते हुए कहा. “बात दरअसल श्रुति की है. वो उसे अपने जैसे ही बना रही है इसलिए मुझे उस पर गुस्सा आ गया था. तुम तो खैर जानते हो, सौंदर्या की आदत, उसके टूर तरीके. ना उस औरत के अंदर किसी के लिए कोई प्यार है और ना ही वो किसी की इज्जत करती है. संस्कार नाम की तो कोई चीज़ ही नहीं है और यही सब चीज़ें वो श्रुति को सीखा रही है. वो उसे अपने जैसा बना रही है. पर श्रुति अभी नादान है, उसे नहीं समझ में आ रहा है जो उसकी मां उसे कहती है वो गलत है या सही. बस यही मेरी फ़िक्रमंद होने की वजह है और कुछ नहीं.” कहते हुए विजय थोड़ी देर के लिए रुका फिर अपनी बात जारी रखते हुए कहा.
“ राजेश? में एक गरीब परिवार से था. मेरे पिताजी एक स्कूल टीचर थे. वो एक बहुत ईमानदार आदमी थे, कभी किसी के बारे में बुरा नहीं सोचते थे. घर में मेरे भाइयों और बहने और बाहर के सभी लोग भी उनसे प्रेम करते थे, बस एक में ही था जो उनके संकारो पर नहीं चला. मुझे शुरू से ही दौलत कमाने की भूख थी इसलिए में दिल्ली चला आया और यहां हाथ पैर मारने लगा. फिर मेरी मुलाकात सौंदर्या से हुई जो एक बहुत अमीर बाप के बेटी थी. में मानता हूँ की मैंने सौंदर्या का इस्तेमाल किया था जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए. दौलत की चाह में अँधा हो गया था. मुझे सही गलत कुछ नज़र नहीं आ रहा था. यहां तक के अपने बाप के संस्कार भी नहीं. दौलत की चाह में इतना आगे निकल चुका था की मुझे फीचे मुड़कर देखने की फुर्सत भी नहीं मिली. मुझे तो यह भी नहीं पता था की मेरा परिवार कैसा है, मेरा बाप, मेरी मां, मेरे भाई बहन. मुझे कुछ होश नहीं था, बस होश था तो पैसा कमाने का और कुछ नहीं. जब कुछ महीने पहले मेरे छोटे भाई ने जब मुझे फोन किया था यह कहने के लिए के पिताजी का देहांत हो गया है…..उसके बाद…पता नहीं जैसे मुझे अपनी जिंदगी भोज सी लगने लगी. में अपने बाप की आरती भी नहीं दे पाया…कैसा बेटा हूँ में. “ रोते हुए विजय अपना दिल का भोज अपने दोस्त राजेश के सामने निकाल रहा था. “बस फिर मैंने तय किया की जैसा में दौलत के फीचे पागल था और अपने परिवार से दूर था में वैसा अपनी बेटी श्रुति के साथ नहीं होने देना चाहता . में चाहता हूँ की जो संस्कार मेरे पिताजी ने मुझे अपने जीवन में देना चाहा था वो श्रुति को दम. में उसकी आज़ादी के खिलाफ नहीं हूँ पर, में चाहता हूँ वो अपनी जिंदगी में कुछ भी करे एक मर्यादा में रही कर करे. अपने बडो की इज्जत करे, लोगों की इज्जत करे.” विजय भावुक अंदाज़ में कहे जा रहा था
“विजय में तुम्हारे भावनाओं की कदर करता हूँ पर, तुम्हें भी यह बात मना होगा की आज कल का ज़माना ऐसा नहीं है की हम अपने औलादो पर अपना ज़ोर चला सके. खासकर के हमारे सोसाइटी में तो ऐसा नहीं है.” राजेश , विजय को समझाता हुआ बोला
“ई नो राजेश, की यह बहुत मुश्किल काम है पर कोशिश तो की जा सकती है ना? “ विजय ने कहा.
“हां वो तो है. तुम कोशिश और दुआ करो की श्रुति वैसा ही करे और वैसा ही अपना जीवन साथी छूने जैसा तुम चाहते हो” राजेश ने कहा.
“वो कैसा भी जीवन साथी छूने मुझे उससे मतलब नहीं है पर वो उसके प्रति ईमानदार हो . चाहे वो किसी भी कॉस्ट का या अमीर , गरीब कोई भी हो ई डोंट केर.” विजय ने कहा.
फिर वो दोनों ऐसे ही कुछ देर तक बातें करते रहें
“आबे उठ! कमीने! सोया है अभी तक मादरचोद.” रोहन ने एक लात मारी परवेज़ को जो की चादर तन के गहरी नींद में सोया हुआ था, अचानक इस हमले से भॉकलाके उठ गया. “ कौन है भी, तेरी तो.”
“आबे में हूँ भोसदिक्ीईए. “ रोहन उस पर झुकते हुए कहा
“आबे तू आज फिर पी के आया है. आबे जब तू संभाल नहीं पाता तो पीता क्यों है कमीने?”
“कमीने किसको बोला रे माअदरचूड़…आए?…किसको बोला…तेरी बहन की…” रोहन नशे में एक दम धूत जो उसके मुंह में आ रहा था बेक जा रहा था.
“आबे कुत्ते इतनी गालिया क्यों निकाल रहा है, कम से कम मेरी मां बहनों को तो भक्ष दे .”
“चुप बहनचोद तेरी मां को भी पेलुँगा और तेरी रंडी बहनों को भी समझा मादरचूड़.” रोहन ने नशे में कुछ भी कहे जा रहा था. पर अब परवेज़ का ढेरया जवाब दे दिया जब रोहन ने उसकी मां भेनॉ को इतनी गंदी गालिया दी थी. उसने आव ना देखा ना ताव, झट से रोहन के पेट में एक मुक्का मारा, जिससे रोहन ज़मीन पे गिर गया और उसके बाद परवेज़ उसके ऊपर चढ़ के उसकी पिटाई करने लगा. “ कुत्ते, मादरचोद मेरी मां, भेनॉ को गालिया देगा साले, तेरी यह हिम्मत, ले, “ धन धन पिटाई करने लगा परवेज़
Shandar update(UPDATE-15)
रोहन और परवेज़ दोनों पोचर्स थे. जंगली जानवरों का शिकार कर के उनके बॉडी के पार्ट्स को सोनू जो एक उनके लिए ग्राहक ढूंढ़ा था के जरिए बेचते थे. जिससे उनकी आमदनी अच्छी हो जाती थी. पर आज कल फोरेस्ट रेंजर ऑफिसर्स इन पोचर्स के खिलाफ तगड़ा अभियान चलाए हुए थे, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से टाइगर्स का शिकार बहुत हुआ था. जिस की वजह से स्टेट गवर्नमेंट की मीडिया ने खूब ताने कसे थे. जिस की वजह से गोवेर्नमेटन के ऊपर बहुत प्रेशर था, इसलिए टाइगर्स या अन्य जानवरों का शिकार बहुत मुश्किल हो गया था.
“क्या भी सोनू? ऐसी क्या आफत आ गयी की फोन कर के यहां बुलाया है, वो भी इस खंडहर में. तू जानता नहीं आज कल पुलिस से ज्यादा पुलिस के खबरियो से खतरा रहता है. यूँ हमारा मिलना जुलना हमें खतरे में डाल सकता है, जब तक मामला ठंडा ना हो जाए उतना दिन रुक नहीं सकता था.” रोहन आते ही सोनू पे टूट पढ़ते हुआ बोला.
