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Update 9






अब तक :



1. काव्या को उसकी मां कैसे टॉर्चर करती है, इसके कुछ अंश आपने पिछले अपडेट में पढ़े

2. वहीं दूसरी ओर, लकी किस तरीके से काव्या को अपने जाल में फंसाना चाहता है; उसकी भी एक झलक दिखाई दी!!!





अब आगे ( रात के समय ) :



खाना बनाने के बाद; काव्या अपने कमरे में आती है, और मोबाइल उठाकर देखती है;

"हबी" के नाम से 17 मिस्ड कॉल देखकर तो वो घबरा ही जाती है, कही वीर गुस्सा ना करने लगे , इसीलिए तुरंत कॉल कर देती है..


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वीर : हेलो!!!

काव्या (प्यार से) : हेलो.. हनी

वीर : इतना प्यार!!....फिर मेरे कॉल्स, रिसीव क्यूं नही किए??

काव्या : वो मैं ...मैं... खाना बना रही थी!!





वीर : अच्छा, तो फिर मम्मी - पापा को गिफ्ट पसंद तो आए ना??

काव्या : हां ......बोहोत पसंद आए!!..... ( ये कहते ही काव्या के दिमाग में वही दृश्य घूम गया जब उसने अपनी मां को कपड़े पकड़ाए थे)





काव्या : वैसे......आप मुझे लेने कब आओगे??

वीर : अभी तो गए हुए, तुम्हे एक दिन भी पूरा नहीं हुआ और तुम.......(इतना कहते ही वीर रूक जाता है)


फिर थोड़ा प्यार से.....
"कुछ दिन और रूक जाओ; फिर मैं, तुम्हे कहीं नहीं जाने दूंगा"।।।

काव्या (सुबकते हुए) : ठीक है!!



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वीर (घबराकर) : क्या हुआ....तुम रो रही हो?..... तुम्हे कुछ हुआ तो नही??....किसी ने कुछ कहा, क्या?? ...बोलो!! ......कोई पास में है तो बात कराओ!!!

काव्या (रोते हुए) : नहीं....बस आप मुझे यहां आकर ले जाओ!!


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वीर (हड़बड़ाकर): ठीक है रुको, मैं अभी आता हूं.....और जैक को कॉल कर देता है

वीर : भाभी को लेने जाना है ..... तैयार हो जा!!

जैक : ओके भाई




वीर : हड़बड़ी में घर से निकलता है....और जैक को लेकर चंद्रनगर की ओर बढ़ जाता है...

जैक : भाई क्या हुआ है ?.......कुछ तो बोलो?....भाभी ठीक तो है न?


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वीर : मुझे नहीं पता....और तेजी से अपनी कार दौड़ा देता है, जैक भी समझ जाता है, कुछ तो बात जरूर है!!!

जैक : भाई क्या इतनी रात में ..... जैक इतना बोला ही था के वीर बोल पड़ता है




वीर : काव्या रो रही थी....और मुझे कोई फर्क नही पड़ता,,,,,दिन रात से

जैक : भाई आप उन्हे बाहर बुला लो.......ज्यादा हंगामा होगा तो लोग तरह तरह की बाते बनाने लगेगे पहले ही किरण की वजह से...

वीर : ठीक है, कहते हुए काव्या को कॉल लगा देता है...... तैयार रहो मैं बस पहुंच ही रहा हूं




थोड़ी देर बाद :



वीर कार को घर से काफी दूर लगाकर काव्या को काल करते हुए घर की ओर बढ़ जाता है....

वीर : बाहर आओ, मैं आ गया हूं!!! काव्या चुपके चुपके वीर के पास आ जाती है ; वीर तो उसे गले लगाना चाहता था लेकिन..…





काव्या : जल्दी यहां से चलो, वीर तुरंत ही काव्या को कार तक लेके जाता.....और दोनो कार में बैठ जाते है!!

जैक : भाभी क्या हुआ है?..... तो काव्या कुछ नही बोलती लेकिन..

वीर : सारा मामला समझ चुका था इसलिए इस बारे में कोई बात नहीं करता.....और काव्या से पूछता है, कुछ खाया?