“अरे रोहन भाई, इतना नाराज़ क्यों हो रहे हो. मुझे भी पता है यूँ हमारा मिलना जुलना हमें खतरे में डाल सकता है, तभी तो इस जगह पे बुलाया है मैंने आप दोनों को.” सोनू ने जल्दी से सफाई देते हुए कहा.
“अरे पर क्यों? इतना क्या अर्जेंट काम था?” रोहन ने कहा.
“अर्जेंट ही है बॉस. एक तगड़ी पार्टी हाथ लगी है और पैसा भी तगड़ा दे रही है. अगर में इसे हाँ नहीं बोलता ना तो कोई और हाँ बोल देता. आप तो जानते ही हो इस काम में भी कॉंपिटेशन कितना बाद गया है. इसलिए मैंने उन्हें कही और जाने ही नहीं दिया.”
“पर पार्टी है कौन, कही कुछ लाफद तो नहीं है ना? तू जानता है ना यह जाल भी हो सकता है पुलिस वालो का.”
“नहीं बॉस! मैंने सब पता लगाया है, एक चाइनीस पार्टी है यह. जानवरों के बॉडी पार्ट्स की इन्हें जरूरत है, आप तो जानते ही छीना की ब्लैक मार्केट में इनकी कितनी डीमाड है.” सोनू ने बताया. बहुत देर से चुप परवेज़ ने इस बार कहा
“रोहन? जब सोनू इतने कॉन्फिडेन्स से कह रहा है तो करके देखते है ना, और वैसे भी यार बहुत दीनों से कोई काम नहीं मिला है और अपने हाथ एक दम खाली है.”
“मैंने भी यही सोचा, जब मैंने इनके बारे में मुझे पता चला तो, पार्टी अच्छी थी और पैसे भी अच्छे दे रही थी तो. एक बार बड़ा काम हाथ में लेते है तो ज़रा 5 या 6 महीने की फुर्सत.” सोनू ने कहा.
“ठीक है मैं तुझे सोच के जवाब देता हूँ, काम करना है की नहीं.” रोहन ने कहा.
“अरे बॉस इतना मत सोचो पार्टी एक दम करेक्ट है.” सोनू ने जल्दी से कहा.
“नहीं सोनू बात पार्टी के करेक्ट होने की नहीं है, बात है शिकार करने की, क्योंकि तू जानता है आज कल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में फोरेस्ट रेंजर्स कितने चोकस हुए है. और हमें इस पार्क के अलावा जानवरो का शिकार इतने बड़ी तादाद में नहीं मिलेंगे. क्योंकि वहां हमारी सेट्टिंग बहुत अच्छी है” रोहन ने कहा.
“तू उसकी फिक्र मत कर हम कोई ना कोई जुगाड़ कर ही लेंगे, बस तू खाली हाँ कर दे.” परवेज़ ने कहा.
“तुझे सुबह फोन करता हूँ.” सोनू को कहते हुए रोहन वहां से परवेज़ को लेकर निकल गया.
उसके बाद जब दोनों वापस अपने घर पर आते तो परवेज़ उससे कहता है,
” यार तुझे क्या प्राब्लम है? क्यों इतना नाटक कर रहा है. इससे पहले हम लोगों ने यह काम किया था तब क्या क्या खतरा नहीं था?”
“पर इस बार कुछ ज्यादा ही है खतरा, समझा?” रोहन ने कहा.
“मानता हूँ, पर सोच किये तुझे इस समय पैसे की जरूरत नहीं है. तू यहां दिल्ली, ढेरदून से कमाने के लिए आया था ना अपने परिवार का पेट पालने के लिए. उस पर तेरी मां भी बीमार है, उन्हें भी तो पैसे की जरूरत होगी. वो तो यही आस लगाए भैते होंगे ना की मेरा बेटा हमें कामके पैसा भेजेगा. पर यहां तो दो महीने से कुछ काम ही नहीं हुआ है तो तू कैसे पैसा भेजेगा….बोल? रोहन को चुप भायते देख परवेज़ उससे फिर कहता है “ देख में क्या कहता हूँ, इस बार हम यह काम जान झोकिीम में डाल के करेंगे और उससे जो कुछ कमाएँगे उससे कोई छोटा मोटा धंधा करेंगे और यह काम हमेशा के लिए चोद देंगे. बोल क्या कहता है तू?” रोहन अब भी कुछ नहीं बोला वो बस यही सोचता रहा की वो दिल्ली आया था एक साफ सुथरा काम करने के लिए, क्योंकि उसके बाप के मरने के बाद सारी घर की जिम्मेदारी उसी के खड़े पर आई थी. पर सिर्फ़ इंटर तक पढ़े होने के कारण उसे वो काम नहीं मिला जिससे वो इतना कमा सके की अपना और अपने परिवार को पैसा भेज सके. घर में उसकी एक बीमार मां थी, जिसे हर महीने हॉस्पिटल के चक्कर लगाने पढ़ते थे, एक जवानी की दहलीज पे कदम रखती हुई बहन थी जिसे अच्छा पढ़ा लिखा कर उसकी शादी करनी थी, और एक छोटा भाई था जिसका फ्यूचर भी रोहन को ही बनाना था. पर इन सब कामों के लिए उसे मज़बूत पैसा कमाने
Khubsurat Update(UPDATE-17)
की जरूरत थी, और इतना मज़बूत पैसा कमाने के लिए उसे एक मज़बूत काम की जरूरत थी जो एक आम सी नौकरी करके पूरी नहीं होने वाली थी. फिर वो कुछ बारे काम की तलाश में परवेज़ से एक दिन उसकी मुलाकात हो हुई, परवेज़ जो इस काम में पहले भी था पर उसके अंदर वो टॅलेंट नहीं था जो रोहन के पास था. रोहन इस काम में परवेज़ से भी ज्यादा उस्ताद हो गया था. शायद उसकी जरूरत उसे यह सब इतनी जल्दी सीखा दी थी. वो कहते है ना “जरूरत हर ईजाद की मां होती है”. कुछ जरूरत, कुछ बड़ा करने की चाहत और कुछ उसके हौसलों की वजह से वो यह काम कर पाया था. पर अब यह सब काम करने में उसे एक तरह का डर भी लगा रहता था की अगर उसे कुछ हो गया तो उसके घर वालो क्या होगा. इसी सब बातों को लेकर वो एक असमंजस की स्थिति में था वो यह काम अभी करे की नहीं. उसे परवेज़ का यह आइडिया अच्छा लगा था की एक बार बड़ा हाथ मारते है उसके बाद यह धंधा चोर के कोई दूसरा काम करेंगे.
“तू सही कह रहा है परवेज़, हमें रिस्क तो लेना ही पड़ेगा. ठीक है में तैयार हूँ, कल सुबह सोनू को फोन कर के कह देना की हम तैयार हैं और हमें कल ही सामने वाली पार्टी से मिलवा दे. पर हां…एक बात यह हमारा आखिरी बार होगा…इसके बाद में यह काम चोर दूँगा, ठीक है ना?”
“ओये हां यार ठीक है, समझ गया में.” परवेज़ खुश होते हुए बोला.” में कल सुबह सोनू को फोन कर के कह देता हूँ की हम तैयार है. ओये जियो मेरे लाल!!!