काव्या : नही में सिर हिला देती है

वीर : तेजी से गाड़ी चलाता है......... तो कुछ ही दूरी पर उसे एक ढाबा मिलता है.

वीर : कार से बाहर आते ही अपने हाथ पैर सीधे करता है......चलो खाना खाते है





और तीनों खाने के लिए बैठ जाते है..... जैक ऑर्डर करता है.....

वीर अब भी कुछ नही पूछ रहा था जबकि जैक के मन में हलचल मची हुई थी......वीर का पहले डीएनए टेस्ट के लिए कहना और अब ये....





खाना खाकर तीनों बृजपुर के लिए निकल पड़ते है....... जैक को रास्ते में छोड़ते हुए वीर, गाड़ी घर की तरफ मोड़ लेता है।

[जैक, वीर की खेत वाली कोठी में रहता है....दरअसल, जब वीर भोपाल से इंदौर गया ...तब से ही जैक यहां आ गया .....और खेतो का हिसाब किताब और देखभाल वही करता है ].......जैक वीर के घर क्यूं नही रहता? जितने भी सवाल आपके दिमाग में है उनका जवाब आगे मिलेगा!!!





वीर, काव्या को गोद में उठाकर बेडरूम तक लेकर आता है.... और उसे लिटाकर उसके बाजू में लेट जाता है!!


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दोनो को ही नींद नही आ रही थी....तभी वीर को सुबकने की आवाज सुनाई देती है!!

तो वीर काव्या को पलटाकर उसका फेस अपनी तरफ करता है और उसे सहलाते हुए......क्या हुआ था, सब बताने को कहता है?


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लेकिन जब काव्या कुछ नहीं बोलती तो वीर, आंसू साफ करते हुए उसका हाथ उठाकर अपने सिर पर रख देता है....तुम्हे मेरी कसम.....तो

काव्या (रोकर) : आपके दिए हुए कपड़े ....सारे खराब हो गए!!

वीर (उसके सिर पर हाथ फेरते हुए) : कोई बात नही......और आ जाएंगे!!


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काव्या : पर...

वीर : मुझे सब पता है....ये तुमने नही किया??.....ये सुनते ही काव्या जोर रोने लगती है ....



तभी वीर अब मुझे सब बताओ,,,तो

फिर काव्या बताती है, कैसे उसकी मां ने उसे शाम को टॉर्चर किया .....फिर..



रात में,


काव्या की मां : तो ये कपड़े दिलाए है, दामाद जी ने.....भूल मत!! ये सब किरण के हिस्से का है....और एक जलती हुई लकड़ी लेकर सभी कपड़ो में होल कर देती है

काव्या : पर मां, अब में क्या पहनूंगी???

काव्या की मां : तुझे बोला था न......अब से तू केवल साड़ी ही पहनेंगी, लेकिन नहीं, वहां जाकर तो तेरे कुछ ज्यादा ही पर निकल आए.......अब देखती जा, मैं तेरे वो पर कैसे कुतरती हूं!!!और..




धक्का देते हुए (काव्या से) : जल्दी...से खाना लगा !!! लेकिन इससे भी उनका जी नहीं भरा तो..
(बड़बड़ाते हुए) कामचोर कही कि.... कितना वक्त लगती है, तुझे आज, खाना नही मिलेगा, भूखी रहेगी तो अकल आ जाएगी!!




ये सब सुनते ही वीर का दिमाग भन्नाने लगा.......पर वो डीएनए टेस्ट के बारे में सोचकर खुद को शांत करता है....


और काव्या के कपड़े उतारकर, उसका घाव साफ करने लगता है....जिससे काव्या की सिसकी निकल जाती है तो वीर उस पर फूंक मारने लगता है

फिर घाव पर क्रीम लगाकर पट्टी कर देता है, काफी रात हो जाने से दोनो को बोहोत नींद आ रही थी, तो वीर उसे गले लगाकर सहलाते हुए सो जाता है...




अगले दिन (चंद्रनगर में)....