“चल चल ठीक अब सो जा, रात बहुत हो गयी कल सुबह जल्दी उतना है.” कहते हुए रोहन सोने के लिए चला गया.
फिर अगले दिन उनकी मीटिंग सोनू ने सामें वाली पार्टी से फिक्स कर दी और उनके बीच पैसे को लेकर और काम किस तरह करना है, किस तरह माल सप्लाइ करना है हर मामले में उनकी बातचीत हो गयी. उन्हें उसी वक्त दोपहर को निकलना था जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के लिए जो की नैनीताल डिस्ट्रिक्ट के रामनगर में है.
“ऋषि गाड़ी ज़रा धीरे चलाओ, कहीं आक्सिडेंट ना हो जाए.” निशा ने ऋषि से कहा जो इस वक्त बहुत तेजी से गाड़ी ड्राइव कर रहा था.
“फिक्र मत करो निशा तुम्हें कुछ नहीं होगा. 7 घंटे का सफ़र 4 या 5 घंटे में करने का इरादा है मेरा.” ऋषि ने झट से कहा.
“अरे इतनी जल्दी पहुंच कर क्या करना है, आराम से गाड़ी चलाओ ऋषि प्लीज़!.” आहना ने रिकवेस्ट करते हुए कहा.
“यह दोनों तो सदा के ही डरपोक रहेंगे , तुम ऐसे ही बढ़ता में गाड़ी चलते रहो ऋषि. मजा आ रहा है…ऊऊओ…” छाया जो आगे की सीट पर ऋषि के बाजू में भाती थी गाड़ी की बढ़ता का मजा लेते हुए कहा.
“तुम भी तो कुछ कहो, चुप क्यों भाती हो.” निखिल ने श्रुति से कहा जो काफी देर से चुप भाती हुई थी.
“यह क्या बोलेगी, मुझे पता है ना इसकी आदत अंदर से इसे भी डर लग रहा है पर अपने मुंह से कभी नहीं कहेगी.” छाया ने श्रुति को चोदते हुए कहा.
“ऐसी कोई बात नहीं है, मुझे बढ़ता से डर वॉर नहीं लगता, आक्च्युयली ई लाइक इट…..वो तो में बस कुछ और सोच रही थी.” श्रुति ने जल्दी से सफाई देते हुए कहा. पर वास्तव में उसे भी डर लग रहा था गाड़ी के इतने बढ़ता में चलने से पर उसकी आदत थी की वो कभी भी अपना डर किसी से जाहिर नहीं करती थी. वो किसी को दिखना नहीं चाहती थी की वो एक कमज़ोर दिल की लड़की है. क्योंकि उसे डर था की अगर वो अपना डर जाहिर करेगी तो छाया जो उसका ऐसे ही हमेशा मज़ाक उड़ाया करती थी उसे एक और मौका मिल जाएगा उसका मज़ाक उड़ाने के लिए..
“सोच रही थी? किसके बारे सोच रही थी…..हम? निखिल के बारे में है नाअ? हाअ….ई नो डेठ.” छाया ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा. छाया को जब भी मौका मिलता वो ऐसे ही निखिल के ऊपर से श्रुति का हमेशा मज़ाक उड़ाया करती थी
“शुतूप छाया! कुछ भी बोलती रहती हो. ज़रा सोच समझ के बोला करो.”श्रुति ने दांते हुए कहा.
“ओह में बेबी नाराज़ हो गयी!!!! सॉरी यार में तो मज़ाक कर रही थी. पर वैसे बुराई क्या है निखिल में? अच्छा ख़ासा हॅंडसम बॉय है. क्यों निखिल? ठीक कहा ना मैंने?” छाया ने कहा. इससे पहले श्रुति कुछ और कहती छाया को निशा, छाया को रोकते हुए कहा.
“छाया प्लीज़!! चुप भायतो.”
“डोंट वरी निशा!! श्रुति ने अब मुझे माफ कर दिया है. उसे अब बुरा नहीं लगेगा…..” निखिल, श्रुति की तरफ मुस्कुराते हुए देखा फिर कहा “ क्यों श्रुति ठीक कहा ना?”
“मैंने तुम्हें माफ कर दिया है इसका मतलब यह नहीं की तुम वापस से वही अपनी पुरानी हरकत रिपीट करो. और वो भी मैंने तुम्हें इसलिए माफ किया था क्योंकि निशा ने मुझे ऐसा करने को कहा था.” श्रुति, निखिल की तरफ देखते हुए कहा.
Nice update(UPDATE-18)
“ ने कहा था तो तुमने मुझे माफ किया. इसका मतलब तुमने मुझे दिल से अब भी माफ नहीं किया ? ह्म्म्म्म…? निखिल, श्रुति की तरफ सांवली नजारे से देखने लगा.
“देखो निखिल मुझे इन सब के बारे में बात नहीं करनी है. प्लीज़ स्टॉप तीस टॉपिक.” कहते हुए श्रुति गाड़ी के विंडो के बाहर देखने लगी
“इट’से नोट फेयर श्रुति!! मैंने तुमसे दिल से माफी माँगी है प्लीज़ भूल जाओ उन सब बातों को.” निखिल, श्रुति को तंग करते हुए कहा.
“निशा प्लीज़ निखिल से कहो की मुझे इस टॉपिक पर और बातें नहीं करनी है सो प्लीज़ अस्क हिं तो स्टॉप.” श्रुति , निशा की तरफ देखते हुए कहा. निखिल और भी कुछ कहना चाहता था पर निशा ने उसे आगे कुछ भी कहने से रोकते हुए और निखिल की आँखों में देखते हुए कहा जैसे इशारो ही इशारो में कुछ समझा रही हो.
“ओह कामन निखिल !! अब बस भी करो ना. जब वो कह रही है तो जाने दो ना.” वो उसे इशारे में समझा रही थी अब इसे ज्यादा मत तड़पा वरना अगर श्रुति का मूंड़ अगर ऑफ हो गया तो सब का प्लान चोपट हो जाएगा. निखिल , निशा की आँखों का इशारा समझ गया था और खामोश हो गया. मगर छाया और निखिल का उसका बार बार मज़ाक उड़ाने से श्रुति का मूंड़ ऑलरेडी ऑफ हो ही चुका था. वो अपने आप को कोसने लगी के वो आ ही क्यों यह लोग के साथ. श्रुति सोचने लगी के कस वो निशा से पहले ही कोई बहाना कर देती . उसे छाया और निखिल का उससे मज़ाक करना बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था..
थोड़ी देर तक ऐसे ही सब के बीच खामोशी च्छाई रही फिर उसे खामोशी को आहना तोड़ते हुए बोली
“हे गाइस!! ई आम फ़ीलिंग हंगरी! आगे कोई अच्छा सा ढाबा या रेस्तरां देखकर गाड़ी रोकना.”
“ओह!! तुम्हें तो हमेशा भूख लगी रहती है. इतना सारा आइटम्स जो अपने बैग में पैक कर के रखी हो उसे ख़ालो ना? ऋषि जो गाड़ी चला रहा था उसने कहा.
“ओह कामन ऋषि!! मुझे भी भूख लगी है. थोड़ा सा कहा पीकर फिर आगे बढ़ते है.” प्रतीक ने भी आहना के हां में हां मिलते हुए कहा.
“हां ऋषि!! मुझे भी थोड़ी भूख लग रही है. ई थिंक थोड़ा रुक कर हम कुछ खा पी लेते है.” छाया ने भी कहा.