काव्या की मां : अरे!! कामचोर कहां मर गई....अब तक मेरी चाय नहीं आई,,,, और काव्या को यहां वहां ढूढने लगती है

काव्या के पापा : क्या हुआ, क्यूं सुबह - सुबह घर सर पे उठा लिया है??

काव्या की मां : पता नही करमजली सुबह सुबह कहां मर गई.... ... कमिनी ने परेशान करके रखा है!!

काव्या के पापा : अरे शांत हो जा होगी यही कही...



दूसरी ओर (बृजपुर में) :



वीर की मम्मी : अरे बहु तू! सुबह सुबह यहां कैसे?..... तू तो घर चली गई थी ना.... काव्या कुछ नही बोलती तभी..

रुही कीर्ति को चूंटी काटती है: और दोनो एक साथ भाभी आप......आप घर से कब आई..तभी



वीर ऊपर से अपनी स्लीव्स चढ़ाते हुए नीचे आता है......तुम दोनो को खुशी नहीं हुई क्या भाभी को देखकर ??

कीर्ति और रुही : नही भैया हम तो बोहोत खुश है...और काव्या को गले लगा लेती है, तभी...




वीर की मां : लेकिन बेटा ....बहु यहां कैसे??

वीर : मैं लेकर आया

वीर की मां : कब???.......तभी काव्या का फोन बजने लगा और वीर उसे ले लेता है




वीर : हेलो

काव्या के पापा : कौन??....ये तो काव्या का नंबर है??

वीर : हां....मैं वीर बोल रहा हूं !!



काव्या के पापा : तो क्या बेटा .... काव्या बिटिया तुम्हारे पास है??

वीर : हां.......कल मां की तबियत बोहोत ज्यादा खराब हो गई थी, तो मैं ही काव्या को रात में मां का ख्याल रखने के लिए लेकर चला गया

काव्या के पापा : पर बेटा...एक बार बात हो जाती तो...




वीर : काव्या तो मां के पास हॉस्पिटल में है ....मैं जल्द ही आपकी बात उससे करवाता हूं.....और फोन काट देता है!!

वीर की मां : ये तू क्या अनाप शनाप बक रहा है..... तू बहू को झूठ बोलकर लाया है??
वीर : नही मां....मेरे साथ बाहर चलो मैं तुम्हे सब बताता हूं...




फिर वीर अपनी मम्मी को सब कुछ बताता है कि कैसे काव्या को उसकी मां टॉर्चर करती है......जिसे सुनकर मम्मी काफी गुस्सा हो जाती है..



मम्मी : अब से! बहु अपने मायके नही जाएगी और वीर के कान खींचते हुए..... ..तुझे जब ये सब पता था तो क्यूं भेजा मेरी बहु को मौत के मुंह में!!




वीर : अरे मम्मी छोड़ो ना यार......मुझे क्या पता था कि शादी के बाद भी ऐसा होगा!

मम्मी : तू गधा है...अगर मुझे पहले बता दिया होता तो मैं अपनी बहू को कभी भी ऐसी जगह न भेजती.... भाड़ में गई रश्म




वीर (मनाते हुए ) : अब गुस्सा थूक दो ना , मम्मी....... अब मैंआपकी बहू को कुछ भी नही होने दूंगा...

मम्मी : ठीक है, अब मुझे बहु के पास जाने दे ।




( दोस्तो वीर की मां पढ़ी लिखी नही है....लेकिन जब वीर स्कूल जाता था, तब उसने अपनी मां को हिंदी पढ़ना सीखा दिया था .....बस वो कुछ भी लिख नहीं पाती )



फिर मम्मी, काव्या को अपने रूम में ले जाती है.... और
मम्मी : बहू तूने मुझसे इतनी बड़ी बात छुपाई???

काव्या : नही मम्मी, वो बात नहीं है!!
मम्मी : तो फिर क्या बात है?........क्या मैने तुम्हे ठीक से प्यार नहीं दिया??



काव्या : मम्मी, अगर ये बाते मैं आपको बताती तो क्या आप ये नहीं सोचती कि कैसे घर में अपने बेटे की शादी करा दी !!
मम्मी : बहू तुझे क्या लगता है, मुझे इंसानों की परख नहीं ??.....

" अरे मैं तो चाल देखकर बता देती हूं ,,,,,,लड़की कैसी है "




और उससे बोहोत सारी बाते करती है फिर उसे आराम करने का बोलकर अपने काम में लग जाती है!!!



दोपहर में (कॉल पर) :

वीर : काम हुआ??

जैक : हां भाई हो गया है,,,,, शाम तक आपको रिजल्ट भी पता चल जाएगा!!

वीर : ठीक है....



फिर वीर रुही और कीर्ति को साथ लेकर मार्केट जाता है :



रूही: भैया, हम क्या लेने आए है?

वीर : कपड़े

कीर्ति : अभी 3 दिन पहले ही तो लेकर आए है, इतने सारे कपड़ों का हम क्या करेंगे??




वीर : ठीक है मेरी मां जो लेना हो ले लो ..... लेकिन भाभी के लिए कपड़े जरूर से लेना.....वो घर पे छोड़ आई है!!

रूही और कीर्ति : ओके भैया बोल के, शॉप के अंदर चली जाती है!!




वीर रिया से कॉल पर :


वीर : दीदी..मैं और काव्या कल ही.....आपके पास आ रहे है!

रिया ( खुश होते हुए) :बहुत अच्छा किया बच्चू ....मैं तो कबसे भाभी से मिलने का वेट कर रही हूं.




वीर : दीदी, मैने आपसे कहा था ना कि शायद....... काव्या को उसके परिवार का प्यार नही मिला

काव्या : हां .... कहा तो था, पर बात क्या है??

वीर : दीदी....अब मैं इस बात को लेकर श्योर हूं!!!




फिर वीर रिया को सारी बाते बताता है, कि कैसे जिस दिन काव्या गई, उसी दिन उसे .....वापिस लेकर आना पड़ा!!

रिया : उनकी ...इतनी हिम्मत..वीर तू उनको कभी माफ मत करना!!





वीर : दीदी मैंने डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल भेज दिए है......क्योंकि मुझे शक है, जिस तरीके से वो लोग काव्या के साथ व्यवहार करते है....उसके असली मां बाप नहीं हो सकते!!

रिया : बोहोत अच्छा किया वीर, ऐसे ही ख्याल रखा करो मेरी भाभी का...

वीर : जरूर रखूंगा दीदी....पर क्या आप जिस हॉस्पिटल में काम करती हो , वहां जलने के निशान हटाने के लिए सर्जरी होती है??





रिया : हां वीर, डॉ. जयश्री बोहोत ही फेमस सर्जन है जो, परसों ही हमारे हॉस्पिटल आने वाली है....तुम कहो तो मैं उनकी अपॉइंटमेंट के लिए ट्राय करूं

वीर : हां दीदी आप ट्राय करो !!.... अगर काम न बने तो बताना मैं सब देख लूंगा!!




यहां घर पर :


काव्या (मन में सोच रही थी) : मैं कितनी लकी हूं....जो मुझे इतना अच्छा परिवार मिला ...एक ऐसा पति जो मेरी आंखों में ज़रा भी आंसू नहीं देख सकता!!! ननद के रूप में दो प्यारी प्यारी दोस्त !! और मम्मी - पापा.....दोनो ही कितने अच्छे है; मम्मी की बातो से तो लगता है मैं उनकी खुद की बेटी हूं!!




तभी वीर, कीर्ति और रुही के साथ मार्केट से वापिस आ जाता है.....कीर्ति तुरंत ही अपनी भाभी के पास जाती है और उन्हें कपड़े दिखाने लगती है

काव्या को कपड़े बोहोत पसंद आते है.....फिर काव्या किचन में जाकर चाय बनाने लगती है और सबको लाके देती है तभी...





वीर : मम्मी, मैं और काव्या कल ही भोपाल के लिए निकल जाएंगे

मम्मी : ये तो अच्छी बात है, जब तक छुट्टियां है, बहू को खूब घुमाना

वीर : ठीक है मम्मी!!....तभी वीर का फोन रिंग करने लगता है




वीर : हेलो

जैक : भाई, रिजल्ट नेगेटिव रहा .....वीर को ये सुनते ही कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वो इस बात पर खुशी जताए या दुखी हो........ तभी वीर अपनी मम्मी को अलग लेकर जाता है..