“ऑल राइट जब सब ही लोग कह रहे है तो ठीक है. देखता हूँ कोई अच्छा सा ढाबा दीखेगा तो रोकता हूँ.” ऋषि ने कहा.
“हां सुशांत बोलो, क्या बात है? “ सुशांत का फोन आने पर परवेज़ ने कहा.
“ तुम दोनों कहा तक पहुँचे? सुशांत ने फोन पर कहा
“अभी बस आधे घंटे में हम लोग मोरडाबाद पहुंच जाएँगे. क्यों क्या हुआ?”
“ वही से वापस चले जाओ, यहां के हालत बहुत खराब हो गये है” फोन पर दूसरी तरफ सुशांत ने कहा
“अरे ऐसा भी क्या हो गया तुम ने तो कहा था ना की तुम सब संभाल लोगे. अभी अचानक क्या हो गया? अगर तुम्हें थोड़ा और कट चाहिए हो तो बोलो में रोहन से बात करता हूँ.” परवेज़ ने कहा.
“बात कट की नहीं है परवेज़, बात कुछ और है. यहां पर फोरेस्ट रेंजर्स बहुत चोकस हो गये है. पीछले कुछ दीनों से टाइगर्स और कुछ अन्य जानवरो का शिकार तरफ जाने से यहां पर हर एक दरवाजा पर निगरानी बढ़ा दी गयी है. पीछले कुछ दीनों में जीतने भी पोचर्स को यहां देखा गया है उनके स्केचस और फोटोस भी सब रेंजस में भिजवा दिया गया है और उनमें से तुम दोनों के भी स्केचस जारी किए गये है. अगर तुम दोनों में से कोई जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में आने की कोशिश करेगा तो तुरंत पकड़ा जाएगा. समझे? इसलिए कह रहा हूँ जहाँ हो वही से वापस चले जाओ. तुम लोगों को तो मुश्किल होगी ही अगर में तुम लोगों का साथ दूँगा तो में भी फासूँगा” सुशांत ने कहा.
“क्या बात कर रहे हो सुशांत? सेक्यूरिटी और टाइट हो गयी? “ परवेज़ भी कुछ टेन्शन में आ जाता है. रोहन बड़ी देर से परवेज़ और सुशांत की फोन पर होने वाली बात चित सुन रहा था. उसे यह समझ में आ गया था की कुछ गड़बड़ है. वो परवेज़ से फोन च्ीिन के अपने कान से लगा लिया और गाड़ी एक साइड में रोक दिया.
“सुशांत! रोहन बोल रहा हूँ, कोई प्राब्लम हुई है क्या? फिर सुशांत वही बात दोहराता है जो उसने परवेज़ से की थी.
सुशांत जो एक फोरेस्ट ऑफिसर था. वो रोहन और परवेज़ की जानवरो का शिकार करने और उनके बॉडी पार्ट्स को नेशनल पार्क से बाहर ले जाने के अलावा और भी कई तरीकों से उन दोनों की मदद किया करता था. इन सब कामों के लिए उसे अच्छे पैसे मिल जा करते थे.
“सुशांत….देखो मेरी बात सुनो प्राब्लम तो पहले भी थी और अब भी है…..क्या फर्क पढ़ता है. तुम को तो सारे चोर रास्ते पता है. एक बार अंदर घुस गये तो कोई कुछ नहीं कर सकता है.” रोहन, सुशांत को समझता हुआ बोला.
“पर रोहन इस बार में कुछ नहीं कर सकता. बात को समझने की कोशिश करो. मामला बहुत गंभीर है.
Excellent update(UPDATE-19)
” सुशांत भी रोहन को समझाने लगा.
“ओके जब इतना कह ही रहे हो तो जरूर कोई सीरीयस गड़बड़ होगी, ओके ठीक है में तुम्हें बात में कॉल करता हूँ.” इतना कहते ही रोहन ने फोन काट दिया.
“अब क्या करे?” परवेज़, रोहन की तरफ देखता हुआ बोला.
“तुझे तो में पहले ही कह रहा था की मत चल मत चल…..पर तुझे तो पैसा का बुखार था ना”. रोहन, परवेज़ पर बरसते हुए कहा.
“अब तू यार मुझ पर चिल्लाना बंद कर हाँ. मुझे क्या पता था की यह सुशांत अचानक पलटी मारेगा.”
“इसमें सुशांत की कोई गलती नहीं है. उसे क्या पता था की वो लोग अचानक इतनी सेक्यूरिटी बढ़ा देंगे. और हमारे चेहरे जगह जगह बाटेंगे” रोहन ने कहा.
“ठीक है पर अब क्या करेंगे? वापस चले?” परवेज़ ने रोहन से पूछा.
“नहीं वापस तो नहीं जाएँगे इतनी दूर आकर. कुछ और रास्ता निकालते है.”
“कौनसा रास्ता?” परवेज़ ने बड़ी उत्सुकता से कहा. वो खुश हो गया था की रोहन वापस जाने की बात नहीं कर रहा था.
“रुक ना थोड़ी देर… कुछ सोच कर बताता हूँ. ऐसा लगता है सिर्फ़ में ही दिमाग लेकर पैदा हुआ हूँ और तुझे ऊपर वाले ने खाली दिमाग पैदा किया है.”
“अच्छा ठीक है बाबा पर जल्दी से सोच की क्या करना है.” परवेज़ ने कहा.
“पहले चल के किसी ढाबे पर पेट पूजा करते है फिर कुछ सोचते है की आगे क्या करना है.” रोहन ने कहा.
“हां यह ठीक रहेगा कुछ खाना अंदर जाएगा तो दिमाग कुछ काम भी करेगा.” फिर कुछ दूर चलने पर उन्हें एक ढाबा दिखा और फिर रोहन ने उस ढाबे को देखकर गाड़ी वही रोक दी. यह कोई मामूली ढाबा नहीं लग रहा था. बहुत सजा सजाया हुआ वाले डेकरेटेड ढाबा था. वहां के कस्टमर भी काफी डीसेंट लग रहे थे. “आबे तुझे इसी ढाबे पर गाड़ी रोकना था, बाहर से ही देखने में मालूम पढ़ रहा है की कितना महँगा होगा.” परवेज़ ने उस ढाबे की चमचमाहट को देखते हुए कहा.”
“आबे क्या हर वक्त सस्ते और महेंगे की बात करता रहता है. अब आ ही गये है तो कुछ खा पी लेते है.” कहते हुए रोहन, परवेज़ को अंदर ले गया.
वो दोनों एक टेबल पर भात गये. परवेज़ तो खाने के बारे में सोच रहा था पर रोहन इस वक्त यही सोच रहा था की ऐसा क्या करे की पार्क में एंट्री मिल जाए. इसी बीच परवेज़ ने अपने और रोहन के लिए खाने का आर्डर कर दिया.
“जब तक आर्डर नहीं आ जाता तू यही भात में ज़रा वॉशरूम होकर आकर आता हूँ” रोहन ने कहा और उठकर एक तरफ बने हुए वॉशरूम की तरफ चला गया.