मम्मी : अब क्या हुआ? जो तू मुझे सब के बीच से उठा लाया??

वीर : मम्मी, काव्या के मां बाबा ....उसके असली मां बाप नही है
मम्मी : ये तू कैसी बहकी - बहकी बाते कर रहा है...



वीर : मम्मी मैने डीएनए टेस्ट करवाया था जिससे पता चला है कि काव्या का डीएनए उसके मां बाप.......किसी से भी नही मिलता !

मम्मी : इसका मतलब..

वीर : हां आप सही समझी काव्या को उसके मां बाप ने जन्म नही दिया है



मम्मी : लेकिन बेटा ये बात बहु को, पता नही चलनी चाहिए.... कहीं बेचारी को सदमा न लग जाए!!

वीर : लेकिन मम्मी

मम्मी (थोड़ा जोर से) : मैने कहा न...नही, और तू आगे कुछ भी नही करेगा; बस अब हमारा उनका कोई संबंध नहीं..........सही वक्त का इंतजार कर और फिर तुझे मैं कुछ भी करने से नहीं रोकूंगी

वीर : ठीक है मम्मी..




रात में:



वीर की मम्मी : बेटा ये खा कर बताओ कैसी बनी है?....और एक चम्मच खीर काव्या को खिला देती है...

रूही : मम्मी...आप तो मुझे भूल ही गई ,तभी कीर्ति भी...हां मम्मी

मम्मी : बेटा कल तुम्हारी भाभी ...जा रही है, इसीलिए आज उसके लिए मैने अपने हाथो से खाना बनाया है!!




रूही : तब तो मैं भी भाभी को खिलाऊंगी...और खिलाते हुए; भाभी मैं तो आपको रोज कॉल करूंगी

कीर्ति : भाभी मेरे हाथ से भी तो खाओ..... काव्या इस सब से बोहोत इमोशनल हो जाती है.....इतना प्यार देखकर उसको खाया भी नहीं जा रहा था तभी मम्मी..




मम्मी : तू क्यू शांत बैठा है तू भी खिला !!!!

वीर : लेकिन मम्मी मैं तो साथ ही जाने वाला हूं!!

मम्मी : साथ जाने वाला है तो खिला देने से तेरा कुछ घट नहीं जाएगा!!!...... और ऐसी ही मीठी मीठी बातों के साथ रात्रिभोज खत्म हो जाता है





बर्तन वगैरा साथ निपटाने के बाद काव्या बेडरूम में आती है तो वीर लेटा हुआ था.......





काव्या (थोड़ा छेड़ते हुए) : क्या बात है पतिदेव, कहा खोए हो?

वीर : अपनी पत्नी के ख्यालों में!!

काव्या (वीर के फेस पर उंगली फिरते हुए) : इतना प्यार करते हो अपनी पत्नी से???




वीर : हां मेरी जान...और एक किस उसके गाल पर कर देता है

काव्या : अच्छा तो क्या है ऐसा??...आपकी पत्नी में

वीर : सबसे पहले तो वो मेरी वाइफ है........... मेरी लाइफ है





काव्या : और..

वीर (कस के पकड़ते हुए) : वो बोहोत सॉफ्ट है....मासूम है, प्यारी है....तभी काव्या उसके होंठो को अपनी गिरफ्त में ले लेती है, और जोरदार किस करती है...फिर अलग होते हुए चलो बेबी...करते है!!

वीर : नही, अभी तुम्हारा घाव ठीक नहीं हुआ है!!

काव्या (गाल पर किस करते हुए): तो फिर धीरे धीरे कर लेंगे!





वीर : ठीक है अगर तुम्हारी यही ज़िद है तो फिर.…...मुझे ये चाहिए और अपना हाथ काव्या के बम पर रख देता है!!!

काव्या (मुस्कुराते हुए) : नहीं नहीं...मैं तो मजाक कर रही थी.....आज मेरा भी मन नहीं है..