रोहन जब टॉयलेट के अंदर था तभी उसे कुछ लड़कों की आपस में बातें करने की आवाजें आती है. वो लोग उसे नहीं देख पाए थे क्योंकि रोहन अंदर टॉयलेट में था. पहले रोहन उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था लेकिन अचानक, उसके कान ने कुछ ऐसा सुना की वो थोड़ा चौंक गया
“निखिल यार!! यह श्रुति तो अभी से ही नखरे दिखाने लगी है. मुझसे कह रही थी उसे वापस जाना है वो हम लोग के साथ आगे और नहीं चल सकती. वो तो अच्छा हुआ की निशा ने उसे समझाया तो मान गयी. “ ऋषि ने कहा.
“फिक्र मत करो यारो!! कैसे भी करके उसे एक बार अपने फार्महाउस पर ले जाओ तो फिर वो जितना भी नाटक करे क्या फर्क पढ़ता है. उसे क्या मालूम हमने उसके लिए क्या बंदोबस्त किया हुआ है. हरमज़ाडी को बहुत घमंड है ना अपने आप पर, सब चोद चोद हो जाएगा जब हम वो एम एम ऐसे उसे दिखाएँगे की कैसे तीन तीन मर्द उसके साथ सेक्स कर रहे है और उसके बाद वो एम एम ऐसे हम इंटरनेट पर उपलोआड कर देंगे.” निखिल ने कहा. उनके बीच में और भी ऐसी बातें चलती रही जिससे रोहन को यह समझ में आ गया था की वो लोग किसी श्रुति नाम की लड़की को नैनीताल ले जाकर उसके साथ सेक्स करेंगे और फिर उसकी सेक्स वीडियो बनकर कर उसे इंटरनेट पर डालेंगे. ” मतलब उस लड़की की तो फुल वात लगेगी” रोहन सोचने लगा. फिर कुछ देर के बाद जब रोहन टॉयलेट से निकला तो वो तीनों वॉशरूम से जा चुके थे. रोहन सोचने लगा की वो उसने अभी जो कुछ सुना वो जाकर उस लड़की को बता दे. फिर उसके दिल में ख्याल आया की उसे क्या करने है, वो लोग की जो मर्जी में आए करे उस लड़की से साथ .हमें कोई लफड़े में नहीं पढ़ना है और वैसे भी मुझे नेशनल पार्क के अंदर जाने का कोई बंदोबस्त के बारे में सोचना है. जब रोहन, परवेज़ के पास पहुंचा तो उसने देखा की जो आर्डर उन्होंने दिया था वो आ चुका था और परवेज़ बिना रोहन का वेट किए खाना खाने में जुट गया था.
“क्या भी भुक्कड़ मेरा वेट नहीं कर सकता था?” रोहन अपनी सीट पर भत्ते हुए कहा.
“वेट कर रहा था में तेरा पर मैंने देखा की तू बहुत टाइम लगा रहा है तो मैंने सोचा तुझे संडास लगी होगी इसलिए तू टाइम लगा रहा है.
Badhiya update Bhai(UPDATE-20)
फिर मैंने सोचा की तू जब आए तब आए में खाना चालू कर देता हूँ.” खाना अपने मुंह में चबाते हुए परवेज़ बोल रहा था. परवेज़ की बात सुनकर रोहन ने कुछ नहीं कहा, बस अपने प्लेट में खाना डालना लगा. फिर उसे अपने टेबल के पास कुछ लड़कों की बातें करने की आवाजें आने लगी. उसने पलट कर देखा तो वहां पर 3 लड़के और 4 लड़कियाँ हंस हंस कर बातें कर रही थी. उसे अचानक वॉशरूम में हुई उन तीनों लड़कों की बातें याद आने लगी. उसने अपने आस पास देखा की कौन हो सकता है जो अंदर वॉशरूम में बातें कर रहे थे. पर उसे ऐसा कोई नज़र नहीं आया उन तीनों लड़कों के अलावा जो किसी लड़की के खिलाफ कुछ प्लान कर रहे हो. फिर उसने उसी लड़कों और लड़कियों वाले टेबल पर देखा तो वहां पर भी तीन लड़के ही थे. उसने सोचा हो ना हो यही वो तीन लड़के होंगे. फिर उसने देखा उन लड़कों के साथ में चार लड़कियाँ भी थी जिनमें से तीन लड़कियाँ तो काफी हंस बोल रही थी पर उनमें से एक लड़की काफी चुप चाप खामोश भाती हुई थी. वो सोचने लगा की इनमें से कौन श्रुति होगी जिसके खिलाफ वो लोग प्लान कर रहे है.
“आबे तू खाना क्यों नहीं खाता? जब से देख रहा हूँ यहां वहां देख रहा है. प्राब्लम क्या है? “ फिर परवेज़ ने देखा की रोहन उन लड़कों और लड़कियों वाले टेबल की और देख रहा है
“आबे तू कब से लड़कियों में इंटेरेस्ट लेने लगा?” परवेज़ ने कहा.
“में लड़कियों की तरफ नहीं देख रहा हूँ, बल्कि कुछ और देख रहा हूँ.” रोहन, परवेज़ की बात सुनकर पलट ते हुए कहा.
“लड़कियों की तरफ नहीं देख रहा है तो क्या देख रहा है? लड़कों की तरफ देख रहा था?…… आबे तू क्या गे है?….
“आबे तू मुझे कुछ बोलने देगा…..बस जब भी देखो तो छपार छपार करता रहता है” रोहन ने थोड़ा चिढ़ कर कहा.
“अच्छा ठीक है बाबा….सॉरी! बोल क्या देख रहा था? परवेज़ ने कहा.
“में जब वॉशरूम में था तो मैंने वहां भायते हुए उन तीनों लड़कों की बात सुनी. वो लोग का प्लान है की नैनीताल में उनके फार्महाउस पर वो उन चारों लड़कियों में से किसी एक के साथ जिसका नाम श्रुति है उसे नशे की दवा खिलाकर उसे धोखा देकर उसके साथ सेक्स करेंगे और उसकी वीडियो बनाकर इंटरनेट पे डालेंगे….” कहते हुए रोहन थोड़ा रुका की परवेज़ उसे टोकते हुए कहा.
“ओह अब में समझा!! तभी तू इतना टाइम लगा रहा था. और में समझ रहा था की तुझे…..चल ठीक है जो तू कह रहा है सही है तो हमें क्या करना है इस मामले में……?
“मेरा प्लान यह है की इनको अपने साथ लेकर चलते है नेशनल पार्क में.” रोहन ने कहा.
“अपने साथ? आबे तेरा दिमाग खराब हुआ है क्या?” परवेज़, रोहन की तरफ हैरत से देखते हुए कहा.
“थोड़ा सब्र कर और गौर से सुन में क्या बोलने वाला हूँ” रोहन फिर परवेज़ के ऊपर चिढ़ते हुए कहा.
“जैसा सुशांत ने कहा की हमारा स्केचस फोरेस्ट रेंजर्स वालो के पास है तो हम जैसे ही दरवाजा से एंट्री करेंगे तो पहचान लिए जाएँगे और पकड़े जाएँगे . पर अगर हम इन लोगों को अपने साथ ज़बरदस्ती पिस्तौल के ज़ोर पर डरा धमका कर ले जाएँगे तो वहां के सेकूरतीय वाले यही समझेंगे की यह लोग कॉलेज स्टूडेंट है ंौुझ मस्ती करने आए हुए है तो इन लोगों पर उनका ध्यान नहीं जाएगा और हम इन लोगों के साथ नेशनल पार्क में आसानी से एंट्री कर लेंगे” रोहन ने कहा.