वीर (मन में हंसाता है) : ठीक है फिर.... जल्दी से सो जाओ

काव्या वीर को कडल (आलिंगनबद्ध) करती है ....और दोनो सो जाते है।





अगले दिन...


वीर और काव्या अपनी पैकिंग कर रहे थे....तभी रूही दोनो के लिए नाश्ता लेकर पहुंच जाती है

वीर : अरे यहां लाने की क्या जरूरत थी.....हम तो नीचे ही आने वाले थे!!
रूही : कहीं, मैने आप दोनो को डिस्टर्ब तो नही कर दिया?? और मुस्कुराने लगती है



काव्या : नही, ऐसी कोई बात नही है, कहते हुए रुही के हाथों से नास्ते की प्लेट ले लेती है...
रूही : भैया जब आप भाभी को लेकर जा ही रहे हो.... तो मेरे लिए कुछ लाना मत भूलना !



वीर : क्या चाहिए तुझे..
रूही : कुछ भी, मुझे तो सब चलेगा.......और तीनो नाश्ता करने लगते है



सुबह, 9:30 बजे

मम्मी : बहू सब रख लिया है न??
काव्या : जी मम्मी
मम्मी : और तू ठीक से गाड़ी चलाना......
फिर काव्या और वीर दोनो ही मम्मी के पैर छूते है, और निकल पड़ते है¡¡


"कीर्ति और रूही सुबह ही बाय करके, स्कूल चली गई थी "




रास्ते में :


वीर : कबु....तुम खुश तो हो न और उसके हाथ पर अपना हाथ रख देता है..
काव्या ( हवा में हाथ उठाते हुए ) : अरे मैं तो बोहोत ही ज्यादा खुश हूं...


वीर : फिर तुम्हारा मुंह क्यों लटका हुआ था??
काव्या : वो मेरा घर छोड़ के जाने का मन नहीं कर रहा था!!


वीर : अरे हम एक घर से दूसरे घर ही तो जा रहे है....तुम टेंशन मत लो वहां पहुंचते ही तुम्हारा मूड ठीक हो जाएगा
काव्या : पर..


वीर : कोई पर वर नही, वहा भी तुम्हे एक बोहोत ही प्यारी मां और एक ननद मिल जाएगी...
तुम्हे पता है, हम इतनी जल्दी क्यों जा रहे है???
काव्या : नहीं


वीर : वहां तुम्हारे लिए एक सरप्राइस है...
काव्या : और क्या है वो???
वीर : अभी नही.....वो तुम्हे जल्द ही पता लग जाएगा



|| वीर और काव्या भोपाल की सीमा पे प्रवेश कर चुके है ||


वीर : अपनी गाड़ी को साइड में लगाते हुए, चलो दीदी के लिए कुछ ले लेते है...और वीर काव्या के साथ शॉप में जाता है, एक ड्रेस काव्या और वीर दोनो को ही पसंद आ जाती है, फिर वीर रिया के लिए उसकी फेवरेट चॉकलेट लेता है....तभी काव्या वीर से कुछ फ्रूट्स लेने के लिए कहती है




और दोनो निकल पड़ते है मंजिल की ओर..


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Dosto Kuchh updates ekdam shant hote hai lekin aage ki rooprekha ko taiyar krte hai...
Next update on Thursday!

Thank you❣️
























Nice update bro
 

Looteraaa

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Looteraaa

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Ok 2 din ka gap rakhte ho app
Ek update Wednesday/Thursday ko aur dusra sunday ko......koshish rahegi ki length thoda jyada rahe
Wait nahi hota
Kya karu yaar padhai bhi karni rehti hai....aur mere pas mobile hai jisme type krne me time lgta hai uper se hindi me likh raha hu .....
 
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Ek update Wednesday/Thursday ko aur dusra sunday ko......koshish rahegi ki length thoda jyada rahe

Kya karu yaar padhai bhi karni rehti hai....aur mere pas mobile hai jisme type krne me time lgta hai uper se hindi me likh raha hu .....
Ok koi baat nahi
 
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