“वो तो ठीक है की हम यह लोग के जरिए आसानी से एंट्री कर लेंगे पर, यह लोग का हम पार्क के अंदर ले जाने के बाद क्या करेंगे…..? बात करते हुए परवेज़ थोड़ा रुका फिर बोला “क्या हम इन्हें यह कर वापस कर देंगे भाई लोग आप लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने हमारी इतनी मदद की हम आप लोगों के जिंदगी भर एहसान मंद रहेंगे. और उसके बाद यह लोग ‘इस की कोई जरूरत नहीं है, यह तो हमारा फर्ज था’ कहकर वापस चले जाएँगे. क्या वो लोग हमारी पुलिस में कंप्लेंट नहीं कर देंगे? इस बारे में सोचा है तूने? “
“हां मैंने सोचा है इस बारे में , पर तू मुझे बताने देगा तभी ना में बोलूँगा ना कुछ? “ रोहन, परवेज़ पर थोड़ा चिल्लाते हुए कहा.
“अच्छा तूने सोच के रखा है? तो फिर बताना? परवेज़ ने भी कहा.
“यह लोग हमारी पुलिस में कंप्लेंट ना कर दे उसके लिए हमें इनकी कोई कमज़ोरी का इस्तेमाल करना पड़ेगा. और इनकी कमज़ोरी अभी फिलहाल यही है जो यह लोग उस लड़की के साथ कुछ गलत करने का इरादा कर रहे है. हम इन लोगों को धँकाएँगे की अगर हमारे खिलाफ कोई कंप्लेंट करे तो हम उस लड़की को बता देंगे की तुम लोग उसके साथ क्या करने वाले हो और फिर उसके बाद वो लड़की या उसका परिवार तुम लोगों के खिलाफ जो भी एक्शन लेंगे तो तुम लोगों को उसका बहुत बुरा अंजाम बुघाटना पड़ेगा.” इतना कहने के बाद रोहन, परवेज़ की तरफ देखने….
Nice update(UPDATE-21)
“हम….आइडिया तो तेरा अच्छा है….मगर साले अगर हम इन्हें जाने दिए तो यह साले उस लड़की के साथ वास्तव में वो सब करेंगे जो तू बता रहा था.” रोहन को खामोश देखा तो परवेज़ ने कहा.
“हां तो करने देना!! हमें क्या फर्क पढ़ता है? और वैसे भी हमारे पास इसके अलावा कोई चारा भी तो नहीं है. और यह साले राइस जाड़े, यह तो इन लोगों का शौक है. मान भी लो की हम इन्हें आज ऐसा करने से रोकते है तो क्या यह साले कल या किसी और दिन…..उस लड़की को चोद देंगे क्या…..? कहते हुए रोहन थोड़ा रुका फिर कहा “एक और बात बोलू तुझे? मुझे नहीं लगता की यह सब करने से उस लड़की को भी कोई ज्यादा फर्क पड़ेगा……आबे यह लोग पहले से ही खाए पिए रहते है. यह तो इनके लिए आम बात है….अभी यह लोग उसकी सेक्स की वीडियो बनाएँगे फिर उसे इंटरनेट पर डालेंगे फिर थोड़े दिन तक उस लड़की के बारे में लोग चर्चा करेंगे….फिर उसके बाद किसी और लड़की का सेक्स वीडियो इंटरनेट पर आएगा और यह लोग पहले वाले किससे को भूल जाएँगे……मेरा यह कहने का मतलब है की जब इन्हें कुछ ज्यादा फर्क नहीं पढ़ता तो हम क्यों इनके पीछे अपना नुकसान करे.”
“हम…..सही कहा तूने जब उस लड़की को ही ज्यादा फर्क नहीं पढ़ने वाला तो हम क्यों अपना नुकसान करे. ठीक है में समझ गया तेरी बात. तो कैसे राजी करे इन्हें अपने साथ चलने को? “ परवेज़ ने कहा.
“करना क्या है…अभी इन्हें अपनी पिस्तौल के ज़ोर पर लेकर चलते है. फिर वहां पहुंचने के बाद इनमें से किसी एक को अकेले बुलाकर धँकाएँगे की अगर तुम लोगों ने पुलिस में हमारी कंप्लेंट करी तो हम उस लड़की को सब कुछ सच सच बता देंगे जो तुम लोग उसके साथ में करने वाले हो.” रोहन ने कहा.
“पर रोहन!! में क्या कहता हूँ…..उन्हें वहां धमकाने से अच्छा है की हम उन्हें यही से धमका कर लेकर जाते है ताकि हमें अपनी पिस्तौल का ज़ोर ना दिखना पड़े “ परवेज़ ने कहा.
“कहा तो तूने ठीक है पर , में सिर्फ़ उन्हें इस बात पर नहीं धमकाना चाहता की वो लोग उस लड़की के साथ कुछ गलत करने वाले है. बल्कि में चाहता हूँ की उनके दिलों पर हमारा खौफ भी बना रहे , और वो सिर्फ़ हम अपनी पिस्तौल के ज़ोर पर ही कर सकते है.” रोहन ने परवेज़ को समझाते हुए कहा.
“ओके ठीक है!! तू जैसा बोलता है वैसा ही करेंगे. पर प्लान क्या है? “ परवेज़ ने रोहन से कहा.
“हम दोनों जल्दी से अपना खाना खत्म करके बाहर अपनी गाड़ी में वेट करेंगे यह लोग के बाहर आने का. फिर जब यह लोग बाहर आने के बाद जैसे ही अपनी गाड़ी के अंदर भइतने जाएँगे हम चुपके से ताकि और लोगों को पता ना चल जाए इनके पीछे पिस्तौल दिखा के इन्हें धमका के गाड़ी के अंदर भात जाएँगे.” रोहन, परवेज़ को समझाते हुए कहा.
“ओह हां यह ठीक रहेगा. पर अगर लड़कियों की कांपती के ऊपर रखेंगे तो ठीक रहेगा, क्योंकि वो ज्यादा डरती है…हिहिहीही.” परवेस ने कहा.
“तू साले नहीं सुधरेगा. ठीक है लेकिन ज़रा होशियारी से काम लेना पड़ेगा कहीं उन लड़कों में कोई हीरो गिरी दिखाया तो मुसीबत हो जाएगी या फिर उन लड़कियों में से कोई शोर शराबा ना करे.” रोहन समझने लगा परवेज़ को.
“ओके बॉस!! टेन्शन ना लो में सब संभाल लूँगा. कोई पहली बार तो थोड़े ही हम यह काम कर रहे है. याद हैं ना इससे पहले हम ने उस मेहरा फॅमिली को कैसे हैंडिल किया था?” परवेज़ ने कहा.
“हां याद है लेकिन जो उस वक्त तूने उस मेहरा के लड़के को घायल किया था वो दोबारा नहीं करना, हमें उन का सिर्फ़ इस्तेमाल करना है, उनको चोट नहीं पहुचाना है. समझा?” रोहन ने कहा.
“अगर कही वो सब लोग कोई होशियारी करे तो?”
“वो लोग ऐसा वैसा कुछ नहीं करेंगे क्योंकि मुझे पता है यह साले आमेर बाप के लौंदो की सिर्फ़ जेबें ही भारी रहती है . इनके अंदर दिल गुर्दा नहीं होता है. ज़रा सा इन्हें डराव साले यह वही मूठ देते है…… फिर भी अगर कुछ ज्यादा उछल कूदी करे तो रख के देना एक हाथ. और अगर फिर भी कंट्रोल में ना आए तो एकात के हाथ पैर में गोली दाग देना, पर हां पिस्तौल में साइलेनसर लगाना नहीं भूलना. समझा? “
“अभी तू कह रहा की किसी को चोट मत पहुचना और अब गोली मारने की बात कर रहा है.”
“आबे जब सिचुयेशन आउट ऑफ कंट्रोल हो जाए तब यह काम करना. समझा? फालतू में हीरो मत बनना.” उसके बाद रोहन अपनी सीट से उठने लगा और फिर उसने परवेज़ से कहा “ अब तू जल्दी से बिल पे कर और यहां सी निकल कहीं वो लोग हमसे पहले ना निकल जाए.”
फिर उसके बाद परवेज़ ने जल्दी से खाने का बिल अदा किया और फौरन रोहन के साथ बाहर आ गया.
“श्रुति! तुम भी कुछ आर्डर करो अपने लिए.” प्रतीक ने श्रुति की तरफ देख कर कहा जो काफी देर से खामोश
Bah(UPDATE-23)भाती हुई थी.
“नहीं मुझे भूख नहीं है.” श्रुति ने बस इतना ही कहा
“यार निशा? तू ही समझा अब इसे, यह सिर्फ़ तुम्हारी ही बात मानती है. ऋषि ने निशा की तरफ देखते हुए कहा.
“क्या हुआ श्रुति? कम ऑन अब चिल्ला भी करो. क्यों इतना मुंह लटकके भाती हो. हम यहां सब एंजाय करने आए है और तुम हो की बलून के जैसा मुंह फूला के भाती हो. “ निशा, श्रुति को समझाते हुए कहा.
“मेरा मूंड़ नहीं है तुम लोग एंजाय करो. और वैसे भी मैंने डिसाइड कर लिया है की में तुम लोगों के साथ नैनीताल नहीं जाओंगी, में यही से कोई प्राइवेट टैक्सी करके दिल्ली के लिए वापस चली जाओंगी” कहते हुए श्रुति अपनी जगह से उठने लगी.
“श्रुति प्लीज़!! अब यह क्या बचपाना है!! कहा जा रही हो? प्लीज़ बैठो. “ श्रुति का हाथ पकड़ते हुए निशा ने उसे बैठा दिया.
“श्रुति अगर तुम्हें निखिल और छाया की बातों का बुरा लगा है तो यह दोनों तुमसे माफी माँग लेंगे, पर यूँ अपना मूंड़ ऑफ मत करो. में इन्हें कह दूँगी तो वो तुमसे अब कोई मज़ाक भी नहीं करेंगे.” निशा ने श्रुति को समझता हुए कहा.
“हां श्रुति!! अगर तुम्हें हमारा मज़ाक करना पसंद नहीं है तो हम तुमसे माफी माँगते है.” निखिल ने भी तुरंत कहा.
“ओह इसे श्रुति!! मुझे भी माफ कर दो. प्लीज़!!!” छाया ने अपने दोनों हाथों को अपने कानों पर रखते हुए कहा. श्रुति पहले दूसरी तरफ देखने लगी फिर कुछ देर बाद उसने कहा.
“ओके!! लेकिन मुझे थोड़े देर के लिए एकांत चाहिए इसलिए में गाड़ी में बैठने जा रही हूँ…” फिर उसने ऋषि की तरफ देखते हुए कहा
“ऋषि प्लीज़ मुझे गाड़ी की चाभी दो.”
“गाड़ी की चाबी??? ऋषि हैरत से श्रुति की तरफ देखते हुए कहा.
“ओह डोंट वरी!! में गाड़ी लेकर कहीं नहीं जाओंगी क्योंकि मैंने इतनी लंबी ड्राइव कभी नहीं की और हाइवे पर तो कभी नहीं” श्रुति ने कहा.
“नहीं वो बात नहीं है…..” ऋषि, श्रुति को चाबी देते हुए और भी कुछ कहना चाह रहा था पर उससे पहले ही श्रुति ने उसके हाथ से चाबी लेते हुए वहां से निकल गयी.
रोहन और परवेज़ बाहर अपनी गाड़ी में बैठे हुए उन लोगों का वेट कर रहे थे. तभी उन्होंने देखा की उन चार लड़कियों में से एक लड़की ढाबे से बाहर निकली और फिर वहां पर खड़ी एक सुव में में बैठ गयी . उसने सोचा शायद वो लोग बाहर आ रहे है. तभी वो कुछ देख कर तीत्खा. क्योंकि उसकी गाड़ी और वो सुव में ज्यादा फासला नहीं था. उसने देखा की जो लड़की गाड़ी में भाती थी उसका मूंड़ थोड़ा उखड़ा उखड़ा सा था. वो थोड़ी देर के लिए रुक गया.
“रुक एक मिनट.” रोहन ने परवेज़ से कहा. फिर कुछ देर सोचने के बाद वो गाड़ी से उतरा और सीधा उसी सुव के पास जाने लगा.
“आबे क्या हुआ? क्या कर रहा है? “ परवेज़ उसे रोकने की कोशिश करने लगा पर रोहन नहीं रुका. परवेज़ ने देखा की रोहन पहले उस गाड़ी के पास जाकर रुका फिर थोड़ी देर यहां वहां देखा और जल्दी से दरवाजा खोल कर उस लड़की के पास भात गया. “आबे तेरी की!! यह तो डायरेक्ट जाकर उस के भात गया. बड़ी डेरिंग है बंदे में. फिर परवेज़ ने देखा की रोहन उसे हाथ के इशारे से अपने पास बुला रहा है. वो जल्दी से गाड़ी उतरा और रोहन के पास पहुंच गया. उसने देखा की रोहन उस लड़की का मुंह अपने हाथों से दबाया हुआ था और उसकी कांपती पे पिस्तौल रखा हुआ था. और लड़की गूओं ग्गा कर रही थी.
“जल्दी से अपनी गाड़ी कही साइड पे पार्क कर के आ. जल्दी .” रोहन ने उसे आर्डर देते हुए कहा.
“ओके बॉस! में अभी आया.” परवेज़ जल्दी से अपनी गाड़ी में भैइता और उसे कही साइड में पार्क करने लगा.
“देखो!! तुम ज्यादा च्चटपताओ मत, तुम मुझे जानती नहीं हो में कितना बड़ा कमीना आदमी हूँ. अगर तुम इसी तरह च्चटपटती रहोगी तो में तुम्हें यही ठोंक दूँगा. और यह सब मेरे लिए कोई मुश्किल नहीं है. समझी? अपने आँख के इशारे से बताओ की तुमको मेरी बात समझ में आ गयी है???” रोहन ने कहा. श्रुति ने जल्दी से अपनी आँखें ऊपर नीचे करने लगी. फिर रोहन ने आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ श्रुति के मुंह से हटाया और उसे गौर से देखने लगा. उसने देखा की उस लड़की की उमर कोई ज्यादा नहीं थी. यही कोई 20 या 22 साल की होगी. वो समझ गया था की यह लड़की एक दम डरी हुई है. उसकी साँसें ऊपर नीचे हो रही थी .
“तुम्हारे साथी कहा है? अभी तक आए क्यों नहीं.” रोहन ने श्रुति से कहा
“वववव…ओह लोग अंदर ही है…… मेरी तबीयत थोड़ी….. ठीक नहीं है इसलिए में गाड़ी में आकर भात गयी थी.” श्रुति ने डरते हुए कहा. फिर उसके बाद परवेज़ भी वहां पर आ गया. “क्या बॉस! क्या चल रहा है? अकेले अकेले मजे…..हाअ.” परवेज़ ने देखा की रोहन, श्रुति से काफी चिपक कर भरता हुआ था तो उसने ऐसे थोड़ा मज़ाक कर दिया. फिर रोहन उसे थोड़ा घूर के देखने लगा.
“सॉरी यार! बस मज़ाक कर….
Bahtreen update(UPDATE-23)भाती हुई थी.
“नहीं मुझे भूख नहीं है.” श्रुति ने बस इतना ही कहा
“यार निशा? तू ही समझा अब इसे, यह सिर्फ़ तुम्हारी ही बात मानती है. ऋषि ने निशा की तरफ देखते हुए कहा.
“क्या हुआ श्रुति? कम ऑन अब चिल्ला भी करो. क्यों इतना मुंह लटकके भाती हो. हम यहां सब एंजाय करने आए है और तुम हो की बलून के जैसा मुंह फूला के भाती हो. “ निशा, श्रुति को समझाते हुए कहा.
“मेरा मूंड़ नहीं है तुम लोग एंजाय करो. और वैसे भी मैंने डिसाइड कर लिया है की में तुम लोगों के साथ नैनीताल नहीं जाओंगी, में यही से कोई प्राइवेट टैक्सी करके दिल्ली के लिए वापस चली जाओंगी” कहते हुए श्रुति अपनी जगह से उठने लगी.
“श्रुति प्लीज़!! अब यह क्या बचपाना है!! कहा जा रही हो? प्लीज़ बैठो. “ श्रुति का हाथ पकड़ते हुए निशा ने उसे बैठा दिया.
“श्रुति अगर तुम्हें निखिल और छाया की बातों का बुरा लगा है तो यह दोनों तुमसे माफी माँग लेंगे, पर यूँ अपना मूंड़ ऑफ मत करो. में इन्हें कह दूँगी तो वो तुमसे अब कोई मज़ाक भी नहीं करेंगे.” निशा ने श्रुति को समझता हुए कहा.
“हां श्रुति!! अगर तुम्हें हमारा मज़ाक करना पसंद नहीं है तो हम तुमसे माफी माँगते है.” निखिल ने भी तुरंत कहा.
“ओह इसे श्रुति!! मुझे भी माफ कर दो. प्लीज़!!!” छाया ने अपने दोनों हाथों को अपने कानों पर रखते हुए कहा. श्रुति पहले दूसरी तरफ देखने लगी फिर कुछ देर बाद उसने कहा.
“ओके!! लेकिन मुझे थोड़े देर के लिए एकांत चाहिए इसलिए में गाड़ी में बैठने जा रही हूँ…” फिर उसने ऋषि की तरफ देखते हुए कहा
“ऋषि प्लीज़ मुझे गाड़ी की चाभी दो.”
“गाड़ी की चाबी??? ऋषि हैरत से श्रुति की तरफ देखते हुए कहा.
“ओह डोंट वरी!! में गाड़ी लेकर कहीं नहीं जाओंगी क्योंकि मैंने इतनी लंबी ड्राइव कभी नहीं की और हाइवे पर तो कभी नहीं” श्रुति ने कहा.
“नहीं वो बात नहीं है…..” ऋषि, श्रुति को चाबी देते हुए और भी कुछ कहना चाह रहा था पर उससे पहले ही श्रुति ने उसके हाथ से चाबी लेते हुए वहां से निकल गयी.
रोहन और परवेज़ बाहर अपनी गाड़ी में बैठे हुए उन लोगों का वेट कर रहे थे. तभी उन्होंने देखा की उन चार लड़कियों में से एक लड़की ढाबे से बाहर निकली और फिर वहां पर खड़ी एक सुव में में बैठ गयी . उसने सोचा शायद वो लोग बाहर आ रहे है. तभी वो कुछ देख कर तीत्खा. क्योंकि उसकी गाड़ी और वो सुव में ज्यादा फासला नहीं था. उसने देखा की जो लड़की गाड़ी में भाती थी उसका मूंड़ थोड़ा उखड़ा उखड़ा सा था. वो थोड़ी देर के लिए रुक गया.
“रुक एक मिनट.” रोहन ने परवेज़ से कहा. फिर कुछ देर सोचने के बाद वो गाड़ी से उतरा और सीधा उसी सुव के पास जाने लगा.
“आबे क्या हुआ? क्या कर रहा है? “ परवेज़ उसे रोकने की कोशिश करने लगा पर रोहन नहीं रुका. परवेज़ ने देखा की रोहन पहले उस गाड़ी के पास जाकर रुका फिर थोड़ी देर यहां वहां देखा और जल्दी से दरवाजा खोल कर उस लड़की के पास भात गया. “आबे तेरी की!! यह तो डायरेक्ट जाकर उस के भात गया. बड़ी डेरिंग है बंदे में. फिर परवेज़ ने देखा की रोहन उसे हाथ के इशारे से अपने पास बुला रहा है. वो जल्दी से गाड़ी उतरा और रोहन के पास पहुंच गया. उसने देखा की रोहन उस लड़की का मुंह अपने हाथों से दबाया हुआ था और उसकी कांपती पे पिस्तौल रखा हुआ था. और लड़की गूओं ग्गा कर रही थी.
“जल्दी से अपनी गाड़ी कही साइड पे पार्क कर के आ. जल्दी .” रोहन ने उसे आर्डर देते हुए कहा.
“ओके बॉस! में अभी आया.” परवेज़ जल्दी से अपनी गाड़ी में भैइता और उसे कही साइड में पार्क करने लगा.
“देखो!! तुम ज्यादा च्चटपताओ मत, तुम मुझे जानती नहीं हो में कितना बड़ा कमीना आदमी हूँ. अगर तुम इसी तरह च्चटपटती रहोगी तो में तुम्हें यही ठोंक दूँगा. और यह सब मेरे लिए कोई मुश्किल नहीं है. समझी? अपने आँख के इशारे से बताओ की तुमको मेरी बात समझ में आ गयी है???” रोहन ने कहा. श्रुति ने जल्दी से अपनी आँखें ऊपर नीचे करने लगी. फिर रोहन ने आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ श्रुति के मुंह से हटाया और उसे गौर से देखने लगा. उसने देखा की उस लड़की की उमर कोई ज्यादा नहीं थी. यही कोई 20 या 22 साल की होगी. वो समझ गया था की यह लड़की एक दम डरी हुई है. उसकी साँसें ऊपर नीचे हो रही थी .
“तुम्हारे साथी कहा है? अभी तक आए क्यों नहीं.” रोहन ने श्रुति से कहा
“वववव…ओह लोग अंदर ही है…… मेरी तबीयत थोड़ी….. ठीक नहीं है इसलिए में गाड़ी में आकर भात गयी थी.” श्रुति ने डरते हुए कहा. फिर उसके बाद परवेज़ भी वहां पर आ गया. “क्या बॉस! क्या चल रहा है? अकेले अकेले मजे…..हाअ.” परवेज़ ने देखा की रोहन, श्रुति से काफी चिपक कर भरता हुआ था तो उसने ऐसे थोड़ा मज़ाक कर दिया. फिर रोहन उसे थोड़ा घूर के देखने लगा.
“सॉरी यार! बस मज़ाक कर….